BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Chapter 3 जेल में मेरे मित्र

Odisha State Board BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Chapter 3 जेल में मेरे मित्र Textbook Exercise Questions and Answers.

BSE Odisha Class 9 Hindi Solutions Chapter 3 जेल में मेरे मित्र

प्रश्न और अभ्यास (ପ୍ରଶ୍ନ ଔର୍ ଅଭ୍ୟାସ)

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो-तीन वाक्यों में दीजिए।
(ନିମ୍ନଲିଖୂ ପ୍ରଶ୍ନ। କେ ଉତ୍ତର୍ ଦୋ-ତୀନ୍ ବାର୍କେ ହେଁ ଦୀଜିଏ) ।
(ନିମ୍ନଲିଖ ପ୍ରଶ୍ନଗୁଡ଼ିକର ଉତ୍ତର ଦୁଇଟି-ତିନୋଟି ବାକ୍ୟରେ ଦିଅ ।)
(क) देहरादून जेल नेहरू जी को किस तरह अपना घर मालूम होने लगा?
(ଦେହରାଦୂନ୍ ଜେଲ୍ ନେହରୁଜୀ କୋ କିସ୍ ତରହ ଅପୂନା ଘର୍ ମାଲୁମ୍ ହୋନେ ଲଗା?)
(ନେହୁରୁଙ୍କୁ ଡେରାଡୁନ୍ ଜେଲ୍ କିପରି ନିଜ ଘର ଭଳି ଲାଗିଲା ?)
उत्तर:
नेहरूजी को देहरादून की उस कोठरी में रहन के वाद उन्हें लगने लगा कि यह उनका आपना घर है। वे उसके कोने कोने से परिचित हो गये जेल के उस घर में सफेद दीवारों, छत और कीड़ो द्वारा खाई हुई कड़ियों पर पड़ी हुई प्रत्येक रेखा और बिन्दु को नेहरूजी पहचाने लगे, इसलिए अपना घर मालुम होने लगा।

(ख) जेल में दूसरे कार्यों से फुरसत होने के कारण नेहरूजी का क्या अनुभव हुआ है?
(ଦୂସ୍‌ରେ କାର୍ୟ୍ଯା ସେ ଫୁର୍‌ସତ୍ ହୋନେ କେ କାରଣ୍ ନେହରୁଜୀ କା କ୍ୟା ଅନୁଭବ୍ ହୁଆ ହୈ ?)
(ନେହୁରୁଙ୍କୁ ଜେଲ୍‌ରେ ଅନ୍ୟ କାର୍ଯ୍ୟରୁ ଅବ୍ୟାହତ ମିଳିବାରୁ କ’ଣ ଅନୁଭବ ହୋଇଛି ?)
उत्तर:
जेल में दूसरे कार्यों से फुरसत होने के कारण नेहरूजी प्रकृति के अधिक निकट होने के साथ अपने सामने आने जाने वाले जानवरों और कीड़ो के अधिक निकट होते चले गये उनका आँगन जीवों से भरा हुआ था। उनकों कभी अकेलपन महसूस नहीं होता था।

(ग) खटमलों, मच्छरों और मक्खियों से नेहरूजी को क्यों निरंतर युद्ध करना पड़ता था?
(ଖର୍ଲୋ, ମଙ୍ଗୋରୌ ଔର୍ ମକ୍ଷିୟାଁ ସେ ନେହରୁଜୀ କୋ କେଁ ନିରନ୍ତର୍ ୟୁଦ୍ଧ କର୍‌ନା ପଢ଼ତା ଥା ?)
(ନେହୁରୁଙ୍କୁ କାହିଁକି ଓଡ଼ଶ, ମଶା ଓ ମାଛିମାନଙ୍କ ସହ ନିରନ୍ତର ଯୁଦ୍ଧ କରିବାକୁ ପଡୁଥିଲା ?)
उत्तर:
नेहरूजी दैनिक जीवन में उड़नेवाले कीड़े-मकोड़े विना किसी प्रकार की छेड़छाड़ किए हुए रह रहे थे। ऐसा कोई कारण न था कि उनसे किसी प्रकार की छेड़छाड़ करता, इसलिए खटमलों, मच्छरों और मक्खियों से उन्हें निरंतर युद्ध करना पड़ता था।

(घ) गिलहरियों के बारे में नेहरूजी ने क्या लिखा है?
(ଗିରିର୍ଡୋ କେ ବାରେ ମେଁ ନେହରୁଜୀ ନେ କ୍ୟା ଲିଖା ହୈ ?)
(ଗୁଶୁଚି ମୂଷାମୀନଙ୍କ ସମ୍ବକ୍ଷରେ କୋହରୁ କ’ଣ ଲେଖିଛି ନ୍ତି)
उत्तर:
गिलहरियों के बारे में नेहरूजी ने यह लिखा है कि जहाँ पर बृक्ष थे वहाँ गिलहरियों के झुंड के झुंड़ मजे से घूमते थे। गिलहरियाँ विलकुल न डरती और साहसपूर्बक हमारे पास आते है। वे इधर से उधर भागती एक दूसरी से आगे बढ़ने का खेल खेल रहीं हों। उनकी अठखेलियाँ देखने में बड़ा बड़ा आनन्द आता।

(ङ) विभिन्न जेलों में नेहरूजी का किन-किन जीवों से सामना हुआ?
ବିଭିନ୍ନ ଜେର୍ଲା ମେଁ ନେହରୁଜୀ କା କିନ୍-କିନ୍ ଜୀର୍ବୋ ସେ ସାମ୍‌ନା ହୁଆ ?
(ବିଭିନ୍ନ କାରାଗାରମାନଙ୍କରେ ନେହୁରୁଜୀ କେଉଁ କେଉଁ ଜୀବମାନଙ୍କର ସମ୍ମୁଖୀନ ହୋଇଥିଲେ ?)
उत्तर:
नेहरूजी देहरादून जेल में खटमलो, मच्छरो और मक्खियों, लखनऊ जेल में नन्हे नन्हें तीन गिलहरियों, अल्मोड़ जेल में कबूतरी, नैनी जेल में हजारों तोते, बरेली जेल में बन्दरो, विच्छू, साँप के साथ सामना आदि जीवों से हुआ।

(च) तरह – तरह के जीवों के बारे में लेखक ने क्या विचार व्यक्त किए?
(ତରହ-ତରହ କେ ଜୀର୍ଡୋ କେ ବାରେ ମେଁ ଲେଖକ୍ ନେ କ୍ୟା ବିଚାର୍ ବ୍ୟକ୍ତ କିଏ ?
(ବିଭିନ୍ନ ପ୍ରକାର ଜୀବମାନଙ୍କ ସମ୍ବନ୍ଧରେ ଲେଖକ କ’ଣ ବିଚାର ବ୍ୟକ୍ତ କରିଛନ୍ତି ?)
उत्तर:
लेखक जीवों के बारे में यह विचार व्यक्त किया कि गिलहरियों की अठखेलियाँ देखने में बड़ा आनन्द मिला और कोयल की मधुर ध्वनि मन को मुग्ध कर लिया। खटमलों, मच्छरों और मक्खियों से उनका निरतंर युद्ध होता था।

(छ) लेखक इन जीव-जन्तुओं से भयभीत क्यों नहीं था?
ଲେଖକ୍ ଇନ୍ ଜୀବ-ଜନ୍ତୁଓଁ ସେ ଭୟଭୀତ୍ କୈ ନେହୀ ଥା ?
(ଲେଖକ ଏହି ଜୀବ ଜନ୍ତୁଙ୍କ ପ୍ରତି କାହିଁକି ଭୟଭୀତ ନଥିଲେ ?)
उत्तर:
लेखक जीव-जन्तुओं से भयभीत इसलिए नहीं था कि वे अकेल पन के संगी साथी थे। और भी जेल जीवन में निर्जनता को दूर करते थे। उनके माध्यम से प्रकृति को उपभोग करते थे। इसलिए लेखक इन जीवजन्तुओं से भयभीत नहीं था।

(ज) गिलहरी के बच्चे को बचाने का क्या उपाय किया गया?
(ଗିରୀ କେ ବଢେ କୋ ବଚାନେ କା କ୍ୟା ଉପାୟ କିମ୍ବା ଗୟା ?)
(ଗୁଣ୍ଡୁଚିଛୁଆମାନଙ୍କୁ ବଞ୍ଚାଇବାର କ’ଣ ଉପାୟ କରାଗଲା ?)
उत्तर:
गिलहरी के बच्चे को बचाने के लिए नली से दूध पिलाने का उपाया निकला। नली से जलदी दूध पीते तो बच्चे जीवित रहेंगे।

(झ) गिलहरी के नन्हें बच्चों को किस तरह दूध पिलाया गया?
(ଗିହରୀ କେ ନହେଁ ବର୍ଡୋ କୋ କିସ୍ ତରହ ଦୂଧ ପିଲାୟା ଗୟା ?)
(ଗୁଣ୍ଡୁଚିମୂଷାର ଛୋଟ ପିଲାମାନଙ୍କୁ କିପରି ଦୁଧ ପିଆଗଲା ?)
उत्तर:
नली में दूध डाला, उस पर रुई लपेटी। रुई दूध से गीली हो गई और गिलहरी की नन्हा बच्चा रुई चूसने लगा। इसी तरह नन्हें बच्चों को दूध पिलाया गया। इसी तरह वाकी दोनों बच्चों को भी दूध पिलाया गया।

(ञ) नेहरूजी ने अल्मोड़ा जेल में रहनेवाले मैना के एक जोड़े के बारे में क्या लिखा है?
(ନେହରୁଜୀ ନେ ଅଲ୍‌ମୋଡ଼ା ଜେଲ୍ ମେଁ ରହନେବାଲେ ମୈନା କେ ଏକ ଜୋଡ଼େ କେ ବାରେ ମେଁ କ୍ୟା ଲିଖା ହୈ ?)
(ନେହରୁଜୀ ଅଲମୋଡ଼ା ଜେଲ୍ରେ ରହୁଥ‌ିବା ଶାରୀ ହଳକ ସମ୍ପର୍କରେ କ’ଣ ଲେଖିଛନ୍ତ ?)
उत्तर:
नेहरूजी ने अल्मोड़ा जेल में रहनेवाले मैना के एक जोड़े के बारे में यह लिखा कि वे इतने पालतू हो गए थे कि यदि सुवह या शाम खाना मिलने में कुछ देर हो जाती तो वे चुपचाप मेरे पास बैठ जाते और जोर से चिल्लाकर अपना भोजन माँगने लगते थे।

(ट) देहरादून जेल में नेहरूजी कैसे भूल जाते थे कि वे जेल में हैं?
(ଦେହରାଦୂନ୍ ଜେଲ୍ ମେଁ ନେହରୁଜୀ କୈସେ ଭୁଲ୍ ଜାତେ ଥେ କି ୱେ ଜେଲ୍ ମେଁ ହେଁ ?)
(ଡେରାଡୁନ୍ କାରାଗାରରେ ନେହରୁଜୀ କିପରି ଭୁଲି ଯାଇଥିଲେ ଯେ ସେ କାରାଗାରରେ ଅଛନ୍ତି ?)
उत्तर:
देहरादून जेल में सैकड़ों प्रकार की चिड़ियाँ थी। वे गाती, चहचहाती, मधुर ध्वनि करती थी। और भी कोयल कूक रही थी। उसकी कुहू कुहू ध्वनि सुन कर नेहरूजी आनंदित हो उठे और भूल जाते कि वे जेल में हैं।

(ठ) बरेली जेल में बन्दरों के साहस की कैसे विजय हुई?
(ବରେଲୀ ଜେଲ୍ ମେଁ ବନ୍ଦରୌ କେ ସାହସ୍ କୀ କୈସ୍ ବିଜୟ ହୁଈ)
(ବରେଲୀ ଜେଲ୍‌ରେ ମାଙ୍କଡ଼ମାନଙ୍କର ସାହସର ବିଜୟ କିପରି ହେଲା?)
उत्तर:
बन्दरो से एक बड़ा और मोटा बन्दर खीं खीं कर नीचे कूद पड़ा, उसने भीड़ पर सीधा आक्रमण किया, यह वहुत ही वाहादूरी का काम था क्योंकि वार्डन और कैदी हाथों में बड़े-बड़े डंडे – घुमा रहे थे। बड़ा बन्दर वच्चे को छुडाकर शान के साथ ले गया। यह साहस की विजय हुई|

(ड) बरेली जेल के बिच्छू के बारे में नेहरूजी के क्या विचार थे?
(ବରେଲୀ ଜେଲ୍ କେ ବିଚ୍ଛୁକେ ବାରେ ମେଁ ନେହରୁଜୀ କେ କ୍ୟା ବିଚାର ଥେ ?)
(ବରେଲୀ କାରାଗାରର ବିଛା ସମ୍ବନ୍ଧରେ ନେହୁରଙ୍କ କ’ଣ ବିଚାର ଥିଲା ?)
उत्तर:
बरेली जेल के बिच्छू के बारे में नेहरूजी के विचार यह है कि कोठरियों में अकसर बिच्छू घुमा करते थे। वे मेरे विस्तर और किताब में मलिते थे लेकिन उन्होने कभी मुझे डंक नही मारा। एक विच्छू को डोरी से वाँधने पर भी वह कहीं गायव हो चुका था।

