BSE Odisha 7th Class Hindi Solutions Chapter 8 होली आई, होली आई (कविता)

Odisha State Board BSE Odisha 7th Class Hindi Solutions Chapter 8 होली आई, होली आई (कविता) Textbook Exercise Questions and Answers.

BSE Odisha Class 7 Hindi Solutions Chapter 8 होली आई, होली आई (कविता)

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :

(i) होलि के समय कौन-कौन सी फसलें उगायी जाती हैं ।
उत्तर:
होली के समय सरसों, गेहूँ, आदि की फसलें उगायी जाती हैं।

BSE Odisha 7th Class Hindi Solutions Chapter 8 होली आई, होली आई (कविता)

(ii) होली आने पर खेतों की शोभा कैसी होती है ?
उत्तर:
होली आने पर खेतों की शोभा निराली होती है। खेत सोने के रंग के यानी सुनहरे प्रतीत होते हैं ।

(iii) दुनिया मंगल में कैसे डूब जाती है ?
उत्तर:
होली के समय चारों ओर का दृश्य बड़ा मनमोहक होता है। बाग-बगीचों में कोयल की कूंक और भौरे का गुँजार सुखद प्रतीत होता है। इन सबके बीच दुनिया मंगल में डूब जाती है, अर्थात् सदा कुछ अच्छा लगने लगता है ।

(iv) होली के आने पर कोयल, भौंरे क्या करते हैं ?
उत्तर:
होली आने पर कोयल कुहकने लगती है और भौरे गुंजार करने लगते हैं ।

BSE Odisha 7th Class Hindi Solutions Chapter 8 होली आई, होली आई (कविता)

(v) होली के दिन लोग क्या करते हैं ?
उत्तर:
होली के दिन फाग अर्थात् होली के गीत गाते हैं। चौराहों और नुक्कड़ों पर होलिका को जलाने का कार्यक्रम होता है। लोग एक-दूसरे से प्रेमपूर्वक मिलकर बधाइयाँ देते हैं।

2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में दीजिए:

(i) इस समय कौन सुखदायी होते हैं ?
उत्तर:
इस समय अर्थात् होली के समय सूरज और चंदा सुखदाई होते हैं ।

(ii) इस समय आँगन में क्या-क्या होता है ?
उत्तर:
इस समय आँगन में मंजीरों के खनकने और घूँघरुओं के बजने की आवाज सुनाई देती है ।

(iii) फागें कब गायी जाती हैं ?
उत्तर:
फागें होली के आने पर गायी जाती हैं।

(iv) होली में चौराहों पर क्या जलती है ?
उत्तर:
होली में चौराहों पर ‘होलिका’ जलती है।

(v) इस समय किसकी बहार आती है ?
उत्तर:
इस समय रंग और रस की बहार आती है ।

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3. कविता पढ़कर रिक्त स्थानों को भरिए :
उत्तर:
खेतों में लाई है सोना ।
सरसों फूली, गेहूँ लहका ।
फूल गया टेसू जंगल में ।
जहाँ देखिए वहीं प्यार है,
नाचो, गाओ, झूमो भाई ।

4. आओ जानें उस ऋतु का नाम क्या है ?

जिसमें कोयल कुकती है ?
उत्तर: वसंतऋतु

जिसमें बादल गरजते हैं ?
उत्तर: वर्षा ऋतु

जिसमें ठंड लगती है ?
उत्तर: शीतऋतु

जिसमें लू चलती है ?
उत्तर: ग्रीष्म ऋतु

जिसमें रंग खेलते है ?
उत्तर: वसंतऋतु

जिसमें चारों ओर हरियाली छा जाती है ?
उत्तर: वर्षा ऋतु

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भाषा-कार्य :

5. आओ सीखें और लिखें :

पानी का बहना, – कुत्ते का भौंकना,
गेहूँ का लहकना, – बादल का गड़गड़ाना,
गाय का रंभाना, – पत्रों का सरसराना,
बिजली का चमकना, – शेर का दहाड़ना,
टेसू का फूलना
जैसे – मंजीरे का खनकना
वैसे – नूपुर का रनकना
ढोलक का ठनकना

6. समझें और लिखें :

जैसे – खेतों में लाई है सोना।
उत्तर:
खेत में सोना लाई है ।

वैसे – पत्ते झूमे चिकने कौरे।
उत्तर:
चिकने कौरे पत्ते झूमे ।

फूल गया टेसू जंगल में ।
उत्तर:
जंगल में टेसू फूल गया।

गूँजे भौरे।
उत्तर:
भौरे गूँजे ।

डूब गई दुनिया मंगल में ।
उत्तर:
दुनिया मंगल में डूब गई।

ढोलक ठनकी राह-राह में ।
उत्तर:
राह-राह में ढोलक ठनकी ।

7. नीचे कुछ शब्द दिए गये हैं । उनका लिंग पहचान कर उन्हें वाक्यों में प्रयोग कीजिए :
BSE Odisha 7th Class Hindi Solutions Chapter 7 उत्कलमणि 7

