BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 3 राहुल जननी

Odisha State Board  BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 3 राहुल जननी Textbook Exercise Questions and Answers.

BSE Odisha Class 9 Hindi Solutions Poem 3 राहुल जननी

प्रश्न और अभ्यास (ପ୍ରଶ୍ନ ଔର୍ ଅଭ୍ୟାସ)

1. इन प्रश्नों के उत्तर दो-तीन वाक्यों में दीजिए :
(ଇନ୍ ପ୍ରକ୍ଷ୍ନୌ କେ ଉତ୍ତର୍ ଦୋ-ତୀନ୍ ବାକେଁ ମେଁ ଦୀଜିଏ) ।
(ଏହି ପ୍ରଶ୍ନଗୁଡ଼ିକର ଉତ୍ତର ଦୁଇ-ତିନୋଟି ବାକ୍ୟରେ ଦିଅ ।)

(क) राहुल को चुप कराने के लिए यशोधरा क्या कहती है?
(ରାହୁଲ୍ କୋ ଚୁପ୍ କରାନେ କେ ଲିଏ ୟଶୋଧରା କ୍ୟା କହତୀ ହି ? (ରାହୁଳକୁ ବୋଧ କରିବାପାଇଁ ଯଶେ।ଧରା କପ୍ କିଶ କହିଛନ୍ତି।)
उत्तर:
राहुल को चुप कराने के लिए यशोधरा यह कहती है कि मेरे भाग्य में रोना तो लिखा है। तेरे सारे कष्ट मिटाऊँगी। हमारे जीवन में जो कुछ आएगा, उसे सहना पड़ेगा। मैं तुझे अपना दूध पिलाकर और सारी स्नेह – ममता देकर पालूँगी।

(ख) अबला (दुर्बला नारी) जीवन की कहानी कैसी है?
(ଅୱଲା ଜୀବନ୍ କୀ କାହାନୀ କୈସୀ ହୈ ? (ଦୁର୍ବଳ ସ୍ତ୍ରୀର ଜୀବନର କାହାଣୀ କିପରି ଅଟେ ?)
उत्तर:
अबला जीवन की कहानी हृदय विदारक है। यशोधरा अपने आपको दासी से भी पराधीन मानती है। पतिदेव के बिना पत्नी का जीवन अधुरा होता है। उसे सास्वत प्रेम से बंचित होना पड़ता है।

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2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में दीजिए।
(ନିମ୍ନଲିଖୂ ପ୍ରଶ୍ନ କେ ଉତ୍ତର୍ ଏକ୍ ୟା ଦୋ ବାର୍କେ ମେଁ ଦୀଜିଏ) ।
(ନିମ୍ନଲିଖ ପ୍ରଶ୍ନଗୁଡ଼ିକର ଉତ୍ତର ଗୋଟିଏ ବା ଦୁଇଟି ବାକ୍ୟରେ ଦିଅ ।)

(क) यशोधरा किसे अभागा कहती है?
ୟଶୋଧରା କିସେ ଅଭାଗା କହତୀ ହୈ ? (ଯଶୋଧରା କାହାକୁ ହତଭାଗ୍ୟ କହିଛନ୍ତି ?)
उत्तर:
यशोधरा अपनी पुत्र राहुल को अभागा कहती है।

(ख) ‘मैं तो हूँ रोने को’ यहाँ ‘मैं’ किसकेलिए प्रयुक्त हुआ है?
(ମେଁ ତୋ ହ୍ଁ ରୋଲେ କୋ ୟହାଁ ମେଁ କିସ୍କେ ଲିଏ ପ୍ରଯୁକ୍ତ ହୁଆ ହୈ ?)
(ମୁଁ ତେଣୁ କାନ୍ଦିବାକୁ’ ଏଠାରେ ମୁଁ କାହା ପାଇଁ ବ୍ୟବହୃତ ହୋଇଛି ।)
उत्तर:
यहाँ ‘मैं’ गौतम के पत्नी सहधर्मिणी यशोधरा के लिए प्रयुक्त हुआ है।

