Odisha State Board BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 5 एक बूँद (कविता) Textbook Exercise Questions and Answers.
BSE Odisha Class 8 Hindi Solutions Chapter 5 एक बूँद (कविता)
अनुशीलनी
1. निम्न प्रश्नों के उत्तर पचास शब्दों में दीजिए –
(क) बादलों की गोद से निकलकर बूँद क्या सोचने लगी ?
उत्तर:
बादलों की गोद से निकलकर बूँद बार-बार यही सोचने लगी – आह! मैं क्यों घर छोड़कर बाहर निकली ! हे विधाता, मेरे भाग्य में क्या लिखा है ? मैं सुरक्षित रह पाऊँगी या नष्ट हो जाऊँगी ? मैं अँगारे पर गिरकर जल जाऊँगी या कमल के फूल में चू पड्ूँगी ?
(ख) बूँद हवा में बहकर किस ओर पहुँची ?
उत्तर:
एक बूँद बादलों से निकलकर जब बाहर आई, तब वह बड़ी सोच में पड़ गई । वह खेद प्रकट करती हुई कहती है कि मैं क्यों घर से निकली ? तरह-तरह की सोच में वह अनमनी हो गई । इस समय एक हवा बहने लगी और वह उसीके साथ सागर की ओर चली आई ।
(ग) घर छोड़ते हुए लोगों के मन में झिझक क्यों होती है ?
उत्तर:
लोगों को घर छोड़ने अर्थात् कोई काम करने की झिझक होती है, क्योंकि उनको डर लगता है कि काम में बाधाएँ आ जाएँगी तो वे असफल हो जाएँगे । उनको भारी नुकसान उठाना पड़ेगा । साहस की कमी से वे मुकावला नहीं कर पाते ।
(घ) बूँद कैसे मोती बनी ?
उत्तर:
बूँद बादलों से निकलकर पछता रही थी । वह तरहतरह की आशंकाओं से घबरा गई थी । इतने में एक हवा बहकर आई । बूँदअनमनी होकर उसके साथ समुद्र की ओर चली गई । उस समय एक सुन्दर सीप का मुँह खुला था । बूँद उसी में जा पड़ी और मोती बन गई ।
(ङ) ‘बूँद की तरह कुछ और बन जाना’ – का अर्थ क्या है ?
उत्तर:
बूँद की तरह कुछ और बन जाना का अर्थ है जिस प्रकार घर छोड़ने से बूँद मोती बन जाती है, उसी प्रकार कर्म करने से ही मनुष्य अंत में शिखर पर पहुँचकर श्रेष्ठ बन जाता है।
2. नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में दीजिए।
(क) विधाता के बारे में बूँद क्या सोचती है ?
उत्तर:
विधाता के बारे में बूँद सोचती है – हे विधाता ! मेरे भाग्य में क्या लिखा हुआ है ?
(ख) सीप के मुँह में घुसने के बाद बूँद का क्या हुआ ?
उत्तर:
सीप के मुँह में घुसने के बाद बूँद मोती बन गई |
(ग) बूँद किस पर टपकने से डरती है ?
उत्तर:
बूँद अंगारे पर टपकने से डरती है ।
(घ) बूँद अंगारे पर गिरकर क्या होने की आशंका करती है ?
उत्तर:
बूँद अंगारे पर गिरकर जल जाने की आशंका करती है।
(ङ) बादलों से निकलकर बूँद किस पर चू पड़ने से डरती है?
उत्तर:
बादलों से निकलकर बूँद कमल पर चू पड़ने से डरती है।
(च) घर छोड़ने पर लोगों की मनोदशा कैसी होती है ?
उत्तर:
घर छोड़ने पर लोग झिझकते हैं ।
3. सही विकल्प चुनकर उत्तर लिखिए ।
(क) बूँद कहाँ से निकलीं ?
(i) आसमान से
(ii) बादलों
(iii) सागर से
(iii) पानी
उत्तर:
(ii) बादलों
(ख) बूँद किस पर गिरकर जलने की बात कहती है ?
(i) कमल
(ii) अँगारे
(iii) धूल
(iv) पानी
उत्तर:
(ii) अँगारे
(ग) आगे बढ़ते हुए बूँद कैसा अनुभव कर रही थी?
(i) आनंद
(ii) दुःख
(iii) पच्छतावा
(iv) निराश
उत्तर:
(iii) पच्छतावा
(घ) बूँद किसमें चू पड़ना चाहती है ?
(i) कमल में
(ii) पानी में
(iii) पेड़ में
(iv) पत्तों में
उत्तर:
(i) कमल में
(ङ) घर छोड़नर पड़े तो क्या होगा?
(i) मरना होगा
(ii) कुछ और होगा
(iii) चलना होगा
(iv) डरना होगा
उत्तर:
(ii) कुछ और होगा
भाषा कार्य
1. शून्य स्थान’भरिए ।
(क) ……………….. निकलकर ……………….. की गोद से।
उत्तर: ज्यों, बादलों
(ख) ……………….. मेरे भाग्य में है क्या ………………..