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2. निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर एक या दो वाक्यों में दीजिए।
(ନିମ୍ନଲିଖୂ ପ୍ରଶ୍ନ କା ଉତ୍ତର୍ ଏକ୍ ୟା ଦୋ ବାର୍କୋ ମେଁ ଦୀଜିଏ)
(ନିମ୍ନଲିଖ ପ୍ରଶ୍ନଗୁଡ଼ିକର ଉତ୍ତର ଗୋଟିଏ-ଦୁଇଟି ବାକ୍ୟରେ ଦିଅ : )
(क) देहरादून जेल की उस कोठरी में नेहरूजी लगभग कितने महीने रहे?
(ଦେହରାଦୂନ୍ ଜେଲ୍ କୀ ଉସ୍ କୋଠରୀ ମେଁ ନେହରୁଜୀ ଲଗଭଗ କି ମହୀନେ ରହେ ?)
(ଡେରାଡୁନ୍ ଜେଲ୍‌ର ସେହି କୋଠରୀରେ ପ୍ରାୟ କେତେ ମାସ ନେହେରୁ ରହିଲେ ?)
उत्तर:
देहरादून जेल की उस कोठरी में नेहरूजी लगभग साढ़े चौदह महीने रहे।

(ख) नेहरूजी जेल में क्या-क्या चीजें पहचानने लगे थे?
(ନେହରୂଜୀ ଜେଲ୍ ମେଁ କ୍ୟା-କ୍ୟା ଚିହେଁ ପହଚାନ୍‌ନେ ଲଗେ ଥେ ?)
(ନେହରୁ ଜେଲ୍‌ରେ କେଉଁ କେଉଁ ଦ୍ରବ୍ୟଗୁଡ଼ିକୁ ଚିହ୍ନି ପାରିଥିଲେ ?)
उत्तर:
नेहरूजी जेल में सफेद दीवारों, छत और कीड़ों द्वारा खाई हुई कड़ियों पर पड़ी हुई प्रत्येक रेखा और बिन्दु को पहचानने लगे थे।

(ग) जेल में दूसरे कार्यों से फुरसत होने के कारण नेहरूजी किसके अधिक निकट होते चले गए?
(ଜେଲ୍ ମେଁ ଦୂସ୍‌ରେ କାର୍ୟ୍ଯା ସେ ଫୁରସତ ହୋନେ କେ କାରଣ ନେହରୁଜୀ କିସ୍‌ ଅଧ୍ଵ ନିକଟ୍ ହୋତେ ଚଲେ ଗଏ ?)
(ଜେଲ୍‌ରେ ଅନ୍ୟ କାମରୁ ଫାଙ୍କା ହେବାରୁ ନେହୁର୍ କାହାର ଅତି ନିକଟ ହୋଇଗଲେ ?)
उत्तर:
जेल में दूसरे कार्यो से फुरसत होने के कारण नेहरूजी प्रकृति के अधिक निकट होते चले गए।

(घ) किससे नेहरूजी को निरंतर युद्ध करना पड़ता था?
(କିସ୍‌ ନେହରୁଜୀ କୋ ନିରନ୍ତର୍ ୟୁଦ୍ଧ କର୍‌ନା ପଡ଼ୁତା ଥା ?)
(କେଉଁମାନଙ୍କ ସହିତ ନେହରୁଙ୍କୁ ସର୍ବଦା ଯୁଦ୍ଧ କରିବାକୁ ପଡ଼ିଥିଲା?)
उत्तर:
खटमलों, मच्छरों और मक्खियों से नेहरूजी को निरन्तर युद्ध करना पड़ता था।

(ङ) नेहरूजी को किसकी अठखेलियाँ देखने में बड़ा आनन्द आता था?
(ନେହରୁଜୀ କୋ କିସ୍‌ ଅଷ୍ଟ୍ରେଲିୟାଁ ଦେଖେ ମେଁ ବଡ଼ା ଆନନ୍ଦ ଆତା ଥା ?)
(ନେହେରୁଙ୍କୁ କାହାର ଖେଳକୁଦ ଦେଖିବାରେ ବଡ଼ ଆନନ୍ଦ ମିଳୁଥିଲା ?)
उत्तर:
नेहरूजी को गिलहरियों की अठखेलियाँ देखने में बड़ा आनन्द आता था।

(च) नेहरूजी लखनऊ जेल में घंटों बैठे क्या करते थे?
(ନେହରୁଜୀ ଲଖନଉ ଜେଲ୍ ମେଁ ଘଂଟୋ ବୈଠେ କ୍ୟା କର୍‌ତେ ଥେ ?)
(ନେହେରୁ ଲକ୍ଷ୍ନୌ ଜେଲ୍‌ରେ ଘଣ୍ଟା ଘଣ୍ଟା ବସି କ’ଣ କରୁଥିଲେ ?)
उत्तर:
नेहरूजी लखनऊ जेल में घंटो बैठे पढ़ाई-लिखाई करते थे।

(छ) गिलहरियों के बच्चे पेड़ की टहनी से नीचे गिर जाने पर उनकी माताएँ क्या करती थीं?
(ଗିରିର୍ଡୋ କେ ବଢେ ପେଡ୍ କୀ ଟହନୀ ସେ ନୀଚେ ଗିର୍ ଜାନେ ପର୍ ଉକୀ ମାତାଏଁ କ୍ୟା)
(ଗୁଣ୍ଡୁଚିମୂଷା ଛୁଆ ଗଛର ତଳକୁ ଖସିପଡ଼ିଲେ ତାଙ୍କର ମାଆମାନେ କ’ଣ କରୁଥିଲେ ?)
उत्तर:
गिलहरियों के बच्चे पेड़ की टहनी से नीचे गिर जाने पर उनकी माताएँ उनके पीछे दौड़ी हुई आती और उन्हें गेंद की तरह अपने मुँह में दबाकर सुरक्षित स्थान पर ले जाती थीं।

(ज) नेहरूजी किसलिए चिंतित होने लगे?
(ନେହେରୁ ଲକ୍ଷ୍ନୌ ଜେଲ୍‌ରେ ଘଣ୍ଟା ଘଣ୍ଟା ବସି କ’ଣ କରୁଥିଲେ ?)
(ନେହୁର କେଉଁଥପାଇଁ ଚିନ୍ତିତ ହୋଇଗଲେ ?)
उत्तर:
नेहरूजी इसलिए चिन्तित होने लगे कि संध्या हो गई, माँ गिलहरी आती नहीं, नन्हे गिलहरी को कैसे जीवित रखा जाएगा।

(झ) कौन गिलहरी के बच्चे को उठाकर नेहरूजी की कोठरी में ले आया?
(କୌନ୍ ଗିରୀ କେ ବଢେ କୋ ଉଠାକର୍ ନେହରୁଜୀ କୀ କୋଠରୀ ମେଁ ଲେ ଆୟା ?)
(କିଏ ଗୁଣ୍ଡୁଚିମୂଷାର ଛୁଆମାନଙ୍କୁ ଉଠାଇ ଆଣି ନେହେରୁଙ୍କ କୋଠରୀକୁ ନେଇ ଆସିଲା ?)
उत्तर:
कैदी गिलहरी के बच्चे को उठाकर नेहरूजी की कोठरी में ले आया।

(ञ) पांडेजी आते ही गिलहरी के बच्चों के बारे में क्या बोले ?
ପାଣ୍ଡେଜୀ ଆତେ ହୀ ଗିରୀ କେ ବର୍ଡୋ କେ ବାରେ ମେଁ କ୍ୟା ବୋଲେ ?
(ପାଣ୍ଡେଜୀ ଆସୁ ଆସୁ ଗୁଣ୍ଡୁଚିମୂଷା ଛୁଆମାନଙ୍କ ସମ୍ବନ୍ଧରେ କ’ଣ କହିଲେ ?)
उत्तर:
पांडेजी आते ही गिलहरी के बच्चों के बारे में यह बोले, “ये बच्चे तो बहुत ही छोटे हैं, न तो ये पत्ते चबा सकते हैं और न ही इन्हें रोटी का चूरा कर खिलाया जा सकता है, कैसे जीवित रखा जाएगा इन्हें?”

(ट) जेल में किनका पालन-पोषण करना कठिन समस्या हो गई थी?
ଜେଲ୍ ମେଁ କିନ୍‌ ପାଲନ୍-ପୋଷଣ କର୍‌ନା କଠିନ୍ ସମସ୍ୟା ହୋ ଗଈ ଥୀ ?)
(ଜେଲ୍‌ରେ କାହାର ପାଳନ-ପୋଷଣ କରିବା କଠିନ ସମସ୍ୟା ହୋଇଯାଇଥିଲା ?)
उत्तर:
जेल में नन्हा गिलहरी का पालन-पोषण करना कठिन समस्या हो गई थी।

(ठ) गिलहरी के बच्चे के बारे में सब क्यों परेशान थे?
(ଗିହରୀ କେ ବଢେ କେ ବାରେ ମେଁ ସବ୍ କେଁ ପରେସାନ୍ ଥେ ?)
(ଗୁଣ୍ଡୁଚିମୂଷା ଛୁଆମାନଙ୍କ ସମ୍ବନ୍ଧରେ ସମସ୍ତେ କାହିଁକି ଚିନ୍ତିତ ଥିଲେ ?)
उत्तर:
गिलहरी के बच्चे के बारे में सब इसलिए परेशान थे कि जल्दी ही दूध न पिलाया गया तो ये बेचारे मर जाएँगे।

(ड) नेहरूजी की कोठरी में किसने अपना घोंसला बना रखा था?
(ନେହରୁଜୀ କୀ କୋଠରୀ ମେଁ କିସ୍‌ ଅପୂନା ଘୋସ୍‌ଲା ବନା ରଖା ଥା ?)
(ନେହେରୁଙ୍କ କୋଠରୀରେ କିଏ ସେ ନିଜର ବସା (ଘର) ବାନ୍ଧି ରଖୁଲା ?)
उत्तर:
नेहरूजी की कोठरी में मैना के एक जोड़े ने अपना घोंसला बना रखा था।

(ढ) अल्मोड़ा जेल में नेहरूजी को क्या सुनकर बड़ा आनन्द आता था?
(ଅଲ୍‌ମୋଡ଼ା ଜେଲ୍ ମେଁ ନେହରୁଜୀ କୋ କ୍ୟା ସୁନ୍କର୍ ବଡ଼ ଆନନ୍ଦ ଆତା ଥା ?)
(ଅଲ୍‌ମୋଡ଼ା ଜେଲ୍‌ରେ ନେହୁରଙ୍କୁ କ’ଣ ଶୁଣି ବଡ଼ ଆନନ୍ଦ ଆସୁଥୁଲା ?)
उत्तर:
अल्मोड़ा जेल में नेहरूजी को मैना के जोड़े की चिल्लाहट सुनकर बड़ा आनन्द आता था।

(ण) बरेली जेल में क्या देखने योग्य थीं?
(ବରେଲୀ ଜେଲ୍ ମେଁ କ୍ୟା ଦେଖୁନେ ୟୋଗ୍ଯ ର୍ଥୀ ?)
(ବରେଲୀ ଜେଲ୍ ମେଁ କ’ଣ ଦେଖିବା ଯୋଗ୍ୟଥିଲା ?)
उत्तर:
बरेली जेल में बन्दरों की किस्में देखने योग्य थीं।

(त) भीड़ पर किसने सीधा आक्रमण किया?
(ଭୀଡ୍ ପର୍ କିସ୍‌ ସୀଧା ଆକ୍ରମଣ୍ କିୟା ?)
(ଭିଡ଼ ଉପରେ କିଏ ସେ ସିଧା ଆକ୍ରମଣ କଲା ?)
उत्तर:
भीड़ पर बड़ा और मोटा बन्दर सीधा आक्रमण किया।

(थ) नेहरूजी ने अपनी कोठरी में किसकी तलाश की?
(ନେହରୁଜୀ ନେ ଅପ୍‌ନୀ କୋଠରୀ ମେଁ କିସ୍‌କୀ ତଲାସ୍ କୀ ?)
(ନେହେରୁ କୋଠରୀରେ କାହାକୁ ଖୋଜିଲେ ?)
उत्तर:
नेहरूजी ने अपनी कोठरी में बिच्छू की तलाश की।

(द) साँप के बारे में नेहरूजी के मन में क्या विचार थे ?
(ସାଁପ୍ କେ ବାରେ ମେଁ ନେହରୁଜୀ କେ ମନ୍ ମେଁ କ୍ୟା ବିଚାର୍ ଥେ ?)
(ସର୍ପ ସମ୍ବନ୍ଧରେ ନେହେରୁଙ୍କ ମନରେ କ’ଣ ବିଚାର ଥିଲା ?)
उत्तर:
साँप के बारे में नेहरूजी के मन में यह विचार थे कि काटे जाने से डरना और उससे अपनी रक्षा करना परन्तु हृदय में किसी प्रकार का भय नहीं होता ।

