BSE Odisha 7th Class Hindi Solutions Chapter 4 बस यात्रा का अनुभव

Odisha State Board BSE Odisha 7th Class Hindi Solutions Chapter 4 बस यात्रा का अनुभव Textbook Exercise Questions and Answers.

BSE Odisha Class 7 Hindi Solutions Chapter 4 बस यात्रा का अनुभव

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :

(i) विद्यालय के बच्चे क्या देखने भुवनेश्वर गए?
उत्तर:
विद्यालय के बच्चे राज्य संग्रहालय और ताराघर देखने भुवनेश्वर गए।

BSE Odisha 7th Class Hindi Solutions Chapter 4 बस यात्रा का अनुभव

(ii) प्रधानशिक्षिका ने बच्चों से क्या कहा ?
उत्तर:
प्रधानशिक्षिका ने बच्चों से कहो, “‘बच्चों ! तुम सब लाइन बनाकर खड़े हो जाआ । फिर एक एक करके बस के अंदर जाकर बैठो । देखो, हल्ला मत करना। गुरुजी और गुरुमाँ तुम्हारे बैठने की व्यवस्था कर देंगे।” गाड़ी चलते समय खिड़की के बाहर हाथ या सिर मत निकालना।’

(iii) बच्चे जब बस में बैठ गए, तब शिक्षक ने क्या कहा ?
उत्तर:
बच्चे जब बस में बैठगए, तब शिक्षक ने उनसे कहा, “तुम नाश्ता कर लो। केले के छिलके, बिस्किट के खाली पैकेट, पत्ते या कागज खिड़की से बाहर मत फेंकना। हम दूसरों को परेशान होने का काम नहीं करेंगे।”

(iv) बस चलते समय क्यों नहीं चिल्लाना चाहिए?
उत्तर:
बस चलते समय नहीं चिल्लाना चाहिए। ऐसा करने से ड्राइवर का ध्यान बँट जाने का डर रहता है ।

(v) बैस में ‘प्राथमिक उपचार पेटिका’ रखना क्यों आवश्यक है ?
उत्तर:
बस में ‘प्राथमिक उपचार पेटिका’ रखना आवश्यक है। क्योंकि दुर्घटना के समय घायल यात्रियों के प्राथमिक उपचार के लिए इसमें कुछ दवाइयाँ रखी जाती हैं।

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(vi) ट्रैफिक पोस्ट पर अलग-अलग रंग की बत्तियाँ क्या सूचित करती हैं ?
उत्तर:
ट्रैफिक पोस्ट पर अलग-अलग तीनों रंग की बत्तियाँ होती हैं । पीली बत्ती गाड़ी की गति धीमी करने को, लाल बत्ती गाड़ी रोकने के लिए और हरी बत्ती गाड़ी आगे बढ़ाने को सूचित करती हैं ।

(vii) ट्रैफिक पोस्ट पर गाड़ी रोकते वक्त इंजन को क्यों बंद कर देना चाहिए ?
उत्तर:
ट्रैफिक पोस्ट पर गाड़ी रोकते वक्त इंजन को बंद कर देना चाहिए, क्योंकि इससे इंधन की बचन होती है और धुआँ न होने से प्रदूषण नहीं फैलता ।

(viii) जेब्रा क्रासिंग से लोगों की क्या सुविधा होती है ?
उत्तर:
जेब्रा क्रासिंग के पास गाड़ी रुकते समय पैदल चलते लोग रास्ता पार करते हैं ।

(ix) बच्चों ने संग्रहालय में क्या-क्या देखा ?
उत्तर:
बच्चों ने संग्रहालय में प्राचीन मूर्तियाँ, कलाकृतियाँ ताड़ के पत्ते की पोथियों, पुराने जमाने के सिक्के तरह-तरह के पुराने वस्त्र, आभूषण, अस्त्र-शस्त्र आदि देखे।

(x) युवक की मोटर साइकिल ट्रक से क्यों टकराई ?
उत्तर:
युवक मोटर साइकिल चलाते समय मोबाइल पर बात कर रहा था और अनमना था । इसलिए सामने खड़े ट्रक से उसकी मोटर साइकिल टकरा गई ।

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2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में दीजिए?

