BSE Odisha 8th Class Hindi Grammar अनुच्छेद

Odisha State Board BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Grammar अनुच्छेद Questions and Answers.

BSE Odisha Class 8 Hindi Grammar अनुच्छेद

1. बादशाहों के मरने के बाद ‘ममी’ बना दिया जाता था और उन्हें बड़ी-बड़ी मीनारों में रख दिया जाता था। उनके पास सोने और चाँदी के गहने, सजावट की चीजें और खाने की वस्तुएँ भी रख दी जाती थीं। लोगों का विचार था कि शायद मरने के बाद भी उन्हें खाने की आवश्यकता रहेगी। दो-तीन साल हुए कुछ लोगों ने इनमें एक मीनार के अंदर एक बादशाह की लाश पाई, जिसका नाम नूतन खामिन था। उसके पास बहुत से खूबसूरत और कीमती चीजें रखी हुई मिली।

BSE Odisha 8th Class Hindi Grammar अनुच्छेद

प्रश्न :
(क) बादशाहों के मरने के बाद क्या बना दिया जाता था और उन्हें कहाँ रखा दिया जाता था ?
(ख) मीनारों के पास क्या-क्या वस्तुएँ रखी जाती थीं ?
(ग) लोगों का क्या विचार था?
(घ) दो-तीन साल हुए कुछ लोगों ने एक मीनार के अन्दर क्या पाई ?
(ङ) उस लाश का नाम क्या था और उसके पास क्या-क्या चीजें रखी हुई थीं ?
उत्तर :
(क) बादशाहों के मरने के बाद ‘ममी’ बना दिया जाता था और उन्हें बड़ी-बड़ी मीनारों में. रख दिया जाता था।
(ख) मीनारों के पास सोने और चाँदी के गहने, सजावट की चीजें और खाने की वस्तुएँ रखी जाती थीं।
(ग) लोगों का विचार था कि शायद मरने के बाद भी उन्हें खाने की आवश्यकता पड़ेगी।
(घ) दो-तीन साल हुए कुछ लोगों ने एक मीनार के अन्दर एक बादशाह की लाश पाई।
(ङ) उस लाश का नाम नूतन खामिन था और उसके पास बहुत से खूबसूरत और कीमती चीजें रखी हुई थीं।

2. बाबाजी भी मनुष्यथे। अपनी वस्तु की प्रशंसा दूसरे के मुख से सुनने के लिए उनका हृदय भी अधीर हो गया। घोड़े को खोलकर बाहर लाये और उसकी पीठ पर हाथ फेरने लगे। एकाएक उचककर सवार हो गये। घोड़ा वायु-वेग से उड़ने लगा।उसकी चाल देखकर खड्गसिंह के हृदय पर साँप लोट गया। वह डाकू थाऔर जो वस्तु उसे पसंद आ जाए। उस पर अपना अधिकार समझता था। जातेजाते उसने कहा ‘”बाबाजी, मैं यह घोड़ा आपके पास न रहनेदूँगा।’

प्रश्न :
(क) बाबाजी का हृदय क्यों अधीर हो गया?
(ख) घोड़ा किस तरह दौड़ने लगा ?
(ग) खड्गसिंह के हृदय पर क्यों साँप लोट गया ?
(घ) कौन डाकू था और जो वस्तु उसे पसंद आ जाए, वह क्या करता था?
(ङ) जाते-जाते खड्गसिंह ने क्या कहा ?
उत्तर :
(क) अपनी वस्तु की प्रशंसा दूसरे के मुख से सुनने के लिए उनका हृदय भी अधीर हो गया।
(ख) घोड़ा वायु-वेग से उड़ने लगा।
(ग) घोड़े की चाल देखकर खड्गसिंह के हृदय पर साँप लोट गया।
(घ) खड्गसिंह डाकू था और जो वस्तु उसे पसंद आ जाए, उस पर वह अपना अधिकार समझता था।
(ङ) जाते-जाते खड्गसिंह ने कहा, “बाबाजी, मैं यह घोड़ा आपके पास न रखने दूँगा’।

BSE Odisha 8th Class Hindi Grammar अनुच्छेद

3. ऐसे सरल और मेहनती समाज में बिरसा मुंडा का जन्म सन 1875 में अगस्त माह में हुआ था। बिरसा के दादा का नाम लकारी था।। उनके पिता का नाम सुगाता था। ऐसा माना जाता है कि उनका जन्म झारखंड प्रदेश के एक आदिवासी गाँव चालकाद में हुआ था। बिरसा का बचपन अन्य साधारण बालकों की भाँति बीता। वे माता पिात के काम में हाथ बँटाते थे। कुछ समय बाद बिरसा को पढ़ने के लिए मामा के गाँव भेज दिया गया। बिरसा वहाँ दो वर्षों तक रहे। कुछ समय बाद उन्होंने स्कूल जाना छोड़ दिया।

प्रश्न :
(क) बिरसा मुंडा का जन्म कब हुआ था?
(ख) बिरसा मुंडा के पिता का नाम क्या था?
(ग) बिरसा का बचपन किस तरह बीता ?
(घ) पढ़ने के लिए बिरसा को कहाँ भेज दिया गया ?
(ङ) वहाँ बिरसा कितने वर्षों तक रहे ?
उत्तर :
(क) बिरसा मुंडा का जन्म 1875 में अगस्त माह में हुआ था।
(ख) बिरसा मुंडा के पिता का नाम सुगाता था।
(ग) बिरसा का बचपन अन्य साधारण बालकों की भाँति बीता।
(घ) पढ़ने के लिए बिरसा को मामा के गाँव भेज दिया गया।
(ङ) वहाँ बिरसा दो वर्षों तक रहे।

4. सरस्वती नदी के तटपर बहुत ही शान्त और पवित्र वातावरण में ऋषि दधीचि का आश्रम था। चारोंओर घने वृक्षों और लताओं से घिरे हुए कुंज थे। जिनमें भाँति-भाँति के पक्षी चहक रहे थे। फूलों पर भौरे गूंज रहे थे। हिंस्त्र पशुओं के साथ अहिंस्र पशु भी निर्भय से विचर रहे थे। ऋषि की करुणा और परोपकार के प्रभाव से पशु-पक्षी तक शत्रुता भूलकर परस्पर सौहार्द से रहते थे।
प्रश्न :
(क) दधीचि का आश्रम कहाँ पर था ?
(ख) आश्रम के चारोंओर क्या-क्या थे ?
(ग) वुंज में कौन चहक रहे थे ?
(घ) हिंस्त्र पशुओं के साथ और कौन विचर रहे थे ?
(ङ) किसके प्रभाव से पशु-पक्षी तक शत्रुता भूल गये थे ?
उत्तर :
(क) सरस्वती नदी के तटपर बहु शान्त और पवित्र वातावरण में दधीचि का आश्रम था।
(ख) आश्रम चारोंओर घने वृक्षों और लताओं से घिरे हुए कुंज थे।
(ग) वुंज में भाँति-भाँति के पक्षी चहक रहे थे।
(घ) हिंस्त्र पशुओं के साथ अहिंस्त्र पशु विचर रहे थे।
(ङ) ॠषि की करुणा और परोपकार के प्रभाव से पशु-पक्षी तक शत्रुता भूल गये थे।

BSE Odisha 8th Class Hindi Grammar अनुच्छेद

5. मनुष्य अमृंत की संतान है। अपनी महानता के कारण वह सबसे श्रेष्ठ प्राणी के रूप में परिचित है। लेकिन आज वह अपना कर्त्तव्य भूल गया है। अपने कर्त्तव्य पर सचेतन होने केलिए कवि ने सलाह दी है। मनुष्य को मनुष्यता का पाठ पढ़ाने केलिए संसार को स्वर्ग बनने केलिए यह कवि की चेतावनी है। कवि ने मनुष्य को फिर से महान बनने की प्रेरणा दी है।

प्रश्न :
(क) मनुष्य किसकी संतान है ?
(ख) किस के कारण वह सर्व श्रेष्ठ माना जाता है ?
(ग) आज मनुष्य क्या भूल गया है?
(घ) कवि की चेतावनी क्या है ?
(ङ) कवि ने मनुष्य को फिर से क्या बनने की प्रेरणा दी है ?
उत्तर :
(क) मनुष्य अमृत की संतान है।
(ख) अपनी महानता कारण वह सर्व श्रेष्ठ माना जाता है।
(ग) मनुष्य आज अपना कर्त्तव्य भूल गया है।
(घ) मनुष्य को मनुष्यता का पाठ पढ़ाने केलिए, संसार को स्वर्ग बनाने केलिए यह कवि की चेतावनी है।
(ङ) कवि ने मनुष्य को फ़िर से महान बनने की प्रेरणा दी है।

6. हमारे वेचारे पुरखे न गरुड़ के रूप में आ सकते हैं, न मयूर के, न हंस के। उन्हें पितरपक्ष में हमसे कुछ पाने केलिए काक बनकर ही अवतीर्ण होना पड़ंता है। इतना ही नहीं हमारे दूरस्थ प्रियजनों को भी अपने आने का मधु संदेश इनके कर्कश स्वर में ही देना पड़ता है। दूसरी ओर हम कौवा और काँव-काँव करने को अवमानना के अर्थ में ही प्रयुक्त करते हैं।

प्रश्न :
(क) हमारे पुरखे किस-किस रूप में नहीं आ सकते हैं ?
(ख) हमारे पुरखे को क्या बनकर अवतीर्ण होना पड़ता है ?
(ग) उन्हें किस पक्ष में हमसे कुछ पाने केलिए काक बनकर अवतीर्ण होना पड़ता है ?
(घ) हमारे दूरस्थ प्रियजनों को अपने आने का मधु संदेश किस स्वर में देना पड़ता है ?
(ङ) हम कौवा और काँव-काँव करने को किस रूप में प्रयुक्त करते हैं ?
उत्तर :
(क) हमारे पुरखे गरुड़, मयूर या हंस के रूप में नहीं आ सकते हैं।
(ख) हमारे पुरखे को काक बनकर अवतीर्ण होना पड़ता है।
(ग) उन्हें पितरपक्ष में हमसे कुछ पाने केलिए काक बनकर अवतीर्ण होना पड़ता है।
(घ) हमारे दूरस्थ प्रियजनों को अपने आने का मधु संदेश कर्कश स्वर में देना पड़ता है।
(ङ) हम कौवा और काँव-काँव करने को अवमानना के रूप में प्रयुक्त करते हैं।

BSE Odisha 8th Class Hindi Grammar अनुच्छेद

7. स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमन्त्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवम्बर सन 1889 ई. को उत्तरप्रदेश के इलाहवाद के ‘आनंद भवन’ में हुआ था। उनके पिता पंडित मोतीलाल नेहरू अपने समय के प्रतिष्ठित वकील थे, जिन्होंने अपने ज्ञान और तर्कशाख से बहुत नाम कमाया था। जवाहरलाल पर पाशःव्य सभ्यता का प्रभाव होते हुए भी उनका भारतीय सभ्यता और संस्कृति से बेहद प्यार था।

नेहरू जी ने इंग्लैंड के प्रसिद्ध ‘हैरो’ स्कूल में और उसके बाद ‘ट्रिनिटी कॉलेज’ में अध्ययन किया। सत्याग्रह आन्दोलन में हिस्सा लेने के कारण उन्हें अनेक बार जेल जाना पड़ा। कांग्रेस के सभापति भी रहे। वे केवल कुशल राजनीतिज और अधिक परिश्रमी नहीं थे, बल्कि प्रभावशाली लेखक भी थे। उनकी आत्मकथा ‘मेरीकहानी’ विश्व इतिहास की झलक ‘भारत की खोज’, ‘पिता का पत्र पुत्री के नाम’ उनकी प्रसिद्ध रचनाएँ है।

प्रश्न :
(क) पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म कब हुआ था?
(ख) नेहरू जी के पिता का नाम क्या था?
(ग) नेहरूजी ने कहाँ कहाँ अध्ययन किया था ?
(घ) नेहरूजी को क्यों जेल जाना पड़ा था?
(ङ) नेहरूजी की आत्मकथा पुस्तक का नाम क्या है ?
उत्तर :
(क) पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवम्बर सन 1889 ई. उत्तरम्रदेश के इलाहावाद के ‘आनन्द भवन’ में हुआ था।
(ख) नेहरू जी के पिता का नाम पंडित मोतीलाल नेहरू था।
(ग) नेहरूजी ने इंग्लैंड के प्रसिद्ध ‘हैरो’ स्कूल में और उसके बाद ‘ट्रिनिटी कॉलेज’ में अध्ययन किया था।।

(घ) सत्याग्रह आन्दोलन में हिस्सा लेने के कारण नेहरूजी को अनेक बार जेल जाना पड़ा था।
(ङ) नेहरूजी की आत्मकथा पुस्तक का नाम ‘मेरीकहानी’ है।

8. सत्साहसी व्यक्ति में एक गुप्त शक्ति रहती है। जिसके बल से वह दूसरे मनुष्य को दु:ख से बचाने केलिए प्राण तक देने को प्रस्तुत हो जाता है। र्म, देश, जाति और परिवार वालों के ही लिए नहीं, अपितु, संकट में पड़े हुए अपरिचित व्यक्ति के सहायतार्थ भी उसी शक्ति की प्रेरणा से वह सकटों का सामना करने को तैयार हो जाता है। अपने पापों की वह लेशमात्र भी परवाह नहीं करता। हर प्रकार के क्लेशों को प्रसत्रतापूर्वक सहता है और स्वार्थ के विचारों को वह फटकने तक नहीं देता है। सत्साहस केलिए अवसर की राह देखने की आवश्यकता नहीं है। सत्साहस दिखाने का अवसर प्रत्येक मनुष्य के जीवन में, पल-पल में आया करता है।

प्रश्न :
(क) सत्साहसी व्यक्ति गुप्त शक्ति के बल से क्या करता है ?
(ख) सत्साहसी व्यक्ति के सह्ययतार्थ भी उस शक्ति की प्रेरणा से संकटों का सामना करने को तैयार हो जाता है ?
(ग) सत्साहसी व्यक्ति संकटों के सामना करने केलिए किसी परवाह नहीं करता?
(घ) सत्साहस केलिए किसकी राह देखने की आवश्यकता नहीं है ?
(ङ) सत्साहस दिखाने का अवसर प्रत्येक मनुष्य के जीवन में कब आता है ?
उत्तर :
(क) सत्साहसी व्यक्ति संकट में पड़े हुए सत्साहसी व्यक्ति गुप्त शक्ति के बल से दूसरे मनुष्य को दु:ख से बचाने केलिए प्राण देने को प्रस्तुत हो जाता है।
(ख) अपरिचित व्यक्ति के सहायतार्थ भी उस शक्ति की प्रेरणा से संकटों का सामना करने को तैयार हो जाता है।
(ग) सत्साहसी व्यक्ति संकटों के सामना करने केलिए अपने प्राणों का लेशमात्र भी परवाह नहीं करता।
(घ) सत्साहस केलिए अवसर की राह देखने की आवश्यकता नहीं है।
(ङ) सत्साहस दिखाने का अवसर प्रत्येक मनुष्य के जीवन में पल-पल में आता है।

BSE Odisha 8th Class Hindi Grammar अनुच्छेद

9. मधुबाबू क्रान्ति, विप्लव, सत्याग्रह, हड़ताल आदि में विश्वास नहीं करते थे। शान्तिपूर्वक गणतांत्रिक लड़ाई करते रहे। सन् १ १०३ ई. स्वी. में ‘उत्फल-सम्मिलनी’ बनायी। सभाएँ होती थीं। सबको साथ लेते थे। अधिकारियों, अंग्रेज अफसरों, वाइसराय को आवेदन, ज्ञापन, स्मारिका भेजते थे। अपने दावा पेश करते थे। तर्कसंगत लेखन, ओजस्वी भाषण, तथ्यपरक विवेचन, मर्मस्पर्शी कविताएँ उनके अस्त्र थे। उनकी देशप्रेम विषयक कविताएँ दिल को छूती हैं। अन्याय के खिलाफ आवाज उठाते थे। सबको समझाते थे। आखिरकार अंग्रेज शासक भी समझे। फैसला हुआ – ओड़िशा का अलग प्रान्त बने। लेकिन मान्त बनने से पहले ही आधुनिक उत्कल का यह निर्माता संसार से चल बसा।

प्रश्न :
(क) मधुबाबू किस-किस पर विश्वास नहीं करते थे ?
(ख) ‘ठक्कल-सम्मिलनी’ क्रब बनायी गई )
(ग) मधुबाबू किस-किस को आवेदन पत्र, ज्ञापन, स्मारिका भेजते थे?
(घ) मधूबाबू के अस्त्र क्या थे?
(ङ) मधुबाबू किसके खिलाफ आवाज उठाते थे ?
उत्तर :
(क) मधुबाबू क्रान्ति, विप्लव, सत्याग्रह, हड़ताल आदिं में विश्वास नहीं करते थे।
(ख) ‘उत्कल-सम्मिलनी’ सन् १९०३ में बनायी गई।
(ग) मधुबाबू अधिकारियों, अंग्रेज अफसरों, वाइसराय को आवेदन पत्र, ज्ञापन, स्मारिका भेजते थे।
(घ) तर्कसंगत लेखन, ओजस्वीनी भाषण, तथ्यपरक विवेचन, मर्मस्पर्शी कविताएँ मधूबाबू के अस्त्र थे।
(ङ) मधुवाबू अन्याय के खिलाफ आवाज उठाते थे।

10. किसान युवक के सामने हाथ जोड़कर खड़ा हो गया ओर बोला – “महाराज, आपने आज मुझे उबार लिया, नहीं तो सारी रात यहीं बैठना पड़ता।” युवक ने हँसकर कहा – “अब मुझे कुछ इनाम देते हो ?” किसान ने गंभीर भाव से कहा – “नारायण चाहेंगे दो दीवानी आपको ही मिलेगी।” युवक ने किसान की तरफ गौर से देखा। उसके मन में संदेह हुआ, कहीं ये सुजान सिंह तो नहीं है ? आवाज मिलती है, चेहरा-मोहरा भी वही लगता है। किसान ने भी उसकी ओर तीव्र दृष्टि से देखा। शायद उसके दिल के संदेह को भाँप गया। मुस्कारकर बोला – “गहरे पानी में बैठने से मोती मिलता है।’

प्रश्न :
(क) किसान युवक के सामने खड़े होकर क्या बोला?
(ख) युवक ने हँसकर किसान से क्या कहा ?
(ग) गंभीर भाव से किसान ने क्या कहा ?
(घ) युवक के मन में क्या संदेह हुआ?
(ङ) किसान मुस्कराकर क्या बोला ?
उत्तर :
(क) किसान युवक के सामने खड़े होकर बोला – “महाराज, आपने आज मुझे उबार लिया, नहीं तो सारी रात नहीं बैठना पड़ता।”
(ख) युवक ने हँसकर किसान से कहा – “अब मुझे कुछ इनाम देते हो ?”
(ग) गंभीर भाव से किसान ने कहा – “नारायण चाहेंगे दो दीवानी आपको ही मिलेगी।”
(घ) युवक के मन में संदेह हुआ, कहीं ये सुजान सिंह तो नहीं है।
(ङ) किसान मुस्कराकर बोला कि गहरे पानी में बैठने से मोती मिलता है।

BSE Odisha 8th Class Hindi Grammar अनुवाद

Odisha State Board BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Grammar अनुवाद Questions and Answers.