(ग) यशोधरा क्या धोने की बात करती है?
(ୟଶୋଧରା କ୍ୟା ଧୋନେ କୀ ବାତ୍ କରତୀ ହୈ ?)
(ୟଶୋଧରା କ୍ୟା ଧୋନେ କୀ ବାତ୍ କରତୀ ହୈ ?)
उत्तर:
यशोधरा अभागे पुत्र राहुल की सारी कष्ट मिटाऊँगी की बात करती है।

(घ) ‘नयन-नीर’ का अर्थ क्या है?
(‘ନୟନ୍-ନୀର୍’ କା ଅର୍ଥ କ୍ୟା ହୈ ? )
(ନୟନ-ନୀରର ଅର୍ଥ କ’ଣ ?)
उत्तर:
‘नयन-नीर’ का अर्थ दुःख की आँसू परन्तु यहाँ अर्थ है कि मातृस्नेह ममता देकर यशोधरा अपने पुत्र को पालूँगी।

(ङ) ‘दानी-प्रभु’ किसके लिए कहा गया है?
(‘ଦାନୀ-ପ୍ରଭୁ’ କିସ୍ କେ ଲିଏ କାହା ଗୟା ହୈ ?)
(ଦାନୀ ପ୍ରଭୁ’ କାହାପାଇଁ କୁହାଯାଇଛି ?)‘
उत्तर:
दानी प्रभु गौतम के लिए कहा गया है।

(च) यशोधरा को कौन छोड़कर चले जाते हैं?
(ଯଶୋଧାରା କୋ କୌନ୍ ଛେ।ଡ଼ି ଚଳେ କାତେ ହିଁ। ଯଶୋଧାରା କୁ କିଏ ଛ।ଡ଼ି ଚାଲି ଯଇଚ୍ଛନ୍ତି)
उत्तर:
यशोधरा को अपने पतिदेव गौतम बुद्ध छोड़कर चले जाते हैं।

(छ) ‘नयन – नीर’ ही उनको दूँगी” – यहाँ यशोधरा नयन-नीर किसे देने की बात करती है?’
(ଦୂଗୀ-ୟହାଁ ୟଶୋଧରା ନୟନ-ନୀର କିସେ ଦେନେ କୀ ବାତ କରତୀ ହୈ ?) (ଆଖୁର ନୀର’ ହୀ ଉନ୍‌ ଲୁହ ହିଁ ତାଙ୍କୁ ଦେବି ଏଠାରେ ଯଶୋଧରା ଆଖର ଲୁହ କାହାକୁ ଦେବାର କଥା କୁହନ୍ତି ?)
उत्तर:
‘नयन नीर’ ही उनको दूँगी’ यहाँ यशोधरा अपनी पुत्र राहुल को देने को बात करती है। उसका अर्थ है कि मातृस्नेह ममता देकर पालुँगी और स्नेह से कभी पक्षपातिनी न करूँगी।

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3. खाली स्थान भरिए।
(ଶୂଳ୍ୟୟନ ସ୍ପରଶ କରା)

(क) …………….., हाय ! तुम्हारी यही कहानी।
उत्तर:
अबला-जीवन

(ख) सोकर हम ………………. ही जागे।
उत्तर:
खोकर

(ग) ……………… भी वह आज कहाँ, कल थी जो
उत्तर:
चेरी, रानी

(घ) मेरा ……………… वह, दूध पिये, परिपुष्ट हो।
उत्तर:
शिशु-संसार

भाषा-ज्ञान (ଭାଷା-ଜ୍ଞାନ)