(i) ओड़िशा की राजधानी का नाम क्या है ?
उत्तर:
ओड़िशा की राजधानी का नाम भुवनेश्वर है ।

(ii) बच्चे क्या लेकर बस के पास पहुँचे ?
उत्तर:
बच्चे नाश्ता लेकर बस के पास पहुँचे।

(iii) ‘प्राथमिक उपचार पेटिका’ पर कौन-सा चिह्न रहता है ?
उत्तर:
‘प्राथमिक उपचार पेटिका’ पर रेडक्रॉस चिह्न रहता है ।

(iv) ड्राइवर ने कहाँ पर इंजन बंद कर दिया ?
उत्तर:
ड्राइवर ने ट्रैफिक पोस्ट पर इंजन बंद कर दिया ।

(v) ट्रैफिक पोस्ट पर कितने रंगों की बत्तियाँ रहती हैं ?
उत्तर:
ट्रैफिक पोस्ट पर तीन रंगों की बत्तियाँ रहती हैं।

(vi) सड़क पर काली-सफेद धारबाली पट्टी को क्या कहते हैं ?
उत्तर:
सड़क पर काली-सफेद धारबाली पट्टी को जेब्राक्रासिंग कहते हैं ।

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(vii) संग्रहालय के पास किसने बच्चों को रास्ता पार कराया ?
उत्तर:
संग्रहालय के पास एक ट्रैफिक पुलिस ने बच्चों को रास्ता पार कराया ।

(viii) सड़क के दोनों तरफ थोड़ी ऊँचाई वाले रास्ते को क्या कहते हैं ?
उत्तर:
सड़क के दोनों तरफ थोड़ी ऊँचाई वाले रास्ते को फूटपाथ कहते हैं ।

(ix) भुवनेश्वर के ताराघर का नाम क्या है ?
उत्तर:
भुवनेश्वर के ताराघर का नाम पठाणि सांमत ताराघर है।

(x) युवक की मोदर साइकिल किससे टकराई ?
उत्तर:
युवक की मोटर साइकिल एक ट्रक से टकराई । भाषा-कार्य :

3. उदाहरण के अनुसार बदलिए :
बच्चा – बच्चे, खिड़की – खिड़कियाँ
उत्तर:

  • डिब्बा – डिब्ले
  • गाड़ी – गाड़ियाँ
  • तारा – तारे
  • बत्ती – बत्तियाँ
  • नाश्ता – नाश्ते
  • नारी – नारियाँ
  • केला – केले
  • राजधानी – राजधानियाँ

4. उदाहरण के अनुसार बदलिए :
छात्र – छात्रा
उत्तर:
शिक्षक – शिक्षिका
शिष्य – शिष्या
लेखक – लेखिका
पाठक – पाठिका

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5. ‘क’ स्तम्भ के साथ ‘ख’ स्तभ्भ का मिलान कीजिए:
‘क’ स्तम्भ — ‘ख’ स्तम्भ
काली — रंग
पीली — बस
धीमी — पट्टी
बड़ी — बत्ती
तीन — गति
उत्तर:
‘क’ स्तम्भ — ‘ख’ स्तम्भ
काली — पट्टी
पीली — बत्ती
धीमी — गति
बड़ी — बस
तीन — रंग

6. कोष्ठक में दिए गए परसर्गों से खाली जगहों को भरिए :
( से, का, को, की, ने )

(i) भुवनेश्वर ओड़िशा ………… राजधानी है ।
उत्तर: की

(ii) गाड़ी की गति ४० कि.मी. ………… अधिक नहीं होनी चाहएि ।
उत्तर: से

(iii) इससे दुर्घटना ………… खतरा नहीं रहता ।
उत्तर: का

(iv) शिक्षक ………… कहा ।
उत्तर: ने

(v) बच्चों ………… भूख लग रही थी।
उत्तर: को

अन्य परीक्षोपयोगी प्रश्नोत्तर

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :

(i) किस विद्यालय के बच्चे भुवनेश्वर गए ?
उत्तर:
बंगीदा उच्च प्राथमिक विद्यालय के बच्चे भुवनेश्वर गए।