BSE Odisha Class 8 Hindi Grammar अनुवाद

एक भाषा की वात को दूसरी भाषा में कहना ही अनुवाद है। ओड़िआभाषी विद्यार्थी ओड़िआ से हिन्दी में और हिन्दी से ओड़िआ में अनुवाद करते हैं। हिन्दी वाक्यों में लिंग और वचन दोनों का प्रभाव रहता है । विद्यार्थी इस पर ध्यान दें ।

ପିଲାଟିଏ ଯାଉଛି । बच्चे जा रहे हैं।
ପିଲାମାନେ ଯାଉଛନ୍ତି । लड़की जा रही हैं।
ଝିଅଟିଏ ଯାଉଛି । लड़कियाँ जा रही हैं।
आ कारांत विशेषण पर भी लिंग-वचन का प्रभाव पड़ता है।
ଭଲ ପିଲା । अच्छा लड़का ।
ଭଲ ପିଲାମାନେ । अच्छे लड़के ।
ଭଲ ମିଠେଇ। अच्छी मिठाई ।
ଭଲ ମିଠେଇଗୁଡ଼ିକ । अच्छी मिठाइयाँ ।
यहाँ कुछ वाक्य संरचनाएँ दी गई हैं। उनके आधार पर विद्यार्थी दूसरे वाक्यों का अनुवाद करें।

BSE Odisha 8th Class Hindi Grammar अनुवाद

संरचना – १

  • मैं हूँ ।
  • हम हैं ।
  • तू है ।
  • तुम हो ।
  • वह है ।
  • वे हैं ।

अनुवाद कीजिए :

  • ମୁଁ ଶିକ୍ଷକ । मैं एक शिक्षक हूँ ।
  • ସେମାନେ ଛାତ୍ର। वे छात्र हैं ।
  • ତୁମେ ଗାୟକ । तुम गायक हो ।
  • ଆମେ ଭାରତୀୟ । हम भारतीय हैं ।
  • ତୁ ଚତୁର | तू चतुर है ।

संरचना – २

BSE Odisha 8th Class Hindi Grammar अनुवाद 1
हिन्दी में अनुवाद कीजिए :

BSE Odisha 8th Class Hindi Grammar अनुवाद 2

संरचना-३
BSE Odisha 8th Class Hindi Grammar अनुवाद 3

BSE Odisha 8th Class Hindi Grammar अनुवाद

हिन्दी में अनुवाद कीजिए

ମୁଁ ଘରକୁ ଗଲି । मैं घर को गया ।
ଶୀଲା ବଜାରରୁ ଫେରିଲା । – शीला बाजार से लौटी ।
ପିଲାମାନେ ପଡ଼ିଆରେ ଦୌଡ଼ିଲେ । बच्चे मैदान में दौड़े ।
ଶିକ୍ଷକ ଶ୍ରେଣୀକୁ ଆସିଲେ। शिक्षक कक्षा को आये ।
ମୁଁ ହାଟକୁ ଆସିଲି । मैं बाजार को आया ।

संरचना-४

मैंने खाया। ମୁଁ ଖାଇଲି।
हमने खाया। ଆମେ ଖାଇଲୁ।
तूने खाया । ତୁ ଖାଇଲୁ।
तुमने खाया। ତୁମେ ଖାଇଲ।
उसने खाया। ସେ ଖାଇଲା ।
उन्होंने खाया। ସେମାନେ ଖାଇଲେ ।

हिन्दी में अनुवाद कीजिए :

ମୁଁ ଦେଖୁଲି । —
मैंने देखा ।

ସେମାନେ ପଢ଼ିଲେ। —
उन्होंने पढ़ा ।

ମୋହନ କହିଲା । —
मोह ने कहा ।

ମାଳତୀ ଶୁଣିଲା। —
मालती ने सुना ।

ଆପଣ କହିଲେ । —
आपने कहा ।

ଚନ୍ଦନ ଦେଖୁଲା —
चन्दन ने देखा ।

BSE Odisha 8th Class Hindi Grammar अनुवाद

ଚାନ୍ଦିନୀ ଲେଖୁଲା । —
चान्दनी ने लिखा ।

संरचना-५

मैंने केला खरीदा। ମୁଁ କଦଳୀ କିଣିଲି ।
पिताजी ने भात खाया | ବାପା ଭାତ ଖାଇଲେ।
तुमने काम किया। ତୁମେ କାମ କଲ ।
उसने नाटक देखा। ସେ ନାଟକ ଦେଖୁଲା ।
उन्होंने काम किया। ସେମାନେ କାମ କଲେ ।

हिन्दी में अनुवाद कीजिए :

ସେମାନେ କ୍ରିକେଟ୍ ଖେଳିଲେ। —
उन्होंने क्रिकेट खेला।

ଦୋକାନୀ ଚାଉଳ ବିକିଲା । —
दूकानदार ने चावल बेचा।

ଶିକ୍ଷକ ପାଠ ପଢ଼ାଇଲେ। —
शिक्षक ने पाठ पढ़ाये ।

ମୁଁ ମୋହନକୁ ଡାକିଲି । —
मैंने मोहन को बुलाया ।

BSE Odisha 8th Class Hindi Grammar अनुवाद

ବାପା ଖବରକାଗଜ ପଢ଼ିଲେ । —
पिताजी ने समाचारपत्र पढ़ा ।

संरचना-५

मैंने रोटी खाई । ମୁଁ ରୁଟି ଖାଇଲି ।
लोकनाथ ने मछली पकड़ी। ଲୋକନାଥ ମାଛ ଧରିଲା।
नानी ने एक कहानी सुनाई। ଆଈ ଗପଟିଏ ଶୁଣାଇଲେ ।
उन्होंने इडली खाई । ସେମାନେ ଇଡ଼ଲି ଖାଇଲେ।

हिन्दी में अनुवाद कीजिए :

ସେମାନେ କ୍ରିକେଟ୍ ଖେଳିଲେ। —
उन्होंने क्रिकेट खेला।

ଦୋକାନୀ ଚାଉଳ ବିକିଲା । —
दूकानदार ने चावल बेचा।

ଶିକ୍ଷକ ପାଠ ପଢ଼ାଇଲେ। —
शिक्षक ने पाठ पढ़ाये ।

BSE Odisha 8th Class Hindi Grammar अनुवाद

ମୁଁ ମୋହନକୁ ଡାକିଲି । —
मैंने मोहन को बुलाया ।

ବାପା ଖବରକାଗଜ ପଢ଼ିଲେ । —
पिताजी ने समाचारपत्र पढ़ा ।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 ताजमहल की आत्मकहानी (आत्मकथा)

Odisha State Board BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 ताजमहल की आत्मकहानी (आत्मकथा)Textbook Exercise Questions and Answers.

BSE Odisha Class 8 Hindi Solutions Chapter 10 ताजमहल की आत्मकहानी (आत्मकथा)

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :

(क) ताजमहल क्यों गर्व से फूला नहीं समाता ?
उत्तर:
ताजमहल कहता है कि जिसने मुझे बनवाया है, वह मेरी गोद में सो रहा है । जिसके उद्देश्य से मुझे बनवाया गया था, वह मेरी गोद में सो रही है ।अर्थात् ताजमहल में बादशाह शाहजहाँ और बेगम मुमताज दोनों दफनाए गए। ताजमहल उन दोनों का स्नेह पाकर गर्व से फूला नहीं समाता ।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 ताजमहल की आत्मकहानी (आत्मकथा)

(ख) ताजमहल क्या संकेत कर रहा है ?
उत्तर:
ताजमहल में सम्राट शाहजहाँ और सम्राज्ञी मुमताज दोनों की समाधियाँ हैं । यह उनकी प्रेम – समाधि है । प्रेम के कारण मौत केंबाद उन दोनों के बिछुड़े हुए हृदय फिर से जुड़े हुए हैं । भेद-भाव में पड़े मनुष्यों को ताजमहल संकेत कर रहा है कि प्रेम ईशरीय सृष्टि की सबसे बड़ी विभूति है ।

(ग) ताज भौतिक ऐश्वर्य का स्मारक नहीं, अपितु प्रेम का समारक है, कैसे ?
उत्तर:
ताजमहल में बहुमूल्य जवाहरात भरे थे।अत्याचारियों ने उन्हें लूट लिया । उन्होंने भौतिक वैभव तो लूट लिया पर इसके अंदर छिपे दो हृदयों के प्रेम के वैभव को लूटने का साहस वे जुटा नहीं सके ।प्रेम की लौ के सामने उनकी आँखें खुली न रह सकीं। आँखें चौंधिया गई ।

(घ) यमुना के साथ ताजमहल का कैसा संबंध है ?
उत्तर:
ताजमहल यमुना के किनारे खड़ा है । वे दोनों पुराने साथी हैं । यमुना ताजमहल के अतीत-वैभव के स्वर्णिम दिनों की याद कर दु: ख से सूख रही है । वह श्यामा हो गई है । ताजमहल को यमुना से स्वाभाविक रूप से स्नेह है । यमुना हिलोरें लेकर ताजमहल को प्यार करती है, अपनी सुनाती है, उसकी सुनती है ।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 ताजमहल की आत्मकहानी (आत्मकथा)

(ङ) वास्तविकता का अद्वितीय उदाहरण ताजमहल है, क्यों?
उत्तर:
ताजमहल वास्तविकता का अद्वितीय उदाहरण है । क्योंकि इसका निर्माण श्वेत संगमरमर से हुआ है 1 इसके निर्माण में करोड़ों रुपये खर्च हुए । हजारों कारींगरों ने इसे बनाने के लिए वर्षों तक परिश्रम किया । इसे देखने देश विदेश से यात्री आते हैं । दुनिया के महान आश्चयों में इसकी गणना की जाती है ।

(च) विदेशी ताजमहल को देखकर क्या करते हैं ?
उत्तर:
ताजमहल की दुनिया के आश्चयों में गणना की जाती है । इसलिए इसे देखने सुदूर विदेशी यात्री आते हैं । वे ताजमहल को देखकर अपना आना सार्थक समझते हैं । वे श्रद्धा से ताज़महल के सामने झुक जाते हैं ।

(छ) लोग ताजमहल को देखकर कैसी कल्पना करते हैं ?
उत्तर:
ताजमहल की नींव में वियोगी सम्राट शाहजहाँ के दो बूँद आँसू गिर पड़े थे । लोग कल्पना करते हैं कि आकाश का हृदय भी उन आँसूओं की स्मृति में द्रवीभूत हो उठता है और दो बूँद आँसुओं से ताजमहल के हुदय को सींचने का प्रतिवर्ष प्रयास करता है।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 ताजमहल की आत्मकहानी (आत्मकथा)

(ज) ताजमहल का हुदय क्यों विदीर्ण हो रहा है ?
उत्तर:
मानव-समाज की वर्वरता देखकर ताजमहल क्षुक्ध हो उठता है । भारत की असहाय अवस्था देखकर उसे दु:ख होता है । सम्राट और सम्राजी भी भारत की दुर्दशा देखकर दु:खी हैं । तांजमहल को लगता है कि यदि यही अवस्था रही तो वह दु:ख के बोझ से ढह जाएगा । इसलिए उसका हृदय विदीर्ण हो रहा है ।

2. निम्न प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में दीजिए ।

(क) ताजमहल की गोद में कौन-कौन सो रहे हैं ?
उत्तर:
ताजमहल की गोद में बादशाह शाहजहाँ और बेगम मुमताज दोनों सो रहे हैं ।

(ख) शताब्दियाँ बीत गई, पर ताजमहल में क्या चीज सुरक्षित है ?
उत्तर:
शताब्दियाँ बीत गई पर ताजमहल में शाहजहाँ और मुमताज के स्नेह का वैभव आज भी सुरक्षित है ।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 ताजमहल की आत्मकहानी (आत्मकथा)

(ग) ताज महान् आश्चर्य क्यों बन गया है ?
उत्तर:
ताज में सुरक्षित शाहजहाँ और मुमताज के स्नेह के वैभव को संसार न जाने कब से विस्मय-विमुख्ध होकर देख रह्मा है । इसलिए यह दुनिया का महान आश्चर्य बन गया है ।

(घ) ताज किनका स्मारक है ?
उत्तर:
ताज शाहजहाँ और मुमताज के प्रेम का स्मारक है ।

(ङ) अत्याचारियों ने क्या किया ?
उत्तर:
अत्याचारियों ने ताजमहल के आभूषणों, रत्नों, और जवाहरातों को लूट लिया और ताजमहल के शरीर को नग्न कर दिया|

(च) ताज के अंदर कौन-सा वैभव छिपा पढ़ा है ?
उत्तर:
ताज के अंदर ईश्शरीय सृष्टि का सबसे बड़ा वैभव प्रेम छिपा पड़ा है ।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 ताजमहल की आत्मकहानी (आत्मकथा)

(छ) आकाश ताजमहल को क्या करता है ?
उत्तर:
आकाश का हृदय शाहजाहाँ के दो बूँद आँसुओं की स्मृति में द्रवीभूत हो उठता है और वह दो बूँद आँसुओं से ताजमहल के हृदय को सींचने का प्रयास करता है ।

(ज) यमुना क्यों सूख रही है ?
उत्तर:
यमुना ताजमहल के अतीत वैभव के स्वर्णिम दिनों को याद करके दु:ख से सूख रही है ।

(ङ्ञ) ताज क्यों मुस्करा उठता है ?
उत्तर:
अपने संबंध में विदेशों से आए यात्रियों की धारणा को देख ताज मुस्करा उठता है ।

(ज) ताजमहल को किसीसे कोई प्रतिद्वन्दूता क्यों नहीं है ?
उत्तर:
ताजमहल की दुनिया के महान आशयों में गणना की जाती है, इसलिए उसे किसी से कोई प्रतिद्वन्द्रिता नहीं है

(ट) ताजमहल क्या चाहता है ?
उत्तर:
ताजमहल चाहता है कि उससे प्रेम का पाठ लेकर भारतवासी एक सूत्र में बँध जाएँ और अपने देश का कल्याण करें।

3. सही विकल्प चुनकर लिखिए :

(क) कौन गर्व से फूला नहीं समाता ?
(i) शाहजहाँ
(ii) ताजमहल
(iii) मुमताज
(iv) देशवासी
उत्तर:
(ii) ताजमहल

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 ताजमहल की आत्मकहानी (आत्मकथा)

(ख) ताजमहल क्या है ?
(i) मंदिर
(ii) मस्जिद
(iii) प्रेम-समाधि
(iv) श्रेष्ठमहल
उत्तर:
(iii) प्रेम-समाधि

(ग) में भौतिक एश्वर्य का स्मारक नहीं, प्रेम का स्मारक हूँ, कौन कहता है ?
(i) शाहाजहाँ
(ii) अकबर
(iii) मुमताज
(iv) ताजमहल
उत्तर:
(iv) ताजमहल

(घ) ताजमहल के निर्माण में कितने रुपए व्यय हुए ?
(i) एक लाख
(ii) करोड़ों
(iii) पाँच हुजार
(iv) दस लाख
उत्तर:
(ii) करोड़ों

(ङ) कौन अपनी तुलिका से ताजमहल को अमर करना चाहता है ?
(i) लेखक
(ii) कवि
(iii) नाककार
(iv) चित्रकार
उत्तर:
(iv) चित्रकार

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 ताजमहल की आत्मकहानी (आत्मकथा)

4. एक-एक शब्द में उत्तर दीजिए :

(क) ‘ताजमहल की आत्म कहानी’ के लेखक कौन हैं?
उत्तर: गुलाबराय

(ख) दुनिया के महान आर्थों में किसकी गणना की जाती है?
उत्तर: ताजमहल

(ग) ताजमहल किसकी प्रेम-समाधि है ?
उत्तर: सम्राट शाहजहाँ और सम्राजी मुमताज

(घ) ताजमहल कहाँ खड़ा है ?
उत्तर: यमुना के किनारे

(ङ) कौन एक सूत्र में बँधकर अपने देश का कल्याण करें?
उत्तर: भारतव्रासी

भाषा ज्ञान

1. कर्ता और क्रिया का संबंध लिंग और वचन दोनों से प्रभावित है । इन उदाहरणों को देखिए :
सम्राट सो रहा है ।
सम्राज़ी सो रही है ।
शताब्दियाँ बीत गई ।
ऐश्र्वर्य के दिन बीत गए।
सही कर्त्ता याक्रिया-पदों द्वारा रिक्त स्थानों को पूरा कीजिए-
उत्तर:
BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 ताजमहल की आत्मकहानी (आत्मकथा) 1

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 ताजमहल की आत्मकहानी (आत्मकथा)

2. इन पदबंधों को देखिए —
शब्द वाक्यों में प्रयुक्त हो तो पद कहलाते हैं । पदों के समूह को पदबंध कहते हैं ।
(क) अपना अंक – अपने अंक में
मेरी गोद – मेरी गोद में
मेरे आभूषण – मेरे आभूषणों को
मेरा निर्माण – मेरे निर्माण में
आप कुछ ऐसे पदबंध बनाइए :
उत्तर:

  • यमुना का किनारा – युमना के किनारे पर
  • आगरा का स्नेह – आगरा के स्नेह को
  • योगी की समाधि- योगी की समाधि की
  • अपनी स्मृतियाँ – अपनी स्मृतियों को
  • उनका मनोभाव – उनके मनोभाव को
  • उनकी धारणाएँ – उनकी धारणाओं को
  • समाज की वर्वरता – समाज की वर्वरता को
  • सिनेमा का पट – सिनेमा के पट पर
  • अपनी तूलिका – अपनी तूलिका से
  • अपनी रचना – अपनी रचना में

(ख) स्नेह का वैभव — मुमजात की प्रेम-समाधि
तल्लींनता का स्मारक — आदमियों के पेट
सम्राट के आँसू — यमुना की लहरें
मेरी माता — मेरे पिताजी
मेरा घर — उनकी कैंची
तुम्हारी साइकिल — तुम्हारा बाग
मेरे बच्चे — गाय के बछड़े
एक थैले के चट्टे-बट्टे

आप कुछ पदबंध लिखिए । उनमें संबंध विभक्ति के प्रयोगों को ध्यान से देखिए ।

  • अपना कल्याण — दुःख का बोझ
  • मेरी गोद — दुःख का बोझ
  • कर्त्तव्य की देवी — भारत की अवस्था
  • मेरा साथी — मुमताज की इच्छा
  • देश का कल्याण — बनाने का प्रयत्न
  • उसकी इच्छा — अपनी रचना
  • उसकी कंब्र — प्रेम का पाठ
  • संजोने का प्रयास — योगी की समाधि
  • मेरा हृदय — यमुना का किनारा
  • देवी की बात — आँसुओं की स्मृति

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 ताजमहल की आत्मकहानी (आत्मकथा)

(ग) सही विभक्ति लगाकर रिक्त स्थानों को भरिए :

(i) शाहजहाँ ने मुझे खड़ा किया ।
(ii) कस्तूरबा को सभी माताजी कहते थे ।
(iii) उनके अप्रमित स्नेह को पाकर में फूला नहीं समाता
(iv) इस असहाय अवस्था से मेरा हृदय क्षुब्ध है ।
(v) श्वेत संगमरमर से मेरा निर्माण हुआ है ।
(vi) मैं गर्व से फूला नहीं समाता ।
(vii) घोबी को कपड़े वे दो ।
(viii) यात्री की आँखों से आँसू टपक पड़े ।
(ix) जाने कब से देख रहा है ।
(x) हजारों का पेट भरा ।
(xi) यमुना के किनारे खड़ा हूँ ।
(xii) मेरी नींव में वियोगी सम्राट के दो बूँद आँसू गिर पड़े थे।
(xiii) मुझे उस पर स्वाभाविक स्नेह है ।

3. इन पदबंधों को देखिए –
‘क’ विभाग के शब्दों के पर्यायवाची शब्द ‘ख’ विभाग में दि, गए हैं। उनका मिलान कीजिए।
(क) विधाता, अंक, वैभव, संदेश, प्रयास, भौतिक; अस्तित्व
(ख) समाचार, गौद, चेष्टा, सांसारिक, ब्रह्मा, संपत्ति, सत्ता
उत्तर:
‘क’ विभाग – ‘ख़’ विभाग

  • विधाता – ब्रहमा
  • अंक – गोद
  • वैभव – संपति
  • संदेश – समाचार
  • प्रयास , – चेष्टा
  • भौतिक – सांसारिक
  • अस्तित्व – सत्ता

4. निम्नलिखित शब्दों के स्त्रीलिंग रूप लिखिए ।
विधाता, सम्राट, बावला, बादशाह, योगी
उत्तर:

  • विधाता – जद्मदात्री
  • सम्राट – सम्राज्ञी
  • बावला – बावली
  • बादशाह – बेगम
  • योगी – योगिन

5. उदाहरणों के अनुसार शब्दों के बहुवचन रूप लिख़िए।
शताब्दी – शताब्दियाँ
आँख – आँखें
उत्तर:

  • स्मृति – स्मृतियाँ
  • नदी – नदियाँ
  • माली – माली
  • गाड़ी – गाड़ियाँ
  • रानी – रानियाँ
  • बूँद – बूँदें
  • भूल – भूलें
  • चाह – चाहें
  • साँस – साँसें

‘काला घोड़ा’। इसमें ‘काला’ घोड़े का रंग या एक विशेषता बताता है। इसे विशेषण कहते हैं। इस पाठ में आए निम्नलिखित शब्द-युग्मों पर ध्यान दीजिए।

अपनी वीरता, राजपुती शान, जख्मी राणा, अनगिनत सैनिक, उसकी फौज, हमारी लड़ाई, कई चोटें, बड़ी फुर्ति, विशाल सेना, चुटकी भर धूल।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 ताजमहल की आत्मकहानी (आत्मकथा)

इनमें से प्रथम शब्द विशेषण हैं। ये दूसरे शब्दों की विशेषताएँ बताते हैं। ये हैं: अपनी, राजपुती, जख्मी, अनगिनत, उसकी, हमारी, कई, बड़ी, विशाल, चुटकी भर ।

6. निम्नलिखित संज्ञाओं के विशेषण – रूप लिखिए । सुरक्षा, ईश्वर, तल्लीनता, क्षुब्धता, प्रतिष्ठा, प्रेम, भारत, बर्बरता, विदेश, वास्तविकता, स्वर्ण, योग ।
उत्तर:

  • सुरक्षा – सुरक्षित
  • ईश्चर – ईश्वरीय
  • तल्लीनता – तल्लीन
  • क्षुब्धता – क्षुब्ध
  • प्रतिष्ठा – प्रतिष्ठित
  • प्रेम – प्रेमी
  • भारत – भारतीय
  • बर्बरता – बर्बर
  • विदेश – वैदेशिक
  • वास्तविकता – वास्तविक
  • स्वर्ण – स्वर्णिम
  • योग – यौगिक

7. निम्नलिखित वाक्यों में से विशेषणों को छाँटिए।

(क) हृदय स्मृति में द्रवीभूत हो उठता है ।
उत्तर: द्रवीभूत

(ख) प्रेम ईश्चरीय सृष्टि की विभूति है ।
उत्तर: ईश्चरीय

(ग) दो बूँद आँसू चू पड़े थे ।
उत्तर: दो

(घ) अप्रतिम स्नेह पाकर मैं गर्व से फूला नहीं समाता ।
उत्तर: अप्रतिम

(ङ) मेरा हृदय विदीर्ण होता जा रहा है ।
उत्तर: मेरा

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 ताजमहल की आत्मकहानी (आत्मकथा)

एक-एक वाक्य में उत्तर वीजिए :

प्रश्न 1.
ताजमहल के विधाता कौन हैं ?
उत्तर:
ताजमहल के विधाता सम्राट शाहजहाँ हैं ।