1. विपरीत शब्द लिखिए: (ବିପରୀତ ଶବ୍ଦ ଲେଖ : )
रोता, सोता, खोकर, अभागा, अबला, रुष्ट
उत्तर:
रोता – हँसता
अभागा – भाग्यवान
सोता – जागता
अबला – सबला
खोकर – पाकर
रुष्ट – तुष्ट

2. ‘दानी प्रभु’ में ‘प्रभु’ संज्ञा है और ‘दानी’ विशेषण। इस प्रकार निम्न वाक्यों में से संज्ञा और विशेषण छाँटिए:
(क) काली गाय का दूध मीठा होता है।
उत्तर:
संज्ञा – गाय, विशेषण – काली

(ख) बड़े बाजार में भीड़ लगी रहती है।
उत्तर:
संज्ञा – बाजार, विशेषण – बड़े

(ग) पिताजी ने मुझे दो उपहार दिये।
उत्तर:
संज्ञा – उपहार, विशेषण – दो

(घ) ऊँचे पेड़ पर दो बंदर बैठे हैं।
उत्तर:
संज्ञा – पेड़, विशेषण – ऊँचे

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3. प्रस्तुत पाठ में से तुकान्त शब्दों को छाँटकर लिखिए:
जैसे : अभागे – आगे।
उत्तर:
रोता – सोता
जागे – अभागे
रोने को धोने को
लूँगी – दूँगी
त्यागे – अभागे
रानी – मानी
कहानी – पानी

4. इन शब्दों से वाक्य बनाइए :
भाग्य, नयन, पानी, प्रभु, संसार
उत्तर:
भाग्य – भाग्य में जो लिखा है, उसको भोगना पड़ेगा।
नयन – शरीर में नयन एक अमूल्य रत्न है।
पानी- बिशुद्ध पानी पीना चाहिए।
प्रभु – हे प्रभु! मेरी रक्षा करो।
संसार – संसार में कोई कार्य असम्भव नहीं है।

गृह कार्य :

1. आप की माँ रोते बच्चे को कैसे चुप कराती हैं? लिखिए।
उत्तर:
बच्चो घर की अनुभूति देखकर लिखिए।

2. गुप्त जी की दूसरी कविताओं को पढ़िए।
उत्तर:
बच्चो इस कविताओं को पढ़िए और याद रखना चाहिए।
जयभारत, भारत-भारती, यशोधरा, पंचवटी, साकेत आदि।

अति संक्षिप्त उत्तरमूलक प्रश्नोत्तर

A. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में दीजिए।

प्रश्न 1.
‘राहुल – जननी’ कविता के कवि का नाम क्या है?
उत्तर:
‘राहुल- जननी’ कविता के कवि का नाम मैथिली शरण गुप्त है।

प्रश्न 2.
कवि गुप्तजी को पैतृक देन के रूप में क्या मिला था?
उत्तर:
राम – भक्ति कवि गुप्तजी को पैतृक देन के रूप में मिला था।

प्रश्न 3.
गुप्तजी कौन से युग के कवि माने जाते हैं?
उत्तर:
गुप्तजी द्विवेदी युग के कवि माने जाते हैं।

प्रश्न 4.
कवि मैथिली शरण गुप्त की रचनाओं में क्या देखने को मिलती है?
उत्तर:
कवि मौथिली शरण गुप्त की रचनाओं में राष्ट्रीय भावनाओं की अभिव्यक्ति देखने को मिलती है।

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प्रश्न 5.
गुप्तजी ने अपनी रचनाओं के जरिए क्या संदेश दिया?
उत्तर:
गुप्तजी ने अपनी रचनाओं के जरिए जनता को अंहिसा, सत्याग्रह, राष्ट्रप्रेम तथा मानवतावाद का संदेश दिया।

प्रश्न 6.
‘राहुल – जननी’ कविता में कवि ने यशोधरा के कौन-कौन से रूप का उद्घाटन किया है?
उत्तर:
‘राहुल- जननी’ कविता में कवि ने यशोधरा के माता और पत्नी रूप का उद्घाटन किया है।