अन्य परीक्षोपयोगी प्रश्नोत्तर

1.निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :

(i) होली का त्योहार आने पर अमराई में क्या होता है ?
उत्तर:
होली का त्योह्मर आने पर अमराई में सुगंध बिखरी होती है ।

(ii) ‘हवा नई होकर लहराई’ – कविता की इस पंक्ति का क्या अर्थ हैं ।
उत्तर:
होली का त्योहार आने पर हवा में एक अलग प्रकार की मस्ती छा जाती है। इसलिए कवि कहते हैं कि हवा एक नए अंदाज में लहरा रही है ।

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(iii) होली आने पर सूरज और चंदा सुखदायी क्यों प्रतीत होती हैं ।
उत्तर:
होली वसंत ॠतु में फाल्गुन पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है। इस समय धूप सुनहरी और सुखद होती है। साथ ही चाँद खिला-खिला सा दिखाई देता है । यही कारण है कि सूरज और चंदा सुखदायी प्रतीत होते हैं।

(iv) होलिका कौन थी ? लोग होली में होलिकादहन क्यों करते हैं ?
उत्तर:
होलिका राक्षस-राज हिरण्यकश्यप की बहन थी। बुराई की प्रतीक थी क्योंकि उसने भाई के कहने पर ईश्वर-भक्त प्रहलाद को जलाने की कोशिश की थी। लोग होली में होलिका को जलाकर बुराई पर अच्छाई की जीत की खुशी मनाते हैं।

2. कविता की निम्नलिखित पंक्तियों का अर्थ स्पष्ट कीजिए:

(i) कोयल कुहकी, गूँजे भौंरे पत्ते झूमे चिकने कौरे ।
उत्तर:
बसंत ऋतु में जब होली का त्योहार आता है ता बाग-बगीचों में कोयल की कूक सुनाई देती है ।वहाँ भौरे भी खुश होकर गुंजार करने लगते हैं । नए-नए चिकने पत्तों का झूमना बहुत आकर्षक लगता है।

(ii) जहाँ देखिए वहीं प्यार है, रंग और रस की बहार है ।।
उत्तर:
होली मौज-मस्ती और प्रेमभाव का प्रतीक त्योहार है। इस त्योहार में लोग आपसी वैरभाव भुलाकर एक-दूसरे के प्रति अपना प्यार प्रदर्शित करते हैं । होली को रंगों का त्योहार भी कहा जाता है । लोग रंगों की बौछार करते हैं और मौज-मस्ती का रस उँडेलते है। चारों ओर अपूर्व शोभा दिखाइ देती है।

3. निम्नलिखित प्रश्नों के सही विकल्प पर (✓) का निशान लगाइए :

(i) कविता ‘होली आई, होली आई’ के कवि कौन हैं ?
(क) मैथिली सरण गुप्त
(ख) सोहनलाल द्विवेदी
(ग) भवानी प्रसाद मिश्र
(घ) रामधारी सिंह ‘दिनकर’
उत्तर:
(ग) भवानी प्रसाद मिश्र

(ii) होली क्या लेकर नहीं आई है ?
(क) खेतों में सोना
(ख) पतझड़ की उदासी
(ग) महकती अमराई
(घ) नई हवा
उत्तर:
(ख) पतझड़ की उदासी

(iii) ठोलक कहाँ ठनकी ?
(क) जंगल में
(ख) शहर-शहर में
(ग) रेगिस्तान में
(घ) राह-राह में
उत्तर:
(घ) राह-राह में

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(iv) होली आने पर क्या गाई जाती है ?
(क) शास्त्रीय संगीत
(ख) फिल्मी गीत
(ग) फागें
(घ) गजलें
उत्तर:
(ग) फागें

(v) होली में क्या करने को कवि कहते हैं ?
(क) नाचो, गाओ, झूमो
(ख) खूब खेलो
(ग) पढ़ो-लिखो
(घ) यात्रा करो
उत्तर:
(क) नाचो, गाओ, झूमो

भाषा-कार्य :