उत्तर: दैव, बदा
(ग) मैं ……………….. या मिलूँगी ……………….. में
उत्तर: बचूँगी, धूल
(घ) ……………….. पडूँगी या ……………….. के फूल में ।
उत्तर: चू, कमल
(ङ) एक सुन्दर ……………….. का था मुँह ………………..
उत्तर: सीप, खुला
(च) लोग ……………….. ही हैं ……………….. सोचते ।
उत्तर: यों, झिझकते
(छ) बूँद ……………….. कुछ और ही ……………….. है कर ।
उत्तर: लौ, देता
2. ऐसे शब्दों को कविता से ढूँछकर लिखिए। जैसे –
- बढ़ी – कढ़ी
- ज्यों – क्यों
- बचूँगी – जलूँगी
- धूल – फूल
- मोती बनी – अनमनी
- घर – कर
- जलूँगी – पडूँगी
3. इन शब्दों के अर्थ लिखिए।
कढ़ी, दैव, बदा, लौं, ज्यों, चू पड़ना ।
उत्तर:
- कढ़ी – निकली
- दैव – विधाता
- बदा – लिखा
- लौं – तरह
- ज्यों – जब
- चू पड़ना – टपकना
4. निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए । बादल, कमल, समुंदर, घर, भाग्य, दैव
उत्तर:
- बादल – मेघ
- कमल – पंकज
- समुंदर – सागर
- घर – मकान
- भाग्य – नसीब
- दैव – विधाता
आपके लिए काम :
(क) ‘एक बूँद’ कविता को कक्षा में पढ़कर सुनाइए ।
(ख) इस प्रकार की कोई अन्य कविता छाँटिए और उसे कक्षा में पढ़कर सुनाइए ।
परीक्षोपयोगी अतिरिक्त प्रश्नोत्तर
एक-एक वाक्य में उत्तर दीजिए :
प्रश्न 1.
बूँद कहाँ से निकली ?
उत्तर:
बूँद बादलों की गोद से निकली ।
प्रश्न 2.
बूँद ने बादलों की गोद से निकलकर क्या किया ?
उत्तर:
बूँद बादलों की गोद से निकलकर आगे बढ़ी ।
प्रश्न 3.
बूँद जी में क्या सोचने लगी ?
उत्तर:
बूँद जी में सोचने लगी कि मैं क्यों घर छोड़कर आई।
प्रश्न 4.
बूँद किसे याद करके डर जाती है ?
उत्तर:
बूँद अपने भाग्य की याद करके डर जाती है ।
प्रश्न 5.
अगर वह बच नहीं सकेगी, तो उसे किसमें मिल जाने का डर है ?
उत्तर:
अगर वह बच नहीं सकेगी, तो उसे धूल में मिल जाने का डर है ।
प्रश्न 6.
बूँद को किसमें गिर जाने का डर है ?
उत्तर:
बूँद को किसी अंगारे पर गिरकर जल जाने का डर है।
प्रश्न 7.
बूँद को किसमें चू. पड़ने का डर है ?
उत्तर:
बूँद को कमल के फूल में चू पड़ने का डर है ।
प्रश्न 8.
बूँद जब सोच में पड़ गई थी, उस समय क्या हुआ ?
उत्तर:
बूँद जब सोच में पड़ गई थी, उस समय एक हवा बह गई ।
प्रश्न 9.
बूँद अनमनी कहाँ चली गई ?
उत्तर:
बूँद अंनमनी समुद्र की ओर चली गई।
प्रश्न 10.
बूँद समुद्र की ओर किसके साथ गई ?
उत्तर:
बूँद समुद्र की ओर हवा के साथ गई।
प्रश्न 11.
हवा के बहाव में बूँद किस ओर गई ?
उत्तर:
हवा के बहाव में बूँद समुद्र की ओर गई ।
प्रश्न 12.
बूँद कहाँ गिरी?
उत्तर:
समुद्र में एक सीप का मुँह खुला था और बूँद उसी में जा गिरी।
प्रश्न 13.
बूँद सीप में पड़ने से क्या हुआ ?
उत्तर:
बूँद सीप में पड़ने से मोती बन गई।
प्रश्न 14.
लोग क्यों झिझकते हैं ?
उत्तर:
जब उनको घर छोड़ना पड़ता है, तब लोग झिझकते हैं।
प्रश्न 15.
घर छोड़ते समय लोगों की मनोदशा कैसी होती है ?
उत्तर:
घर छोड़ते समय लोग झिझकते हैं ।
प्रश्न 16.
लोग बूँद की तरह कब बन जाते हैं ?
उत्तर:
लोग जब घर छोड़ते हैं, तब बूँद की तरह बन जाते हैं।
प्रश्न 17.
बूँद की तरह बनने के लिए लोगों को क्या करना पड़ता है ?
उत्तर:
बूँद की तरह बनने के लिए लोगों को घर छोड़ना पड़ता है ।
प्रश्न 18.
लोग घर छोड़ने पर क्या बन जाते हैं ?
उत्तर:
लोग घर छोड़ने पर कुछ और ही बन जाते
प्रश्न 19.
इस कविता में घर छोंड़ने का अर्थ क्या है ?