प्रश्न 2.
ताजमहल किसके लिए खढ़ा किया गया ?
उत्तर:
ताजमहल सम्राजी मुमताज के लिए खड़ा किया गया।

प्रश्न 3.
ताजमहल में आज भी क्या सुरक्षित है ?
उत्तर:
ताजमहल में आज भी सम्राट शाहजहाँ और सम्राजी मुमताज के स्नेह का वैभव सुरक्षित है।

प्रश्न 4.
सप्राट और सम्राजी के स्नेह-वैभव को संसार कैसे देख रहा है ?
उत्तर:
सम्राट और सम्राजी के स्नेह-वैभव को संसार विस्मयविमुग्ध होकर देख रहा है ।

प्रश्न 5.
ताजमहल की गणना किसमें की जाती है ?
उत्तर:
ताजमहल की गणना दुनिया के महान आश्चयों में की जाती है ।

प्रश्न 6.
ताजमहल किनकी प्रेम-समाधि है ?
उत्तर:
ताज़महल सम्राट शाहजहाँ और सम्राजी मुमताज की प्रेम-समाधि है।

प्रश्न 7.
ताजमहल किसका स्मारक है ?
उत्तर:
ताजमहल प्रेम की पवित्रता और तल्लीनता का स्मारक है।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 ताजमहल की आत्मकहानी (आत्मकथा)

प्रश्न 8.
आज मनुष्य किस में पड़े हुए हैं ?
उत्तर:
आज मनुष्य भेद-भाव में पड़े हुए हैं ।

प्रश्न 9.
ताजमहल भेद-भाव में पड़े मनुष्यों को क्या संकेत् कर रहा है ?
उत्तर:
ताजमहल भेद-भाव में पड़े मनुष्यों को संकेत कर रहा है कि प्रेम ईश्वरीय सृष्टि की सबसे वड़ी विभूति है ।

प्रश्न 10.
अत्याचारियों ने ताजमहल के प्रति कैसा व्यवहार किया?
उत्तर:
अत्याचारियों ने ताजमहल पर समय-समय पर आक्रमण किया और उसे लूट लिया।

प्रश्न 11.
लोग ताज़महल से क्या ले गए ?
उत्तर:
लोग ताजमहल से उसके आभूषणों, रत्नों और जवाहरातों को ले गए।

प्रश्न 12.
अत्याचारियों को ताजमहल से क्या लूटने का साहस नहीं हुआ है ?
उत्तर:
अत्याचारियों को ताजमहल के अंदर जो वैभव छिपा पड़ा है, जो दो हृदय जुड़े पड़े हैं, उन्हें लूटने का साहस नहीं हुआ।

प्रश्न 13.
प्रेम की लौ के सामने अत्याचारियों की स्थिति क्या हुई?
उत्तर:
प्रेम की लौ के सामने अत्याचारियों के आँखें खुली नहीं रह सकीं।

प्रश्न 14.
ताजमहल किसका समारक नहीं है ?
उत्तर:
ताजमहल भौतिक ऐश्वर्य का स्मारक नहीं है ।

प्रश्न 15.
ताजमहल की नींवं में क्या चू पड़े थे ?
उत्तर:
ताजमहल की नींव में वियोगी सम्राट के दो बूँद आँसू चू पड़े थे।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 ताजमहल की आत्मकहानी (आत्मकथा)

प्रश्न 16.
आकाश पर वियोगी सम्राट के आँसूओं का प्रभाव कैसा पड़ता है ?
उत्तर:
सम्राट के आँसूओं की स्मृति में आकाश का हृदय द्रवीभूत हो उठता है ।

प्रश्न 17.
आकाश का हुदय प्रतिवर्ष क्या करता है ?
उत्तर:
आकाश का हृदय प्रतिवर्ष दो बूँद आँसूओं से ताजमहल के हृदय को सींचने का म्रयास करता हैं ।

प्रश्न 18.
आकाश के ह्नय के आँसू कहीं पहुँच जाते हैं ?
उत्तर:
आकाश के ह्यय के आँसू ताजमहल के हुदय तक पहुँच जाते हैं।

प्रश्न 19.
ताजमहल किस पर विश्वास नहीं करता ?
उत्तर:
त्मजमहल कल्पना-जगत के विश्वासों पर विश्वास नहीं करता।

प्रश्न 20.
ताजमहल का कलेवर कैसे निखर उठता है ?
उत्तर:
ताजमहल का कलेवर आकाश के हृदय के आँसूओं से निखर उठता है ।

प्रश्न 21.
ताजमहल किस नदी के किनारे स्थित है ?
उत्तर:
ताजमहल यमुना नदी के किनारे स्थित है ।

प्रश्न 22.
ताजमहल किस शहर में है ?
उत्तर:
ताजमहल आगरा शहर में है।

प्रश्न 23.
ताजमहल किसका स्नेह नहीं भूल सकता है ?
उत्तर:
ताजमहल आगरा का स्नेह नहीं भूल सकता ।

प्रश्न 24.
ताजमहल किसकी समाधि की तरह है ?
उत्तर:
ताजमहल योगी की समाधि की तरह है ।

प्रश्न 25.
ताजमहल योगी की समाधि की तरह क्या करने का प्रयास करता है ?
उत्तर:
ताजमहल योगी की समाधि की तरह यमुना के किनारे अपनी स्मृतियों को संजोग का प्रयास कर रह्म है।

प्रश्न 26.
यमुना क्यों सूख रही है ?
उत्तर:
यमुना ताजमहल के अतीत-वैभव के स्वर्णिम दिनों को याद करके दु: ख से सूख रही है ।

प्रश्न 27.
यमुना का रंग क्य्या हो गया है ?
उत्तर:
यमुना का रंग श्याम हो गया है ।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 ताजमहल की आत्मकहानी (आत्मकथा)

प्रश्न 28.
ताजमहल किसे अपना पुरान साथी बता रहा है ?
उत्तर:
ताजमहल यमुना को अपना पुराना साथी बता रहा है ।

प्रश्न 29.
यमुना ताजमहल को कैसे प्यार करती है ?
उत्तर:
यमुना ताजमहल को हिलोरें लेकर प्यार करती है ।

प्रश्न 30.
वास्तविकता का अद्वितीय उदाहरण कौन है ?
उत्तर:
ताजमहल वास्तविकता का अद्वितीय उदाहरण है।

प्रश्न 31.
किस पत्थर से ताजमहल बना है ?
उत्तर:
श्वेत संगमरमर से ताजमहल बना है ।

प्रश्न 32.
ताजमहल को बनवाने में कितने रुपए व्यय हुए ।
उत्तर:
ताजमहल को बनवाने में करोड़ों रुपए व्यय हुए।

प्रश्न 33.
किसकी ताजमहल बनवाए जाने की इच्छा थी ?
उत्तर:
मृत्यु-शय्या पर अंतिम साँस गिनती हुई मुमताज की ताजमहल बनबाए जाने की इच्छा थी ।

प्रश्न 34.
मुमताज की अंतिम इच्छा का परिणाम क्या हुआ ?
उत्तर:
मुमताज की अंतिम इच्छानुसार उसकी बेजोड़ कब्र अस्तित्व में आई ।

प्रश्न 35.
कब्र अपने को क्यो अभागी नहीं मानती?
उत्तर:
कब्र अपने को अभागी नहीं मानती, क्योंकि रात-दिन इसे देखने बहुत-से लोग आते हैं।

प्रश्न 36.
सुदूर विदेशों-से यात्री क्यों अपना आना सार्थक समझते हैं ?
उत्तर:
सुदूर विदेशों-से यात्री ताजमहल को देखकर अपना आना सार्थक समझते हैं।

प्रश्न 37.
ताजमहल के पास आकर यात्री क्या करते हैं ?
उत्तर:
ताजमहल के पास आकर यात्री श्रद्धा से झुक जाते हैं।

प्रश्न 38.
यात्री जब पास आते हैं, तो ताजमहल को कौन-सा अवसर मिलता है ?
उत्तर:
यात्री जब पासआते हैं, तो ताजमहल को उनके मनोभावों को पढ़ने का अवसर मिलजाता है ।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 ताजमहल की आत्मकहानी (आत्मकथा)

प्रश्न 39.
ताजमहल क्यों मुस्करा उठता है ?
उत्तर:
ताजमहल अपने संबंध में यात्रियों की धारणाओं को देखकर मुस्करा उठता है ।

प्रश्न 40.
मुग्राल साम्राज्य के कौन-से दिन बीत गए ?
उत्तर:
मुगल साम्राज्य के ऐश्वर्य के दिन बीत गए।

प्रश्न 41.
ताजमहल का पाष्ण-हुदय क्यों क्षुब्ध हो उठा है ?
उत्तर:
मानव-समाज की वर्वरता को देखकर ताजमहल का पाषण हृदय क्षुब्ध हो उठा है ।

प्रश्न 42.
क्या देखकर ताजमहल को आज दु:ख हो रहा है ?
उत्तर:
भारत की असहाय अवस्था को देखकर ताजमहल को आज दु:ख हो रहा है ।

प्रश्न 43.
लोग क्यों ताजमहल के चित्र उतारते हैं ?
उत्तर:
लोग सिनेमा के पट पर ताजमहल की छवि अंकित करने के लिए उसके चित्र उतारते हैं ।

प्रश्न 44.
कौन अपनी तूलिका में वाजमहल को अमर करना चाहता है ?
उत्तर:
चित्रकार अपनी तूलिका में ताजमहल को अमर करना चाहता है ।

प्रश्न 45.
कवि ताजमहल के संबंध में क्या प्रयत्म करता हैं ?
उत्तर:
कवि अपनी रचना में ताजमहल को चिरजीवी बनाने का प्रयत्न करता है ।

प्रश्न 46.
सम्राट और सम्राजी क्यों म्लान हो रहे हैं ?
उत्तर:
सम्राट और सम्राज्ञी अपने भारत की इस दुरवस्था को देखकर म्लान हो रहे हैं।

प्रश्न 47.
ताजमहल क्यों डरता है कि वह आज नहीं तो कल बह जाएगा ?
उत्तर:
ताजमहल डरता है कि अगर भारत की यह दुरवस्था रही तो दु:ख के बोझ से वह आज नहीं तो कल ढह जाएगा।

प्रश्न 48.
ताजमहल क्या चाहता है ?
उत्तर:
ताजमहल चाहता है कि उससे, प्रेम का पाठ लेकर भारतवासी एक सूत्र में बंध जाएँ और अपने देश का कल्याण करें।

प्रश्न 49.
इस युग में ताजमहल का सच्चा साथी कौन है ?
उत्तर:
इस युग में अगा खाँ महल ताजमहल का सच्चा साथी है।

प्रश्न 50.
कस्तूरबा को कहाँ समाधि दी गई है ?
उत्तर:
अगा खाँ महल में कस्तूरबा को समाधि दी गई है।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 ताजमहल की आत्मकहानी (आत्मकथा)

प्रश्न 51.
प्रेम की देवी की समाधि कहाँ है ?
उत्तर:
प्रेम की देवी की समाधि ताजमहल में है।

प्रश्न 52.
कर्त्तव्य की देवी की समाधि कहाँ है ?
उत्तर:
कर्त्तव्य की देवी की समाधि अगा खाँ महल में है।

प्रश्न 53.
मानवता अपना कल्याण कैसे करेगी ?
उत्तर:
प्रेम और कर्त्तव्य के संदेश को ले कर मानवता अपना कल्याण करेगी।

एक या दो शब्द में उत्तर दीजिए :

प्रश्न 1.
‘ताजमहल की आत्म-कहानी’ पाठ के लेखक कौन हैं?
उत्तर:
गुलाब राय

प्रश्न 2.
ताजमहल ने किसे अपनी विधाता कहा है ?
उत्तर:
सम्राट शाहजहाँ को

प्रश्न 3.
ताजमहल की गोद में कौन-कौन सो रहे हैं ?
उत्तर:
सम्राट शाहजहाँ और सम्राज्ञी मुमताज महल

प्रश्न 4.
संसार विस्मय-विमुग्ध होकर क्या देख रहा है ?
उत्तर:
स्नेह का वैभव

प्रश्न 5.
दुनिया में ताजमहल की गणना किस रूप में होती है ?
उत्तर:
महान आश्चर्यों में

प्रश्न 6.
कौन अपने को प्रेम-समाधि कहता है ?
उत्तर:
ताजमहल

प्रश्न 7.
ताजमहल किसका समारक है ?
उत्तर:
प्रेम की पवित्रता और तल्लीनता का

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 ताजमहल की आत्मकहानी (आत्मकथा)

प्रश्न 8.
ईश्वरीय सुष्टि की सबसे बड़ी विभूति कौन है ?
उत्तर:
प्रेम

प्रश्न 9.
नृशंस अत्याचारी क्या लूटने का साहस नहीं कर सके?
उत्तर:
प्रेम का वैभव

प्रश्न 10.
ताजमहल की नींव में किसके आँसू चू-पड़े थे ?
उत्तर:
वियोगी सम्राट के

प्रश्न 11.
किसका हृदय उन आँसुओं की स्मृति में द्रवीभूत हो उठता है ?
उत्तर:
आकाश का

प्रश्न 12.
आकाश आँसुओं से किसका द्वदय सींचता है ?
उत्तर:
ताजमहल का

प्रश्न 13.
आकाश के आँसुओं से क्या निखर उठता है ?
उत्तर:
ताजमहल का शरीर

प्रश्न 14.
ताजमहल किसके किनारे पर है ?
उत्तर:
यमुना के

प्रश्न 15.
ताजमहल क्या नहीं भूल सकता ?
उत्तर:
आगरा का स्नह

प्रश्न 16.
यमुना क्या याद करके दु:खी होती है ?
उत्तर:
ताजमहल के स्वर्णिम दिनों को

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 ताजमहल की आत्मकहानी (आत्मकथा)

प्रश्न 17.
यमुना क्यों श्यामा हो गई ?
उत्तर:
दु:ख से

प्रश्न 18.
यमुना ताजमहल को कैसे प्यार करती है ?
उत्तर:
हिलोरें लेकर

प्रश्न 19.
ताजमहल किस पत्थर से बना है ?
उत्तर:
संगमरमर

प्रश्न 20.
ताजमहल के निर्माण में कितना समय लगा ?
उत्तर:
एक युग से अधिक

प्रश्न 21.
मुमताज की अंतिम इच्छा क्या थी ?
उत्तर:
उनके लिए बेजोड़ कब्र बनवाना

प्रश्न 22.
ताजमहल का पाषाण हृदय क्या देखकर रो उठता है ?
उत्तर:
मानव-समाज की वर्वरता

प्रश्न 23.
सम्राट भी क्या देखकर म्लान हो रहे हैं ?
उत्तर:
भारत की दुरवस्था

प्रश्न 24.
भारत की दुरवस्था रहने से ताजमहल को क्या डर है?
उत्तर:
ढह जाने का

प्रश्न 25.
भारतवासी ताजमहल से किसका पाठ लें ?
उत्तर:
प्रेम का

प्रश्न 26.
प्रेम का पाठ लेकर भारतवासी किसमें बँध जाएँगे ?
उत्तर:
एक सूत्र में

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 ताजमहल की आत्मकहानी (आत्मकथा)

प्रश्न 27.
ताजमहल का सच्चा साथी कौन है ?
उत्तर:
आगा खाँ महल

प्रश्न 28.
अगा खाँ महल की गोद में कौन सोई है ?
उत्तर:
कस्तूरबा

प्रश्न 29.
ताजमहल की गोद में कौन है ?
उत्तर:
प्रेम का देवी

प्रश्न 30.
अगा खाँ महल की गोद में कौन है ?
उत्तर:
कर्त्तव्य की देवी

मातृभाषा में अनुवाद कीजिए :

प्रश्न 1.
अपने विधाता को मैं अपने अंक में लिए बैठा हूँ।
उत्तर:
ମୋ ବିଧାତାଙ୍କୁ ମୁଁ ମୋ କୋଳରେ ଧରିବସିଛି।

प्रश्न 2.
जिसने मुझे खड़ा किया वही मेरी गोद में सो रहा है।
उत्तर:
ଯିଏ ମୋତେ ଠିଆକଲେ ସେ ହିଁ ମୋ କୋଳରେ ଶୋଇଛନ୍ତି ।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 ताजमहल की आत्मकहानी (आत्मकथा)

प्रश्न 3.
जिसके लिए मैं खड़ा किया गया, वह तो मेरी गोद में सो रही है ।
उत्तर:
ଯାହାପାଇଁ ମୋତେ ଠିଆକରାଗଲା, ସେ ତ ମୋ କୋଳରେ ଶୋଇଛି ।

प्रश्न 4.
उनके इस अप्रतीम स्नेह को पाकर में गर्व से फूला नहीं समाता।
उत्तर:
ସେମାନଙ୍କର ଏହି ଅପ୍ରତୀମ ସ୍ନେହ ପାଇ ମୁଁ ଗର୍ବରେ ବହୁତ ଖୁସି ହୋଇଯାଉଛି।

प्रश्न 5.
शताब्दियाँ बीत गईं,पर उनके स्नेह का वैभव आज भी मुझ में सुरक्षित है ।
उत्तर:
ଅନେକ ଶତାବ୍ଦୀ ବିତିଗଲାଣି; କିନ୍ତୁ ସେମାନଙ୍କର ସ୍ନେହର ବୈଭବ ଆଜି ମଧ୍ୟ ମୋ ଭିତରେ ସୁରକ୍ଷିତ ରହିଛି।

प्रश्न 6.
प्रेम की पवित्रता और तल्लीनता का में स्मारक हैं ।
उत्तर:
ମୁଁ ପ୍ରେମର ପବିତ୍ରତା ଓ ନିମଗ୍ନତାର ସ୍ମାରକ ।

प्रश्न 7.
भेद-भाव में पड़े मनुष्यों को में यह संकेत कर रहा हैं।
उत्तर:
ଭେଦ-ଭାବରେ ପଡ଼ିଯାଇଥିବା ମନୁଷ୍ୟମାନଙ୍କୁ ମୁଁ ଏଇୟା ସୂଚେଇଦେଉଛି।

प्रश्न 8.
प्रेम ईश्वरीय सृष्टि की सबसे बड़ी विभूति है ।
उत्तर:
ପ୍ରେମ ଈଶ୍ବରଙ୍କ ସୃଷ୍ଟିରେ ସବୁଠାରୁ ବଡ଼ ବିଭୂତି ।

प्रश्न 9.
दो बिछड़े हुए हुदय मेरी गोद में जुड़े हुए हैं ।
उत्तर:
ଦୁଇଟି ଅଲଗା ହୋଇଯାଇଥିବା ହୃଦୟ ମୋରି କୋଳରେ ଏକାଠି ହୋଇଛନ୍ତି ।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 ताजमहल की आत्मकहानी (आत्मकथा)

प्रश्न 10.
मेरे आभूषणों रत्नों और जवाहरातों को लोग ले गए।
उत्तर:
ମୋ ଅଳଙ୍କାର ଓ ରତ୍ନ ସମୂହକୁ ଲୋକେ ନେଇଗଲେ।

प्रश्न 11.
प्रेम की लौ के सामने उनकी आँखें खुली नहीं रह सकीं।
उत्तर:
ପ୍ରେମର ଅଗ୍ନିଜ୍ୱାଳା ସମ୍ମୁଖରେ ସେମାନେ କୌଣସି କ୍ଷତି କରିବାକୁ ସାହସ କରି ପାରିଲେ ନାହିଁ ।

प्रश्न 12.
मेरी नींव में उस वियोगी सम्राट के दो बूँद आँसू चू पड़े थे।
उत्तर:
ମୋ ମୂଳଦୁଆରେ ସେହି ବିୟୋଗୀ ସମ୍ରାଟଙ୍କର ଦୁଇବୁନ୍ଦା ଲୁହ ଝରିପଡ଼ିଥିଲା ।

प्रश्न 13.
पर मेरे हुदय तक उसके सभी आँसू पहुँच जाते हैं ।
उत्तर: କିନ୍ତୁ ମୋ ହୃଦୟ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ତାଙ୍କର ସବୁତକ ଲୁହ ପହଞ୍ଚାଯାଏ ।

प्रश्न 14.
उसके आँसुओं के तो मेरा कलेवर भी निखर उठता है।
उत्तर: ତାଙ୍କ ଲୁହରେ ତ ମୋ ଶରୀର ମଧ୍ୟ ଉଜ୍ଜ୍ବଳ ହୋଇଉଠେ ।

प्रश्न 15.
यमुना के किनारे पर मै खड़ा हैं।
उत्तर: ଯମୁନା କୂଳରେ ମୁଁ ଠିଆହୋଇଛି ।

प्रश्न 16.
योगी की समाधि की तरह में आगरे में यमुना के किनारे अपनी स्मृतियों को संजोने का प्रयास करता हूँ ।
उत्तर:
ଯୋଗୀର ସମାଧ୍ ଭଳି ମୁଁ ଆଗ୍ରାରେ ଯମୁନା କୂଳରେ ମୋ ସ୍ମୃତିଗୁଡ଼ିକୁ ସୁରକ୍ଷିତ ରଖୁବା ପାଇଁ ଚେଷ୍ଟାକରୁଛି ।

प्रश्न 17.
बावली यमुना भी मेरे अतीत वैभव के स्वर्णिम दिनों को याद कर दु:ख से सूख रही है ।
उत्तर:
ପାଗଳୀ ଯମୁନା ମଧ୍ଯ ମୋ ଅତୀତ ବୈଭବରେ ସର୍ଷିମ ଦିନଗୁଡ଼ିକୁ ମନେପକେଇ ଦୁଖରେ ଶୁଖୁଯାଉଛି।

प्रश्न 18.
वह श्यामा हो गई है ।
उत्तर:
ସେ ଶ୍ୟାମଳୀ ହୋଇଯାଇଛି ।

प्रश्न 19.
वह हिल्लोरें लेकर मुझे प्यार करती है ।
उत्तर:
ସେ ତରଙ୍ଗାୟିତ ହୋଇ ମୋତେ ପ୍ରେମ କରୁଛି ।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 ताजमहल की आत्मकहानी (आत्मकथा)

प्रश्न20.
वह अपनी सुनाती है,मेरी सुनती है ।
उत्तर:
ସେ ତା’ କଥା ଶୁଣାଉଛି, ମୋ କଥା ଶୁଣୁଛି ।

प्रश्न 21.
श्वेत संगमरमर से मेरा निर्माण हुआ ।
उत्तर:
ଧଳା ଶଙ୍ଖ ମଲମଲ ପଥରରେ ମୁଁ ତିଆରି ହୋଇଛି

प्रश्न 22.
हजारों लोगों का पेट भरा ।
उत्तर:
ହଜାର ହଜାର ଲୋକ ପେଟ ପୋଷିଛନ୍ତି ।

प्रश्न 23.
एक युग में भी मेरा निर्माण-कार्य समाप्त न हो सका।
उत्तर:
ଗୋଟିଏ ଯୁଗ ଭିତରେ ମଧ୍ଯ ମୋର ନିର୍ମାଣକାର୍ଯ୍ୟ ସ୍ମନ୍ନ ହୋଇପାରିଲା ନାହିଁ ।

प्रश्न 24.
मृत्यु-शय्या पर अंतिम साँसें गिनती हुई मुमताज़ की यही तो अंतिम इच्छा थी
उत्तर:
ମୃତ୍ୟୁଶଯ୍ୟାରେ ଶେଷନ୍ନିଶ୍ବାସ ଗଣୁଥିବା ମମତାଜଙ୍କର ଏହା ହିଁ ତ ଅନ୍ତିମ ଇଚ୍ଛା ଥିଲା। .