(ii) बच्चे शिक्षा-भ्रमण पर कहाँ गए ?
उत्तर:
बच्चे शिक्षा-भ्रमण पर भुवनेश्वर गए।

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(iii) बोर्ड़ पर लिखा ‘४०’ क्या संकेत दे रहा था?
उत्तर:
बोर्ड़ पर लिखा ‘४०’ संकेत दे रहा था कि वहाँ गाड़ी की गति प्रति घंटा ४० कि.मी. से अधिक नहीं होनी चाहिए।

(iv) दृष्टिहीन व्यक्ति को किन्होंने रास्ता पार कराया?
उत्तर:
दृष्टिहीन व्यक्ति को कुछ बच्चों ने रास्ता पार कराया।

(v) सड़क पर क्यों भीड़ थी ?
उत्तर:
सड़क पर एक दुर्घटना हो गई थी, इसलिए वहाँ भीड़ थी ।

(vi) एक बुजुर्ग व्यक्ति ने क्या बताया ?
उत्तर:
एक बुजुर्ग व्यक्ति ने बताया, “आजकल के नौजवान किसकी सुनते हैं क्या?”

(vii) घायल युवक के सिर से क्यों खून बह रहा था?
उत्तर:
घायल युवक ने मोटर साइकिल चलाते समय हेलमेट नहीं पहना था । इसलिए सिर पर चोट लगने से खून बह रहा था।

2. सही कथनों के सामने (✓) का और गलत कथनों का सामने (✗) का निशान लगाइए :

(i) कटक ओड़िशा की राजधानी है । (✗)
(ii) बंगीदा पुरी जिले में है । (✗)
(iii) एक छात्रा ने जानना चाहा कि बस में रेडक्रास निशानवाला बक्सा क्यों लटक रहा है । (✓)
(iv) जेब्रा क्रासिंग पर लोग पैदल रास्ता पार करते हैं। (✓)
(v) एक दृष्टिहीन व्यक्ति लाठी का सहारा लेकर रास्ता पार हुआ । (✗)
(vi) ताराघर का नाम है पठाणि सांमत ताराघर । (✓)
(vii) भुवनेश्वर में राज्य संग्रहालय है । (✓)

3. निम्नलिखित प्रश्नों के सही विकल्प उत्तर पर (✓) का निशान लगाइए :

(i) छात्र-छात्राएँ कब शिक्षा-भ्रमण पर निकले ?
(क) रविवार को
(ख) सोमवार को
(ग) शनिवार को
(घ) बुधवार को
उत्तर:
(क) रविवार को

(ii) बच्चों को केले के छिलके का क्या करना था ?
(क) बाहर फेंकना था
(ख) डिब्बे में रखना था
(ग) गाय को दे देना था
(घ) सीट के नीचे रखना था
उत्तर:
(ख) डिब्ले में रखना था

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(iii) ड्राइवर ने क्या पहना था ?
(क) कमीज
(ख) टोपी
(ग) जूते
(घ) सीट बेल्ट
उत्तर:
(घ) सीट बेल्ट

(iv) संग्रहालय से निकलते-निकलते कितने बज गए ?
(क) एक
(ख) तीन
(ग) दो
(घ) चार
उत्तर:
(ग) दो

(v) कौन-सी बत्ती देखकर ड्राइवर ने बस रोक दी?
(क) लाल
(ख) हरी
(ग) नीली
(घ) पीली
उत्तर:
(क) लाल

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4. शब्दों को उनके अर्थ से मिलाडए :

घायल – प्रांत
खतरा – भ्रमण
छोर – विपदा
सैर – पास
नजदीक – आहत
उत्तर:
घायल – आहत
खतरा – विपदा
छोर – प्रांत
सैर – भ्रमण
नजदीक – पास

