BSE Odisha 10th Class Hindi व्याकरण विभाग

Odisha State Board BSE Odisha 10th Class Hindi Solutions व्याकरण विभाग Textbook Exercise Questions and Answers.

BSE Odisha Class 10 Hindi व्याकरण विभाग

लिंग

प्रश्न 1.
दूर का पहाड़ सुन्दर लगता है। रेखांकित शब्द का लिंग बताइए।
उत्तर:
पुंलिंग

प्रश्न 2.
मेरी परीक्षा पन्द्रह दिन सरक गयी है रेखांकित शब्द का लिंग बताइए।
उत्तर:
स्त्रीलिंग

प्रश्न 3.
पंड़ित लड़कों को मुफ्त में पढ़ाते थे रेखांकित शब्द का लिंग बताइए।
उत्तर:
पुंलिंग

प्रश्न 4.
आदमी का इतिहास पुराना है। रेखांकित शब्द का लिंग बताइए।
उत्तर:
पुंलिंग

प्रश्न 5.
‘मांस’ – दिए गए शब्द लिंग निर्णय कीजिए।
उत्तर:
पुंलिंग

BSE Odisha 10th Class Hindi व्याकरण विभाग

प्रश्न 6.
‘मूँछ’ – लिंग निर्णय करो।
उत्तर:
स्त्रीलिंग

प्रश्न 7.
‘दूध’ – लिंग निर्णय करो।
उत्तर:
पुंलिंग

प्रश्न 8.
‘पूँछ’ – लिंग निर्णय करो।
उत्तर:
स्त्रीलिंग

प्रश्न 9.
‘मर्यादा’ – लिंग निर्णय करो।
उत्तर:
स्त्रीलिंग

प्रश्न 10.
‘जान’ – लिंग निर्णय करो।
उत्तर:
स्त्रीलिंग

BSE Odisha 10th Class Hindi व्याकरण विभाग

प्रश्न 11.
‘तलाश’- लिंग निर्णय करो।
उत्तर:
स्त्रीलिंग

प्रश्न 12.
‘नौकर’- सही लिंग परिवर्तन किजिए।
उत्तर:
नौकरानी

प्रश्न 13.
‘बंदर’ शब्द का स्त्रीलिंग रूप है
उत्तर:
बंदरिया

प्रश्न 14
‘आदमी’ का स्त्रीलिंग रूप लिखिए।
उत्तर:
औरत

प्रश्न 15.
‘कवि’ लिंग बदलिए।
उत्तर:
कवयित्री

प्रश्न 16.
‘माली’ – लिंग बदलिए।
उत्तर:
मालिन

प्रश्न 17.
‘पिता’ लिंग बदलिए।
उत्तर:
माता

प्रश्न 18.
‘सेठ’ – लिंग बदलिए।
उत्तर:
सेठानी

वचन

प्रश्न 1.
वचन का आकर्षण बहुवचन में लिखिए।
उत्तर:
वचनों का आकर्षण

प्रश्न 2.
“कलाकृतियाँ” का एकवचन रूप है।
उत्तर:
कलाकृति

प्रश्न 3.
काँटा कम से कम मत बोओ। – रेखांकित शब्द का बहुवचन लिखिए।
उत्तर:
काँटे

प्रश्न 4.
‘घोसले’ का एकवचन रूप है।
उत्तर:
घोसला

प्रश्न 5.
‘दोहा’ का वहुवचन रूप है।
उत्तर:
दोहे

BSE Odisha 10th Class Hindi व्याकरण विभाग

प्रश्न 6.
‘मौसम’ का वहुवचन रूप है।
उत्तर:
मौसम

प्रश्न 7.
‘ऋतु’ का वहुवचन है।
उत्तर:
ऋतुएँ

प्रश्न 8.
‘सूचना’ का बहुवचन है।
उत्तर:
सूचनाएँ

प्रश्न 9.
‘गुफा’ का वहुवचन है।
उत्तर:
गुफाएँ

प्रश्न 10.
‘प्राण’ का बहुवचन है।
उत्तर:
प्राण

प्रश्न 11.
‘सुविधा’ का बहुवचन रूप है।
उत्तर:
सुविधाएँ

प्रश्न 12.
‘गिलहरी’ का वहुवचन रूप है
उत्तर:
गिलहरियाँ

प्रश्न 13.
‘खेत’ का वहुवचन रूप क्या है?
उत्तर:
खेत

प्रश्न 14.
‘सदियाँ’ का एकवचन रूप है।
उत्तर:
सदी

प्रश्न 15.
‘स्मृती’ का बहुवचन रूप है।
उत्तर:
स्मृतियाँ

प्रश्न 16.
‘धारा’ – वचन बदलिए।
उत्तर:
धाराएँ

प्रश्न 17.
‘जहाज’- वचन बदलिए।
उत्तर:
जहाज

प्रश्न 18.
‘कुत्ता’ – वचन बदलिए।
उत्तर:
कुत्

प्रश्न 19.
‘नौकरी’ – वचन बदलिए।
उत्तर:
नौकरियाँ

BSE Odisha 10th Class Hindi व्याकरण विभाग

प्रश्न 20.
‘लकड़ियाँ’ – वचन बदलिए।
उत्तर:
लकड़ी

सर्वनाम ( पुरुषवाचक)

प्रश्न 1.
आपको यह काम करना है। इस वाक्य में प्रयुक्त सर्वनाम है…………….. ।
उत्तर:
यह

प्रश्न 2.
उसको जाने दो। इस वाक्य में प्रयुक्त सर्वनाम है।
उत्तर:
उसको

प्रश्न 3.
उन्होंने काम पूरा कर दिया। इस वाक्य में सर्वनाम है…………….. ।
उत्तर:
उन्होंने

प्रश्न 4.
पुरुषवाचक सर्वनाम नहीं है ……………….।
( ये, मैं, कौन, वह)
उत्तर:
कौन

प्रश्न 5.
प्रश्नवाचक सर्वनाम है………………।
(वे, कौन, यह, उसे)
उत्तर:
कौन

प्रश्न 6.
संबंधवाचक सर्वनाम है ………………. ।
(जो-सो, मैं, कौन, वे)
उत्तर:
जो सो

प्रश्न 7.
सर्वनाम छाँटिए।
( नाम, मोटा, कोई, मकान )
उत्तर:
कोई

BSE Odisha 10th Class Hindi व्याकरण विभाग

प्रश्न 8.
मेरी माताजी खाना पका रही हैं \। इस वाक्य में प्रयुक्त सर्वनाम है………………..।
उत्तर:
मेरी

प्रश्न 9.
……………. नाम क्या है?
उत्तर:
तेरा

प्रश्न 10.
निम्नलिखित में से संबंधवाचक सर्वनाम है ……………….।
(मैं, कौन, जो, कहाँ)
उत्तर:
जो

प्रश्न 11.
मेरी माताजी खाना पका रही हैं। इस वाक्य में प्रयुक्त सर्वनाम है।
उत्तर:
मेरी

प्रश्न 12.
कोई (बहुवचन) + ने = ……………….. ( सही रूप लिखिए)
उत्तर:
किन्होंने

प्रश्न 13.
वह + ने = …………….. ( सही रूप लिखिए)
उत्तर:
उसने

प्रश्न 14.
ये + ने = ………………… ( सही रूप लिखिए)
उत्तर:
इन्होंने

प्रश्न 15.
वाक्य में संज्ञा शब्दों के स्थान पर प्रयुक्त होनेवाले शब्दों को ………………. कहते हैं।
उत्तर:
सर्वनाम

प्रश्न 16.
जिस सर्वनाम से कर्त्ता के विषय में कुछ बताया जाता ……………….. सर्वनाम कहते हैं।
उत्तर:
निजवाचक

प्रश्न 17.
किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दिजिए। रेखांकित शब्द किस प्रकार का सर्वनाम है?
उत्तर:
अनिश्चयवाचक

कारक

प्रश्न 1.
दूध से दही बनता है। रेखांकित पद किस कारक में है?
उत्तर:
अपादान

प्रश्न 2.
महेश बुखार से पीड़ित है। रेखांकित पद किस कारक में है?
उत्तर:
करण

प्रश्न 3.
बन्दूक से गोली चली। रेखांकित अंश किस कारक में है?
उत्तर:
अपादान

प्रश्न 4.
छात्र ने शिक्षक से दो प्रश्न पूछे। रेखांकित पद किस कारक में है?
उत्तर:
कर्म

प्रश्न 5.
बच्चा साँप से डरता है। रेखांकित पद किस कारक में है?
उत्तर:
कर्म

BSE Odisha 10th Class Hindi व्याकरण विभाग

प्रश्न 6.
मुझ पर भरोसा रखो। रेखांकित पद किस कारक में है?
उत्तर:
अधिकरण

प्रश्न 7.
कटक में बालियात्रा का मेला लगता है। रेखांकित पद किस कारक में है?
उत्तर:
अधिकरण

प्रश्न 8.
पेड़ पर बन्दर बैठा है। रेखांकित पद किस कारक में है?
उत्तर:
अधिकरण

प्रश्न 9.
विनोद माधव से लम्बा है। रेखांकित अंश किस कारक में है?
उत्तर:
अपादान

प्रश्न 10.
माता ने बच्चे को सुलाया। रेखांकित अंश किस कारक में है?
उत्तर:
कर्म

प्रश्न 11.
यह है शब्द संयोजन की बात। रेखांकित अंश किस कारक में है?
उत्तर:
संबंध कारक

प्रश्न 12.
कृपाशंकर घर से स्टेशन आया। रेखांकित अंश किस कारक में है?
उत्तर:
अपादान

परसर्ग / विभक्ति

प्रश्न 1.
वह तकिए……………… बैठा।
उत्तर:
पर

प्रश्न 2.
साँप नेवले ……………. डरता है।
उत्तर:
से

प्रश्न 3.
हृदय द्वार खोलने ……………. कुंजी है।
उत्तर:
की

प्रश्न 4.
पेड़…………………फल गिरा।
उत्तर:
से

प्रश्न 5.
जीवों …………..दया करो।
उत्तर:
पर

BSE Odisha 10th Class Hindi व्याकरण विभाग

प्रश्न 6.
रोगी हैजे ……………… मर गया।
उत्तर:

प्रश्न 7.
लोगों की जान ………… जान आई।
उत्तर:
में

प्रश्न 8.
ठाकुर साहब गाड़ी ………… जान आई।
उत्तर:
से

प्रश्न 9.
कृपाशंकर …………. उतरने लगे।
उत्तर:
ने

प्रश्न 10.
उत्कृष्ट कलाओं …………… कई कुली बुलाये।
उत्तर:
का

प्रश्न 11.
क्या तुम्हारे बैठने …………… देश उत्कल।
उत्तर:
का

प्रश्न 12.
गर्व
उत्तर:
से.

प्रश्न 13.
वाणभट्ट …………….. ठेका लिया है?
उत्तर:
ने

प्रश्न 14.
गिल्लू ने मुक्ति ……………. कहो कि मैं भारतीय हूँ।
उत्तर:
की

प्रश्न 15.
मुँह. ……………….. .उफ न निकलने दो अपने लड़के से कहा।
उत्तर:
से

प्रश्न 16.
गाय ………….. घास दो।
उत्तर:
को

प्रश्न 17.
नरेन ……………….भाई पढ़ता है।
उत्तर:
का

प्रश्न 18.
मन …………….. अहंकार को स्थान मत दो।
उत्तर:
में

प्रश्न 19.
मेज ……………… किताबें रखी है।
उत्तर:
पर

प्रश्न 20.
खुले मैदान में, रेत …………… साँस ली।
उत्तर:
पर

क्रिया (सकर्मक और अकर्मक)

प्रश्न 1.
“घोड़ा दौड़ता है” – इस वाक्य में “ दौड़ता ” किस क्रिया का रूप है?
उत्तर:
अकर्मक

प्रश्न 2.
“राम फल खाता है”- इस वाक्य में ‘खाता’ किस क्रिया का रूप है?
उत्तर:
सकर्मक

प्रश्न 3.
सही अकर्मक क्रिया रूप छाँटिए:
(गाना, रोना, खाना, , देना)
उत्तर:
रोना

प्रश्न 4.
अकर्मक क्रिया रूप पहचानिए:
(पढ़ना, मिलना, बहना, कहना)
उत्तर:
बहना

प्रश्न 5.
सही सकर्मक क्रिया रूप छाँटिए:
( रहना, रोना, गाना, सरकाना )
उत्तर:
गाना

BSE Odisha 10th Class Hindi व्याकरण विभाग

प्रश्न 6.
अकर्मक क्रिया रूप चुनिए:
(वनाना, भागना, समझना, पढ़ना)
उत्तर:
भागना

प्रश्न 7.
सही सकर्मक क्रिया रूप पहचानिए:
( उड़ना, कूदना, छोड़ना, याचना )
उत्तर:
छोड़ना

प्रश्न 8.
कौन सा क्रिया रूप अकर्मक है छाँटिए:
(खाना, देखना, मिलना, दौड़ना)
उत्तर:
खाना

प्रश्न 9.
सकर्मक क्रिया रूप छाँटिए:
(सोना, रोना, होना,
उत्तर:
पीना

प्रश्न 10.
सही सकर्मक क्रिया रूप पहचानिए:
(निकलना, सजाना, जीना, वदलना)
उत्तर:
सजाना

प्रेरणार्थक क्रिया रूप

प्रश्न 1.
‘पढ़ना’ – द्वितीय प्रेरणार्थक क्रिया का रूप है…………..।
उत्तर:
पढ़वाना

प्रश्न 2.
‘करना’- प्रथम प्रेरणार्थक क्रिया का रूप है …………….।
उत्तर:
कराना

प्रश्न 3.
‘कहना’ – द्वितीय प्रेरणार्थक क्रिया का रूप है ……………।
उत्तर:
कहलवाना

प्रश्न 4.
‘देखना ‘ – द्वितीय प्रेरणार्थक क्रिया का रूप है ……………..।
उत्तर:
दिखवाना

प्रश्न 5.
‘भीगना’ – द्वितीय प्रेरणार्थक क्रिया का रूप है…………….।
उत्तर:
भीगवाना

BSE Odisha 10th Class Hindi व्याकरण विभाग

प्रश्न 6.
‘रोना’ – द्वितीय प्रेरणार्थक क्रिया का रूप है……………।
उत्तर:
रुलवाना

प्रश्न 7.
‘खाना’ – द्वितीय प्रेरणार्थक क्रिया का रूप है…………..।
उत्तर:
खिलवाना

प्रश्न 8.
‘बनना’ क्रिया का पहला प्रेरणार्थक क्रिया रूप है…………..।
उत्तर:
बनाना

प्रश्न 9.
‘खाना’ क्रिया का सही प्रेरणार्थक क्रिया रूप है……………….।
उत्तर:
खिलाना

प्रश्न 10.
‘सोना’ क्रिया का प्रथम प्रेरणार्थक रूप है
उत्तर:
सुलाना

प्रश्न 11.
‘भेजना’ क्रिया का दूसरा प्रेरणार्थक रूप है
उत्तर:
भेजवाना

प्रश्न 12.
‘लिखना’ क्रिया का द्वितीय प्रेरणार्थक रूप है
उत्तर:
लिखवाना

प्रश्न 13.
‘हँसना’ क्रिया का सही प्रेरणार्थक रूप है
उत्तर:
हँसाना

प्रश्न 14.
‘करना’ क्रिया का द्वितीय प्रेरणार्थक रूप है
उत्तर:
करवाना

प्रश्न 15.
‘पिना’ क्रिया का द्वितीय प्रेरणार्थक रूप हैं-
उत्तर:
पिलवाना

BSE Odisha 10th Class Hindi व्याकरण विभाग

प्रश्न 16.
‘उठना’ क्रिया का प्रथम प्रेरणार्थक रूप है –
उत्तर:
उठाना

प्रश्न 17.
‘समझना’ क्रिया का पहला प्रेरणार्थक रूप है
उत्तर:
समझाना

सही क्रिया पद भरिए

प्रश्न 1.
अनेक सुधी नेता काम में जुट……………..।
उत्तर:
गए

प्रश्न 2.
राम ने एक पुस्तक…………….।
उत्तर:
खरीदी

प्रश्न 3.
आँख भी लाल होकर दुःखने ………………।
उत्तर:
लगी

प्रश्न 4.
उसने चाय पी ………………।
उत्तर:
ली

प्रश्न 5.
सीता ने गीता को ……………..।
उत्तर:
पढ़ाया

BSE Odisha 10th Class Hindi व्याकरण विभाग

प्रश्न 6.
वे चिट्ठियाँ लिख ………….।
उत्तर:
रहे थे

प्रश्न 7.
कृपाशंकर ने कई कुली…………….।
उत्तर:
बुलाये

प्रश्न 8.
उन्हें आज इस पद को महानता ज्ञात……………।
उत्तर:
हुई

प्रश्न 9.
मुसाफिर ने क्रोध पूर्ण नेत्रो से …………..।
उत्तर:
देखा

प्रश्न 10.
अशोक ने वीरत्व की कहानी ……………।
उत्तर:
सुनी

प्रश्न 11.
आपको कुछ सेवा करने का अवसर ………………।
उत्तर:
मिला

प्रश्न 12.
यह नित्य का क्रम हो ……………..।
उत्तर:
गया

BSE Odisha 10th Class Hindi व्याकरण विभाग

प्रश्न 13.
कलिंगवासियों ने जाने दीं पर जमीन नहीं …………….।
उत्तर: दी

प्रश्न 14.
शिक्षक चन्द्रधर शर्मा को नींद नहीं …………………।
उत्तर:
आयी

प्रश्न 15.
पारादीप बन्दरगाह ने नौवाणिज्य को बढ़ावा …………….।
उत्तर:
दिया

विपरीतार्थक शब्द (विलोम )

प्रश्न 1.
‘मृत्यु’ शब्द का सही विलोमरूप …………….।
उत्तर:
जन्म

प्रश्न 2.
‘राजा’ शब्द का सही विपरीत रूप …………….।
उत्तर:
रंक

प्रश्न 3.
‘अपनापन’ शब्द का सही विलोमरूप ……………..।
उत्तर: परायापन

प्रश्न 4.
‘चर’ शब्द का सही विलोम रूप ……………..।
उत्तर:
अचर

प्रश्न 5.
‘हाजिर’ शब्द का सही विपरीत रूप ……………।
उत्तर:
गैरहाजिर

प्रश्न 6.
‘नफा’ शब्द का सही विलोमरूप ……………..।
उत्तर:
नुकसान

BSE Odisha 10th Class Hindi व्याकरण विभाग

प्रश्न 7.
‘कम’ शब्द का सही विलोम रूप ……………।
उत्तर:
ज्यादा

प्रश्न 8.
‘काँटा’ शब्द का सही विलोम रूप ……………..।
उत्तर:
फूल

प्रश्न 9.
‘मोटा’ शब्द का सही विपरीत रूप ………………।
उत्तर:
पतला

प्रश्न 10.
‘पण्डित’ शब्द का सही विपरीत रूप ……………..।
उत्तर:
मूर्ख

प्रश्न 11.
‘उत्तम’ शब्द का सही विलोमरूप …………….।
उत्तर:
मध्यम

प्रश्न 12.
‘सच्चा’ शब्द का सही बिलोमरूप ……………..।
उत्तर:
झूठा

प्रश्न 13.
‘महल’ शब्द का सही विलोम रूप ……………….।
उत्तर:
झोंपड़ी

BSE Odisha 10th Class Hindi व्याकरण विभाग

प्रश्न 14.
‘वसंत’ शब्द का सही विलोम रूप ………………..।
उत्तर:
पत्तझड़

प्रश्न 15.
‘गन्दा’ शब्द का सही विलोम रूप
उत्तर:
साफ

पर्यायवाची शब्द

प्रश्न 1.
‘तलवार’ शब्द का सही समानार्थक रूप……………..।
उत्तर:
कृपाण

प्रश्न 2.
‘कमल’ शब्द का सही समानार्थक रूप……………..
उत्तर:
सरोज

प्रश्न 3.
‘धर’ शब्द का पर्यायवाची रूप ……………..।
उत्तर:
निवास

प्रश्न 4.
‘शरीर’ शब्द का समानार्थक रूप ……………….।
उत्तर:
काया

प्रश्न 5.
‘चवाई’ शब्द का सही पर्यायवाची रुप…………….।
उत्तर:
निन्दक

BSE Odisha 10th Class Hindi व्याकरण विभाग

प्रश्न 6.
‘सौदामिनी’ शब्द का सही पर्यायवाची रूप ……………।
उत्तर:
बिजली

प्रश्न 7.
‘हाथी’ शब्द का सही पर्यायवाची रूप ………………।
उत्तर:
गज

प्रश्न 8.
‘अम्बा’ शब्द का पर्यायवाची रूप ……………..।
उत्तर:
माता

प्रश्न 9.
‘महादेव’ का दूसरा रूप है………………….।
उत्तर:
शिवं

प्रश्न 10.
‘सुधाकर’ शब्द का पर्यायवाची रूप …………………।
उत्तर:
चन्द्र

प्रत्यय

प्रश्न 1.
जो शब्दांश धातु, क्रिया या शब्दों के अंत में लगकर नये शब्दों का निर्माण करते है, उन्हें……………. कहते है।
उत्तर:
प्रत्यय

प्रश्न 2.
‘शक्तिमान’ शब्द से …………. प्रत्ययहै।
उत्तर:
मान

प्रश्न 3.
‘चिकनाई’ में प्रत्यय है……………।
उत्तर:
आई

प्रश्न 4.
‘शैव’ में प्रत्यय है ……………।
उत्तर:

प्रश्न 5.
‘पाठक’ शब्द में प्रत्यय है ……………।
उत्तर:
अक

BSE Odisha 10th Class Hindi व्याकरण विभाग

प्रश्न 6.
‘दर्दनाक’ में प्रत्यय है …………….।
उत्तर:
नाक

प्रश्न 7.
‘शरमालू’ में प्रत्यय है …………….।
उत्तर:
आलू

प्रश्न 8.
‘राष्ट्रीय’ शब्द में प्रत्यय है………….
उत्तर:
ईय

 

प्रश्न 9.
संज्ञा, सर्वनाम मेल से बने शब्द को……………….. जाता है ।
उत्तर:
तद्धितान्त पद

प्रश्न 10.
‘प्रसन्न’ के साथ ‘ता’ प्रत्यय लगाइए ………………. ।
उत्तर:
प्रसन्नता

प्रश्न 11.
‘निर्मलता’ में प्रत्यय ………………..।
उत्तर:
ता

प्रश्न 12.
‘उपजाऊ’ में प्रत्यय है …………..।
उत्तर:
आऊ

प्रश्न 13.
‘ईला’ प्रत्यय प्रयुक्त शब्द है…………..।
उत्तर:
चमकीला

BSE Odisha 10th Class Hindi व्याकरण विभाग

प्रश्न 14.
‘इक’ प्रत्यय प्रयुक्त शब्द है…………….।
उत्तर:
सामाजिक

प्रश्न 15.
‘आस’ प्रत्यय प्रयुक्त शब्द है ……………….।
उत्तर:
मिठास

उपसर्ग

प्रश्न 1.
भाषा में नए शब्दों का निर्माण करने के लिए शब्द के पहले जो शब्दांश जोड़े जाते है, उन्हे ……………….. कहते हैं।
उत्तर:
उपसर्ग

प्रश्न 2.
‘अभिमान’ शब्द से कौन सा उपसर्ग जुड़ा गया है?
उत्तर:
अभि

प्रश्न 3.
‘हर’ उपसर्ग से बना शब्द है……………….।
उत्तर:
हरघड़ी

प्रश्न 4.
‘अनुशासन’ शब्द में उपसर्ग है……………।
उत्तर:
अनु

प्रश्न 5.
‘अन’ उपसर्गवाले शब्द है। …………….।
उत्तर:
अनपढ़

BSE Odisha 10th Class Hindi व्याकरण विभाग

प्रश्न 6.
‘अभि’ उपसर्ग से बना शब्द है……………..
उत्तर:
अभिमान

प्रश्न 7.
‘प्र’ उपसर्ग जोड़ा हुआ शब्द ……………..।
उत्तर:
प्रगति

प्रश्न 8.
‘परा’ उपसर्ग प्रयुक्त शब्द……………….।
उत्तर:
पराजय

प्रश्न 9.
‘सम्’ उपसर्ग प्रयुक्त शब्द ………………।
उत्तर:
संतोष

प्रश्न 10.
‘उत्’ उपसर्ग प्रयुक्त शब्द ……………….।
उत्तर:
उत्कर्ष

प्रश्न 11.
‘परि’ उपसर्ग प्रयुक्त शब्द …………….।
उत्तर:
परिवार

प्रश्न 12.
‘प्रति’ उपसर्ग प्रयुक्त शब्द ……………।
उत्तर:
प्रतिकार

प्रश्न 13.
‘अति’ उपसर्ग प्रयुक्त शब्द ………………।
उत्तर:
अत्याचार

प्रश्न 14.
‘अनु’ उपसर्ग प्रयुक्त शब्द ……………..।
उत्तर:
अनुकूल

प्रश्न 15.
‘अधि’ उपसर्ग प्रयुक्त शब्द …………….।
उत्तर:
अधिकार

प्रश्न 16.
‘ला’ उपसर्ग प्रयुक्त शब्द ……………..।
उत्तर:
लाचार

BSE Odisha 10th Class Hindi व्याकरण विभाग

प्रश्न 17.
‘अनुकूल’ शब्द में कौन-सा उपसर्ग है?
उत्तर:
अनु

प्रश्न 18.
‘सरपंच’ शब्द में कौन-सा उपसर्ग है?
उत्तर:
सर

विशेषण / संज्ञा

प्रश्न 1.
‘कांटा’ शब्द का विशेषण रूप………………….।
उत्तर:
कंटीला

प्रश्न 2.
‘समाज’ शब्द का सही विशेषण रूप ………………।
उत्तर:
सामाजिक

प्रश्न 3.
‘राष्ट्र’ शब्द का सठिक विशेषण रूप …………….।
उत्तर:
राष्ट्रीय

प्रश्न 4.
‘शरीर’ शब्द का सही विशेषण रूप …………….।
उत्तर:
शारीरिक

प्रश्न 5.
‘इच्छा’ शब्द का सही विशेषण रूप बताइए।
उत्तर:
ऐच्छिक

BSE Odisha 10th Class Hindi व्याकरण विभाग

प्रश्न 6.
‘शैक्षिक’ शब्द का मूल रूप वताइए।
उत्तर:
शिक्षा

प्रश्न 7.
‘सोना’ शब्द का सही विशेषण रूप …………..।
उत्तर:
सुनहरा

प्रश्न 8.
‘साल’ शब्द का सही विशेषण रूप ……………।
उत्तर:
सालाना

प्रश्न 9.
‘रंग’ शब्द का सही बिशेषण रूप ……………।
उत्तर:
रंगिला

प्रश्न 10.
‘चाल’ शब्द का सही विशेषण रूप …………..।
उत्तर:
चालु

BSE Odisha 10th Class Hindi व्याकरण विभाग

प्रश्न 11.
‘लौकिक’ शब्द के मूल रूप …………….।
उत्तर:
लोक

प्रश्न 12.
‘शोभा’ शब्द का विशेषण रूप …………..।
उत्तर:
शोभित

प्रश्न 13.
‘अग्नि’ शब्द का सही विशेषण रूप ……………।
उत्तर:
आग्नेय

प्रश्न 14.
‘खिलाड़ी’ का मूल शब्द ………………..।
उत्तर:
खेल

अव्यय

प्रश्न 1.
अचानक वर्षा आ गई रेखांकित शब्द कौन-सा अव्यय है?
उत्तर:
क्रिया विशेषण

प्रश्न 2.
नौकर के हाथ चिट्ठी भेज दो- रेखांकित अंश कौन- सा अव्यय है?
उत्तर:
संबंधसूचक

प्रश्न 3.
कक्षा में लगभग चालीस विद्यार्थी थे – रेखांकित शब्द कौन-सा अव्यय है ?
उत्तर:
क्रिया विशेषण

प्रश्न 4.
तुम पुरी जाओ, नहीं तो मैं जाऊँगा – रेखांकित शब्द कौन-सा अव्यय?
उत्तर:
समुच्चयबोधक

BSE Odisha 10th Class Hindi व्याकरण विभाग

प्रश्न 5.
कुछ शब्द ऐसे होते हैं जिनमें कभी किसी भी स्थिति में परिवर्तन नहीं होता, ऐसे शब्दों को ………… कहते है।
उत्तर:
अव्यय

प्रश्न 6.
जो शब्द दो सजातीय पदों या दो स्वतंत्र उपवाक्यों को जोड़ते या अलग करते हैं, उसे …………… अव्यय कहा जाता है।
उत्तर:
समुच्चयबोधक

प्रश्न 7.
पेड़ लगाएँ जीवन बचाएँ वाक्य में सही अव्यय लगाइए।
उत्तर:
और

प्रश्न 8.
शेर शिकार पर झपटता है- वाक्य में सही अव्यय लगाइए।
उत्तर:
अचानक

प्रश्न 9.
वह अच्छा पढ़ता है, देर से उठता है- वाक्य में सही अव्यय लगाइए ।
उत्तर:
लेकिन

प्रश्न 10.
उनको दिल का दौरा पड़ा, अस्पताल गए हैं – वाक्य में सही अव्यय जोड़िए।
उत्तर:
इसलिए

विविध

प्रश्न 1.
‘बुबै’ शब्द का खड़ीबोली रूप ………….।
उत्तर:
बोए

प्रश्न 2.
‘हिरदै’ शब्द का खड़ीबोली रूप……………।
उत्तर:
हृदय

प्रश्न 3.
‘बाको’ शब्द का खड़ीबोली रूप ……………।
उत्तर:
उसको

प्रश्न 4.
‘तलवार’ शब्द का खड़ीवोली रूप …………… है।
उत्तर:
तलवार

प्रश्न 5
‘खोदना’ शब्द का सही भाववाचक संज्ञारूप …………….. है।
उत्तर:
खुदाई

BSE Odisha 10th Class Hindi व्याकरण विभाग

प्रश्न 6.
‘चतुर’ शब्द का सही भाववाचक संज्ञारूप ………….. है।
उत्तर:
चतुराई

प्रश्न 7.
‘दौड़ना’ शब्द का सही भाववाचक संज्ञारूप ………….. हैं।
उत्तर:
दौड़

प्रश्न 8.
‘दाँत खट्टे करता’ का अर्थ …………. है।
उत्तर:
परास्त करना

प्रश्न 9.
‘जान की वाजी लगाना’ का अर्थ ………….. है।
उत्तर:
जी तोड़ कोशिश करना

प्रश्न 10.
‘बीड़ा उठाना’ का अर्थ …………… है।
उत्तर:
दायित्व संभालना

प्रश्न 11.
‘खुफिया’ शब्द का अर्थ …………….. है।
उत्तर:
गुप्त

प्रश्न 12.
‘मुदर्रिसी’ शब्द का अर्थ …………….।
उत्तर:
शिक्षकता

प्रश्न 13.
‘सलोने’ शब्द का अर्थ ……………..।
उत्तर:
सुन्दर

BSE Odisha 10th Class Hindi व्याकरण विभाग

प्रश्न 14. ‘
अचरज’ का तत्सम रूप है:
उत्तर:
आश्चर्य

प्रश्न 15.
‘कुआँ’ शब्द का सही तत्सम रूप ………………।
उत्तर:
कूप

प्रश्न 16.
‘कचूमर निकालना’ शब्द का सही अर्थ क्या है?
उत्तर:
पीटना

प्रश्न 17.
नीली गाय कौन-सा समास है?
उत्तर:
कर्मधारय

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Chapter 1 श्रम की प्रतिष्ठा

Odisha State Board  BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Chapter 1 श्रम की प्रतिष्ठा Textbook Exercise Questions and Answers.