प्रश्न 25.
उस स्वर्गीय देवी की बात शाहजहाँ कैसे टाल सकता था?
उत्तर:
ସେହି ସର୍ଗୀୟ ଦେବୀଙ୍କ କଥା ଶାହାଜାହାନ କିପରି ବା ଏଡ଼େଇଦେଇ ପାରିଥାଆନ୍ତେ !

प्रश्न 26.
इसीलिए तो उसकी इच्छानुसार उसकी यह बेजोड़ कब्र अस्तित्व में आई।
उत्तर:
ସେଇଥିପାଇଁ ତ ତାଙ୍କ ଇଚ୍ଛାନୁସାରେ ତାଙ୍କର ଏହି ଅଦ୍ବିତୀୟ କବର ଅସ୍ଥିତ୍ଵଲାଭ କଲା ।

प्रश्न 27.
रात-दिन इसे देखने न जाने कितने लोग आते हैं।
उत्तर:
ରାତିଦିନ ଏହାକୁ ଦେଖୁବାକୁ କେଜାଣି କେତେ ଲୋକ ଆସୁଛନ୍ତି ।

प्रश्न 28.
मेरे पास आकर उन्हें श्रद्धा से झुक जाना पड़ता है ।
उत्तर:
ମୋ ପାଖକୁ ଆସି ସେମାନେ ଶ୍ରଦ୍ଧାରେ ମୁଣ୍ଡ ନୁଆଇଁଦିଅନ୍ତି ।

प्रश्न 29.
अपने संबंध में उनकी धारणाओं को देख में मुस्करा उठता हैं ।
उत्तर:
ମୋ ବିଷୟରେ ସେମାନଙ୍କ ଧାରଣା ସବୁ ଦେଖୁ ମୁଁ ହସିପକାଏ।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 ताजमहल की आत्मकहानी (आत्मकथा)

प्रश्न 30.
मुगल साम्राज्य के ऐश्वर्य के दिन बीत गए।
उत्तर:
ମୋଗଲ ସାମ୍ରାଜ୍ୟର ଐଶ୍ବର୍ଯ୍ୟର ଦିନ ଚାଲିଯାଇଛି।

प्रश्न 31.
आज मेरा पाषण-हृदय भी क्षूब्य हो उठा है ।
उत्तर:
ଆଜି ମୋର ପାଷାଣ-ହୃଦୟ ମଧ୍ୟ ବ୍ୟର୍ଥାତ ହୋଇଯାଉଛି ।

प्रश्न 32.
लोग मेरे चित्र उतारते हैं ।
उत्तर:
ଲୋକମାନେ ମୋର ଚିତ୍ରସବୁ ଉଠାଉଛନ୍ତି ।

प्रश्न 33.
सम्राट और सम्राज्ञी भी अपने भारत की इस दुरवस्था को देखकर म्लान हो रहे हैं।
उत्तर:
ଯଦି ଏହି ଅବସ୍ଥା ରହିବ; ତେବେ ଦୁଖର ବୋଝରେ ମୁଁ ଆଜି ନୋହିଲେ କାଲି ଭାଙ୍ଗିପଡ଼ିବି ।

प्रश्न 34.
अगर यही अवस्था रही तो दु:ख के बोझ से मैं ढह जाऊँगा आज नही, कल सही।
उत्तर:
ମୁଁ ଚାହୁଁଛି ଯେ ମୋଠାରୁ ପ୍ରେମର ପାଠ ପଢ଼ି ଭାରତବାସୀ ଗୋଟିଏ ସୂତ୍ରରେ ବାନ୍ଧିହୋଇଯାଆନ୍ତୁ ଓ ନିଜ ଦେଶର କଲ୍ୟାଣ କରନ୍ତୁ ।

प्रश्न 35.
मैं चाहता हैं मुझसे प्रेम का पाठ लेकर भारतवासी एक सूत्र में बँध जाएँ और अपने देश का कल्याण करें।
उत्तर:
କସ୍ତୁରବା ତା’ରି କୋଳରେ ରହିଛି।

प्रश्न 36.
कस्तूरवा उसकी गोद में है ।
उत्तर:
କସ୍ତୁରବା ତା’ରି କୋଳରେ ରହିଛି।

प्रश्न 37.
मेरी गोद में प्रेम की देखी है ।
उत्तर:
ମୋ କୋଳରେ ପ୍ରେମର ଦେବୀ ରହିଛନ୍ତି।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 ताजमहल की आत्मकहानी (आत्मकथा)

प्रश्न 38.
मुझे विश्वास है, उस प्रेम और कर्तक्य के संदेश को लेकर मानवता अपना कल्याण करेगी ।
उत्तर:
ମୋର ବିଶ୍ୱାସ, ଏହି ପ୍ରେମ ଓ କର୍ତ୍ତବ୍ୟର ବାର୍ତ୍ତା ନେଇ ମାନବତା ନିଜର କଲ୍ୟାଣ କରିବ ।

सही उत्तर चूनिए :

प्रश्न 1.
अपने विधाता को में अपने अंक में लिए बैठा हैं – इस वाक्स में विधाता किसे कहा गया है ?
(A) शाइजहाँ
(B) नुमताज
(C) ताजमहल
(D) ब्रह्मा
उत्तर:
(A) शाइजहाँ

प्रश्न 2.
ताजमहल को किसने खाए किया ?
(A) मुमताज ने
(B) अंक्रेजों ने
(C) और बजेब ने
(D) शाहजहाँ ने
उत्तर:
(C) और बजेब ने

प्रश्न 3.
ताजमहल में किसकी समाधि/कर है ?
(A) सुमताज की
(B) शाहजाईँ की
(C) दोनों की
(D) किसी की नहीं
उत्तर:
(D) किसी की नहीं

प्रश्न 4.
दुनिया के महान् आश्चयों में किसकी गणना होती है?
(A) शीशमल की
(B) अगा खाँ महल की
(C) कुतुबमीनार
(D) ताजमाइल की
उत्तर:
(D) ताजमाइल की

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 ताजमहल की आत्मकहानी (आत्मकथा)

प्रश्न 5.
ईश्वरीय सृष्टि की सबसे बती विभूति क्या है ?
(A) धर्म
(B) कर्म
(C) वाणी
(D) मेम
उत्तर:
(D) मेम

प्रश्न 6.
तृशंस अत्याचारी किसे लूट नहीं सके ?
(A) रल-वैभव
(B) संगमरमर की नवकाशी
(C) मेम-औरब
(D) ताजमहल की सुंदरता
उत्तर:
(C) मेम-औरब

प्रश्न 7.
ताजमहल किसका समारक है ?
(A) भौतिक ऐश्वर्य का
(B) प्रेमका
(C) रत्लों-जवाहरातें का
(D) मुग्ल कालीन स्थाफरय का
उत्तर:
(B) प्रेमका

प्रश्न 8.
ताजमहल के हाइय तक किसके सभी औसू पहुँच जाते हैं ?
(A) आकाश के हुदय के
(B) बारिश के
(C) वियोगी समाट के
(D) मुमताज के
उत्तर:
(A) आकाश के हुदय के

प्रश्न 9.
ताजमहल किस नदी के पास खड़ा है ?
(A) गंगा
(B) यमुना
(C) ब्रह्मपुत्र
(D) गंडक
उत्तर:
(B) यमुना

प्रश्न 10.
ताजमहल किसका सेह भूल नहीं सकता ?
(A) दिल्ली का
(B) आगरा का
(C) यमुना का
(D) भारत का
उत्तर:
(B) आगरा का

प्रश्न 11.
ताजमहल किसकी तरह अपनी स्मृतियों को संजोता रहता है ?
(A) योगी की समाधि
(B) मुमताज की समाधि
(C) शाहजहाँ की समाधि
(D) महान आश्चर्य
उत्तर:
(A) योगी की समाधि

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 ताजमहल की आत्मकहानी (आत्मकथा)

प्रश्न 12.
यमुना ताजमहल के स्वर्णिम दिनों की याद करके क्या करती है ?
(A) दुखी होती है
(B) आश्चर्य होती है
(C) दुख से सूखं रही है
(D) रो पड़ती है
उत्तर:
(C) दुख से सूखं रही है

प्रश्न 13.
कौन दुख से श्यामा हो गई है ?
(A) ताजमहल
(B) यमुना
(C) किला
(D) आगरा
उत्तर:
(B) यमुना

प्रश्न 14.
ताजमहल किससे बना है ?
(A) ग्रेनाइट पत्थर से
(B) बलुईपत्थर से
(C) लाल पत्थर से
(D) संगमरमर से
उत्तर:
(D) संगमरमर से

प्रश्न 15.
मुमताज की अंतिम इच्छा क्या थी ?
(A) संगमरमर की कब्र बनाने की
(B) एक बेजोड़ कब्न बनाने की
(C) पति-पत्नी दोनों को एक साथ कब देने की
(D) कब्र में हीरे-जवाहरात जड़ाने की
उत्तर:
(B) एक बेजोड़ कब्न बनाने की

प्रश्न 16.
दर्शक ताजमहल को देखकर क्या करते है ?
(A) शाहजहाँ को याद करते हैं
(B) विस्मित होते हैं
(C) मुमताज को याद करते हैं
(D) श्रद्धा से झुक जाते हैं
उत्तर:
(D) श्रद्धा से झुक जाते हैं

प्रश्न 17.
भारत की असहाय अवस्था देखकर ताजमहल क्या करता है ?
(A) तनावग्रस्त
(B) अकेलापन महसूस करता है
(C) दुखी
(D) रो पड़ता है
उत्तर:
(C) दुखी

प्रश्न 18.
कवि अपनी रचना में किसे चिरंजीवी बनाना चाहंता है?
(A) शाहजहाँ को
(B) यमुना को
(C) प्रेम-वैभव को
(D) ताजमहल को
उत्तर:
(D) ताजमहल को

प्रश्न 19.
भारत की दुरवस्था लगी रही तो ताजमहल की अवस्था क्या होगी ?
(A) सफेदी घट जाएगी
(B) दुखं से रो पड़ेगा
(C) वह श्याम हो जाएगा
(D) दुख से ढह जाएगा
उत्तर:
(D) दुख से ढह जाएगा

प्रश्न 20.
भारतवासी अपने देश का कल्याण कैसे कर, सकते हैं?
(A) हीरे-जवाहराव एकत्रिक करके
(B) एक सूत्र में बैंधकर
(C) ताजमहल को देखकर
(D) सब्या प्रेमी बनकर
उत्तर:
(B) एक सूत्र में बैंधकर

प्रश्न 21.
अगा खाँ महल में किसकी समाधि है ?
(A) कस्तूरबा की
(B) मुमताज की
(C) मब्लत्मा यांधी की
(D) जाकीर हुसेन की
उत्तर:
(A) कस्तूरबा की

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 ताजमहल की आत्मकहानी (आत्मकथा)

प्रश्न 22.
कर्तव्य की देवी किसकी गोद में सो गई है ?
(A) शीशमल की
(B) ताजमक्ल की
(C) मुमताज की
(D) अगा खाँ महल की
उत्तर:
(D) अगा खाँ महल की

प्रश्न 23.
कर्तव्य की देवी कौन है ?
(A) मुमताज
(B) कस्तुरवा
(C) विजयलक्ष्मी पंडित
(D) सरोजिनी नायह
उत्तर:
(B) कस्तुरवा

प्रश्न 24.
मुमताज को ताजमहल क्या मानता है ?
(A) विभव की देवी
(B) कर्तव्य की देवी
(C) कर्म की देवी
(D) पेम की देवी
उत्तर:
(D) पेम की देवी

प्रश्न 25.
मानवता की रक्षा के लिए किसका संदेश लेना चाहिए?
(A) प्रेम और कर्म का
(B) कर्म और फल का
(C) प्रेम और कर्तव्य का
(D) प्रोपकार और महतुभूति का
उत्तर:
(C) प्रेम और कर्तव्य का

प्रश्न 26.
ताजमहल की आत्म-कहानी के रचयिता कौन हैं ?
(A) गुलाब राय
(B) धनपतराय
(C) सुदर्शन
(D) प्रेमचन्द
उत्तर:
(A) गुलाब राय

प्रश्न 27.
ताजमहल गर्व से फुला नहीं समाता, क्योंकि –
(A) वह संसार में वास्तवता का अद्वितीय उदाहरण है।
(B) उसे शाहजाँ और मुमताज का अमतिम स्नेह मिला।
(C) वह श्वेत संगमरमर से बना है।
(D) ताजमहल आवरा में है।
उत्तर:
(B) उसे शाहजाँ और मुमताज का अमतिम स्नेह मिला।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 ताजमहल की आत्मकहानी (आत्मकथा)

प्रश्न 28.
ताजमहल के अंदर जो बैभव छिपा पढ़ा है, उसे लूटने का साहस नृशंस से नृशंस अल्याचारी को भी नहीं हो सका, क्योंकि –
(A) उनको छर लगा कि ऐसा करने से लोग उन्हें मार ज्ञालेंगे।
(B) उनको हर लगा कि कोई अदृश्य शक्ति उनका नुकसान करेगी।
(C) यह वैभव प्रेम वैभव था, प्रेम की लौ के सामने वे टिक न सके।
(D) हर समय पहरेदार रहते थे ।
उत्तर:
(C) यह वैभव प्रेम वैभव था, प्रेम की लौ के सामने वे टिक न सके।

प्रश्न 29.
बावली यमुना दु:ख से सूख रही है, क्योंकि –
(A) वह ताजमहल के अतीत-वैभव के स्वर्णिम दिनों को याद करती है ।
(B) शाहजहाँ कैदी बन गए थे।
(C) उसमें जल-मवाह कम होने लगा है ।
(D) उसको ताजमहल की तरह आदर नहीं मिल सका।
उत्तर:
(A) वह ताजमहल के अतीत-वैभव के स्वर्णिम दिनों को याद करती है ।

प्रश्न 30.
ताजमहल अभागा नहीं है, क्योंकि –
(A) इसके अंदर दो कब्रें हैं ।
(B) इसके सौन्दर्य और प्रेम-वैभव को देखने दिनरात लोग आते रहते हैं।
(C) लोग आते ही इनके सामने झुक जाते हैं।
(D) वह संगमरमर से बना है।
उत्तर:
(B) इसके सौन्दर्य और प्रेम-वैभव को देखने दिनरात लोग आते रहते हैं।

प्रश्न 31.
ताजमहल का पाषण-हुदय आज भुक्य हो उठाहै, क्योंकि-
(A) वह मानव-समाज की बर्बरता को देखती है।
(B) इसके श्वेत संगमरमर में पुराना होने के कारण दरारें आ गई हैं ।
(C) चित्रकार अपनी तूलिका से और कवि अपनी रचना में उसे अमर करना चाहते हैं।
(D) उसे देखने कम लोग आते हैं ।
उत्तर:
(A) वह मानव-समाज की बर्बरता को देखती है।

प्रश्न 32.
सम्राट और सम्राज्ञी म्लान हो रहे हैं, क्योंकि –
(A) वे भारत की दुरवस्था को देखते हैं।
(B) लोगों ने ताजमहल के जवाहरात लूट लिए।
(C) ताजमहल को आनेवाले दर्शक ताजमहल के पास अधिक समय ठहर नहीं सकते।
(D) मुगल साम्राज्य नहीं रह्म।
उत्तर:
(A) वे भारत की दुरवस्था को देखते हैं।

प्रश्न 33.
अगा खाँ महल ताजमहल का सच्चा साथी है, क्योंकि-
(A) यह ताजनहल की तरह पुरानी इमारत है।
(B) इसके अंदर कर्त्तव्य की देवी कस्तूरबा की समाधि है।
(C) अगा खाँ महल और ताजमहल-दोनों के नाम के साथ महल शब्द जुड़ा है ।
(D) अगा खाँ महल कैदखाना है ।
उत्तर:
(B) इसके अंदर कर्त्तव्य की देवी कस्तूरबा की समाधि है।

शून्यस्थानों की पूर्ति कीजिए :

1. अपने ………… को मैं अपने अंक में लिए बैठा हूँ।
उत्तर: विधाता

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 ताजमहल की आत्मकहानी (आत्मकथा)

2. उनके इस अप्रतीम स्नेह को पाकर मैं गर्व से ………… नहीं समाता।
उत्तर: फूला

3. शताब्दियाँ बीत गई, पर उनके स्नेह का ………… आज भी मूझ में सुरक्षित है।
उत्तर: वैभव

4. दुनिया के महान ………… में मेरी गणना की जाती हैं।
उत्तर: आश्चर्यों

5. सम्राट ………… और सम्राजी मुमताज की मैं प्रेम-समाधि हूँ।
उत्तर: शाहजहाँ

6. प्रेम की पवित्रता और तल्लीनता का मैं ………… हूँ ।
उत्तर: स्मारक

7. प्रेम ईश्वरीय सृष्टि की सबसे बड़ी ………… हैं।
उत्तर:विभूति

8. दो बिछुड़े हुए ………… मेरी गोद में जुड़े हैं।
उत्तर:हृदय

9. मेरे आभूषणों, रत्नों और ………… को लोग ले गए।
उत्तर:जवाहरातों

10. प्रेम की ………… के सामने उनकी आँखें खुली नहीं रह सकीं।
उत्तर: लौ

11. मैं ………… का स्मारक नहीं, प्रेम का स्मारक हूँ ।
उत्तर: भौतिक ऐश्वर्य

12. मेरी ………… में उस वियोगी सम्राट वे दो बूँद आँसू चू पड़े थे।
उत्तर: नींव

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 ताजमहल की आत्मकहानी (आत्मकथा)

13. मेरे हृदय तक उसके सभी ………… पहुँच जाते हैं ।
उत्तर: आँसू

14. ………… के स्नेह को मैं भूल नहीं सकता ।
उत्तर: आगरे

15. ………… यमुना भी मेरे अतीत वैभव के स्वर्णिम दिनों को याद कर दु:ख से सूंख रही है।
उत्तर: बावली

16. ………… श्यामा हो गई है।
उत्तर: यमुना

17. यमुना ………… लेकर मुझे प्यार करती है।
उत्तर: हिल्लोरें

18. मैं ………… का अद्वितीय उदाहरण हूँ।
उत्तर: वास्तविकता

19. ………… से मेरा (ताजमहल का) निर्माण हुआ।
उत्तर: श्वेत संगमरमर

20. मृत्यु-शय्या पर ………… साँसे गिनती हुई मुमताज की यही तो अंतिम इच्छा थी ।
उत्तर: अंतिम

21. उस स्वर्गीय देवी की बात ………… कैसे टाल सकता था?
उत्तर: शाहजहाँ

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 ताजमहल की आत्मकहानी (आत्मकथा)

22. उसकी इच्छानुसार उसकी यह बेजोड़ ………… अस्तित्व में आई।
उत्तर: कब्र

23. मेरे पास आकर उन्हें ………… से झुक जाना पड़ता है।
उत्तर: श्रद्धा

24. मुगल साम्राज्य के ………… के दिन बीत गए।
उत्तर: ऐश्वर्य

25. मानव-समाज की ………… को देखकर आज मेरा पाषणहृदय भी क्षुब्ध हो उठा है ।
उत्तर: बर्बरता

26. चित्रकार अपनी तूलिका से मुझे ………… करना चाहता है।
उत्तर: अमर

27. कवि अपनी रचना में मुझे ………… बनाने का प्रयत्न करता है।
उत्तर: चिरजीवी

28. ………… के बोझ से मैं ढह जाऊँगा ।
उत्तर: दुःख

29. मैं चाहता हूँ कि मुझसे प्रेम का पाठ लेकर ………… एक सूत्र में बँध जाएँ।
उत्तर: भारतवासी

