Odisha State Board BSE Odisha 7th Class Hindi Solutions Chapter 9 धागे का बन्धन Textbook Exercise Questions and Answers.
BSE Odisha Class 7 Hindi Solutions Chapter 9 धागे का बन्धन
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
(i) राखी पूर्णिमा के दिन भाई-बहन क्या करते हैं?
उत्तर:
राखी पूर्णिमा के दिन बहन भाई की कलाई में राखी बाँधती है और उसे मिठाई खिलाती है । भाई अपनी बहन की हर तरह से रक्षा का वचन देता है ।
(ii) अहमद शाह के पहले हमले का परिणाम क्या हुआ ?
उत्तर:
अहमद शाह के पहले हमले के कारण मेवाड़ के राजा की मृत्यु हो गई । वे लड़ते हुए मारे गए।
(iii) अपनी कमजोरी का खयाल करके कर्मवती ने क्या किया ?
उत्तर:
अपनी कमजोरी का खयाल करके मेवाड़ की महारानी कर्मवती ने दिल्ली के बादशाह हुमायूँ को राखी भेजने का निश्चय किया ।
(iv) राखी मिलने पर हुमायूँ ने दूत से क्या कहा ?
उत्तर:
राखी मिलने पर हूमायूँ ने दूत से कहा कि रानी कर्मवती ने मुझे अपना भाई माना, यह मेरी खुशकिस्मती है। उन्होंने दूत से बहन कर्मवती का हाल-चाल भी पूछा।
(v) दूत से मेवाड़ का हाल सुनकर हुमायूँ ने क्या किया ?
उत्तर:
दूत से मेवाड़ का हाल सुनकर हुमायूँ ने अपने सेनापति को सेना के साथ मेवाड़ के लिए कूच करने का आदेश दिया । वह स्वयं अंगरक्षकों के साथ घोड़े पर चढ़कर मेवाड़ की ओर चल पड़ा।
(vi) सैन्यशक्ति को कमजोर देखकर कर्मवती ने क्या किया?
उत्तर:
अपनी सैन्यशक्ति को कमजोर देखकर मह्लरानी कर्मवती ने राजस्थान की क्षात्र परंपरा के अनुसार सभी नारियों के साथ जौहर किया। उन्होंने जलती आग में कूदकर अपने प्राणों की आहुति दे दी ।
(vii) हूमायूँ ने कसम खाकर क्या कहा ?
उत्तर:
हूमायूँ ने कसम खाकर कहा कि अब मेवाड़ पर कोई भी आँख उठाकर नहीं देख सकता। अल्लाह हम दोनों की भेंट अगले जन्म में अवश्य कराए।
2. इन प्रश्नों के उत्तर एक एक वाक्य में दीजिए :
(i) बटा हुआ धागा कैसे टूट सकता है ?
उत्तर:
बटा हुआ धागा झटक देने से टूट सकता है ।
(ii) कौन-सा धागा कभी नहीं टूटता ?
उत्तर:
भाई-बहन के स्नेह का धागा कभी नहीं टूटता।
(iii) मेवाड़ किस राज्य में है ?
उत्तर:
मेवाड़ राजस्थान राज्य में है ।
(iv) मेवाड़ के राणा की पत्नी का नाम क्या था ?
उत्तर:
मेवाड़ के राणा की पत्नी का नाम कर्मवती था।
(v) हुमायूँ कहाँ के बादशाह थे ?
उत्तर:
हुमायूँ दिल्ली के बादशाह थे ।
(vi) कर्मवती ने हुमायूँ के लिए क्या भेजा ?
उत्तर:
कर्मवती ने हुमायूँ के लिए राखी का तोहफा भेजा।
(vii) हुमायूँ ने अपने सेनापति को क्या हुक्म दिया?
उत्तर:
हुमायूँ ने अपने सेनापति को सेना के साथ मेवाड़ के लिए कूच करने का हुक्म दिया ।
(viii) हुमायूँ के आने की खबर पाकर दुश्मन ने क्या किया?