BSE Odisha Class 9 Hindi Solutions Chapter 1 श्रम की प्रतिष्ठा

प्रश्न और अभ्यास (ପ୍ରଶ୍ନ ଔର୍ ଅଭ୍ୟାସ)

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो-तीन वाक्यों में दीजिए।
(ନିମ୍ନଲିଖୂ ପ୍ରଶ୍ନ କେ ଉତ୍ତର ଦୋ-ତୀନ୍ ବାର୍କୋ ମେଁ ଦୀଜିଏ) ।
(ନିମ୍ନଲିଖ ପ୍ରଶ୍ନଗୁଡ଼ିକର ଉତ୍ତର, ଦୁଇ-ତିନୋଟି ବାକ୍ୟରେ ଦିଅ ।)

(क) कर्मयोगी होने पर कौन-सा फायदा मिलता है?
(କର୍ମଯୋଗୀ ହୋନେ ପର୍ କୌନ୍-ସା ଫାୟଦା ମିତାହୈ ?)
(ପରିଶ୍ରମୀ ହେଲେ କେଉଁ ଲାଭ ମିଳିପାରିବ ?)
उत्तर:
कर्मयोगी होने पर यह फायदा मिलता है कि कर्मयोगी जीवन में पाप का आसानी से प्रवेश नहीं हो सकता। दिन भर कर्म करने हेतु पाप-चिंतन को समय नहीं मिलता और रात को थका -माँदा शरीर आराम चाहता है। वे श्रम से रोजी रोटी कमाते है।

(ख) फुरसती लोगों को कर्मयोगी क्यों कहा नहीं जा सकता?
(ଫୁରସତା ଲୋଗେଁ। କୋ କର୍ମଯୋଗୀ କ୍ୟା କହା ନେହୀ ଜା ସକ୍ତା ?)
(ଅଳସୁଆ (କାମରୁ ମୁକ୍ତି) ଲୋକମାନଙ୍କୁ କାହିଁକି କର୍ମଯୋଗୀ କୁହାଯିବ ନାହିଁ ?)
उत्तर:
फुरसती लोगों के जीवन में पाप दिखता है। उसके पास समय फाजिल पड़ा है। इससे शैतान का काम शरू होता है। वे श्रम को टालता है, वे कई प्रकार के व्यसन में होते है इसलिए उसको कर्मयोगी कहा नहीं जा सकता।

(ग) देहाती लोग अपने बच्चों को तालीम देनेकी बात क्यों करते हैं?
(ଦେହ।ତା ଲୋଗୁ ଅପନେ ବର୍ଡୋ କୋ ତାଲିମ୍ ଦେନେକୀ ବାତ୍ କୈ କର୍‌ତେ ହୈ ? (ଗ୍ରାମିଣ ଲୋକ ନିଜର ପିଲାମାନଙ୍କୁ ପ୍ରଶିକ୍ଷଣ ଦେବାର କଥା କାହିଁକି କହିଛନ୍ତି ?)
उत्तर:
देहाती लोग अपने बच्चों को तालीम देने की बात करने का कारण यह है कि बच्चा ज्ञानी बनेगा, -धर्म-ग्रन्थ पढ़ सकेगा और जीवन में हर काम विचार पूर्वक करेगा। फिर भी लडके को नौकरी मिलेगी जिससे मजदूर बनकर दिन भर खटना न पड़ेगा।

(घ) भगवान् कृष्ण ने श्रम का आदर कैसे किया?
(ଭଗବାନ୍ କୃଷ୍ଣ ନେ ଶ୍ରମ୍ କା ଆଦର୍ କୈସ୍ କିୟା ?)
(ଭଗବାନ୍ କୃଷ୍ଣ ଶ୍ରମର ଆଦର କିପରି କଲେ ?)
उत्तर:
भगवान् कृष्ण ने श्रम का आदर इसलिए किया कि कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता है। दृष्टान्त यह है कि कृष्ण ने राजसूय यज्ञ में जूठी पत्तले उठाने का काम लिया।

(ङ) ज्ञानी और मजदूर में क्या फर्क होता है?
(ଜ୍ଞାନୀ ଔର୍ ମଜଦୂର୍‌ ମେଁ କ୍ୟା ଫର୍କ ହୋତା ହୈ ?)
(ଜ୍ଞାନୀ ଏବଂ ମୂଲିଆ ମଧ୍ୟରେ କ’ଣ ତଫାତ୍ ଅଛି ?)
उत्तर:
ज्ञानी और मजदूर में यह फर्क है कि ज्ञानी खा सकते हैं और आशीर्वाद दे सकते है, काम नहीं कर सकते मगर मजदूर सवेरे उठकर पीसता है। ज्ञानी को काम नहीं करना चाहिए।

(च) शारीरिक और दिमागी श्रम की प्रतिष्ठा कैसे बढ़ सकती है?
(ଶାରୀରିକ ଔର୍ ଦିମାଗା ଶ୍ରମ କୀ ପ୍ରତିଷ୍ଠା କୈସେ ବଢୁ ସକ୍‌ତୀ ହୈ ?)
(ଶାରୀରିକ ଓ ମସ୍ତିଷ୍କ ଶ୍ରମର ପ୍ରତିଷ୍ଠା କିପରି ବଢ଼ି ପାରିବ ?)
उत्तर:
शारीरिक श्रम करने वाले को हमें नीच मानना नहीं चाहिए। शारीरिक श्रम और दिमागी काम का मूल्य समान होना जरुरत है। शारीरिक श्रम और दिमागी काम दोनों करने वालों को हर सुविधा सुयोग ठीक से प्रदान हो तो श्रम की प्रतिष्ठा बढ़ सकती है।

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Chapter 1 श्रम की प्रतिष्ठा

2. निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर एक-एक वाक्य में दीजिए।
(ନିମ୍ନଲିଖୂ ପ୍ରଶ୍ନ କା ଉତ୍ତର୍ ଏକ୍-ଏକ୍ ବାକ୍ୟ ମେଁ ଦୀଜିଏ) ।
(ନିମ୍ନଲିଖ ପ୍ରଶ୍ନଗୁଡ଼ିକର ଉତ୍ତର ଗୋଟିଏ-ଦୁଇଟି ବାକ୍ୟରେ ଦିଅ)

(क) शेषनाग किसे कहा गया है?
(ଶେଷନାଗ୍ କିସେ କହା ଗୟା ହୈ ?)
(ଶେଷନାଗ କାହାକୁ କୁହାଯାଇଛି ?)
उत्तर:
दिनभर शरीर – श्रम करने वाले मजदूर जो किस्म-किस्म की पैदावार करते है उसे शेषनाग कहा गया है।

(ख) कौन धर्म-पुरुष हो जाता है?
(କୌନ୍ ଧର୍ମ-ପୁରୁଷ୍ ହୋ ଜାତା ହୈ ?)
(କିଏ ଧର୍ମ ପୁରୁଷ ହୋଇପାରିବ ?)
उत्तर:
जो आदमी पसीने से रोटी कमाता है, वह धर्म पुरुष हो जाता है।

(ग) किसके जीवन में पाप का आसानी से प्रवेश नहीं हो सकता?
(କିସ୍‌ ଜୀବନ ମେଁ ପାପ କା ଆସାନୀ ସେ ପ୍ରବେଶ ନେହୀ ହୋ ସକତା ?)
(କାହାର ଜୀବନର ପାପ ସହଜରେ ପ୍ରବେଶ କରିପାରିବ ନାହିଁ ?)
उत्तर:
धर्म-पुरुष के जीवन में पाप का आसानी से प्रवेश नहीं हो सकता।

(घ) किसे कर्मयोगी कहा जा सकता है?
(କିସେ କର୍ମୟୋଗୀ କହା ଜା ସକତା ହୈ ?)
(କାହାକୁ କର୍ମଯୋଗୀ କୁହାଯିବ ?)
उत्तर:
जो आदमी श्रम को टालता नहीं, किसी प्रकार के व्यसन उनमें नहीं होते है और लाचारी से कर्म नहीं करते, उसे कर्मयोगी कहा जा सकता है।

(ङ) फुरसती लोगों के जीवन में पाप क्यों दीखता है?
(ଫୁର୍‌ସତୀ ଲୋଗୋଁ କେ ଜୀବନ୍ ମେଁ ପାପ କେଁ ଦୀଖ୍ତା ହୈ ?)
(ଅଳସୁଆ ବା ଶ୍ରମବିମୁଖ ଲୋକମାନଙ୍କ ଜୀବନରେ ପାପ କାହିଁକି ଦେଖାଯାଏ ?)
उत्तर:
फुरसती लोगों के जीवन में शैतान का काम शुरू होता है, इसलिए जीवन में पाप दीखता है।

(च) मजदूरों को नीच कौन समझता है?
(ମକ ତୁରେଁ ଜୋ ନୀଚ କୌନ୍ ସମଝାତା ହୈ?)
(ଶ୍ରମିକମା ନଙ୍କୁ କେଉଁମାନେ ନୀଚ ଭାବନ୍ତି ?)
उत्तर:
दिमागी काम करने वाले लोग मजदूरों को नीच समझते है।

(छ) किसने कहा कि सीता को दीप की बाती भी जलाने नहीं आती?
(କିତ୍ସୂନେ କାହା କି ସାତା କୋ ଦୀପ୍ କୀ ବାତୀ ଭୀ ଜଲାନେ ନେହୀ ଆତୀ ?)
(କିଏ କହିଛନ୍ତି ଯେ ସୀତା କୁଜୀପର ସଳିତା ମଧ୍ୟ ଜଳିବାକୁ ଆସିବ ନାହିଁ)
उत्तर:
कौशल्या ने कहा कि सीता को दीप की बाती भी जलाने नहीं आती।

(ज) कृष्ण ने धर्मराज से क्या कहा?
କୃଷ୍ଣ ନେ ଧର୍ମରାଜ୍ ସେ କ୍ୟା କହା ?
(କୃଷ୍ଣ ଧର୍ମରାଜଙ୍କୁ କ’ଣ କହିଲେ ?)
उत्तर:
कृष्ण ने धर्मराज से कहा, “मुझे भी काम दो”।

(झ) ज्ञानी क्या नहीं कर सकते?
(ଜ୍ଞାନୀ କ୍ୟା ନେହୀ କର୍ ସଲ୍‌ ?)
(ପଣ୍ଡିତ କ’ଣ କରିପାରିବେ ନାହିଁ ?)
उत्तर:
ज्ञानी काम नहीं कर सकते।

(ञ) कौन मजदूर कहलाएगा?
(କୌନ୍ ମଜଦୂର୍ କହଲାଏଗା ?)
(କାହାକୁ ମୂଲିଆ (ଶ୍ରମିକ) କୁହାଯିବ ?)
उत्तर:
जो आदमी सवेरे उठकर पीसता है, वह मजदूर कहलाएगा।

(ट) किसका जीवन धार्मिक नहीं होता
(କାହାର ଜୀବନ ଧାର୍ମିକ ହୁଏ ନାହିଁ ?)
କିସ୍‌ ଜୀବନ୍ ଧାର୍ମିକ୍ ନେହୀ ହୋତା ?
उत्तर:
जो व्यक्ति काम टालते हैं और काम नहीं करते उसका जीवन धार्मिक नहीं होता।

(ठ) हम काम की इज्जत नहीं करते तो कौन-सा कार्य खोते हैं?
(ହମ୍ କାମ୍ କୀ ଇଜତ୍ ନେହୀ କର୍‌ତେ ତୋ କୌନ୍-ସା କାର୍ୟ ଖୋତେ ହେଁ ?)
(ଆମ୍ଭେ କାମର ସମ୍ମାନ କରିବା ନାହିଁତ ତେବେ କେଉଁ କାମ ନଷ୍ଟ ହେବ ?)
उत्तर:
हम काम की इज्जत नहीं करते तो धर्म-कार्य खोते हैं?

(ड) ब्राह्मण को अपरिग्रही क्यों माना गया था?
ବ୍ରାହ୍ମଣ୍ କୋ ଅପରିଗ୍ରହୀ ବ୍ୟୋ ମାନା ଗୟା ଥା ?
(ବ୍ରାହ୍ମଣକୁ ନିର୍ଲୋଭୀ କାହିଁକି କୁହାଯାଉଥିଲା ?)
उत्तर:
ब्राह्मण सिर्फ धोती और खाने का अधिकारी होने के साथ ज्ञानी होता था, इसलिए अपरिग्रही माना गया था।

(ढ) कब श्रम की प्रतिष्ठा होगी?
(କବ୍ ଶ୍ରମକୀ ପ୍ରତିଷ୍ଠା ହୋଗୀ ?)
(କେବେ ଶ୍ରମର ପ୍ରତିଷ୍ଠା ହେବ ?)
उत्तर:
शारीरिक और मानसिक कामों का मूल्य समान होने से श्रम की प्रतिष्ठा होगी।

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Chapter 1 श्रम की प्रतिष्ठा

3. निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर एक-एक शब्द में दीजिए।
ନିମ୍ନଲିଖୂ ପ୍ରଶ୍ନ କେ ଉତ୍ତର୍ ଏକ୍-ଏକ୍ ଶବ୍ଦ ମେଁ ଦୀଜିଏ ।
(ନିମ୍ନଲିଖ ପ୍ରଶ୍ନଗୁଡ଼ିକର ଉତ୍ତର ଗୋଟିଏ-ଗୋଟିଏ ଶବ୍ଦରେ ଦିଅ ।)

(क) यह पृथ्वी किसके मस्तक पर स्थित है?
(ୟହ ପୃଥ‌ିବୀ କିସ୍‌ ମସ୍ତକପର୍ ସ୍ଥିତ ହୈ?)
(ଏହି ପୃଥ‌ିବୀ କାହାର ମସ୍ତକ ଉପରେ ଅବସ୍ଥିତ ?)
उत्तर:
शेषनाग

(ख) भगवान् ने किसे कर्मयोगी कहा है?
(ଭଗବାନ୍ ନେ କିସେ କର୍ମୟୋଗୀ କହା ହୈ ?)
(ଭଗବାନ କାହାକୁ କର୍ମଯୋଗୀ କହିଛନ୍ତି ?)
उत्तर:
मजदूरों को

(ग) अपने पसीने से कौन रोटी कमाता है?
(ଅପ୍‌ ପସୀନେ ସେ କୌନ୍ ରୋଟୀ କମାତା ହୈ ?)
(ନିଜ ପରିଶ୍ରମରେ କିଏ ରୋଜଗାର କରନ୍ତି? )
उत्तर:
मजदूर

(घ) किसे कर्मयोगी कहा नहीं जा सकता?
(କିସ୍ କର୍ମୟୋଗୀ କହା ନେତ୍ରୀ ଜା ସକ୍‌ତା ?)
(କାହାକୁ କର୍ମଯୋଗୀ କୁହାଯିବ ନାହିଁ ?)
उत्तर:
श्रम टालने वाले को

(ङ) जहां समय फाजिल पड़ा होता है, वहां किसका काम शुरू हो जाता है?
(ଜହାଁ ସମୟ ଫାଜିଲ୍ ପଡ଼ା ହୋତା ହୈ, ୱହାଁ କିସ୍ କା କାମ ଶୁରୁ ହୋ ଜାତା ହୈ ?)
(ଯେଉଁଠାରେ ସମୟ ଆବଶ୍ୟକଠାରୁ ଅଧ‌ିକ ହେବ, ସେଠାରେ କାହାର କାମ ଆରମ୍ଭ ହେଉଛି ?)
उत्तर:
शैतान का

(च) किन-किन लोगों के जीवन में पाप दिखता है?
(କିନ୍-କିନ୍ ଲୋଗୋଁ କେ ଜୀବନ୍ ମେଁ ପାପ ଦିଖ୍ ହୈ ?)
(କେଉଁ ଲୋକମାନଙ୍କ ଜୀବନରେ ପାପ ଦେଖାଯାଏ ?)
उत्तर:
फुरसती, मजदूर

(छ) कौन कहता है कि उनके बच्चों को तालीम मिलनी चाहिए?
(କୌନ୍ କହତା ହୈ କି ଉକେ ବର୍ଡୋ କୋ ତାଲିମ୍ ମିଲନୀ ଚାହିଏ ?)
(କିଏ କହନ୍ତି ଯେ ତାଙ୍କର ପିଲାମାନଙ୍କୁ ପ୍ରଶିକ୍ଷଣ ମିଳିବା ଉଚ୍ଚିତ୍‌ ?)
उत्तर:
देहातीलोग

(ज) राजसूय यज्ञ किसने किया था?
(ରାଜସୂୟ ୟଜ୍ଞ କିସ୍‌ କିୟା ଥା ?)
(ରାଜସ୍ଵୟ ଯଜ୍ଞ କିଏ କରିଥିଲେ ?)
उत्तर:
धर्मराज

(झ) कौन-से श्रम की प्रतिष्ठा मानी गयी है?
କୌନ୍ ସେ ଶ୍ରମ କୀ ପ୍ରତିଷ୍ଠା ମାନୀ ଗୟୀ ହୈ ? (କେଉଁ ଶ୍ରମର ପ୍ରତିଷ୍ଠା ସ୍ଵୀକାର କରାଯାଇଛି ? ବା କେଉଁ ଶ୍ରମକୁ ପ୍ରତିଷ୍ଠିତ ଶ୍ରମ ବୋଲି ସ୍ଵୀକାର କରାଯାଇଛି ?)
उत्तर:
दिमागी काम

(अ) दिमागी काम कौन करता था?
(ଦିମାଗୀ କାମ୍ କୌନ୍ କରିତା ଥା ?)
(ମାନସିକ ଶ୍ରମ ବା ମସ୍ତିଷ୍କ ଶ୍ରମ କିଏ କରିଥିଲେ ?)
उत्तर:
महात्मा गाँधी

(ट) अपरिग्रही किसे माना गया था?
(‘ଅପରିଗ୍ରହୀ କିସ୍ ମାନ ଗୟା ଥା ?)
(‘ନିର୍ଲୋଭୀ’ କାହାକୁ କୁହାଯାଉଥିଲା ?)
उत्तर:
ब्राह्मण

(ठ) बिना काम किये हमारा जीवन कैसा बनता है?
(ବିନା କାମ୍ କିୟେ ହମାରା ଜୀବନ୍ କୈସେ ବନ୍‌ହୈ ?)
(କାମ ବିନା ଆମର ଜୀବନ କିପରି ହେବ ?)
उत्तर:
पापी

(ड) किसका मूल्य समान होना चाहिए?
(କିସ୍‌ ମୂଲ୍ୟ ସମାନ୍ ହୋନା ଚାହିଏ ?)
(କାହାର ମୂଲ୍ୟ ସମାନ ହେବା ଉଚିତ ?)
उत्तर:
काम का

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Chapter 1 श्रम की प्रतिष्ठा

4. निम्नलिखित अवतरणों का आशय स्पष्ट कीजिए।
(ନିମ୍ନଲିଖ୍ ଗଦ୍ୟଖଣ୍ଡ ଗୁଡ଼ିକର ଉଦ୍ଦେଶ୍ୟ ସ୍ପଷ୍ଟ କର ।)

(क) लेकिन सिर्फ कर्म करने से कोई कर्मयोगी नहीं होता।
उत्तर:
ଲେକିନ୍ ସିଫ୍ କର୍ମ କର୍‌ନେ ସେ କୋଈ କର୍ମୟୋଗୀ ନେହୀ ହୋତା ।
(କିନ୍ତୁ କେବଳ କର୍ମ କରିବା ଦ୍ୱାରା କେହି କର୍ମଯୋଗୀ ହୁଏ ନାହିଁ ।)
उत्तर:
यह अबतरण ‘श्रम की प्रतिष्ठा’ से लिया गया है। यहाँ बिनोबा जी कर्मयोगी पर वर्णन किया है। संसार में हर आदमी कर्म करते है लेकिन सभी कर्म का मूल लक्ष्य निर्द्दिष्ट होना चाहिए । मजदूर दिन रात कर्म करते है, वह कर्मयोगी नहीं कहलाता। कर्म करने के साथ भगवान पर ध्यान रखना है। जो व्यक्ति अपने पसीने से रोटी कमाते है वह कर्मयोगी कहलाते है।

(ख) जहाँ समय फाजिल पड़ा है, वहाँ शैतान का काम शुरू हो जाता है।
(ଜହାଁ ସମୟ ଫାଜିଲ୍ ପଢ଼ା ହୈ, ୱର୍ଡା ଶୈତାନ୍ କା କାମ୍ ଶୁରୁ ହୋ ଜାତା ହୈ )।
(ଯେଉଁଠାରେ ସମୟ ଆବଶ୍ୟକତା ଠାରୁ ଅଧିକ ଅଛି, ସେଠାରେ ଦୃଷ୍ଟର ବା ଶଇତାନର କାମ ଆରମ୍ଭ ହେଉଚ୍ଛା)
उत्तर:
यह गद्यखण्ड ‘श्रम की प्रतिष्ठा’ से लिया गया है। इस पर विनोबाजी ने समय के व्यवहार पर चर्चा की। जो व्यक्ति के पास समय आवश्यकता से अधिक है, वे समय को ठिक रूप से सद्व्यवहार नहीं कर सकता है। उसके जीवन मे पाप दिखता है। कर्म को पूजा नहीं समझते। वे हमेशा कुचिन्ता में फस जाता है।

(ग) ज्ञानी तो खा सकते हैं और आशीर्वाद दे सकते हैं; काम नहीं कर सकते।
ଜ୍ଞାନୀ ତୋ ଖା ସତ୍ତ୍ଵେ ହେଁ ଔର୍ ଆଶୀର୍ବାଦ୍ ଦେ ସକ୍‌ ହେଁ, କାମ୍ ନେହୀ କର୍‌ସଲ୍‌ । ଜ୍ଞାନୀ ଖାଇ ପାରିବ ଏବଂ ଆଶୀର୍ବାଦ ଦେଇପାରିବ, କାମ କରି ପାରିବ ନାହିଁ ।)
उत्तर:
यह अवतरण ‘श्रम की प्रतिष्ठा’ से लिया गया है। यहाँ विनोबाजी ने ज्ञानी के काम पर गुरुत्व दिया है। ज्ञानी खाता और आशीर्वाद देता इसलिए कि उसके पास ज्ञान और विबेक दोनों हैं । कोई सवेरे उठकर पीसता है वे ज्ञानी नहीं, मजदूर कहलायेगा। बूढ़ों और बच्चों को काम देना निष्ठुरता है। इसलिए बूढ़ो को काम से मुक्त रहना ठीक है।

(घ) अगर हम बिना काम किये खाते हैं तो हमारा जीवन पापी बनता है।
(ଅଗର୍ ହମ୍ ବିନା କାମ୍ କିୟେ ଖାତେ ହୈ ତୋ ହମାରା ଜୀବନ୍ ପାପୀ ବନ୍ଧା ହୈ ।)
(ଯଦି ଆମ୍ଭେ କାମ ନକରି ଖାଇବା ତ ଆମ୍ଭ ଜୀବନ ପାପୀ ବା ପାପପୂର୍ଣ୍ଣ ହୋଇଯିବ ।)
उत्तर:
यह अवतरण विनोबाजी द्वारा लिखित ‘श्रम कि प्रतिष्ठा’ से लिया गया है। प्रत्येक व्यक्ति को कुछ-न-कुछ श्रम करने के साथ समाज के सभी वर्ग के लोगों श्रम करने के सक्षम होने की कोशिश करना आवश्यक है। जो आदमी कुछ नकर खाते है, वह पापी बनाता है। शारीरिक श्रम और दिमागी काम का मूल्य भी समान होना चाहिए।

(ङ) प्रस्तुत निबंध से हमें कौन-सी शिक्षा मिलती है?
(ପ୍ରସ୍ତୁତ୍ ନିବଂଧୂ ସେ ହମ୍ କୌନ୍-ସି ଶିକ୍ଷା ମିଲ୍‌ ହୈ ?)
(ପ୍ରସ୍ତୁତ ନିବଂଧରୁ ଆମକୁ କେଉଁ ଶିକ୍ଷା ମିଳୁଛି ?)
उत्तर:
प्रस्तुत निबंध से यह शिक्षा मिलती है कि प्रत्येक व्यक्ति को कुछ-न-कुछ श्रम करना चाहिए। निबन्धकार के विचार है कि जो अपने पसीने से रोटी कमाता है, वह पाप कर्मों से कोसो भागता है। शारीरिक श्रम और दिमागी काम का मूल्य समान होना जरूरी है।

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Chapter 1 श्रम की प्रतिष्ठा

5. रिक्त स्थानों को भरिए। (ପ୍ରସ୍ତୁତ୍ ନିବଂଧୂ ସେ ହମ୍ କୌନ୍-ସି ଶିକ୍ଷା)

(क) इसलिए भगवान् ने ………………… कर्मयोगी कहा है।
उत्तर:
मजदूरो,

(ख) ऐसा इसलिए होता है कि वे कर्म को ………………… नहीं समझते।
उत्तर:
पूजा,

(ग) भगवान् ने कहा, आदरणीय हैं तो क्या ……………….. हैं?
उत्तर:
नालायक,

(घ) दिमागी काम करनेवालों को भी ……………. दिये हैं।
उत्तर:
हाथ,

(ङ) ……………………. जो ज्ञानी होता था, पढ़ाता था।
उत्तर:
ब्राह्मण

भाषा-ज्ञान (ଭାଷା-ଜ୍ଞାନ)

1. ‘देहाती’ शब्द देहात के साथ ‘ई’ प्रत्यय के योग से बना है। शब्द के अंत में आनेवाले, शब्दांशों को प्रत्यय कहते हैं। यहाँ ‘ई’ एक तद्धित प्रत्यय है। हिन्दी में दो प्रत्यय होते हैं – कृदन्त और तद्धित।
(ଦେହାତ ଶବ୍ଦ ସହିତ ‘ଈ’ ପ୍ରତ୍ୟୟ ଯୋଗରେ ‘ଦେହତୀ’ ହୋଇଛି । ଶବ୍ଦର ଶେଷରେ ଆସୁଥ‌ିବା ଶତାଂଶକୁ ପ୍ରତ୍ୟୟ କୁହାଯାଏ । ଏଠାରେ ‘ଈ’ ଗୋଟିଏ ତଦ୍ଧିତ ପ୍ରତ୍ୟୟ ଅଟେ ।)ହିନ୍ଦୀରେ ପ୍ରତ୍ୟୟ ଦୁଇ ପ୍ରକାର ।
(i) କୃଦନ୍ତ୍ର
(ii) ତଦ୍ଧିତ

उपर्युक्त उदाहरण की तरह ‘ई’ प्रत्यय के योग से बननेवाले शब्दों को प्रस्तुत निबंध से खोजकर लिखिए
(ଉପର ବର୍ଣ୍ଣିତ ଉଦାହରଣ ଭଳି ‘ଈ’ ପ୍ରତ୍ୟୟ ଯୋଗ ହୋଇଥ‌ିବା ଶବ୍ଦଗୁଡ଼ିକୁ ପ୍ରସ୍ତୁତ ନିବନ୍ଧରୁ ବାଛି ଲେଖ ।)
उत्तर:
कर्मयोगी, आसानी, मजदूरी, नौकरी, ज्ञानी, बेकारी, ब्यापारी, लाचारी, पापी, अधिकारी, उपकारी। ‘यह पृथ्वी शेषनाग के मस्तक पर स्थित है’।

2. ‘यह पृथ्वी शेषनाग के मस्तक पर स्थित है’।
इस वाक्य में प्रयुक्त ‘पर’ अधिकरण कारक की सप्तमी विभक्ति का चिह्न है। इसे परसर्ग भी कहते हैं।
(ଏହି ବାକ୍ୟରେ ବ୍ୟବହୃତ ‘पर’ ଅଧିକରଣ କାରକ ସପ୍ତମୀ ବିଭକ୍ତିର ଚିହ୍ନ ଅଟେ । ଏହାକୁ ମଧ୍ୟ ପରସର୍ଗ କହନ୍ତି ।)
प्रस्तुत निबंध में जहाँ-जहाँ इसी परसर्ग ‘पर’ का प्रयोग हुआ है, उन्हें छाँटकर लिखिए ।
(ପ୍ରସ୍ତୁତ ନିବନ୍ଧରେ ଯେଉଁଠାରେ ଏହି ‘पर’ ପରସର୍ଗର ପ୍ରୟୋଗ ହୋଇଅଛି, ସେଗୁଡ଼ିକୁ ବାଛି ଲେଖ ।)
उत्तर:

  1. यह पृथ्वी शेषनाग के मस्तक पर स्थित है।
  2. हिन्दुस्तान में कुछ मजदूर खेतों पर काम करते हैं।
  3. वह मजदूरी तो करता है पर उसमें उसे गौरब नहीं लगता।
  4. बेटी समान माना पर मेहनत को हीन माना गया।
  5. शरीर-श्रम की प्रतिष्ठा न मानों, पर महात्मा गांधी तो दिमागी काम करते थे।

(ଯଦି ଆଉ କୌଣସି ଏହି ପରି ବାକ୍ୟ ଥାଏ, ସେଗୁଡ଼ିକୁ ବାଛି ଲେଖ ।)

3. निम्नलिखित वाक्यों पर ध्यान दीजिए।

  1. जो शख्स पसीने से रोटी कमाता है, वह धर्म-पुरुष हो जाता है।
  2. अगर हम काम की इज्जत नहीं करते तो बड़ा भारी धर्म – कार्य खोते हैं।
  3. शरीर – श्रम करनेवाले को हम नीच मानते हैं।

इन वाक्यों में प्रयुक्त धर्म-पुरुष, धर्म – कार्य और शरीर-श्रम अधिक शब्दों के मेल से बने हैं।
(ଏହି ବାକ୍ୟଗୁଡ଼ିକରେ ବ୍ୟବହୃତ ‘ଧର୍ମ-ପୁରୁଷ’, ‘ଧର୍ମ-କାର୍ଯ୍ୟ’ ଓ ‘ଶରୀର-ଶ୍ରମ’ ଅଧ‌ିକ ଶବ୍ଦଗୁଡ଼ିକର ମିଳନରେ ଗଠିତ ହେ।ଇଚ୍ଛି)

  • जैसे- धर्म (का) पुरुष
  • धर्म (का) कार्य
  • शरीर (का) श्रम

जब एकाधिक शब्द एक-दूसरे से मिल जाते हैं, तब उस मेल को समास कहा जाता है।
(ଯେତେବେଳେ ଏକାଧିକ ଶବ୍ଦ ଗୋଟିଏ ଅନ୍ୟଟି ସହିତ ମିଳିଯାଆନ୍ତି, ସେତେବେଳେ ସେହି ମିଳନକୁ ସମାସ କୁହାଯାଏ ।)

समास सात प्रकार के होते हैं-

  1. अव्ययीभाव
  2. तत्पुरुष समास
  3. नञ् तत्पुरुष
  4. कर्मधारय
  5. द्विगु
  6. द्वन्द्व
  7. बहुब्रीहि समास

उपर्युक्त उदाहरण तत्पुरुष समास के हैं।

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Chapter 1 श्रम की प्रतिष्ठा

4. ‘आज देहाती लोग भी कहते हैं कि हमारे बच्चों को तालीम मिलनी चाहिए।’ इस वाक्य में ‘आज देहाती लोग भी कहते हैं’ प्रधान वाक्य है और ‘हमारे बच्चों को तालीम मिलनी चाहिए’ आश्रित वाक्य है। इन दोनों वाक्यों को संयोजक अविकारी शब्द ‘कि’ मिलाता है।
याद रखिए:
जिस वाक्य में एक प्रधान वाक्य और एक आश्रित वाक्य हो, उसे मिश्र वाक्य कहते हैं। रचना की दृष्टि से वाक्य के अनेक भेद पाये जाते हैं – सरल वाक्य, मिश्र वाक्य, संयुक्त वाक्य आदि।

सरल वाक्य: नृत्यांगना चन्द्रिका ने नृत्य महोत्सव में सभी दर्शकों का मन मोहित कर लिया।

मिश्र वाक्य : बाण से घायल एक हंस जब उपवन में गिर पड़ा, तब राजकुमार सिद्धार्थ ने उसे तुरन्त उठा लिया।

संयुक्त वाक्य: पानी में भीगे हुए बच्चे पेड़ पर चढ़ गये और पके पके फल तोड़ने लगे।

5. इस पाठ में जीवन, लोग, काम के आगे क्रमशः धार्मिक, देहाती और दिमागी शब्दों का प्रयोग हुआ है। इन शब्दों से उनकी विशेषता उभर कर आती है। पाठ से कुछ ऐसे ही शब्द छाँटिए जो किसी की विशेषता बता रहे हों।
उत्तर:
ज्ञानी लोग
जूठी पत्तल
सफाई कर्मचारी
थका-माँदा शरीर
(ଏହିପରି ପିଲାମାନେ ଅନ୍ୟ ଶବ୍ଦକୁ ବାଛି ଲେଖୁବେ ।)

अतिरिक्त प्रश्नोत्तर

1. मजदूरों को कौन नीच समझते है?
(ମଜଦୂରୌ କୋ କୌନ୍‌ ନୀବ୍ ସମଝତେ ହୈ ?)
(ଶ୍ରମିକମାନଙ୍କୁ କିଏ ନୀଚ ଭାବନ୍ତି ?)
उत्तर:
दिमागी काम करने वाले लोग मजदूरों को नीच समझते है। थोड़ा-सा काम लेने के लिए जीतनी मजदूरी देनी पड़ेगी उतनी ही देंगे पर ज्यादा से ज्यादा काम लेंगे। उन्हें काम से भी घृणा ह ।