30. ………… आज इस युग में मेरा एक सच्चा साथी हुआ है ।
उत्तर: अगाखाँ महल

31. अगा खाँ महल की गोद में ………… की देवी है ।
उत्तर: कर्त्तव्य

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 ताजमहल की आत्मकहानी (आत्मकथा)

32. मुझे विश्वास है, इस प्रेम और ………… के संदेश को लेकर मानवता अपना कल्याण करेगी।
उत्तर: कर्त्तव्य

उपयुक्त शब्द ले कर खाली जगह भरिए :

1. अपने विधाता को मैं अपने अंक ………… लिए बैठा हूँ। (के, में, पर)
उत्तर: में

2. वही मेरी गोद ………… सो रहा है। (पर, में, को)
उत्तर: में

3. मैं गर्व ………… फूल नहीं समाता। (में, से, केलिए)
उत्तर: से

4. स्नेह का वैभव मुझ ………… सुरक्षित है। (पर, में, केलिए)
उत्तर: में

5. महान आश्चर्यों ………… मेरी गणना की जाती है। (का, में, पर)
उत्तर: में

6. मैं प्रेम ………… पवित्रता का स्मारक हूँ। (का, के, की)
उत्तर: की

7. प्रेम ईश्वरीय सृष्टि ………… सबसे बड़ी विभूति है। (का, के, की)
उत्तर: की

8. जवाहरातों ………… लोग ले गये। (का, को, पर)
उत्तर: को

9. मेरी नींव ………… उस वियोगी सम्राट के दो बूँद आँसू चू पड़े हैं। (में, पर, को)
उत्तर: पर

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 ताजमहल की आत्मकहानी (आत्मकथा)

10. मेरे हुदय तक उस ………… सभी आँसू पहुँच जाते हैं। (क़ा, के, पर)
उत्तर: के

11. कल्पना जगत के विश्वासों ………… मैं विश्वास नहीं करता। (का, के, पर)
उत्तर: पर

12. यमुना के किनारे ………… मैं खड़ा हूँ। (पर, में, से)
उत्तर: में

13. आगरे के स्नेह ………… मैं भूल नहीं सकता। (को, पर, से)
उत्तर: से

14. मुझे उस ………… प्रेम है। (में, पर, ने)
उत्तर: पर

15. यमुना दुख ………… सूख रही है। (से, को, ने)
उत्तर: से

16. मैं वास्तविकता ………… अद्वितीय उदाहरण हूँ। (का, के, की)
उत्तर: का

17. उस ………… इच्छानुसार कब्र अस्तित्व में आई। (का, के, की)
उत्तर: की

18. विदेशों ………… यात्री आकर मुझे देखकर अपना आना सार्थक समझते हैं। (से, ने, को)
उत्तर: से

19. अपने संबंध ………… उनकी थारणाओं को देख में मुस्करा उठता हूँ। (पर, में, ने)
उत्तर: में

20. मुगल साम्राज्य ………… ऐश्वर्य के दिन बीत गए। (का, के, की)
उत्तर: के

21. मेरी छबि अंकित करने ………… लोग यहाँ आते हैं। (केलिए, को, में)
उत्तर: केलिए

22. दुख के बोझ ………… मैं ढह जाऊँगा। (के, से, में)
उत्तर: से

23. भारतवासी एक सूत्र ………… बँधजाएँ । (में, से, पर)
उत्तर: में

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 ताजमहल की आत्मकहानी (आत्मकथा)

24. मुझे किसी ………… प्रतिद्वन्द्रिता नहीं है। (में, पर, से)
उत्तर: से

25. मेरी गोद ………… प्रेम की देवी हैं। (में, पर, से)
उत्तर: में

वर्तनी शुद्ध कीजिए :

1. अप्रतीम
2. शताब्दि
3. आस्वर्य
4. साम्राज्ञी
5. विभुति
6. इस्वरीय
7. आभूषण
8. जबाहरात
9. बैभव
10. नृसंस
11. अश्वर्य
12. नीव
13. द्रविभूत
14. बुँद
15. विश्वास
16. जमुना
17. समाधी
18. योगि
19. स्यामा
20. साथि
21. साहजहाँन
22. ममताज
23. यात्रि
24. स्रीधा
25. छबि
26. पासाण
27. चीरजीवी
28. अबस्था
29. तुलिका
30. दुरावस्था
BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 ताजमहल की आत्मकहानी (आत्मकथा)
31. सुत्र
32. प्रतिद्बादिता
33. कस्तुरबा
34. बिश्वास
35. मानबता
36. सामाजी
उत्तर:
1. अप्रतिम
2. शताब्दी
3. आश्चर्य
4. सम्राजी
5. विभूति
6. ईश्वरीय
7. आभूषण
8. जवाहरात
9. वैभव
10. नृशंस
11. ऐश्वर्य
12. नींव
13. द्रवीभूत
14. बूँद
15. विश्वास
16. यमुना
17. समाधि
18. योगी
19. श्यामा
20. साथी
21. शाहजहाँ
22. मुमताज
23. यात्री
24. श्रद्धा
25. छवि
26. पाषाण
27. चिरजीवी
28. अवस्था
BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 ताजमहल की आत्मकहानी (आत्मकथा)
29. तूलिका
30. दुरवस्था
31. सूत्र
32. प्रतिद्वन्द्रिता
33. कस्तूरबा
34. विश्वास
35. मानवता
36. समाज्ञी

वाक्यों को शुद्ध कीजिए :

प्रश्न 1.
जो मुझे खड़ा किया, वही मेरी गोद में सो रहा है।
उत्तर:
जिसने मुझे खड़ा किया, वही मेरी गोद में सो रहा है।

प्रश्न 2.
वह मेरे गोद में सो रही है।
उत्तर:
वह मेरी गोद में सो रही है।

प्रश्न 3.
उनका स्नेह का वैभव आज भी सुरक्षित है।
उत्तर:
उनके स्नेह का वैभव आज भी सुरक्षित है।

प्रश्न 4.
महान् आश्चयों में मेरा गणना किया जाता है।
उत्तर:
महान् आश्वयों में मेरी गणना की जाती है।

प्रश्न 5.
प्रेम ईश्वरीय सृत्टि का सबसे बड़ी विभूति है।
उत्तर:
प्रेंम ईश्वरीय सृष्टि की सबसे बड़ी विभूति है।

प्रश्न 6.
दो बिहुड़ा हुआ हृदय मेरी गोद में जुड़े हुए हैं।
उत्तर:
दो बिछड़े हुए हुदय मेरी गोद में जुड़े हुए हैं ।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 ताजमहल की आत्मकहानी (आत्मकथा)

प्रश्न 7.
मैं प्रेम की स्मारक हूँ।
उत्तर:
मैं प्रेम का स्मारक हूँ।

प्रश्न 8.
उसके सभी आँसू पहुँच जाता है।
उत्तर:
उसके सभी आँसू पहुँच जाते हैं।

प्रश्न 9.
उसके आँसू से मेरा कलेवर निखर उठता है।
उत्तर:
उसके आँसुओं से मेरा कलेवर निखर उठता है।

प्रश्न 10.
यमुना का किनारे पर मैं खड़ा है।
उत्तर:
यमुना के किनारे पर मैं खड़ा हूँ।

प्रश्न 11.
यमुना श्यामा हो गया है।
उत्तर:
यमुना श्यामा हो गई हैं।

प्रश्न 12.
वह हिल्लोर लेकर मुझे प्यार करती हैं।
उत्तर:
वह हिल्लोरें लेकर मुझे प्यार करती है ।

प्रश्न 13.
मेरे निर्माण में करोड़ रुपए व्यय हुए।
उत्तर:
मेरे निर्माण में करोड़ रुपए खर्च हुए।

प्रश्न 14.
यह कब्र अभागा नहीं है।
उत्तर:
यह कब्र अभागी नहीं है ।

प्रश्न 15.
मुगल साम्राज्य के ऐश्वर्य का दिन बीत गया।
उत्तर:
मुगल साम्राज्य के ऐश्वर्य का दिन बीत गए।

प्रश्न 16.
भारत का असहाय अवस्था देखकर आज मुझे दु:ख होता है।
उत्तर:
भारत की असह्यय अवस्था देखकर आज मुझे टु:ख हो रहा है।

प्रश्न 17.
वे मेंरा चित्र उतारते हैं ।
उत्तर:
वे मेरे चित्र उतारते हैं।

प्रश्न 18.
चित्रकार अपना तूलिका से मुझे अमर करना चाहता है।
उत्तर:
चित्रकार अपनी तूलिका से मुझे अमर करना चाहते हैं।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 ताजमहल की आत्मकहानी (आत्मकथा)

प्रश्न 19.
अगर यही अवस्था रहा तो मैं ढह जाऊँगा।
उत्तर:
अगर यही अवस्था रही, तो मैं ढह जाऊँगा।

प्रश्न 20.
भारतवासी एक सूत्र में बँध जाए।
उत्तर:
भारतवासी एक सूत्र में बँध जाएँ।

प्रश्न 21.
वे अपने देश का कल्याण करो।
उत्तर:
वे अपने देश का कल्याण करें ।

प्रश्न 22.
अगा खाँ महल मेरा सच्ची साथी है।
उत्तर:
अगा खाँ महल मेरा सच्चा साथी है।

प्रश्न 23.
मेरी गोद पर प्रेम की देवी है।
उत्तर:
मेरी गोद में प्रेम की देवी है।

प्रश्न 24.
यह प्रेम और कर्त्तव्य के संदेश को लेकर मानवता अपना कल्याण करेगी।
उत्तर:
इस प्रेम और कर्त्तव्य के संदेश को लेकर मानवता अपना कल्याण करेगी।

लिंग बदलिए

  • विधाता – विधात्री
  • सम्राट – सम्राजी
  • योगी – योगिणी
  • यात्री – यात्रिणी
  • मानव – मानवी
  • देव – देवी

बचन बदलिए

  • शताब्दी – शताब्दियाँ
  • वैभव – वैभव
  • समाधि – समाधियाँ
  • विभूति – विभूतियाँ
  • आभूषण – आभूषण
  • नींव – नींवें
  • बूँद – बूँदें
  • प्रयास – प्रयास
  • किनारा – किनारे
  • स्मृति – स्मृतियाँ
  • साथी – साथी
  • रुपया – रुपए
  • शय्या – शय्याएँ
  • साँस – साँसें
  • कब्र – कब्रें
  • धारणा – धारणाएँ
  • अवस्था – अवस्थाएँ
  • बवि – छवियाँ
  • तूलिका – तूलिकाएँ
  • रचना – रचनाएँ
  • बोझ – बोझ

अव्ययों से रिक्त स्थान भरिए :

1. उनके स्नेह का वैभव ………… मुझमें सुरक्षित है ।
2. प्रेम की पवित्रता ………… तल्लीनता का मैं स्मारक हूँ।
3. मुझे ………… लूटा गया।
4. ………… मेरे ………… जो वैभव छिपा पड़ा है ।
5. उसे छोड़कर मैं ………… जा सकता।
6. शाहजहाँ ………… टाल सकता था ?
7. ………… उसकी इच्छानुसार आज भी यह बेजोड़ कब्र अस्तित्व में आई ।
उत्तर:
1. आज भी
2. और
3. भी
4. पर, अंदर
5. कहीं, नहीं
6. कैसे
7. इसलिए, तो

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 ताजमहल की आत्मकहानी (आत्मकथा)

३० शब्दों/दो-तीन वाक्यों में उत्तर दीजिए :

प्रश्न 1.
ताजमहल क्यों गर्व से फूला नहीं समाता ?
उत्तर:
ताजमहल सम्राजी मुमताज के लिए सम्राट शाहजहाँ के द्वारा बनवाया गया था । दोंनों कब्र इसी में है । उन दोनों का सम्राट शाहजहाँ और सम्राज्ञी मुमताज का अप्रतिम स्नेह ताजमहल को मिलने से वह गर्व से फूला नहीं समाता ।

प्रश्न 2.
ताजमहल क्या संकेत कर रहा है ?
उत्तर:
ताजमहल सम्राट शाहजहाँ और सम्राजी मुमताज की प्रेम समाधि है । प्रेम की पवित्रता को भूलकर भेदभाव में पड़ गए लोंगों को ताजमहल संकेत कर रहा है कि प्रेम ईश्वरीय सृष्टि की सबसे बड़ी विभूति है ।

प्रश्न 3.
ताज भौतिक ऐश्वर्य का स्मारक नहीं अपितु प्रेम का स्मारक है, कैसे ?
उत्तर:
ताजमहल के अंदर सम्राट शाहजहाँ और सम्राजी मुमताज के प्रेम का वैभव छिपा पड़ा है । उसे कोई भी अत्याचारी लूट न सका । ताजमहल के अंदर आभूषणों, रत्नों और जवाहरातों का भौतिक ऐश्वर्य अत्याचारियों ने लूट लिया पर वह म्रेम का स्मारक था, अब भी है ।

प्रश्न 4.
यमुना के साथ ताजमहल का कैसा सबंध है ?
उत्तर:
ताजमहल यमुना के किनारे खड़ा है । दोनों पुराने साथी हैं । इसलिए बावली यमुना ताजमहल के पुराने वैभव के स्वर्णिम दिनों को याद करके दु: ख से सूख रही है । श्यामा हो गई है । उस पर ताजमहल को स्वाभाविक रूप से स्नेह है । यमुना लहरों से उसे प्यार करती है । अपनी सुनाती है, ताजमहल की सुनती है ।

प्रश्न 5.
वास्तविकता का अद्वितीय उदाहरण ताजमहल है, क्यों ?
उत्तर:
ताजमहल सम्राट शाहजहाँ और सम्राज्ञी मुमताज के वास्तविक प्रेम का अद्वितीय उदाहरण है । मृत्यु-शय्या पर मुमताज की अंतिम इच्छा थी कि उसके लिए एक बेजोड़ कब्र बनाई जाए।सम्राट ने भी करोडों रुपए व्यय करके श्वेत संगमरमर से हजारों कारीगरों की सहायता से ताजमहल बनवाया ।

प्रश्न 6.
विदेशी ताजमहल को देखकर क्या करते हैं ?
उत्तर:
दुनिया? की महान् आश्चयों में ताजमहल की गणना होती है ।इसे देखने विदेशी पर्यटक यहाँ आते हैं । वे इस प्रेम के स्मारक को देखकर अपना आना सार्थक समझते हैं । वे श्रद्धा से इसके सामने सिर झुका देते हैं ।

प्रश्न 7.
लोग ताजमहल को देखकर कैसी कल्पना करते हैं ?
उत्तर:
भिन्न-भिन्न लोग ताजमहल को देखकर भिन्न – भिन्न कल्पनाएँ करते हैं । कुछ लोग सिनेमा के पट पर ताजमहल का चित्र उतारते हैं । चित्रकार अपनी तूलिका से उसे अमर करना चाहते हैं । कवि अपनी रचना में ताजमहल को चिरजीवी बनाने का प्रयास करते हैं ।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 ताजमहल की आत्मकहानी (आत्मकथा)

प्रश्न 8.
ताजमहल का हृदय क्यों विदीर्ण हो रहा हैं ?
उत्तर:
मानव समाज की वर्वरता को देखकर ताजमहल का पाषाण हृदय क्षुब्ध हो उठा है । ताजमहल ने भारत के वैभव के दिन देखे हैं । प्रेम भूल गए हैं । सम्राट-सम्राजी भारत की दुरवस्था देखकर म्लान हो रहे हैं । इससे ताजमहल का हृदय विदीर्ण हो रहा है।

प्रश्न 9.
ताज का प्रतिद्वन्द्री नहीं हैं, सच्चा साथी कौन है ?
उत्तर:
ताज का कोई समकक्ष न रहने से उसका किसीसे प्रतिद्वन्द्रिता नहीं है । प्रेम के स्मारक के सभी साथी हैं । ताजमहल का सच्चा साथी आगा खाँ महल है, जहाँ कर्त्तव्य की देवी कस्तूरबा की समाधि है ।

प्रश्न 10.
ताजमहल की इच्छा क्या है ?
उत्तर:
ताजमहल ने मानवसमाज की वर्वरता और भारत की असहाय अवस्था देखी है । यह अवस्था रही तो दु:ख के बोझ से वह ढह जाएगा – ऐसा उसे लगता है । उसकी इच्छा है कि उससे प्रेम का पाठ लेकर भारतवासी एक सूत्र में बँध जाएँ और देश का कल्याण करें ।

प्रश्न 11.
संसार विस्मय विमुग्ध होकर क्या देख रहा है ?
उत्तर:
ताजमहल में सम्राट शाहजहाँ और सम्राजी मुमताज के स्नेह का वैभव सुरक्षित है। इस वैभव को संसार विस्मय विभुग्ध होकर देख रहा है।

प्रश्न 12.
अत्याचारियों ने ताजमहल को क्या हानि पहुँचाई?
उत्तर:
अत्याचारियों ने समय-समय पर ताजमहल पर आक्रमण किया। उन्होंने उसके आभूषणों, रत्नों और जवाहरातों को लूट लिया और उसे नग्न कर दिया।

प्रश्न 13.
वियोगी सम्राट के आँसुओं की स्मृति में आकाश क्या करता है ?
उत्तर:
वियोगी सम्राट के आँसुओं से त्मजमहल के हृदय को सींचने का प्रयास करता है।

प्रश्न 14.
ताजमहल का कलेवर कैसे निखर उठता है ?
उत्तर:
आकाश सम्राट की स्मृति में दो बूँद आँसू बहाता है। ताजमहल के हृदय तक ये आँसू पहुँच जाते हैं। उन आसुओं से ताजमहल का कलेवर निखर उठता है।

प्रश्न 15.
ताजमहल का निर्माण कैसे हुआ?
उत्तर:
ताजमहल का निर्माण श्वेत संगमरमर से हुआ। उसकें निर्माण में करोड़ों रुपए खर्च हुए। हजारों आदमी एक युग से भी अधिक समय में इसका निर्माण पूरा कर सके।

लेखक परिचय:

गुलाब राय का जन्म इटावा में १८८८ ई. में हुआ था। वे एम.ए., एल.एल.बी पास थे । उन्हें आगरा विश्च विद्यालय से सम्मान्रार्थ डी.लिट. की उपाधि मिली थी। संस्कृत का उन्होंने गह्न अध्ययन किया था। उन्होंने काव्यशास्त्रकार, आलोचक, निबंधकार तथा दार्शनिक के रूप में अपनी बहुमुखी प्रतिभा का परिचय दिया था । आधुनिक हिन्दी गद्य को उन्होंने समुद्ध बनाया है । उनकी मृत्यु १ ३ अपैल, १ ९ ६ ३ को हो गई ।

उनकी रचनाएँ – सिद्धांत और अध्ययन, काव्य के रूप, हिन्दी नाट्य विमर्श, मेरी असफलाताएँ, मेरे निबंध, तर्कशास्त्र, मन की बातें आदि ।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 ताजमहल की आत्मकहानी (आत्मकथा)

विचारबोध :

सम्रांट शाहजहाँ ने सम्राज़ी मुमताज के अनुरोंध से उनके लिए संगमरमर का मकबरा ताजमहल यमुना के किनारे पर बनवाया था । मुमताज को यहीं दफनाया गया था। बाद में शाहजहाँ को भी वहीं बगल में दफनाया गया। यह ताजमहल प्रेम के प्रतीक के रूप में और बेजोड़ सौंदर्य के लिए विश्च मसिद्ध है । ताजमहल से प्रेमकी और अगा खाँ महल से कर्त्तव्य की प्रेरणा लेने से मानवता का कल्याण होगा।

शब्दार्थ :
BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 ताजमहल की आत्मकहानी (आत्मकथा) 2
BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 ताजमहल की आत्मकहानी (आत्मकथा) 3

सारांश :

बादशाह शाहजहाँ की बेगम मुमताज की अंतिम इच्छा थी कि उनके लिए शाहजहाँ एक बेजोड़ कब्र बनवाएँ। शाहजहाँ ने अंपने अमर प्रेम की खातिर आगरा में यमुना के किनारे पर श्वेत संगमरमर का मकबरा ताजमहल बनाया । इसमें करोड़ों रुपए खर्च हुए । हजारों कारीगरों के वर्षों के श्रम से यह बना । जवाहरातों से इसे सजाया गया । यह अपनी सुंदरता के लिए दुनिया के सप्ताश्वर्यों में गिना जाता है। ताजमहल में पहले मुमताज को दफनाया गया था। बाद में शाहजहाँ को भी मुमताज की कब्र के बगल में दफनाया गया। ताजमहल शाहजहाँ और मुमताज के प्रेम का स्मारक है ।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 ताजमहल की आत्मकहानी (आत्मकथा)

देश – विदेश से लाखों यात्री ताजमहल देखने आते हैं । वे इस अंद्वितीय प्रेम – निशानी को देखकर मुग्ध हो जाते हैं ।जिस समय ताजमहल’बना था, उस समय भारत में वैभव के दिन थे।आज भारत की दुरवस्था देखकर ताजमहल दुःखी हो जाता है ।