प्रश्न 7.
यशोधरा किसे अभागा कहती है?
उत्तर:
यशोधरा अपने पुत्र राहुल को अभागा कहती है।

प्रश्न 8.
यशोधरा को कौन छोड़कर चले जाते हैं?
उत्तर:
यशोधरा को उनके पति छोड़ कर चले जाते हैं।

प्रश्न 9.
‘नयन – नीर ही उनको दूंगी’ – यह उक्ति किसने किसके लिए कहा है?
उत्तर:
‘नयन-नीर ही उनको दूँगी यह उक्ति यशोधरा ने अपने पति के लिए कहा है।

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प्रश्न 10.
‘राहुल जननी’ कविता कवि के किस खण्ड-काव्य से लिया गया है?
उत्तर:
‘राहुल जननी’ कविता कवि के ‘यशोधरा’ खण्ड-काव्य से लिया गया है।

प्रश्न 11.
राहुल सुबह जागने के बाद क्या करता है?
उत्तर:
राहुल सुबह जागने के बाद अपने पिता को न देख तथा माता के दुःख देखकर रोने लगता है।

प्रश्न 12.
कौन अपने आपको दासी से भी पराधीन मानती है?
उत्तर:
यशोधरा अपने आपको दासी से भी पराधीन मानती है।

प्रश्न 13.
यशोधरा क्या धोने की बात करती है?
उत्तर:
यशोधरा अपने पुत्र राहुल का मल धोने की बात करती है।

प्रश्न 14.
नारी जीवन की वास्तविकता क्या है?
उत्तर:
आँख में आँसू भरकर भी दूसरों के लिए कर्त्तव्य का संपादन करते रहना नारी जीवन की वास्तविकता है।

प्रश्न 15.
अबला जीवन की क्या कहानी है?
उत्तर:
‘आँचल में दूध और आँखों में पानी’ यही अबला जीवन की कहानी है।

B. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक शब्द में दीजिए।

प्रश्न 1.
‘दानी – प्रभु’ किसके लिए कहा गया है?
उत्तर:
गोतम

प्रश्न 2.
यह कविता ‘राहुल – जननी’ किसने लिखी है?
उत्तर:
मैथिलीशरण गुप्त

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प्रश्न 3.
यशोधरा क्या धोने की बात कहती है?
उत्तर:
सारे मल

प्रश्न 4.
यशोधरा को कौन छोड़कर चला गया है?
उत्तर:
गौतम

प्रश्न 5.
किसकी दुःख भरी कहानी यहाँ वर्णित है?
उत्तर:
अबला

प्रश्न 6.
यशोधरा किसे खोने की बात कहती हैं?
उत्तर:
गौतम

प्रश्न 7.
यशोधरा का क्या लौट आएगा?
उत्तर:
भाग्य

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प्रश्न 8.
गौतम किसे छोड़कर चले जाते हैं?
उत्तर:
पत्नी-पुत्र

प्रश्न 9.
कौन सुबह जागने के बाद सोने लगता है?
उत्तर:
राहुल

प्रश्न 10.
‘नयन – नीर’ का अर्थ क्या है?
उत्तर:
आँसू (दु:ख)

प्रश्न 11.
नेपाल राजकुमार कौन है?
उत्तर:
गौतम

प्रश्न 12.
यशोधरा किसे अभागा कहती है?
उत्तर:
राहुल

C. रिक्तस्थानों को भरिए।

प्रश्न 1.
मेरा ……………. वह, दूध पिये, परिपुष्ट हो।
उत्तर:
शिशु-संसार

प्रश्न 2.
राहुल सुबह जागने के वाद ………………… करता है।
उत्तर:
रोने लगता

प्रश्न 3.
सोकर हम ……………….. ही जागे।
उत्तर:
खोकर

प्रश्न 4.
नारी जीवन की वास्तविकता है ………………..
उत्तर:
दूसरों के लिए कर्त्तव्य का संपादन करना

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प्रश्न 5.
‘मैं तो हूँ रोने को।’ यहाँ ‘मैं’ ……………… के लिए प्रयुक्त हुआ है।
उत्तर:
यशोधरा के लिए

प्रश्न 6.