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3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखिए।
(ନିମ୍ନଲିଖ୍ ତ୍ ପ୍ରଶ୍ନଲୋକ ଡତ୍ତର ସହା ବିକଚ୍ଚର୍ ଲିଖ୍ଏ)
(ନିମ୍ନଲିଖ ପ୍ରଶ୍ନଗୁଡ଼ିକର ଉତ୍ତର ସଠିକ୍ ବିକଳ୍ପ ବାଛି ଲେଖ ।)
(क) यह निबन्ध किसकी आत्मकथा का अंश है?
(i) महात्मागांधी
(ii) जवाहरलाल नेहरू
(iii) लोकमान्य लिलक
(iv) स्वामी विवेकानन्द
उत्तर:
(ii) जवाहरलाल नेहरू

(ख) जेल में दूसरे कार्यों से फुरसत होने के कारण लेखक किसके अधिक निकट होता था?
(i) प्रकृति
(ii) सूर्य
(iii) अमीर आदमी
(iv) जेल के अधिकारी
उत्तर:
(i) प्रकृति

(ग) गिलहरियों का कौन-सा काम देखकर लेखक को बड़ा आनंद आता था?
(i) दौड़ना
(ii) सोना
(iii) खेलना
(iv) अठखेलियाँ
उत्तर:
(iv) अठखेलियाँ

(घ) लखनऊ जेल में एक गिलहरी लेखक के पैरों पर चढ़कर कहाँ बैठती थी?
(i) सिर
(ii) गोद
(iii) हाथ
(iv) कान
उत्तर:
(ii) गोद

(ङ) क्षणभर में जेलर हाथ में क्या लाए ?
(i) स्याही
(ii) रोटी
(iii) हाथ
(iv) रुई
उत्तर:
(iv) रुई

(च) गिलहरी के बच्चों ने चूस चूसकर क्या पिया?
(i) पानी
(ii) दूध
(iii) दही
(iv) लस्सी
उत्तर:
(ii) दूध

(छ) अलमोड़ा जेल में नेहरूजी की कोठरी में किसका एक जोड़ा था?
(i) कबूतर
(ii) मैना
(ii) मैना
(iii) तोता
(iv) कौआ
उत्तर:
(ii) मैना

(ज) देहरादून जेल में सैकड़ों प्रकार की क्या थीं?
(i) मैना
(ii) तोता
(iii) चिड़ियाँ
(iv) गिलहरी
उत्तर:
(iii) चिड़ियाँ

(झ) बरेली जेल में किसकी विजय हुई?
(i) बहादूरी
(ii) साहस
(iii) कायरता
(iv) दुर्बलता
उत्तर:
(ii) साहस

(अ) बरेली जेल की कोठरियों में अक्सर क्या घूमा करते थे?
(i) साँप
(ii) बिच्छू
(iii) बन्दर
(iv) चूहे
उत्तर:
(ii) बिच्छू

(ट) लेखक को भिन्न-भिन्न जेलों में क्यों रहना पड़ा?
(i) उनके लेख आपत्तिजनक थे।
(ii) उनके पास रहने का कोई घर नहीं था।
(iii) वे जेलों के जीवन का अध्ययन कर रहे थे।
(iv) वे अंग्रेजो के विरुद्ध थे।
उत्तर:
(iv) वे अंग्रेजो के विरुद्ध थे।

(ठ) लेखक के अनुसार जेल का जीवन कैसा होता है?
(i) आनंदित करनेवाला
(ii) विविधतापूर्ण
(iii) मौज-मस्ती भरा
(iv) प्रतिदिन एक-सा
उत्तर:
(iv) प्रतिदिन एक-सा

(ड) लेखक का जेल की कोठरियों में मिले जीवों से कैसा संबंध नहीं था?
(i) सद्भावनापूर्ण
(ii) प्रेमपूर्ण
(iii) मित्रता का
(iv) भय का
उत्तर:
(iv) भय का

भाषा-ज्ञान (ଭାଷା-ଜ୍ଞାନ)

उदाहरण के अनुसार वचन बदलिए । ( प्रश्न सहित उत्तर)
(ବାହରଣ କେ ଅନୁସାର୍ ବଚନ୍‌ ଚତ୍ ଲିଏ)

एकवचन बहुवचन बचन का कारक/विभक्ति सहित रूप
गिलहरी गिलहरियाँ गिलहरियों ने
मक्खी मक्खियाँ मक्खियों के
कोठरी कोठरियाँ कोठरियों में
दीवार दीवरों दीवारों पर
आँख आँखे आँखों में
माता माताएँ माताओं को
रेखा रेखाएँ रेखाओं में
बोतल बोतले बोतलों में
कीड़ा कीड़े कीडों ने
बच्चा बच्चे बच्चों को
चिड़िया चिड़ियाँ चिडियों ने
रस्सी रस्सियाँ रस्सियों से
महीना महिने महिनों में
बरामदा बरामदे बरामदो पर
रोटी रोटियाँ रोटियों से

 

2.  सुबह पक्षी घोंसले से बाहर निकलते हैं।
शाम को गायें घर लौटती हैं।
उपर के वाक्यों में सुबह का विलोम/विपरीत शब्द शाम है। उसी प्रकार बाहर का विलोम/विपरीत शब्द घर है। उदाहरण के अनुसार निम्नलिखित के विलोम विपरीत रूप लिखिए :
दूर, अपरिचित, शान्ति, पास, अपना, स्वतंत्र, देर, सरल, असुरक्षित, ऊपर, भरा, बड़ा, अनेक, कठोर, पालतू, सीधा
उत्तर:
दूर – पास

अपरिचित – परिचित

शान्ति – अशान्ति

पास – दूर

अपना – पराया

स्वतंत्र – परतंत्र

देर – शीघ्र

सरल – जटिल

असुरक्षित – सुरक्षित

ऊपर – नीचे

भरा – शून्य / खाली

बड़ा – छोटा

अनेक – एक

कठोर – कोमल

पालतू – आजाद / हिंस्र

सीधा – उलटा

3. पेड़ के नीचे नेहरूजी बैठे हैं।
गिलहरी मुँह की ओर देखने लगती।
कोठरी के अंदर साँप घुस आया।
ऊपर के वाक्यों में ‘के नीचे’, ‘की ओर’, ‘के अंदर’ शब्द पेड़, गिलहरी, कोठरी के साथ आए हैं। ये शब्द क्रमश : नेहरूजी, मुँह, साँप से इनका संबंध बता रहे हैं। जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम के साथ लगकर उनका संबंध वाक्य के अन्य शब्दों के साथ बताएँ, वे संबंधबोधक अव्यय कहलाते हैं। सामान्य रूप से ‘के’ से संबंधबोधक शब्दों की पहचान की जा सकती है। कुछ संबंधबोधक शब्द : के आगे, के पीछे, के बाहर, के सामने, के बहाने, के विपरीत, के मार्फत, की और, की तरह, की भाँति आदि।

अति संक्षिप्त उत्तरमूलक प्रश्नोत्तर

A. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में दीजिए।

प्रश्न 1.
स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री कौन थे?
उत्तर:
स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू थे।

प्रश्न 2.
अपने जेल – जीवन के दौरान नेहरू जी ने क्या किया?
उत्तर:
अपने जेल जीवन के दौरान नेहरू जी ने आस-पास पाये जानेवाले जीव-जंतुओं का अच्छा अध्ययन किया।

प्रश्न 3.
जेल में रहते समय नेहरू जी को किस किससे निरंतर युद्ध करना पड़ता था?
उत्तर:
जेल में रहते समय नेहरू जी को खटमलों, मच्छरों और मक्खियों से निरंतर युद्ध करना पड़ता था।

प्रश्न 4.
नेहरू जी को क्या देखने में आंनद आता था?
उत्तर:
नेहरु जी को गिलहरियों की अठखेलियाँ देखने में आनंद आता था।

प्रश्न 5.
हजारों तोते कौन से जेल में थे?
उत्तर:
नैनी जेल में हजारों तोते थे।

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प्रश्न 6.
कबूतर कौन से जेल में नहीं थे?
उत्तर:
अलमोड़ा जल में कबूतर नहीं थे।

प्रश्न 7.
नेहरू जी कौन-कौन से जेल में रहे?
उत्तर:
नेहरू जी देहरादून, लखनऊ, अलमोड़ा, नैनी और बरेली के जेल में रहे।

प्रश्न 8.
देहारदून जेल में नेहरू जी कितने महीने रहे?
उत्तर:
देहरादून जेल में नेहरू जी लगभग साढ़े चौदह महीने रहे।

प्रश्न 9.
नेहरू जी की कोठरी में किसने अपना घोंसला बना रखा था?
उत्तर:
नेहरू जी को कोठरी में मैना के एक जोड़े ने अपना घोंसला बना रखा था।

प्रश्न 10.
गिलहरियों का कौन सा काम देखकर नेहरू जी को बड़ा आनंद आता था?
उत्तर:
गिलहरियों का अठखेलियाँ देखकर नेहरू जी को बड़ा आनंद आता था।

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प्रश्न 11.
बेरली जेल की कोठरियों में अकसर क्या घूमा करते थे?
उत्तर:
बेरली जेल की कोठरियों में अक्सर विच्छू घूमा करते थे।

प्रश्न 12.
लेखक के अनुसार जेल का जीवन कैसा होता है?
उत्तर:
लेखक के अनुसार जेल का जीवन प्रतिदिन एक-सा हाता है।

प्रश्न 13.
नेहरू जी जेल में क्या-क्या चीजें पहचानने लगे थे?
उत्तर:
नेहरू जी जेल में सफेद दीवारें, छत और कीडोद्वारा खाई हुई कड़ियों पर पड़ी हूई प्रत्येक रेखा और विंदु को पहचानने लगे थे।

प्रश्न 14.
नेहरू जी लखनऊ जेल में घंटो बैठे क्या करते थे?
उत्तर:
नेहरू जी लखनऊ जेल में बिना हिले-डुले घंटो बैठे पढ़ा- -लिखा करते थे।

प्रश्न 15.
नेहरू जी किसलिए चिंतित होने लगे?
उत्तर:
रात होने परभी माँ गिलहरी अपने बच्चों को लेने न आने पर नेहरू जी चिंतित होने लगे।

B. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक शब्द में दीजिए।

प्रश्न 1.
कौन गिलहरी के बच्चे को उठाकर नेहरूजी की कोठरी में ले आया?
उत्तर:
कैदी

प्रश्न 2.
स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधान मंत्री कौन थे?
उत्तर:
जवाहरलाल नेहरु

प्रश्न 3.
किसकी आत्मकथा का अंश है ‘जेल में मेरे मित्र’?
उत्तर:
जवाहरलाल नेहेरु

प्रश्न 4.
क्षणभर में जेलर हाथ में क्या लाए?
उत्तर:
रूई

प्रश्न 5.
चूस चूसकर गिलहरी के बच्चों ने क्या पिया?
उत्तर:
दूध

प्रश्न 6.
बरेली जेल में किसकी विजय हुई?
उत्तर:
साहस

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प्रश्न 7.
बरेली जेल में अक्सर कोठरियों में क्या घूमा करते थे?
उत्तर:
विच्छू

प्रश्न 8.
नेहरु को भिन्न-भिन्न जेलो में क्यों रहना पड़ा?
उत्तर:
वे अंगरेजों के विरुद्ध थे

प्रश्न 9.
नेहरु के अनुसार जेल का जीवन कैसा होता है?
उत्तर:
विविधतापूर्ण

प्रश्न 10.
किससे नेहरूजी को निरंतर युद्ध करना पड़ता था?
उत्तर:
खटमलों, मच्छरों और मक्खियों

प्रश्न 11.
नेहरूजी को किसकी अठखेलियाँ देखने में बड़ा आनंद आता था?
उत्तर:
गिलहरियों के झुंड़

प्रश्न 12.
नेहरूजी किसलिए चिंतित होने लगे?
उत्तर:
गिलहरी के न आने से

प्रश्न 13.
कौन क्षणभर में हाथ में रुई लाए?
उत्तर:
जेलर

प्रश्न 14.
जेल में गिलहरी का क्या करना कठिन समस्या हो गई थी?
उत्तर:
पालन-पोषण

प्रश्न 15.
अल्मोड़ा जेल में किसकी कोठरी में मैना का एक जोड़ा था
उत्तर:
नेहरूजी की

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प्रश्न 16.
किस जेल में हजारों तोते थे?
उत्तर:
नैनी

प्रश्न 17.
किस जेल की कोठरी में नेहरूजी लगभग साढ़े चौदह महीने रहे?
उत्तर:
देहरादून

प्रश्न 18.
लेखक का जेल की कोठरियों में मिले जीवों से कैसा संबंध नहीं था?
उत्तर:
भय

प्रश्न 19.
जेल में दूसरे कार्यों से फुरसत होने के कारण लेखक किसके अधिक निकट होता था?
उत्तर:
प्रकृति

प्रश्न 20.
लखनऊ जेल में एक गिलहरी लेखक के पैरों पर चढ़कर कहाँ बैठती थी?
उत्तर:
गोद

प्रश्न 21.
देहरादून जेल में सैकड़ों प्रकार की क्या थी?
उत्तर: चिड़ियाँ

प्रश्न 22.
गिलहरियों का कौन-सा काम देखकर लेखक को बड़ा आनन्द आता था?
उं-
अठखेलियाँ