उसे आशंका होती है कि भारत की यह दुरवस्था अधिक दिन रही तो वह दु:ख के बोझ से ढह जाएगा । भारतवासी यदि उससे प्रेम का पाठ पढ़ें और एक सूत्र में बँध जाएँ तो भारत का कल्योण होगा । ताजमहल की गोद में मुमताज प्रेम की देवी हैं । अगा खाँ महल की गोद में कस्तूरबा कर्त्तव्य की देवी हैं । यदि भारतवासी इन दोनों से प्रेम और कर्त्तव्य का संदेश लेंगे तो मानवता का कल्याण होगा।

ସାରାଂଶ:

ବାଦଶାହ ଶାହାଜାହାନଙ୍କ ବେଗମ ମମତାଜ ମହଲଙ୍କର ଅନ୍ତିମ ଅଭିଳାଷ ଥୁଲା ଯେ ତାଙ୍କ ପାଇଁ ଶାହାଜାହାନ ଏକ ଅପ୍ରତିମ କବର ଆଗ୍ରାର ଯମୁନା ନଦୀ କୂଳରେ,ଶ୍ଵେତ ଶଙ୍ଖ ମଲମଲ ପଥରରେ ସମାଧୁ ତାଜମହଲ ନିର୍ମାଣ କରାଇଥିଲେ । ଏଥିରେ କୋଟି କୋଟି ଟଙ୍କା ଖର୍ଚ୍ଚ ହେଲା । ହଜାର-ହଜାର କାରିଗର ବର୍ଷ ବର୍ଷ ଧରି ପରିଶ୍ରମ କରି ଏହା ନିର୍ମାଣ କଲେ । ବିଭିନ୍ନ ରନ୍‌ରେ ଏହା ସଜ୍ଜିତ ହୋଇଥିଲା । ଏହାକୁ ଏହାର ସୌନ୍ଦର୍ଯ୍ୟ ପାଇଁ ପୃଥ‌ିବୀର ସପ୍ତାଶ୍ଚର୍ଯ୍ୟ ମଧ୍ୟରେ ଗଣାଯାଏ ।

ପ୍ରଥମେ ମମତାଜଙ୍କୁ ତାଜମହଲରେ କବର ଦିଆଯାଇଥିଲା । ପରେ ଶାହାଜାହାନଙ୍କୁ ମମତାଜଙ୍କ କବର ପାଖରେ କବର ଦିଆଗଲା । ତାଜମହଲ ହେଉଛି ଶାହାଜାହାନ ଓ ମମତାଜଙ୍କ ପ୍ରେମର ସ୍ମାରକୀ । ଦେଶ-ବିଦେଶରୁ ଲକ୍ଷ ଲକ୍ଷ ଲୋକ ତାଜମହଲ ଦେଖିବାକୁ ଆସନ୍ତି । ସେମାନେ ଏହି ଅଦ୍ଵିତୀୟ ପ୍ରେମ- ସ୍ମାରକୀକୁ ଦେଖି ଅଭିଭୂତ ହୋଇଯାଆନ୍ତି ।

ପ୍ରଥମେ ଯେତେବେଳେ ତାଜମହଲ ନିର୍ମାଣ କରାଯାଇଥିଲା, ସେତେବେଳେ ଭାରତରେ ବୈଭବର ଦିନ ଥିଲା । ଆଜି ଭାରତର ଦୁରବସ୍ଥା ଲକ୍ଷ୍ୟ କରି ତାଜମହଲ ବହୁତ ଦୁଃଖୀ ହୋଇଯାଉଛି । ତା’ର ଆଶଙ୍କା ଯେ ଯଦି ଭାରତର ଦୁରବସ୍ଥା ଏହିଭଳି କେତେ ଦିନ ଧରି ରହିବ, ତେବେ ଦୁଃଖର ବୋଝରେ ହୁଏତ ସେ ଭାଙ୍ଗିପଡ଼ିବ । ଭାରତବାସୀ ଯଦି ତା’ଠାରୁ ପ୍ରେମର ପାଠ ଶିଖିବେ, ସମସ୍ତେ ଏକ ସୂତ୍ରରେ ଆବଦ୍ଧ ହେବେ, ତେବେ ଭାରତର କଲ୍ୟାଣ ହୋଇ ପାରିବ ।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 ताजमहल की आत्मकहानी (आत्मकथा)

ତାଜମହଲ କୋଳରେ ମମତାଜ ପ୍ରେମର ଦେବୀ ରହିଛନ୍ତି । ଆଗା ଖାଁ ମହଲରେ କସ୍ତୁରବା କର୍ତ୍ତବ୍ୟର ଦେବୀ ରହିଛନ୍ତି । ଯଦି ଭାରତବାସୀ ଏ ଦୁହିଁଙ୍କଠାରୁ ପ୍ରେମ ଓ କର୍ତ୍ତବ୍ୟର ବାଆଁ ଗ୍ରହଣ କରିବେ, ତେବେ ମାନବତାର କଲ୍ୟାଣ ହେବ ।.

आइए, हम कविता बनाएँ
(सिर्फ पढ़ने के लिए)

१. कल करे सो आज कर
आज करे सो अब।
पल में परलय होता है
तब फिर करेगा कब ?

२. वीर तुम बढ़े चलो
धीर तुंम बढ़े चलो
सामने पहाड़ हो
सिंह का दहांड़ हो
रुको नहीं डरो नहीं ।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 ताजमहल की आत्मकहानी (आत्मकथा)

३. बड़े देखकर छोटे का,
कभी न करो अपमान
जहाँ काम आये सुई
क्या कर लेगा कमान ।

४. गरजें बादल
बरसें बादल
कड़के बिजली
नदियाँ उछली
भर गई क्यारी
लगती प्यारी
धान की बाली
लाये खुशहाली ।

५. छुक छुक गाड़ी
तेजी से दौड़ी
लचकती पटरी
उचकती गठरी ।

६. दूसरों के दुःख में आँसू बहाओ
दूसरों के सुख में हैसी मिलाओ
तब तुम बनोगे सच्चा इंसान
पाओगे जी भरके सम्मान ।

पहेलियाँ : बूझों बुझाएँ

(सिर्फ पढ़ने के लिए)

धनुष मैं कहलाऊँ
पर तीर न चलाऊँ
घहने सतरंगी कपड़े
दूर गगन में इठलाऊँ
कहो तो मैं कौन हूँ ?

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 ताजमहल की आत्मकहानी (आत्मकथा)

एक थाल मोती से भरा,
सबके ऊपर औंधा धरा ।
झर झर झरे जल की धारा,
पर एक मोती न नीचे गिरा ।

दोनें बहनें रहतीं साथ,
आपस में न करतीं बात ।
एक दूसरे को तब देखें,
जब हो आइने के साथ ।
कहो ये कौन हैं ?

जल की मैं हूँ रानी,
तैरूँ गहरे पानी ।
पकड़ में कभी न आऊँ
जो मिले सो खा जाऊँ
कहो मैं कौन हूँ ?

नीचे पटको ऊपर जाती,
ऊपर फेंको नीचे आती ।
उछल-कूद है सदा मचाती,
हमको कितने खेल खिलाती ।

बड़े बड़े पेड़ लहकती डालियाँ
भरपूर हरियाली ब्रेटी छोटी पत्तियाँ।
रसीले फल झूमे जैसे झिमियाँ
बिके तो मिले पैसे भर भरथैलियाँ।
कहो ये क्या हैं ?
इन्द्रधनुष, मछली, आसमान, गेंद, प्रतिबिंब, इमली

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 9 मैं चाँद से बोल रहा हूँ (पत्र)

Odisha State Board BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 9 मैं चाँद से बोल रहा हूँ (पत्र)Textbook Exercise Questions and Answers.

BSE Odisha Class 8 Hindi Solutions Chapter 9 मैं चाँद से बोल रहा हूँ (पत्र)

1. इन प्रश्नों के उत्तर दीजिए ।
(क) रानी मौसी कौन-सा गाना सिखाती थी ?
उत्तर:
चन्दा मामा दूर के
पूए पकाए नूर के
आप खाए थाली में
हम को दिया प्याली में

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 9 मैं चाँद से बोल रहा हूँ (पत्र)

(ख) मौसी हमें क्या बताती थी?
उत्तर:
मौसी हमें बताती थीं कि चन्द्रमा सब के मामा हैं।

(ग) संसार के लोग क्यों खुश हुए?
उत्तर:
भारत का चन्द्रयान चन्द्रमा में जाकर तस्वीरें खींचता था। इससे पत्ता चला कि चाँद में जल है। भारतीय वैज्ञानिकों की इस खोज से संसार के लोग खुश हुए।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 9 मैं चाँद से बोल रहा हूँ (पत्र)

2. निम्न प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में दीजिए ।

(क) निशीथ पत्र किसे लिख रहा है ?
उत्तर:
निशीथ अपनी बहन अंजना के पास पत्र लिख रहा है।

(ख) निशीथ और अंजना की खुशी का कारण क्या था?
उत्तर:
चमचमाता चाँद को देखकर निशीथ और अंजना खुश होते थे।

(ग) सारा दुनिया क्यों खिल उठी थी?
उत्तर:
सबसे पहले नील आर्मस्ट्रांग ने चन्द्रमा पर पाँव रखा था तो सारा दुनिया खिल उठीथी ।

(घ) निशीथ पत्र के बदले क्या करने को कहता है ?
उत्तर:
निशीथ पत्र के बदले टेलीफोन पर बाता करने को कहता है।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 9 मैं चाँद से बोल रहा हूँ (पत्र)

4. निम्नलिखित विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए ।

(क) क्या देखकर पुरानी बात याद आ गई ?
(i) सूर्य को
(ii) पूनम के चाँद को
(iii) मौसी को
(iv) अंजना को
उत्तर:
(iii) पूनम के चाँद का

(ख) हमें छत पर ले जाती थी । कौन ?
(i) माँ
(ii) बहन
(iii) बड़े भाई
(iv) रानी मौसी
उत्तर:
(iv) रानी मौसी

(ग) किसने चन्द्रमा पर सबसे पहले पाँव रखा था?
(i) नील आर्मस्ट्रांग
(ii) सी.वी. रमन
(iii) स्वामीनाथन
(iv) नेलसन मैंडला
उत्तर:
नील आर्मस्ट्रांग

(घ) अमेरीका की किस संस्था ने चन्द्रमा में विस्फोट कराया?
(i) स्पेश संस्था
(ii) नासा
(iii) यू.एन.ओ.
(iv) स्पेश कमीशन
उत्तर:
(ii) नासा

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 9 मैं चाँद से बोल रहा हूँ (पत्र)

(ङ) अंजना किसकी बहन है ?
(i) रमेश
(ii) गोपाल
(iii) चंदामामा
(iv) निशीथ
उत्तर:
(iv) निशीथ

भाषाकार्य

1. निम्नलिखित शब्दों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए ।
सैर, तस्वीर, पूए, यात्रा, चाँद, टेलीफोन, प्रसन्न, खोज
उत्तर:

  • सैर – मैं रोज सौर करता हूँ।
  • तस्वीर – वह अच्छी तस्वीर बनाती है।
  • पूए – चाँद पूए पकाता है।
  • यात्रा – चाँद रात में यात्रा करता है।
  • चाँद – आकाश में चाँद आ गए हैं।
  • टेलीफोन-, वह टेलीफोन पर बात कर रही है।
  • प्रसन्न – मैं बहुत प्रसत्र हूँ।
  • खोज – वैज्ञानिकों ने अनेक खोज की है।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 9 मैं चाँद से बोल रहा हूँ (पत्र)

2. ‘क’ स्तम्भ के विशेषणों के साथ ‘ख’ स्तंभ के विशेष्यों (संज्ञाओं) का मिलान कीजिए ।
‘क’ स्तम्भ – ‘ख’ स्तम्भ

  • भोले – बात
  • भारतीय – दुनिया
  • सारी – चाँद
  • पुरानी – लोग
  • चमचमाता – बच्चे

उत्तर:
‘क’ स्तम्भ – ‘ख’ स्तम्भ

  • भोले – बच्चे
  • भारतीय – लोग
  • सारी – दुनिया
  • पुरानी – बात
  • चमचमाता – चाँद

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 9 मैं चाँद से बोल रहा हूँ (पत्र)

3. निम्नलिखित वाक्यों के खाली स्थानों में कोष्ठक में से सही सर्वनाम चुनकर भरिए ।

(क) ………… इसलिए यह पत्र लिख रहा हूँ । (में, हम)
उत्तर: में

(ख) चंदामामा ने ………… को प्याली में दिया । ( वह, हम )
उत्तर: हम

(ग) ………… ने थाली में खाए । ( तू, आप )
उत्तर: आप

(घ) ………… प्रमाणित हुआ कि चन्द्रमा में जल है। ( आप, यह )
उत्तर: यह

(ङ) आशा है, ………… प्रसन्न होगी । ( मैं, तुम )
उत्तर: तुम

(ङ) तुमने एक कहानी लिखी ।
उत्तर: तुम एक कहानी लिखोगे ।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 9 मैं चाँद से बोल रहा हूँ (पत्र)

5. खाली जगहों पर सही परसर्ग कोष्ठक में से चुनकर भरिए।
(की, में, के, ने, पर)

(क) पूनम ………… चाँद को देखकर एक पुरानी बाद याद आ गई ।
उत्तर: के

(ख) उस समय चाँद ………… जाना सपना था।
उत्तर: पर

(ग) चन्द्रमा ………… कई यात्राएँ हो चूकी हैं ।
उत्तर: पर

(घ) नासा ………… चन्द्रमा पर विस्फोट कराया।
उत्तर:  ने

(ङ) आपने पूए थाली ………… खाए ।
उत्तर:  में

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 9 मैं चाँद से बोल रहा हूँ (पत्र)

याद रखें :
इस पाठ में जो सर्वनाम आए हैं, वे हैं –
हम, हमें, वह, यह, आप, तुम्हें, तुम – ये सब पुरुषवाचक सर्वनाम हैं।

पुरुषुवाचक सर्वनाम के तीन भेद है –
(१) उत्तम पुरुष – मैं, हम
(२) मध्यम पुरुष – तु, तुम / आप
(३) अन्य पुरुष – वह, यह, वे, ये

परसर्ग के संयोग से सर्वनाम के मूल-रूप में परिवर्तन हो जाता है, जैसे –

  • मैं + को = मुझे, मुझको
  • मैं + रा = मेरा
  • हम + को = हमें, हमको
  • हम + रा = हमारा
  • तू + को = तुझे, तुझको
  • तुम + को = तुम्हें, तुमको
  • वेह + को = उन्हें, उनको
  • मैं + ने = मैंने
  • वह + ने = उसने
  • यह + ने = इसने
  • वेह + ने = उन्होने
  • वह + को = उसे, उसको
  • आप + ने = आपने

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 9 मैं चाँद से बोल रहा हूँ (पत्र)

परीक्षोपयोगी अतिरिक्त प्रश्नोत्तर

एक-एक वाक्य में उत्तर दीजिए :

प्रश्न 1.
‘मैं चाँद से बोल रहा हैं’, पाठ में कौन पत्र लिख रहा है?
उत्तर:
‘में चाँद से बोल रहा हूँ’, पाठ में निशीथ पत्र लिख रहा है।

प्रश्न 2.
पत्र लिखने के दिन कौन-सी तिथि थी ?
उत्तर:
पत्र लिखने के दिन पूर्णिमा की तिथि थी।

प्रश्न 3.
निशीध किसे पत्र लिख रहा है ?
उत्तर:
निशीथ अपनी बहन अंजना को पत्र लिख रहा है ।

प्रश्न 4.
निशीथ को पुरानी बात कैसे याद आई ?
उत्तर:
पुनम के चाँद को देखकर निशीथ को पुरानी बात याद आई।

प्रश्न 5.
निशीथ और अंजना जब छोटे थे, तब उन्हें कौन छत पर ले जाती थी ?
उत्तर:
निशीथ और अंज़ना जब छोटे थे, तब उन्हें रानी मौसी द्छत पर ले जाती थीं।

प्रश्न 6.
रानी मौसी छत पर बच्चों को क्या दिंखाती थीं ?
उत्तर:
रानी मौसी छ पर बच्चों को चमचमाता चाँद दिखाती थी।

प्रश्न 7.
रानी मौसी बच्चों को कौन-सा गाना सिखाती थीं ?
उत्तर:
रानी मौसी बच्चों को गाना सिखाती थीं –
” चंदा मामा दूर के पूए पकाए नूर के
आप खाए थाली में हम को दिया प्याली में ।”

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 9 मैं चाँद से बोल रहा हूँ (पत्र)

प्रश्न 8.
रानी मौसी बच्चों को जो गीत सिखाती थीं, उसका अर्थ क्या है ?
उत्तर:
रानी मौसी बच्चों को जो गीत सिखाती थीं, उसका अर्थ हैं – दूर के चंदा मामा ने ज्योति के पूए पकाकर खुद थाली में खाया और हमें प्याली में दिया।

प्रश्न 9.
भोले-भाले बच्चे रानी मौसी की कौन-सी बात मान लेते थे ?
उत्तर:
भोले-भाले बच्चे रांनी मौसी की यह बात मान लेते थे कि चन्द्रमा सबका मामा है; तथा माता लक्ष्मी और मामा चन्द्रमा एक साथ सागर से निकले थे ।

प्रश्न 10.
सबसे पहले चन्द्रमा पर किसने पाँव रखा था ?
उत्तर:
सबसे पहले नील आर्मस्ट्रांग ने चन्द्रमा पर पाँव रखा था।

प्रश्न 11.
भारत के चन्द्रयान ने क्या किया है ?
उत्तर:
भारत के चन्द्रयान ने चन्द्रमा में जाकर तस्वरें खींची हैं।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 9 मैं चाँद से बोल रहा हूँ (पत्र)

प्रश्न 12.
भारत के चन्द्रयान ने चन्द्रमा की जो तस्वीरें खींचीं, उनसे क्या पता चला ?
उत्तर: भारत के चन्द्रयान ने चन्द्रमा की जो तस्वीरें खींचीं, उनसे पता चला कि चन्द्रमा में जल हैं।

प्रश्न 13.
‘नासा’ संस्था किस देश की है ?
उत्तर:
‘नासा’ संस्था अमेरीका देश की है ।

प्रश्न 14.
‘नासा’ ने चन्द्रमा में क्या किया ?
उत्तर:
‘नासा’ ने चन्द्रमा में एक विस्फोट कराया।

प्रश्न 15.
चाँद पर अमेरीका ने जो विस्फोट कराया, उससे क्या प्रमाणित हुआ ?
उत्तर:
चाँद परअमेरीका ने जो विस्फोट कराया उससे प्रमापित हुआ कि चन्द्रमा में जल है।

प्रश्न 16.
निशीथ कब कहेगा कि मैं चाँद से बोल रहा हैं ?
उत्तर:
जब आदमी चन्द्रमा से धरती के लोगों से टेलीफोन पर बात करेगा तब निशीथ भी कहेगा कि मैं चाँद से बोल रहा हूँ।

प्रश्न 17.
निशीथ कहाँ जाने की कल्पना करता है ?
उत्तर:
निशीथ चन्द्रमा पर जाने की कल्पना करता है।

प्रश्न 18.
निशीथ के विचार से समाचार पाने का मजा किसमें अधिक है ?
उत्तर:
निशीथ के विचार से समाचार पाने का मजा पत्र में अधिक है।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 9 मैं चाँद से बोल रहा हूँ (पत्र)

प्रश्न 19.
अंजना के भाई का नाम क्या है ?
उत्तर:
अंजना के भाई का नाम निशीथ है ।

मातृभाषा में अनुवाद कीजिए :

प्रश्न 1.
पूनम के चाँद को देखकर एक पुरानी बात याद आ गई।
उत्तर:
ପୂର୍ଣ୍ଣମୀର ଚାନ୍ଦ ଦେଖୁ ଗୋଟିଏ ପୁରୁଣା କଥା ମନେପଡ଼ିଗଲା ।

प्रश्न 2.
तब हम दोनों छोटे थे।
उत्तर:
ସେତେବେଳେ ଆମେ ଦୁହେଁ ଛୋଟ ଥିଲୁ।

प्रश्न 3.
रानी मौसी हमें छत पर ले जाती थीं।
उत्तर:
ରାଣୀ ମାଉସୀ ଆମକୁ ଛାତ ଉପରକୁ ନେଇଯାଉଥିଲେ।

प्रश्न 4.
वहाँ चमचमाता चाँद देख हम कितने खुश होते थे !
उत्तर:
ସେଠାରେ ଉଜ୍ଜ୍ବଳ ଚନ୍ଦ୍ରକୁ ଦେଖୁ ଆମେ କେତେ ଖୁସିହେଉ ନଥୁଲୁ !