पाठ का सारांशः

खोरधा जिले के बंगीदा गाँव में एक उच्च प्राथमिक विद्यालय है। एक बार प्रधान शिक्षिका ने विद्यालय के छात्रछात्राओं को लेकर ओड़िशा की राजधानी भुवनेश्वर शैक्षिक भ्रमण पर जाने की योजना बनाई ।
BSE Odisha 7th Class Hindi Solutions Chapter 4 बस यात्रा का अनुभव 1
रविवार को बस आ पहुँची । बच्चे लाइन बनाकर बस की भीतर जाकर बैठे । प्रधान शिक्षिका ने बच्चों को सलाह दी कि बस के भीतर हल्ला न करें और बस चलते समय खिड़की से बाहर हाथ न निकालें। बस में जब विद्यार्थियों ने नाश्ता करना शुरू किया, तब एक शिक्षक ने कहा कि बिस्कुट का खाली पैकेट, केले के छिलके, पत्ते या कागज बाहर न फेंककर अपने-अपने डिब्ये में रख लें, खिड़की से बाहर न फेंकें ।

विद्यार्थियों ने देखा कि बस के ड्राइवर ने छाती पर सीट बेल्ट बाँध रखी है । शिक्षक ने समझा दिया कि दुर्घटना के समय ज्यादा चोट न आने के लिए ड्राइवर बेल्ट बाँधता है । शिक्षक ने यह भी बताया कि बस में एक प्राथमिक उपचार पेटिका रहती है। इसमें रेडक्रॉस का निशान रहता है। दुर्घटना के समय घायल यात्रियों का प्राथमिक उपचार करने के लिए उसमें कुछ जरूरी दवाइयाँ रखी जाती हैं ।

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शिक्षक ने कहा कि ड्राइवर से बस तेज चलाने का अनुरोध नहीं करना चाहिए। बस में चिल्लाना भी नहीं चाहिए। इससे ड्राइवर का ध्यान बँट जाता है । आगे सड़क पर एक बोर्ड पर ‘ 40 ‘ संख्या की ओर दिखाकर शिक्षक ने बताया कि यह ड्राइवर को बताने के लिए लिखा गया है कि गाड़ी की एक घंटे में गति चालीस किलोमीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए ।
BSE Odisha 7th Class Hindi Solutions Chapter 4 बस यात्रा का अनुभव 2
उसी समय पीछे से दूसरी बस का ड्राइवर हर्न बजाने लगा। वह ओवरटेक करके आगे जाना चाहता था । बच्चों की बस के ड्राइवर ने अपनी बस बाई तरफ करके दाहिने हाथ के इशारे से उसे आगे बढ़ जाने का इशारा किया ।

बस खण्डगिरि के पास ट्रैफिक पोस्ट पर रुकी । शिक्षक ने समझाया कि चौराहे पर ट्रैफिक पोस्ट वाहनों का नियंत्रण करने के लिए है । सामने लाल बत्ती जल रही है । यह गाड़ी रोकने का निर्देश है । यहाँ तीन बत्तियाँ जलती हैं । पीली बत्ती गाड़ी की गति धीमी करने के लिए, लाल बत्ती गाड़ी रोक देने के लिए और हरी बत्ती गाड़ी आगे बढ़ाने के लिए संकेत करती हैं। ट्रैफिक पोस्ट पर गाड़ी खड़ी रहते समय इंजन बंद कर देना चाहिए ।