‘”नयन-नीर ही उनकी दूँगी’ – यहाँ नयन-नीर ………………… देने की बात कि गयि है।
उत्तर:
गौतम को

प्रश्न 7.
जो आज अपने आप को नौकरानी मानती है वह पहले ……………….. थी।
उत्तर:
रानी

प्रश्न 8.
यशोधरा राहुल की …………….. लगती है।
उत्तर:
माता

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प्रश्न 9.
यशोधरा के अनुसार राहुल ………………..।
उत्तर:
अभागा

प्रश्न 10.
‘नयन-नीर ही उनकी दूँगी’ – यहाँ ‘नयन-नीर’ का अर्थ ………………… है।
उत्तर:
आँसू

प्रश्न 11.
पहले …………….. रानी थी जो अब दासी बन गई।
उत्तर:
यशोधरा

प्रश्न 12.
यशोधरा ने दानी प्रभु ……………… से संबोधित किया है।
उत्तर:
गौतम

प्रश्न 13.
“राहुल-जननी”‘ कविता के कवि ………………….. है।
उत्तर:
मैथिलीशरण गुप्त

प्रश्न 14.
‘राहुल-जननी’ कविता में यशोधरा के ……………………. से रूप को वर्णन किया गया है।
उत्तर:
माता और पत्नी

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प्रश्न 15.
यशोधरा ………………… से अभागा कहती है।
उत्तर:
राहुल

प्रश्न 16.
गुप्तजी ………………….. से युग के कवि है।
उत्तर:
द्विवेदी-युग

प्रश्न 17.
‘राहुल जननी’ कविता …………………… खण्ड-काव्य का अंश है।
उत्तर:
यशोधरा

प्रश्न 18.
‘आँचल में दूध और आँखो में पानी’-यह …………………. की जीवन की कहानी है।
उत्तर:
दुर्वला नारी

D. सही उत्तर चुनिए।

1. ‘नयन-नीर’ ही उनको दूँगी – यहाँ यशोधरा नयननीर किसे देने की बात करती है?
(A) अपने पति गौतम को
(B) अपने पड़ोसी को
(C) राहुल को
(D) राजा को
उत्तर:
(A) अपने पति गौतम को

2. ‘नयन-नीर’ का अर्थ क्या है ?
(A) खुशी के आसू
(B) दु:ख के आँसू
(C) गम के आँसू
(D) आंखों का पानी
उत्तर:
(B) दु:ख के आँसू

3. ‘दानी प्रभु’ किसके लिए प्रयोग किया गया है?
(A) गौतम
(B) राहुल
(C) बेटी
(D) राम
उत्तर:
(A) गौतम

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4. यशोधरा को कौन छोड़कर चले जाते हैं?
(A) अपने बेटा
(B) अपनी बेटी
(C) अपने पति गौतम बुद्ध
(D) इनमें से कोई भी नहीं
उत्तर:
(C) अपने पति गौतम बुद्ध

5. मै तो हूँ रोने को-यहाँ में किसके लिए प्रयुक्त हुआ है?
(A) जननी
(B) यशोधरा
(C) माता
(D) राहुल
उत्तर:
(B) यशोधरा

6. यशेधरा किसे अभागा कहती है?
(A) अपनी बेटी को
(B) अपने पुत्र राहुल को
(C) अपने पड़ोसी को
(D) अपने दोस्त को
उत्तर:
(B) अपने पुत्र राहुल को

7. मैथिली शरण गुप्त किस युग के प्रतिनिधि कवि माने जाते हैं?
(A) रीति युग के
(B) द्विवेदी-युग के
(C) बैदिक युग के
(D) पुराने युग के
उत्तर:
(B) द्विवेदी-युग के