2. किसके जीवन में पाप आसानी से प्रवेश नहीं हो सकता?
(କିସ୍‌ ଜୀୱନ୍ ମେଁ ପାପ୍ ଆସାନୀ ସେ ପ୍ରବେଶ ନର୍ଜୀ ହୋ ସକତା) ?
(କାହା ଜୀବନରେ ପାପ ସହଜରେ ପ୍ରବେଶ କରେ ନାହିଁ ।?)
उत्तर:
हिन्दुस्तान में कुछ मजदूर खेतो पर काम करते है, कुछ रेलवे में काम करते हैं, कुछ कारखाने में काम करते हैं। इन लोगों अपने पसीने से रोजी रोटी कमाते है। इसलिए उसके जीवन में पाप आसानी से प्रवेश नहीं हो सकता।

3. श्रम की प्रतिष्ठा निबन्ध से हमें कौन सी शिक्षा मिलती है?
(ଶ୍ରମ୍ କୀ ପ୍ରତିଷ୍ଠା ନିବନ୍ଧ ସେ ହର୍ମେ କୌନ୍ ସୀ ଶିକ୍ଷା ମିଲ୍‌ ହୈ ?)
(ଶ୍ରମ କୀ ପ୍ରତିଷ୍ଠା ନିବନ୍ଧରୁ ଆମେ କେଉଁ ଶିକ୍ଷା घाबू ?)
उत्तर:
‘श्रम की प्रतिष्ठा’ निवन्ध से हमे यह शिक्षा मिलती है कि प्रत्येक व्यक्ति को कुछ ना कुछ श्रम करना आवश्यक है। कर्मयोगी की महत्ता पर वल देने के साथ अपने पसीने से रोटी कमाता, शारीरिक श्रम और दिमागी काम का मूल्य समान होना चाहिए। संसार में कोई काम छोटा या बड़ा नहीं होता।

अति संक्षिप्त उत्तरमूलक प्रश्नोत्तर

A. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में दीजिए ।

प्रश्न 1.
‘श्रम की प्रतिष्ठा’ निबंध किसने लिखा है?
उत्तर:
‘श्रम की प्रतिष्ठा’ निबंध आचार्य विनोबा भावे ने लिखा है।

प्रश्न  2.
आचार्य विनोबा भावे का जन्म कब और कहाँ हुआ था?
उत्तर:
आचार्य विनोबा भावे का जन्म ११ सितम्बर, सन् १८९५ ई° को महाराष्ट्र के गंगोदा गाँव में हुआ था।

प्रश्न 3.
आचार्य विनोबा भावे का पूरा नाम क्या है?
उत्तर:
आचार्य विनोबा भावे का पूरा नाम विनायक राव भावे है।

प्रश्न 4.
आचार्य विनोबा जी अविवाहित क्यों रहे ?
उत्तर:
अपनी माता की प्रेरणा से आचार्य विनोबा जी अविवाहित रहे।

प्रश्न 5.
आचार्य भावे जी का क्या स्वप्न था?
उत्तर:
‘सर्वोदय’ को साकार करना आचार्य भावे जी का स्वप्न था।

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Chapter 1 श्रम की प्रतिष्ठा

प्रश्न 6.
‘श्रम की प्रतिष्ठा’ निबंध में निबंधकार ने किस पर प्रकाश डाला है?
उत्तर:
‘श्रम की प्रतिष्ठा’ निबंध में निबंधकार ने श्रम के महत्व पर प्रकाश डाला है।

प्रश्न 7.
शेषनाग किसे कहा गया है?
उत्तर:
दिनभर अथक परिश्रम करनेवाले मजदूर को शेषनाग कहा गया है।

प्रश्न 8.
पृथ्वी किसके मस्तक पर स्थित है?
उत्तर:
पृथ्वी शेषनाग के मस्तक पर स्थित है।

प्रश्न 9.
भगवान ने कर्मयोगी किसे कहा है?
उत्तर:
भगवान ने मजदूरों को कर्मयोगी कहा है।

प्रश्न 10.
कौन धर्म-पूरूष हो जाता है?
उत्तर:
जो पसीने से रोटी कमाता है, वह धर्म-पुरुष हो जाता है।

प्रश्न 11.
कौन मजदूर कहलाएगा?
उत्तर:
जो सबेरे उठकर पीसता है या काम में लग जाता है वह मजदूर कहलाएगा।

प्रश्न 12.
किसके जीवन में पाप आसानी से प्रवेश नहीं कर सकता?
उत्तर:
पसीने से रोटी कमाने वाले धर्म-पुरुष जैसे लोगों के जीवन में पाप आसानी से प्रवेश नहीं कर सकता।

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Chapter 1 श्रम की प्रतिष्ठा

प्रश्न 13.
कोन कर्मयोगी नहीं हो सकता?
उत्तर:
केवल श्रम करने से कोई कर्मयोगी नहीं हो सकता।

प्रश्न 14.
शैतान का काम कब शुरु होता है?
उत्तर:
फाजिल पड़े समय में शैतान का काम शुरु होता है।

प्रश्न 15.
किनके जीवन में पाप दिखता है?
उत्तर:
फुरसती लोगों के जीवन में पाप दिखता है।

प्रश्न 16.
मजदूरों को नीच कौन-लोग समझते हैं?
उत्तर:
दिमागी काम करनेवाले लोग मजदूरों को नीच समझते हैं।

प्रश्न 17.
ब्राह्मण को अपरिग्रही क्यों माना गया था?
उत्तर:
ब्राह्मण पढ़ाने के बदले सिर्फ धोती और खाने का अधिकारी था। इसलिए उसे अपरिग्रही माना गया।

प्रश्न 18.
राजसूय यज्ञ किसने किया था?
उत्तर:
धर्मराज युधिष्ठिर ने राजसूय यज्ञ किया था।

प्रश्न 19.
राजसूय यज्ञ में कृष्ण ने क्या काम किया?
उत्तर:
राजसूय यज्ञ में कृष्ण ने जूठी पत्तलें उठाने का और पोंछा लगाने का काम किया।

प्रश्न 20.
कब श्रम की प्रतिष्ठा होगी?
उत्तर:
जब हर कोई थोड़ा-थोड़ा परिश्रम करेगा और कामों का मूल्य समान होगा तब श्रम की प्रतिष्ठा हागी।

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Chapter 1 श्रम की प्रतिष्ठा

प्रश्न 21.
अपने पसीने से रोटी कौन कमाता है?
उत्तर:
अपने पसीने से रोटी धर्मपुरुष कमाता है।

प्रश्न 22.
हमारा जीवन पापी कब बनता है?
उत्तर:
अगर हम बिना काम किए खाते हैं तो हमारा जीवन पापी बनता है।

B. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक शब्द में दीजिए।

प्रश्न 1.
किसे कर्मयोगी कहा नहीं जा सकता?
उत्तर:
जो श्रम को टालता है

प्रश्न 2.
कौन से श्रम की प्रतिष्ठा मानी गयी है?
उत्तर:
दिमागी

प्रश्न 3.
शेषनाग किसे कहा गया है?
उत्तर:
मजदूर

प्रश्न 4.
किसे कर्मयोगी कहा जा सकता है?
उत्तर:
मजदूर

प्रश्न 5.
कौन मजदूरों को नीच समझता है?
उत्तर:
दीमागी काम करनेवाले लोग

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Chapter 1 श्रम की प्रतिष्ठा

प्रश्न 6.
किसने कहा कि सीता को दीप की बाती भी जलानी नहीं आती?
उत्तर:
कौसल्या

प्रश्न 7.
ज्ञानी क्या नहीं कर सकते?
उत्तर:
काम

प्रश्न 8.
किसका जीवन धार्मिक नहीं होता?
उत्तर:
जो काम को टालते हैं

प्रश्न  9.
यह पृथ्वी किसके मस्तक पर स्थित है?
उत्तर:
शेषनाग

प्रश्न 10.
कौन कहता है कि उनके बच्चों को तालीम मिलनी चाहिए?
उत्तर:
देहाती लोग

प्रश्न 11.
अपरिग्रही किसे माना गया था?
उत्तर:
ब्राह्मण

प्रश्न 12.
मैंने तो उसे दीप की बाती भी जलाने नहीं दी'”-यह वाक्य किसने कहा था?
उत्तर:
कौसल्य न

प्रश्न 13.
फुरसती लोगों में क्या दिखता है?
उत्तर:
पाप

प्रश्न 14.
कौन मजदूरों से ज्यादा से ज्यादा काम लेंगे?
उत्तर:
दीमागी काम करने वाले

प्रश्न 15.
धर्मराज ने कौन-सा यज्ञ किया था?
उत्तर:
राजसूयी यज्ञ

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Chapter 1 श्रम की प्रतिष्ठा

प्रश्न 16.
शेषनाग के मस्तक पर कौन स्थित है?
उत्तर:
पृथ्वी

प्रश्न 17.
‘श्रम की प्रतिष्ठा’ पाठ के लेखक कौन है?
उत्तर:
आचार्य विनोवा भावे

प्रश्न 18.
दिमागी काम कौन करता था?
उत्तर:
महात्मा गांधी

प्रश्न 19.
किसके जीवन में पाप आसानी से प्रवेश नहीं हो सकता?
उत्तर:
धर्मपुरुष

प्रश्न 20.
किसका मूल्य समान होना चाहिए?
उत्तर:
काम का

प्रश्न 21.
बिना काम किये हमारा जीवन कैसा बनता है?
उत्तर:
कृष्ण

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Chapter 1 श्रम की प्रतिष्ठा

प्रश्न 22.
किसने कहा था- ‘मुझे भी काम दो’ ?
उत्तर:
पापी

प्रश्न  23.
हम काम की इज्जत नहीं करते तो कौन-सा कार्य खोते हैं?
उत्तर:
बड़ा भारी धर्मकार्य

C. रिक्तस्थानों को भरिए।

प्रश्न 1.
विनोबा भावे का पूरानाम ……………..।
उत्तर:
विनायक राव

प्रश्न 2.
भगवान ने ……………. सा काम लिया।
उत्तर:
जूठी पत्तले उठाने का

प्रश्न 3.
भूदान का प्रवर्तक थे ………………..।
उत्तर:
विनोबा भावे

प्रश्न 4.
‘श्रम की प्रतिष्ठा’ ……………… की रचना है।
उत्तर:
विनोबा भावे

प्रश्न 5.
कृष्ण ने धर्मराज से ……………. कहा।
उत्तर:
मुझे भी काम दो

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Chapter 1 श्रम की प्रतिष्ठा

प्रश्न 6.
हम काम की इजत नहीं करते तो ………………. सा कार्य खोते हैं।
उत्तर:
धार्मिक काय

प्रश्न 7.

अपने पसीने से ……………… रोटी कमाता है।
उत्तर:
मजदूर

प्रश्न 8.
………………. लोगों के जीवन में पाप दिखता है।
उत्तर:
फुरसती लोगों में

प्रश्न 9.

राजसूय यज्ञ ………………… ने किया था।
उत्तर:
युधिष्ठिर

प्रश्न 10.
……………. दिमागी काम करता था।
उत्तर:
महात्मा गाँधी

प्रश्न 11.
बिना काम किये हमारा जीवन …………….. बनता है।
उत्तर:
पापी

प्रश्न 12.
……………… का मूल्य समान होना चाहिए?
उत्तर:
काम

प्रश्न 13.
दीमागी काम करने वाले लोग मजदूरों को ……………. समझते हैं।
उत्तर:
नीच

प्रश्न 14.
……………… का वनवास हुआ।
उत्तर:
राम

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Chapter 1 श्रम की प्रतिष्ठा

प्रश्न 15.
महात्मा गांधी ……………. सा काम करते थे।
उत्तर:
दिमागी काम

प्रश्न 16.
ब्राह्यण को …………….. माना गया है।
उत्तर:
अपरिग्रही

प्रश्न 17.
देहाती लोग के अनुसार बच्चों को ……………… मिलनी चाहिए।
उत्तर:
तालीम

प्रश्न 18.
मजदूरों को ……………… ने कर्मयोगी कहा है।
उत्तर:
भगवान

प्रश्न 19.
धर्मपुरुष के जीवन में ……………… का आसानी से प्रवेश नहीं हो सकता।
उत्तर:
पाप

प्रश्न 20.
भगवान ने कहा,………………… है तो क्या नालायक हैं?
उत्तर:
आदरणीय

प्रश्न 21.
ऐसा ……………… जहाँ लाचारी से काम करता है।
उत्तर:
समाज

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Chapter 1 श्रम की प्रतिष्ठा

प्रश्न 22.
‘श्रमकी प्रतिष्ठा’ निबन्ध किस पर जोर डाला है ?
उत्तर:
श्रम के महत्व

प्रश्न 23.
शारीरिक श्रम और दिमागी काम का मूल्य है ………………….
उत्तर:
समान

प्रश्न 24.
………………….. कहता है, वच्चो को तालीम मिलनी चाहिए।
उत्तर:
देहातीलोग

प्रश्न 25.
भगवान् ने कहा, आदरणीय हैं तो क्या …………………. हैं ?
उत्तर:
नालायक

प्रश्न 26.
दिमागी काम करनेवालों को भी ………………. दिये हैं ?
उत्तर:
हाथ

प्रश्न 27.
जो आदमी सवेरे उठकर पीसता है, उन्हें कहते हैं ……………………।
उत्तर:
मजदूर

प्रश्न 28.
…………….. ने नहा, “सीता का जाना कैसे होगा” ?
उत्तर:
कौशल्या

प्रश्न 29.
ऐसा समाज जहाँ …………………. से काम करता है।
उत्तर:
लाचारी

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Chapter 1 श्रम की प्रतिष्ठा

प्रश्न 30.
हम काम की इज्जत नहीं करते तो ………………. सा कार्य खोते हैं।
उत्तर:
धर्म

प्रश्न 31.
जहाँ समय फाजिल पड़ा, वहाँ …………………… का काम शुरु होगा।
उत्तर:
शैतान

प्रश्न 32.
ऐसा इसलिए होता है कि वे कर्म को …………….. नहीं समझते।
उत्तर:
पूजा

D. सही उत्तर चुनिए।

1. ‘श्रम की प्रतिष्ठा’ पाठ के लेखक हैं?
(A) विनाबा भावे
(B) धीरंजन मालवे
(C) जयशंकर-प्रसाद
(D) अब्राहम लिंकन
उत्तर:
(A) विनाबा भावे

2. विनाबा भाबे का जन्म हुआ था?
(A) 1896
(B) 1895
(C) 1894
(D) 1893
उत्तर:
(B) 1895

3. विनाबा भावे जी का जन्म किस प्रदेश में हुआ था?
(A) गुजरात में
(B) ओड़िशा में
(C) उत्तर प्रदेश में
(D) महाराष्ट्र में
उत्तर:
(D) महाराष्ट्र में

4. पृथ्वी जिसके मस्तक पर स्थित है, वह है?
(A) नाग
(B) शेषनाग
(C) मनुष्य
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(B) शेषनाग

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Chapter 1 श्रम की प्रतिष्ठा

5. ‘श्रम की प्रतिष्ठा’ पाठ के आधार पर शेषनाग हैं?
(A) मजदूर
(B) श्रमिक
(C) मालिक
(D) उच्चवर्ग
उत्तर:
(A) मजदूर

6. पसीने से रोटी कमाने वाले हैं?
(A) पंड़ित
(B) धर्मिक गुरू
(C) मजदूर
(D) ज्ञानी
उत्तर:
(C) मजदूर

7. कर्मयोगी किसे कहा गया है?
(A) श्रमिक
(B) मनुष्य
(C) अधिकारी
(D) मजदूर
उत्तर:
(D) मजदूर

8. हिन्दुस्तान में मजदूर कहाँ-कहाँ काम करते हैं ?
(A) खेतों पर
(B) रेलवे में
(C) कारखानो में
(D) इन सभी स्थान में
उत्तर:
(D) इन सभी स्थान में

9. धर्मपुरुष वह होता है, जो पसीने से कमाता है-
(A) रोटी
(B) चावल
(C) आटा
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(A) रोटी

10. दिन भर काम करने से क्या होता है ?
(A) रात को गहरी नींद
(B) रातको बड़ी भूख
(C) रात को बड़ी प्यास
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(A) रात को गहरी नींद

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Chapter 1 श्रम की प्रतिष्ठा

11. जहाँ समय फाजिल पड़ा है, वहाँ काम शुरु करता है।
(A) कर्मयोगी
(B) श्रमिक
(C) मजदूर
(D) शैतान
उत्तर:
(D) शैतान

12. फुरसती लोगों के जीवन में क्या दिखता है?
(A) पाप
(B) पुण्य
(C) धर्म
(D) अधर्म
उत्तर:
(A) पाप

13. थका-माँदा शरीर को चाहिए?
(A) जल
(B) भोजन
(C) पानी
(D) आराम
उत्तर:
(D) आराम

14. फाजिल समन किसके पास पड़ा है?
(A) श्रम को टालने वाले
(B) श्रम को न करने वाले
(C) श्रम को करने वाले
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(A) श्रम को टालने वाले

15. किसके जीवन में पाप न हो, उसका जीवन होता है?
(A) अधर्मिक
(B) धार्मिक
(C) गलत
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(B) धार्मिक

16. कौन मजदूरों को नीच समझते हैं?
(A) श्रमिक
(B) देहाती लोग
(C) कर्मयोगी
(D) दिमागी काम करनेवाले
उत्तर:
(D) दिमागी काम करनेवाले

17. सीता को क्या जलाना नहीं आता है?
(A) दीप की बाती
(B) लाइट
(C) मुखवती
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(A) दीप की बाती

18. धर्मराज ने कौन-सा यज्ञ का आयोजन किया था?
(A) अश्वमेध यज्ञ
(B) राजसूय यज्ञ
(C) शंाति यज्ञ
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(B) राजसूय यज्ञ

19. ज्ञानी कर नहीं सकते?
(A) सेवा
(B) धर्म
(C) काम
(D) अधर्म
उत्तर:
(C) काम

यह पृथ्वी…………………….होना चाहिए।
ୟହ ପୃଥ୍ବୀ ଶେଷନାଗ୍ କେ ମସ୍ତକ ପର୍ ସ୍ଥିତ ହୈ । ଅଗର୍ ଶେଷନାଗ୍ କା ଆଧାର ଟୁଟ୍ ଜାଏ ତୋ ପୃଥ୍ବୀ ସ୍ଥିର୍ ନହୀ ରହ ସକେଗୀ, ୟହ ଜର୍ରା-ଜଗାଁ ହୋ ଜାୟେଗୀ । ହମ୍‌ ସୋଚା-ୟହ ଶେଷନାଗ୍ କୌନ୍ ହୈ ? ଧ୍ୟାନ୍ ମେଁ ଆୟା, ଦିନ୍ ଭର୍ ଶରୀର-ଶ୍ରମ୍ କରନେ ୱାଲେ ମଜଦୂର, ଜୋ କିସ୍‌-କିସ୍‌ କୀ ପୈଦାୱାର କର୍‌ତେ ହୈ, ୱେ ହୀ ଯେ ଶେସ୍‌ନାଲ୍ ହେଁ । ସବ୍‌କା ଆଧାର ଉନ୍ ମଦୂରୌ ପର୍ ହୈ, ଇସ୍‌ଲିଏ ଭଗୱାନ୍ ନେ ମଦୂରୌ କୋ କର୍ମଯୋଗୀ କହା ହୈ । ଲେକିନ୍ ସିଫ କର୍ମ କର୍‌ନେ ସେ କୋଈ କର୍ମଯୋଗୀ ନହୀ ହୋତା । ହିନ୍ଦୁସ୍ଥାନ୍ ମେଁ କୁଛ୍ ମଜଦୂର୍ ଖେର୍ଡୋ ପର୍ କାମ୍ କର୍‌ତେ ହୈ, କୁଛ୍ ରେଲୱେ ମେଁ କାମ୍ କର୍‌ତେ ହେଁ, କୁଛ୍ କାରଖାନୌ ମେଁ କାମ୍ କର୍‌ତେ ହୈ । ଦିନ୍ ଭର୍ ମଜଦୂରୀ କର୍‌ତେ ହୈ ଔର୍ ଅପ୍‌ ପସୀନେ ସେ ରୋଟୀ କମାତେ ହେଁ ।

ଜୋ ଶଖ୍ ପସୀନେ ସେ ରୋଟୀ କମାତା ହୈ, ୱହ ଧର୍ମ-ପୁରୁଷ ହୋ ଜାତା ହୈ । ଉସ୍‌ ଜୀୱନ୍ ମେଁ ପାପ୍ କା ପ୍ରବେଶ୍ ନହିଁ ହୋ ସକ୍ତା । ଦିନ୍ ଭର୍ କାମ୍ କର୍ ଲିୟା ତୋ ରାତ୍ କୋ ଗହ୍ମାରୀ ନୀଦ ଆତି ହୈ । ନ ଦିନ୍ ମେଁ ପାପ୍-କର୍ମ କରନେ କେ ଲିଏ ସମୟ ମିତା ହୈ, ନ ରାତ୍ କୋ କୁଛ୍ ସୂଝ ବୁଝା ସକତା ହୈ, କୈ କି ଥକା-ମାଁଦା ଶରୀର୍ ଆରାମ୍ ଚାହାତା ହୈ । ଉସେ ନୀଦ୍ କୀ ଜରୁରତ୍ ହୋତି ହୈ । ଜିସ୍ ଜୀବନ ମେଁ ପାପ୍-ଚିନ୍ତନ କୀ ଗୁଞ୍ଜାଇଶ ହୀ ନ ହୋ ଉସ୍ ଧାର୍ମିକ ଜୀବନ ହୋନା ଚାହିଏ ।

ଅନୁବାଦ:
ଏହି ପୃଥ‌ିବୀ ଶେଷନାଗର ମିସ୍ଥକ ଉପରେ ଅବସ୍ଥିତ । ଶେଷନାଗର ଧରି ରଖୁବାର ଶକ୍ତି ଯଦି ନଷ୍ଟ ହୋଇଯାଏ, ତେବେ ପୃଥ‌ିବୀ ସ୍ଥିର ହୋଇ ରହିବ ନାହିଁ, ଏହା ଖଣ୍ଡ ବିଖଣ୍ଡିତ ହୋଇଯିବ । ଆମ୍ଭେ ଭାବିବା ଏହି ଶେଷନାଗ କିଏ ? ମନରେ ଆସିଲା, ଦିନତମାମ ଶାରିରୀକ ପରିଶ୍ରମ କରୁଥିବା ଶ୍ରମିକ, ଯିଏ ବିଭିନ୍ନ ପ୍ରକାର ଫସଲ କରୁଛି, ସେହିମାନେ ହିଁ ଶେଷନାଗ ଅଟନ୍ତି । ସମସ୍ତଙ୍କର ମୂଳ ଏହି ଶ୍ରମିକମାନଙ୍କ ଉପରେ ଅଛି, ତେଣୁ ଭଗବାନ୍ ଶ୍ରମିକଙ୍କୁ କର୍ମଯୋଗୀ କହିଛନ୍ତି । କିନ୍ତୁ କେବଳ କର୍ମ କରିବାଦ୍ୱାରା କେହି କର୍ମଯୋଗୀ ହୁଏ ନାହିଁ ।

ହିନ୍ଦୁସ୍ଥାନରେ କିଛି ଶ୍ରମିକ ବିଲବାଡ଼ିରେ କାମ କରୁଛନ୍ତି, ମୁଣ୍ଡଝାଳ ତୁଣ୍ଡରେ ମାରି ଖାଇବା ପାଇଁ ରୋଜଗାର କରୁଛନ୍ତି । ଯେଉଁ ବ୍ୟକ୍ତି ଝାଳ ବୋହି ଆୟ କରୁଛି, ସେ ଧର୍ମପୁରୁଷ ହୋଇଛି । ତାହାର ଜୀବନରେ ପାପ ସହଜରେ ପ୍ରବେଶ କରିପାରିବ ନାହିଁ । ଦିନତମାମ କାମ ଯୋଗୁଁ ରାତିକୁ ଗଭୀର (ଗାଢ଼) ନିଦ ଆସିଯାଉଛି । ଦିନରେ ପାପକାର୍ଯ୍ୟ କରିବାକୁ ନା ସମୟ ମିଳୁଛି, ନା ରାତିକୁ କିଛି ବିଚାର କରିପାରୁଛି । କାହିଁକି ନା କ୍ଳାନ୍ତ ଶରୀର ଆରାମ ଚାହୁଁଚି । ତାହାର ନିଦର ଆବଶ୍ୟକତା ଅଛି । ଯାହାର ଜୀବନରେ ପାପ ଚିନ୍ତନର ସମର୍ଥତା ନାହିଁ ତାହାର ଧାର୍ମିକ ଜୀବନ ହେବା ଉଚିତ ।

पर ऐसा…………………..नहीं होती।
ପର୍ ଐସା ଅନୁଭବ୍ ନହିଁ ହୋ ରହା ହୈ । ଅନୁଭବ୍ ତୋ ୟହ ହୈ କି ଜୋ କାମ୍ ନହୀ କର୍‌ତେ ଉକେ ଜୀୱନ୍ ମେଁ ତୋ ପାପ୍ ହୈ ହୀ, ପର୍ ଉନ୍ ପାର୍ପୋ ନେ ମଜଦୂରୋ କେ ଜୀୱନ୍ ମେଁ ପ୍ରବେଶ କର ଲିୟା ହୈ । କଈ ପ୍ରକାର୍ କେ ବ୍ୟସନ୍ ଉନ୍‌ମେଁ ହୋତେ ହେଁ । ୟାନୀ କେୱଲ୍‌ ଶ୍ରମ୍ କର୍‌ନେ ସେ କୋଈ କର୍ମୟୋଗୀ ନର୍ତୀ ହୋତା । ହାଁ, ଜୋ ଶ୍ରମ୍ ଟାଲ୍‌ତା ହୈ, ଏହ ତୋ କର୍ମୟୋଗୀ ହୋ ହୀ ନହୀ ସକ୍ତା । ଉତ୍ସ ଜୀୱନ୍ ମେଁ ପାପ୍ ହୈ ତୋ ଆଶ୍ଚର୍ଯ୍ୟ ନହେଁ । ଜ୍ୟୋକି ଉସ୍‌ ପାସ୍ ସମୟ ଫାଜିଲ୍ ପଡ଼ା ହୈ । ଜହାଁ ସମୟ ଫାଜିଲ୍ ପଡ଼ା ହେଁ, ୱର୍ଘ୍ୟ ଶୈତାନ୍ କା କାମ୍ ଶୁରୂ ହୋତା ହୈ । ଇସ୍‌ଲିଏ ଫୁର୍‌ସତୀ ଲୋଗୋଁ କେ ଜୀୱନ୍ ମେଁ ପାପ୍ ଦିଖ୍ ହୈ ତୋ ଆଶ୍ଚର୍ଯ୍ୟ ନହୀ । ପର୍ ମଜଦୂରୀ କରନେ ୱାଲେ କେ ଜୀୱନ୍ ମେଁ ପାପ୍ ଦିଖ୍ତା ହୈ ତୋ ସୋନା ଚାହିଏ କି ଐସା କ୍ୟା ହୋତା ହୈ । ଐସା ଇସ୍‌ଲିଏ ହୋତା ହୈ କି ୱେ କର୍ମ କୋ ପୂଜା ନର୍ତୀ ସମତେ । କର୍ମ ଲାଚାରୀ ସେ କରନା ପଡ଼ତା ହେଁ, ଇସ୍‌ଲିଏ କର୍‌ତେ ହେଁ । ୱେ ଅଗର୍ କାମ୍ ସେ ମୁଲ୍ ହୋ ସର୍ଭେ ତୋ ବହୁତ ଜଲ୍‌ଦୀ ରାଜୀ ହୋ ଜାୟେଗେ । ସଜେ କର୍ମୟୋଗୀ କୀ ୟହ ହାଲତ୍ ନହୀ ହୋତୀ ।

ଅନୁବାଦ:
କିନ୍ତୁ ଏଭଳି ଅନୁଭବ ହୁଏ ନାହିଁ । ଏହା ଅନୁଭବ ହେଉଛି ଯେ ଯିଏ କାମ କରେ ନାହିଁ ତାଙ୍କ ଜୀବନରେ ତ ପାପ ଅଛି, ପରନ୍ତୁ ଏହି ପାପ ଶ୍ରମିକମାନଙ୍କ ଜୀବନ ମଧ୍ୟରେ ପ୍ରବେଶ କରିସାରିଲାଣି । କେତେ ପ୍ରକାର ଖରାପ ଅଭ୍ୟାସ କରୁଛି, ସେ କର୍ମଯୋଗୀ ହୋଇନାହିଁ । ତାହାର ଜୀବନରେ ପାପ ରହିବା ଆଶ୍ଚର୍ଯ୍ୟ କଥାନୁହେଁ । କାହିଁକିନା ତାଙ୍କ ପାଖରେ ସମୟ ଆବଶ୍ୟକତାରୁ ଅଧିକ ଅଛି । ସେଠାରେ ଦୁଷ୍ଟର କାମ ଆରମ୍ଭ ହେଉଛି । ଏଣୁ ଅଳସୁଆ ଲୋକମାନଙ୍କ ଜୀବନରେ ପାପ ଦେଖାଯିବା ଆଶ୍ଚର୍ଯ୍ୟ ନୁହେଁ । କିନ୍ତୁ ଶ୍ରମ କରିବା ବ୍ୟକ୍ତିଙ୍କ ଜୀବନରେ ପାପ ଦେଖାଦେଉଛି, ତେଣୁ ଏହା ଭାବିବା ଉଚିତ ଯେ ଏହା କାହିଁକି ହେଉଛି । ଏହା ଏଥ‌ିପାଇଁ ହେଉଛି ଯେ ସେ କର୍ମକୁ ପୂଜା ବୋଲି ବୁଝନ୍ତି ନାହିଁ । କର୍ମକୁ ବାଧ୍ୟତାମୂଳକ ଭାବରେ କରିବାକୁ ପଡ଼ୁଛି, ତେଣୁ କରୁଛନ୍ତି । ସେ ଯଦି କାମରୁ ମୁକ୍ତ ହୋଇପାରିବେ ଖୁବ୍ ଶୀଘ୍ର ରାଜି ହୋଇଯିବେ । ସଟ

आज देहाती…………………….. है ही।
ଆଜ୍‌ ଦେହାତୀ ଲୋଗ୍ ଭୀ କହତେ ହୈ କି ହମାରେ ବର୍ଡୋ କୋ ତାଲୀମ୍ ମିଲ୍‌ନୀ ଚାହିଏ । ତାଲୀମ୍ କିସ୍‌ଏ ମିନୀ ଚାହିଏ ? ଇସ୍‌ଲିଏ ନହେଁ କି ଲଡ଼୍‌କା ଜ୍ଞାନୀ ବନେଗା, ଧର୍ମ-ଗ୍ରନ୍ଥ ପଢ଼ା ସକେଗା ଔର୍ ଜୀୱନ୍ ମେଁ ହର୍ କାମ୍ ବିଚାରପୂର୍ବକ କରେଗା । ପର୍ ଇସ୍‌ଲିଏ କି ଲଡ଼୍‌ କୋ ନୌକରୀ ମିଲେଗୀ ଔର୍ ହମ୍ ଜୈସେ ଦିନ୍ ଭର୍ ଖଟ୍‌ ଖନା ନ ପଡ଼େଗା, ମଜଦୂର ଐସା ସୋତେ ହେଁ । କାମ୍ କେ ପ୍ରତି ଐସୀ ଘୃଣା ମଜଦୂର୍ରେ ମେଁ ୱାର୍ଲା ମେଁ ତୋ ହୈ ହୀ । ହୈ, ସେ ଉସେ ହୈ । କାମ୍ ନ କର୍‌ନେ ୱ୍ୱାଲେଁ ମେଁ ତୋ ହେହା

ଅନୁବାଦ:
ଆଜି ଗାଆଁ ଲୋକମାନେ ମଧ୍ୟ କହୁଛନ୍ତି, ଆମ ପିଲାମାନଙ୍କୁ ପ୍ରଶିକ୍ଷଣ ମିଳିବା ଉଚିତ । ପ୍ରଶିକ୍ଷଣ କାହିଁକି ମିଳିବା ଉଚିତ ? ଏହା ନୁହେଁ ଯେ ପିଲା ଜ୍ଞାନୀ ହେବ; ଧର୍ମଗ୍ରନ୍ଥ ପଢ଼ିପାରିବ ଏବଂ ଜୀବନର ପ୍ରତ୍ୟେକ କାର୍ଯ୍ୟକୁ ବିଚାରପୂର୍ବକ କରିପାରିବ । ଏହା ଏଥପାଇଁ କି ପିଲାମାନଙ୍କୁ ଚାକିରୀ ମିଳିବ ଓ ଆମ୍ଭେ ଦିନତମାମ ଯେପରି ଖଟୁଛୁ, ତାଙ୍କୁ ସେହିପରି ଖଟିବାକୁ ପଡ଼ିବ ନାହିଁ, ଶ୍ରମିକ ଏହା ଭାବୁଛି । ଶ୍ରମିକମାନଙ୍କର କାମ ପ୍ରତି ଏହିପରି ଘୃଣା ଅଛି । କାମ ନ କରିବା ଲୋକମାନଙ୍କର ତ ଏହା ଅଛି ହିଁ ।