प्रश्न 23.
नेहरूजी को अपनी कोठरी में किसकी तलाश थी?
उत्तर:
एक बिच्छू

प्रश्न 24.
भीड़ पर किसने सीधा आक्रमण किया?
उत्तर:
एक मोटे बंदर

C. रिक्तस्थानों को भरिए।

प्रश्न 1.
नेहरूजी ………………. जेल में पढ़ा लिखा करते थे।
उत्तर:
लखनऊ

प्रश्न 2.
कबूतर …………….. जेल में नहीं थे।
उत्तर:
अलमोड़ा

प्रश्न 3.
हजारों तोते …………….. जेल में थे।
उत्तर:
नैनी

प्रश्न 4.
देहरादून जेल में नेहरु जी ……………….. महीने रहे।
उत्तर:
साढ़े चौदह

प्रश्न 5.
रामप्रसादजी ………………… ।
उत्तर:
जेलर

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प्रश्न 6.
……………… से नेहरुजी को निरंतर युद्ध करना पड़ता था।(मच्छरों और मक्खियों, विच्छूू बन्दर, साँप)
उत्तर:
मच्छरों और मक्खियों

प्रश्न 7.
बड़ा बन्दर बच्चे को छुड़ाकर ……………….. के साथ ले गया।
उत्तर:
शान

प्रश्न 8.
“जेल में मेरे मित्र” यह निबंध …………………. ने लिखा है।
उत्तर:
पं. जवाहरलाल नेहेरु

प्रश्न 9.
लेखक जेल में दूसरे कार्यों से फुरसत होने के कारण ……………… के अधिक निकट होता था।
उत्तर:
प्रकृति

प्रश्न 10.
गिलहरियों का …………….. सा काम देखकर लेखक को बड़ा आनंद आता था।
उत्तर:
अठखेलियाँ

प्रश्न 11.
एक गिलहरी लेखक के पैरों पर चढ़कर ………………. बैठती थी।
उत्तर:
गोद

प्रश्न 12.
नेहरुजी की कोठरी में अलमोड़ा जेल में ……………….. का एक जोड़ा था।
उत्तर:
मैना

प्रश्न 13.
सैंकड़ों प्रकार की देहरादून जेल में ……………….. थी।
उत्तर:
चिड़ियाँ

प्रश्न 14.
नेहरुजी का जेल की कोठरियों में मिले जीवों से ……………… संबंध नहीं था।
उत्तर:
भय का

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प्रश्न 15.
नेहरुजी लखनऊ जेल में घंटों बैठे ………………….. करते थे।
उत्तर:
पढ़ते-लिखते

प्रश्न 16.
…………………… जेल में सैंकड़ों प्रकार की मैना थी?
उत्तर:
देहरादून

प्रश्न 17.
जेलर गिलहरी के बच्चे को उठाकर ……………………… की कोठरी में ले गये।
उत्तर:
नेहरू

प्रश्न 18.
………………… जेल की कोठरियों में अक्सर बिच्छु घुमा करते थे।
उत्तर:
नैनी

प्रश्न 19.
जेल में ………………. का पालन-पोषण करना कठिन समस्या हो गई थी।
उत्तर:
गिलहरी का

प्रश्न 20.
मैं उनसे किसी प्रकार की……………….. करता।
उत्तर:
छेड़छाड़

प्रश्न 21.
लेखक उन बच्चों को देखा तो ……………… हो गया।
उत्तर:
निश्चित

प्रश्न 22.
नैनी जेल में हजारों ……………… थे।
उत्तर:
तोते

D. सही उत्तर चुनिए।

1. ‘जेल में मेरे मित्र’ पाठ के लेखक हैं।
(A) महात्मागाँधी
(B) जवाहरलाल नेहरू
(C) लोकमान्य
(D) विवेकानंद
उत्तर:
(B) जवाहरलाल नेहरू

2. स्वतंत्र, भारत के प्रथम प्रधानमंत्री थे।
(A) जवाहरलाल नेहरू
(B) राजेन्द्रप्रसाद
(C) लालबहादूर शास्त्री
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(A) जवाहरलाल नेहरू

3. नेहरू जी देहरादून जेल में कितने महीने रहे?
(A) चौदह
(B) साढ़े चौदह
(C) बारह
(D) तेरह
उत्तर:
(B) साढ़े चौदह

4. वृक्षों के पास किसके झुंड़ के झुंड़ घूमते रहते थे?
(A) कबूतर
(B) तोते
(C) गिलहरी
(D) परिदे
उत्तर:
(C) गिलहरी

5. जेल में फुरसत होने से लेखक किसके निकट होने लगे ?
(A) पशु
(B) पक्षी
(C) जीव
(D) प्रकृति
उत्तर:
(D) प्रकृति

6. गिलहरयों का क्या देखकर लेखक को आनंद आता था?
(A) दौड़ना
(B) भागना
(C) लुकाछिपी
(D) अठखेलियाँ
उत्तर:
(D) अठखेलियाँ

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7. लेखक लखनऊ जेल में घटों बैठकर क्या करते थे?
(A) पढ़ार्स-लिखाई
(B) सोते
(C) कसरत
(D) आनंद लेते थे
उत्तर:
(A) पढ़ार्स-लिखाई

8. लखनऊ जेल के जेलर थे?
(A) पंडित जी
(B) रामप्रसाद
(C) हरि प्रसाद
(D) अतिबल सिं
उत्तर:
(B) रामप्रसाद

9. गिलहरी के बच्चे को किससे दूध पिलाया गया?
(A) हाथ
(B) बोतल
(C) बाल्टी
(D) रूई
उत्तर:
(D) रूई

10. गिलहरी लेखक के पैरों पर चढ़कर कहाँ बैठती थी?
(A) सिर
(B) गोद
(C) हाथ
(D) सर
उत्तर:
(B) गोद

11. रामप्रसादने क्षण भर में क्या लाया?
(A) दाना
(B) यारा
(C) पानी
(D) रूई
उत्तर:
(D) रूई

12. बरेली जेल में क्या देखने योग्य थी?
(A) बंदरों का किस्मे
(B) बंदरों का नृत्य
(C) बंदरों का उत्पात
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(A) बंदरों का किस्मे

13. किसने भीड़ पर सीधा आक्रमण किया?
(A) तोता
(B) साँप
(C) कौवा
(D) बंदर
उत्तर:
(D) बंदर

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14. गिलहरी के बच्चे ने चूस-यूस कर क्या पिया?
(A) पानी
(B) दूध
(C) दही
(D) लस्सी
उत्तर:
(B) दूध

15. देहरादून जेल में सौकड़ों प्रकार की क्या थी?
(A) मैना
(B) चिड़ियाँ
(C) तोता
(D) गिलहरी
उत्तर:
(B) चिड़ियाँ

16. बरेली जेल की कोठरियों में अकसर क्या धूमा करते थे?
(A) साँप
(B) बंदर
(C) बिच्छू
(D) चूहे
उत्तर:
(C) बिच्छू

17. नेहरूजी ने कितने गिलहरियों की खान बचाई?
(A) एक
(B) दो
(C) तीन
(D) चार
उत्तर:
(C) तीन

18. किसके मिलने की खबर समाचार-पत्रों में छप गई थी?
(A) साँप
(B) गिलहरी
(C) मैना
(D) बिच्छू
उत्तर:
(A) साँप

19. नैनी जेल में हजारों की तादाद में क्या थे?
(A) तोते
(B) साँप
(C) मैना
(D) कबूतर
उत्तर:
(A) तोते

20. किस जेल में कोयल की कूकने की आवाज सुनाई पड़ती?
(A) बरेली
(B) देहरादून
(C) लखनऊ
(D) अलमोड़ा
उत्तर:
(B) देहरादून

1. मैं देहरादून …………………….. पड़ता था।
ମୈ ଦେହରାଦୂନ୍ ଜେଲ୍ କୀ ଉସ୍ କୋଠରୀ ମେଁ ଲଗ୍‌ଭଗ୍ ସାଢ଼େ ଚୌହ ମହୀନେ ରହା । ମୁଝେ ଲଗ୍‌ ଲଗା କି ଜୈସ୍ ୟହ ମେରା ହୀ ଘର୍ ହୋ । ମେଁ ଉଲ୍‌ କୋନେ-କୋନେ ସେ ପରିଚିତ୍ ହୋ ଗୟା । ସଫେଦ୍ ଦୀୱାର୍ଡୋ, ଛତ୍ ଔର୍ କୀର୍ଡୋ ଦ୍ଵାରା ଖାଈ ହୁଈ କଡ଼ିୟୌ ପର୍ ପଡ଼ି ହୁଈ ପ୍ରତ୍ୟେକ୍ ରେଖା ଔର୍ ବିନ୍ଦୁ କୋ ମେଁ ପହଚାନେ ଲଗା ଥା । ଜେଲ୍ ମେଁ ଦୂସ୍‌ରେ କାର୍ଲୋ ସେ ଫୁରସତ୍ ହୋନେ କେ କାରଣ୍ ହମ୍ ପ୍ରକୃତି କେ ଅଧ‌ିକ ନିକଟ୍ ହୋତେ ଚଲେ ଗଏ । ଅପନେ ସାମ୍‌ ଆନେ-ଜାନେୱାଲେ ଜାନ୍ୱର୍ରେ ଔର୍ କୀର୍ଡୋ କୋ ହମ୍ ବଡ଼େ ଧାନ୍ ସେ ଦେଖୁ ଥେ ।

ମୈନେ ଅନୁଭବ୍ କିୟା କି ମେରୀ ୟହ ଶିକାୟତ୍ ଉଚିତ୍ ନ ଥୀ କୀ ମେରା ଆଗନ୍ ସୂନା ଔର୍ ଉଡ଼ା ହୁଆ ହୈ । ମୈନେ ପାୟା କି ଵହ ତୋ ଜୀର୍ଥେ ସେ ଭରା ହୁଆ ଥା । ୟେ ସବ୍ ରେଙ୍ଗନେ, ଫିସଲ୍‌କର୍ ଚଲ୍‌ନେ ଔର୍ ଉନେୱାଲେ କୀଡ଼େ-ମକୋଡ଼େ ମେରେ ଦୈନିକ ଜୀୱନ୍ ମେଁ ବିନା କିସୀ ପ୍ରକାର୍ କୀ ଛେଉଛାଡ଼୍ କିଏ ହୁଏ ରହ୍ ରହେ ଥେ । ଐସା କୋଈ କାରଣ୍ ନ ଥା କି ମେଁ ଉନ୍ ସେ କିସୀ ପ୍ରକାର୍ କୀ ଛେଛାଡ଼ କର୍‌ତା । ହଁ, ଖର୍ଲୋ, ମଜୁର୍ଭୋ ଔର୍ ମକ୍ଷିୟାଁ ସେ ମୁଝେ ନିରନ୍ତର୍ ୟୁଦ୍ଧ କର୍‌ନା ପଡ଼ତା ଥା ।

ଅନୁବାଦ:
ମୁଁ ଡେରାଡୁନ କାରଗାରର ସେହି କୋଠରିରେ ପ୍ରାୟ ସାଢ଼େ ଚାଉଦ ମାସ ରହିଥୁଲି । ମୋତେ ଲାଗୁଥିଲା ଯେ ଏଇଟା ମୋ ଘର । ମୁଁ ତାହାର କୋଣ-କୋଣରେ ପରିଚିତ ହୋଇଗଲି । ଧଳା କାନ୍ଥଗୁଡ଼ିକ, ଛାତ ଓ କୀଟଙ୍କଦ୍ବାରା ନଷ୍ଟ ହୋଇଥିବା କଡ଼ା ଉପରେ ପଡ଼ିଥିବା ପ୍ରତ୍ୟେକ ରେଖା ଓ ବିନ୍ଦୁକୁ ମୁଁ ଚିହ୍ନିପାରୁଥିଲି । କାରାଗାରରେ ଅନ୍ୟ କାର୍ଯ୍ୟଗୁଡ଼ିକରୁ ସମୟ ପାଇବାରୁ ମୁଁ ପ୍ରକୃତିର ଅଧ୍ଵକ ନିକଟତର ହୋଇଗଲି । ମୋ ସମ୍ମୁଖରେ ଆସିବା ଯିବା କରୁଥିବା ପଶୁ ଓ କୀଟଗୁଡ଼ିକୁ ମୁଁ ଧାନରେ ଦେଖୁଥୁଲି।

ମୁଁ ଅନୁଭବ କଲି କି ମୋର ଏହି ଅଭିଯୋଗ ଉଚିତ ନଥୁଲା ଯେ ମୋର ଅଗଣା ଶୂନ୍ୟ ଓ ଉଜୁଡ଼ି ଯାଇଛି । ଏହା ଜୀବମାନଙ୍କଦ୍ଵାରା ଭରି ହୋଇଥ‌ିବା ମୁଁ ପାଇଲି । ଏ ସବୁ ଧୀର ଚାଲି, ଖସଡ଼ା ଚାଲି ଓ ଉଡ଼ନ୍ତା କୀଟ-ପତଙ୍ଗମାନେ ମୋର ଦୈନନ୍ଦିନ ଜୀବନକୁ କୌଣସି ପ୍ରକାର ହଇରାଣ ନକରି ରହିଆସୁଥିଲେ। ଏପରି କୌଣସି କାରଣ ନଥୁଲା ଯେ ମୁଁ ତାଙ୍କ ସହିତ କୌଣସି ପ୍ରକାରର ଥଟ୍ଟାମଜା କରିବି । ହଁ, ଓଡ଼ଶ, ମଶା ଓ ମାଛିଗୁଡ଼ିକ ସହିତ ମୋତେ ସର୍ବଦା ଯୁଦ୍ଧ କରିବାକୁ ପଡୁଥିଲ।