उत्तर:
इस कविता में घर छोड़ने का अर्थ है – जोखिम उठाना।
प्रश्न 20.
बूँद की तरह कुछ और बन जाना – का अर्थ क्या है ?
उत्तर:
जिस प्रकार जोखिम उठाने से बूँद समुद्र की ओर आकर सीप के भीतर गिरी और मोती बन गई, उसी प्रकार मनुष्य जोखिम उठनो से महान बन सकता है ।
प्रश्न 21.
‘एक बूँद’ कविता के कवि कौन हैं ?
उत्तर:
‘एक बूँद’ कविता के कवि अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔौ’ हैं।
प्रश्न 22.
इस कविता से क्या शिक्षा मिलती है ?
उत्तर:
इस कविता से यह शिक्षा मिलती है कि मनुष्य को मन से डर छोड़कर जोखिम उठाने का साहस करना चाहिए, इससे वह उन्नति के शिखर पर पहुँच सकता है ।
एक या दो शब्द में उत्तर दीजिए
प्रश्न 1.
बूँद किसकी गोद से निकली ?
उत्तर:
बादलों की
प्रश्न 2.
किसको घर छोड़ने का दु: ख हुआ ?
उत्तर:
बूँद को
प्रश्न 3.
बूँद को कहाँ मिल जाने का डर है ?
उत्तर:
धूल में
प्रश्न 4.
बूँद को कहाँ जल जाने का डर है ?
उत्तर:
अँगारे पर
प्रश्न 5.
बूँद को कहाँ चू पड़ने का डर है ?
उत्तर:
कमल के फूल में
प्रश्न 6.
बूँद किसके साथ समुंदर में आई ?
उत्तर:
हवा के साथ
प्रश्न 7.
कौन मोती बन गई ?
उत्तर:
बूँद
प्रश्न 8.
घर छोड़ते समय लोग क्या करते हैं ?
उत्तर:
झिझकते हैं।
प्रश्न 9.
लोगों के घर छोड़ने का अर्थ क्या है ?
उत्तर:
कुछ काम करना
प्रश्न 10.
‘घर छोड़ना’ लोगों को कुछ और ही बना देता है। इसका अर्थ क्या है ?
उत्तर:
सफल बना देता है
पंक्तियों के अर्थ एक-दो वाक्यों में समझाइए:
प्रश्न 1.
ज्यों निकलकर बादलों की गोद से,
अभी एक बूँद कुछ आगे बढ़ी । थी
उत्तर:
अभी एक बूँद ज्यों ही बादलों की गोद से निकलकर कुछ आगे बढ़ी ।
प्रश्न 2.
सोचने फिर-फिर यही जी में लगी,
आह ! क्यों घर छोड़कर मैं यों कढ़ी ।
उत्तर:
(बूँद) बार-बार यही मन में सोचने लगी आह ! मैं क्यों घर छोड़कर यों निकल पड़ी ।
प्रश्न 3.
दैव, मेरे भाग्य में है क्या बदा,
मैं बचूँगी या मिलूँगी धूल में ।
उत्तर:
बूँद चिंतित होकर सोचती है कि हाय विधाता ! मेरे भाग्य में क्या लिखा है । मैं बच जाऊँगी या धूल में मिल जाऊँगी ।
प्रश्न 4.
या जलूँगी गिर अंगारे पर किसी
चू पहूँगी या कमल के फूल में ।
उत्तर:
बूँद सोचती है कि मैं किसी जलते हुए कोयले पर गिरकर जल जाऊँगी या कमल के फूल में टपक पडूंगी ।
प्रश्न 5.
बह गई उस काल एक ऐसी हवा,
वह समुंदर ओर आई अनमनी ।
उत्तर:
उसी समय एक ऐसी हवा वह गई जो समुद्र की ओर बह रही थी । बूँद अनमनी होकर उसके साथ बहकर समुद्र में आ गई।
प्रश्न 6.
एक सुन्दर सीपका था मुँह खुला
वह उसी में जा पड़ी, मोती बनी ।
उत्तर:
उसी समय वह समुद्र में एक सुंदर सीप के भीतर गिरी और मोती बन गई ।
प्रश्न 7.
लोग यों ही हैं झिझकते सोचते,
जबकि उनको छोड़ना पड़ता है घर ।
उत्तर:
लोगों को जब घर छोड़ना पड़ता है अर्थात् जोखिम भरा काम करना पड़ता है। उस समय ऐसे ही वे क्या न करें, इस दुविधा में पड़ जाते हैं, सोचते हैं।
प्रश्न 8.