4. दिए गए शब्दों में अनुस्वार BSE Odisha 7th Class Hindi Solutions Chapter 8 होली आई, होली आई (कविता) 1या अनुनासिक BSE Odisha 7th Class Hindi Solutions Chapter 8 होली आई, होली आई (कविता) 2 का सही चिह्न लगाइए :
गेहु, आगन, जगल, गूजे, रग, मजीरे
उत्तर:
गेहूँ, आँगन, जंगल, गूँजे, रंग, मंजीरे

5. निम्नलिखित शब्दों के दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखिए:
हवा, जंगल, राह, सूरज, चंदा
उत्तर:

  • हवा – वायु,पवन
  • जंगल – वन, कानन
  • सूरज – सूर्य, दिनकर
  • चंदा – चन्द्रमा, शशि

6. दिए गए शब्दों के तुकवाले शब्द लिखिए :
सोना, लटका, जंगल, प्यार, राह, भाई
उत्तर:

  • सोना – कोना
  • लटका – भटका
  • जंगल – मंगल
  • प्यार – बहार
  • राह – उछाह
  • भाई – आई

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पाठ का सारांशः

होली आई, होली आई
देखो तो यह क्या-क्या लाई ?
खेतों में लाई है सोना,
चमक उठा उनका हर कोना।
सरसों फूली, गेहूँ लहका,
अमराई का आँगन महका ।।
BSE Odisha 7th Class Hindi Solutions Chapter 8 होली आई, होली आई (कविता) 3

प्रसंग : प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य पुस्तक ‘मेरी हिन्दी पुस्तक-२’ की कविता ‘होली आई, होली आई’ से ली गई हैं। इन पंक्तियों में कवि भवानी प्रसाद मिश्र ने होली के त्योहार के आगमन पर खेत-खलिहानों एवं आम के बगीचों की सुंदरता का वर्णन किया है।

व्याख्या : होली आ गई है और वह अपने साथ कई तरह की विशेषताओं को ले आई है। खेत का कोना-कोना सुनहरा हो गया है। ऐसा लगता है कि सोना निखरा पड़ा हो। सरसों में पीले फूल निकल आए हैं। गेहूँ लहरा रहा है। आम के बगीचे में सुगंध का वातावरण है।

ପ୍ରସଙ୍ଗ : ଶଂସିତ ପଦ୍ୟାଶ ଆମ ପାଠ୍ୟ ପୁସ୍ତକ ‘ମେରୀ ହିନ୍ଦୀ ପୁସ୍ତକ-୨’ର ‘ହୋଲୀ ଆଈ, ହୋଲୀ ଆଈ’ କବିତାରୁ ଗୃହୀତ। ଏଥୁରେ କବି ଭବାନୀ ପ୍ରସାଦ ମିଶ୍ର ହୋଲି ପର୍ବର ଆଗମନରେ ଖେତ, ଖଳା ଏବଂ ଆମ୍ଭ ବଗିଚାର ସୌନ୍ଦର୍ଯ୍ୟ ବିଷୟରେ ବର୍ଣ୍ଣନା କରିଛନ୍ତି ।

ବ୍ୟାଖ୍ୟା : ହୋଲି ଆସିଛି। ସାଥୀରେ ଅନେକ ବୈଶିଷ୍ଟ୍ୟ ନେଇ ଆସିଛି। ଖେତର କୋଣ-ଅନୁକୋଣ ସୁନେଲି ରଙ୍ଗରେ ବିଭୂଷିତ ହୋଇଛି। ଏପରି ଲାଗୁଛି ଚାରିଆଡ଼େ ସୁନା ହିଁ ସୁନା ଦେଖାଯାଉଛି। ସୋରିଷ ଗଛରେ ହଳଦିଆ ଫୁଲ ଫୁଟିଛି । ଗହମ କେଣ୍ଡା ପବନରେ ଦୋଳି ଖେଳୁଛି। ଆମ୍ବ ବଗିଚାରେ ବାସନାର ବାତାବରଣ ସୃଷ୍ଟି ହୋଇଛି।

हवा नई होकर लहराई,
होली आई, होली आई,
कोयल कुहकी, गूँजे भौरे,
पत्ते झूमे चिकने कौरे।
फूल गया टेसू जंगल में,
डूब गई दुनिया मंगल में ।।

प्रसंग : प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य पुस्तक ‘मेरी हिन्दी पुस्तक-२’ की कविता ‘होली आई, होली आई’ से ली गई हैं। इन पंक्तियों में कवि ने होली के त्योहार के समय के प्राकृतिक दृश्य का सुंदर वर्णन किया है।