2. जहाँ ………………….. आनन्द आता।
ଜହାଁ ପର୍ ବୃକ୍ଷ୍ ଥେ, ୱର୍ଲା ଗିରିର୍ଡୋ କେ ଝୁଣ୍ଡ୍ କେ ଝୁଣ୍ଟ୍ ମଜେ ସେ ଘୂମ୍ ରହତେ । ଗିରିୟାଁ ବିଲ୍‌କୁଲ୍ ନ ଡର୍‌ର୍ତୀ ଔର୍ ସାହସପୂର୍ବକ୍ ହମାରେ ପାସ୍ ଆ ଜାତୀ ଥୀ । ୱେ ଇଧର୍ ସେ ଉଧର୍ ଭାଗ୍‌ର୍ତୀ ମାନେ, ଏକ-ଦୂସ୍‌ରୀ ସେ ଆଗେ ବଢ଼େନେ କା ଖେଲ୍ ଖେଲ୍ ରହୀ ହେଁ । ମୁଝେ ଉନ୍‌କୀ ଅଠଖେଲିୟାଁ ଦେଖନେ ମେଁ ବଡ଼ା ଆନନ୍ଦ ଆତା ।

ଅନୁବାଦ:
ଯେଉଁଠାରେ ବୃକ୍ଷ ଥିଲା, ସେଠାରେ ଗୁଣ୍ଡୁଚିମୂଷାଗୁଡ଼ିକ ଦଳକୁ ଦଳ ଆନନ୍ଦରେ ବୁଲୁଥିଲେ। ଆନନ୍ଦ ମିଳେ । ଗୁଣ୍ଡୁଚିମୂଷାଗୁଡ଼ିକ ଆଦୌ ଭୟ କରୁନଥିଲେ ଏବଂ ସାହସରେ ଆମ ପାଖକୁ ଆସୁଥିଲେ । ସେମାନେ ଏପଟ ସେପଟ ଦୌଡୁଥିଲେ ଯେପରି ଜଣେ ଅନ୍ୟ ଜଣଙ୍କଠାରୁ ଆଗକୁ ବଢ଼ିବାର ଖେଳ ଖେଳୁଛନ୍ତି । ମତେ ତାଙ୍କର ଖେଳକୁଦଗୁଡ଼ିକ ଦେଖିବାରେ ବହୁତ ଆନନ୍ଦ ମିଳେ।

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3. लखनऊ ……………… रखा था।
ଲଗ୍‌ନଊ ଜେଲ୍ କୀ ବାତ୍ ହୈ । ମେଁ ଘଣ୍ଟୋ ବିନା ହିଲେ-ଡୁଲେ ବୈଠା ପଢ଼ତା-ଲିଖ୍ ରହ । ଏକ୍ ଗିରୀ ମେରେ ପୌରୌ ପର୍ ଚଢୁକର୍ ଗୋଦ୍ ମେଁ ଆ ବୈଠ୍ତୀ ଥୀ ଔର୍ ମେରେ ମୁଁହ କୀ ଓର୍ ଦେଖୁନେ ଲଗ୍‌ ଥୀ । ୱହ ମେରୀ ଆଁଖେଁ କୀ ଓର୍ ଗୌର୍ ସେ ମେଁ ନନ୍ଦୀ ବତା ସକ୍‌ତା । ମେଁ ଦେଖ୍ତୀ ଥୀ ଔର୍ ଅନୁଭ କର୍‌ତୀ ଥୀ କି ମେଁ ବୃକ୍ଷ୍ ନହିଁ ହୁଁ । ୱହ ମୁଝେ କ୍ୟା ସମ ରହୀ, ଜରା-ସା ହିଲ୍‌ କି ୱହ ଭୟଭୀତ୍ ହୋକର୍ ଭାଗ୍ ଖଡ଼ି ହୋତୀ । କଭୀ-କଭୀ ଗିରିୟାଁ କେ ନୀଚେ ଗିର୍ ଜାତେ ଥେ । ଉନ୍‌କ୍‌ ମାର୍ତାଏ ଉକେ ପଛେ ଦୌଡ଼ୀ ହୁଈ ଆର୍ତୀ ଔର୍ ଉହେଁ ଗେନ୍ଦ୍ କୀ ତରହ ଅପ୍‌ନେ ମୁଁହ ମେଁ ଦବାକର୍ ସୁରକ୍ଷିତ୍ ସ୍ଥାନପର୍ ଲେ ଜାତୀ ଥୀ । କଭୀ-କଭୀ ବଳେ ଭୀ ଜାୟା କର୍‌ତେ ଥେ । ହମାରେ ଏକ୍ ସାଥୀ ନେ ଇସ୍ ପ୍ରକାର୍ ଗିଲ୍ହାରିର୍ଡୋ କେ ଖୋଏ ହୁଏ ତୀନ୍ ବର୍ଡୋ କୋ ଛୋଟେ ବଢେ ପେଡ଼େ ସେ ପାଲ୍ ରଖା ଥା ।

ଅନୁବାଦ;
ଲକ୍ଷ୍ନୌ ଜେଲ୍‌ର କଥା । ମୁଁ ଘଣ୍ଟକାଳ ବିନା ହଲଚଲରେ ପଢୁଥୁଲି ଓ ଲେଖୁଥୁଲି । ଗୋଟିଏ ଗୁଣ୍ଡୁଚିମୂଷା ମୋ ପାଦ ଉପରେ ଚଢ଼ି କୋଳରେ ଆସି ବସୁଥିଲା ଏବଂ ମୋ ମୁହଁକୁ ଚାହୁଁଥିଲା । ସେ ମୋର ଆଖୁ ଆଡ଼କୁ ଧାନର ସହିତ ଦେଖୁଥିଲା ଏବଂ ଅନୁଭବ କରୁଥୁଲା ଯେ ମୁଁ ଗଛ ନୁହେଁ । ସେ ମୋତେ କ’ଣ ଭାବୁଥିଲା ମୁଁ କହିପାରିବି ନାହିଁ । ମୁଁ ଟିକେ ହଲିଲେ ସେ ଭୟଭୀତ ହୋଇ ପଳାଇ ଯାଉଥିଲା । କେବେ କେବେ ନେଇ ଯାଉଥିଲେ । କେବେ କେବେ ଛୁଆମାନେ ହଜି ଯାଉଥିଲେ । ଆମର ଜଣେ ବନ୍ଧୁ ଏହିପରି ହଜିଯାଇଥିବା ତିନୋଟି ଗୁଣ୍ଡୁଚିମୂଷାର ଛୋଟ ଛୁଆ ଗଛରୁ ତଳକୁ ଖସି ପଡୁଥିଲେ।

4. एक दिन …………………. जाती हैं।
ଏକ୍ ଦିନ୍ ମୈନେ କୁଛ୍ ଶୋର୍ ସୁନା । ‘ହାୟ ! ୟେ ଗିରୀ କେ ନହ୍ନ-ନହ୍ନେ ବଢେ କର୍ମୀ ମର୍ ହୀ ନ ଜାଏଁ ।’’ ମେଁ ଉଧର୍ ଗୟା ତୋ ଦେଖା କୁଛ୍ କୈଦୀ ଖଡ଼େ ‘ଅରେ !’’ ‘ଆରେ !’’ ‘ହାୟ, ହାୟ !’’ କର୍ ରହେ ଥେ ! ମୈନେ ଉନ୍ ବର୍ଡୋ କୋ ଦେଖା ତୋ ନିଶ୍ଚିନ୍ତ ହୋ ଗୟା । ୱେ ଜୀବିତ୍ ଥେ । ମୈନେ କହା, ‘ତୁମ୍ ସବ୍ ଇନ୍ ବର୍ଡୋ ଘେରେ ଖଡ଼େ ହୋ, ଇନ୍‌କୀ ମାଁ ଇହେଁ ଲେନେ କୈସେ ଆ ସତ୍ତ୍ୱେ ହୈ ? ଚଲୋ, ହମ୍ ବରାମଦେ ମେଁ ବୈଠକର୍ ଦେଖ ହେଁ। ମୈନେ କୈଦିୟୋ କୋ ବତାୟା କି ମେଁ ରୋଜ୍ ଇନ୍ ଗିରିୟୈ କୋ ଦେଖତା ହୁଁ । କଈ ବାର୍ ଇନ୍‌କେ ବଢେ ବୃକ୍ଷ୍ କୀ ଟହନୀ ସେ ନୀଚେ ଗିର୍ ଜାତେ ହେଁ । ଇନ୍‌କୀ ମାତାଏଁ ପୂର୍ନୀ ସେ ନୀଚେ ଆତୀ ହୈ । ବଢ଼େ ଧାନ୍ ସେ ଇନ୍‌ହେଁ ଗେନ୍ଦ୍ର କୀ ତରହ ଗୋଲ- ଗୋଲ୍‌କର୍ ମୁଁହ ମେଁ ଦବା ଲେତୀ ହୈ ଔର୍ ଫିର୍ ପେଡ଼୍ ପର୍ ଲେ ଜାତୀ ହୈ ।
ଅନୁବାଦ:
ଦିନେ ମୁଁ କୋଳାହଳ ଶୁଣିଲି । ‘ଆହା ! ଏହି ଗୁଣ୍ଡୁଚିମୂଷାର ଛୋଟ ଛୋଟ ଛୁଆମାନେ କେଉଁଠାରେ ମରି ନ ଯାଆନ୍ତୁ । ମୁଁ ସେଠାକୁ ଗଲି ତ ଦେଖୁ କିଛି ବନ୍ଦୀ ଛିଡ଼ା ହୋଇ ‘‘ଆରେ !’’ ‘ହାଏ, ହାଏ !’’ କରୁଥିଲେ । ମୁଁ କହିଲି, ତୁମେ ସମସ୍ତେ ଏହି ପିଲାକୁ ଘେରିକି ଛିଡ଼ା ହୋଇଛ, ତାଙ୍କ ମା’ ତାଙ୍କୁ କିପରି ନେବାକୁ ଆସିବେ । ଚାଲ ଆମେ ପିଣ୍ଡାରେ ବସି ଦେଖିବା । ମୁଁ ବନ୍ଦୀମାନଙ୍କୁ କହିଲି ଯେ ମୁଁ ପ୍ରତିଦିନ ଏହି ଗୁଣ୍ଡୁଚିମୂଷାମାନଙ୍କୁ ଦେଖେ । କେତେଥର ତାହାର ପିଲାମାନେ ଗଛର ମୁହଁରେ ଧରି ଗଛ ଉପରକୁ ନେଇଯାଆନ୍ତି।

5. संध्या का ………………….. जाएगा डन्हें?
ସନ୍ଧ୍ୟା କା ସମୟ ଥା । ଧୀରେ-ଧୀରେ ରାତ୍ ହୋନେ ଲଗୀ, ପରନ୍ତୁ ମାଁ ଗିରୀ ନ ଆଈ । ମେଁ ଚିନ୍ତିତ୍ ହୋ ଉଠା, କୁଛ୍ ତୋ କର୍‌ନା ହୋଗା । କୈଦୀ ଉନ୍ ବର୍ଡୋ କୋ ଉଠାକର ମେରୀ କୋଠରୀ ମେଁ ଲେ ଆଏ । ପାଣ୍ଡେ ଜୀ ଆତେ ହୀ ବୋଲେ, ‘ୟେ ବଢେ
କର ଖ୍ୟା ଜା ସକ୍ତା ତୋ ବହୁତ୍ ହୀ ଛୋଟେ ହେଁ, ନ ତୋ ଯେ ପରେ ଚବା ସକତେ ହୈ ଔର୍ ନ ହୀ ଇହେଁ ରୋଟୀ କା ଚୂରା ହୈ, କୈସେ ଜୀବିତ୍ ରଖା ଜାଏଗା ଇହେଁ ?’

ଅନୁବାଦ:
ସନ୍ଧ୍ୟାବେଳ ଥିଲା । ଧୀରେ-ଧୀରେ ରାତି ହେବାକୁ ଲାଗିଲା । କିନ୍ତୁ ମାଆ ଗୁଣ୍ଡୁଚିମୂଷା ଆସିଲା ନାହିଁ । ମୁଁ ଚିନ୍ତିତ ହେଲି, କିଛି ତ କରିବାକୁ ହେବ । କୈଦୀ ଏହି (ଗୁଣ୍ଡୁଚି) ପିଲାମାନଙ୍କୁ ଉଠାଇ ଆଣି ମୋ ଘରକୁ ଆଣିଲେ । ପାଣ୍ଡେଜୀ (ମହାଶୟ) ଆସି କହିଲେ, ଏହି ପିଲାମାନେ ବହୁତ ଛୋଟ ଅଟନ୍ତି, ନା ଏମାନେ ପତ୍ର ଚୋବାଇ ପାରିବେ, ନା ଏମାନଙ୍କୁ ରୁଟି ଗୁଣ୍ଡ ଖୁଆଯାଇ ପାରିବ, ଏମାନଙ୍କୁ କିପରି ଜୀବିତ ରଖାଯାଇ ପାରିବ ?