किन्तु घर का छोड़ना अकसर उन्हें,
बूँद कुछ और ही देता है कर ।
उत्तर:
किन्तु लोग जब घर छोड़ देते हैं, अर्थात् जोखिम भरा काम करते हैं, तब प्राय: वे बूँद की तरह कुछ साहस ही उन्हें अच्छा बना देता है, सफलता दिलाती है।
शून्यस्थान की पूर्ति कीजिए :
1. ज्यों निकलकर _______ की गोद से,
थी अभी एक _______ कूछ आगे बढ़ी ।
उत्तर: बादलों, बूँद
2. सोचने फिर-फिर यही ______ में लगी ।
उत्तर: जी
3. आह ! क्यों _____ छोड़कर मैं यों कढ़ी ।
उत्तर: घर
4. दैव मेरे भाग्य में क्या है_____|
मैं बचूँगी या मिलूँगी _____ में
उत्तर: बदा, धूल
5. या जलूँगी गिर _____ पर किसी
चूँ पहूँगी या _____ के फूल में ।
उत्तर: अंगारे, कमल
6._____गई उस काल एक ऐसी हवा
वह _______ओर आई अनमनी ।
उत्तर: बह, समुंदर
7. एक सुंदर _______ का था मुँह खुला ।
उत्तर: सीप
8. वह उसी में जा पड़ी, _____ बनी ।
उत्तर: मोती
9. लोग ही हैं _____ सोचते ।
उत्तर: झिझकते
10. जबकि उनको छोड़ना पड़ता है
उत्तर: घर
11. किन्तु _____ का छोड़ना अकसर उन्हें _____ कुछ और ही देता है कर
उत्तर: घर, बूँद
उपयुक्त शब्द ले कर खाली जगह भरिए :
1. बूँद बादलों ____ गोद से निकली। (का, के, की)
उत्तर: की
2. मेरे भाग्य ____ क्या बदा है ? (का, पर, में)
उत्तर: में
3. मैं बचूँगी या धूल ____ मिलूँगी। (ने, में, को)
उत्तर: में
4. मैं किसी अंगारे ____ गिर जाऊँगी। (में, पर, से)
उत्तर: पर
5. सीप ___ मुँह खुला था। (का, के, की)
उत्तर: का
6. वह उसी ____ जा पड़ी। (से, को, में)
उत्तर: में
7. उन ___ घर छोड़ना पड़ता है। (को, में, की)
उत्तर: को
8. घर ____ छोड़ना उन्हें बूँद लौं कर देता है। (का, के, की)
उत्तर: का
सही उत्तर चुनिए :
प्रश्न 1.
बूँद किसकी गोद से निकली ?
(A) बिजली की
(B) सागर की
(C) बादलों की
(D) सूरज की
उत्तर:
(C) बादलों की
प्रश्न 2.
बादलों की गोद से निकलते समय बूँद के मन में क्या था ?
(A) उत्साह’
(B) साहस
(C) आशा
(D) आशंका
उत्तर:
(D) आशंका
प्रश्न 3.
कौन – सा काम बूँद को पहले ठीक नहीं लगा ?
(A) घर छोड़ना
(B) बादलों में बैठना
(C) बादल में उड़ना
(D) डर छोड़ना
उत्तर:
(A) घर छोड़ना
प्रश्न 4.
घर छोड़कर बूँद किसे पुकारता है ?
(A) धरती को
(B) बादल को
(C) समुद्र को
(D) दैवको
उत्तर:
(D) दैवको
प्रश्न 5.
बूँद को किस बात का डर है ?
(A) धक्का खाने का
(B) बचने का
(C) न लौट सकने का
(D) उड़ जाने का
उत्तर:
(B) बचने का
प्रश्न 6.
बूँद को अँगारे से क्या डर था ?
(A) उस पर धूप पड़ने का
(B) उससे मिल जाने का
(C) उस पर गिरकर जल जाने का
(D) उसकी आँच का
उत्तर:
(C) उस पर गिरकर जल जाने का
प्रश्न 7.
मेरे भाग्य में क्या बदा है यह किसने कहा ?
(A) बादल
(B) बूँद
(C) सागर
(D) बिजली
उत्तर:
(B) बूँद
प्रश्न 8.
बूँद को कहाँ मिल जाने का डर था ?
(A) धूल में
(B) बादलों में
(C) अंगारे में
(D) कमल में
उत्तर:
(A) धूल में
प्रश्न 9.
बूँद क्या चाहती थी ?
(A) बचना
(B) धूल में मिलना
(D) अँगारे पर जलना
(C) कमल में चू पड़ना
उत्तर:
(A) बचना
प्रश्न 10.
कमल की बात सोचकर बूँद क्यों डरती थी ?
(A) उसमें धक्का खाने से
(B) उसमें बंद हो जाने से
(C) उसमें मिल जाने से
(D) उसमें चू पड़ने से
उत्तर:
(D) उसमें चू पड़ने से
प्रश्न 11.
बूँद जब बादलों से निकल गई, तब क्या हुआ ?
(A) हवा समुद्र से आई
(B) एक आँधी आई
(C) हवा ऊपर उठी
(D) एक हवा बही
उत्तर:
(D) एक हवा बही
प्रश्न 12.
बूँद हवा के साथ कहाँ आई ?
(A) समुद्र में
(B) खुशी से सागर की ओर
(C) बादल में
(D) अनमना होकर सीप में
उत्तर:
(A) समुद्र में
प्रश्न 13.
बूँद के समुद्र की ओर आने के समय उसके मन में क्या भाव था ?