दिमागी ………………….. नहीं लगता।
କାମ୍ ଲେନେ କେ ଲିଏ ବୃତ୍ତି ହୀ ବନ୍‌ ଗଈ ହୈ । ଦିମାଗୀ କାମ୍ କରନେ ୱାଲେ ଲୋଗ୍ ମଜଦୂର୍ରେ କୋ ନୀଚ୍ ସମଝତେ ହେଁ । ଥୋଡ଼ା-ସା ଜିତ୍‌ ମଜଦୂରୀ ଦେନୀ ପଡ଼େଗୀ ଉତ୍‌ନୀ ଦଂଗେ, ପର୍ ଜ୍ୟାଦା ସେ ଜ୍ୟାଦା କାମ୍ ଲଂଗେ । ଐସୀ ୟାନୀ ଉହେଁ ତୋ କାମ୍ ସେ ନଫରତ୍ ହୈ ହୀ, ମଜଦୂର୍ କୋ ଭୀ କାମ୍ ସେ ନଫରତ୍‌ ହୈ । ୱହ ମଜଦୂରୀ ପର୍ ଉସ୍‌ ଉସେ ଗୌରବ୍ ନହୀ ଲଗ୍ନତା ।

ଅନୁବାଦ;
ମାନସିକ କାର୍ଯ୍ୟ କରୁଥିବା ଲୋକ ଶ୍ରମିକମାନଙ୍କୁ ନୀଚ ଭାବୁଛନନ୍ତି । ଅଳ୍ପ କାମ ନେବାପାଇଁ ଯେତିକି ପାରିଶ୍ରମିକ ଦେବାକୁ ପଡ଼ିବ ସେତିକି ଦେବେ; କିନ୍ତୁ ଅଧ୍ଵରୁ ଅଧିକ କାମ ନେବେ । ଏହା ବୃତ୍ତି ହୋଇଯାଇଛି । ସେ ତ କାମକୁ ତିରସ୍କାର କରନ୍ତି, ଶ୍ରମିକ କାମକୁ ମଧ୍ଯ ଘୃଣା କରନ୍ତି । ସେ ତ ମଜୁରୀ କରେ, କିନ୍ତୁ ସେଥୁରେ ତାକୁ ସମ୍ମାନ ମିଳେ ନାହିଁ ।

रामायण …………….. दीखता है।
ରାମାୟଣ୍ ମେଁ ଭୀ ଏକ୍ କାହାନୀ ହୈ । ଅଚ୍ଛା ହୈ । ସୁନେ ଲାୟକ୍ ହୈ । ରାମ୍‌ଜୀକା ବନ୍‌ସ୍ ହୁଆ ତୋ ସୀତାଜୀ ନେ କହା ମେଁ ଭୀ ଜାଉଁଗୀ । ଉସ୍ରେ ଆଦିତ୍ ନହିଁ ଥୀ ଐସେ ଜୀୱନ୍ କୀ, ପର୍ ଉସ୍‌ନେ ନିଶ୍ଚୟ କ୍ରିୟା ଥା କି ଜହାଁ ରାମ୍‌ଜୀ, ୱହାଁ ମେଁ । ପର୍ ଜବ୍ କୌଶଲ୍ୟା ନେ ସୁନା ତୋ କହା— ‘ସୀତା କା ଜାନା କୈସେ ହୋଗା ? ମୈନେ ତୋ ଉସେ ଦୀପ୍ କୀ ବତୀ ଭୀ ଜଲାନେ ନହିଁ ଦୀ’’ । ୟାନେ ୟହାଁ ଭୀ କାମ୍ କୀ ପ୍ରତିଷ୍ଠା ମାନୀ ନର୍ତୀ ଗୟୀ । ଇସ୍ରେ ହୈ କି ସସୁର୍ କେ ଘର୍ ଲଡ଼କୀ ଗୟୀ ତୋ ଉସେ ବେଟୀ ସମାନ୍ ମାନା, ପର୍ ମେହନତ୍ କୋ ହୀନ୍ ମାନା ଗୟା, ୱହ ଇସ୍‌ ଦୀତା ହୈ । ଅନୁବାଦ – ରାମାୟଣରେ ମଧ୍ଯ ଗୋଟିଏ କାହାଣୀ ଅଛି । ଭଲ କାହାଣୀ । ଶୁଣିବା ଯୋଗ୍ୟ । ପ୍ରଭୁ ରାମଙ୍କ ବନବାସ ହେଲା ତ ସୀତା ଦେବୀ କହିଲେ ମୁଁ ମଧ୍ୟ ଯିବି । ତାଙ୍କର ଏପରି ଜୀବନର ଅଭ୍ୟାସ ନଥିଲା, ସେ ପ୍ରଭୁ ରାମଚନ୍ଦ୍ର, ସେଠାରେ ମୁଁ । ଯେତେବେଳେ କୌଶଲ୍ୟା ଶୁଣିଲେ ତ କହିଲେ, ‘ସୀତାଙ୍କ ଯିବା ମଧ୍ୟ ତାକୁ ଦୀପ ଜଳାଇବାକୁ ଦେଇ ନାହିଁ ।’’ ଅର୍ଥାତ୍ ଏଠାରେ କାମର ଆବଶ୍ୟକତାକୁ ମାନିଲେ ଯେ ଶଶୁର ଘରୁ ଝିଅ ଗଲାତ ତାକୁ ଝିଅ ଭଳି ମାନନ୍ତି କିନ୍ତୁ ପରିଶ୍ରମକୁ ତୁଚ୍ଛ ମନାଗଲା । ଏହା ଏଥ‌ିରେ ଦର୍ଶାଯାଇଛି ।

ଅନୁବାଦ:
ରାମାୟଣରେ ମଧ୍ଯ ଗୋଟିଏ କାହାଣୀ ଅଛି । ଭଲ କାହାଣୀ । ଶୁଣିବା ଯୋଗ୍ୟ । ପ୍ରଭୁ ରାମଙ୍କ ବନବାସ ହେଲା ତ ସୀତା ଦେବୀ କହିଲେ ମୁଁ ମଧ୍ୟ ଯିବି । ତାଙ୍କର ଏପରି ଜୀବନର ଅଭ୍ୟାସ ନଥୁଲା, ସେ ଠିକ୍ କଲେ ଯେ, ଯେଉଁଠାରେ ପ୍ରଭୁ ରାମଚନ୍ଦ୍ର, ସେଠାରେ ମୁଁ । ଯେତେବେଳେ କୌଶଲ୍ୟା ଶୁଣିଲେ ତ କହିଲେ, ‘ସୀତାଙ୍କ ଯିବା କିପରି ହେବ ? ମୁଁ ତ ଦିନେ ମଧ୍ୟ ତାକୁ ଦୀପ ଜଳାଇବାକୁ ଦେଇ ନାହିଁ ।’’ ଅର୍ଥାତ୍ ଏଠାରେ କାମର ଆବଶ୍ୟକତାକୁ ମାନିଲେ ନାହିଁ । ଏଥୁରେ ଜଣାପଡୁଛି ଯେ ଶଶୁର ଘରୁ ଝିଅ ଗଲାତ ତାକୁ ଝିଅ ଭଳି ମାନନ୍ତି କିନ୍ତୁ ପରିଶ୍ରମକୁ ତୁଚ୍ଛ ମନାଗଲା । ଏହା ଏଥରେ ଦର୍ଶାଯାଇଛି ।

धर्मराज…………………….लगाने का।
ଧର୍ମରାଜ୍ ନେ ରାଜସୂୟ ୟଜ୍ଞ କ୍ରିୟା ଥା । କୃଷ୍ଣ ଭୀ ୱର୍ଲା ଗଏ ଥେ । କହନେ ଲଗେ, ‘ମୁଝେ ଭୀ ଧର୍ମରାଜ୍ ନେ କହା, ‘ଆପ୍‌ କ୍ୟା କାମ୍ ହେଁ । ଆପ୍ ତୋ ହମାରେ ଲିଏ ପୂଜ୍ୟ ହୈ, ଆଦରଣୀୟ ହେଁ । ଆପ୍‌ ହମାରେ ପାସ୍ କୋଈ କାମ୍ ନହିଁ ହୈ ।’’ ଭଗବାନ୍ ନେ କହା, ‘ଆଦରଣୀୟ ହେଁ ତୋ କ୍ୟା ନାଲାୟକ୍ ହେଁ । ହମ୍ କାମ୍ କର୍ ସକ୍ତ ହୈ ।’’ ତୋ ଧର୍ମରାଜ୍ ନେ କହା, ‘ଆପ୍ ହୀ ଅପ୍‌ନା କାମ ଜ୍ଵଢ଼ ଲିଜିଏ ।’’ ଭଗବାନ୍ ନେ କାମ ଲିୟା ଜୁଠୀ ପତ୍ରଲୈ ଉଠାନେ କା ଔର୍ ପୌଛା ଲଗାନେ କା ।

ଅନୁବାଦ:
ଧର୍ମରାଜ ରାଜସୂୟ ଯଜ୍ଞ କରିଥିଲେ । କୃଷ୍ଣ ସେଠାକୁ ମଧ୍ୟ ଯାଇଥିଲେ । କହିବାକୁ ଲାଗିଲେ, ‘ମୋତେ ମଧ୍ୟ କାମଦିଅ ।’’ ଧର୍ମରାଜ କହିଲେ, ‘ଆପଣଙ୍କୁ କ’ଣ କାମ ଦେବୁ । ଆପଣତ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ପାଇଁ ପୂଜ୍ୟ, ଆଦରଣୀୟ ଅଟନ୍ତି । ଆମ୍ଭ ପାଖରେ ଆପଣଙ୍କ ଯୋଗ୍ୟ କୌଣସି କାମ ନାହିଁ ।’’ ଭଗବାନ କହିଲେ ଯେ ‘ଆଦରଣୀୟ ବୋଲି କ’ଣ ଅଯୋଗ୍ୟ । ଆମ୍ଭେ କାମ କରିପାରିବୁ ।’’ ତେଣୁ ଧର୍ମରାଜ କହିଲେ, ‘ଆପଣ ହିଁ ନିଜର କାମ ଖୋଜି ନିଅନ୍ତୁ ।’’ ଭଗବାନ ଅଇଁଠା ପତର ଉଠାଇବା ଏବଂ ସଫା କରିବାର କାମ ନେଲେ ।

ज्ञानी तो ………………. प्रतिष्ठा नहीं हैं।
ଜ୍ଞାନୀ ତୋ ଖା ସତ୍ତ୍ୱେ ହୈ ଔର୍ ଆଶୀର୍ବାଦ ଦେ ସ ହୈ, କାମ୍ ନହୀ କର୍ ସ । ଅଗର୍ କୋଈ ସବେରେ ଉତ୍‌କର ପୀସତା ହୈ ତୋ ୱହ ଜ୍ଞାନୀ ନର୍ଜୀ, ମଜଦୂର୍ କହଲାୟେଗା । ଜ୍ଞାନୀ କୋ, ୟୋଗୀ କୋ କାମ୍ ନହୀ କର୍‌ନା ଚାହିଏ । ଚୂର୍ଣ୍ଣୋ କୋ କାମ୍ ଦେନା ନିଷ୍ଠୁରତା ମାନୀ ଜାୟେଗୀ । ୟାନୀ ଦୃଢ଼ା, ବଢା, ୟୋଗୀ, ଜ୍ଞାନୀ, ବ୍ୟାପାରୀ, କୀଲ୍, ଅଧ୍ୟାପକ, ବିଦ୍ୟାର୍ଥୀ, କିସୀ କୋ କାମ୍ ନହୀ କର୍‌ନା ଚାହିଏ । ଇତ୍‌ନା ବେକାର୍ ୱର୍ଗ ଖଡ଼ା ହୋ ଜାୟେଗା ତୋ ବେକାରୀ ବଢ଼େଗୀ । ଅଗର୍ ଐସା ହୋତା କି ଜୋ କାମ୍ ନହୀ କରତା ୱହ ଖାତା ଭୀ ନନ୍ଦୀ, ତୋ ଠିକ୍ ଥା, ପର୍ ୱହ ତୋ ଅଧ୍ବକ୍ ଖାନେ କୋ ମାଁଗଡ଼ା ହେ । ଐସୀ ସମାଜ ରନା ଜହାଁ ହୁଈ ହୈ ଵହୀ ମଜଦୂର୍ ସମଝେ ହେଁ କି ହମେଁ କାମ କରନେ ସେ ଛୁଟୀ ମିଲେ ତୋ ଅଚ୍ଛା ହୋଗା । ଐସା ସମାଜ୍ ଜହାଁ ଲାରୀ ସେ କାମ୍ କର୍‌ତା ହୈ, ତୋ ଉସ୍ ମେଁ କର୍ମୟୋଗୀ ହୋ ହୀ ନନ୍ଦୀ ସକ୍‌ ଟାଲ୍‌ ହୈ, ଜୋ କାମ୍ ନହୀ କର୍‌ତେ ହୈ, ଉନ୍‌କା ଜୀବନ୍ ଧାର୍ମିକ୍ ହୋତା ହୀ ନହୀ । ଇସ୍ କାରଣ୍ ଅପ୍‌ ଶ୍ରମ କୀ ପ୍ରତିଷ୍ଠା ନହିଁ ହୈ ।

ଅନୁବାଦ:
ଜ୍ଞାନୀ ତ ଖାଇପାରିବ ଏବଂ ଆଶୀର୍ବାଦ ଦେଇପାରିବ, କାମ କରିପାରିବ ନାହିଁ । ଯଦି କେହି ସକାଳୁ ଉଠି ବ୍ୟସ୍ତ ରହୁଛି ସେ ତ ଜ୍ଞାନୀ ନୁହେଁ ତାକୁ ଶ୍ରମିକ କୁହାଯିବ । ଜ୍ଞାନୀର, ଯୋଗୀର କାମ କରିବା ଉଚିତ ନୁହେଁ । ବୁଢ଼ାମାନଙ୍କୁ କାମରୁ ମୁକ୍ତ ରଖିବା ଉଚିତ । ବୁଢ଼ାମାନଙ୍କୁ କାମ ଦେବା ନିଷ୍ଠୁରତା କୁହାଯିବ । ବୁଢ଼ା, ପିଲା, ଯୋଗୀ, ଜ୍ଞାନୀ, ବ୍ୟାପାରୀ, ଓକିଲ, ଅଧ୍ୟାପକ, ବିଦ୍ୟାର୍ଥୀ କାହାରି କାମ କରିବା ଉଚିତ ନୁହେଁ । ଏତେ ବେକାରୀ ଶ୍ରେଣୀ ଛିଡ଼ା ହୋଇଯିବେ ତ ବେକାରୀ ବଢ଼ିବ । ଯଦି ଏହା ହେଉଛି କି ଯିଏ କାମ କରୁନାହିଁ, ସେ ମଧ୍ଯ ଖାଉ ନାହିଁ ତ ଠିକ୍ ଥିଲା । ସେ ତ ଅଧିକ ଖାଇବାକୁ ମାଗୁଛି । ଏହି ସମାଜ ରଚନା ଯେଉଁଠି ହୋଇଛି ସେଠାରେ ଶ୍ରମିକ ବୁଝିଛନ୍ତି ଯେ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କୁ କାର୍ଯ୍ୟରୁ ମୁକ୍ତି ମିଳିଲେ ତ ଭଲ ହେବ । ଏହି ସମାଜ ଯେଉଁଠି ଅସହାୟରେ କାମ କରୁଛି ତ ସେମାନେ କର୍ମଯୋଗୀ ତ ନୁହଁନ୍ତି । ଯିଏ କାମକୁ ଉଲ୍ଲଙ୍ଘନ କରେ, ଯିଏ କାମ କରେ ନାହିଁ, ତାହାର ଜୀବନ ଧାର୍ମିକ ହୁଏ ନାହିଁ । ଏହି କାରଣରୁ ନିଜ ସମାଜରେ ଶ୍ରମର ପ୍ରତିଷ୍ଠା ନାହିଁ ।

काम नहीं ………………… प्रतिष्ठा बढेगी।
କାମ୍ ନହୀ କର୍‌ତେ, ଇସ୍‌ କାରଣ୍ ୟହ ହୈ କି ଜୋ ଦିମାଗୀ କାମ୍ କର୍‌ତେ ହେଁ, ଉନେ ଦିମାଗୀ କାମ୍ କୀ ମହତ୍ତା ଇତ୍ନୀ ବଢ଼ା ଦୀ ହୈ କି ଉସେ ହଜାର୍ ରୁପୟା ଦେନା ହୀ ଉଚିତ୍ ମାନେଙ୍ଗ ଔର୍ ଶ୍ରମ୍ କରନେ ୱାଲେ କୋ କମ୍‌ କମ୍ ଜିତନା ଦେ ସକେଙ୍ଗେ ଉତ୍ପନା ଦେନେ କୀ ପ୍ରତିଷ୍ଠା ନ ମାନୋ, ପର୍ ମହାତ୍ମା ଗାନ୍ଧୀ ତୋ ଦିମାଗୀ କାମ୍ କର୍‌ତେ ଥେ, ଫିର୍ ଭୀ ସୂତ କାତ ହୀ ଲେତେ ଥେ । କାମ୍ କୀ ଇଜ୍ଜତ୍ କର୍‌ନୀ ଚାହିଏ । ଅଗର୍ ହମ୍ କାମ୍ ସମ ଚାହିଏ । ୟହ ତୋ ଏକ୍ ବାତ୍ କି କୁଛ୍ ଦିମାଗୀ ପର୍ ଶ୍ରମ୍ କରନେ ୱାର୍ଲୋ କା ଭୀ ଦିମାଗ୍ ହୈ ଔର୍ ଦିମାଗୀ କୋ କାମ୍ କରନା ଚାହିଏ । ଦୋର୍ଡୋ କୀ ଇଜ୍ଜତ୍ ବଢ଼େଗୀ, ପ୍ରତିଷ୍ଠା ବଢ଼େଗୀ ।

ଅନୁବାଦ:
କାମ କରନ୍ତି ନାହିଁ, ଏହାର କାରଣ ଏହା କାର୍ଯ୍ୟର ମହତ୍ତ୍ଵ ଏତେ ବଢ଼ାଇ ଦେଇଛନ୍ତି କି ସେ ହଜାର ଟଙ୍କା ସବୁଠାରୁ କମ୍ ଯେତେ ଦେବାକୁ ହେବ ସେତିକି ଦେବାକୁ ଚେଷ୍ଟା କି ଯିଏ ମାନସିକ କାର୍ଯ୍ୟ କରନ୍ତି, ସେମାନେ ମାନସିକ ଦେବାକୁ ଉଚିତ ମାନିବେ ଏବଂ ଶ୍ରମ କରିବା ଲୋକଙ୍କୁ କରିବେ । ଶରୀର ଶ୍ରମର ପ୍ରତିଷ୍ଠା ଗ୍ରହଣ ନକର, କିନ୍ତୁ ମହାତ୍ମା ଗାନ୍ଧୀ ତ ମାନସିକ କାର୍ଯ୍ୟ କରିଥିଲେ, ପୁଣି ମଧ୍ୟ କିଛି ସମୟ ବାହାର କରି ଦିନରେ ସୂତା ତ କାଟୁଥିଲେ । କାମକୁ ସମ୍ମାନ ଦେବା ଉଚିତ । ଯଦି ଆମ୍ଭେ କାମକୁ ସମ୍ମାନ ନ ଦେବା ତ ବହୁତ ଧର୍ମ-କାର୍ଯ୍ୟ ନଷ୍ଟ ହୋଇଯିବ । ବୁଝିବା ଉଚିତ । ଏହା ଏକ କଥା ଯେ କିଛି ଲୋକ ମାନସିକ କାର୍ଯ୍ୟ ଅଧ୍ଵ କରିବେ ଏବଂ କିଛି ଲୋକ କମ୍ ମାନସିକ କାର୍ଯ୍ୟ କରିବେ, ପରନ୍ତୁ, ଶ୍ରମ କରିବା ଲୋକଙ୍କର ମଧ୍ୟ ବୃଦ୍ଧି ବା ମସ୍ତିଷ୍କ ଅଛି ଓ ମାନସିକ କାର୍ଯ୍ୟ କରୁଥିବା ଲୋକଙ୍କର ହାତ ମଧ୍ଯ ଅଛି, ତେଣୁ ଉଭୟଙ୍କୁ କାମ କରିବା ଦରକାର । ଏଥୁରେ ଉଭୟଙ୍କର ମାନ ଏବଂ ପ୍ରତିଷ୍ଠା ବଢ଼ିବ ।

दिमागी……………………….करना चाहिए।
ଦିମାଗୀ କାମ୍ କା ଔର୍ ଶ୍ରମ୍ କା ମୂଲ୍ୟ କମ୍-ଜ୍ୟାଦା ରଖା ଗୟା, ୟହ ଠିକ୍ ନହିଁ ହୈ । ପହଲେ ତୋ ଐସୀ ବ୍ୟବସ୍ଥା ନଦୀ ଥୀ । ବ୍ରାହ୍ମଣ୍ ତୋ ଜ୍ଞାନୀ ହୋତା ଥା, ପଢ଼ାତା ଥା । ୱହ ସିଫ ଧୋତି ଔର୍ ଖାନେ କା ଅଧିକାରୀ ଥା, ୱହ ଅପରିଗ୍ରହୀ ମାନା ଗୟା । ଆଜ ତୋ ଜୋ ଭୀ ବିଦ୍ୟା ପଢ଼ାତା ହୈ, ୱହ ଉସ୍‌କା ମୂଲ୍ୟ ର୍ମାତା ହୈ । ହମ୍ ବିଦ୍ୟା ବେନେ ଲଗେ ହେଁ । ୟହ ଗଳ୍ପ ହୈ । ‘କର୍ମ-ୟୋଗ’ କି ମହିମା, ଶ୍ରମିକ୍ କୀ ପ୍ରତିଷ୍ଠା କାୟମ୍ କର୍‌ନୀ ହୈ ତୋ କିମତ୍ ମେଁ ଅଧ‌ିକ ଫର୍କ ନହୀ କରନା ଚାହିଏ ।

ଅନୁବାଦ :
ମାନସିକ କାମ ଓ ଶ୍ରମ କାମର ମୂଲ୍ୟ କମ୍ ବେଶୀ ରଖାଗଲା, ଏହା ଠିକ୍ ନୁହେଁ । ପ୍ରଥମେ ତ ଏପରି ବ୍ୟବସ୍ଥା ନଥିଲା । ଯେଉଁ ବ୍ରାହ୍ମଣ ଜ୍ଞାନୀ ଥିଲା, ପଢ଼ାଉଥିଲା । ସେ କେବଳ ଧୋତି ଓ ଭୋଜନର ଅଧିକାରୀ ଥିଲା । ସେ ନିର୍ଲୋଭୀ ଥିଲା । ଆଜି ତ ଯିଏ ବି ପଢ଼ାଉଛନ୍ତି, ତାହାର ମୂଲ୍ୟ ମାଗୁଛନ୍ତି । ଆମ୍ଭେ ବିଦ୍ୟା ଦୃଢ଼ କରିବାର ଅଛି ତ ମୂଲ୍ୟରେ ଅଧିକ ତଫାତ୍ କରିବା ବିକ୍ରି କରୁଛୁ । ଏହା ଭୁଲ୍ । କର୍ମଯୋଗର ମହିମା, ଶ୍ରମର ପ୍ରତିଷ୍ଠା ଉଚିତ ନୁହେଁ ।

शरीर-श्रम ………………………… नीच माना ।
ଶରୀର-ଶ୍ରମ୍ କରନେ ୱାଲେ କୋ ହମ୍ ନୀଚ୍ ମାନ୍‌ହେଁ । ଉସେ କିସୀ ପ୍ରକାର୍ କୀ ଛୁଟ୍ଟିୟାଁ ନହୀ ଦେତେ । ସଫାଇ କର୍ମଚାରୀ କୋ ଅଗର୍ ଏକ୍ ଦିନ୍ କୀ ଭୀ ଛୁଟି ହେଁ ତୋ ସାରା ଶହର୍ ଗନ୍ଦା ହୋ ଜାଏ । ଇତ୍‌ନା ଜୋ ଉପକାରୀ ହୈ, ଉସେଲିଏ ସାବୁନ୍ ଆଦି ଭୀ ନହୀ ଦେତେ । ନ ଉସେ ଇଜତ୍ ହୈ, ନ ପ୍ରତିଷ୍ଠା ହମ୍ ନୀଚ ମାନତେ ହୈ । ଉସ୍ ସାଫ୍ ରହନେ କେ ହୈ, ନ ସମ୍ମାନ୍ ହୈ । ମେହତର୍‌ ମାନେ କ୍ୟା ନୀଚ ମାନା ! ? ମେହତର୍‌ ମାନେ ତୋ ‘ମହତ୍ତର୍’ । ଐସା ଜୋ ମହତ୍ତର୍ ହୈ ଉସେ ହମ୍‌

ଅନୁବାଦ:
ଶରୀର ଶ୍ରମ କରିବା ଲୋକକୁ ଆମ୍ଭେ ଛୋଟ ମାନୁଛନ୍ତି । ତାଙ୍କୁ କୌଣସି ପ୍ରକାର ଛୁଟି ଦିଆଯାଉ ନାହିଁ । ଯଦି ସଫାଇ କର୍ମଚାରୀକୁ ଗୋଟିଏ ଦିନ ମଧ୍ୟ ଛୁଟି ଦିଆଯାଏ ତ ସମଗ୍ର ସହର ଅଳିଆ ଆବର୍ଜନା ହୋଇଯାଏ । ଯିଏ ଏତେ ଉପକାରୀ ତାକୁ ଆମ୍ଭେ ହୀନ ମାନୁଛନ୍ତି । ତାକୁ ସଫା ରହିବାପାଇଁ ସାବୁନ ମଧ୍ୟ ଆମ୍ଭେ ଦେଉନାହୁଁ । ତାହାର ଇଜ୍ଜତ ନାହିଁ, ପ୍ରତିଷ୍ଠା ନାହିଁ, ସମ୍ମାନ ନାହିଁ । ମେହେନ୍ତରର ଅର୍ଥ କ’ଣ ? ମେହେନ୍ତର ଅର୍ଥ ମହତ୍ତର । ଏଠି ଯେଉଁ ମହତ୍ତର ଅଛନ୍ତି, ତାକୁ ଆମ୍ଭେ ନୀଚ ମାନୁଛନ୍ତି ।

इसलिए…………………… प्रतिष्ठा होगी।
ଇସଲିଏ ଦୋ ବାର୍ଥେ ହୋନୀ ଚାହିଏ । ହର୍ ଏକ୍ କୋ ଥୋଡ଼ା-ଥୋଡ଼ା ଶ୍ରମ୍ କର୍‌ନା କାମ୍ କିଏ ଖାତେ ହୈ ତୋ ହମାରା ଜୀୱନ୍ ପାପୀ ବନ୍ଧା ହୈ । ଦୂସରୀ ଚୀଜ୍, କାର୍ଡୋ କା ମୂଲ୍ୟ ୟହ ହୋଗା ତବ୍ ଶ୍ରମ୍ କୀ ପ୍ରତିଷ୍ଠା ହୋଗୀ । ହୀ ଚାହିଏ । ଅଗର୍ ହମ୍ ବିନା ସମାନ୍ ହୋନା ଚାହିଏ । ଜବ୍

ଅନୁବାଦ ;
ତେଣୁ ଦୁଇଟି କଥା ହେବା ଉଚିତ । ପ୍ରତ୍ୟେକ କିଛି କିଛି ପରିଶ୍ରମ କରିବା ନକରି ଖାଉଛନ୍ତି ତା ହେଲେ ଆମ୍ଭ ଜୀବନ ପାପୀ ହୋଇଯିବ । ଦ୍ଵିତୀୟ କଥା, କାମଗୁଡ଼ିକର ମୂଲ୍ୟ ଯେବେ ଏହା ହେବ ସେବେ ଶ୍ରମର ପ୍ରତିଷ୍ଠା ହେବ । ଉଚିତ । ଯଦି ଆମ୍ଭେ କାମ ସମାନ ହେବା ଉଚିତ । ଯେବେ ଏହା ସେବେ ଶ୍ରମର ପ୍ରତିଷ୍ଠ। ହେବା

शबनार: (ଶରାର୍ଥି)

शेषनाग – पुराणानुसार सहस्र फनों के सर्पराज जिनके फनों पर पृथ्वी ठहरी है। (ପୁରାଣ ଅନୁସାରେ ସହସ୍ର ଫେଣାର୍ଥିବ ସର୍ପରାଜାର ଯାହାଙ୍କ ଫେଣାରେ ପୃଥ‌ିବୀ ଅବସ୍ଥିତ) ।

जरा-जरा – अणु-अणु (ଖଣ୍ଡ-ବିଖଣ୍ଡ) ।

किस्म-किस्म – भाँति-भाँति (ପ୍ରକାର-ପ୍ରକାର) ।

पैदावार – ऊपज, फसल (ଫସଲ) ।

कर्मयोगी – मेहनती (ପରିଶ୍ରମ) ।

शखस – व्यक्ति, जन (ବ୍ୟକ୍ତି, ଜନ) ।

व्यसन – किसी भी प्रकार का शौक, बुरी आदत (ଖରାପ ଅଭ୍ୟାସ ) ।

फाजिल – आवश्यकता से अधिक (ଆବଶ୍ୟକତାଠାରୁ ଅଧିକ) ।

राजसूय-यज्ञ – एक यज्ञ जिसके करने का अधिकार केवल ऐसे राजा को होता है, जो सम्राट पद का अधिकारी हो (ଗୋଟିଏ ଯଜ୍ଞ, ଏହି ଯଜ୍ଞ କେବଳ ଯେଉଁ ରାଜା ସମ୍ରାଟ ଉପାଧ୍ ପାଇଥା’ନ୍ତି ସେହି ହିଁ କରିବାର ଅତ୍କାର ପାଇଛନ୍ତି) ।

अपरिग्रही – आवश्यक धन से अधिक का त्याग करनेवाला व्यक्ति (ଆବଶ୍ୟକ ଧନରୁ ଅଧିକ ତ୍ୟାଗ କରିବା ବ୍ୟକ୍ତି) ।

मेहतर – एक जाति जिसका काम मल-मूत्र आदि उठाना है (ଏକ ଜ।ତି, ଯାହାର କାମ ମଲ ମୂତ୍ର ଉଠାଇବା ବା ମେହେନ୍ତର ବା ହାଡ଼ି ବିଚାର ।

सूझ – ବିଚାରା

गुंजाइश – संभावना (ସମ୍ଭାବନା )

टालना – इनकार करना

नफरत – घृणा (ଘୃଣା)

लाचारी – बेवश ( ଅସହାୟ)

लेखक परिचय (ଲେଖକ ପରିଚୟ)

आचार्य विनोबा भावे का पूरा नाम विनायक राव भावे है। उनका जन्म 11 सितम्बर, सन् 1895 को महाराष्ट्र के गंगोदा गांव में हुआ था । बचपन से वे बड़े मेधावी थे; गणित और संस्कृत जैसे विषयों पर उनका पूरा अधिकार था। अपनी माता की प्रेरणा से वे आजीवन अविवाहित रहे और देश की सेवा करते रहे। आचार्य विनोबा का व्यक्तित्व महात्मा गांधी के आदर्शो से भी प्रभावित था; अतः उन्होंने सत्य, सेवा और अहिंसा के रास्ते को अपनाकर बापू के आदर्शों तथा सिद्धान्तों को आगे बढ़ाया। ‘सर्वोदय’ को साकार करना उनका स्वप्न था।

हात्मा गांधी की मौत के बाद विनोबाजी ने देश-भर पद-यात्रा की और भूदान, ग्राम- दान तथा संपत्ति-दान के द्वारा देश में एक सकारात्मक क्रान्ति लानेका प्रयत्न किया। भारतीय दर्शन पर उनकी गहरी आस्था थी। विनोबाजी ने हिन्दी को राष्ट्रभाषा मानते हुए इसके प्रति अपना गहरा प्रेम प्रकट किया। वे अनेक भाषाओं के ज्ञाता थे; पर उनकी अधिकांश पुस्तकें हिन्दी में ही हैं। इनकी महत्त्वपूर्ण पुस्तकें हैं- गीता प्रवचन, सर्वोदय विचार, विनोबा के विचार, स्वराज-शास्त्र, साहित्यिकों से, भूदान यज्ञ, गांव सुखी हम सुखी, शान्ति – यात्रा, भूदान – गंगा, सर्वोदय – यात्रा, जमाने की मांगें, जीवन और शिक्षण आदि।

अभिमत: ‘श्रम की प्रतिष्ठा’ निबंध में विनोबाजी ने श्रम के महत्त्व पर प्रकाश डाला है। उनका विचार है कि प्रत्येक व्यक्ति को कुछ-न-कुछ श्रम करना चाहिए। देश का विकास तभी हो सकता है जब इसमें समूचे नागरिकों का योगदान हो। कर्मयोग की महत्ता पर बल देते हुए निबंधकार ने समाज के सभी वर्ग के लोगों के श्रम करने पर आग्रह किया है। विनोबाजी का विचार है कि जो अपने पसीने से रोटी कमाता है, वह पाप कर्मों से कोसों भागता है। शारीरिक श्रम और दिमागी काम का मूल्य भी समान होना चाहिए। श्रमिक को शेषनाग सिद्ध करते हुए निबंधकार ने रामायण की सीता और महाभारत के श्रीकृष्ण का उदाहरण देकर देश के सर्वांगीण विकास हेतु श्रम की महत्ता स्थापित की है।

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 6 साथी ! दुःख से घबराता है ?