6. दूसरे ………………………… गई थी।
ଦୂସ୍‌ରେ ନେ ସୁଝା ଦିୟା କି ଇନ୍‌ହେଁ ବୋତଲ୍ ସେ ଦୂଧ ପିଲାୟା ଜାଏ, ପର୍ କୈସେ ! ଜେଲ୍ ମେଁ ବୋତଲ୍ କହାଁ ? ଫିର୍ ୱେ ଇନେ ଛୋଟେ ଥେ କି ବୋତଲ୍ ସେ ତୋ ଦୂଧ ପୀ ନ ସତ୍ତ୍ଵେ ଥେ । ଉନ୍‌କା ପାଲନ୍ ପୋଷଣ କର୍‌ନା କଠିନ ସମସ୍ୟା ବନ୍ ଗଈ ଥୀ ।

ଅନୁବାଦ:
ଅନ୍ୟ ଜଣେ ପରାମର୍ଶ ଦେଲେ ଯେ ଏମାନଙ୍କୁ ବୋତଲରେ ଦୁଧ ପିଆଯାଉ, କିପରି ! ଜେଲ୍‌ରେ ବୋତଲ କେଉଁଠି ? ପୁଣି ସେ ଏତେ ଛୋଟ ଥିଲେ ଯେ ବୋତଲରେ ଦୁଧ ମଧ୍ଯ ପିଇପାରିବେ ନାହିଁ । ତାଙ୍କୁ ପାଳିବା-ପୋଷିବା କଠିନ ସମସ୍ୟା ହୋଇଯାଇଥିଲା ।

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Chapter 3 जेल में मेरे मित्र

7. सब …………………. मरजाएँगे।
ସବ୍ ସୋଚ୍ ମେଁ ପଡ଼େ ଥେ କି ମେରୀ ଦୃଷ୍ଟି ପେନ୍ ମେଁ ସ୍ୟାହୀ ଭର୍‌ନେୱାଲୀ ନଲୀ ପର୍ ପତ୍ନୀ । ମୈନେ ନଲୀ କୋ ଉଠାୟା ଔର ସବୁ ଦିଖାତେ ହୁଏ କହା, ‘‘ଇସ୍ ବନାତେ ହୈ ବୋତଲ୍’’ । ଫିର୍ ଶୁଭୂ ହୁଆ ନଲୀ ସେ ଦୂଷ୍ ପିଲାନେ କା ପ୍ରୟାସ୍ । ପର୍ ନଲୀ ସେ ଦୂଷ୍ କୀ ବୃଦ୍ କଭୀ ବର୍ଷେ କୀ ନାକ୍ ପର୍ ଗିର୍‌ତୀ ଔର୍ କଭି ଜମୀନ୍ ପର୍ । କଭୀ ଖୋଲ ପାତେ ଔର୍ କଭୀ ହମ୍ ନଲୀ କୋ ସ୍ଥିର୍ ନ ରଖ୍ ପାତେ । ସବ୍ ପରେଶାନ୍ ଥେ କି ଜଲ୍‌ଦୀ ହୀ ଦୂଧ୍ ନ ପିଲାୟା ଗୟା ତୋ ୟେ ବେଚାରୀ ମର୍ ଜାଏଁଗେ ।

ଅନୁବାଦ:
ସମସ୍ତେ ଚିନ୍ତାରେ ପଡ଼ିଥିଲା ବେଳେ ମୋର ଦୃଷ୍ଟି କଲମରେ କାଳି (ସ୍ୟାହି) ଭର୍ତ୍ତି କରିବା ଡ୍ରପର ଉପରେ ପଡ଼ିଲା । ମୁଁ ଡ୍ରପରକୁ ଉଠାଇଲି ଏବଂ ସମସ୍ତଙ୍କୁ ଦେଖାଇ କହିଲି, ‘ଏହାକୁ ବୋତଲ କରିବା’’ । ପୁଣି ଆରମ୍ଭ ହେଲା ଡ୍ରପରରେ ଦୁଗ୍ଧ ପିଆଇବାର ଚେଷ୍ଟା । କିନ୍ତୁ ଡ୍ରପରରୁ ଦୁଗ୍ଧର ବୁନ୍ଦା କେତେବେଳେ ପିଲାର ନାକ ଉପରେ ପଡ଼ୁଛି ଓ ଆଉ କେତେବେଳେ ତଳେ ପଡ଼ୁଛି । କେତେବେଳେ ପିଲାମାନେ ମୁଁହ ଖୋଲି ପାରୁନଥିଲେ । ଆଉ କେତେବେଳେ ଆମେ ଡ୍ରପରକୁ ସ୍ଥିର କରି ପାରୁନଥିଲୁ । ସମସ୍ତେ ଚିନ୍ତିତ ଥିଲେ ଯେ ଶୀଘ୍ର ଦୁଗ୍ଧ ନ ପିଆଯାଏ ତେବେ ଏମାନେ ବିଚାରୀ ମରିଯିବେ ।

8. जेलर ………………….. समस्य थे।
ଜେଲର୍ ରାମ୍‌ପ୍ରସାଦ୍‌ଜୀ ଭୀ ୟହ ସବ୍ ଦେଖ୍ ରହେ ଥେ । ଉନ୍‌କେ ମନ୍ ମେଁ କୋଈ ବିଚାର୍ କୌନ୍ଧା ଔର୍ ୱେ ଭାଗ ହୁଏ ୱହାଁ ସେ ଚଲେ ଗଏ । କ୍ଷଣଭର୍ ମେଁ ହାଥ୍ ମେଁ ରୁଈ ଲିଏ ଆଏ । ନଲୀ ମେଁ ଦୂଧ୍ ଡାଲା, ଉସ୍ ପର୍ ରୁଈ ଲପେଟୀ । ରଈ ଦୂଧ୍ ସେ ଗୀଲୀ ହୋ ଗଈ ଔର ଗିରୀ କା ନହ୍ନା ବଢା ବୁଈ ଚୂସ୍‌ ଲଗା । ଚୂସ୍‌ ଚୂସ୍‌କର ବଜେ ନେ ନଲୀ କା ପୂରା ଦୂଧ ପୀ ଲିୟା । ଇସୀ ତରହ ବାକୀ ଦୋର୍ଡୋ ବର୍ଡୋ କୋ ଭୀ ଦୂଧ୍ ପିଲାୟା ଗୟା ହମ୍ ସବ୍ ଇନେ ପ୍ରସନ୍ନ ଥେ ମାନେ ବିଶ୍ଵ ଜୀତ୍ ଲିୟା ହୋ । ଅବ୍ ୟେ ତୀର୍ଥେ ବଢେ ହମାରେ ଜେଲ୍ ପରିୱାର କେ ଚହେତେ ସଦସ୍ୟ ଥେ ।

ଅନୁବାଦ:
କାରାଧ୍ୟକ୍ଷ ରାମପ୍ରସାଦ ବାବୁ ଏସବୁ ଦେଖୁଥିଲେ । ତାଙ୍କ ମନରେ କିଛି ବିଚାର ଆସିଲା, ସେ ଦୌଡ଼ିକରି ସେଠାରୁ ପଳାଇଗଲେ । କିଛି କ୍ଷଣରେ ହାତରେ ତୁଳା ନେଇ ଆସିଲେ । ନଳୀରେ (ଡ୍ରପର୍‌ରେ) ଦୁଗ୍ଧ ଭର୍ତ୍ତିକଲେ, ତାହା ଉପରେ ତୁଳା ଲଗାଇଲେ । ତୁଳା ଦୁଗ୍ଧରେ ଓଦା ହୋଇଗଲା ଏବଂ ଗୁଣ୍ଡୁଚିମୂଷାର ଛୋଟଛୁଆ ତୁଳାକୁ ଶୋଷିବାକୁ ଲାଗିଲା । ଶୋଷି-ଶୋଷି ଛୁଆଟି ନଳୀର ପୁରା ଦୁଧ ପିଇଦେଲା । ଏହିପରି ଭାବରେ ବାକି ଦୁଇପିଲାକୁ ମଧ୍ଯ କ୍ଷୀର ପିଆଗଲା । ଆମେ ସବୁ ଏତେ ଖୁସିଥୁଲୁ ଯେ ଯେପରି ପୃଥ‌ିବୀକୁ ଜିତିଗଲୁ । ବର୍ତ୍ତମାନ ଏହି ତିନି ପିଲା ଆମ ଜେଲ୍ ପରିବାରର ଅତି ପ୍ରିୟ ସଦସ୍ୟ ଥିଲେ ।

9. अल्मोड़ा …………………. आनन्द आता।
ଅଲ୍‌ମୋଡ଼ା କୀ ଜେଲ୍ କୋ ଛୋଡ଼କର୍ ଜିତ୍‌ନୀ ଜେଲୌ ମେଁ ମେଁ ଗୟା, ୱେ ସବ୍‌ କଦୂତର୍ରେ ସେ ଭରୀ ରହତୀ ର୍ଥୀ । ଜେଲୈ ମେଁ ହଜାରୌ କଚୂତର ରହତେ ଥେ ଔର୍ ଶାମ୍ କୋ ଆକାଶ୍ ଉସେ ଢକ୍-ସା ଜାତା ଥା । କର୍ମୀ-କର୍ମୀ ମୈନା ଭୀ ରହତୀ ର୍ଥୀ । ଦେହରାଦୂନ୍ ଜେଲ୍ କୀ ମେରୀ କୋଠରୀ ମେଁ ମୈନା କେ ଏକ ଜୋଡ଼େ ନେ ଅପନା ଘୋସଲା ବନା ରଖା ଥା । ମେଁ ଉନ୍ ଦୋର୍ଡୋ କୋ ଖୁଲାୟା-ପିଲାୟା କର୍ତା ଥା । ୱେ ଇନେ ପାଲ୍‌ ହୋ ଗଏ ଥେ କି ୟଦି ସୁବହ ୟା ଶାମ୍ ଉହେଁ ଖାନା ମିଲନେ ମେଁ ଜରା-ସୀ ଦେର୍ ହୋ ଜାତୀ ତୋ ୱେ ଚୁପ୍‌ଚାପ୍ ମେରେ ପାସ୍ ବୈଠ୍ ଜାତେ ଔର୍ ଜୋର୍ ସେ ଚିଲ୍ଲାକର୍ ଅପୂନା ଭୋଜନ୍ ମାଇନେ ଲଗ୍‌ ଥେ । ଉନ୍‌କୀ କ୍ରିୟାଏଁ ଔର୍ ଚିଲ୍ଲାହଟ୍ ସୁନ୍‌କର୍ ବଡ଼ା ଆନନ୍ଦ ଆତା ।

ଅନୁବାଦ:
ଆଲମୋରା କାରାଗାରକୁ ଛାଡ଼ି ମୁଁ ଅନ୍ୟ ଯେତେ ଜେଲ୍ ସବୁ ଯାଇଛି, ସେଠାରେ ସବୁ ପାରାଙ୍କ ଦ୍ବାରା ପରିପୂର୍ଣ୍ଣ ଥିଲେ । କାରାଗାରରେ ହଜାର ହଜାର ପାରା ରହୁଥିଲେ ଏବଂ ସନ୍ଧ୍ୟାକୁ ଆକାଶ ତାଙ୍କଦ୍ବାରା ଆଚ୍ଛାଦିତ ହେଉଥିଲା । କେଉଁଠି କେଉଁଠି ଶାରୀ ମଧ୍ୟ ରହୁଥିଲେ । ଡେରାଡୁନ ଜେଲ୍‌ର ମୋ ଘରେ ଶାରୀ ହଳେ ନିଜେ ବସା ବାନ୍ଧି ରହୁଥିଲେ । ମୁଁ ଉଭୟଙ୍କୁ ଖାଇବା ପିଇବା ଦେଉଥୁଲି । ଏତେ ପୋଷା ମାନିଥିଲେ ଯେ ଯଦି ସକାଳ ବା ସନ୍ଧ୍ୟାରେ ତାଙ୍କୁ ଖାଇବାକୁ ଦେବାରେ ଅଳ୍ପ ସମୟ ଡେରି ହେଇଯାଉଥିଲା ତେବେ ସେ ଚୁପ୍‌ଚାପ୍ ମୋ ପାଖରେ ବସି ଯାଉଥିଲେ ଓ ଜୋର୍‌ରେ ପାଟି କରି ନିଜର ଖାଦ୍ୟ ମାଗୁଥିଲେ । ତାଙ୍କର କାର୍ଯ୍ୟଗୁଡ଼ିକ ଏବଂ ପାଟି ଶୁଣି ବଡ଼ ଆନନ୍ଦ ଲାଗୁଥିଲା ।