(A) अनमनापन
(B) साहस
(C) हिचकिचाहट
(D) डर
उत्तर:
(A) अनमनापन
प्रश्न 14.
बूँद कहाँ गिर पड़ी ?
(A) समुद्र में
(B) पहाड़ पर
(C) कमल पर
(D) सीप में
उत्तर:
(D) सीप में
प्रश्न 15.
बूँद गिर पड़ते समय किसका मुँह खुला था ?
(A) सफेद सी पका
(B) बड़ी सी सीप का
(C) एक मछली का
(D) सुंदर सीप का
उत्तर:
(D) सुंदर सीप का
प्रश्न 16.
बूँद कहाँ मोती बनी ?
(A) सीप में
(B) समुद्र में
(C) कमल में
(D) बादल में
उत्तर:
(A) सीप में
प्रश्न 17.
घर छोड़ने के समय लोग प्राय: क्या करते हैं ?
(A) खुश होते हैं
(B) लक्ष्य की और दौड़ते हैं
(C) चल पड़ते हैं
(D) झिझकते हैं
उत्तर:
(D) झिझकते हैं
प्रश्न 18.
एक बूँद कविता में घर छोड़ने का अर्थ क्या हैं ?
(A) घर खाली करना
(B) घर में जी न लगना
(C) कोई काम शुरू करना
(D) काम पूरा करदेना
उत्तर:
(C) कोई काम शुरू करना
प्रश्न 19.
घर न छोड़ने बालों के मन में क्या रहता है ?
(A) काम करने से डर
(B) निश्चिंत भाव
(C) सफल होने का डर
(D) साहस
उत्तर:
(A) काम करने से डर
प्रश्न 20.
बूँद को अंत में क्या मिलता है ?
(A) एक बड़ी सफलता
(B) बड़ी आशंका
(C) विफलता
(D) थोड़ा-सा संतोष
उत्तर:
(A) एक बड़ी सफलता
प्रश्न 21.
बूँद कैसे मोती बन सकी ?
(A) जोखिम उठाकर काम करने से
(B) डरते हुए काम करने से
(C) हवा का साथ देने से
(D) सीप का मुँह बंद रहने से
उत्तर:
(A) जोखिम उठाकर काम करने से
प्रश्न 22.
एक बूँद पाठ से कौन-सी सीख मिलती है ?
(A) जोखिम उठाकर काम करो
(B) आलस छोड़ दो
(C) आसान काम पहले करो
(D) सोच-समझकर कठिन काम करो
उत्तर:
(A) जोखिम उठाकर काम करो
प्रश्न 23.
मोती कहाँ बनता है ?
(A) सीप में
(B) बूँद में
(C) बादल में
(D) समुद्र में
उत्तर:
(A) सीप में
प्रश्न 24.
सीप में मोती कैसे बनता है ?
(A) उसमें बूँद गिरने से
(B) अपना मुँह बंद रखने से
(C) मुँह खुला रखने से
(D) समुद्र में हवा बहने से
उत्तर:
(A) उसमें बूँद गिरने से
प्रश्न 25.
बूँद कहाँ से निकली ?
(A) आसमान से
(B) सागर से
(C) बादल से
(D) पानी से
उत्तर:
(C) बादल से
प्रश्न 26.
बूँद को दुख हुआ:
(A) गिर पड़ने से
(B) मोती बनने से
(C) घर छोड़ने से
(D) सूख जाने से
उत्तर:
(C) घर छोड़ने से
प्रश्न 27.
बूँद को कहाँ चू पड़ने का डर है ?
(A) धूल में
(C) अंगार पर
(B) आग में
(D) फूल में
उत्तर:
(D) फूल में
प्रश्न 28.
बूँद किसके साथ चल पड़ी ?
(A) हवा के
(B) समुंदर के
(C) सिप के साथ
(D) अकेली
उत्तर:
(A) हवा के
प्रश्न 29.
बूँद कहाँ गिर पड़ी ?
(A) समुंदर में.
(B) सीप में
(C) जमीन पर
(D) मोती में
उत्तर:
(B) सीप में
प्रश्न 30.
लोग कब झिझकते हैं ?
(A) सफलता पाने पर
(B) विफल होने पर
(C) घर छोड़ते समय
(D) कठिनाई होने पर
उत्तर:
(C) घर छोड़ते समय
प्रश्न 31.
कौन मोती बन गई ?
(A) बूँद
(B) पानी
(C) सीप का मुँह
(D) सीप
उत्तर:
(A) बूँद
प्रश्न 32.
बूँद को समुद्र को कौन ले गयी ?
(A) बिजली
(B) पानी
(C) हवा
(D) बादल
उत्तर:
(C) हवा
प्रश्न 33.
‘बूँद की तरह और कुछ बन जाना इसका अर्थ क्या है ?