इससे इंधन की बचत होती है और धुएँ का प्रदूषण नहीं होता । शिक्षक ने सामने काली और सफेद धारवाली पट्टियों पर लोगों को रास्ता पार करते हुए देखकर कहा कि इसे जेब्रा क्रॉसिंग कहते हैं। जहाँ जेब्रा क्रासिंग नहीं होती, वहाँ लोग दोनों दरफ की गाड़ियों पर ध्यान देकर रास्ता पार करते हैं ।
BSE Odisha 7th Class Hindi Solutions Chapter 4 बस यात्रा का अनुभव 3
बच्चों को रास्ता पार करके खाना खाने के लिए एक भोजनालय में जाना था,। एक ट्रैफिक पुलिस ने कुछ देर के लिए दोनों तरफ से आन-जाने वाली गाड़ियाँ रोक कर बच्चों को रास्ता पार कराया। कुछ बच्चों ने एक दृष्टिहीन व्यक्ति का हाथ पकड़ कर उसे रास्ता पार करा दिया ।
BSE Odisha 7th Class Hindi Solutions Chapter 4 बस यात्रा का अनुभव 4
बच्चे पठाणि सामन्त ताराघर के पास पहुँचे तो शिक्षक ने उनसे फूटपाथ पर चलने को कहा। सड़क के दोनों तरफ पैदल चलने के लिए थोड़ी ऊँची रास्ते बनाए गए थे, उन्हें फूटपाथ कहते हैं । बच्चों ने ताराघर में ग्रहनक्षत्रों की गतिविधियाँ देखीं।
BSE Odisha 7th Class Hindi Solutions Chapter 4 बस यात्रा का अनुभव 5
लौटते समय बच्चों ने देखा कि सामने एक ट्रक के पास एक मोटर साइकिल पड़ी है । लोगों ने बताया कि मोबाइल पर बात करते हुए एक युवक मोटर साइकिल चला रह्मा था और अनमना हो गया था । उसकी मोटर साइकिल खड़े रहे एक ट्रक से टकरा गई। उसने हेलमेट भी नहीं पहना था । उसके सिर से बहुत खून बह गया है । उसे एंबुलैन्स से अस्पताल भेज दिया गया है । यह सुनकर सब दुखी हुए । शिक्षक ने बच्चों को समझाया कि हमें हमेशा सावधान रहना चाहिए। ऐसा करने से हम बहुत-सी दुर्घटनाओं  से बच सकेंगे ।
BSE Odisha 7th Class Hindi Solutions Chapter 4 बस यात्रा का अनुभव 6

ସାରାଂଶ:

ଖୋର୍ଦ୍ଧା ଜିଲ୍ଲାର ବଙ୍ଗିଦା ଗାଁରେ ଗୋଟିଏ ଉଚ୍ଚ ପ୍ରାଥମିକ ବିଦ୍ୟାଳୟ ଅଛି। ଥରେ ପ୍ରଧାନଶିକ୍ଷୟତ୍ରୀ ବିଦ୍ୟାଳୟର ଛାତ୍ର- ଛାତ୍ରୀମାନଙ୍କୁ ନେଇ ଓଡ଼ିଶାର ରାଜଧାନୀ ଭୁବନେଶ୍ଵରକୁ ଶିକ୍ଷା ପରିଭ୍ରମଣରେ ଯିବା ପାଇଁ ଯୋଜନା କଲେ। ରବିବାର ଦିନ ବସ୍ ଆସି ପହଞ୍ଚିଲା। ପିଲାମାନେ ଲାଇନ୍‌ରେ ଯାଇ ବସ୍ ଭିତରେ ବସିଲେ । ପ୍ରଧାନଶିକ୍ଷୟିତ୍ରୀ ପିଲାମାନଙ୍କୁ କହିଲେ ଯେ ବସ୍ ଭିତରେ କେହି ପାଟିତୁଣ୍ଡ କରିବେନି । ବସ୍ ଋଲୁଥିବା ସମୟରେ କେହି ବାହାରକୁ ହାତ ବାହାର କରିବେ ନାହିଁ। ବସ୍‌ରେ ପିଲାମାନେ ଜଳଖୁଆ ଖାଇବା ଆରମ୍ଭ କରିବା ବେଳେ ଶିକ୍ଷକ କହିଲେ, କେହି ବାହାରକୁ ବିସ୍କୁଟର ଖାଲି ପ୍ୟାକେଟ୍, କଦଳୀ ଚୋପା, ପତ୍ର କି କାଗଜ ପକାଇବେ ନାହିଁ। ସେଗୁଡ଼ିକୁ ନିଜ ନିଜ ଡବାରେ ପୂରେଇ ରଖୁଦେବେ।