Odisha State Board BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions  Poem 6 साथी ! दुःख से घबराता है ? Textbook Exercise Questions and Answers.

BSE Odisha Class 9 Hindi Solutions Poem 6 साथी ! दुःख से घबराता है ?

प्रश्न और अभ्यास (ପ୍ରଶ୍ନ ଔର୍ ଅଭ୍ୟାସ)

1. इन प्रश्नों के उत्तर दो-तीन वाक्यों में दीजिए:
(ଇନ୍ ପ୍ରଶ୍ନୋ କେ ଉତ୍ତର୍ ଦୋ-ଡ଼ୀନ୍ ବାକ୍ୟା ମେଁ ଦୀଜିଏ) ।
(ଏହି ପ୍ରଶ୍ନଗୁଡ଼ିକର ଉତ୍ତର ଦୁଇ-ତିନୋଟି ବାକ୍ୟରେ ଦିଅ ।)

(क) कवि दुःख से न घबराने को क्यों कहते हैं ?
(କବି ଦୁଃଖ୍ ସେ ନ ଘବ୍‌ରାନେ କୋ କେଁ କହ ହେଁ (କବି ଦୁଃଖରେ ନ ଡରିବାକୁ (ବ୍ୟତିବ୍ୟସ୍ତ ନ ହେବାକୁ) କାହିଁକି କହିଛନ୍ତି ।)
उत्तर:
कवि के मत से दुःख से डरने से, रोने- चीखने से दुःख दूर नहीं होता मगर दुःख के बाद सुख आएगा और दुःख सर्वदा नहीं रह सकता। जीवन में दुःख होने के कारण हम सव कर्मतत्पर बने रहते है। दुःख पर विजय प्राप्त करने की कोशिश करना जरुरी है।

(ख) इस कविता का संदेश क्या है- समझाइए।
(ଏହି କବିତାର ବାର୍ତ୍ତା କ’ଣ ଅଟେ – ବୁଝାଅ)
(ଇସ୍ କବିତା କା ସଂଦେଶ କ୍ୟା ହୈ – ସମଝାଇଏ ।
उत्तर:
इस कविता का संदेश यह है कि मानव जीवन में दुःख ज्यादा और सुख बहुत कम होता है। दुःख से डरने से दुःख दूर नहीं होता बरं दुःख से लड़ना सही रास्ता है। इसलिए दुःख को बुरी चीज न मानकर मुक्ति का मार्ग मानना चाहिए।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक या दो शब्द वाक्यों में दीजिए।

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 6 साथी ! दुःख से घबराता है ?

2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक या दो शब्द वाक्यों में दीजिए।
(ନିମ୍ନଲିଖୂ ପ୍ରଶ୍ନ କେ ଉତ୍ତର୍ ଏକ୍ ୟା ଦୋ ବାର୍କେ ମେଁ ଦୀଜିଏ) ।
(ନିମ୍ନଲିଖତ ପ୍ରଶ୍ନଗୁଡ଼ିକର ଉତ୍ତର ଗୋଟିଏ ବା )

(क) कवि ने मुक्ति का बंधन किसे माना है?
(କବି ନେ ମୁକ୍ତି କା ବଂଧନ୍ କିସ୍ ମାନା ହୈ ?)
(କବି ମୁକ୍ତିର ବଂଧନ କାହାକୁ ମାନିଛନ୍ତି ?)
उत्तर:
कवि ने मुक्ति का बंधन दुःख को माना है।

(ख) जीवन के लम्बे पथ पर कौन साथ-साथ चलते हैं?
(ଜୀବନ୍ କେ ଲୟେ ପଥ୍ ପର୍ କୌନ୍ ସାଥ୍‌-ସାଥ୍ ଚଲତେ ହୈ ?)
(ଜୀବନର ଲମ୍ବା ରାସ୍ତାରେ କିଏ ସାଥ୍‌ରେ ଚାଲିଛନ୍ତି ?)
उत्तर:
जीवन के लम्बे पथ पर सुख और दुःख साथ-साथ चलते हैं।

(ग) जीवन की मंजिल तक कौन जाता है?
(ଜୀବନ୍ କୀ ମଂଜିଲ୍ ତକ୍ କୌନ୍ ଜାତା ହୈ ?)
(ଜୀବନର ଲକ୍ଷ୍ୟ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ କିଏ ଯାଇଛି ?)
उत्तर:
जीवन की मंजिल तक दुःख जाता है।

(घ) जीवन में हलचल कौन लाता है?
(ଜୀବନ୍ ମେଁ ହଲ୍‌ଚଲ୍ କୌନ୍ ଲାତା ହୈ ?)
(ଜୀବନରେ ଏପଟସେପଟ (ଅସ୍ଥିରତା) କିଏ ଆଣିଛି ?)
उत्तर:
दुःख मन की दुर्बलता जीवन में हलचल लाता है।

(ङ) जलती ज्वाला में जलकर क्या लाल बन निकलाता है?
(ଜଲ୍‌ ଜ୍ଵାଲା ମେଁ ଜଲ୍‌କର୍ କ୍ୟା ଲାଲ୍ ବନ୍ ନିକଲ୍‌ତା ହୈ ?)
(ଜଳନ୍ତା ଅଗ୍ନିଶିଖାରେ କିଏ ଜଳି ଲାଲ୍ ହୋଇ ବାହାରୁଛି ?)
उत्तर:
जलती ज्वाला में जलकर लोहा लाल बन निकलता है। लेकिन यहाँ पर मानव-जीवन में दुःख रूपी संघर्ष के कारण व्यक्तित्व का उत्कर्ष प्रतिपादित होता है।

(च) कवि ने किसे धन्यवाद देने को कहा है?
(କବି କାହାକୁ ଧନ୍ୟବାଦ ଦେବାକୁ କହିଛନ୍ତି ?)
उत्तर:
कवि ने दुःख देने वाले व्यक्ति को धन्यवाद देने को कहा इसलिए कि दुःख से ही सुख का मार्ग उन्मुक्त होता है।

(छ) दुःख कब सुख बन जाता है।
(ଦୁଃଖ୍ କବ୍ ସୁଖ ବନ୍ ଜାତା ହୈ ?)
(ଦୁଃଖ କେବେ ସୁଖରେ ପରିଣତ ହୋଇଯାଏ ?)
उत्तर:
दुःख से न डरने से सुख बन जाता है।

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 6 साथी ! दुःख से घबराता है ?

3. पंक्तियाँ पूरा कीजिए:
(क) जीवन के………………. सुख दुःख चलते साथ-साथ तब
उत्तर:
लम्बे पथ पर जब

(ख) दुःख जीवन में करता…………………. वह मन की …………… केवल।
उत्तर:
हलचल, दुर्बलता

(ग) जलती ……………….. में जलकर ही ……………………. लाल निकल आता है।
उत्तर:
ज्वाला, लोहा

(घ) एक समय है जब ……………… ही क्या! ……………….. भी साथ न दे पाता है।
उत्तर:
सुख, दुःख

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 6 साथी ! दुःख से घबराता है ?

4. सही अर्थ चुनिए: (ଠିକ୍ ଅର୍ଥ ବାଛ)
(क) प्रबल परीक्षा का क्षण क्या है?
(i) सुख
(ii) दुःख
(iii) आनन्द
उत्तर:
(ii) दुःख

(ख) किसमें जलकर ही लोहा लाल निकल आता है?
उत्तर:
(i) दुःख में
(ii) सुख में
(iii) जलती ज्वाला में
उत्तर:
(iii) जलती ज्वाला में

भाषा-ज्ञान (ଭାଷା-ଜ୍ଞାନ)

1. विपरीत अर्थवाले शब्द लिखिए:
(ବିପରାତ ଅର୍ଥ ବୁଝାଉଥବା ଶବ୍ଦ ଲେଖା::)
उत्तर:
कठिन:, बंधन:, दुर्बलताः, दुःख :, मुक्ति:, हार:
कठिन : सरल
दुर्बलता : सबलता
मुक्ति : बन्दी
बंधन : मुक्त
दुःख : सुख
हार : जीत

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 6 साथी ! दुःख से घबराता है ?

2. इन शब्दों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए:
(ଏହିଶବ୍ଦଗୁଡ଼ିକୁ ବାକ୍ୟରେ ଚ୍ୟବହାର କର)
परीक्षा, समय, मंजिल, बंधन
उत्तर:
परीक्षा- कल हमारी परीक्षा होगी।
समय – हमारे लिए कीमती चीज समय है।
मंजिल – जीवन की मंजिल तक दुःख जाता है।
बंधन – यह संसार मायामोह बंधन में जुड़े हुए है।

3. लिंग वताइए: ( ଲିଙ୍ଗ କୁହ )
लोहा, आग, हार, ज्वाला, पथ, दुःख
उत्तर:
लोहा – पुंलिंग
ज्वाला – स्त्रीलिंग
आग – स्त्रीलिंग
हार – पुंलिंग
पथ – पुंलिंग
दुःख – पुंलिंग

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 6 साथी ! दुःख से घबराता है ?

4. बहुवचन रूप लिखिए:
(ବହୁ ବଚନ ରୂପ ଲେଖ;:)
एक, परीक्षा, सपना, मंजिल
उत्तर:
एक: अनेक
परीक्षा : परीक्षाएँ
सपना : सपने
मंजिल : मंजिलें

5. ‘जीवन के लम्बे पथ पर जब’ ……………. में ‘पथ’ संज्ञा है और ‘लम्बे’ विशेषण है जिससे पथ की लम्बाई सूचित हुई है। निम्न वाक्यों में विशेषणों को रेखांकित कीजिए :
(क) कोयल की आवाज …………………… होती है।
उत्तर:
कोयल की आवाज सुरीली होती है।

(ग) हमें …………….. जनता की सेवा करनी चाहिए
उत्तर:
मुझे पाँच रूपये चाहिए।

(ख) मुझे …………….. रूपये चाहिए।
उत्तर:
हमें गरीब जनता की सेवा करनी चाहिए।

(घ) रमेश …………….. छात्र है।
उत्तर:
रमेश एक मेधावी छात्र है।

गृहकार्य:

1. अपने जीवन में आये दुःख के क्षण का वर्णन कीजिए।
2. इस कविता को कंठस्थ कीजिए।
उत्तर :
मुझे आज भी याद है जब छोटा था तब मेरी माँ बहुत बीमार थी। वह उन दिनों अंतिम साँसे गिन रही थी। और एक दिन अचानक वह वावा के लिए इस दुनिया को छोड़कर चली जाती है। अंतिम समय में जब माँ को श्मशान ले जाया जा रहा था उस समय मुझे लगा कि अब माँ घर में आज के नहीं देगी उस समय में बहुत दुःखी हुआ था।

अति संक्षिप्त उत्तरमूलक प्रश्नोत्तर

A. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में दीजिए

प्रश्न 1.
‘साथी ! दुःख से घबराता है?’ कविता किसने लिखा है?
उत्तर:
‘साथी ! दुःख से घबराता है?’ कविता को गोपालदास ‘नीरज’ ने लिखा है।

प्रश्न 2.
कवि ‘नीरज’ का जन्म कब और कहाँ हुआ?
उत्तर:
कवि नीरज का जन्म सन् १९२६ ई. से पुरावली, जिला इटावा (उत्तर प्रदेश) में हुआ।

प्रश्न 3.
‘नीरज’ ने इस कविता में किस बात की सलाह दी है?
उत्तर:
‘नीरज’ ने इस कविता में दुःख से न डरने की सलाह दी है।

प्रश्न 4.
दुःख कब सुख बन जाता है?
उत्तर:
न डरने से दुःख सुख बन जाता है।

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 6 साथी ! दुःख से घबराता है ?

प्रश्न 5.
दुःख किसके जीवन में ज्यादा होता है?
उत्तर:
दुःख मानव-जीवन में ज्यादा होता है।

प्रश्न 6.
सही रास्ता क्या है?
उत्तर:
दुःख से लड़ना सही रास्ता है।

प्रश्न 7.
हम सब कर्म तत्पर क्यों बने रहते हैं?
उत्तर:
जीवन में दुःख होने के कारण हम सब कर्म तत्पर बने रहते हैं।

प्रश्न 8.
कवि नीरज के अनुसार दुःख को क्या मानना चाहिए?
उत्तर:
कवि नीरज के अनुसार दुःख को मुक्ति का मार्ग मानना चाहिए।

प्रश्न 9.
जलती ज्वाला में जलकर क्या लाल बन जाता है?
उत्तर:
जलती ज्वाला जलकर लोहा लाल बन जाता है।

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 6 साथी ! दुःख से घबराता है ?

प्रश्न 10.
प्रबल परीक्षा का क्षण क्या है?
उत्तर:
प्रबल परीक्षा का क्षण दुःख है।

B. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक शब्द में दीजिए।

प्रश्न 1.
जीवन के लम्बे पथ पर कौन साथ-साथ चलते हैं?
उत्तर:
सुख और दुःख

प्रश्न 2.
किसमें जलकर ही लोहा लाल निकल आता है?
उत्तर:
जलती ज्वाला

प्रश्न 3.
जीवन को मंजिल तक कौन ले जाता है?
उत्तर:
दुःख

प्रश्न 4.
कवि ने किसे धन्यवाद देने को कहा है?
उत्तर:
जिसने हमें दुःख के सपने दिए

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 6 साथी ! दुःख से घबराता है ?

प्रश्न 5.
जलती ज्वाला में जलकर लोहा क्या बन निकल आता है?
उत्तर:
लाल

प्रश्न 6.
मनुष्य की दुर्बलता जीवन में क्या लाती है?
उत्तर:
हलचल

प्रश्न 7.
जीवन में हलचल कौन लाता है?
उत्तर:
दुःख

C. रिक्तस्थानों को भरिए।

प्रश्न 1.
दु:ख
उत्तर:
मानब जीवन

प्रश्न 2.
कवि ने मुक्ति का बंधन से माना है।
उत्तर:
दु:ख

प्रश्न 3.
हम सब कर्मतत्पर बने रहते हैं।
उत्तर:
जीवन में दु:ख होने के

प्रश्न 4.
“साथी ! दु:ख से घबराता है ?”‘ यह कविता ने लिखी है
उत्तर:
गोपालदास

प्रश्न 5.
प्रबल परीक्षा का क्षण है।
उत्तर:
दु:ख

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 6 साथी ! दुःख से घबराता है ?

प्रश्न 6.
हलचल जीवन में लाता है।
उत्तर:
दु:ख

प्रश्न 7.
जलती ज्वाला में जलकर लाल बन निकलता है।
उत्तर:
लोहा

प्रश्न 8.
को धन्यवाद देना चाहिए।
उत्तर:
दु:ख देने वाले का

प्रश्न 9.
कवि के अनुसार दु:ख का बंधन है।
उत्तर:
मुक्ति

प्रश्न 10.
सुख और दु:ख जीवन के पथ पर साथ-साथ चलते हैं।
उत्तर:
लबै

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 6 साथी ! दुःख से घबराता है ?

प्रश्न 11.
दु:ख के समय मनुष्य की होती है।
उत्तर:
परीक्षा

D. सही उत्तर चुनिए।

1. साथी ! दु:ख से घवराता है? कविता के कवि कौन है?
(A) कबीरदास
(B) सूर दास
(C) गोपाल दास
(D) तुलसी दास
उत्तर:
(C) गोपाल दास

2. प्रबल परीक्षा का क्षण क्या है?
(A) सुख
(B) दु:ख
(C) आनंद
(D) चेष्टा
उत्तर:
(B) दु:ख

3. दुर्बलता का अर्थ क्या है?
(A) कमजोरी
(B) काँटा
(C) भारी
(D) कष्ट
उत्तर:
(A) कमजोरी

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 6 साथी ! दुःख से घबराता है ?

4. दु:ख पर क्या प्राप्त करने की चेष्टा करते हैं?
(A) विजय
(B) पराजय
(C) डर
(D) हलचल
उत्तर:
(A) विजय

5. जीवन में क्या होने के कारण हम कर्मतत्पर बनते हैं?
(A) हलचल
(B) दु:ख
(C) घृणा
(D) कर्म
उत्तर:
(B) दु:ख

6. कवि का जन्म किस प्रदेश में हुआ था?
(A) उत्तरप्रदेश
(B) हिमाचल प्रदेश
(C) महम प्रदेश
(D) केरल
उत्तर:
(A) उत्तरप्रदेश

7. ‘साथी ! दु:ख से घवराता है’ कविता में कवि अपने साथी को किस से न डरने की सलाह देता है?
(A) दु:ख
(B) सुख
(C) कष्ट
(D) आनंद
उत्तर:
(A) दु:ख

8. ‘जलती ज्वाला में जलकर क्या लाल बन निकलता है?
(A) सीसा
(B) लोहा
(C) पथर
(D) पायल
उत्तर:
(B) लोहा

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 6 साथी ! दुःख से घबराता है ?

9. कवि का जन्म कब हुआ था?
(A) सन् 1925 ई. में
(B) सन् 2006 ई. में
(C) सन् 1927 ई. में
(D) सन् 1926 ई. में
उत्तर:
(D) सन् 1926 ई. में

10. दु:ख के बाद क्या आएगा?
(A) प्रेम
(B) मरण
(C) सुख
(D) डर
उत्तर:
(C) सुख

दोहे (ତେ।ହେ)

साथी ! दुःख से घबराता है?
दुःख ही कठिन मुक्ति का बन्धन,
दुःख ही प्रबल परीक्षा का क्षण,
दुःख से हार गया जो मानब,
वह क्या मानब कहलाता है ?
ସାଥୀ ! ଦୁଃଖ୍ ସେ ଘବ୍‌ରାତା ହୈ ?
ଦୁଃଖ୍ ହୀ କଠିନ୍ ମୁକ୍ତି କା ବନ୍ଧନ୍,
ଦୁଃଖ୍ ହୀ ପ୍ରବଲ୍‌ ପରୀକ୍ଷା କା କ୍ଷଣ୍ଢ,
ଦୁଃଖ ସେ ହାର୍ ଗୟା ଜୋ ମାନବ,
ୱହ୍ କ୍ୟା ମାନବ୍ କହିଲାତା ହୈ ?
ଅନୁବାଦ ;
ହେ ବନ୍ଧୁ ଦୁଃଖକୁ ଡର ନାହିଁ । ଦୁଃଖ ହିଁ କଠିନ ମୁକ୍ତିର ବନ୍ଧନ ଏବଂ ପ୍ରଚଣ୍ଡ ପରୀକ୍ଷାର ମୁହୂର୍ତ୍ତ ଅଟେ।

साथी ! दुःख से घबराता है ?
जीवन के लम्बे पथ पर जब
सुख – दुःख चलते साथ-साथ तब
सुख पिछे रह जाया करता दुःख ही मञ्जिल
तक जाता है ।
ସାଥୀ ! ଦୁଃଖ୍ ସେ ଘବ୍ରାତା ହୈ ?
ଜୀୱନ୍ କେ ଲମ୍ବେ ପଥ୍ ପର୍ ଜବ୍
ସୁଖ୍-ଦୁଃଖ୍ ଚଲ୍‌ ସାଥ୍‌-ସାଥ୍ ତବ୍
ସୁଖ୍ ପିଛେ ରହ୍ ଜାୟା କର୍‌ତା ଦୁଃଖ୍ ହୀ ମଞ୍ଜିଲ୍
ତକ୍ ଜାତା ହୈ ।
ଅନୁବାଦ:
ହେ ବନ୍ଧୁ ଦୁଃଖକୁ ଭୟ କର ନାହିଁ । ଏହି ଲମ୍ବା ଜୀବନ ପଥରେ ସୁଖ, ଦୁଃଖ ସମତାଳରେ ଚାଲିଥା’ନ୍ତି; ମାତ୍ର ସୁଖକୁ ପଛରେ ପକାଇ ଦୁଃଖ ଲକ୍ଷ୍ୟସ୍ଥଳ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ଅର୍ଥାତ୍ ଅନ୍ତିମ ଅବସ୍ଥା ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ସାଥ୍‌ରେ ରହିଥାଏ ।

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 6 साथी ! दुःख से घबराता है ?

साथी! दु:ख से घबराता है?
दुःख जीवन में करता हलचल,
वह मनकी दुर्बलता केवल,
दुःख को यदि मान न तू तो दुःख ही फिर
सुख बन जाता है।
ସାଥୀ ! ଦୁଃଖ୍ ସେ ଘବ୍ରାତା ହୈ ?
ଦୁଃଖ ଜୀୱନ୍ ମେଁ କର୍‌ତା ହଲ୍‌ଚଲ୍,
ୱହ ମନ୍‌କୀ ଦୁର୍ବଲ୍‌ କେଲ୍,
ଦୁଃଖ୍ କୋ ୟଦି ମାନ୍ ନ ତୂ ତୋ ଦୁଃଖ ହୀ ଫିର୍
ସୁଖ୍ ବନ୍ ଜାତା ହୈ ।
ଅନୁବାଦ:
ହେ ବନ୍ଧୁ ଦୁଃଖକୁ ଭୟ କର ନାହିଁ । ଏହି ଲମ୍ବା ଜୀବନ ପଥରେ ସୁଖ, ଦୁଃଖ ସମତାଳରେ ଚାଲିଥା’ନ୍ତି; ମାତ୍ର ସୁଖକୁ ପଛରେ ପକାଇ ଦୁଃଖ ଲକ୍ଷ୍ୟସ୍ଥଳ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ଅର୍ଥାତ୍ ଅନ୍ତିମ ଅବସ୍ଥା ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ସାଥ୍‌ରେ ରହିଥାଏ ।

साथी ! दु:ख से घबराता है ?
पथ में शूल बिछे तो क्या चल
पथ में आग जी तो क्या जल
जलती ज्वाला में जलकर ही लोहा लाल
निकल आता है ।
ସାଥୀ ! ଦୁଃଖ୍ ସେ ଘବ୍‌ରାତା ହୈ ?
ପଥ୍ ମେଁ ଶୁଲ୍ ବିଛେ ତୋ କ୍ୟା ଚଲ୍
ପଥ୍ ମେଁ ଆର୍ ଜୀ ତୋ କ୍ୟା ଜଲ୍
ଜଲ୍‌ ଜ୍ବାଲା ମେଁ ଜଲ୍‌କର୍ ହୀ ଲୋହା ଲାଲ୍
ନିକଲ୍ ଆତା ହୈ ।
ଅନୁବାଦ :
ହେ ବନ୍ଧୁ ଦୁଃଖକୁ କାହିଁକି ଡରୁଛ, ଜୀବନ ପଥରେ ଅନେକ କଣ୍ଟା ସଦୃଶ ବିପଦ ଆସିଥାଏ । ତାକୁ ଅତିକ୍ରମ କରିବାକୁ ପଡ଼ିବ । ଯେପରିକି କଳାରଙ୍ଗର ଲୁହା ଜଡ଼ିତ ଏ ଜୀବନ ସୁଖମୟ ହୋଇଥାଏ ।

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 6 साथी ! दुःख से घबराता है ?

साथी ! दु: से घबराता है ?
धन्यबाद दो उसको जिसने
दिए तुझे दु:ख के तो सपने
एक समय है जब सुख ही क्या! दु:ख भी
साथ न दे पाता है।
साथी ! दुःख से घबंराता है।
ସାଥୀ ! ଦୁଃଖ୍ ସେ ଘବ୍ରାତା ହୈ ?
ଧନ୍ୟବାଦ୍ ଦୋ ଉସ୍କୋ ଜିସ୍‌
ଦିଏ ତୁଝେ ଦୁଃଖ୍ କେ ତୋ ସପନେ,
ଏକ୍ ସମୟ ହୈ ଜବ୍ ସୁଖ ହୀ କ୍ୟା ! ଦୁଃଖ୍ ଭୀ
ସାଥ୍ ନ ଦେ ପାତା ହୈ ।
ସାଥୀ ! ଦୁଃଖ୍ ସେ ଘବରାତା ହୈ ।
ଅନୁବାଦ :
ହେ ବନ୍ଧୁ ଦୁଃଖକୁ ଡର ନାହିଁ, କାରଣ ମଣିଷ ଜୀବନ ଦୁଃଖ ରୂପକ ସଂଘର୍ଷରେ ବ୍ୟକ୍ତିତ୍ଵର ପରାକାଷ୍ଠା ପ୍ରତିପାଦନ କରିଥାଏ । ତେଣୁ ଦୁଃଖ ଦେଉଥିବା ଲୋକଙ୍କୁ ଧନ୍ୟବାଦ । ଏହି ଦୁଃଖରୁ ହିଁ ମୁକ୍ତିର ମାର୍ଗ ସୁଗମ ହୋଇଥାଏ । ଏପରି ସମୟ ଆସେ ଯେତେବେଳେ ସୁଖ ବା ଦୁଃଖ କେହି ସାଥ୍‌ ଦିଅନ୍ତି ନାହିଁ ।

शबनार: (ଶରାର୍ଥି)

मुक्ति – आजादी, स्वतंत्रता (ସ୍ଵାଧୀନ, ସ୍ଵାଧୀନତା ) ।

प्रबल – बड़ा, भारी, प्रचंड ( ଭାରୀ, ପ୍ରଚଣ୍ଡ ) ।

क्षण – घड़ी, पल, वक् (ସମୟ, ସମୟର ଏକ ମୁହୂର୍ତ୍ତକୁ ୩୯ କୁହାଯାଏ, ପର୍ଶୀ ଶବ୍ଦର ପ୍ରୟୋଗ ପୂର୍ବରୁ ଚାଲୁଥିଲା, ଏକ ଏକ ଘଡ଼ି ୩ ଘଣ୍ଟା ସହିତ ସମାନ) ।

मंजिल – लक्ष्य (ଲକ୍ଷ୍ୟ) ।

हलचल – हिलने-डोलने की क्रिया या भाव (ଦୋଳାୟମାନ ହେବା, ଆଲୋଡ଼ିତ ହେବା) ।

दुर्बलता – कमजोरी (କଣ୍ଟା, ପ୍ରତିବନ୍ଧକ) ।

शूल – काँटा (କମ୍‌ର, ଦୁର୍ବଳ) ।

ज्वाला – अग्निशिखा, लौ, लपट (ଅଗ୍ନିଶିଖା) ।

कवि परिचय (କବି ପରିଚୟ)।

गोपालदास ‘नीरज’ का जन्म पुरावली, जिला इटावा (उत्तर प्रदेश) में सन् 1926 ई. में हुआ। बचपन में ही उनके पिता चल बसे। इसलिए ‘नीरज’ ने अपनी चेष्टा से पढ़ा। एम.ए. किया। फिर नौकरी की। अपने को बनाया। ‘संघर्ष’, ‘विभावरी’, ‘नीरज की पाती’, ‘प्राणगीत’, ‘दो गीत’, ‘मुक्तावली’, ‘दर्द दिया है’, ‘बादर बरस गयो’ आदि ‘नीरज’ के लोकप्रिय काव्य संग्रह हैं। ‘नीरज’ के गीतों में जीवन के सहज अनुभव अभिव्यक्त हुए हैं। इसलिए वे सब के मन को छू पाते हैं। गीत गाए जाते हैं तो और भी सरस होते हैं।

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 5 मेरा नया बचपन

Odisha State Board  BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions  Poem 5 मेरा नया बचपन Textbook Exercise Questions and Answers.

BSE Odisha Class 9 Hindi Solutions Poem 5 मेरा नया बचपन

प्रश्न और अभ्यास (ପ୍ରଶ୍ନ ଔର୍ ଅଭ୍ୟାସ)

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो-तीन वाक्यों में दीजिए:
(ନିମ୍ନଲିଖ୍‌ତ ପ୍ରଶ୍ନୋ କେ ଉତ୍ତର୍ ହୋ – ତାନ୍ ବାର୍କେ ମେଁ ଦୀଜିଏ) ।
(ନିମ୍ନଲିଖ ପ୍ରଶ୍ନଗୁଡ଼ିକର ଉତ୍ତର ଦୁଇ-ତିନୋଟି ବାକ୍ୟରେ ଦିଅ : )

(क) कवयित्री ने बचपन को ‘अतुलित आनंद देनेवाले’ क्यों कहा है?
(କରାଯିତ୍ରା ନେ ବବ୍ ପନ୍ ବ୍ କୋ ଅତୁଳିତ୍ ଆନନ୍ଦ ଦେନେବାଲେ’ କ୍ୟା କହା ହୈ ?)
(କବୟିତ୍ରୀ ପିଲାଦିନକୁ ‘ଅପାର ଆନନ୍ଦ ଦେଉଥ‌ିବା’ ବୋଲି କାହିଁକି କହିଛନ୍ତି ?)
उत्तर:
कवयित्री ने बचपन को अतुलित आनन्द देनेवाले इसलिए कहा है कि बचपन की सरल, मधुर स्मृतियाँ आनन्द का अतुलित भंड़ार होता है। बाल्यावस्था में अचिन्ता भोजन और खेलकूद के स्वाधीन विचरण अविस्मरणीय है।

(ख) बचपन के बारे में कवयित्री ने क्या वर्णन किया है?
उत्तर:
(ବଚ୍‌ପନ୍ କେ ବାରେ ମେଁ କବୟିତ୍ରୀ ନେ କ୍ୟା ୱର୍ଣ୍ଣନ କିୟା ହୈ ?)
(ପିଲାଦିନ ସମ୍ପର୍କରେ କବୟିତ୍ରୀ କ’ଣ ବର୍ଣ୍ଣନା କରିଛନ୍ତି ?