(A) मिट जाना
(B) जोखिम उठाना
(C) सफल हो जाना
(D) अनमना होना
उत्तर:
(C) सफल हो जाना
‘क’ स्तम्भ के पदों के साथ ‘ख’ स्तम्भ के पदों का मिलान
‘क’ स्तम्भ
1. सोचने फिर-फिर यही जी में लगी
2.या जलूँगी गिर अंगारे पर किसी हवा
3. बह गई उसका एक ऐसी
4. एक सुंदर सीपका या मुँह खुला
5. किन्तु घर का छोड़ना अकसर उन्हें
‘ख’ स्तम्भ
वह उसी में जा पड़ी, मोती बनी
बूँद कुछ और ही देता है कर
चूँ पहूँगी या कमल के फूल में
वह समुंदर ओर आई अनमनी
आहा ! क्यों घर छोड़कर मैं यों कढ़ी
उत्तर:
‘क’ स्तम्भ
1. सोचने फिर-फिर यही जी में लगी
2.या लूँगी गिर अंगारे पर किसी हवा
3. बह गई उस काल एक ऐसी
4.एक सुंदर सीप का या मुँह खुला
5.किन्तु घर का छोड़ना अकसर उन्हें
‘ख’ स्तम्भ
आहा ! क्यों घर छोड़कर मैं यों कढ़ी
चूँगी या कमल के फूल में.
वह समुंदर ओर आई अनमनी
वह उसी में जा पड़ी, मोती बनी
बूँद लौं कुछ और ही देता है कर
३० शब्दों / दो-तीन वाक्यों में उत्तर दीजिए :
प्रश्न 1.
बादलों की गोद से निकलकर, बूँद क्या सोचने लगी ? or, बूँद क्यों पछता रही है ?
उत्तर:
वह बादलों की गोद छोड़कर बाहर निकली तो उसे – डर लगा । वह पछताई कि मैं क्यों घर छोड़कर बाहर चली आई । अब उसमें जीवन में कुछ काम करने या संघर्ष करने की चाह नहीं है ।
प्रश्न 2.
बूँद को किस-किस बात का डर है ?
उत्तर:
बूँद बादलों की गोद से निकलकर डरती है कि. सोचती है कि मेरे भाग्य में क्या लिखा है ? मैं बच सकूँगी या नहीं ? क्या मैं धूल में मिल जाऊँगी या अंगारे पर जल जाऊँगी या किसी कमल के फूल में चू- पहूँगी ?
प्रश्न 3.
हवा के कारण बूँद किस ओर पहुँची ?
उत्तर:
बूँद जब घर से निकल पड़ती है, उस समय तरह- तरह की चिंताऐं उसे घेर जाती हैं । उसी समय एक हवा समुद्र की ओर बहने लगी । बूँद कुछ करने की चाह में उसी हवा के साथ समुद्र में जा पहुँची।
प्रश्न 4.
बूँद कैसे मोती बन गई ?
उत्तर:
बूँद हवा के साथ समुद्र की ओर चल पड़ी । उस समय समुद्र में एक सीप का मुँह खुला था । बूँद उसी में गिर पड़ी और अंत में मोती बन गई ।
प्रश्न 5.
बूँद से लोगों को क्या सीखना चाहिए ? or लोगों को घर छोड़ने में झिझक क्यों होती है ?
उत्तर:
बूँद ने काम करने और संघर्ष करने का जोखिम उठाया, तो वह मोती बन गई। लोग भी पहले कुछ काम करने को झिझकते हैं सोच में पड़ जाते हैं । जब वे डर छोड़कर साहसपूर्वक कोई काम करते हैं तो अंत में उन्हें बूँद की तरह बड़ी सफलता मिलती है ।
कवि परिचय :
अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ का जन्म १५ अप्रैल १८६५ ई. को हुआ था । वे १९२४ से १९४१ तक काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में अध्यापना करते रहे । उन्होंने सर्वप्रथम खड़ीबोली में बाल-साहित्य की रचना की । उन्होंने मुहावरेदार भाषा में खड़ीबोली कविता लिखना शुरू किया था ।
७ र्माच १ ९ ४७ को उनका निधन हो गया । उनकी काव्य रचनाएँ – मिय प्रवास, वैदेही वनवास, रसकलश, चोखे चौपदे, पद्य प्रमोद आदि ।
कविता का भावबोध :
जीवन-पथ पर आगे बढ़ते रहना जरूरी है । भविष्य में क्या होगा, कहा नहीं जा सकता । मन में यह विश्वास रखना चाहिए कि जो होगा, अच्छा ही होगा । बूँद जब मेघ-घर से निकलती है, उसके मन में तरह-तरह की आशंकाएँ उत्पन्न होती हैं । पर वह हवा के झोंके में जाकर समुद्र के सीप के मुँह में पड़कर मोती बन जाती है । लोग डर के मारे घर-ब्बोड़ना या कोई काम करना नहीं चाहते । उन्हें जोखिम उठाना चाहिए, तब उनको सफलता मिलेगी ।
सप्रसंग व्याख्या
ज्यों निकलकर बादलों की गोद से,
थी अभी एक बूँद कुछ आगे बढ़ी,
सोचने फिर-फिर यही जी में लगी,
आह! क्यों घर छोड़कर में यों कठ़ी !