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8. मैथिली शरण गुप्त ने कौन-सी उम्र में काव्य-रचना शुरु की थी?
(A) 9 वर्ष में
(B) बचपन में
(C) 10 वर्ष में
(D) 8 वर्ष में
उत्तर:
(B) बचपन में

9. मैथिली शरण गुप्त जी को किस सम्मान से सम्मानित किया गया?
(A) राष्ट्रकवि
(B) गीतगोविन्द
(C) सारलादास
(D) राष्ट्रपिता
उत्तर:
(A) राष्ट्रकवि

10. आगरा विश्वविद्यालय तथा काशी हिन्दु विश्वविद्यालय में उन्हें कौन-सी उपाधि दी?
(A) डँक्टर
(B) डी. लिट
(C) अध्यापक
(D) इनमें से कोई भी नहीं
उत्तर:
(B) डी. लिट

11. वे भारत के राष्ट्रपति के द्वारा मनोनीत होकर कहाँ रहे?
(A) लोकसभा सासद
(B) राज्यसभा सांसद
(C) विधानसभा सांसद
(D) भारत के सांसद
उत्तर:
(B) राज्यसभा सांसद

12. उनका निधन कब हुआ था?
(A) 1964 ई
(B) 1965 ई
(C) 1966 ई
(D) 1967 ई
उत्तर:
(A) 1964 ई

दोहे (ତେ।ହେ)

चुप रह, चुप रह, हाय, अभागे!
रोता है अब, किसके आगे?
तुझे देख पाता वे रोता,
मुझे छोड़ जाते क्यों सोता?
अब क्या होगा?
तव कुछ होता,
सोकर हम खोकर ही जागे!
चुप रह, चुप रह, हाय अभागे!
ଚୁପ୍ ରହ, ଚୁପ୍ ରହ, ହାୟ, ଅଭାଗେ !
ରୋତା ହୈ ଅବ୍, କିସ୍‌ ଆଗେ ?
ତୁଝେ ଦେଖ୍ ପାତା ୱେ ରୋତା,
ମୁଝେ ଛୋଡ଼୍ ଜାତେ କୈ ସୋତା ?
ଅବ୍ କ୍ୟା ହୋଗା ? ତବ୍ କୁଛ୍ ହୋତା,
ସୋକର୍ ହମ୍ ଖୋକର୍ ହୀ ଜାଗେ !
ଚୁପ୍ ରହ, ଚୁପ୍ ରହ, ହାୟ ଅଭାଗେ !
ଅନୁବାଦ:
ଯଶୋଧରା ରାହୁଳକୁ ଚୁପ୍ ରହିବାକୁ କହୁଛନ୍ତି, ହେ ଅଭାଗା, ବର୍ତ୍ତମାନ କାହା ଆଗରେ କାନ୍ଦୁଛୁ । ତୋ ପିତା ଘର ଛାଡ଼ିଯିବା ସମୟରେ ଶୟନରେ ଥିଲୁ । ସେ ମୋତେ ଛାଡ଼ି ସଂସାର ତ୍ୟାଗ କାହିଁକି କରିଛନ୍ତି ? ବର୍ତ୍ତମାନ କ’ଣ ହେବ ? ହେ ହତଭାଗା, ସେତେବେଳେ ଆମ୍ଭେ.ଶୋଇଥିବାରୁ ସବୁ ହରାଇଛୁ ।