उत्तर:
हुमायूँ के आने की खबर पाकर दुश्मन भाग खड़े हुए।
3. पाठ के आधार पर उपयुक्त शब्दों से शून्यस्थान को भरिए :
(i) भाई बहन के लिए जान की बाजी लगाता है ।
(ii) हुमायूँ मुगल था।
(iii) दुश्मन नौ दो ग्यारह हो गए।
(iv) अहमद शाह ने मेवाड़ पर हमला किया ।
4. सही विकल्प चुनिए :
(i) भाई जान की बाजी लगाकर बहन की रक्षा करता है । क्योंकि –
(क) बहन बदले में उसे रुपये देती है ।
(ख) बहन भाई के हाथ में स्नेह से राखी बाँधती है I
(ग) बहन से वह बहुत डरता है ।
(घ) यह न करने से लोग बुरा मानेंगे ।
उत्तर:
(ख) बहन भाई के हाथ में सेह से राखी बाँधती है ।
(ii) कर्मवती हुमायूँ को राखी भेजती है। क्योंकि-
(क) कर्मवती बहन के रूप में हुमायूँ से सहायता चाहती है।
(ख) मुगल बादशाह हुमायूँ से कर्मवती डरती थी।
(ग) हुमायूँ को राखी के बारे में कुछ मालूम नहीं था।
(घ) बदले में कर्मवती हुमायूँ से मिठाई पाना चाहती थी।
उत्तर:
(क) कर्मवती बहन के रूप में हुमायूँ से सहायता चाहती है ।
(iii) मेवाड़ की सभी रानियों ने कर्मवती के साथ मिलकर जौहर किया । क्योंकि –
(क) कर्मवती को हुमायूँ ने सहायता नहीं की।
(ख) रानी की हार हो गयी थी।
(ग) कर्मवती अहमद शाह को डरा देना चाहती थी।
(घ) आत्म-सम्मान की रक्षा के लिए यह राजस्थान की क्षात्र परंपरा है ।
उत्तर:
(घ) आत्म-सम्मान की रक्षा के लिए यह राजस्थान की क्षात्र परंपरा है ।
भाषा-कार्य :
6. नीचे लिखे गए मुहावरों के सही रूप लगाकर वाक्यों को पूरा कीजिए :
(i) वीरगति को प्राप्त हुए
(ii) खिल उठा
(iii) कूच किया
(iv) आँख उठाकर देखेगा हम उसे नहीं छोड़ेंगे
(v) नौ दो ग्यारह हो गए
उत्तर:
(i) मेवाड़ के राजा वीरगति को प्राप्त हुए ।
(ii) हुमायूँ राखी देखकर खिल उठा ।
(iii) हुमायूँ ने मेवाड़ के लिए कूच किया।
(iv) जो भी भारत की ओर आँख उठाकर देखेगा हम उसे नहीं छोड़ेंगे।
(v) पुलिस के आते ही चोर नौ दो ग्यारह हो गए।
अन्य परीक्षोपयोगी प्रश्नोत्तर
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
(i) मेवाड़ के अधिवासियों की क्या विशेषता है ?
उत्तर:
मेवाड़ के अधिवासी बड़े वीर होते हैं । वे मरना जानते हैं लेकिन हारना नहीं जानते ।
(ii) महारानी की राखी देखकर हुमायूँ ने कैसी प्रतिक्रिया व्यक्त की ?
उत्तर:
महारानी कर्मवती द्वारा भेजी राखी देखकर मुगल बादशाह हुमायूँ बहुत खुश हुआ । वह राखी के पीछे बहन के स्नेहभाव को भी भलि-भाँति समझ गया।
(iii) हुमायूँ मेवाड़ की महारानी की रक्षा क्यों नहीं कर पाया ?
उत्तर:
हुमायूँ मेवाड़ की महारानी की रक्षा नहीं कर पाया क्योंकि उसे तथा उसके सैनिकों को मेवाड़ पहुँचने में देरी हो गई । इसी बीच अहमद शाह को मेवाड़ पर दोबारा हमला करने का अवसर मिल गया था ।
(iv) हुमायूँ ने खुद को बदनसीब क्यों कहा ?
उत्तर:
हुमायूँ रानी कर्मवती की रक्षा नहीं कर पाया, इसलिए उसने अपने बदनसीब कहा ।
2. सही कथनों के सामने (✓) का और गलत कथनों का सामने (✗) का चिह्न लगाइए :
(i) स्नेह का धागा आसानी से नहीं टूटता । (✓)
(ii) महारानी कर्मवती ने हुमायूँ की उदारता की बहुत सी कहानियाँ सुनी थी । (✓)
(iii) दूत के समझाने पर भी हुमायूँ रक्षाबंधन का महत्व नहीं समझ सका । (✗)
(iv) हुमायूँ को मेवाड़ पहुँचने में कई दिन लग गए। (✓)
(v) हुमायूँ के आने की खबर पाते ही दुश्मन ने हमला कर दिया । (✗)
3. दिए गए प्रश्नों के सही उत्तर पर (✓) का निशान लगाइए :
(i) बहन भाई की कलाई में राखी कब बाँधती है?