बचपन का अतुलनीय आनन्द कभी भूला नहीं जा सकता है। इस समय में सरल चिन्ताशून्य निष्पाप जीवन होता है। मातृस्नेह ममता के साथ धूलि खेल कभी नहीं मिला। कवयित्री इसमें उनका मातृहृदय सजग हो उठा है।

(ग) बच्ची के रोने पर माँ ने उसे कैसे चुप कराया?
(ବଢୀ କେ ରୋନେ ପର୍ ମାଁ ନେ ଉସେ କୈସେ ଚୁପ୍ କରାୟା ?)
(ଶିଶୁ (ପିଲା) କ୍ରନ୍ଦନରେ ମା’ ତାକୁ କିପରି ବୋଧ କଲେ ?)
उत्तर:
बच्ची रोते समय माँ जो काम कर रही थी उसको छोड़कर बच्ची को उठा लिया । झाड़ पोंछकर चुमा देकर लोरी गाकर गिले गालो को सुखा दिया ।

(घ) कवयित्री बचपन को क्यों बार-बार बुलाती हैं ?
(କବୟିତା। ଚଚ୍ ର୍ପନ୍ କ୍ଯୋ ବାର୍ – ବାର୍ ବୁଲାତୀ ହୈ ?)
(କବୟିତ୍ରୀ ପିଲାଦିନକୁ କାହିଁକି ବାରମ୍ବାର ମନେ ପକାଉଛନ୍ତି ?)
उत्तर:
कवयित्री निर्मल शान्ति पाने के लिए वचपन को बार-बार बुलाती है। इसमें उनके मन का बिषाद को मिटाने के साथ चिर सुख मिलेंगा। वस्तुत: नारी हृदय मातृत्व पाकर ही गौरवान्वित होता है।

(ङ) बचपन को बुलाते समय क्या हुआ?
(ବଚ୍‌ପନ୍‌ କୋ ବୁଲାତେ ସମୟ କ୍ୟା ହୁଆ ? )(
ପିଲାଦିନକୁ ଡାକିବାବେଳେ କ’ଣ ହେଲା ?)
उत्तर:
बचपन को बुलाते समय कवि खुद बच्ची बन जाती है। बचपन की अठखेलियाँ और शरारत की झलक देखी। उसके साथ खेलती, खाती और तुतलाती है।

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 5 मेरा नया बचपन

2. निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर एक या दो वाक्यों में दीजिए।
(ନିମ୍ନଲି ଖ୍ ତା ପ୍ରଶ୍ନୋ କା ଉତ୍ତର୍ ଏକସ୍ନ ଦୋ ବାର୍କେ ମେଁ ଦୀଜିଏ) ।
(ନିମ୍ନଲିଖ ପ୍ରଶ୍ନଗୁଡ଼ିକର ଉତ୍ତର ଗୋଟିଏ ବା ଦୁଇଟି ବାକ୍ୟରେ ଦିଅ ।)
(क) ‘मेरा नया बचपन’ कविता किसने लिखी है?
(‘ମେରା ନୟ ବଚପନ୍’ କବିତା କିସ୍‌ ଲିଖ୍ ହୈ ?)
(ମେରା ନୟା ବଚପନ୍) କବିତା କିଏ ଲେଖୁଛି ?)
उत्तर:
‘मेरा नया बचपन’ कविता सुभद्रा कुमारी चौहान ने लिखी है।

(ख) कवयित्री को बार-बार किसकी याद आती है?
(କବୟିତ୍ରୀ କୋ ବାର୍-ବାର୍ କିସ୍‌ ୟାଦ୍ ଆତିହୈ ?)
(କବୟିତ୍ରୀଙ୍କୁ ବାରମ୍ବାର କ’ଣ ମନେ ପଡୁଛି ?)
उत्तर:
कवयित्री को बार-बार बचपन की याद आती हैं।

(ग) किस समय का अतुलित आनन्द भूला नहीं जा सकता है?
(କିସ୍ ସମୟ କା ଅତୁଲିତ ଆନନ୍ଦ ଭୂଲା ନେହୀ ଜା ସକତା ହୈ ?)
(କେଉଁ ସମୟର ଅପାର ଆନନ୍ଦକୁ ଭୁଲି ପାରିବା ନାହିଁ ?)
उत्तर:
बचपन का अतुलित आनन्द भूला नहीं जा सकता है।

(घ) कबयित्री को बचपन में किस प्रकार की जयमाला पहनाते थे?
(କବ ୟତ୍ରା କେ। ବଚ୍ପନ୍ ମେଁ କିସ୍‌କାର କୀ ଜୟମାଲା ପହନାତେ ଥେ ?)
(କବୟିତ୍ରୀ ପିଲାଦିନରେ କେଉଁ ପ୍ରକାରର ବିଜୟରମାଳା ପିନ୍ଧିଥିଲେ ?)
उत्तर:
कवयित्री को बचपन में मोती से आँसू की जयमाला पहनाते थे ।

(ङ) माँ ने गीले गालों को कैसे सुखा दिया?
(ମାଁ ନେ ଗୀଲେ ଗାର୍ଲୋ କୋ କୈସେ ସୁଖା ଦିୟା ?)
(ମା’ ଓଦା ଗାଲା (ମୁହଁ) କୁ କିପରି ସୁଖାଇ ଦେଲା ?)
उत्तर:
माँ ने बच्चों को धूल से उठाकर, झाड़पोंछकर प्यार से चूमकर गीले गालों को सुखा दिया।

(च) कवयित्री किसलिए बचपन को फिर एक बार बुलाती है?
(କବୟିତ୍ରୀ କିସ୍‌ଲିଏ ବତ୍‌ପନ୍ କୋ ଫିର୍ ଏକବାର୍ ବୁଲାତି ହୈ ?)
(ଲେଖ୍କା କେଉଁଥ‌ିପାଇଁ ପିଲାଦିନକୁ ପୁନର୍ବାର ଡାକୁଛନ୍ତି ?)
उत्तर:
कवयित्री निर्मल शान्ति और मन के बिषाद को मिटाने के लिए बचपन को फिर एक बार बुलाती है।

(छ) कवयित्री किसलिए शंका प्रकट करती है?
(କବୟିତ୍ରୀ କିସ୍‌ଏ ଶଂକା ପ୍ରକଟ କରତି ହୈ ?)
(ଲେଖ୍କା କେଉଁଥିପାଇଁ ଆଶଙ୍କା ପ୍ରକାଶ କରିଛନ୍ତି ?)
उत्तर:
कवयित्री इसलिए शंका प्रकट करती है कि सरल, मधुर, निष्पाप बचपन फिर से आकर मेरे मन का संताप को दूर करने में सक्षम होंगे।

(ज) कवयित्री की छोटी-सी कुटिया कैसे नन्दन वन-सी फूल उठी?
1162161- ସୀ କୁଟିୟା କୈସେ ନନ୍ଦନ୍ ୱନ-ସୀ ଫୁଲ୍ ଉଠୀ ? (ଲେଖ୍କାଙ୍କ ଛୋଟ କୁଡ଼ିଆଘର କିପରି ନନ୍ଦନ ବନର ଫୁଲ ହୋଇ ଉଠିଛି ?)
उत्तर:
कवयित्री की छोटी-सी कुटिया अपनी वाल्यावस्था की नटखट से नन्दन वन-सी फूल उठी।

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 5 मेरा नया बचपन

(झ) कवयित्री की बिटिया क्यों माँ के पास आई थी?
(କବୟିତ୍ରୀ କୀ ଛୋଟୀ- ଆଇ ଥୀ ?)
(ଲେଖ୍କାର ଝିଅ କାହିଁକି ମା ପାଖକୁ ଆସିଥିଲା ?)
उत्तर: कवयित्री की बिटिया बचपन की अठखेलियों और शरारतों की झलक देखी और उसकी सुन्दर मूर्त्ति देखकर नया जीवन आया।

(ञ) कवयित्री ने अपना खोया बचपन किस प्रकार पाया?
(କବୟିତ୍ରୀ ନେ ଅପନା ଖୋୟା ବଚପନ କିସ୍ ପ୍ରକାର ପାୟା ?)
(ଲେଖ୍କାଙ୍କ ନିଜର ହଜି ଯାଇଥ‌ିବା ପିଲାବେଳ କିପରି ପାଇଲେ ?)
उत्तर:
कययित्री ने अपना खोया बचपन बेटी के रूप में पाया है। इसमें सुन्दर लुभानेवाले रूप देखकर नया जीवन फिर पाया।

(ट) कवयित्री किसे बरसों से खोजती थी?
(କବୟିତ୍ରୀ କିସ୍ ବରସୌ ସେ ଖୋଜତୀ ଥୀ ?)
(ଲେଖୁ କାହାକୁ ବର୍ଷ ବର୍ଷ ଧରି ଖୋଜୁଥିଲେ ?)
उत्तर:
अपने बचपन को कवयित्री बरसों से खोजती थी।

3. निम्नलिखित प्रश्नों के सही विकल्प चुनकर उत्तर दीजिए:
(क) कवयित्री को बार-बार किसकी याद आती है?
(i) बुढ़ापा
(ii) बचपन
(iii) शैशव
(iv) यौवन
उत्तर:
(ii) बचपन,

(ख) बचपन का कौन-सा आनंद भूला नहीं जा सकता?
(i) सुख
(ii) अप्रतिम
(iii) अतुलित
(iv) असीम
उत्तर:
(iii) अतुलित,

(ग) जब बच्ची रोती थी तब कौन काम छोड़कर आ जाती थी?
(i) माँ
(ii) बहन
(iii) नानी
(iv) आया
उत्तर:
(i) माँ,

(घ) बिटिया क्या खाकर आई थी?
(i) रोटी
(ii) पान
(iii) मिट्टी
(iv) मिठाई
उत्तर:
(iii) मिट्टी,

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 5 मेरा नया बचपन

(ङ) बचपन क्या बनकर कवयित्री को फिर से प्राप्त हुआ?
(i) बिल्ली
(ii) कुत्ता
(iii) बेटा
(iv) बेटी
उत्तर:
(iv) बेटी

1. इन विशेषण तथा संज्ञा शब्दों को जोड़िए।
(ଏହି ବିଶେଷଣ ତଥା ସଂଜ୍ଞା ଶବ୍ଦଗୁଡ଼ିକୁ ଯୋଡ଼ ।)

विशेषण संज्ञा
मधुर विश्रान्ति
व्याकुल आँसू
मोती-से हृदय
प्राकृत स्मृति
मस्त कुटिया
मंजुल खुशी
छोटी-सी आनन्द
अतुलित मूर्ति

उत्तर:

विशेषण संज्ञा
मधुर स्मृति
व्याकुल हृदय
मोती-से आँसू
प्राकृत विश्रान्ति
मस्त खुशी
मंजुल मूर्त्ति
छोटी-सी कुटिया
अतुलित आनन्द

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 5 मेरा नया बचपन

2. निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखिए।
(ନିମ୍ନଲିଖ୍ ଶବ୍ଦଗୁଡ଼ିକର ବିପରୀତ ଶବ୍ଦ ଲେଖ ।)
खुशी, हँसना, मधुर, जीवन, निश्चित, निर्भय, बड़े, सूखा, भयभीत, कुटिया, नव, प्यारा, पाप, निष्पाप, सरलता, बचपन, निर्मल, अपना, पाया, हर्ष।
उत्तर:
खुशी – दु:खी

हँसना – रोना

मधुर – कटु

जीवन – मरण

निश्चित – अनिश्चित

निर्भय – भय

बड़े – छोटे

सूखा – गीला

भयभीत – निर्भीक

कुटिया – महल

नव – पुराना

प्यारा – घृणा

पाप – पुण्य

निष्पाप – कलंक

सरलता – जटिलता

बचपन – बुढ़ापा

निर्मल – मैल

अपना – पराया

पाया – खोया

हर्ष – विषाद/शोक

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 5 मेरा नया बचपन

3. निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए।
(ନିମ୍ନଲିଖିତ ଶବ୍ଦଗୁଡ଼ିକର ପ୍ରତିକର ପ୍ରତିଶବ୍ଦ ଲେଖା)
निर्भय, स्वच्छन्द, जय, माँ, व्यथा, फूल, कुटिया, वन
उत्तर:
निर्भय – निर्भिक/निडर

जय – विजय/सफला

व्यथा – दु:ख

कुटिया – कुटीर

स्वच्छन्द – स्वाधीन

माँ – माता

फूल – पुष्प, सुमन, कुसुम

वन – जंगल/कानन

4. निर्देशानुसार निम्नलिखित वाक्यों को बदलिए।
(ନିମ୍ନଲିଖିତ ବାକ୍ୟଗୁଡ଼ିକୁ ନିର୍ଘେଶାନୁ ସାରେ ବଦଳ। ଆ)

(क) तू गया, तू ले गया । ( भविष्यत काल में) उत्तर: तू जाएगा, तू ले जाएगा ।
उत्तर:
तू जाएगा, तू ले जाएगा।

(ख) मेरे मन का दुःख वह आकर मिटाएगा (भूतकाल में)
उत्तर:
मेरे मन का दुःख उसने आकर मिटाया।

(ग) माँ काम छोड़कर आई और मुझे गोद में उठा लिया। ( वर्त्तमान काल में)
उत्तर:
माँ काम छोड़कर आती है और मुझे गोद में उठा लेती है।

(घ) मैं बचपन को बुला रही थी। ( वर्तमान काल में)
उत्तर:
मैं बचपन को बुला रही हूँ।

(ङ) मुझे खिलाने आई थी। (भविष्यत काल में)
उत्तर:
मुझे खिलाने आएगी।

गृहकार्य: (ଗୃହ କାର୍ଯ୍ୟ)

अपने बचपन की किसी एक रोचक घटना अपने साथियों को सुनाइए।
उत्तर:
हाँ, मुझे एसी ही एक घटना याद आयी है। वह ईस प्रकार है। जब में छोटा था। स्कूल में पढ़ता था। हम तीनों भाई एक साथ स्कुल जाया करते थे। खाने की छुट्टी में दोनों भाई जल्दी-जल्दी खाकर आ जाया करते। लेकिन में इतने कम समय में जल्दी-जल्दी जाकर नहीं आ पाता था। इसलिए मुझे खाने की छुट्टी में जेशे की भूख लगा करती थी। चार बजे स्कुल की छुट्टी होते ही में जल्दी-जल्दी घर पहुँचता। वहाँ देखता माँ घर की दयोढ़ी पर खडी मेरे आने के इंतजार में रस्ता ताक रही होती थी।

माँ को देखकर और उसके आँचल से अपने पक्षीने पौछते ही मुझे एसा लगता मानो मेरे भूख कहीं उड गयी। उसे सारी दुनिया मिल गयी हो। पर आज जब में बड़ा हो गया हूँ तब न मेरे पास माँ है और नहीं इसकी ममता का आँचल। माँ आज भगवान के पास है। मैं इतना बडा होने के बाद भी आज में अपने पैरों पर खड़ा हूँ। अपने फैसले खुद लेता हूँ। पर मुझे पता नहीं क्यों आज भी माँ की कमी खलती है। शायद भगवान को अच्छे मनुष्यों की जरुरत है इसलिए वे मेरी माँ को अपने पास बुला ले गये।

अति संक्षिप्त उत्तरमूलक प्रश्नोत्तर

A. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में दीजिए।

प्रश्न 1.
‘मेरा नया बचपन’ कविता के कवि कौन हैं?
उत्तर:
सुभद्रा कुमारी चौहान ‘मेरा नया बचपन’ कविता के कवि हैं।

प्रश्न 2.
कवयित्री सुभद्रा कुमारी चौहान का जन्म कब और कहाँ हुआ था?
उत्तर:
कवयित्री सुभद्रा कुमारी चौहान का जन्म सन १९०३ ई. में प्रयाग निहलपुर महल में हुआ था।

प्रश्न 3.
ठाकुर रामनाथ सिंह कौन थे?
उत्तर:
ठाकुर रामनाथ सिंह सुभद्रा कुमारी चौहान के पिता थे।

प्रश्न 4.
‘मेरा नया बचपन’ कविता में कवयित्री ने अपने कौन से समय की याद की है?
उत्तर:
‘मेरा नया बचपन’ कविता में कवयित्री ने अपने बचपन के समय की याद की है।

प्रश्न 5.
नारी हृदय कब गौरवान्वित होता है?
उत्तर:
नारी हृदय मातृत्व पाकर गौरवान्वित होता है

प्रश्न 6.
बिटिया क्या खाकर आई थी?
उत्तर:
बिटिया मिट्टी खाकर आई थी।

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 5 मेरा नया बचपन

प्रश्न 7.
कवयित्री को बार-बार किसकी याद आती है?
उत्तर:
कवयित्री को बार-बार बचपन की याद आती है।

प्रश्न 8.
बचपन का कौन सा आनंद भुलाया नहीं जा सकता?
उत्तर:
बचपन का अतुलित आनंद भुलाया नहीं जा सकता।

प्रश्न 9.
बचपन क्या बनकर कवयित्री को फिर से प्राप्त हुआ ?
उत्तर:
बचपन बेटी बनकर कवयित्री को फिर से प्राप्त हुआ।

प्रश्न 10.
किस समय का अतुलित आनंद भुलाया नहीं जा सकता ?
उत्तर:
बचपन का अतुलित आंनद भुलाया नहीं जा सकता।

प्रश्न 11.
कवयित्री की छोटी-सी कुटिया कैसे नंदन वन-सी फूल उठी?
उत्तर:
अपनी बिटिया की किलकारी की गूँज से कवयित्री की छोटी से कुटिया नंदन वन सी फूल उठी थी।

प्रश्न 12.
बचपन में किस प्रकार की जयमाला कवयित्री को पहनाते थे?
उत्तर:
बचपन में बड़े-बड़े मोती से आँसू की जयमाला कवयित्री को पहनाते थे।

प्रश्न 13.
माँ ने गीले गालों को किस प्रकार सुखा दिया?
उत्तर:
माँ ने झाड़-पोंछकर और चूम-चूमकर गीले गालों को सुखा दिया।

प्रश्न 14.
कवयित्री किसे बरसों से खोजती थी?
उत्तर:
कवयित्री बचपन को बरसों से खोजती थी।

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 5 मेरा नया बचपन

प्रश्न 15.
किसकी मंजुल मूर्ति दिखकर कवयित्री में नव-जीवन आया?
उत्तर:
अपनी बेटी की मंजुल मूर्ति देखकर कवयित्री में नव-जीवन आया।

प्रश्न 16.
कवयित्री ने अपने बचपन की झलक किसमें देखी?
उत्तर:
कवयित्री ने अपने बचपन की झलक अपनी बेटी में देखी।

B. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक शब्द में दीजिए।

प्रश्न 1.
माँ ने गीले गालों को कैसे सुखा दिया?
उत्तर:
चूम-चूमकर

प्रश्न 2.
बार-बार कवयित्री को किसकी याद आती है?
उत्तर:
बचपन

प्रश्न 3.
बचपन क्या बनकर कवयित्री को फिर से प्राप्त हुआ?
उत्तर:
बेटी

प्रश्न 4.
अतुलित आनंद किस समय का भूला नहीं जा सकता है?
उत्तर:
बचपन

प्रश्न 5.
कवयित्री को बचपन में किस प्रकार की जयमाला पहनाते थे?
उत्तर:
आसूँओं से बने मोतियों

प्रश्न 6.
किसे बरसों से कवयित्री खोजती थी?
उत्तर:
बचपन

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 5 मेरा नया बचपन

प्रश्न 7.
कौन मिट्टी खाकर आई थी?
उत्तर:
बिटिया

प्रश्न 8.
बचपन को कौन-सा आनंद कहा गया है?
उत्तर:
अतुलित आनंद

प्रश्न 9.
‘मेरा नया बचपन’ कविता के कवि कौन है?
उत्तर:
सुभद्रा कुमारी चौहान

प्रश्न 10.
बिटिया क्या खाकर आई थी?
उत्तर:
मिट्टी

प्रश्न 11.
कवयित्री ने अपना खोया बचपन किस प्रकार पाया?
उत्तर:
बेटी के रूप में

प्रश्न 12.
जब बच्ची रोती थी तब कौन काम छोड़कर आ जाती थी?
उत्तर:
माँ

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 5 मेरा नया बचपन

प्रश्न 13.
बचपन का कौन-सा आनन्द भूला नहीं जा सकता?
उत्तर:
अतुलित

प्रश्न 14.
नारी हृदय कब गौरवान्वित होता है?
उत्तर:
मातृत्व

C. रिक्तस्थानों को भरिए।

प्रश्न 1.
……………. पूर्ण माता है।
उत्तर:
सुभद्राजी

प्रश्न 2.
……………… को बुलाते समय कवयित्री खुद बच्ची बन जाती है।
उत्तर:
बचपन

प्रश्न 3.
“मेरा नया बचपन” कविता ……………. ने लिखी है।
उत्तर:
सुभद्रा कुमरी चौहान

प्रश्न 4.
बालकपन का ……………… सा आनंद भूला नहीं जा सकता।
उत्तर:
अतुलित

प्रश्न 5.
जब बच्ची रोती थी तब ……………… काम छोड़कर आ जाती थी।
उत्तर:
माँ

प्रश्न 6.
……………………… खाकर बिटिया आई थी।
उत्तर:
मिट्टी

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 5 मेरा नया बचपन

प्रश्न 7.
गीलें गालों को माँ ने …………….. सुखा दिया।
उत्तर:
चुम-चुमकर

प्रश्न 8.
कवयित्री की बिटिया ……………….. माँ के पास आई थी।
उत्तर:
मिट्टी खिलाने

प्रश्न 9.
कवयित्री को ……………….. के रोने की आवाज सुनाई देती है।
उत्तर:
बिटिया

प्रश्न 10.
बच्ची की रोने की आवाज सुनते ही …………………. दौड़ी आती थी।
उत्तर:
माँ

प्रश्न 11.
कवयित्री को बार-बार ……………… की याद आती है।
उत्तर:
बचपन

प्रश्न 12.
बचपन में रोना और मचल जाना भी …………….. दिखाते थे।
उत्तर:
आनन्द

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 5 मेरा नया बचपन

प्रश्न 13.
बचपन का जीवन …………….. होता है।
उत्तर:
निष्पाप

प्रश्न 14.
कवयित्री बचपन से …………….. माँगती हैं।
उत्तर:
निर्मल शान्ति

प्रश्न 15.
बेटी की मंजुल मूर्त्ति देखकर कवयित्री को ……………….. मिला।
उत्तर:
नव जीवन

D. सही उत्तर चुनिए।

1. ‘मेरा नया बचपन’ कविता किसने लिखी है?
(A) कबीरदास ने
(B) गिरिधर कविराय ने
(C) सूरदास ने
(D) सुभद्रा कुमारी चौहान ने
उत्तर:
(D) सुभद्रा कुमारी चौहान ने

2. माँ ने गीले गालों को कैसे सुखा दिया?
(A) चुम-चुमकर
(B) चाट कर
(C) कपड़े से पोछकर
(D) हाथ से झाड़कर
उत्तर:
(A) चुम-चुमकर

3. ‘झाँसी की रानी’ किसने लिखा था?
(A) कबीर दास
(B) सूरदास
(C) गिरिधर कविराय
(D) सुभद्रा कुमारी चौहान
उत्तर:
(D) सुभद्रा कुमारी चौहान

4. कवयित्री का विवाह कब हुआ?
(A) 1919
(B) 1918
(C) 1917
(D) 1920
उत्तर:
(A) 1919

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 5 मेरा नया बचपन

5. किस समय का अतुलित आनंद भूला नहीं जा सकता?
(A) बचपन का
(B) शैशव का
(C) बुढ़ापे का
(D) यौवन का
उत्तर:
(A) बचपन का

6. कवयित्री की विटिया माँ के पास क्यों आयी थी?
(A) मिट्टी खिलाने
(B) पान खिलाने
(C) रोटी खिलाने
(D) मिठाई खिलाने
उत्तर:
(A) मिट्टी खिलाने

7. कवयित्री की छोटी-सी कुटिया किसके आने से फूल उठी?
(A) बेटी
(B) बहन
(C) माँ
(D) पोता
उत्तर:
(A) बेटी

8. कवयित्री किसे बरसों से खोजती थी?
(A) बेटी को
(B) कुत्ता को
(C) बचपन को
(D) बिल्ली को
उत्तर:
(C) बचपन को

9. बचपन क्या बनकर कवयित्री को फिर से प्राप्त हुआ?
(A) बिल्ली
(B) कुत्ता
(C) बेटा
(D) बेटी
उत्तर:
(D) बेटी

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 5 मेरा नया बचपन

10. सुभद्रा कुमारी चौहान को किस कविता पुस्तक पर पुरस्कार मिला है?
(A) राम का खेल
(B) त्रिधाराएँ
(C) मुकुल
(D) मेरा नया बचपन
उत्तर:
(C) मुकुल

दोहे (ତେ।ହେ)

बार-बार आती है मुझको
मधुर याद बचपन तेरी,
गया, ले गया तु, जीवन की,
सबसे मस्त खुसी मेरी॥
ଚାର୍ – ବାର୍ ଆତ। ହୈ ମୁଝକୋ
ମଧୁର ୟାଦ୍ ବର୍‌ପନ୍ ତେରୀ,
ଗୟା, ଲେ ଗୟା ତୁ, ଜୀୱନ୍ କୀ,
ସବ୍‌ ମସ୍ତ ଖୁସୀ ମେରୀ ।
ଅନୁବାଦ:
ରେ ପିଲାଦିନ, ତୋ’ର ମଧୁର ସ୍ମୃତି ମୋର ମନେପଡ଼ୁଛି । ତୁ ତ ଗଲୁ, ତା’ ସହିତ ମୋ ଜୀବନର ସମସ୍ତ ଖୁସିକୁ ମଧ୍ୟ ସାଥ୍‌ରେ ନେଇଗଲୁ।

चिंता रहित खेलना खाना,
वह फिरना निर्भय स्वच्छन्द,
कैसे भूला जा सकता है,
बचपंन का अतुलित आनन्द।
ଚିନ୍ତା ରହିତ୍ ଖେନା ଖାନା,
ୱହ ଫିନା ନିର୍ଭୟ ସ୍ବଚ୍ଛନ୍ଦ,
କୈସେ ଭୂଲା ଜା ସକ୍ତା ହୈ,
ବଚ୍‌ପନ୍ କା ଅତୁଳିତ୍ ଆନନ୍ଦ୍ ।
ଅନୁବାଦ:
ଅଚିନ୍ତା ଭୋଜନ, ଖେଳ, ସ୍ୱଚ୍ଛନ୍ଦ ଭ୍ରମଣ, ନିର୍ଭୟମନ, କେମିତି ଭୂଲିହେବ ପିଲାବେଳର ସେହି ଅତୁଳନୀୟ

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 5 मेरा नया बचपन

रोना और मचल जाना भी,
क्या आनन्द दिखलाते थे,
बड़े-बड़े मोती-से आँसू,
जयमाला पहनाते थे।
ରୋନା ଔର୍ ମଚଲ୍ ଜାନା ଭୀ,
କ୍ୟା ଆନନ୍ଦ ଦିଖ୍ତେ ଥେ,
ବଡ଼େ-ବଡ଼େ ମୋତୀ-ସେ ଆସୁ,
ଜୟମାଲା ପହନାତେ ଥେ।
ଅନୁବାଦ:
କାନ୍ଦିବା ଓ ଜିଦ୍ ଧରିବାରେ କି କି ଆନନ୍ଦ ଦୃଶ୍ୟମାନ ହେଉଥିଲା । ବଡ଼ ବଡ଼ ମୋତିଭଳି ଲୋତକ ବିନ୍ଦୁରେ ବିଜୟର ମାଳା ପିନ୍ଧିବାଭଳି ଲାଗୁଥିଲା ।

मैं रोई, माँ काम छोड़कर आई,
मुझको उठा लिया,
झाड़-पोंछकर चूम-चूमकर,
गीले गालों को सुखा दिया।
ମୈ ରୋଈ, ନାଁ କାମ୍ ଛାଡ଼କର୍ ଆଈ,
ମୁଖ୍ୟ ଉଠା ଲିୟା,
ଝାଡ଼-ପୌବ୍ଲକର ଚୂମ୍-ଚୂମ୍ର,
ଗୀଲେ ଗାର୍ଲୋ କୋ ସୁଖା ଦିୟା
ଅନୁବାଦ:
କବି କାନ୍ଦିଲାବେଳେ ମାଆ କାମ ଛାଡ଼ି ତାଙ୍କୁ ଉଠାଇ ନିଅନ୍ତି । ଧୂଳି ଝାଡ଼ି, ଗେଲ କରି ଅଶ୍ରୁସିକ୍ତ ଗ। ଲକୁ ସୁଖାଇ ଦିଅନ୍ତି ।

आ जा बचपन ! एक बार फिर
दे दे अपनी निर्मल शान्ति,
ब्याकुल व्यथा मिटाने वाली
वह अपनी प्राकृत विश्रांति।
ଆ ଜା ବଚ୍‌ପିନ୍ ! ଏକ୍ ବାର୍ ଫିର୍
ଦେ ଦେ ଅପ୍‌ନୀ ନିର୍ମଲ୍ ଶାନ୍ତି,
ବ୍ୟାକୁଲ୍ ବ୍ୟଥା ମିଟାନେ ୱାଲୀ
ପ୍ରାକୃତ୍ ବିଶ୍ରାନ୍ତି । ୱହ ଅପ୍‌ନୀ
ଅନୁବାଦ:
କବି କହୁଛନ୍ତି, ଯେ ଥରେ ତାଙ୍କର ବାଲ୍ୟାବସ୍ଥା ଫେରିଆସିଲେ, ସେ ନିର୍ମଳ ଶାନ୍ତି ଲାଭ କରିବେ । ଏହା ହିଁ ତାଙ୍କ ଅସ୍ଥିର ବ୍ୟଆଯୁକ୍ତ ମନର ବିଷାଦକୁ ସ୍ବାଭାବିକ ଓ ଚିରସୁଖ ପ୍ରଦାନ କରିବ।

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 5 मेरा नया बचपन

वह भोली-सी मधुर सरलता
वह प्यारा जीवन निष्पाप
क्या फिर आकर मिटा सकेगा
तृ मेरे मन का सन्ताप ?
ୱହ ଭୋଲା ସାମଧୁର୍ ସଗଲ୍ ତା
ୱହ ପ୍ୟାରା ଜୀୱନ୍ ନିଷ୍ପାପ୍,
କ୍ୟା ଫିର୍ ଆକର୍ ମିଟା ସକେଗା
ତୂ ମେରେ ମନ କା ସନ୍ତାପ ?
ଅନୁବାଦ:
କବି ମନର ସନ୍ଦେହକୁ ପ୍ରକାଶ କରିବା ଛଳରେ କହୁଛନ୍ତି ଯେ ସେହି ସରଳ ମଧୁର ନିଷ୍କଳଙ୍କ ବାଲ୍ୟାବସ୍ଥା ମନକୁ ପୁନର୍ବାର ସନ୍ତାପମୁକ୍ତ କରିପାରିବ ।

मै बचपन को बुला रही थी,
बोल उठी बिटिया मेरी,
नन्दन – वन-सी फूल उठी
यह छोटी-सी कुटिया मेरी।
ମେଁ ବର୍‌ପନ୍‌ କୋ ବୁଲା ରହୀ ଥୀ,
ବୋଲ୍ ଉଠୀ ବିଟିୟା ମେରୀ,
ନନ୍ଦନ- ୱନ-ସୀ ଫୁଲ ଉଠୀ,
ୟହ ଛୋଟୀ-ସ୍ତ୍ରୀ କୁଟିୟା ମେରୀ ।
ଅନୁବାଦ:
ନିଜ ଶିଶୁକନ୍ୟାର ଚପଳାମିରେ ମୁଗ୍ଧ ହୋଇ କବୟିତ୍ରୀ ନିଜର ବାଲ୍ୟାବସ୍ଥାକୁ ଆହ୍ଵାନ କରୁଛନ୍ତି । ସେ ଏଠାରେ ନିଜର ଛୋଟ କୁଡ଼ିଆକୁ ନନ୍ଦନବନ ସହିତ ତୁଳନା କରିଛନ୍ତି ଅର୍ଥାତ୍ ନିଜ କନ୍ୟାର ଚପଳାମି ଛୋଟିଆ କୁଡ଼ିଆଟିକୁ ପରିପୂର୍ଣ୍ଣ କରିଛି ।

माँ ओ ! कहकर बुला रही थी,
मिट्टी खाकर आई थी,
कुछ मुँह में, कुछ लिए हाथ में,
मुझे खिलाने आई थी।
ମାଁ ଓ ! କହୁକର୍ ବୁଲା ରହୀ ଥୀ,
ମିଟୀ ଖାକର୍ ଆଈ ଥୀ,
କୁଛ୍ ମୁଁହ ମେଁ, କୁଛ୍ ଲିଏ ହାଥ ମେଁ,
ମୁଝେ ଖୁନେ ଆଈ ଥୀ।
ଅନୁବାଦ;
କବୟିତ୍ରୀ ତୁ କ’ଣ ଆଣିଛୁ ବୋଲି ପଚାରିବା ସମୟରେ ଶିଶୁ ପିଲାଟି ଉତ୍ତର ଦେଉଛି, ମାଆ ତୁମେ ଖାଅ । ତାହାର ଏହି ଦରୋଟି କଥାରେ କବି ପ୍ରସନ୍ନ ହୃଦୟରେ, ଖୁସି ମନରେ ସବୁକିଛି ଭୁଲି କହୁଛନ୍ତି ତୁ ଖାଇଦେ।

पाया मैंने बचपन फिर से
बचपन बेटी बन आया,
उसकी मञ्जुल मूर्त्ति देखकर
मुझमें नव-जीवन आया।
ପାୟା ମୈନେ ବଚ୍‌ପନ୍ ଫିର୍ ସେ
ବତ୍‌ପନ୍‌ ବେଟୀ ବନ୍‌ ଆୟା,
ଉସ୍‌କୀ ମଞ୍ଜୁଳ ମୂର୍ତ୍ତି ଦେଖକର୍,
ମୁଖ୍ୟର୍ମେ ନ-ଜୀୱନ୍ ଆୟା ।
ଅନୁବାଦ:
କବି ନିଜ ଶିଶୁକନ୍ୟାଠାରେ ନିଜର ବାଲ୍ୟାବସ୍ଥାକୁ ଫେରି ପାଇଛନ୍ତି । ତାହାର ସୁନ୍ଦର ଗୁଲୁଗୁଲିଆ ଚେହେରା ଦେଖୁ ସତେ ଯେପରି ନୂଆ ଜୀବନ ଫେରି ପାଇଛନ୍ତି ।