शब्दार्थ
- गोद- क्रोड़ । जी – मन
- कढ़ना – निकलना ।
- बाहर आना
व्याख्या
एक बूँद बादलों की गोद में अब तक थी । अब बादलों की गोद से निकलकर कुछ आगे बढ़ी 1 वह मन में बार-बार यही सोचने लगी कि मैं क्यों घर छोड़कर बाहर निकली ?
दैव, मेरे भाग्य में है क्या बदा,
मैं बचूँगी या मिलूँगी धूल में,
या जलूँगी गिर अँगारे पर किसी
चू पडूँगी या कमल के फूल में ।
शब्दार्थ(हाळार्थ)
- दैव-विधाता
- बदा-लिखा
- बचना-रक्षित रहना
- धूल में मिलना-नष्ट होना
- अंगारा-जलता हुआ कोयला
- चू पड़ना-टपकना,बूँद-बूँद गिरना
- कमल-पया
व्याख्या
हे विधाता !मेरे भाग्य में क्या लिखा है,मैं बच जाऊँगी या नष्ट हो जाऊँगी ?मैं किसी जलती लकड़ी पर गिरकर जलूँगी या किसी कमल के फूल में चू पडूँगी । इस प्रकार बूँद के मन में तरह-तरह की आशंकाएँ उत्पन्न होती हैं ।
बह गई उस काल एक ऐसी हवा,
वह समुंदर ओर आई अनमनी,
एक सुंदर सीप का था मुँह खुला,
वह उसी में जा पड़ी,मोती बनी ।
शब्दार्थ (काथर्थ)
- समुंदर- सागर
- अनमनी – (अन्यमनस्क)
- सीप-सीपी
- मन कहीं और होना
व्याख्या
उस समय एक हवा बही । वह बूँद अनमनी होकर सागर की ओर चली आई । सागर में एक सुंदर सीप का मुँह खुला था । वह बूँद उसी में गिरी और मोती बन गई ।
लोग यों ही हैं झझकते सोचते,
जबकि उनको छोड़ना पड़ता है घर,
किंतु घर का छोड़ना अकसर उन्हें,
बूँद लौं कुछ और ही देता है कर ।
शब्दार्थ (कार्थर्)
- योंही-ऐसे ही
- झिझकना- दुबिधा में पड़ना ।
- आगा-पीछा करना
व्याख्या
जब कुछ लोगों को घर ब्रोड़ना पड़ता है यों ही वे क्या करें, क्या न करें, इस दुबिधा में पड़ जाते हैं । लेकिन यह घर छोड़ना ही उन्हें बूँद की तरह और कुछ बना देता है । उनको बड़ी सफलता मिल जाती है ।
कविता का सारांश
‘अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ ने ‘एक बूँद कविता में मनुष्य को कर्म-प्रेरणा दी है । बहुत से लोग अपनी स्थिति में संतुष्ट होकर रहते हैं । वे कोई नया काम शुरू करना नहीं चाहते । उनको तरह-तरह की आशंकाएँ सताती हैं । जोखिम न उठानेवाले ऐसे लोग जीवन में सफलता के शिखर पर पहुँच नहीं पाते । कवि ने एक बूँद का उदाहरण देकर ऐसे लोगों को कर्म-तत्पर होने और परिस्थिति का सामना करने की प्रेरणा देते हैं ।
बादल बूँद का घर है । एक बूँद बादलों की गोद में बैठी थी। वह अपनी स्थिति में संतुष्ट थी। एक बार वह बादलों से बाहर निकलकर आगे बढ़ने लगी । उस समय वह बार-बार मन में सोचने लगो कि मैं क्यों घर छोड़कर बाहर आई ?