(क) हर रोज
(ख) राखी पूर्णिमा के दिन
(ग) अमावास्या के दिन
(घ) वसंत ऋतु में
उत्तर:
(ख) राखी पूर्णिमा के दिन
(ii) मेवाड़ पर किसने हमला कर दिया था ?
(क) अहमद शाह ने
(ख) मुगलों ने
(ग) मीर जाफर ने
(घ) क्षत्रियों ने
उत्तर:
(क) अहमद शाह ने
(iii) राखी का तोहफा मिलने पर अपने को खुएकिस्मत किसने माना ?
(क) शिवाजी ने
(ख) अहमद शाह ने
(ग) बादशाह हुमायूँ ने
(घ) अकबर ने
उत्तर:
(ग) बादशाह हुमायूँ ने
(iv) हुमायूँ ने अपने सेनापति को फौरन कहाँ पहुँचने का हुक्म दिया ?
(क) दिल्ली
(ख) बिहार
(ग) मगध
(घ) मेवाड़
उत्तर:
(घ) मेवाड़
भाषा-कार्य :
4. दिए गए शब्दों के विलोम शब्द लिखिए : कच्चा, पूर्णिमा, वीर, दुश्मन, उदारता, खुशकिस्मत
उत्तर:
शब्द — विलोम
कच्चा — पक्का
पूर्णिमा — अमावास्या
वीर — कायर
दुश्मन — दोस्त
उदारता — कृपणता
खुशिकिस्मत — बदकिस्मत
5. दिए गए संयुक्ताक्षरों वाले दो-दो शब्द लिखिए :
6. पढ़िए, समझिए और लिखिए :
एकवचन — बहुवचन
अंगरक्षक — अंगरक्षकों ने
आँख — आँखों में
साथी — साथियों के
घोड़ा — घोड़ों पर
वीरांगना, — वीरांगनाओं ने
कलाई — कलाइयों में
पाठ का सारांशः
कच्चा धागा और बटा हुआ धागा थोड़े से यत्न से टूट जाता है परंतु स्नेह का धागा आसानी से नहीं टूटना। राखी पूर्णिमा के दिन बहनें अपने भाई की कलाई में स्नेह रूपी धागे को बाँधती हैं और मिठाई खिलाती हैं। भाई बहन की रक्षा का वचन देता है। इसके बारे में एक प्रसिद्ध ऐतिहासिक घटना है।
राजस्थान में मेवाड़ राज्य के लोग बड़े वीर होते हैं। उस राज्य पर अहमद शाह ने हमला कर दिया। मेवाड़ के राजा मारे गए। अहमद शाह ने फिर हमला किया तो महारानी कर्मवती ने लोहा लेने की ठानी । अपनी कमजोर सेना को ध्यान में रखते हुए उसके बादशाह हुमायूँ को राखी भेजने का निर्णय लिया। हुमायूँ को राखी का तोहफा भेजा गया। हुमायूँ ने मुगल होते हुए भी राखी का मूल्य समझा। उसने दूत से महारानी को कहलवाया कि वह खुशी-खुशी अपनी बहन की रक्षा का प्रयत्न करेगा।