प्रश्न 5.
चँदा मामा दूर के पूए पकाए नूर के ।
उत्तर:
ଦୂରରେ ଥ‌ିବା ଜହ୍ନମାମୁଁ ଆଲୁଅର ମିଠା ପୁରି ତିଆରିକଲେ ।

प्रश्न 6.
आप खाए थाली में, हम को दिया प्याली में।
उत्तर:
ସେ ନିଜେ ଥାଳିରେ ଖାଇଲେ, ଆମକୁ ଗିନାରେ ଦେଲେ ।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 9 मैं चाँद से बोल रहा हूँ (पत्र)

प्रश्न 7.
हम भी कैसे भोले थे कि उनकी बात मान लेते थे ।
उत्तर:
ଆମେ ବି କେତେ ସାଧାସିଧା ଥିଲୁ ଯେ ତାଙ୍କ କଥାକୁ ମାନିନେଉଥୁଲୁ।

प्रश्न 8.
आजकल तो लोग चन्द्रमा की सैर कर आते हैं।
उत्तर:
ଆଜିକାଲି ତ ଲୋକେ ଚନ୍ଦ୍ରମାରେ ଭ୍ରମଣ କରି ଆସୁଛନ୍ତି ।

प्रश्न 9.
तुम्हें याद होगा जब सबसे पहले नील आर्मस्ट्रांग ने चन्द्रमा पर पाँव रखा था तो सारी दुनिया खिल उठी थी।
उत्तर:
ତୁମର ମନେଥିବ ଯେତେବେଳେ ସର୍ବପ୍ରଥମେ ନୀଲ ଆର୍ମଷ୍ଟ୍ରଙ୍ଗ ଚନ୍ଦ୍ରପୃଷ୍ଠରେ ପାଦ ରଖୁଥିଲେ, ସେତେବେଳେ ସାରାଦୁନିଆ ଖୁସିହୋଇ ଯାଇଥିଲା।

प्रश्न 10.
कुछ दिन पहले भारत का चन्द्रयान चन्द्रमा में जाकर तस्वीरें खींचता था।
उत्तर:
କିଛିଦିନ ପୂର୍ବେ ଭାରତର ଚନ୍ଦ୍ରଯାନ ଚନ୍ଦ୍ରରେ ଯାଇ ଫଟୋ ଉଠାଉଥିଲା ।

प्रश्न 11.
उन तस्वरों से पता चला कि चाँद में जल है।
उत्तर:
ସେହି ଫଟୋଗୁଡ଼ିକରୁ ଜଣାପଡ଼ିଲା ଯେ ଚନ୍ଦ୍ରରେ ଜଳ ଅଛି ।

प्रश्न 12.
दुनिया के लोग चाँद पर जाने की तैयारी करने लगे हैं।
उत्तर:
ଦୁନିଆର ଲୋକେ ଚନ୍ଦ୍ରପୃଷ୍ଠକୁ ଯିବା ପାଇଁ ପ୍ରସ୍ତୁତି । କରିବାକୁ ଲାଗିଛନ୍ତି ।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 9 मैं चाँद से बोल रहा हूँ (पत्र)

प्रश्न 13.
लेकिन पत्र का मजा कुछ अलग है न !
उत्तर:
କିନ୍ତୁ ପତ୍ରର ମଜା ଆଉ କିଛି ଅଲଗା ନା !

मे सही उत्तर चूनिए :

प्रश्न 1.
निशीय अपनी बहन अंजना को कब चिट्ठी लिखता है?
(A) अमावस को
(B) पूर्णिमा के दिन में
(C) बड़ा हो जाने के बाद
(D) पूर्णिमा की रात को
उत्तर:
(D) पूर्णिमा की रात को

प्रश्न 2.
निशीथ अंजना को क्यों पत्र लिखता है ?
(A) पुरानी बात याद आ जाने से
(B) अंजना की बाल याद आजाने से
(C) चाँद को देखने से
(D) चौंद पर जाने के लिए
उत्तर:
(A) पुरानी बात याद आ जाने से

प्रश्न 3.
चाँद मामा किसके पूए पकाते हैं ?
(A) कपूर के
(B) चूर के
(C) मैदे के
(D) नूर के
उत्तर:
(D) नूर के

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 9 मैं चाँद से बोल रहा हूँ (पत्र)

प्रश्न 4.
सागर से मामा चन्द्रमा के साथ और कौन निकला था?
(A) माता सरस्वती
(B) माता जानकी
(C) माता लक्ष्मी
(D) चेतक घोड़ा
उत्तर:
(C) माता लक्ष्मी

प्रश्न 5.
किसने चन्द्रमा पर पहले पाँव रखा था ?
(A) स्टीब स्मिथ ने
(B) राकेश शर्मा ने
(C) टॉम क्रूस ने
(D) नील आर्मस्ट्रांग ने
उत्तर:
(D) नील आर्मस्ट्रांग ने

प्रश्न 6.
भारत ने चन्द्रमा को क्या भेजा था ?
(A) लूनार
(B) चन्द्रयान
(C) नासा
(D) आपोलो
उत्तर:
(B) चन्द्रयान

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 9 मैं चाँद से बोल रहा हूँ (पत्र)

प्रश्न 7.
कैसे पता चल कि चन्द्रमा में जल है ?
(A) चन्द्रयान के विस्फोट से
(B) नासा की तस्वीरों से
(C) पुराण-शास्वों से
(D) नासा के विस्फाट से
उत्तर:
(D) नासा के विस्फाट से

प्रश्न 8.
नासा संस्था कहाँ है ?
(A) अमेरीका में
(B) भारत में
(C) रूस में
(D) चीन में
उत्तर:
(A) अमेरीका में

प्रश्न 9.
चौंद से बोल रहा हैं – यह बोलने की कल्पना कौन करता है ?
(A) निशीय
(B) भारत
(C) अंजना
(D) अमेरीका
उत्तर:
(A) निशीय

प्रश्न 10.
रानी मौसी बताती थीं कि चन्द्रमा सबके मामा हैं, और हम उनकी बात मान लेते थे, क्योंकि –
(A) हमें रानी मौसी बहुत प्यार करती थीं।
(B) हम उनसे डरते थे।
(C) हम बहुत भोले थे।
(D) रानी मौसी पुराप जानती धीं।
उत्तर:
(C) हम बहुत भोले थे।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 9 मैं चाँद से बोल रहा हूँ (पत्र)

प्रश्न 11.
भारतीय वैज्ञानिकों पर संसार के लोग खुश हुए, क्योंकि-
(A) उन्होंने ‘नासा’ संस्था द्वारा विस्फोट कराया।
(B) उन्होंने खोज की कि चन्द्रमा में जल है।
(C) उन्होंने चन्द्रमा को चन्द्रयान भेजा था।
(D) वे बहुत शांत स्वभाव के थे ।
उत्तर:
(B) उन्होंने खोज की कि चन्द्रमा में जल है।

शून्यस्थानों की पूर्ति कीजिए :

1. ………… के चाँद को देखकर एक पुरानी वात याद आ गई।
उत्तर: पूनम

2. ………… मौसी हमें छत पर ले जाती थीं।
उत्तर: रानी

3. चँदा मामा दूर के ………… पकाए नूर के ।
उत्तर: पूए

4. आप खाए थाली में हमको दिया ………… में।
उत्तर: प्याली

5. ………… सबके मामा है।
उत्तर: चन्द्रमा

6. माता ………… और मामा चन्द्रमा एक साथ सागर से निकले थे।
उत्तर: लक्ष्मी

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 9 मैं चाँद से बोल रहा हूँ (पत्र)

7. हम भी कैसे ………… थे कि उनकी बात मान लेते थे।
उत्तर: भोले

8. सबसे पहले ………… ने चन्द्रमा पर पाँव रखा था।
उत्तर: नील आर्मस्ट्यांग

9. भारत का ………… चन्द्रमा में जाकर तस्वीरें खींचता था।
उत्तर: चन्द्रयान

10. अमेरीका की ………… संस्था ने चन्द्रमा पर एक विस्फोट कराया।
उत्तर: नासा

11. तस्वीरों से पता लगा कि चाँद में ………… है।
उत्तर: जल

12. पत्र का ………… कुछ अलग है ।
उत्तर: मजा

उपयुक्त शब्द ले कर खाली जगह भरिए :

1. पूनम ………… चाँद को देखकर पुरानी बात याद आ गई। (के, को, ने)
उत्तर: के

2. हमको दिया प्याली ………… (को, से, में)
उत्तर: में

3. चन्द्रमा सब ………… मामा हैं। (का, के, को)
उत्तर: के

4. दोनों एक साथ सागर ………… निकले थे। (में, से, ने)
उत्तर:से

5. हम उन ………… बात मान लेते थे। (की, का, को)
उत्तर: की

6. उस समय चाँद ………… जाना सपना था। (में, पर, का)
उत्तर: पर

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 9 मैं चाँद से बोल रहा हूँ (पत्र)

7. आर्मस्ट्रांग ………… चन्द्रमा पर पाँव रखा था। (ने, को, केलिए)
उत्तर: ने

8. चन्द्रमा ………… कई यात्राएँ हो चुकी हैं। (का, के, की)
उत्तर: की

9. चाँद ………… जल है।'(को, में, केलिए)
उत्तर: में

10. इस खोज ………… संसार के लोग खुश हुए। (के, से, ने)
उत्तर: से

11. नासा संस्था ………… चन्द्रमा में विस्फोट कराया। (ने, को, पर)
उत्तर: ने

12. लोग चाँद ………… जाने की तैयारी करने लगे हैं। (ने, पर, में)
उत्तर: पर

13. आदमी लोगों से टेलीफोन ………… बात करें। (से, पर, में)
उत्तर: पर

14. मैं चाँद ………… बोल रहा हूँ। (में, से, पर)
उत्तर: से

15. पत्र ………… मजा कुछ अलग है। (का, के, की)
उत्तर: का

वर्तनी शुद्ध कीजिए

1. पुर्णिमा
2. प्यालि
3. सस्विर
4. आमेरिका
5. कहुँगा
6. बिस्फोट
7. तैयारि
8. टेलिफोन
9. निशिथ
10. प्रसन
उत्तर:
1. पूर्णिमा
2. प्याली
3. तस्वीर
4. अमेरिका
5. कहूँगा
6. विस्फोट
7. तैयारी
8. टेलीफोन
9. निशीथ
10. प्रसत्र

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 9 मैं चाँद से बोल रहा हूँ (पत्र)

का वाक्यों को शुद्ध कीजिए :

1. पूनम का चाँद को देखकर एक पुरानी बात याद आ गई ।
2. तब हम दोनों छोटा थे ।
3. चन्द्रमा सबका मामा हैं ।
4. हम उनका बात मान लेते थे।
5. लोग चन्द्रमा का सैर कर आते हैं ।
6. सारा दुनिया खिल उठा था।
7. उन तस्वीर से पता लगा।
8. लोग चाँद पर जाने का तैयारी करने लगे हैं ।
9. मैं चाँद से बोल रहा है ।
10. पत्र की मजा कुछ अलग है।
उत्तर:
1. पूनम के चाँद को देखकर एक पुरानी बात याद आ गई ।
2. तब हम दोनों छोटे थे ।
3. चन्द्रमा सबके मामा हैं।
4. हम उनकी बात मान लेते थे।
5. लोग चन्द्रमा की सैर कर आते हैं ।
6. सारी दुनिया खिल उठी थी।
7. उन तस्वारों से पता लगा।
8. लोग चाँद पर जाने की तैयारी करने लगे हैं ।
9. में चाँद से बोल रहा हूँ।
10. पत्र का मजा कुछ अलग है।

लिंग बदलिए

  • मौसी – मौसा
  • मामा – मामी

बचन बदलिए

  • बहन – बहनें
  • धाली – धालियाँ
  • माता – माताएँ
  • सैर – सैरे
  • तस्वीर – तस्वीरें
  • तैयारी – तैयारियाँ
  • पत्र – पत्र
  • प्याली – प्यालियाँ
  • मामा – मामा
  • यात्रा – यात्राएँ
  • खोज – खोजें
  • आशा – आशाएँ

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 9 मैं चाँद से बोल रहा हूँ (पत्र)

क अव्ययों से रिक्त स्थान भरिए

1. ………… पूर्णिमा है।
2. ………… यह पत्र लिख रह्मा हूँ।
3. ………… हम दोनों खोटे थे।
4. उस ………… चन्द्रमा की कई यात्राएँ हो चुकी हैं।
5. ………… मैं तुम्हें पत्र ………… टेलीफोन से बात करूँगा।
6. ………… पन्न का मजा कुछ अलग है ………… !
उत्तर:
1. आज
2. इसलिए
3. तब
4. के बाद
5. तब, नहीं
6. लेकिन, न

शब्दों/दो-तीन वाक्यों में उत्तर दीजिए :

प्रश्न 1.
निशीथ पत्र किसे और क्यों लिख रहा है ?
उत्तर:
निशीथ को पूनम का चाँद देखकर एक पुरानी बातं याद आ गई। वह बात थी – रानी मौसी उुन्हें बचपन में छत पर ले जाकर गाना सिखाती और चौंद दिखाती थीं। निरीथ यह बात बहन अंजना को याद दिलाने पत्र लिख रहा है ।

प्रश्न 2.
रानी मौसी कौन-सा गाना सिखाती थी ?
उत्तर:
निशीध और अंजना जब छोटे थे तब रानी मौसी उन्हें छत पर ले जाकर चमचमाता चौंद दिखाकर खुश कर देती थी और उन्हें गाना सिखाती थीं 1 वह गाना था – चंदा मामा दूर के, पूए पकाए नूर के, आप खाए थाली में, हमको दिया प्याली में ।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 9 मैं चाँद से बोल रहा हूँ (पत्र)

प्रश्न 3.
रानी मौसी चाँद के बारे में बच्चों को क्या बताती थीं ?
उत्तर:
रानी मौसी चाँद के वारे में बच्चें को बताती थीं कि चाँद सबके मामा हैं । माता लक्ष्मी और मामा चन्द्रमा एक साथ सागर से निकले थे । गीत में भी वे सिखाती थी कि चंदा मामा ने नूर के पूए पकाकर खुद थाली में खाया और हमें प्याली में दिया ।

प्रश्न 4.
अमेरीका को चन्द्रमा पर क्या क्या सफलताएँ मिली हैं ?
उत्तर:
अमेरीका के नील आर्मस्ट्रंग ने पहले चन्द्रमा पर पाँव रखा था। अमेरीका के नासा संस्था ने चन्द्रमा पर एक विस्फोट कराया । इससे प्रमाणित हुआ कि चन्द्रमा पर जल है ।

प्रश्न 5.
भारतीय वैज्ञानिकों ने चन्द्रमा के संबंध में क्या खोज की है ?
उत्तर:
भारतीय वैज्ञानिकों ने चन्द्रमा को चन्द्रयान भेजा था । इस चन्द्रयान ने चन्द्रमा पर जाकर तस्वीर खींची । उन तस्वीरों से पता चला कि चाँद में जल है ।

प्रश्न 6.
‘मैं चाँद से बोल रहा हूँ’ – यह कौन कहता है ?
उत्तर:
में चाँद से वोल रह्म हूँ – यह बात निशीथ अपने पत्र में कहता है । वह कल्पना करता है कि वह दिन दूर नहीं जब आदमी चन्द्रमा से धरती के लोगों से टेलीफोन पर बात करेगा । उस समय वह पत्र न लिखकर अंजना से टेलीफोन से कहेगा – मैं चाँद से बोल रहा हूँ ।

प्रश्न 7.
लोंगों की चाँद पर जाने की तैयारी देखकर निशीथ क्या कल्पना करता है?
उत्तर:
लोंयों की चाँद पर जाने की तैयारी देखकर निशीथ कल्पना करता है – वह दिन दूर नहीं जब आदमी चन्द्रमा से धरती के लोगों से टेलीफोन पर बात करे।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 9 मैं चाँद से बोल रहा हूँ (पत्र)

विचारबोध

पत्र -शैली में लिखित इस पाठ में चन्द्रमा के बारे में लोगों की धारणा पहले क्या थी और आज की स्थिति में कैसे बदल गई है, उस पर प्रकाश डाला गया है। पहले की धारणा अंध-विशास पर आधारित थी और आज की धारणा वैज्ञानिक सत्य पर आधारित है। बच्चों में वैज्ञानिक चेतना उत्पन्न करना इस पाठ का उद्देश्य है ।

शब्दार्थ:

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 9 मैं चाँद से बोल रहा हूँ (पत्र) 1

सारांश

निशीथ अपनी बहन अंजना को चाँद के संबंध में एक चिट्ठी लिखता है । इसमें उसने चाँद के संबंध में पुराने लोगों की धारणा, आधुनिक वैज्ञानिक अनुसंधान, आधुनिक युग के परिवर्तित दृष्टिकोण और आगामी दिनों की काल्पनिक उपलब्धि के बारे में सुन्दर ढंग से वर्णन किया है ।

निशीथ को आसमान में पूर्णिमा का चाँद देखकर एक पुरानी बात यादआ गई। रानी मौसी उन्हें बचपन में छत पर ले जाकर चमकता चाँद दिखाती थीं । वे चाँद देखकर खुश हो जाते थे । रानी मौसी उन्हें गीत सिखाती थीं कि दूर के चंदा मामा ज्योति के पूए पकाकर खुद थाली में खाते थे और हमें प्याली में देते थे । वे और भी बताती थीं कि माता लक्ष्मी और मामा चंद्रमा एक साथ सागर से निकले थे । हम भोलेपन में उसे सच मान लेते थे ।

लेकिन अब समय बदल गया है । लोग चाँद पर जाने लगे हैं । नील आर्मस्ट्रांग ने चंद्रमा पर पहले पाँव रखा था । उस दिन विश्च के सब लोग खुश हुए।अब तक चन्द्रमा की कई यात्राएँ हो चुकी हैं । भारत के चन्द्र यान ने भी चंद्रमा पर पहुँचकर कुछ तस्वीरें खींचीं । उन तस्वीरों से पता चला कि चंद्रमा में जल है । इसके बाद अमेरिका की संस्था नासा ने चन्द्रमा पर विस्फोट कराकर प्रमाणित कर दिया कि चन्द्रमा में जल है। अब विश्ष के लोग चन्द्रमा पर जाने की तैयारी कर रहे हैं ।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 9 मैं चाँद से बोल रहा हूँ (पत्र)

निशीथ कल्पना करता है कि एक समय आएगा, जब वह चंद्रमा पर रह रहा होगा और पृथ्वी पर रहने वाली अपनी बहन से टेलीफोन पर बातचीत करते समय पहले बोलेगा मैं चाँद से बोल रहा हूँ।पर उसे चिट्ठी का मजा कुछ अलग लगता है।

ସାରାଂଶ:

ନିଶୀଥ ତା’ ଭଉଣୀ ଅଞ୍ଜନାକୁ ଚନ୍ଦ୍ର ବିଷୟରେ ଗୋଟିଏ ଚିଠି ଲେଖିଛି । ସେଥ‌ିରେ ସେ ଚନ୍ଦ୍ର ବିଷୟରେ ଆଗକାଳିଆ ଲୋକଙ୍କର ଧାରଣା, ଆଧୁନିକ ବୈଜ୍ଞାନିକ ଆବିଷ୍କାର, ଆଧୁନିକ ଯୁଗର ପରିବର୍ତିତ ଦୃଷ୍ଟିକୋଣ ଏବଂ ଆଗାମୀ ଦିନମାନଙ୍କରେ ହେବାକୁ ଥିବା କାଳ୍ପନିକ ଉପଲବ୍ଧି ବିଷୟରେ ସୁନ୍ଦର ଭାବରେ ବର୍ଣ୍ଣନା କରିଛି । ଆକାଶରେ ପୂର୍ଣ୍ଣମୀ ରାତିର ଚନ୍ଦ୍ର ଦେଖି ନିଶୀଥର ଗୋଟିଏ ପୁରୁଣା କଥା ମନେ ପଡ଼ିଗଲା । ରାଣୀ ମାଉସୀ ସେମାନଙ୍କୁ ଛାତ ଉପରକୁ ନେଇ ଉଜ୍ଜ୍ଵଳ ଚନ୍ଦ୍ର ଦେଖାଉଥିଲେ ।

ସେମାନେ ଚନ୍ଦ୍ରକୁ ଦେଖି ବହୁତ ଖୁସି ହୋଇ ଯାଉଥିଲେ । ରାଣୀ ମାଉସୀ ସେମାନଙ୍କୁ ଚନ୍ଦ୍ର ବିଷୟରେ ଗୀତ ଶିଖାଉଥିଲେ ଯାହାର ଅର୍ଥ ଥିଲା – ଦୂରରେ ଥ‌ିବା ଜହ୍ନମାମୁଁ ଆଲୁଅର ମିଠାପୁରି ତିଆରି କରି ନିଜେ ଥାଳିରେ ଖାଉଥିଲେ ଓ ଆମକୁ ଗିନାରେ ଖାଇବାକୁ ଦେଉଥଲେ । ସେ ଏହା ମଧ୍ୟ କହୁଥିଲେ ଯେ ମା’ଲକ୍ଷ୍ମୀ ଓ ଜହ୍ନମାମୁଁ ଏକାବେଳକେ ସମୁଦ୍ରରୁ ବାହାରିଥିଲେ । ଆମେ ମଧ୍ୟ ସରଳତା ଯୋଗୁଁ ସେ କଥାକୁ ସତ ବୋଲି ମାନି ନେଉଥଲୁ ।

କିନ୍ତୁ ଏବେ ସମୟ ବଦଳି ଯାଇଛି । ଲୋକେ ଚନ୍ଦ୍ର ପୃଷ୍ଠକୁ ଯିବାରେ ଲାଗିଛନ୍ତି । ନୀଲ୍ ଆର୍ମଷ୍ଟ୍ରଙ୍ଗ ଚନ୍ଦ୍ର ପୃଷ୍ଠ ଉପରେ ପ୍ରଥମେ ପାଦ ପକାଇଥିଲେ । ସେଦିନ ବିଶ୍ବର ସବୁ ଲୋକ ଖୁସି ହୋଇଥିଲେ । ବର୍ତ୍ତମାନ ସୁଦ୍ଧା ଚନ୍ଦ୍ରକୁ ଅନେକ ଥର ଯାତ୍ରା କରାଯାଇ ସାରିଲାଣି । ଭାରତର ଚନ୍ଦ୍ରଯାନ ମଧ୍ଯ ଚନ୍ଦ୍ରରେ ପହଞ୍ଚି ଅନେକ ଫଟୋଚିତ୍ର ଉତ୍ତୋଳନ କରିଛି । ସେହି ଫଟୋଚିତ୍ରରୁ ଜଣା ପଡ଼ିଲା ଯେ ଚନ୍ଦ୍ରରେ ଜଳ ଅଛି । ତା’ପରେ ଆମେରିକାର ସଂସ୍ଥା ନାସା ପକ୍ଷରୁ ଚନ୍ଦ୍ରରେ ବିସ୍ଫୋରଣ କରାଯାଇ ପ୍ରମାଣିତ କରିଦିଆଗଲା ଯେ ଚନ୍ଦ୍ରରେ ଜଳ ଅଛି । ଏବେ ବିଶ୍ଵବାସୀ ଚନ୍ଦ୍ରକୁ ଯାତ୍ରା କରିବା ପାଇଁ ପ୍ରସ୍ତୁତି ଚଳାଇଛନ୍ତି |

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 9 मैं चाँद से बोल रहा हूँ (पत्र)

ନିଶୀଥ କଳ୍ପନା କରିଛି ଯେ ଏପରି ଏକ ସମୟ ଆସିବ, ଯେତେବେଳେ ସେ ଚନ୍ଦ୍ରପୃଷ୍ଠରେ ଅବସ୍ଥାନ କରୁଥୁବ ଓ ପୃଥ‌ିବୀ ପୃଷ୍ଠରେ ରହୁଥ‌ିବା ତା’ ଭଉଣୀ ସହିତ ସେ ଟେଲିଫୋନ୍‌ରେ କଥାବାର୍ତ୍ତା ହେଉଥ‌ିବା ସମୟରେ ପ୍ରଥମେ କହିବ – ମୁଁ ଚନ୍ଦ୍ରରୁ କହୁଛି । ତଥାପି ତା’ ମତରେ ଚିଠିର ମଜା ନିଆରା ।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 8 भगवान के डाकिए (कविता)

Odisha State Board BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 8 भगवान के डाकिए (कविता)Textbook Exercise Questions and Answers.