व्याख्या : होली के आगमन के समय हवा में नएपन का आभास हो रहा है। चारों ओर नई हवा लहरा रही है। साथ ही कोयल के कूकने और भौंरों के गुंजार करने से वातावरण की शोभा और भी बढ़ गई है। पेड़ पौधों के नए चिकने पत्ते झुम रहे हैं। जंगल में टेसू यानी पलाश के फूल अपनी सुंदरता बिखरे रहे हैं। इन सब्रके बीच दुनिया का वातावरण मंगलमय हो रहा है।

BSE Odisha 7th Class Hindi Solutions Chapter 8 होली आई, होली आई (कविता)

ପ୍ରସଙ୍ଗ : ଶଂସିତ ପଦ୍ୟାଶ ଆମ ପାଠ୍ୟ ପୁସ୍ତକ ‘ମେରୀ ହିନ୍ଦୀ ପୁସ୍ତକ-୨’ ର ‘ହୋଲୀ ଆଈ, ହୋଲୀ ଆଈ’ କବିତାରୁ ଆସିଅଛି। ଏଠାରେ କବି ହୋଲି ସମୟରେ ପ୍ରାକୃତିକ ଦୃଶ୍ୟର ସୌନ୍ଦର୍ଯ୍ୟର ବର୍ଣ୍ଣନା କରିଛନ୍ତି ।

ବ୍ୟାଖ୍ୟା : ହୋଲି ଆଗମନ ସମୟରେ ପବନର ନୂତନତ୍ବର ସୂଚନା ମିଳୁଛି। ଚତୁର୍ଦ୍ଦିଗରେ ନବୀନ ପବନ ତରଙ୍ଗାୟିତ ହେଉଛି। ଏହା ସହିତ କୋଇଲିର କୁହୁତାନ ଓ ଭମରର ଗୁଞ୍ଜନ ବାତାବରଣର ଶୋଭାକୁ ଅଧିକ ବଢ଼ାଇଦେଇଛନ୍ତି  ବୃକ୍ଷଲତାରେ ନୂଆ ଚିକ୍‌କଣ ପତ୍ର ଦୋଳାୟମାନ ହେଉଛି। ଜଙ୍ଗଲରେ ପଲାଶଫୁଲ ଫୁଟି ତା’ର ସୌନ୍ଦର୍ଯ୍ୟ ପ୍ରସାରିତ କରୁଛି। ଏହିସବୁ ମଧ୍ୟରେ ସଂସାରର ବାତାବରଣ ମଙ୍ଗଳମୟ ପ୍ରତୀତ ହେଉଛି।

BSE Odisha 7th Class Hindi Solutions Chapter 8 होली आई, होली आई (कविता) 4

सूरज चंदा सब सुखदाई,
होली आई, होली आई,
इस आँगन में मंजीरे खनके,
उस आँगन में नृपुर रनके।
दोलक ठनकी राह-राह में,
बालक, बूढ़े ब उछाह में ।।

प्रसंग : प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य पुस्तक ‘मेरी हिन्दी पुस्तक-२’ की कविता ‘होली आई, होली आई’ से ली गई हैं। इन पंक्तियों में होली के दौरान चारों ओर हँसी-खुशी के दृश्यों तथा वाद्य यंत्रों के मनमोहक स्वरों के बारे में बताया गया है।

व्याख्या : होली के त्योहार के आने से सूरज की रोशनी तथा चाँद की चाँदनी सुखद प्रतीत हो रही है। किसी के घर में मंजीरे बज रहे हैं तो कहीं से घुँघरुओं की आवाज़ आ रही है। ढोलक का स्वर हर रास्ते और चौराहे पर सुनाई दे रहा है। उस तरह के आनंदपूर्ण माहौल में बच्चे, बूढ़े सहति सभी लोगों का उत्साह देखत ही बनता है।

ପ୍ରସଙ୍ଗ : ଶଂସିତ ପଦ୍ୟାଶ ଆମ ପାଠ୍ୟ ପୁସ୍ତକ ‘ମେରୀ ହିନ୍ଦୀ ପୁସ୍ତକ-୨’ ର ‘ହୋଲୀ ଆଈ, ହୋଲୀ ଆଈ’ କବିତାରୁ ଗୃହୀତ ହୋଇଛି। ଏହି ପଦରେ ହୋଲି ସମୟରେ ଚତୁର୍ଦ୍ଦିଗରେ ହସ-ଖୁସିର ଦୃଶ୍ୟ ଓ ବାଦ୍ୟ ଯନ୍ତ୍ରଗୁଡ଼ିକର ମନମୋହନ ସ୍ଵର ସମ୍ବନ୍ଧରେ ବର୍ଣ୍ଣନା କରାଯାଇଛି।