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ପିଲାମାନେ ଦେଖ‌ିଲେ ଯେ ବସ୍‌ର ଡ୍ରାଇଭର ଛାତିରେ ସିଗ୍‌ବେଲ୍ସ ବାନ୍ଧିଛନ୍ତି । ଶିକ୍ଷକ ବୁଝାଇଦେଲେ ଯେ ଦୁର୍ଘଟଣା ସମୟରେ ଅଧ୍ବକ ଆଘାତ ନ ଲାଗିବା ପାଇଁ ଡ୍ରାଇଭର ତାଙ୍କ ଛାତିରେ ସିବେଲ୍ଟ ବାନ୍ଧିଛନ୍ତି। ଶିକ୍ଷକ ବସ୍‌ରେ ଥିବା ପ୍ରାଥମିକ ଉପଚାର ପେଟିକା ବିଷୟରେ ମଧ୍ୟ ପିଲାମାନଙ୍କୁ ବୁଝାଇଦେଲେ । ସେ କହିଲେ ଏଥୁରେ ରେଡ଼କ୍ରସ ଚିହ୍ନ ରହିଛି। ଦୁର୍ଘଟଣା ଘଟିଗଲେ ସେହି ସମୟରେ ଆହତ ଲୋକଙ୍କ ପ୍ରାଥମିକ ଚିକିତ୍ସା ନିମିତ୍ତ ସେଥ‌ିରେ ଜରୁରୀ ଔଷଧପତ୍ର ରଖାଯାଇଥାଏ।

ଶିକ୍ଷକ ପିଲାମାନଙ୍କୁ କହିଲେ ଯେ କେହି ଡ୍ରାଇଭରଙ୍କୁ ଜୋର୍‌ରେ ଗାଡ଼ି ଚଳାଇବାକୁ ଅନୁରୋଧ କରିବା ଠିକ୍ ନୁହେଁ । ବସ୍‌ରେ ଚିତ୍କାର ବି କରିବା ଉଚିତ ନୁହେଁ । ତାହାଦ୍ଵାରା ଡ୍ରାଇଭରଙ୍କ ଏକାଗ୍ରତା ଭଙ୍ଗ ହୋଇଯାଏ। ସଡ଼କ କଡ଼ରେ ‘ଚାଳିଶ’ ଲେଖାଯାଇଥିବା ଗୋଟିଏ ବୋର୍ଡ଼ ଆଡ଼କୁ ହାତ ଦେଖାଇ ଶିକ୍ଷକ କହିଲେ ଡ୍ରାଇଭରଙ୍କୁ ସୂଚାଇ ଦେବାକୁ ଏହା ଲେଖାଯାଇଛି । ଏହା ଦେଖୁ ସେ ଗାଡ଼ିର ଘଣ୍ଟା ପ୍ରତି ଗତି ସ୍ଖଳିଶ କିଲୋମିଟରରୁ ଅଧିକ କରିବେ ନାହିଁ ।

ଏହି ସମୟରେ ପଛରୁ ଆଉ ଗୋଟିଏ ବସ୍‌ର ଡ୍ରାଇଭର ହର୍ଣ୍ଣ ବଜାଇବାକୁ ଲାଗିଲେ । ସେ ଓଭରଟେକ୍ କରି ଆଗକୁ ଯିବାକୁ ଋହୁଁଥିଲେ। ତେଣୁ ପିଲାମାନେ ଯାଉଥୁବା ବସ୍‌ର ଡ୍ରାଇଭର ନିଜ ବସ୍‌କୁ ଟିକିଏ ବାମ ପଟକୁ ନେଇ ଡାହାଣ ହାତରେ ଅନ୍ୟ ବସ୍‌ର ଡ୍ରାଇଭରଙ୍କୁ ଆଗକୁ ଯିବାକୁ ଇସାରା ଦେଲେ। ବସ୍ ଖଣ୍ଡଗିରିର ଗୋଟିଏ ଟ୍ରାଫିକ୍ ପୋଷ୍ଟ ପାଖରେ ଅଟକିଲା। ଶିକ୍ଷକ ବୁଝାଇଦେଲେ ଯେ ଛକ ପାଖରେ ଏହି ଟ୍ରାଫିକ୍ ପୋଷ୍ଟ ଯାନବାହନଗୁଡ଼ିକୁ ନିୟନ୍ତ୍ରଣ କରାଯିବା ପାଇଁ ରହିଛି । ଦେଖ ! ଆଗରେ ଲାଲବତୀ ଜଳୁଛି । ଏହା ଗାଡ଼ି ଅଟକିବା ପାଇଁ ନିର୍ଦ୍ଦେଶ ଦେଉଛି । ଏଠାରେ ତିନୋଟି ରଙ୍ଗର ବତୀ ଜଳେ। ହଳଦିଆବତୀ