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 5 मेरा नया बचपन

मैं भी उसके साथ खेलती,
खाती हूँ, तुतलाती हूँ,
मिलकर उसके साथ स्वयं,
मैं भी बच्ची बन जाती हूँ।
ମେଁ ଭୀ ଉସ୍କେ ସାଥ୍ ଖେଲ୍ବତୀ, ଖାତୀ ହୂ, ତୁତ୍‌ତୀ ହୂ,
ମିଲ୍‌କର୍ ଉସ୍କେ ସାଥ୍ ସ୍ଵୟଂ,
ମେଁ ଭୀ ବଢୀ ବନ୍ ଜାତୀ ହୁଁ ।
ଅନୁବାଦ:
କବି ଶିଶୁକନ୍ୟାଟି ସହିତ ଖେଳୁଛନ୍ତି, ଖାଉଛନ୍ତି, ଦରୋଟି କଣ୍ଠରେ କଥା ହେଉଛନ୍ତି । ତାହା ସହିତ ମିଶି କବି ମଧ୍ୟ ନିଜେ ଶିଶୁ ହୋଇ ଯାଇଛନ୍ତି । ତାଙ୍କୁ ଚ୍ଛାଡିଯାଇଥ୍ ବା ପାଲ୍ୟାଣସ୍ଥା ପୁନର୍ବାର ଫେରି ଆସିଚ୍ଛା

शबनार: (ଶରାର୍ଥି)

याद – स्मरण (ସ୍ମରଣ/ସ୍ମୃତି/ମନେରଖ୍)।

मस्त – प्रसन्न, आनंदित (ଖୁସି ଆନନ୍ଦିତ) ।

निर्भय – बिना डर के (ଭୟଶୂନ୍ୟ) ।

चिन्ता रहित – चिन्ता शून्य (ଚିନ୍ତାମୁକ୍ତ)।

स्वच्छंद – आजाद, स्वाधीन, (स्वतंत्र) (ସ୍ଵାଧୀନ) ।

अतुलित – अतुलनीय, बेजोड़ ( ଅତୁଳନୀୟ ) ।

मचल जाना – आग्रह, हठ करना(ଆଗ୍ରହ)।

आँसू – अश्रु ଅଶୁ/ଲୋତକ/ଲୁହ) ।

गीला – भीगा हुआ (ଓଦା)।

व्याकुल – बेचैन (ଅସ୍ଥିର ) ।

प्राकृत विश्रांति – स्वाभाविक सुख चैन (ସ୍ଵାଭାବିକ ସୁଖ ଶାନ୍ତି) ।

निष्पाप – पापरहित, निष्कलंक (ପାପମୁକ୍ତ/କଳଙ୍କମୁକ୍ତ) ।

संताप – गहरी पीड़ा, दुःख (ଦୁଃଖ ) ।

नंदनवन – देवताओं का वन (ଦେବତାମାନଙ୍କ ଉପବନ) ।

कुटिया – कुटीर, झोपड़ी (ଘର, କୁଡ଼ିଆ) ।

मिट्टी – धूलि, भस्म (ଧୂଳି) ।

प्रफुल्लित – बहुत खुश, प्रसन्न (ବହୁତ ଖୁସି/ପ୍ରସନ୍ନ)

मंजुल – सुन्दर, मन को लुभानेवाली (ସୁନ୍ଦର|ମନକୁ ଆକର୍ଷିତ କରିବା) ।

नव जीवन – नया जीवन (ନୂଆ ଜୀବନ) ।

तुतलाना – तुतलाकर बोलना (ଖନେନ ଖନେଇ କହିବା/ଦରୋଟି ଭାଷାରେ କହିବା) ।

स्वंय – खुद (ନିଜେ)।

बरसों – सालों ( ବର୍ଷ ବର୍ଷ) ।

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 5 मेरा नया बचपन

कवि परिचय

सुभद्रा कुमारी चौहान का जन्म सन् 1903 ई. में नागपंचमी के दिन प्रयाग निहलपुर मुहल में हुआ। उनके पिता थे ठाकुर रामनाथ सिंह। उनकी देखरेख में सुभद्राकुमारी की प्रारंभिक शिक्षा प्रयाग में हुई। सन् 1919 ई. में खंडवा निवासी ठाकुर लक्ष्मण सिंह चौहान से उनका विवाह हुआ था। राष्ट्रीय आन्दोलन में उद्बोधित होकर सुभद्राकुमारी अपने पति के साथ सत्याग्रह में हिस्सा लेने लगीं। इसलिए कई बार उन्हें जेल जाना पड़ा। देश स्वतंत्र होने के बाद वे मध्यप्रदेश विधानसभा की सदस्या चुनी गईं।

साहित्यिक और राजनीतिक क्षेत्रों में उन्हें राष्ट्रकवि माखनलाल चतुर्वेदी से विशेष प्रोत्साहन मिला था। 12 फरवरी 1948 ई. को मोटर दुर्घटना से उनका देहांत हो गया। सुभद्राकुमारी कवयित्री और कहानीकार दोनों ही थीं। अपनी कविता में राष्ट्रप्रेम की ओजस्विता और मानवीय भावनाओं का सहज रूप बड़ी ही सुन्दरता के साथ व्यक्त होता है। ‘झँसी की रानी’ कविता किसी समय हिन्दी पाठकों की जवानों पर गुँजती रहती थी। इनकी रचनाएँ मुकुल, बिखरे, मोती, उन्मादिनी, त्रिधाराएँ, सभा का खेल और सीधे-साधे चित्र’ हैं। इनमें ‘मुकुल’ उनकी 39 कविताओं का संग्रह है। इसी कविता- पुस्तक पर उन्हें पुरस्कार मिला है।

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 3 राहुल जननी

Odisha State Board  BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 3 राहुल जननी Textbook Exercise Questions and Answers.

BSE Odisha Class 9 Hindi Solutions Poem 3 राहुल जननी

प्रश्न और अभ्यास (ପ୍ରଶ୍ନ ଔର୍ ଅଭ୍ୟାସ)

1. इन प्रश्नों के उत्तर दो-तीन वाक्यों में दीजिए :
(ଇନ୍ ପ୍ରକ୍ଷ୍ନୌ କେ ଉତ୍ତର୍ ଦୋ-ତୀନ୍ ବାକେଁ ମେଁ ଦୀଜିଏ) ।
(ଏହି ପ୍ରଶ୍ନଗୁଡ଼ିକର ଉତ୍ତର ଦୁଇ-ତିନୋଟି ବାକ୍ୟରେ ଦିଅ ।)

(क) राहुल को चुप कराने के लिए यशोधरा क्या कहती है?
(ରାହୁଲ୍ କୋ ଚୁପ୍ କରାନେ କେ ଲିଏ ୟଶୋଧରା କ୍ୟା କହତୀ ହି ? (ରାହୁଳକୁ ବୋଧ କରିବାପାଇଁ ଯଶେ।ଧରା କପ୍ କିଶ କହିଛନ୍ତି।)
उत्तर:
राहुल को चुप कराने के लिए यशोधरा यह कहती है कि मेरे भाग्य में रोना तो लिखा है। तेरे सारे कष्ट मिटाऊँगी। हमारे जीवन में जो कुछ आएगा, उसे सहना पड़ेगा। मैं तुझे अपना दूध पिलाकर और सारी स्नेह – ममता देकर पालूँगी।

(ख) अबला (दुर्बला नारी) जीवन की कहानी कैसी है?
(ଅୱଲା ଜୀବନ୍ କୀ କାହାନୀ କୈସୀ ହୈ ? (ଦୁର୍ବଳ ସ୍ତ୍ରୀର ଜୀବନର କାହାଣୀ କିପରି ଅଟେ ?)
उत्तर:
अबला जीवन की कहानी हृदय विदारक है। यशोधरा अपने आपको दासी से भी पराधीन मानती है। पतिदेव के बिना पत्नी का जीवन अधुरा होता है। उसे सास्वत प्रेम से बंचित होना पड़ता है।

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 3 राहुल जननी

2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में दीजिए।
(ନିମ୍ନଲିଖୂ ପ୍ରଶ୍ନ କେ ଉତ୍ତର୍ ଏକ୍ ୟା ଦୋ ବାର୍କେ ମେଁ ଦୀଜିଏ) ।
(ନିମ୍ନଲିଖ ପ୍ରଶ୍ନଗୁଡ଼ିକର ଉତ୍ତର ଗୋଟିଏ ବା ଦୁଇଟି ବାକ୍ୟରେ ଦିଅ ।)

(क) यशोधरा किसे अभागा कहती है?
ୟଶୋଧରା କିସେ ଅଭାଗା କହତୀ ହୈ ? (ଯଶୋଧରା କାହାକୁ ହତଭାଗ୍ୟ କହିଛନ୍ତି ?)
उत्तर:
यशोधरा अपनी पुत्र राहुल को अभागा कहती है।

(ख) ‘मैं तो हूँ रोने को’ यहाँ ‘मैं’ किसकेलिए प्रयुक्त हुआ है?
(ମେଁ ତୋ ହ୍ଁ ରୋଲେ କୋ ୟହାଁ ମେଁ କିସ୍କେ ଲିଏ ପ୍ରଯୁକ୍ତ ହୁଆ ହୈ ?)
(ମୁଁ ତେଣୁ କାନ୍ଦିବାକୁ’ ଏଠାରେ ମୁଁ କାହା ପାଇଁ ବ୍ୟବହୃତ ହୋଇଛି ।)
उत्तर:
यहाँ ‘मैं’ गौतम के पत्नी सहधर्मिणी यशोधरा के लिए प्रयुक्त हुआ है।

(ग) यशोधरा क्या धोने की बात करती है?
(ୟଶୋଧରା କ୍ୟା ଧୋନେ କୀ ବାତ୍ କରତୀ ହୈ ?)
(ୟଶୋଧରା କ୍ୟା ଧୋନେ କୀ ବାତ୍ କରତୀ ହୈ ?)
उत्तर:
यशोधरा अभागे पुत्र राहुल की सारी कष्ट मिटाऊँगी की बात करती है।

(घ) ‘नयन-नीर’ का अर्थ क्या है?
(‘ନୟନ୍-ନୀର୍’ କା ଅର୍ଥ କ୍ୟା ହୈ ? )
(ନୟନ-ନୀରର ଅର୍ଥ କ’ଣ ?)
उत्तर:
‘नयन-नीर’ का अर्थ दुःख की आँसू परन्तु यहाँ अर्थ है कि मातृस्नेह ममता देकर यशोधरा अपने पुत्र को पालूँगी।

(ङ) ‘दानी-प्रभु’ किसके लिए कहा गया है?
(‘ଦାନୀ-ପ୍ରଭୁ’ କିସ୍ କେ ଲିଏ କାହା ଗୟା ହୈ ?)
(ଦାନୀ ପ୍ରଭୁ’ କାହାପାଇଁ କୁହାଯାଇଛି ?)‘
उत्तर:
दानी प्रभु गौतम के लिए कहा गया है।

(च) यशोधरा को कौन छोड़कर चले जाते हैं?
(ଯଶୋଧାରା କୋ କୌନ୍ ଛେ।ଡ଼ି ଚଳେ କାତେ ହିଁ। ଯଶୋଧାରା କୁ କିଏ ଛ।ଡ଼ି ଚାଲି ଯଇଚ୍ଛନ୍ତି)
उत्तर:
यशोधरा को अपने पतिदेव गौतम बुद्ध छोड़कर चले जाते हैं।

(छ) ‘नयन – नीर’ ही उनको दूँगी” – यहाँ यशोधरा नयन-नीर किसे देने की बात करती है?’
(ଦୂଗୀ-ୟହାଁ ୟଶୋଧରା ନୟନ-ନୀର କିସେ ଦେନେ କୀ ବାତ କରତୀ ହୈ ?) (ଆଖୁର ନୀର’ ହୀ ଉନ୍‌ ଲୁହ ହିଁ ତାଙ୍କୁ ଦେବି ଏଠାରେ ଯଶୋଧରା ଆଖର ଲୁହ କାହାକୁ ଦେବାର କଥା କୁହନ୍ତି ?)
उत्तर:
‘नयन नीर’ ही उनको दूँगी’ यहाँ यशोधरा अपनी पुत्र राहुल को देने को बात करती है। उसका अर्थ है कि मातृस्नेह ममता देकर पालुँगी और स्नेह से कभी पक्षपातिनी न करूँगी।

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 3 राहुल जननी

3. खाली स्थान भरिए।
(ଶୂଳ୍ୟୟନ ସ୍ପରଶ କରା)

(क) …………….., हाय ! तुम्हारी यही कहानी।
उत्तर:
अबला-जीवन

(ख) सोकर हम ………………. ही जागे।
उत्तर:
खोकर

(ग) ……………… भी वह आज कहाँ, कल थी जो
उत्तर:
चेरी, रानी

(घ) मेरा ……………… वह, दूध पिये, परिपुष्ट हो।
उत्तर:
शिशु-संसार

भाषा-ज्ञान (ଭାଷା-ଜ୍ଞାନ)

1. विपरीत शब्द लिखिए: (ବିପରୀତ ଶବ୍ଦ ଲେଖ : )
रोता, सोता, खोकर, अभागा, अबला, रुष्ट
उत्तर:
रोता – हँसता
अभागा – भाग्यवान
सोता – जागता
अबला – सबला
खोकर – पाकर
रुष्ट – तुष्ट

2. ‘दानी प्रभु’ में ‘प्रभु’ संज्ञा है और ‘दानी’ विशेषण। इस प्रकार निम्न वाक्यों में से संज्ञा और विशेषण छाँटिए:
(क) काली गाय का दूध मीठा होता है।
उत्तर:
संज्ञा – गाय, विशेषण – काली

(ख) बड़े बाजार में भीड़ लगी रहती है।
उत्तर:
संज्ञा – बाजार, विशेषण – बड़े

(ग) पिताजी ने मुझे दो उपहार दिये।
उत्तर:
संज्ञा – उपहार, विशेषण – दो

(घ) ऊँचे पेड़ पर दो बंदर बैठे हैं।
उत्तर:
संज्ञा – पेड़, विशेषण – ऊँचे

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 3 राहुल जननी

3. प्रस्तुत पाठ में से तुकान्त शब्दों को छाँटकर लिखिए:
जैसे : अभागे – आगे।
उत्तर:
रोता – सोता
जागे – अभागे
रोने को धोने को
लूँगी – दूँगी
त्यागे – अभागे
रानी – मानी
कहानी – पानी

4. इन शब्दों से वाक्य बनाइए :
भाग्य, नयन, पानी, प्रभु, संसार
उत्तर:
भाग्य – भाग्य में जो लिखा है, उसको भोगना पड़ेगा।
नयन – शरीर में नयन एक अमूल्य रत्न है।
पानी- बिशुद्ध पानी पीना चाहिए।
प्रभु – हे प्रभु! मेरी रक्षा करो।
संसार – संसार में कोई कार्य असम्भव नहीं है।

गृह कार्य :

1. आप की माँ रोते बच्चे को कैसे चुप कराती हैं? लिखिए।
उत्तर:
बच्चो घर की अनुभूति देखकर लिखिए।

2. गुप्त जी की दूसरी कविताओं को पढ़िए।
उत्तर:
बच्चो इस कविताओं को पढ़िए और याद रखना चाहिए।
जयभारत, भारत-भारती, यशोधरा, पंचवटी, साकेत आदि।

अति संक्षिप्त उत्तरमूलक प्रश्नोत्तर

A. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में दीजिए।

प्रश्न 1.
‘राहुल – जननी’ कविता के कवि का नाम क्या है?
उत्तर:
‘राहुल- जननी’ कविता के कवि का नाम मैथिली शरण गुप्त है।

प्रश्न 2.
कवि गुप्तजी को पैतृक देन के रूप में क्या मिला था?
उत्तर:
राम – भक्ति कवि गुप्तजी को पैतृक देन के रूप में मिला था।

प्रश्न 3.
गुप्तजी कौन से युग के कवि माने जाते हैं?
उत्तर:
गुप्तजी द्विवेदी युग के कवि माने जाते हैं।

प्रश्न 4.
कवि मैथिली शरण गुप्त की रचनाओं में क्या देखने को मिलती है?
उत्तर:
कवि मौथिली शरण गुप्त की रचनाओं में राष्ट्रीय भावनाओं की अभिव्यक्ति देखने को मिलती है।

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 3 राहुल जननी

प्रश्न 5.
गुप्तजी ने अपनी रचनाओं के जरिए क्या संदेश दिया?
उत्तर:
गुप्तजी ने अपनी रचनाओं के जरिए जनता को अंहिसा, सत्याग्रह, राष्ट्रप्रेम तथा मानवतावाद का संदेश दिया।

प्रश्न 6.
‘राहुल – जननी’ कविता में कवि ने यशोधरा के कौन-कौन से रूप का उद्घाटन किया है?
उत्तर:
‘राहुल- जननी’ कविता में कवि ने यशोधरा के माता और पत्नी रूप का उद्घाटन किया है।

प्रश्न 7.
यशोधरा किसे अभागा कहती है?
उत्तर:
यशोधरा अपने पुत्र राहुल को अभागा कहती है।

प्रश्न 8.
यशोधरा को कौन छोड़कर चले जाते हैं?
उत्तर:
यशोधरा को उनके पति छोड़ कर चले जाते हैं।

प्रश्न 9.
‘नयन – नीर ही उनको दूंगी’ – यह उक्ति किसने किसके लिए कहा है?
उत्तर:
‘नयन-नीर ही उनको दूँगी यह उक्ति यशोधरा ने अपने पति के लिए कहा है।

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 3 राहुल जननी

प्रश्न 10.
‘राहुल जननी’ कविता कवि के किस खण्ड-काव्य से लिया गया है?
उत्तर:
‘राहुल जननी’ कविता कवि के ‘यशोधरा’ खण्ड-काव्य से लिया गया है।

प्रश्न 11.
राहुल सुबह जागने के बाद क्या करता है?
उत्तर:
राहुल सुबह जागने के बाद अपने पिता को न देख तथा माता के दुःख देखकर रोने लगता है।

प्रश्न 12.
कौन अपने आपको दासी से भी पराधीन मानती है?
उत्तर:
यशोधरा अपने आपको दासी से भी पराधीन मानती है।

प्रश्न 13.
यशोधरा क्या धोने की बात करती है?
उत्तर:
यशोधरा अपने पुत्र राहुल का मल धोने की बात करती है।

प्रश्न 14.
नारी जीवन की वास्तविकता क्या है?
उत्तर:
आँख में आँसू भरकर भी दूसरों के लिए कर्त्तव्य का संपादन करते रहना नारी जीवन की वास्तविकता है।

प्रश्न 15.
अबला जीवन की क्या कहानी है?
उत्तर:
‘आँचल में दूध और आँखों में पानी’ यही अबला जीवन की कहानी है।

B. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक शब्द में दीजिए।

प्रश्न 1.
‘दानी – प्रभु’ किसके लिए कहा गया है?
उत्तर:
गोतम

प्रश्न 2.
यह कविता ‘राहुल – जननी’ किसने लिखी है?
उत्तर:
मैथिलीशरण गुप्त

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 3 राहुल जननी

प्रश्न 3.
यशोधरा क्या धोने की बात कहती है?
उत्तर:
सारे मल

प्रश्न 4.
यशोधरा को कौन छोड़कर चला गया है?
उत्तर:
गौतम

प्रश्न 5.
किसकी दुःख भरी कहानी यहाँ वर्णित है?
उत्तर:
अबला

प्रश्न 6.
यशोधरा किसे खोने की बात कहती हैं?
उत्तर:
गौतम

प्रश्न 7.
यशोधरा का क्या लौट आएगा?
उत्तर:
भाग्य

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 3 राहुल जननी

प्रश्न 8.
गौतम किसे छोड़कर चले जाते हैं?
उत्तर:
पत्नी-पुत्र

प्रश्न 9.
कौन सुबह जागने के बाद सोने लगता है?
उत्तर:
राहुल

प्रश्न 10.
‘नयन – नीर’ का अर्थ क्या है?
उत्तर:
आँसू (दु:ख)

प्रश्न 11.
नेपाल राजकुमार कौन है?
उत्तर:
गौतम

प्रश्न 12.
यशोधरा किसे अभागा कहती है?
उत्तर:
राहुल

C. रिक्तस्थानों को भरिए।

प्रश्न 1.
मेरा ……………. वह, दूध पिये, परिपुष्ट हो।
उत्तर:
शिशु-संसार

प्रश्न 2.
राहुल सुबह जागने के वाद ………………… करता है।
उत्तर:
रोने लगता

प्रश्न 3.
सोकर हम ……………….. ही जागे।
उत्तर:
खोकर

प्रश्न 4.
नारी जीवन की वास्तविकता है ………………..
उत्तर:
दूसरों के लिए कर्त्तव्य का संपादन करना

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 3 राहुल जननी

प्रश्न 5.
‘मैं तो हूँ रोने को।’ यहाँ ‘मैं’ ……………… के लिए प्रयुक्त हुआ है।
उत्तर:
यशोधरा के लिए

प्रश्न 6.

‘”नयन-नीर ही उनकी दूँगी’ – यहाँ नयन-नीर ………………… देने की बात कि गयि है।
उत्तर:
गौतम को

प्रश्न 7.
जो आज अपने आप को नौकरानी मानती है वह पहले ……………….. थी।
उत्तर:
रानी

प्रश्न 8.
यशोधरा राहुल की …………….. लगती है।
उत्तर:
माता

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 3 राहुल जननी

प्रश्न 9.
यशोधरा के अनुसार राहुल ………………..।
उत्तर:
अभागा

प्रश्न 10.
‘नयन-नीर ही उनकी दूँगी’ – यहाँ ‘नयन-नीर’ का अर्थ ………………… है।
उत्तर:
आँसू

प्रश्न 11.
पहले …………….. रानी थी जो अब दासी बन गई।
उत्तर:
यशोधरा

प्रश्न 12.
यशोधरा ने दानी प्रभु ……………… से संबोधित किया है।
उत्तर:
गौतम

प्रश्न 13.
“राहुल-जननी”‘ कविता के कवि ………………….. है।
उत्तर:
मैथिलीशरण गुप्त

प्रश्न 14.
‘राहुल-जननी’ कविता में यशोधरा के ……………………. से रूप को वर्णन किया गया है।
उत्तर:
माता और पत्नी

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 3 राहुल जननी

प्रश्न 15.
यशोधरा ………………… से अभागा कहती है।
उत्तर:
राहुल

प्रश्न 16.
गुप्तजी ………………….. से युग के कवि है।
उत्तर:
द्विवेदी-युग

प्रश्न 17.
‘राहुल जननी’ कविता …………………… खण्ड-काव्य का अंश है।
उत्तर:
यशोधरा

प्रश्न 18.
‘आँचल में दूध और आँखो में पानी’-यह …………………. की जीवन की कहानी है।
उत्तर:
दुर्वला नारी

D. सही उत्तर चुनिए।

1. ‘नयन-नीर’ ही उनको दूँगी – यहाँ यशोधरा नयननीर किसे देने की बात करती है?
(A) अपने पति गौतम को
(B) अपने पड़ोसी को
(C) राहुल को
(D) राजा को
उत्तर:
(A) अपने पति गौतम को

2. ‘नयन-नीर’ का अर्थ क्या है ?
(A) खुशी के आसू
(B) दु:ख के आँसू
(C) गम के आँसू
(D) आंखों का पानी
उत्तर:
(B) दु:ख के आँसू

3. ‘दानी प्रभु’ किसके लिए प्रयोग किया गया है?
(A) गौतम
(B) राहुल
(C) बेटी
(D) राम
उत्तर:
(A) गौतम

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 3 राहुल जननी

4. यशोधरा को कौन छोड़कर चले जाते हैं?
(A) अपने बेटा
(B) अपनी बेटी
(C) अपने पति गौतम बुद्ध
(D) इनमें से कोई भी नहीं
उत्तर:
(C) अपने पति गौतम बुद्ध

5. मै तो हूँ रोने को-यहाँ में किसके लिए प्रयुक्त हुआ है?
(A) जननी
(B) यशोधरा
(C) माता
(D) राहुल
उत्तर:
(B) यशोधरा

6. यशेधरा किसे अभागा कहती है?
(A) अपनी बेटी को
(B) अपने पुत्र राहुल को
(C) अपने पड़ोसी को
(D) अपने दोस्त को
उत्तर:
(B) अपने पुत्र राहुल को

7. मैथिली शरण गुप्त किस युग के प्रतिनिधि कवि माने जाते हैं?
(A) रीति युग के
(B) द्विवेदी-युग के
(C) बैदिक युग के
(D) पुराने युग के
उत्तर:
(B) द्विवेदी-युग के

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 3 राहुल जननी

8. मैथिली शरण गुप्त ने कौन-सी उम्र में काव्य-रचना शुरु की थी?
(A) 9 वर्ष में
(B) बचपन में
(C) 10 वर्ष में
(D) 8 वर्ष में
उत्तर:
(B) बचपन में

9. मैथिली शरण गुप्त जी को किस सम्मान से सम्मानित किया गया?
(A) राष्ट्रकवि
(B) गीतगोविन्द
(C) सारलादास
(D) राष्ट्रपिता
उत्तर:
(A) राष्ट्रकवि

10. आगरा विश्वविद्यालय तथा काशी हिन्दु विश्वविद्यालय में उन्हें कौन-सी उपाधि दी?
(A) डँक्टर
(B) डी. लिट
(C) अध्यापक
(D) इनमें से कोई भी नहीं
उत्तर:
(B) डी. लिट

11. वे भारत के राष्ट्रपति के द्वारा मनोनीत होकर कहाँ रहे?
(A) लोकसभा सासद
(B) राज्यसभा सांसद
(C) विधानसभा सांसद
(D) भारत के सांसद
उत्तर:
(B) राज्यसभा सांसद

12. उनका निधन कब हुआ था?
(A) 1964 ई
(B) 1965 ई
(C) 1966 ई
(D) 1967 ई
उत्तर:
(A) 1964 ई

दोहे (ତେ।ହେ)

चुप रह, चुप रह, हाय, अभागे!
रोता है अब, किसके आगे?
तुझे देख पाता वे रोता,
मुझे छोड़ जाते क्यों सोता?
अब क्या होगा?
तव कुछ होता,
सोकर हम खोकर ही जागे!
चुप रह, चुप रह, हाय अभागे!
ଚୁପ୍ ରହ, ଚୁପ୍ ରହ, ହାୟ, ଅଭାଗେ !
ରୋତା ହୈ ଅବ୍, କିସ୍‌ ଆଗେ ?
ତୁଝେ ଦେଖ୍ ପାତା ୱେ ରୋତା,
ମୁଝେ ଛୋଡ଼୍ ଜାତେ କୈ ସୋତା ?
ଅବ୍ କ୍ୟା ହୋଗା ? ତବ୍ କୁଛ୍ ହୋତା,
ସୋକର୍ ହମ୍ ଖୋକର୍ ହୀ ଜାଗେ !
ଚୁପ୍ ରହ, ଚୁପ୍ ରହ, ହାୟ ଅଭାଗେ !
ଅନୁବାଦ:
ଯଶୋଧରା ରାହୁଳକୁ ଚୁପ୍ ରହିବାକୁ କହୁଛନ୍ତି, ହେ ଅଭାଗା, ବର୍ତ୍ତମାନ କାହା ଆଗରେ କାନ୍ଦୁଛୁ । ତୋ ପିତା ଘର ଛାଡ଼ିଯିବା ସମୟରେ ଶୟନରେ ଥିଲୁ । ସେ ମୋତେ ଛାଡ଼ି ସଂସାର ତ୍ୟାଗ କାହିଁକି କରିଛନ୍ତି ? ବର୍ତ୍ତମାନ କ’ଣ ହେବ ? ହେ ହତଭାଗା, ସେତେବେଳେ ଆମ୍ଭେ.ଶୋଇଥିବାରୁ ସବୁ ହରାଇଛୁ ।

बेटा, मैं तो हूँ रोने को;
तेरे सारे मल धोने को;
हँस तु, है सब कुछ होने को,
भाग्य आयेड़े फिर भी भागे,
चुप रह, चुप रह, हाय अभागे !
तुझको क्षीर पिलाकर लूँगी,
नयन-नीर ही उनको दूँगी,
पर क्या पक्षपातिनी हूँगी?
मैंने अपने सब रस त्यागे।
चुप रह, चुप रह, हाय अभागे।
ବେଟା, ମେଁ ତୋ ହୂ ରୋନେ କୋ;
ତେରେ ସାରେ ମଲ୍ ଧୋନେ କୋ;
ହଁସ୍ ତୁ, ହୈ ସବ୍ କୁଛ୍ ହୋନେ କୋ,
ଭାଗ୍ୟ ଆୟେଙ୍ଗେ ଫିର୍ ଭୀ ଭାଗେ,
ଚୁପ୍ ରହ, ଚୁପ୍ ରହ, ହାୟ ଅଭାଗେ !
ତୁଝେ କ୍ଷୀର ପିଲାକର୍ ଗୀ, ନୟନ୍ “
ନୀର ହୀ ଉନକୋ ଦୂଗୀ, ପର୍ କ୍ୟା ପକ୍ଷପାତିନୀ ହୂଗୀ ?
ମୈନେ ଅପନେ ସବ୍ ରସ୍ ତ୍ୟାଗେ ।
ଚୁପ୍ ରହ, ଚୁପ୍ ରହ, ହାୟ୍ ଅଭାଗେ ।
ଅନୁବାଦ:
ଯଶୋଧରା ପୁତ୍ର ରାହୁଳକୁ କହୁଛନ୍ତି, ମୋ ଭାଗ୍ୟରେ କାନ୍ଦିବା ଲେଖାଅଛି । ମୁଁ କାନ୍ଦିବି, ତୋର ସମସ୍ତ କଷ୍ଟକୁ ଲାଘବ କରିବି । ଭାଗ୍ୟ ଆସିବ ପୁଣି ମଧ୍ଯ ଫେରିଯିବ । ହେ ନିଧନ ସଙ୍ଖାଳି ମୁଁ ତତେ ସମସ୍ତ ସ୍ନେହ ମମତା ଦେଇ ପାଳିବି । ସ୍ନେହ ମମତାରେ କେବେହେଲେ ପକ୍ଷପାତୀ ହେବ ନାହିଁ । ଯଶୋଧରା କହୁଛନ୍ତି, ସମସ୍ତ ସୁଖ ତ୍ୟାଗ କରି ପତିବ୍ରତା ନାରୀର କର୍ତ୍ତବ୍ୟ ପାଳନ କରିବି ।

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 3 राहुल जननी

चेरी भी वह आज कहाँ, कल भी जो रानी,
दानी प्रभु ने दिया उसे क्यों मन यह मानी?
अबला-जीवन, हाय ! तुम्हारी यही कहानी
आअल में है दूध और आखों में पानी!
ଚେରୀ ଭୀ ୱହ ଆଜ୍ କର୍ହା, କଲ୍ ଭୀ ଜୋ ରାନୀ,
ଦାନୀ ପ୍ରଭୁ ନେ ଦିୟା ଉସେ ଜ୍ୟୋ ମନ୍ ୟହ ମାନୀ ?
ଅବଲା-ଜୀବନ, ହାୟ ! ତୁମ୍‌ହାରୀ ୟହୀ କହାନୀ
ଆଞ୍ଚଲ୍ ମେଁ ହୈ ଦୁଧ ଔର୍ ଆଖେଁ ମେଁ ପାନୀ !
ଅନୁବାଦ:
ଯିଏ କାଲି ରାଜମହଲର ରାଣୀ ଥିଲା, ସେ ଆଜି ଦାସୀଠାରୁ ପରାଧୀନ ହୋଇଛି । ନାରୀ ଜୀବନର ବାସ୍ତବିକତା ହେଉଛି ନିଜେ ଦୁଃଖ କଷ୍ଟ ସହି ଅନ୍ୟ ପାଇଁ କର୍ତ୍ତବ୍ୟ ସମ୍ପାଦନ କରିବା।

मेरा शिशु-संसार वह
दूध पिये, परिपुष्ट हो।
पानी के ही पात्र तुम प्रभो,
रुष्ट या तुष्ट हो।
ମେରା ଶିଶୁ-ସଂସାର ୱହ୍
ଦୂଧ ପିୟେ, ପରିପୁଷ୍ଟ ହୋ।
ପାନୀ କେ ହୀ ପାତ୍ର ତୁମ୍
ପ୍ରଭୋ ରୁଷ୍ଟ ୟା ତୁଷ୍ଟ ହୋ।
ଅନୁବାଦ:
ଯଶୋଧରା କହୁଛନ୍ତି, ହେ ଶିଶୁ ସଂସାର ରାହୁଳ, କ୍ଷୀର ପାନ କରି ସୁସ୍ଥସବଳ ହୁଅ । ହେ ପ୍ରଭୁ (ପତିଦେବ) ତୁମେ ଅଶ୍ରୁର ପାତ୍ର, ତୁମେ ସନ୍ତୁଷ୍ଟ ହୁଅ ବା ଅସନ୍ତୁଷ୍ଟ ହୁଅ ।

शबनार: (ଶରାର୍ଥି)

अभागे – भाग्यहीन (ଭ।ଗମହାନ / ହତଭାଗା)।

मल धोने – दुध (ଦୁଃଖ ଲ।ଘବ କରିବା ପାଇଁ)।

क्षीर – आँसू (ଦୁଟ୍ଧ)।

नयन – नीर (ଅଶ୍ଵା / ଲୋତକ )।

पक्षपातिनी – किसी एक का समर्थन करनेवाली (କୌଶସି ଜଣକୁ ସମର୍ଥିନ କରୁଥ୍ବା ବୀ।କ୍ତି)।

रस-सुख – आराम (ଆରାମ)।

चेरी – नौकरानी, दासी (ଚାକରାଣୀ ଦ।ସ।)।

अबला – कमजोर या दुर्बल स्री (ଦୁର୍ବଳି ସ୍ତ୍ରୀ)।

परिपुष्ट – हृष्टपुष्ट(ସ୍ମସ୍ଥିସବଳ)।

रुष्ट – नाराज (ରାଜିନ ହେବା)।

तुष्ट – खुश, सन्तुष्ट (ଖୁସି/ସ ନ୍ତୁଷ୍ଟ)।

कवि परिचय (କବି ପରିଚୟ)।

मैथिली शरण गुप्त का जन्म सन् 1886 ई. में झाँसी के चिरगाँव में हुआ था। उनके पिता सेठ रामचरणजी वैष्णव भक्त एवं अच्छे कवि थे। इसलिए राम – भक्ति गुप्तजी को पैतृक देन के रूप में मिली। बचपन से ही वे काव्य-रचना करने लगे। वे द्विवेदी युग के प्रतिनिधि कवि माने जाते हैं। वे गांधीवादी और भक्त कवि हैं। उनकी रचनाओं में राष्ट्रीय भावनाओं की अभिव्यक्ति मिलती है। अपनी रचनाओं के जरिये उन्होंने जनता को अहिंसा, सत्याग्रह, राष्ट्र-प्रेम तथा मानवतावाद का संदेश दिया।

इसलिए उन्हें ‘राष्ट्रकवि’ सम्मान से सम्मानित किया गया। आगरा विश्वविद्यालय तथा काशी हिन्दू विश्वविद्यालय ने उन्हें डी. लिट. की मानद उपाधि प्रदान की। वे भारत के राष्ट्रपति के द्वारा मनोनीत राज्यसभा सांसद भी रहे। उनका निधन सन् 1964 ई. में हुआ। उनकी प्रमुख काव्य-रचनाएँ ये है : जयद्रथ वध, भारत-भारती, पंचवटी, साकेत, यशोधरा, द्वापर, जयभारत, विष्णुप्रिया आदि।

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 4 फिर महान बन

Odisha State Board  BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 4 फिर महान बन Textbook Exercise Questions and Answers.