उसके मन में तरह-तरह की आशंकाएँ उत्पन्न हुईं । उसने सोचा कि मैं बच जाऊँगी या नष्ट हो जाऊँगी ? अँगारे पर गिरकर जल जाऊँगी या कमल के फूल में चू पडूँगी ? उसी समय हवा बहने लगी । वह अनमनी होकेर समुद्र की ओर चल पड़ी । समुद्र में एक सुंदर सीप का मुँह खुला था । वह बूँद जाकर उसमें गिरी और मोती बन गई ।(कवि कल्पना है कि स्वाती नक्षत्र में वर्षा की बूँद सीप में गिरने से मोती बन जाती है ।)
वैसे अनेक लोगहैं, जो घर ब्रोड़ने यानी नया काम करने कों झिझकते हैं । उनमें बाधाओं से जुझने का साहस नहीं होता । लेकिन काम शुरू कर देने का साहस अक्सर उनको सीप की तरह बना देता है, यानी उसको एक बड़ी सफलता मिल जाती है । कवि का कहना है कि अनिश्चित आशंका से दुबिधा में पड़ने की अपेक्षा साहस करके जोखिम भरे काम में लग जाना चाहिए, अंत में सफलता निश्चित रूप से मिलेगी ।
ସାରାଂଶ
ଅଯୋଧ୍ୟା ସିଂହ ଉପାଧ୍ୟାୟ ‘ହରିଔଧ’ ‘ଏକ ବୃଦ’ କବିତାରେ ମନୁଷ୍ୟକୁ କର୍ମ-ପ୍ରେରଣା ଦେଇଛନ୍ତି । ଅନେକ ଲୋକ ନିଜ ସ୍ଥିତିରେ ସନ୍ତୁଷ୍ଟ ହୋଇ ରହିଯାଆନ୍ତି । ସେମାନେ କୌଣସି ନୂଆ କାମ ଆରମ୍ଭ କରିବାକୁ ଚାହାଁନ୍ତି ନାହିଁ । ତାଙ୍କ ମନରେ ବିଭିନ୍ନ ପ୍ରକାରର ଆଶଙ୍କା ସୃଷ୍ଟି ହୁଏ । ବିପଦର ଆଶଙ୍କାରେ କୌଣସି କାମ ଆରମ୍ଭ କରୁ ନ ଥିବା ଲୋକଙ୍କୁ ଜୀବନରେ ସଫଳତା ମିଳିପାରେ ନାହିଁ । କବି ଗୋଟିଏ ଜଳଟୋପାର ଉଦାହରଣ ଦେଇ ଏଭଳି ଲୋକଙ୍କୁ କର୍ମତତ୍ପର ହେବା ଓ ପରିସ୍ଥିତିର ସମ୍ମୁଖୀନ ହେବାକୁ ପ୍ରେରଣା ଦେଇଛନ୍ତି ।
ଜଳଟୋପାର ଘର ବଉଦରେ । ଗୋଟିଏ ଜଳଟୋପା ବଉଦ କୋଳରେ ବସିଥିଲା । ସେ ତା’ ସ୍ଥିତିରେ ସନ୍ତୁଷ୍ଟ ଥିଲା । ଥରେ ସେ ବଉଦ ଭିତରୁ ବାହାରକୁ ବାହାରି ଆଗକୁ ବଢ଼ିଲା । ସେତେବେଳେ ସେ ମନରେ ବାରମ୍ବାର ଭାବିବାକୁ ଲାଗିଲା ଯେ ମୁଁ କାହିଁକି ଘର ଛାଡ଼ି ବାହାରକୁ ଆସିଲି । ତା’ ମନରେ ବିଭିନ୍ନ ପ୍ରକାରର ଆଶଙ୍କା ଜନ୍ମ ହେଲା । ସେ ଭାବିଲା ମୁଁ ବଞ୍ଚିଯିବି କି ନଷ୍ଟ ହୋଇଯିବି । ଜଳନ୍ତା କାଠ ଉପରେ ପଡ଼ି ଜଳିଯିବି ନା ପଦ୍ମଫୁଲ ଭିତରେ ଖସି ପଡ଼ିବି ।
ସେତିକିବେଳେ ପବନ ବହିଲା । ସେ ଅନ୍ୟମନସ୍କ ଭାବରେ ସମୁଦ୍ର ଆଡ଼କୁ ଚାଲିଲା । ସମୁଦ୍ରରେ ଗୋଟିଏ ସୁନ୍ଦର ଶାମୁକାର୍ ମୁହଁ ଖୋଲା ଥିଲା । ଜଳଟୋପାଟି ଯାଇ ତା’ରି ଭିତରେ ପଡ଼ିଲା ଓ ମୋତିରେ ପରିଣତ ହୋଇଗଲା । (କବି-କଳ୍ପନା ଅନୁସାରେ ସ୍ଵାତୀ ନକ୍ଷତ୍ରରେ ବର୍ଷା ଜଳବିନ୍ଦୁ ଶାମୁକା ଗର୍ଭରେ ପଡ଼ିଲେ ତାହା ମୋତିରେ ପରିଣତ ହୋଇଯାଏ ।)ସେହିଭଳି ଅନେକ ଲୋକ ଅଛନ୍ତି, ଯେଉଁମାନେ ଘର ଛାଡ଼ିବାକୁ ଅର୍ଥାତ୍ ନୂଆ କାମଟିଏ କରିବାକୁ ବିଧା ପ୍ରକାଶ କରନ୍ତି । ସେମାନଙ୍କ ଭିତରେ ବାଧା ବିଘ୍ନ ସହିତ ସଂଘର୍ଷ କରିବା ପାଇଁ ସାହସ · ନଥାଏ । କିନ୍ତୁ ଅନେକ ସମୟରେ କାମ ଆରମ୍ଭ କରିଦେବାର ସାହସ ସେମାନଙ୍କୁ ଶାମୁକା ଭଳି କରିଦିଏ ଅର୍ଥାତ୍ ସେମାନଙ୍କୁ ଏକ ବଡ଼ ଧରଣର ସଫଳତା ମିଳିଯାଏ ।କବିଙ୍କର କହିବାର ଉଦ୍ଦେଶ୍ୟ ହେଉଛି – ଅନିଶ୍ଚିତ ଆଶଙ୍କାରେ ଦ୍ଵିଧାଗ୍ରସ୍ତ ହେବା ଅପେକ୍ଷା ସାହସ କରି ବିପଦପୂର୍ଣ୍ଣ କାର୍ଯ୍ୟରେ ଲାଗିଯିବା ଉଚିତ । ତେବେ ଶେଷରେ ନିଶ୍ଚିତ ଭାବରେ ସଫଳତା ମିଳିବ ।