ଗାଡ଼ିର ଗତି କମେଇବା ପାଇଁ, ଲାଲ୍‌ବତୀ ଗାଡ଼ି ଅଟକାଇବା ପାଇଁ ଓ ସବୁଜବତୀ ଗାଡ଼ିକୁ ଆଗକୁ ନେବା ପାଇଁ ସଙ୍କେତ ଦିଅନ୍ତି । ଟ୍ରାଫିକ୍ ପୋଷ୍ଟ ପାଖରେ ଗାଡ଼ି ଅଟକିଥିବା ସମୟରେ ଇଞ୍ଜିନ୍ ବନ୍ଦ କରିଦେବା ଉଚିତ । ଏହାଦ୍ଵାରା ଇନ୍ଧନ ସଞ୍ଚୟ ହୁଏ ଓ ଧୂଆଁର ପ୍ରଦୂଷଣରୁ ରକ୍ଷା ମିଳେ।
ଆଗରେ ରାସ୍ତାର କଳା-ଧଳା ପଟିଥିବା ସ୍ଥାନରେ ଲୋକେ ରାସ୍ତା ପାରି ହେଉଥୁବାର ଦେଖୁ ଶିକ୍ଷକ କହିଲେ, ଏହାକୁ ଜେବ୍ରାକୁସିଙ୍ଗ୍ କହନ୍ତି । ଗାଡ଼ି ଅଟକିଥିବା ସମୟରେ ଲୋକେ ଏହି ଜେବ୍ରାକ୍ରାସିଙ୍ଗ୍‌ରେ ରାସ୍ତା ପାର ହୁଅନ୍ତି । ଯେଉଁ ସ୍ଥାନରେ ଜେବ୍ରାକୁସିଙ୍ଗ୍ ନଥାଏ, ସେଠାରେ ଲୋକେ ଦୁଇ ପାଖର ଗାଡ଼ିକୁ ଚାହିଁ ରାସ୍ତା ପାର ହୁଅନ୍ତି।

ଆଗରେ ରାସ୍ତାର କଳା-ଧଳା ପଟିଥିବା ସ୍ଥାନରେ ଲୋକେ ରାସ୍ତା ପାରି ହେଉଥୁବାର ଦେଖୁ ଶିକ୍ଷକ କହିଲେ, ଏହାକୁ ଜେବ୍ରାକୁସିଙ୍ଗ୍ କହନ୍ତି । ଗାଡ଼ି ଅଟକିଥିବା ସମୟରେ ଲୋକେ ଏହି ଜେବ୍ରାକ୍ରାସିଙ୍ଗ୍‌ରେ ରାସ୍ତା ପାର ହୁଅନ୍ତି । ଯେଉଁ ସ୍ଥାନରେ ଜେବ୍ରାକୁସିଙ୍ଗ୍ ନଥାଏ, ସେଠାରେ ଲୋକେ ଦୁଇ ପାଖର ଗାଡ଼ିକୁ ଚାହିଁ ରାସ୍ତା ପାର ହୁଅନ୍ତି। . ଏହି ସମୟରେ ବସ୍ ସଂଗ୍ରହାଳୟ ପାଖରେ ପହଞ୍ଚିଲା । ପିଲାମାନେ ସଂଗ୍ରହାଳୟରେ ପ୍ରାଚୀନ ମୂର୍ତ୍ତି, କଳାକୃତି, ତାଳପତ୍ରର ପୋଥ, ପୁରୁଣା ମୁଦ୍ରା, ପୁରୁଣା ବସ୍ତ୍ର, ଆଭୂଷଣ ଓ ଅସ୍ତ୍ରଶସ୍ତ୍ର ଦେଖୁ ଖୁସି ହେଲେ।