बेटा, मैं तो हूँ रोने को;
तेरे सारे मल धोने को;
हँस तु, है सब कुछ होने को,
भाग्य आयेड़े फिर भी भागे,
चुप रह, चुप रह, हाय अभागे !
तुझको क्षीर पिलाकर लूँगी,
नयन-नीर ही उनको दूँगी,
पर क्या पक्षपातिनी हूँगी?
मैंने अपने सब रस त्यागे।
चुप रह, चुप रह, हाय अभागे।
ବେଟା, ମେଁ ତୋ ହୂ ରୋନେ କୋ;
ତେରେ ସାରେ ମଲ୍ ଧୋନେ କୋ;
ହଁସ୍ ତୁ, ହୈ ସବ୍ କୁଛ୍ ହୋନେ କୋ,
ଭାଗ୍ୟ ଆୟେଙ୍ଗେ ଫିର୍ ଭୀ ଭାଗେ,
ଚୁପ୍ ରହ, ଚୁପ୍ ରହ, ହାୟ ଅଭାଗେ !
ତୁଝେ କ୍ଷୀର ପିଲାକର୍ ଗୀ, ନୟନ୍ “
ନୀର ହୀ ଉନକୋ ଦୂଗୀ, ପର୍ କ୍ୟା ପକ୍ଷପାତିନୀ ହୂଗୀ ?
ମୈନେ ଅପନେ ସବ୍ ରସ୍ ତ୍ୟାଗେ ।
ଚୁପ୍ ରହ, ଚୁପ୍ ରହ, ହାୟ୍ ଅଭାଗେ ।
ଅନୁବାଦ:
ଯଶୋଧରା ପୁତ୍ର ରାହୁଳକୁ କହୁଛନ୍ତି, ମୋ ଭାଗ୍ୟରେ କାନ୍ଦିବା ଲେଖାଅଛି । ମୁଁ କାନ୍ଦିବି, ତୋର ସମସ୍ତ କଷ୍ଟକୁ ଲାଘବ କରିବି । ଭାଗ୍ୟ ଆସିବ ପୁଣି ମଧ୍ଯ ଫେରିଯିବ । ହେ ନିଧନ ସଙ୍ଖାଳି ମୁଁ ତତେ ସମସ୍ତ ସ୍ନେହ ମମତା ଦେଇ ପାଳିବି । ସ୍ନେହ ମମତାରେ କେବେହେଲେ ପକ୍ଷପାତୀ ହେବ ନାହିଁ । ଯଶୋଧରା କହୁଛନ୍ତି, ସମସ୍ତ ସୁଖ ତ୍ୟାଗ କରି ପତିବ୍ରତା ନାରୀର କର୍ତ୍ତବ୍ୟ ପାଳନ କରିବି ।

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चेरी भी वह आज कहाँ, कल भी जो रानी,
दानी प्रभु ने दिया उसे क्यों मन यह मानी?
अबला-जीवन, हाय ! तुम्हारी यही कहानी
आअल में है दूध और आखों में पानी!
ଚେରୀ ଭୀ ୱହ ଆଜ୍ କର୍ହା, କଲ୍ ଭୀ ଜୋ ରାନୀ,
ଦାନୀ ପ୍ରଭୁ ନେ ଦିୟା ଉସେ ଜ୍ୟୋ ମନ୍ ୟହ ମାନୀ ?
ଅବଲା-ଜୀବନ, ହାୟ ! ତୁମ୍‌ହାରୀ ୟହୀ କହାନୀ
ଆଞ୍ଚଲ୍ ମେଁ ହୈ ଦୁଧ ଔର୍ ଆଖେଁ ମେଁ ପାନୀ !
ଅନୁବାଦ:
ଯିଏ କାଲି ରାଜମହଲର ରାଣୀ ଥିଲା, ସେ ଆଜି ଦାସୀଠାରୁ ପରାଧୀନ ହୋଇଛି । ନାରୀ ଜୀବନର ବାସ୍ତବିକତା ହେଉଛି ନିଜେ ଦୁଃଖ କଷ୍ଟ ସହି ଅନ୍ୟ ପାଇଁ କର୍ତ୍ତବ୍ୟ ସମ୍ପାଦନ କରିବା।