ବ୍ୟାଖ୍ୟା : ହୋଲି ପର୍ବ ଆସିଯିବା ପରେ ସୂର୍ଯ୍ୟର କିରଣ ଓ ଚନ୍ଦ୍ରର ଜ୍ୟୋତ୍ସ୍ନା ସୁଖପ୍ରଦ ପ୍ରତୀତ ହେଉଛି। କାହା ଘରେ ଗିନି ବାଜୁଛି ତ କେଉଁଠାରୁ ନୁପୂରର ରୁଣୁଝୁଣୁ ଶବ୍ଦ ଭାସି ଆସୁଛି। ଢୋଲର ଶବ୍ଦ ସବୁ ରାସ୍ତା ଓ ଛକମାନଙ୍କରେ ଶୁଣାଯାଉଛି । ଏଭଳି ଆନନ୍ଦଦାୟକ ବାତାବରଣ ସେ ପିଲାଠାରୁ ବୁଢ଼ା ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ସମସ୍ତଙ୍କ ଉତ୍ସାହପ ଦେଖିବା କଥା।

गली-गली में “फागें” गाईं,
होली आई, होली आई.
जली “होलिका” चौराहों पर
लोग मिल रहे हैं राहों पर।
जहाँ देखिए वहीं प्यार है,
रंग और रस की बहार है ।।
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नाचो, गाओ, झूमो भाई
होली आई, होली आई ।।

प्रसंग : प्रस्तु पंक्तियाँ हमारी पाठ्य पुस्तक ‘मेरी हिन्दी पुस्नक-२’ की कविता ‘होली आई, होली आई’ से ली गई हैं। इन पंक्तियों में होली की मौज-मस्ती और आपसी प्रेमभाव का सुंदर वर्णन किया गया है।

व्याख्या : होली के त्योहार के अवसर पर गली-गली में होली के गीत गाए जा रहे हैं। इसके साथ ही चौराहों पर होलिका-दहन का कार्यक्रम हो रहा है। लोग आते-जाते एक-दूसरे से गले मिलकर अपनी खुशी ओर प्रेम को प्रकट कर रहे हैं। चारों ओर प्यार ही प्यार है, रंग ही रंग निखरा पड़ा है और उमंग का साम्राज्य है। कवि कहते हैं कि ऐसे अवसर पर नाचगाकर और झूमकर अपने उत्साह को प्रकट करना चाहिए। होली के त्योहार के आने का यही अर्थ है।

ପ୍ରସଙ୍ଗ : ଶଂସିତ ପଦ୍ୟାଶ ଆମ ପାଠ୍ୟ ପୁସ୍ତକ ‘ମେରୀ
ହିନ୍ଦୀ ପୁସ୍ତକ-୨’ ର ‘ହୋଲୀ ଆଈ, ହୋଲୀ ଆଈ’ କବିତାରୁ ଆନୀତ ହୋଇଛି । ଏଥୁରେ ହୋଲିର ଆନନ୍ଦ–ଉଲ୍ଲାସ ଓ ପାରସ୍ପରିକ ପ୍ରେମ ଭାବର ସୁନ୍ଦର ବର୍ଣ୍ଣନା କରାଯାଇଛି।

BSE Odisha 7th Class Hindi Solutions Chapter 8 होली आई, होली आई (कविता)

ବ୍ୟାଖ୍ୟା : ହୋଲି ସମୟରେ ଗଳି-ଗଳିରେ ହୋଲୀର ଗୀତ ଗାନ କରାଯାଉଛି । ଏହା ସହିତ ଛକମାନଙ୍କରେ ହୋଲିକା ଦହନ ମଧ୍ଯ ହେଉଛି । ଲୋକେ ଯାଉଆସୁ ପରସ୍ପରକୁ କୋଳାଗ୍ରତ କରି ଖୁସି ଓ ପ୍ରେମ ପ୍ରକଟ କରୁଛନ୍ତି। ଚାରିଆଡ଼େ ପ୍ରେମ ହିଁ ପ୍ରେମ। ରଙ୍ଗ ହିଁ ରଙ୍ଗ। ଉତ୍ସାହର ରାଜୁତି ଚାରିଆଡ଼େ । କବି କହୁଛନ୍ତି ଯେ ଏଭଳି ସମୟରେ ନାଚ-ଗାଇ ଝୁମି-ଝୁମି ଲୋକେ ଉତ୍ସାହ ପ୍ରଦର୍ଶନ କରୁଛନ୍ତି । ହୋଲି ପର୍ବ ଆସିବାର ଅର୍ଥ ହିଁ ଏଇୟା।

शब्दार्थ :

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BSE Odisha 7th Class Hindi Solutions Chapter 8 होली आई, होली आई (कविता) 7

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