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10. नैनी जेल …………………… ही था।
ନୈନୀ ଜେଲ୍ ମେଁ ହଜାରୌ ତୋତେ ଥେ । ଏକ୍ ବହୁତ୍ ବଡ଼ୀ ସଂଖ୍ୟା ମେରୀ ବୈରକ୍ କୀ ଦୀୱାରୌ ପର୍ ରହା କର୍‌ତୀ ଥୀ । ଉନ୍‌କୀ ପ୍ରେମମୟ ବାତ୍‌ଚିତ୍ର ଦେଖନେ ୱାଲୀ ହୋତୀ ଥୀ । ଉନ୍‌କୀ ନୋକ୍‌-ଝୋକ୍ ସୁନ୍‌ନେ କା ଆନନ୍ଦ ତୋ ଅନୋଖା ହୀ ଥା ।

ଅନୁବାଦ:
ନୈନୀ କାରାଗାରରେ ହଜାର ହଜାର ଶୁଆ ଥିଲେ । ବହୁତ ସଂଖ୍ୟାରେ ମୋ କାରାଗାର ଲମ୍ବାଘର କାନ୍ଥ ଉପରେ ରହୁଥିଲେ । ତାଙ୍କର ପ୍ରେମମୟ କଥାବାର୍ତ୍ତା ଦେଖିଲା ଭଳି ଥିଲା । ତାଙ୍କର ପରସ୍ପର ହେଉଥ‌ିବା ଝଗଡ଼ା (ଖୁପୁରାଖୁପୁରି) ଶୁଣିବାକୁ ଆନନ୍ଦିତ ଅଦ୍ଭୁତ ଥିଲା ।

11. देहरादून न …………………….. जेल मे हैं।
ସର୍ବଶ୍ରେଷ୍ଠ କୋୟଲ୍ କୀ କି ଜେଲ୍ ମେଁ ହେଁ । ମେଁ ମେଁ ସେକର୍ଡ଼ ପ୍ରକାର କୀ ଚିଡ଼ିୟାଁ ର୍ଥୀ । ୱେ ଗାତୀ, ଚହଚହାତୀ, ମଧୁର୍ ଧ୍ବନି କର୍‌ତୀ ର୍ଥୀ । ଇନ୍‌ ପୁକାର୍ ରହତୀ ଥୀ । ଉସ୍‌ କୁହୂ-କୁହୂ ସୁନ୍ ହମ୍ ଇନେ ଆନନ୍ଦିତ୍ ହୋ ଉଠ୍ ଔର୍ ଭୁଲ୍ ଜାତେ କିଜଲ୍ ମେଁ ହେଁ।
ଅନୁବାଦ:
ଡେରାଡୁନରେ ସହସ୍ର ସହସ୍ର ପ୍ରକାରର ପକ୍ଷୀମାନେ ଥିଲେ । ସେମାନେ ଗାଉଥିଲେ, କୋଳାହଳ ରାବ ମଧୁର ଧ୍ଵନି କରୁଥିଲେ । ସେଥ‌ିରେ ସର୍ବଶ୍ରେଷ୍ଠ କୋଇଲିର ଡାକ ରହିଥିଲା, ତାହାର କୁହୁ କୁହୁ ସ୍ୱର ଶୁଣି ଆମେ ଏତେ ଆନନ୍ଦିତ ହୋଇଉଠୁଥୁ କି, ଭୁଲିଯାଉଥୁଲୁ କାରାଗାରରେ ଅଛୁ ।

12. बरेली ……………………………. ले गया।
ବରେଲୀ ଜେଲ୍ ମେଁ ବନ୍ଦରୌ କା ଏକ୍ ଦଲ୍ ବସା ହୁଆ ଥା ନେ ମୁଖ୍ ପର୍ ବଡ଼ା ପ୍ରଭାୱ ଡାଲା । ଏକ୍ ବନ୍ଦର କା ବଢା ହମାରୀ ନ ଚଢୂ ସକା । ୱାର୍ଡ଼ର୍ଡୋ ଔର୍ କୈଦିୟାଁ ନେ ଉସେ ପକଡ଼ ଲିୟା ଔର୍ ଏକ ରଶ୍ମୀ ସେ ବାନ୍ଧି ଦିୟା । ଉଁଚୀ ଦିୱାର୍ କେ ଉପର୍ ସେ ଉସ୍ ବଜେ କେ ମାଁ-ବାପ୍ ନେ ୟହ ଦେଖା । ଉନ୍‌କା କ୍ରୋଧ୍ ବଢୁନେ ଲଗା । ଏକାଏକ୍ ଉସେ ଏକ୍ ବହୁତ୍ ବଡ଼ ଔର୍ ମୋଟା ବନ୍ଦର ସ୍ତ୍ରୀ-ଖୀ କର୍‌ତା ନୀଚେ କୂଦା । ଉନେ ଭୀଡ୍ ପର୍ ସୀଧା ଥା, କେଁ କି ୱାର୍ଡ଼ନ୍ ଔର କୈଦୀ ହାର୍ଥେ ମେଁ ବଡ଼େ-ବଡ଼େ ଡଣ୍ଡେ ଘୁମା ରହେ ଥେ ସାହସ୍ କୀ ବିଜୟ ହୁଈ । ମନୁଷ୍ଯା କୀ ଭୀଡ଼୍ ଡରୀ ଔର୍ ଅପ୍‌ ଡଣ୍ଡେ ଛୋଡ଼ ଭାଗ୍ ଖଡ଼ୀ ହୁଈ । ବଡ଼ା ବନ୍ଦର୍ ବଢେ କୋ ଛୁଡ଼ାକର୍ ଶାନ୍ କେ ସାଥ୍ ଲେ ଗୟା ।

ଅନୁବାଦ:
ବରେଲି ଜେଲ୍‌ରେ ମାଙ୍କଡ଼ମାନଙ୍କର ଏକ ଦଳ ରହିଥିଲା ଏବଂ ତାଙ୍କ କାର୍‌ନାମା ଦେଖିବା ଭଳି ଯୋଗ୍ୟ ଥଲା। ଗୋଟିଏ ଘଟଣା ମୋ ଉପରେ ବଡ଼ ପ୍ରଭାବ ପକାଇଲା । ଗୋଟିଏ ମାଙ୍କଡ଼ଛୁଆ ଆମ କାରାଗାରର ଲମ୍ବାଘରକୁ ଆସିଗଲା ଏବଂ ପୁଣି ଫେରିବାବେଳେ କାନ୍ଥ ଉପରକୁ ଚଢ଼ିପାରିଲା ନାହିଁ । କାରାଗାରର ତତ୍ତ୍ଵାବଧାରକ ଓ ବନ୍ଦୀମାନେ ତାକୁ ଧରିନେଇ ଗୋଟିଏ ରସିରେ ବାନ୍ଧିଦେଲେ । ଉଚ୍ଚ କାନ୍ଥ ଉପରୁ ସେ ଛୁଆର ବାପା ମାଆ ଏହା ଦେଖ‌ିଲେ । ସେମାନଙ୍କର କ୍ରୋଧ (ରାଗ) ବଢ଼ିବାକୁ ଲାଗିଲା। ଅଚାନକ ସେମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରୁ ଗୋଟିଏ ବହୁତ ବଡ଼ ଓ ମୋଟା ମାଙ୍କଡ଼ ଖଙ୍କାରି-ଖୁଙ୍କାରି ଡେଇଁଲା । ସେ ଭିଡ଼ ଉପରକୁ ସିଧା ଆକ୍ରମଣ କଲା। ଏହା ବହୁତ ସାହସିକ କାମ ଥିଲା, କାହିଁକି କାରାଗାରର ତତ୍ତ୍ୱାବଧାରକ ଓ ବନ୍ଦୀଙ୍କ ହାତରେ ବଡ଼ ବଡ଼ ବାଡ଼ ବୁଲାଉଥିଲେ । ସାହସର ବିଜୟ ହେଲା । ଲୋକଙ୍କ ଭିଡ଼ ଡରିଲେ ଏବଂ ନିଜ ବାଡ଼ି ପକାଇ ପଳାଇଗଲେ।

13. प्रायः ……………………………. चुका था।
୨୬:.. ପ୍ରାୟ ହମାରୀ ଭେଣ୍ଟ୍ ଐସ୍ ଜାନ୍ୱର୍ରେ ସେ ଭୀ ହୋ ଜାୟା କରତୀ ଥୀ ଜିନ୍‌ ହମ୍ ସ୍ବାଗତ୍ ନ କର୍ ସଲ୍‌ ଥେ । କୋଠରିର୍ପୋ ମେଁ ଅକ୍‌ସର ବିଜୁ ଘୂମା କର୍‌ତେ ଥେ । କଭୀ ୱେ ମେରେ ବିସ୍ତର ପର୍ ମିଲ୍ଡ ୟା ଉସ୍ କିତା ମେଁ ମିଲ୍‌ ଥେ ଜିସେ ମେଁ ଅଚାନକ୍ ଉଠା ଲିୟା କର୍ତା ଥା । ପର୍ ଆଶ୍ଚର୍ଯ୍ୟ କୀ ବାତ୍ ହୈ କି ଉନେ କଭୀ ମୁଝେ ଙକ୍ ନହାଁ ମାରା । ଏକ୍ ବାର୍ ମୈନେ ଏକ ଜହରୀଲେ ବିଚ୍ଛୁ କୋ ଏକ୍ ଡୋରେ ମେଁ ବାନ୍ଧକର ଦିଓ୍ବାର ପର ଲଟକା ଦିୟା । ଥୋଡ଼ୀ ହୀ ଦେର୍ ବାଦ୍ ୱହ ୱହାଁ ସେ ଭାଗ୍ ଖଡ଼ା ହୁଆ । ଇସ୍ ସ୍ବତନ୍ତ୍ର ବିଜୁ ସେ ଦୋବାରା ମିଳୁନେ କୀ ମେରୀ ଇଚ୍ଛା ନ ଥୀ । ଅତଏବ ମୈନେ ଅପନୀ କୋଠରୀ କେ କୋନେ-କୋନେ ମେଁ ଉସ୍‌କୀ ତଲାସ୍ କୀ, କିନ୍ତୁ ୱହ ତୋ ଗାୟବ୍ ହୋ ଚୁକା ଥା ।

ଅନୁବାଦ:
ପ୍ରାୟ ଆମର ସାକ୍ଷାତ୍‌, ଏପରି ପଶୁଙ୍କ ସହିତ ହୋଇଯାଉଥିଲା ଯାହାର ପ୍ରାୟ ସ୍ବାଗତ ଆମେ କରିପାରୁ ନଥୁଲୁ । କୋଠରିଗୁଡ଼ିକରେ ପ୍ରାୟ ବିଛା ବୁଲୁଥିଲେ । କେତେବେଳେ ମୋ ବିଛଣାରେ ମିଳୁ ଥିଲେ ବା ସେ ବହିରେ ମିଳୁଥିଲେ । ଯାହାକୁ ମୁଁ ହାଠାତ୍ ଉଠାଇ ନେଉଥୁଲି । ଆଶ୍ଚର୍ଯ୍ୟର କଥା ଯେ କେବେ ମୋତେ କାମୁଡ଼ି ନାହାଁନ୍ତି । ଥରେ ମୁଁ ଗୋଟିଏ ବିଷାକ୍ତ ବିଛାକୁ ଗୋଟିଏ ଡୋରରେ ବାନ୍ଧି କାନ୍ଥ ଉପରେ ଟାଙ୍ଗିଦେଲି । କିଛି ସମୟ ପରେ ସେ ସେଠାରୁ ପଳାଇଗଲା । ଏହି ସ୍ୱତନ୍ତ୍ର ବିଛାକୁ ପୁଣି ଥରେ ଦେଖ୍ର ମୋର ଆଗ୍ରହ ନଥିଲା । ତେଣୁ ମୁଁ ନିଜ ଘରର କୋଣ କୋଣରେ ତାକୁ ଖୋଜିଲି କିନ୍ତୁ ସେ ତ ପଳାଇ ଯାଇଥିଲା ।

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14. मेरी कोठरी ……………………………. नहीं होता।
ମେରୀ କୋଠ୍ରୀ ମେଁ ଔର୍ ଉସ୍‌ ଆସ୍‌-ପାସ୍ ତୀନ୍-ଚାର୍ ସାଁପ୍ ଭୀ ପାଏ ଗଏ । ଏକ୍ ସାଁପ୍ କେ ମିଲ୍‌ନେ କୀ ଖବର୍ ତୋ ସମାଚାର୍-ପକ୍ଷ୍ନୌ ମେଁ ଭୀ ଛପ୍ ଗଈ ଥୀ । ଇସ୍୍ ପ୍ରକାର୍ କୀ ଘଟ୍‌ଓଁ କା ମେଁ ସ୍ବାଗତ୍ କିୟା କର୍‌ତା ଥା, ଜ୍ୟୋକି ଜେଲ୍ କା ଜୀୱନ୍ ପ୍ରତିଦିନ୍ ଏକ-ସା ରହତା ହୈ ଔର୍ ଜୋ ଘ ଇସ୍ ଏକ୍-ସେ ଜୀୱନ୍ କୀ ସମରସତା କୋ ଭଙ୍ଗ୍ କର୍‌ତି ହୈ, ଉସ୍‌ ସ୍ବାଗତ୍ କିୟା ଜାତା ହୈ । ମେଁ ସାଁର୍ପୋ କା ସ୍ଵାଗତ୍ ନହୀ କର୍‌ତା । କିନ୍ତୁ ଉସେ ଡର୍‌ତା ଭୀ ନହିଁ ହୁଁ, ଜୈସେ ଅନ୍ୟ ଲୋଗ୍ ଡର୍‌ତେ ହେଁ । ଯଦ୍ୟପି ମେଁ ଉକେ କାଟେ ଜାନେ ସେ ଡରତା ହୁଁ ଔର୍ ସାଁପ୍ କୋ ଦେଖତା ହୁଁ ତୋ ଉ ଅପ୍‌ନୀ ରକ୍ଷା ଭୀ କର୍‌ତା ହୂ ଲେକିନ୍ ମେରେ ହୃଦୟ ମେଁ କିସୀ ପ୍ରକାର୍ କୀ ଘବରାହଟ୍ ୟା ଭୟ ପୈଦା ନହିଁ ହୋତା ।