मेरा शिशु-संसार वह
दूध पिये, परिपुष्ट हो।
पानी के ही पात्र तुम प्रभो,
रुष्ट या तुष्ट हो।
ମେରା ଶିଶୁ-ସଂସାର ୱହ୍
ଦୂଧ ପିୟେ, ପରିପୁଷ୍ଟ ହୋ।
ପାନୀ କେ ହୀ ପାତ୍ର ତୁମ୍
ପ୍ରଭୋ ରୁଷ୍ଟ ୟା ତୁଷ୍ଟ ହୋ।
ଅନୁବାଦ:
ଯଶୋଧରା କହୁଛନ୍ତି, ହେ ଶିଶୁ ସଂସାର ରାହୁଳ, କ୍ଷୀର ପାନ କରି ସୁସ୍ଥସବଳ ହୁଅ । ହେ ପ୍ରଭୁ (ପତିଦେବ) ତୁମେ ଅଶ୍ରୁର ପାତ୍ର, ତୁମେ ସନ୍ତୁଷ୍ଟ ହୁଅ ବା ଅସନ୍ତୁଷ୍ଟ ହୁଅ ।

शबनार: (ଶରାର୍ଥି)

अभागे – भाग्यहीन (ଭ।ଗମହାନ / ହତଭାଗା)।

मल धोने – दुध (ଦୁଃଖ ଲ।ଘବ କରିବା ପାଇଁ)।

क्षीर – आँसू (ଦୁଟ୍ଧ)।

नयन – नीर (ଅଶ୍ଵା / ଲୋତକ )।

पक्षपातिनी – किसी एक का समर्थन करनेवाली (କୌଶସି ଜଣକୁ ସମର୍ଥିନ କରୁଥ୍ବା ବୀ।କ୍ତି)।

रस-सुख – आराम (ଆରାମ)।

चेरी – नौकरानी, दासी (ଚାକରାଣୀ ଦ।ସ।)।

अबला – कमजोर या दुर्बल स्री (ଦୁର୍ବଳି ସ୍ତ୍ରୀ)।

परिपुष्ट – हृष्टपुष्ट(ସ୍ମସ୍ଥିସବଳ)।

रुष्ट – नाराज (ରାଜିନ ହେବା)।

तुष्ट – खुश, सन्तुष्ट (ଖୁସି/ସ ନ୍ତୁଷ୍ଟ)।

कवि परिचय (କବି ପରିଚୟ)।

मैथिली शरण गुप्त का जन्म सन् 1886 ई. में झाँसी के चिरगाँव में हुआ था। उनके पिता सेठ रामचरणजी वैष्णव भक्त एवं अच्छे कवि थे। इसलिए राम – भक्ति गुप्तजी को पैतृक देन के रूप में मिली। बचपन से ही वे काव्य-रचना करने लगे। वे द्विवेदी युग के प्रतिनिधि कवि माने जाते हैं। वे गांधीवादी और भक्त कवि हैं। उनकी रचनाओं में राष्ट्रीय भावनाओं की अभिव्यक्ति मिलती है। अपनी रचनाओं के जरिये उन्होंने जनता को अहिंसा, सत्याग्रह, राष्ट्र-प्रेम तथा मानवतावाद का संदेश दिया।

इसलिए उन्हें ‘राष्ट्रकवि’ सम्मान से सम्मानित किया गया। आगरा विश्वविद्यालय तथा काशी हिन्दू विश्वविद्यालय ने उन्हें डी. लिट. की मानद उपाधि प्रदान की। वे भारत के राष्ट्रपति के द्वारा मनोनीत राज्यसभा सांसद भी रहे। उनका निधन सन् 1964 ई. में हुआ। उनकी प्रमुख काव्य-रचनाएँ ये है : जयद्रथ वध, भारत-भारती, पंचवटी, साकेत, यशोधरा, द्वापर, जयभारत, विष्णुप्रिया आदि।

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