BSE Odisha Class 9 Hindi Solutions Poem 4 फिर महान बन

प्रश्न और अभ्यास (ପ୍ରଶ୍ନ ଔର୍ ଅଭ୍ୟାସ)

1. निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर एक या दो बाक्यों में दीजिए :
(ନିମ୍ନଲିଖତ ପ୍ରଶ୍ନ କା ଉତ୍ତର୍ ଏକ୍ ୟା ଦୋ ବାର୍କୋ ର୍ମେ ଦିଜିଏ )।
(ନିମ୍ନଲିଖୂ ପ୍ରଶ୍ନଗୁଡ଼ିକର ଉତ୍ତର ଗୋଟିଏ ବା ଦୁଇଟି ବାକ୍ୟରେ ଦିଅ )

(क) कवि ने मनुष्य से क्या बनने को कहा?
ମନୁଷ୍ୟ କୋ କିସ୍ ପ୍ରକାର କା ମନ ମିଲା ହୈ ? ଉସେ ୱହ କ୍ୟା କର ସକତା ହୈ ? (ମନୁଷ୍ୟକୁ କେଉଁ ପ୍ରକାରର ମନ ମିଳଛି ? ସେଥ‌ିରେ ସେ କ’ଣ କରିପାରିବ ?)
उत्तर:
कवि ने मनुष्य से महान / श्रेष्ठ बनने को कहा।

(ख) मनुष्य को किस प्रकार मन मिला है?
(ମହାନ୍ ମନୁଷ୍ କି ସ୍ସେ କହତେ ହେଁ? କେଉଁ ପ୍ରକାର ମନ ମିଳିଛି ?)
उत्तर:
मनुष्य को अपार प्रेम से भरा मन मिला है।

(ग) मनुष्य को महान बनने के लिए क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए?
(ମନୁଷ୍ୟ କୋ ମହାନ୍ ବନେ କେ ଲିଏ କ୍ୟା କନା କନା ଚାହିଏ ଔର୍ କ୍ୟା ନେହୀ କର୍‌ନା ଚାହିଏ ? ମନୁଷ୍ୟ କୋ ମହାନ୍ ବନେ କେ ଲିଏ କ୍ୟା)
(ମାନବକୁ ଶ୍ରେଷ୍ଠ ହେବା ପାଇଁ କ’ଣ କରିବା ଉଚିତ୍ ଓ କ’ଣ ନକରିବା ଉଚିତ ?)
उत्तर:
विश्व आज तृषित है।

(घ) कवि मनुष्य से क्या न बनने को कहा है?
(ମନୁଷ୍ୟ କୋ ମହାନ୍ ବନ୍‌ନେ କେ ଲିଏ କବି ନେ କ୍ୟା ପ୍ରେରଣା ଦୀ ହୈ ?)
(ମନୁଷ୍ୟକୁ ଶ୍ରେଷ୍ଠ ହେବାପାଇଁ କବି କ’ଣ ପ୍ରେରଣା ଦେଇଛନ୍ତି ?)
उत्तर:
कवि मनुष्य से कृपण / कंजूस / लोभी न बनने को कहा है?

(ङ) जो शत्रु को क्षमा प्रदान नहीं करता, उसकी जीत किसके समान है?
କିସୀ କୀ ଜୀତ ହାର କେ ସମାନ ଜ୍ୟୋ ହୋନୀ ଚାହିଏ ? (କାହାର ବିଜୟ ପରାଜୟ ସହ ସମାନ ହେବା ଉଚିତ୍)
उत्तर:
उत्तर:
जो मनुष्य शत्रु को क्षमा प्रदान नहीं करते उसकी जीत पराजय के समान है। वे अपने हृदय में विजय का स्वाद जानता है मगर पराजय की पीड़ा जानता नहीं है।

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 4 फिर महान बन

2. निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर एक या दो बाक्यों में दीजिए:
(ନିମ୍ନଲିଖତ ପ୍ରଶ୍ନୋ କା ଉତ୍ତର୍ ଏକ୍ ୟା ଦୋ ବାର୍କୋ ର୍ମେ ଦିଜିଏ)।
(ନିମ୍ନଲିଖ ପ୍ରଶ୍ନଗୁଡ଼ିକର ଉତ୍ତର ଗୋଟିଏ ବା ଦୁଇଟି ବାକ୍ୟରେ ଦିଅ )

(क) कवि ने मनुष्य से क्या बनने को कहा?
(ନିମ୍ନଲିଖତ ପ୍ରଶ୍ନୋ କା ଉତ୍ତର୍ ଏକ୍ ୟା ଦୋ ବାର୍କୋ ର୍ମେ ଦିଜିଏ) ।
(ନିମ୍ନଲିଖ ପ୍ରଶ୍ନଗୁଡ଼ିକର ଉତ୍ତର ଗୋଟିଏ ବା ଦୁଇଟି ବାକ୍ୟରେ ଦିଅ )
उत्तर:
विजय का सुमन शूल बनता है।

(ख) मनुष्य को किस प्रकार मन मिला है?
(ମନୁଷ୍ୟ କୋ କିସ୍ ପ୍ରକାର ମନ୍ ମିଲା ହୈ ?)
(ମନୁଷ୍ୟକୁ କେଉଁ ପ୍ରକାର ମନ ମିଳିଛି ?)
उत्तर:
पाप से घृणा महान है।

(ज) किस पर सदैव गर्व न करना चाहिए?
(କିସ୍‌ର୍ ସଦୈବ୍ ଗର୍ବ ନ କର୍‌ନା ଚାହିଏ ?)
(କାହାଉପରେ ସର୍ବଦା ଅହଙ୍କାର ନ କରିବା ଉଚିତ୍ ?)
उत्तर:
दर्पशक्ति पर सदैव गर्व न करना चाहिए।

(झ) ‘फिर महान बन’ कविता के कवि का नाम क्या है?
(‘ଫିର୍ ମହାନ ବନ୍’ କବିତା କେ କବି କା ନାମ୍ କ୍ୟା ହୈ ?)
(ଫିର୍ ମହାନ୍ ବନ୍’ କବିତାର କବିଙ୍କର ନାମ କ’ଣ ?)
उत्तर:
‘फिर महान बन’ कविता के कवि नरेन्द्र शर्मा है।

(अ) ‘फिर महान बन’ कविता का मूल भाब क्या है?
(‘ଫିର୍ ମହାନ୍ ବନ୍’ କବିତା କା ମୂଲ୍ ଭାୱ କ୍ୟା ହୈ ?)
(‘ଫିର୍ ମହାନ ବନ୍’ କବିତାର ମୂଳ ଭାବ କ’ଣ ?)
उत्तर:
‘फिर महान बन’ कविता का मूल भाव यह है कि अपने कर्त्तब्य पर सचेतन होना चाहिए।

3. पाठ के आधार पर निम्नलिखित रिक्त स्थानो को भरिये
फिर महान ……………. ।
शत्रु को न ………………… सके ………………. प्रदान जो,
जीत क्यों उसे न ………………. के समान हो?
दुष्ट ………….. मानते न दुष्ट ……………… से,
……………… घृणा महान ………………….. न …………….. से।
………….. पर संदैव गर्व करना न, ………………।
उत्तर:
फिर महान बन
शत्रु को न कर सके क्षमा प्रदान जो,
जीत क्यों उसे न हार के समान हो?
दुष्ट हार मानते न दुष्ट नेम से,
पाप से घृणा महान है न प्रेम से।
दर्प-शक्ति पर सदैव गर्व करना न, मन।

1. उदाहरण के अनसार निम्नलिखित शब्दो के समानार्थक शब्द लिखिए:
(ଉଦାହରଣ ଅନୁସାରେ ନିମ୍ନଲିଖ୍ ଶବ୍ଦଗୁଡ଼ିକର ପ୍ରତିଶବ୍ଦ ବା ସମାନାର୍ଥକ ଶବ୍ଦ ଲେଖ : )
महान, सुमन, मनुष्य, अपार, प्रेम, प्यास, जीव, वक्ष, नेम, विश्व
उदाहरण:
महान – विशिष्ट, सुमन – पुष्प
उत्तर:
मनुष्य – इनसान, मानव

अपार – असीम

प्रेम – प्यार

प्यास – तृषा

जीव – प्राणी

वक्ष – छाती

नेम – नियम

विश्व – संसार

कृपण – कंजूस

क्षमा – माफी

शत्रु – दुश्मन

हार – पराजय

भूल – तुटि, गलत

दर्प – गर्व

दुष्ट – नटखट

गर्व – घमंड, अहंकार

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 4 फिर महान बन

2. उदाहरण के अनुसार निम्नलिखित शब्दों के विलोम/विपरीत शब्द लिखिए:
(ଉଦାହରଣ ଅନୁସାରେ ନିମ୍ନଲିଖ୍ ଶବ୍ଦଗୁଡ଼ିକର ବିପରୀତ ଶବ୍ଦ ଲେଖ : )
उदाहरण: प्रेम – घृणा, शत्रु – मित्र
उत्तर:
महान – तुच्छा
कृपण – दानी

मनुष्य – राक्षस

दुष्ट – शांत

क्षमा – दंड़

प्रदान – आदान

जीत – हार

समान – असमान

विजय – पराजय

पाप – पुण्य

3. निम्नलिखित शब्दों के वचन बदलिए:
(ନିମ୍ନଲିଖ୍ ଶବ୍ଦଗୁଡ଼ିକର ବଚନ ବଦଳାଅ : )
उदाहरण: मनुष्य – मनुष्य,
तुझे, जीव, शत्रु, कवि
उत्तर:
तुझे – तुम्हें
शत्रु – शत्रु
जीव – जीव
कवि – कवि

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 4 फिर महान बन

4. आप भी एक कविता लिखने की कोशिश करें:
उत्तर:
छात्र-छात्रा खुद लिखिए।

अति संक्षिप्त उत्तरमूलक प्रश्नोत्तर

A. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में दीजिए।

प्रश्न 1.
‘फिर महान बन’ कविता के कवि का नाम क्या है?
उत्तर:
‘फिर महान बन’ कविता के कवि का नाम नरेंद्र शर्मा है।

प्रश्न 2.
कवि नरेंद्र शर्मा की कविता में क्या देखने को मिलते हैं?
उत्तर:
कवि नरेंद्र शर्मा की कविता में मानव प्रेम, प्रकृति-सौंदर्य के सरल और सजीव चित्र देखने को मिलते हैं।

प्रश्न 3.
मनुष्य किसकी संतान है?
उत्तर:
मनुष्य अमृत की संतान है।

प्रश्न 4.
मनुष्य श्रेष्ठ प्राणी के रूप में क्यों परिचित है?
उत्तर:
मनुष्य अपनी महानता के कारण श्रेष्ठ प्राणी के रूप में परिचित है।

प्रश्न 5.
मनुष्य आज अपना क्या भूल गया है?
उत्तर:
मनुष्य आज अपना कर्त्तव्य भूल गया है।

प्रश्न 6.
कवि ने इस कविता में क्या सलाह दी हे?
उत्तर:
कवि ने इस कविता में मनुष्य को अपने कर्त्तव्य पर सचेतन होने के लिए सलाह दी है।

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 4 फिर महान बन

प्रश्न 7.
कवि की चेतावनी क्या है?
उत्तर:
मनुष्य की मनुष्यता का पाठ पढ़ाने के लिए, संसार को स्वर्ग बनाने के लिए यह कवि की चेतावनी है।

प्रश्न 8.
कवि ने ‘मनुष्य ‘को क्या प्रेरणा दी है?
उत्तर:
कवि ने मनुष्य को फिर महान बनने की प्रेरणा दी है।

प्रश्न 9.
मनुष्य को किस प्रकार का मन मिला है?
उत्तर:
मनुष्य को अपार प्रेम से भरा मन मिला है।

प्रश्न 10.
विश्व आज क्या है?
उत्तर:
विश्व आज तृषित है।

प्रश्न 11.
किससे घृणा महान है?
उत्तर:
पाप से घृणा महान है।

प्रश्न 12.
किस पर सदैव गर्व नहीं करना चाहिए?
उत्तर:
दर्प शक्ति पर सदैव गर्व नहीं करना चाहिए।

B. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक शब्द में दीजिए।

प्रश्न 1.
विजय का सुमन क्या बनता है?
उत्तर:

प्रश्न 2.
मनुष्य श्रेष्ठ प्राणी के रूप में क्यों परिचित है?
उत्तर:

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 4 फिर महान बन

प्रश्न 3.
कवि ने मनुष्य को क्या बनने को कहा है?
उत्तर:

प्रश्न 4.
कवि मनुष्य से क्या न बनने को कहा है?
उत्तर:

प्रश्न 5.
घृणा किससे महान है?
उत्तर:

प्रश्न 6.
सदैव किस पर गर्व न करना चाहिए?
उत्तर:

प्रश्न 7.
आज कौन तृषित है?
उत्तर:

प्रश्न 8.
आज मनुष्य क्या भूल गया है?
उत्तर:

प्रश्न 9.
किसकी जीत हार के समान मानी जाती है?
उत्तर:

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 4 फिर महान बन

प्रश्न 10.
मानब को किस प्रकार का मन मिला है?
उत्तर:

प्रश्न 11.
‘फिर महान बन’ कविता का मूल भाव क्या है?
उत्तर:

C. रिक्तस्थानों को भरिए।

प्रश्न 1.
……………… अपना कर्त्तव्य भूल गया है।
उत्तर:
मनुष्य

प्रश्न 2.
संसार को ……………. बनाने के लिए शर्मा जी की चेतावनी है।
उत्तर:
स्वर्ग

प्रश्न 3.
विश्व है तृषित, मनुष्य, अब न बन …………….. ।
उत्तर:
कृपण

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 4 फिर महान बन

प्रश्न 4.
‘फिर महान बन’ कविता …………………. कवि ने लिखी है।
उत्तर:
नरेंद्र शर्मा

प्रश्न 5.
मनुष्य को ……………… प्रकार का मन मिला है।
उत्तर:
अपार प्रेम से भरा

प्रश्न 6.
विश्व आज …………… है।
उत्तर:
प्यासा

प्रश्न 7.
जो शत्रु को क्षमा प्रदान नहीं करता, उसकी जीत के समान है।
उत्तर:
पराजय

प्रश्न 8.
जीत का सुमन बनता है।
उत्तर:
काँटा

प्रश्न 9.
“दर्प शक्ति पर सदैव गर्व कर न, मन” – यह पंक्ति कवि की है।
उत्तर:
नरेंद्र शर्मा

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 4 फिर महान बन

प्रश्न 10.
पाप से घृणा
उत्तर:
महान

प्रश्न 11.
दर्प-शक्ति पर सदैव करना न मन।
उत्तर:
गर्व

प्रश्न 12.
अपार प्रेम से भरा मन से मिला।
उत्तर:
मनुष्य

प्रश्न 13.
कवि ने मनुष्य को बनने को कहा।
उत्तर:
श्रेष्ठ

प्रश्न 14.
मनुष्य की संतान है।
उत्तर:
अमृत की

D. सही उत्तर चुनिए।

1. ‘फिर महान बन’ कविता के कवि कौन है?
(A) कबिर दास
(B) सूरदास
(C) नरेन्द्र शर्मा
(D) गिरिधर कविराज
उत्तर:
(C) नरेन्द्र शर्मा

2. ‘फिर महान बन’ के कवि का जन्म कब हुआ ?
(A) सन् 1910
(B) सन् 1912
(C) सन् 1911
(D) सन् 1913
उत्तर:
(D) सन् 1913

3. कवि का जन्म कौन से राज्य में हुआ था?
(A) बिहार
(B) उत्तर प्रदेश
(C) मध्यप्रदेश
(D) झारखंड़
उत्तर:
(B) उत्तर प्रदेश

4. कवि ने किसको फिर महान बनने की प्रेरणा दी है?
(A) पशु को
(B) मनुष्य को
(C) पक्षी को
(D) अपने आपको
उत्तर:
(B) मनुष्य को

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 4 फिर महान बन

5. किसके कारण मनुष्य श्रेष्ठ प्राणी कहलाता है?
(A) दया
(B) महानता
(C) घृणा
(D) बुद्धि
उत्तर:
(B) महानता

6. किस पर सदैव गर्व न करना चाहिए?
(A) घमंड़
(B) दर्पशक्ति
(C) घृणा
(D) इनमें से कोई भी नहीं
उत्तर:
(B) दर्पशक्ति

7. संसार को क्या बनाने की कवि की चेष्टा है?
(A) नर्क
(B) धरित्री
(C) स्वर्ग
(D) पवित्र
उत्तर:
(C) स्वर्ग

8. मनुष्य को किस पर सचेतन होना चाहिए?
(A) श्रम
(B) कर्त्तव्य
(C) काम
(D) आलस्य
उत्तर:
(B) कर्त्तव्य

9. मनुष्य किसकी संतान है?
(A) अमृत की
(B) धरणी की
(C) माता की
(D) अंबर की
उत्तर:
(A) अमृत की

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 4 फिर महान बन

10. किस से घृणा महान है?
(A) हत्या
(B) घृणा
(C) पाप
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(C) पाप

दोहे (ତେ।ହେ)

फिर महान बन, मनुष्य!
फिर महान बन।
मन मिला अपार प्रेम से भरा तुझे,
इसलिए कि प्यास जीब- मात्र कि बुझे,
बिश्व है तृषित, मनुष्य,
अब न बन कृपण।
फिर महान बन !
ଫିର୍ ମହାନ୍ ବନ୍, ମନୁଷ୍ୟ !
ଫିର୍ ମହାନ୍ ବନ୍ ।
ମନ୍ ମିଲା ଅପାର୍ ପ୍ରେମ୍ ସେ ଭରା ତୁଝେ,
ଇସ୍‌ଏ କି ପ୍ୟାସ୍ ଜୀବ୍-ମାତ୍ର କି ବୁଝେ,
ବିଶ୍ଵ ହୈ ତୃଷିତ୍, ମନୁଷ୍ୟ, ଅଚ୍ ନ ବନ୍ କୃପଣ୍।
ଫିର୍ ମହାନ୍ ବନ୍।
ଅନୁବାଦ:
ପୁନଶ୍ଚ ଶ୍ରେଷ୍ଠ ହୁଅ ମାନବ । ତୋତେ ଅସୀମ ପ୍ରେମର ମନ ମିଳିଛି ତେଣୁ ଶୋଷିଲା ପ୍ରାଣୀର ତୃଷା ମେଣ୍ଟାଅ । ବର୍ତ୍ତମାନ କୃପଣ ନ ହୋଇ ସଂସାରରେ ଥିବା ତୃଷିତ ମନୁଷ୍ୟର ତୃଷାକୁ ମେଣ୍ଟାଅ ଏବଂ ଶ୍ରେଷ୍ଠ ମନୁଷ୍ୟ ରୂପେ ସମାଜରେ ପରିଚିତ ହୁଅ।

शत्रु को न कर सके क्षमा प्रदान जो,
जित क्यों उसे न हार के समान हो?
शूल क्यों न बक्ष पर बने विजय-सुमन!
फिर महान बन।
ଶତ୍ରୁ କୋ ନ କର ସକେ କ୍ଷମା
ଜିତ୍ ଜ୍ୟୋ ଉସେ ନ ହାର୍ କେ ସମାନ୍ ହୋ
ଶୁଲ୍ କେଁ ନ ବକ୍ଷ ପର୍ ବନେ ବିଜୟ-ସୁମନ୍!
ଫିର ମହାନ୍ ବନ୍।
ଅନୁବାଦ;
ଯେଉଁ ବ୍ୟକ୍ତି ଶତ୍ରୁକୁ କ୍ଷମା ପ୍ରଦାନ କରିପାରେନା, ତାହାର ଜୟ ପରାଜୟ ସହ ସମାନ। ଯେପରିକି ଶୂଳ-ବିଦ୍ଧ ହୃଦୟ ବିଜୟକୁ ଫୁଲ ପରି ଗ୍ରହଣ କରିଥାଏ, ତୁ ସେହିପରି ମହାନ୍ ହେବାକୁ ଚେଷ୍ଟାକର।

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 4 फिर महान बन

दुष्ट हार मानते न दुष्ट नेम से,
पाप से घृणा महान है, न प्रेम से
दर्प-शक्ति पर सदैब गर्व कर न, मन।
फिर महान बन।
ଦୁଷ୍ଟ ହାର୍ ମା ନ ଦୁଷ୍ଟ ନେମ୍ ସେ,
ପାପ୍ ସେ ଘୃଣା ମହାନ୍ ହୈ, ନ ପ୍ରେମ୍ ସେ
ଦୁର୍ପ-ଶକ୍ତି ପର୍ ସଦୈବ ଗର୍ବ କର୍ ନ, ମନ୍ ।
ଫିର୍ ମହାନ୍ ବନ୍।
ଅନୁବାଦ:
ଦୁଷ୍ଟ ନିୟମରେ ହାର ମାନିବ, ପାପଠାରୁ ଘୃଣା ମହାନ୍ ଅଟେ ନା ପ୍ରେମରୁ । ନିଜର ଶକ୍ତି ବା କ୍ଷମତା ଉପରେ ସର୍ବଦା ଗର୍ବ କର ନାହିଁ । ପୁନଶ୍ଚ ଶ୍ରେଷ୍ଠ ମନୁଷ୍ୟରେ ପରିଚିତ ହୁଅ ।

शबनार: (ଶରାର୍ଥି)

महान – श्रेष्ठ (ଶ୍ରଷ୍ଠ) ।

अपार – असीम ( ଅସୀମ ବା ସୀମାହୀନ) ।

प्यास – तृषा (ତୃଷା, ଶୋଷ) ।

तृषित – प्यासा (ଶୋଷିଲା) ।

कृपण – कंजूस (କୃପଣ ) ।

विजय सुमन – जीत के फूल (ବିଜୟର ଫୁଲ) ।

शूल – काँटा, पीड़ा (କଣ୍ଟା, ଯନ୍ତ୍ରଣା ବା କଷ୍ଟ) ।

सुमन – पुष्प, फूल, प्रसून, कुसुम (ଫୁଲ, ପୁଷ୍ପ, କୁସୁମ) ।

घृणा – नफरत ( ଘୃଣା) ।

सदैव – सदा, सर्वदा ( ସବୁବେଳେ ) ।

गर्व – घमंड, अभिमान (ଅହଙ୍କାର, ଅଭିମାନ) ।

वक्ष – हृदय (ହୃଦୟ, ଛାତି) ।

नेम – नियम, फायदा, दस्तूर, रीति (ନିୟମ) ।

दर्पशक्ति – घमण्ड (ଗର୍ବ, ଅହଙ୍କାର) ।

कवि परिचय (କବି ପରିଚୟ)।

नरेन्द्र शर्मा का जन्म सन् 1913 ईस्वी को उत्तर प्रदेश के बुलंदर शहर जनपद के जहाँगीरपुर नामक गाँव में हुआ। सन् 1936 ईस्वी में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एम. ए. पास किया। साहित्य-सृजन के प्रति उनकी पहले सी ही रुचि रही। छात्र – जीवन में ही ‘भूलझूल’ तथा ‘कर्णफूल’ प्रकाशित हुए। फिर उन्होंने स्वतंत्रता- संग्राम में भाग लिया। जेल गए। कुछ दिनों तक अध्यापक हुए। फिर सिनेमा के लिए गीत लिखे। बाद में मुम्बाई आकाशवाणी केन्द्र में नियुक्त हुए। 1988 में आपका देहान्त हो गया। प्रमुख कविता संकलन हैं : प्रभात फेरी, प्रवासी के गीत, प्रीति कथा, कामिनी, अग्नि शस्य, कदली वन, प्यासा निर्झर, उत्तरजय, बहुत रात गए आदि।

नरेन्द्र शर्मा की कविता में मानव – प्रेम, प्रकृति – सौन्दर्य के सरल और सजीव चित्र मिलते हैं। जड़ वस्तुओं में मानवीय चेतना, करुणा की भावधारा बहती है। बाद में वे समाज के दुःख-दर्द के प्रति आकृष्ट हुए और असुविधाओं को दूर करने की आवाज उठाई ।विद्रोह किया। शर्माजी की भाषा सरल, शुद्ध और भावगर्भक होती है।

BSE Odisha 9th Class History Solutions Book Download Pdf

BSE Odisha Class 9 History & Political Science Solutions Book Pdf Download

BSE Odisha 9th Class History Book Solutions ଇତିହାସ

ପ୍ରଥମ ଅଧ୍ୟାୟ : ବିଶ୍ଵର କେତେକ ଗୁରୁତ୍ଵପୂର୍ଣ୍ଣ ଅଗ୍ରଗତି

ଦ୍ଵିତୀୟ ଅଧ୍ୟାୟ : ଏକ ନୂତନ ବିଶ୍ଵ ଅଭିମୁଖେ

ତୃତୀୟ ଅଧ୍ୟାୟ : ୧୯୪୫ ପରବର୍ତୀ ପୃଥ‌ିବୀ : କେତେକ ପ୍ରମୁଖ ଘଟଣା ପ୍ରବାହ

ଚତୁର୍ଥ ଅଧ୍ୟାୟ : ଭାରତର ଐତିହ୍ୟ

BSE Odisha 9th Class Political Science Book Solutions ରାଜନୀତି ବିଜ୍ଞାନ

ପ୍ରଥମ ଅଧ୍ୟାୟ: ମୌଳିକ ଅଧୂକାର, ମୌଳିକ କର୍ତ୍ତବ୍ୟ ଓ ରାଷ୍ଟ୍ରନୀତି ନିୟାମକ ନିର୍ଦ୍ଦେଶାବଳୀ

ଦ୍ଵିତୀୟ ଅଧ୍ୟାୟ: ମାନବାଧ୍ୟାକାର, ସୂଚନା ଅଧିକାର, ଭାରତର ସୂଚନା ଅଧିକାର ଆଇନ

ତୃତୀୟ ଅଧ୍ୟାୟ : ଭାରତୀୟ ଜାତୀୟତାବାଦ, ଜାତୀୟ ସଂହତି, ଗଣତାନ୍ତ୍ରିକ ମୂଲ୍ୟବୋଧ

ଚତୁର୍ଥ ଅଧ୍ୟାୟ : ସଂଯୁକ୍ତ ରାଷ୍ଟ୍ରସଂଘ : ଗଠନ ଓ କାର୍ଯ୍ୟାବଳୀ

BSE Odisha 9th Class Text Book Solutions

BSE Odisha 9th Class Maths Solutions Book Download Pdf

BSE Odisha Class 9 Maths Solutions Book Pdf Download

BSE Odisha 9th Class Maths Solutions Algebra

Chapter 1 ସେଟ୍ ପ୍ରକ୍ରିୟା ଏବଂ ସେଟ୍‌ର ପ୍ରୟୋଗ

Chapter 2 ବାସ୍ତବ ସଂଖ୍ୟା

Chapter 3 ବୀଜଗାଣିତିକ ପରିପ୍ରକାଶ ଓ ଅଭେଦ

Chapter 4 ବୀଜଗାଣିତିକ ସମୀକରଣ

Chapter 5 ସ୍ଥାନାଙ୍କ ଜ୍ୟାମିତି

Chapter 6 ଅନୁପାତ ଓ ସମାନୁପାତ

Chapter 7 ପରିସଂଖ୍ୟାନ

Chapter 8 ସମ୍ଭାବ୍ୟତା

BSE Odisha 9th Class Maths Solutions Geometry

Chapter 1 ରେଖା ଓ କୋଣ

Chapter 2 ତ୍ରିଭୁଜମାନଙ୍କ ସର୍ବସମତା

Chapter 3 ଚତୁର୍ଭୁଜ

Chapter 4 କ୍ଷେତ୍ରଫଳ

Chapter 5 ପରିମିତି

Chapter 6 ଅଙ୍କନ

Chapter 7 ତ୍ରିକୋଣମିତି

BSE Odisha 9th Class Maths Question Paper Design (Both Algebra & Geometry)

Objective Section

Marks No. of Questions Total Marks
Solutions of the questions (5 Questions) 1 5 5
Only answer of the questions (5 Questions) 1 5 5
Fill in the Blanks (5 Questions) 1 5 5
Find True or False (5 Questions) 1 5 5
Matching the Column (5 Questions) 1 5 5
Total 25 25

Algebra = 25 Marks
Geometry = 25 Marks
Total = 50 Marks

Subjective Section

Algebra Marks
Q.1. Two-bit questions with alternative choice carrying 5 (five marks) each 5 + 5 = 10
Q.2. Three-bit questions with alternative choice carrying 4 (four marks) each 4 + 4 + 4 = 12
Total 22
Geometry
Q.3. One theorem and one construction with alternative choice carrying 5 (five marks) each 5 + 5 = 10
Q.4. Rider and Trigonometry with alternative choice carrying 5 (five marks) each 5 + 5 = 10
Q.5. Two-bit questions of mensuration carrying 4 (Four marks) each 4 + 4 = 8
Total 28

Algebra = 22
Geometry = 28
Total = 50 Marks

Grand Total = = 100 Marks (Part I (50) + Part II (50))

BSE Odisha 9th Class Text Book Solutions

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Book Download Pdf Manjari

BSE Odisha Class 9 Hindi Solutions Book Pdf Download Manjari मंजरी

BSE Odisha 9th Class Hindi Manjari पद्य विभाग

BSE Odisha 9th Class Hindi Manjari गद्य विभाग

BSE Odisha 9th Class Hindi व्याकरण विभाग

BSE Odisha 9th Class Text Book Solutions

BSE Odisha 9th Class Physical Science Important Questions

BSE Odisha Class 9 Physical Science Important Questions

BSE Odisha 9th Class Text Book Solutions

BSE Odisha 9th Class MIL Odia Solutions Book Download Pdf | 9th Class Odia Book Question Answer Pdf

9th Class MIL Question Answer Pdf | Class 9 Odia Sahitya Dhara Solutions Pdf

9th Class Odia Book Question Answer Pdf | Class 9 Odia Book Answers Sahitya Dhara ସାହିତ୍ୟ ଧାରା

BSE Odisha 9th Class Odia Grammar ବ୍ୟାକରଣ ବିଭାଗ

BSE Odisha 9th Class Text Book Solutions