ପିଲାମାନଙ୍କର ରାସ୍ତା ପାର ହୋଇ ଖାଇବା ପାଇଁ ଗୋଟିଏ ଭୋଜନାଳୟକୁ ଯିବାର ଥିଲା। ଜଣେ ଟ୍ରାଫିକ୍ ପୋଲିସ୍ କିଛି ସମୟ ପାଇଁ ଦୁଇ ପାଖରୁ ଯିବାଆସିବା କରୁଥିବା ଗାଡ଼ିକୁ ଅଟକାଇ ପିଲାମାନଙ୍କୁ ରାସ୍ତା ପାର କରାଇଦେଲେ। କିଛି ପିଲା ଜଣେ ଦୃଷ୍ଟିହୀନ ବ୍ୟକ୍ତିଙ୍କ ହାତଧରି ତାଙ୍କୁ ରାସ୍ତା ପାର କରାଇଦେଲେ। ପିଲାମାନେ ପଠାଣି ସାମନ୍ତ ପ୍ଲାନେଟୋରିୟମ୍ ପାଖରେ ପହଞ୍ଚିବା ପରେ ଶିକ୍ଷକ ସେମାନଙ୍କୁ ଫୁଟ୍‌ପାଥ ଉପରେ ଋଲି କରି ଯିବାକୁ କହିଲେ। ସଡ଼କର ଉଭୟ ପାର୍ଶ୍ଵରେ ଲୋକେ ପାଦରେ ଋଲିଗଲି ଯିବା ପାଇଁ ଟିକିଏ ଉଚ୍ଚ ରାସ୍ତା ତିଆରି କରାଯାଇଥାଏ।

ଏହାକୁ ଫୁଟ୍‌ପାଥ କୁହାଯାଏ। ପିଲାମାନେ ପ୍ଲାନେଟୋରିୟମ୍‌ରେ ଗ୍ରହ-ନକ୍ଷତ୍ରଙ୍କ ଗତିବିଧ‌ି ବିଷୟ ଦେଖ‌ିଲେ। ଫେରିବା ସମୟରେ ପିଲାମାନେ ଗୋଟିଏ ଟ୍ରକ୍ ପାଖରେ ମୋଟର ସାଇକେଲଟିଏ ପଡ଼ିଥିବାର ଦେଖ‌ିଲେ। ଲୋକମାନେ କହିଲେ ଯେ ଜଣେ ଯୁବକ ମୋବାଇଲରେ କଥାବାର୍ତ୍ତା ହୋଇ ହୋଇ ମୋଟର ସାଇକେଲ ଚଳାଇ ଯାଉଥିଲେ ।

BSE Odisha 7th Class Hindi Solutions Chapter 4 बस यात्रा का अनुभव

ସେ ଅନ୍ୟମନସ୍କ ହୋଇପଡ଼ିଥିଲେ । ତାଙ୍କ ମୋଟର ସାଇକେଲ୍ ଠିଆହୋଇଥୁବା ଟ୍ରକ୍ ପଛରେ ଧକ୍କା ହୋଇଗଲା । ସେ ଯୁବକ ହେଲ୍‌ମେଟ୍ ପିନ୍ଧି ନଥଲେ । ତାଙ୍କ ମୁଣ୍ଡରୁ ବହୁତ ରକ୍ତ ବହୁଥିଲା। ତାଙ୍କୁ ଆମ୍ବୁଲାନ୍ସରେ ଡାକ୍ତରଖାନାକୁ ପଠାଇ ଦିଆଗଲା ।ଏକଥା ଶୁଣି ସମସ୍ତେ ଦୁଃଖୀ ହେଲେ। ଶିକ୍ଷକ ପିଲାମାନଙ୍କୁ ବୁଝାଇଦେଲେ ଯେ ଆମେ ସବୁବେଳେ ସାବଧାନ ରହିବା ଉଚିତ। ଏପରି କଲେ ଆମେ ଅନେକ ଦୁର୍ଘଟଣାରୁ ରକ୍ଷା ପାଇପାରିବା।

शब्दार्थ :

BSE Odisha 7th Class Hindi Solutions Chapter 4 बस यात्रा का अनुभव 7

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