हुमायूँ ने अपने सेनापति को सेना के साथ मेवाड़ की रक्षा के लिए मैजा। फिर स्वयं मेवाड़ की ओर चल पड़ा। लेकिन उसके चितौड़ पहुँचने में देरी हो गई। इसी बीच ही लड़ाई में महारानी हार गई और उसने अन्य नारियों के साथ जौहर में अपने प्राण त्याग दिए ।
हूमायूँ के पहुँचने पर दुश्मन भाग खड़े हुए। रानी की रक्षा न कर पाने का उसे बहुत अफसोस हुआ। उसने कसम खाई कि मेवाड़ पर अब कोई आँख उठाकर नहीं देख सकेगा। हमारे देश के लोग आज भी इस घटना को याद करते हैं। वे भाई बहन के पवित्र रिश्ते की प्रशंसा करते हैं ।
ସାରାଂଶ
ଟାଣ ହୋଇ ନଥୁବା ସୂତା କିମ୍ବା ଭଲ ବୋଳା ହୋଇଥିବା ସୂତା ଟିକିଏ ଚେଷ୍ଟାକଲେ ଛିଣ୍ଡିଯାଏ । କିନ୍ତୁ ସ୍ନେହ ସୂତା ସହଜରେ ଛିଣ୍ଡେ ନାହିଁ । ରାକ୍ଷୀ ପୂର୍ଣ୍ଣିମା ଦିନ ଭଉଣୀ ଭାଇ ହାତରେ ସ୍ନେହ ରୂପୀ ସୂତା ବାନ୍ଧିଦିଏ ଓ ମିଠା ଖୁଆଏ। ଭାଇ ଭଉଣୀକୁ ରକ୍ଷାକରିବା ପାଇଁ ବଚନବଦ୍ଧ ହୁଏ । ଏହା ସମ୍ବନ୍ଧରେ ଗୋଟିଏ ପ୍ରସିଦ୍ଧ ଐତିହାସିକ ଘଟଣାର ଉଦାହରଣ ରହିଛି। ରାଜସ୍ଥାନର ମେଣ୍ଢାର ରାଜ୍ୟର ଲୋକେ ବହୁତ ବୀର। ସେହି ରାଜ୍ୟ ଉପରେ ଅହମଦଶାହ ଆକ୍ରମଣ କରିଦେଲେ। ମେଣ୍ଢାରର ରାଜା ଯୁଦ୍ଧରେ ନିହତ ହେଲେ। ଅହମଦ ଶାହ ପୁଣି ଥରେ ଆକ୍ରମଣ କରିବାରୁ ମହାରାଣୀ କର୍ମବତୀ ମୁକାବିଲା କରିବାକୁ ମନସ୍ଥ କଲେ।
ନିଜର ଦୁର୍ବଳ ସୈନ୍ୟବାହିନୀକୁ ଧ୍ୟାନ ଦେଇ ସେ ବାଦଶାହ ହୁମାୟୁନଙ୍କ ପାଖକୁ ରାକ୍ଷୀ ପଠାଇବାକୁ ସିଦ୍ଧାନ୍ତ ନେଲେ। ହୁମାୟୁନଙ୍କ ପାଖକୁ ରାକ୍ଷୀ ଭେଟି ପଠାଇ ଦିଆଗଲା। ହୁମାୟୁନ ମୋଗଲ ହୋଇଥିଲେ ମଧ୍ୟ ରାକ୍ଷୀର ମୂଲ୍ୟ ବୁଝିପାରିଲେ। ସେ ଦୂତ ହାତରେ ମହାରାଣୀଙ୍କ ପାଖକୁ ସମ୍ବାଦ ପ୍ରେରଣ କଲେ ଯେ ସେ ଆନନ୍ଦର ସହିତ ଭଉଣୀଙ୍କୁ ରକ୍ଷା କରିବାକୁ ଚେଷ୍ଟା କରିବେ । ହୁମାୟୁନ ତାଙ୍କ ସେନାପତିଙ୍କୁ ସୈନ୍ୟବାହିନୀ ସହିତ ମେଣ୍ଢାରକୁ ରକ୍ଷା କରିବା ପାଇଁ ପଠାଇଦେଲେ ସେ ନିଜେ ମଧ୍ୟ ମେଣ୍ଢାର ଯିବା ପାଇଁ ପ୍ରସ୍ଥାନ କଲେ। କିନ୍ତୁ ସେ ମେଣ୍ଢାରଠାରେ ପହଞ୍ଚିବା ବେଳକୁ ବହୁତ ଡେରି ହୋଇଯାଇଥିଲା । ଏଥୁମଧ୍ୟରେ ଯୁଦ୍ଧରେ ରାଣୀ ହାରି .. ଯାଇଥିଲେ। ସେ ଅନ୍ୟ ନାରୀମାନଙ୍କ ସହିତ ଲୌହର ବ୍ରତ ପାଳନ କରି ଅଗ୍ନି ଶିଖାରେ ପ୍ରାଣ ବିସର୍ଜନ କରି ସାରିଥିଲେ।
ହୁମାୟୁନ ପହଞ୍ଚିବା ପରେ ଶତ୍ରୁ ଛତ୍ରଭଙ୍ଗ ଦେଲା। ରାଣୀଙ୍କୁ ରକ୍ଷା କରିପାରି ନଥୁବାରୁ ହୁମାୟୁନଙ୍କୁ ବହୁତ ପଶ୍ଚାତ୍ତାପ ହେଲା। ସେ ପ୍ରତିଜ୍ଞା କଲେ ଯେ ମେଣ୍ଢାର ଉପରେ ଆଉ କେହି ଦୃଷ୍ଟି ପକାଇପାରିବେ ନାହିଁ। ଆମ ଦେଶର ଲୋକେ ଆଜି ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ଏକଥା ମନେ ରଖୁଛନ୍ତି । ସେମାନେ ଭାଇ-ଭଉଣୀଙ୍କ ପବିତ୍ର ସମ୍ପର୍କକୁ ପ୍ରଶଂସା କରିଥା’ନ୍ତି ।
शब्दार्थ :