ଅନୁବାଦ:
ମୋ ଘରେ ଓ ତାହାର ଆଖପାଖରେ ତିନି-ଚାରୋଟି ସର୍ପ ମଧ୍ୟ ଦେଖିବାକୁ ମିଳିଲା । ଗୋଟିଏ ସର୍ପ ମିଳିବାର ଖବର ତ ସମ୍ବାଦପତ୍ରରେ ଛପା ଯାଇଥିଲା । ଏହିପରି ଘଟଣାକୁ ମୁଁ ସ୍ବାଗତ କରୁଥିଲି, କାହିଁକି ଜେଲ୍‌ର ଜୀବନ ପ୍ରତିଦିନ ଏକାପରି ଓ ଯେଉଁ ଘଟଣା ଏହି ଗୋଟିଏ ଜୀବନର ଭାବନାକୁ ଭଗ୍ନ କରୁଛି, ତାହାକୁ ସ୍ବାଗତ କରାଯାଉଛି । ମୁଁ ସର୍ପକୁ ସ୍ବାଗତ କରେ ନାହିଁ, କିନ୍ତୁ ତାକୁ ମଧ୍ୟ ଡରେ ନାହିଁ, ଯେପରି ଅନ୍ୟ ଲୋକ ଡରନ୍ତି କିନ୍ତୁ ମୁଁ ତା’ କାମୁଡ଼ିବାକୁ ଡରେ ଏବଂ ସର୍ପକୁ ଦେଖ‌ିଲେ ତାହାଠାରୁ ନିଜକୁ ରକ୍ଷାକରେ । କିନ୍ତୁ ମୋ ହୃଦୟରେ କୌଣସି ପ୍ରକାରର ଅସ୍ଥିରତା ବା ଭୟ ଜନ୍ମ ହୁଏ ନାହିଁ ।

15. जीवों ……………………… साथी थे।
ଜୀର୍ଣ୍ଣୋ ଔର୍ କୀଡେ-ମକୋଡ଼ୋ ସେ ମେରୀ ଭେଣ୍ଟ୍ ଜୀତ୍‌ନୀ ଜେଲ୍ କେ ଅନ୍ଦର୍ ହୁଈ ଉତ୍‌ନୀ ଜେଲ୍ କେ ବାହର ନର୍ଜୀ ହୁଈ । ୱେ ମୁଝେ ଅପ୍‌ ମିର୍ତ୍ତୋ ଜୈସେ ହୀ ଲଗେ ଔର ଥେ ଭୀ । ଜ୍ୟୋକି ୱେ ମେରୀ ଅକେଲେପନ୍ କେ ସଙ୍ଗୀ ସାଥୀ ଥେ । (ପ: ଜବାହରଲାଲ୍ ନେହେରୂ କୀ ଆତ୍ମକଥା ସେ)

ଅନୁବାଦ:
ଜୀବ ଓ କୀଟ ପତଙ୍ଗଗୁଡ଼ିକ ସହ ମୋର ସାକ୍ଷାତ୍ ଯେତିକି ଜେଲ୍ ଭିତରେ ହୋଇଛି, ସେତିକି ଜେଲ୍‌ର ବାହାରେ ହୋଇନାହିଁ । ସେ ମୋତେ ନିଜ ସାଙ୍ଗ ପରି ଲାଗୁଥିଲେ ଏବଂ ଥିଲେ ମଧ୍ୟ । କାହିଁକି ନା ସେ ମୋର ନିର୍ଜନତାର ସାଙ୍ଗ ସାଥ୍ ଥିଲେ । (ପଣ୍ଡିତ ଜବାହାରଲାଲ୍ ନେହେରୁଙ୍କ ଆତ୍ମକଥାରୁ)

शबनार: (ଶରାର୍ଥି)

कोठरी – छोटा कमरा (କ୍ଷୁଦ୍ର ପ୍ରକୋଷ୍ଠ)।

परिचित – जान पहचान का (ପରିଚିତ)।

कोड़ियों – लगाम (ଲଗାମ, କଡ଼ି) ।

फुरसत – खाली समय (ଖାଲି ସମୟ)।

कीड़ा – कीट (କୀଟ) ।

शिकायत – अभियोग (ଅଭିଯୋଗ ) ।

उजड़ा – बरबाद (ବରବାଦ, ଉଜୁଡ଼ା ) ।

रेंगना – धीरे धीरे चलना, चींटी आदि कीड़ों का चलना (ଧାରେ ଧାରେ ଚାଲିବା, ପିମ୍ପୁଡ଼ି ଆଦି କୀଟ ଚାଲିବା) ।

कीड़े-मकोड़े – कीट पतंग (କୀଟ ପତଙ୍ଗ) ।

दैनिक – प्रतिदिन का (ପ୍ରତିଦିନର) ।

छेड़छाड़ – हँसी दिल्लगी (ଥଟ୍ଟାମଜା, ହଇରାଣ)।

खटमल – खाट (ଖଟ) या कुर्सियाँ में होनेवाला कीड़ा (ଏଠାରେ)खटमल ( ଅର୍ଥ ଓଡ଼ଶ ବା ଛାରପୋକ)

मच्छर – मशक (ମଶା)।

मक्खि – मक्षिका (ମାଛି)।

निरंतर – लगातार (ନିରନ୍ତର )।

गिलहरी – एक प्रकार की चुहिया ( (ଗୋଟିଏ ପ୍ରକାର ମୂଷା) ( ଏଠାରେ गिलहरी ଅର୍ଥ ଗୁଣ୍ଡୁଚିମୂଷା)।

झुंड – दल (ଦଳ)।

अठखेलियाँ – खेलकूद (ଖେଳକୁଦ)।

साहसपूर्वक – हिम्मत से (ସାହସ ସହିତ)।

गोद – क्रोड़ (କୋଲ )।

गौर – ख्याल (ଧ୍ୟନ )।

जरा – थोडा, कम (କମ)।

गेंद – कंदुक, कोल (କନ୍ଦୁକ, ପେଣ୍ଡୁ )।

खोना – डरा हुआ ( ନଷ୍ଟ କରିବା, ହଜାଇଦେବା )।

भयभीत – अच्छी तरह रक्षित (ଭୟଭ।ତ )।

सुरक्षित – कोलाहल (ସୁରକ୍ଷିତ)।

शोर – बन्दी (କୋଳାହଲ)।

कैदी – चिंता रहित (ବନ୍ଦୀ)।

निश्चित – दालाना (ନିଶ୍ଚିତ)।

बरामदा – पेड़ की डाली (ବାରଣ୍ଡା, ପିଣ୍ଡା)।

टहनी – तेजी, (ଗଛିର ଡାଳ)।

फुर्ती – जल्दी (ଶୀଘ୍ର)।

गोल – वृत्ताकार घेरे या परिधि वाला (ଗୋଲ)।

सुझाव – सलाह, परामर्श (ପରାମର୍ଶ)।

स्याही – कालिमा (କାଳି)।

प्रयास – प्रयत्न, कोशिश (ଚେଷ୍ଠା)।

परेशान – व्याकुल,व्यग्र (ବ୍ୟାକୁଳ ବ୍ୟଗ୍ର)।

कौंधा – बिजली की चमक (ବିଜୁଳିର ଚମକ)।

रुई – कपास का रेशा (ତୁଳା)।

नन्हा – छोटा (ଛୋଟ)।

प्रसत्र – खुश (ଖୁସି)।

चहेते – बहुत प्यारा (ଅତି ପ୍ରିୟ)।

घोंसला – नीड़, बसेरा (ବସାଘର ଏଠାରେ)।

चूँ-चूँ – (ଚେଁଚେଁ)।

देर – विलंब (ଜେଲ୍‌ର ଲମ୍ବା ପ୍ରକୋଷ୍ଠ ବା ଘର)।

बैरक – जेलखाने का लम्बा कमरा (ଏଠାରେ ପକ୍ଷ।ମାନଙ୍କର ଗୁପୁରା ଖୁପୁରି ଭାବ)।

नोक-झोंक – परस्पर होनेवाली झड़प, आक्षेप (ଶହ ଶହ )।

सैकड़ों – अगणित, कई सौ(ସବୁଠାରୁ ଭଲ,)।

सर्वश्रेष्ठ – सबसे अच्छा (ସର୍ବଶ୍ରେଷ୍ଠ)।

बन्दर – कपि, वानर (ମାଙ୍କଡ ହନୁ)।

किस्में – प्रकार (ପ୍ରକାର କାରନାମା )।

वार्डन – जेल की वार्ड का रक्षक (କାରାଗାର ଉତ୍ତାବଧାରକ)।

एक एक – अकस्मात, सहसा, अचानक ( ହଠାତ୍)।

डंडा – मोटी छड़ी (ମୋଟା ବାଡ଼ି) ।

भेंट – मेलाप, मिलान (ମିଳନ, ଭେଟ)।

बिस्तर – बिछौना (ବିଛଣା, ଶେଯ ) ।

जहरीला – विषैला (ବିଷାକ୍ତ) ।

तलाश – खोज ( ଅନସନ୍ଧାନ) ।

गायव – लुप्त, छिपा (ଲୁପ୍ତ, ଲୁଚିରହିବା) ।

अतएव – इसलिए (ତେଶୁ)।

समरसता – एक जैसा होने का भाव (ଏକାପରି, ସଦୃଶ)।

यद्यपि – हालाँकि (ଯଦିବା)।

घबराहट – व्याकुलता, अधीरता(ବ୍ୟାକୁଳତ। ଆଧାରତା)।

अकेलेपन – एकाकी, निर्जनता (ଏକୁଟିଆ ନିର୍ଜନତା ବା ଜନଶୂନ୍ୟ )।

अक्सर – प्रायः (ପ୍ରାୟ)।

बहुधा – अधिकतर (ଅଧିକତର)।

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Chapter 3 जेल में मेरे मित्र

लेखक परिचय (ଲେଖକ ପରିଚୀୟ)

स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंड़ित जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवम्बर सन् 1889 ई. को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद के ‘आनन्द भवन’ में हुआ था। उनके पिता पंडित मोतीलाल नेहरू अपने समय के प्रतिष्ठित वकील थे, जिन्होंने अपने ज्ञान और तर्क शक्ति से बहुत नाम कमाया था। जवाहरलाल पर पाश्चात्य सभ्यता का प्रभाव होते हुए भी उनका भारतीय सभ्यता और संस्कृति से बेहद प्यार था। नेहरूजी ने इंग्लैंड के प्रसिद्ध ‘हैरो’ स्कूल में और उसके बाद ‘ट्रिनिटी कॉलेज’ में अध्ययन किया। वे विज्ञान के छात्र थे। वे वैरिष्टर बनकर भारत लौटे। सत्याग्रह आन्दोलन में हिस्सा लेने के कारण उन्हें अनेक बार जेल जाना पड़ा।

वे कंग्रेस के सभापति भी रहे। स्वतंत्रता के बाद वे देश के प्रथम प्रधानमंत्री बने। वे केवल कुशल राजनीतिज्ञ और अधिक परिश्रमी नहीं थे, बल्कि प्रभावशाली लेखक भी थे। उनकी आत्मकथा ‘मेरी कहानी’, ‘विश्व इतिहास की झलक’, ‘भारत की खोज’, ‘पिता का पत्र पुत्री के नाम’ उनकी प्रसिद्ध रचनाएँ हैं। पंड़ित जवाहरलाल नेहरू प्रभावशाली व्यक्तित्व के धनी और मानवता के पूजारी थे। अपने अनमोल व्यक्तित्व और अप्रतिम देश सेवा के कारण भारत सरकार ने उन्हें ‘भारतरत्न’ सम्मान से सम्मानित किया है। 27 मई सन् 1964 ई. को उनका देहांत हुआ था।

अभिमत :
स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू महान स्वतंत्रता सेनानी थे। स्वतंत्रता- आन्दोलन के दिनों में उन्हें अनेक बार जेल जाना पड़ा था। अपने जेल – जीवन के दौरान नेहरूजी ने आस-पास पाये जानेवाले जीव-जन्तुओं का अच्छा अध्ययन किया। इन्हीं अनुभवों को उन्होंने बड़े सरल, सरस और सजीव रूप में यहाँ प्रस्तुत किया है।

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