BSE Odisha Class 8 Hindi Solutions Chapter 8 भगवान के डाकिए (कविता)

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए ।

(क) पक्षी और बादल को कवि ने भगवान के डाकिए क्यों कहा ?
उत्तर:
हम अपने से दूर रहनेवालों की कुशल-मंगल की सूत्रना चिट्ठियों से जानते हैं । डाकिया घर-घर घूमकर चिट्ठियाँ पहुँचाता है । उसी प्रकार भगवान अपनी सृष्टि के कोने -कोने में अपनी चिट्ठियाँ पक्षी और बादल द्वारा पहुँचाते हैं । इसलिए कवि ने पक्षी और बादल को भगवान के डाकिए कहा है ।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 8 भगवान के डाकिए (कविता)

(ख) पक्षी और बादल भगवान के लिए क्या-क्या करते हैं?
उत्तर:
भगवान के लिए पक्षी सुगंध की चिट्ठी और बादल भाप की चिट्ठी ले जाते हैं। एक देश की सुगंध हवा में तैरते हुए पक्षियों की पाँखों पर आकर तिरती है । पक्षी उसे दूसरे देश में पहुँचाते हैं । बादल एक देश का भाप लेकर दूसरे देश में पानी बनकर बरसता है ।

(ग) इस कविता के माध्यम से कवि हमें क्या संदेश देना चाहते हैं ?
उत्तर:
कवि संदेश देना चाहते हैं कि भगवान उपनी सृष्टि के कोने -कोने में खुशहाली चाहते हैं । पक्षी और बादल देश की सीमा पार करके सभी का कल्याण करते हैं । हम देश के दायरे में रहकर, संकीर्ण- विचार रखते हैं । हम उदार होंगे तो विश्च में भाईचारा फैलेगा, शांति आएगी ।

2. निम्नलिखित पदों के अर्थ समझाइए ।

(क) मगर उनकी लाई चिट्ठियाँ
पेढ़, पौधे, पानी और पहाड़
बाँचते हैं ।
उत्तर:
पक्षी और बादल भगवान की जो चिट्ठियाँ लाते हैं, उनको हम पढ़ नहीं पाते, मगर उनको पेड़-पौधे, पानी और पहाड़ पढ़ पाते हैं, समझ पाते हैं । अर्थात् प्रकृति के तत्वों में उदार विचार होने पर वे भगवान के संदेश की जगत- कल्याण – भावना को समझ सकते हैं ।

(ख) और एक देश का भाष
दूसरे देश में पानी
बनकर गिरता है ।
उत्तर:
बादल भगवान का डाकिया है । वह एक देश का भाप लेकर दूसरे देश में चला जाता है और वहाँ पानी बनकर बरसता है. । वह परोपकार करता है, सभी को जीवन-दान देता है, खुशी बाँटता है । सभी देशों को समान मानता है । वह अपना – पराया भाव नहीं रखता । और सभी का कल्याण कर देता है ।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 8 भगवान के डाकिए (कविता)

3. एक या दो वाक्यों में उत्तर दीजिए।

(क) भगवान के डाकिए कहाँ से कहाँ तक जाते हैं ?
उत्तर: भगवान के डाकिए एक देश से दूसरे देश तक जाते हैं ।

(ख) हम क्या आँकते हैं ?
उत्तर: हम आँकते है कि एक देश की धरती दूसरे देश को सुगंध भेजती है ।

(ग) सौरभ कहाँ तिरता है ?
उत्तर: सौरभ पक्षियों की पाँखों पर तिरता है ।

(घ) एक देश का भाप दूसरे देश में क्या बनकर गिरता है ?
उत्तर: एक देश का भाप दूसरे देश में पानी बनकर गिरता है ।

4. एक शब्द में उत्तर दीजिए।

(क) पक्षी के अलावा भगवान का डाकिया और कौन है ?
उत्तर: बादल

(ख) पेढ़, पौधे, पानी क्या बाँचते हैं ?
उत्तर: चिट्ठियाँ

(ग) भाप जमीन पर क्या बनकर गिरता है ?
उत्तर: पानी

5. निम्नलिखित विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए ।

(क) भगवान के डाकिए हैं –
(i) पानी और आग
(ii) पक्षी और बादल
(iii) पक्षी और पानी.
(iv) बादल और हवा
उत्तर:
(ii) पक्षी और बादल

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 8 भगवान के डाकिए (कविता)

(ख) एक देश की धरती दूसरे देश को भेजती है –
(i) पानी
(ii) हवा
(iii) सुगंध
(iv) भाप
उत्तर:
(iii) सुगंध

(ग) भगवान के डाकिए’ क्या लाते हैं?
(i) मिठाई
(ii) चिट्ठी
(iii) पुस्तक
(iv) समाचार पत्र
उत्तर:
(ii) चिट्ठी

(घ) जो दूसरे देश में पानी बनकर गिरता है, वह एक देश का क्या होता है ?
(i) भाप
(ii) बादल
(iii) बर्फ
(iv) धुआँ
उत्तर:
(i) भाप

भाषाकार्य

उदाहरणों के आधार पर –
1. वचन बदलिए :

  • चिट्ठी – चिट्ठियाँ
  • पक्षी – पक्षी
  • नारी – नारियाँ
  • नदी – नदियाँ
  • लीची – लीचियाँ
  • पक्षी – पक्षी
  • भाई – भाई
  • मुनि – मुनि
  • अतिथि – अतिथी

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 8 भगवान के डाकिए (कविता)

2. खाली जगहों पर उपयुक्त परसर्ग भरिए।

(क) वह दूसरे देश ………… पानी बनकर गिरता है ।
उत्तर: में

(ख) ये भगवान ………… डाकिए है ।
उत्तर: के

(ग) वे एक महादेश ………… दूसरे महादेश को जानते हैं।
उत्तर: से

(घ) ये भगवान ………… डाकिए है ।
उत्तर: के

परीक्षोपयोगी अतिरिक्त प्रश्नोत्तर

एक-एक वाक्य में उत्तर दीजिए :

प्रश्न 1.
भगवान के डाकिए कौन हैं ?
उत्तर:
भगवान के डाकिए पक्षी और बादल हैं ।

प्रश्न 2.
भगवान के डाकिए कहाँ से कहाँ तक जाते हैं ?
उत्तर:
भगवान के डाकिए एक महादेश से दूसरे महादेश जाते हैं ।

प्रश्न 3.
भगवान के डाकिए क्या लाते हैं ?
उत्तर:
भगवान के डाकिए चिट्ठियाँ लाते हैं।

प्रश्न 4.
पक्षी और बादल द्वार लाई गई चिट्ठियाँ कौन बाँचते हैं?
उत्तर:
पक्षी और बादल द्वार लाई गई चिट्ठियाँ पेड़, पौधे, पानी और पहाड़ बाँचते हैं ।

प्रश्न 5.
हम क्या आँकते हैं ?
उत्तर:
हम आँकते हैं कि एक देश की धरती दूसरे देश को सुगंध भेजती है।

प्रश्न 6.
सौरभ किसमें तैरता है ?
उत्तर:
सौरभ हवा में तैरता है।

प्रश्न 7.
सौरभ कहाँ तिरता है ?
उत्तर:
सौरभ पिक्षयों की पाँखों पर तिरता है ।

प्रश्न 8.
एक देश का भाप दूसरे देश में क्या बनकर गिरता है?
उत्तर:
एक देश’का भाप दूसरे देश में पानी बनकर गिरता है।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 8 भगवान के डाकिए (कविता)

प्रश्न 9.
‘भगवान के डाकिए’ के कवि कौन हैं ?
उत्तर:
‘भगवान के डाकिए’ के कवि हैं – रामधारी सिंह ‘दिनकर’।

एक या दो शब्द में उत्तर दीजिए :

प्रश्न 1.
भगवान के डाकिए कौन-कौन हैं ?
उत्तर:
पक्षी और बादल ।

प्रश्न 2.
वे कहाँ जाते हैं ?
उत्तर:
दूसरे महादेश में ।

प्रश्न 3.
वे क्या लाते हैं ?
उत्तर:
वे चिटठियाँ लाते हैं ।

प्रश्न 4.
वे किसकी चिट्ठियाँ लाते हैं ?
उत्तर:
वे भगवान की चिट्ठियाँ लाते हैं।

प्रश्न 5.
हम क्या पढ़ नहीं पाते ?
उत्तर:
भगवान की चिट्ठियाँ ।

प्रश्न 6.
भगवान की चिट्ठियाँ क्नौन पढ़ पाते हैं ?
उत्तर:
पेड़, पौधे, पानी और पहाड़।

प्रश्न 7.
एक देश की धरती दूसरे देश के क्या भेजती है ?
उत्तर:
सुगंध

प्रश्न 8.
सौरभ कहाँ पर तिरता है ?
उत्तर:
पक्षियों की पाँखों पर।

प्रश्न 9.
एक देश का भाष दूसरे देश में क्या बनकर गिरता है ?
उत्तर:
पानी

प्रश्न 10.
दूसरे देश्र में कौन पानी बनकर गिरता है ?
उत्तर:
एक देश का भाप ।

शून्यस्थान की पूर्ति कीजिए :

1. पक्षी और ………… ये भगवान के डाकिए हैं ।
2. जो एक महादेश से दूसरे ………… को जाते हैं।
3. मगर उनकी लाई ………… पेड़, पौधे ………… और पहाड़ बाँचते हैं।
4. एक देश की धरती दूसरे देश को ………… भेजती है।
5. और वह ………… हवा में तैरते हुए पंक्षियों की पाँखों पर
………… है।
6. एक देश का भाप दूसरे देश में ………… बनकर गिरता है।
उत्तर:
1. बादल
2. मंहादेश
3. चिट्ठियाँ, पानी
4. सुगंध.
5. सौरभ, तिरता
6. पानी

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 8 भगवान के डाकिए (कविता)

शून्यस्थान पर सही परसर्ग भरिए :

1. ये भगवान ………… डाकिए हैं। (का, के, की)
2. ये एक महादेश ………… दूसरे देश को जाते हैं। (न, पर, से)
3. एक देश ………… धरती सुमंध भेजती है। (का, के, की)
4. वह सौरभ हवा ………… तैरती है। (स, को, में)
5. सौरभ पंक्षियों ………… पाँखों पर तिरता है। (का, के, की)
6. भाप दूसरे देश ………… पानी बनकर गिरता है। (में, पर, केलिए)
उत्तर:
1. के
2. से
3. की
4. में
5. की
6. में

सही उत्तर चूनिए :

प्रश्न 1.
भगवान ने पक्षी को क्या काम दिया है ?
(A) सलाह देने का
(B) चिट्ठी ले जाने का
(C) आसमान में उड़ने का
(D) घोंसला बनाने का
उत्तर:
(B) चिट्ठी ले जाने का

प्रश्न 2.
पक्षी और बादल कहाँ जाते हैं ?
(A) आसमान में बहुत दूर
(B) एक देश से पड़ोसी देश में
(C) भगवान उन्हें जहाँ भेजते हैं
(D) एक महादेश से दूसरे महादेश तक
उत्तर:
(D) एक महादेश से दूसरे महादेश तक

प्रश्न 3.
हम भगवान की चिट्ठीयों को क्यों समझ नहीं पाते ?
(A) हम उन्हें पढ़ नहीं पाते
(B) हम चिट्ठी देख नहीं पाते
(C) उनकी भाषा कठिन है
(D) हम कोशिश नहीं करते
उत्तर:
(A) हम उन्हें पढ़ नहीं पाते

प्रश्न 4.
भगवान की चिट्ठियाँ कौन पढ़ पाते हैं ?
(A) पेड़-पौधे
(B) जंगल-झरने
(C) पशु-पक्षी
(D) बादल-पक्षी
उत्तर:
(A) पेड़-पौधे

प्रश्न 5.
एक देश की धरती दूसरे देश को सुगंघ भेजती है, इसकी कल्पना कौन करता है ?
(A) बादल
(B) पशु-पक्षी
(C) पेड़-पौधे
(D) मनुष्य
उत्तर:
(D) मनुष्य

प्रश्न 6.
एक देश-की धरती का सौरभ कहाँ तैरता है ?
(A) पक्षियों में
(B) हवा में
(C) बादल में
(D) पानी में
उत्तर:
(B) हवा में

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 8 भगवान के डाकिए (कविता)

प्रश्न 7.
सौरभ हवा में तैरता हुआ कहाँ पहुँचता है ?
(A) पक्षियों की पाँखों पर
(B) बादलों की गोद में
(C) पानी के स्रोत में
(D) पहाड़ की चोटी पर
उत्तर:
(A) पक्षियों की पाँखों पर

प्रश्न 8.
एक देश की धरती की सुगंध किसका प्रतीक है ?
(A) सद्भावना और खुशहाली
(B) वीरत्व का
(C) सहनशीलता का
(D) शरणागति का
उत्तर:
(A) सद्भावना और खुशहाली

प्रश्न 9.
पक्षियों की पाँख पर क्या तिरता है ?
(A) सौभाग्य
(B) सौरभ
(C) चिट्ठियाँ
(D) भाप
उत्तर:
(B) सौरभ

प्रश्न 10.
दूसरे देश में पानी बनकर क्या गिरता है ?
(A) एक देश की बर्फ
(B) एक देश की सुगंध
(C) एक देश की ओस
(D) एक देश का भाप
उत्तर:
(D) एक देश का भाप

प्रश्न 11.
देश-देश के बीच बनी सीमा किसे रोक नहीं पाती?
(A) बादल को
(B) पहाड़ को
(C) चिट्ठियों को
(D) भाईचारे को
उत्तर:
(A) बादल को

प्रश्न 12.
पक्षी के अलावा भगवान का डाकिया और कौन है ?
(A) पशु
(B) पहाड़
(C) पानी
(D) बादल
उत्तर:
(D) बादल

प्रश्न 13.
पेढ़, पौधे, पानी और पहाड़ क्या बाँचते हैं ?
(A) हमारी चिट्ठियाँ
(B) भगवान की चिट्ठियाँ
(C) धरती की सुगंध
(D) भगवान की लिखित भाषा
उत्तर:
(B) भगवान की चिट्ठियाँ

प्रश्न 14.
भाप दूसरे देश में पानी बनकर गिरकर क्या करता है?
(A) अपने देश की रक्षा
(B) बाढ़ से नुकसान
(C) बदला लेता है
(D) उनकी मदद
उत्तर:
(D) उनकी मदद

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 8 भगवान के डाकिए (कविता)

प्रश्न 15.
देश-देश के बीच सीमा किसने बाँध दी ?
(A) हमलोगों ने
(B) भगवान ने
(C) पक्षी और बादल ने
(D) पेड़-पौधों ने
उत्तर:
(A) हमलोगों ने

प्रश्न 16.
भगवान नेक डाकिए हमें क्यां मनोभाव रखने को सिखाते हैं ?
(A) दूसरे माँगें ता हम दें
(B) देश अलग हैं तो हम अलग हैं
(C) अपने देश को सुखी देखें
(D) सारा विश्व एक है
उत्तर:
(D) सारा विश्व एक है

प्रश्न 17.
दूसरे देश को सुगंध भेजने का अर्थ क्या है ?
(A) संदेश भेजना
(B) अपना हाल बताना
(C) स्नेह, सौहार्द भेजना
(D) दूसरे का हाल पूछना
उत्तर:
(C) स्नेह, सौहार्द भेजना

प्रश्न 18.
भगवान के डाकिए हैं –
(A) बादल और सुगंध
(B) पक्षी और पानी
(C) देश और महादेश
(D) पक्षी और बादल
उत्तर:
(D) पक्षी और बादल

प्रश्न 19.
‘डाकिया’ का अर्थ है :
(A) डाक लाने वाला
(B) बुलाने वाला
(C) चिट्ठी भेजनेवाला
(D) जल्दी जाने वाला
उत्तर:
(A) डाक लाने वाला

प्रश्न 20.
एक देश से क्या दूसरे देश में जाता है ?
(A) पाँख
(B) भाप
(C) चिट्ठी
(D) ताप
उत्तर:
(B) भाप

प्रश्न 21.
एक देश की धरती दूसरे देश को क्या भेजती है ?
(A) सुगंध
(B) पानी
(C) सौगंध
(D) बादल
उत्तर:
(A) सुगंध

प्रश्न 22.
सौरभ कहाँ तिरता है ?
(A) पाँखों पर
(B) आसमान में
(C) बादल में
(D) हवा में
उत्तर:
(A) पाँखों पर

प्रश्न 23.
‘भगवान के डाकिए’ कविता के कवि कौन है ?
(A) सुभद्रा कुमारी चौहान
(B) मैथिली शरण गुप्त
(C) रामधारी सिंह ‘दिनकर’
(D) सोहनलाल द्विवेदी
उत्तर:
(C) रामधारी सिंह ‘दिनकर’

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 8 भगवान के डाकिए (कविता)

‘क’ स्तम्भ के पवों के साथ ‘ख’ स्तम्भ के पवों का मिलान 

‘क’ स्तम्भ ‘ख’ स्तम्भ
1. पक्षी और बादल पेड़, पौधे, पानी और पहाड़ बाँचते हैं
2. मगर उनकी लाई चिट्ठियाँ पक्षियों की पाँखों पर तिरता है
3. एक देश की धरती दूसरे देश में पानी बनकर गिरता है
4. वह सौरभ हवा में तैरते हुए ये भगवान के डाकिए हैं
5. एक देश का भाप दूसरे देश को सुगंध भेजती है

उत्तर:

‘क’ स्तम्भ ‘ख’ स्तम्भ
1. पक्षी और बादल ये भगवान के डाकिए हैं
2. मगर उनकी लाई चिट्ठियाँ पेड़, पौधे, पानी और पहाड़ बाँचते हैं
3. एक देश की धरती दूसरे देश में पानी बनकर गिरता है
4. वह सौरभ हवा में तैरते हुए पक्षियों की पाँखों पर तिरता है
5. एक देश का भाप दूसरे देश को सुगंध भेजती है


शब्दों/वो-तीन वाक्यों में उत्तर वीक्षिए :

प्रश्न 1.
कवि ने पक्षी और बादल को भगवान के ज्ञाकिए क्यों कहा ?
उत्तर:
पक्षी और बादल भगवान के डाकिए हैं। वे भगवान की चिट्ठियाँ लेकर एक महादेश से दूसरे महादेश को जाते हैं । हम मनुष्य चिट्ठियों का संदेश समझ नहीं पाते, पर म्रकृति के तत्व – पेड़ – पौधे, पानी और पहाड़ इन्हें पढ़ पाते हैं समझ पाते हैं, क्योंकि वे परोपकारी हैं ।

प्रश्न 2.
पक्षी और बादल भगवान के लिए क्या क्या काम करते हैं ?
उत्तर:
पक्षी एक देश की धरती की सुगंध अपनी पाँखों पर लेकर दूसरे देश में पहुँचा देता है । यह सुगंध सद्भावनाएँ हैं, कुशल – मंगल की सूचना हैं । बादल एक देश के भाप को लेकर दूसरे देश में जाता है और पानी बनकर बरसता है । वह परोपकार की भावना से दूसरे देश को जीवन दान देता है|

प्रश्न 3.
हम पक्षी से क्या सीख लेंगे ?
उत्तर:
पक्षी एक देश की सुगंध दूसरे देश में बाँटता है । यह सुगंध भाईचारा है, प्यार है, सहानुभूति है, कुशल समाचार है । वह देश की सीमा रेखा की परवाह नहीं करता, या देशों को अपना पराया नहीं मानता ।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 8 भगवान के डाकिए (कविता)

प्रश्न 4.
बादल हमें क्या सीख देता है ?
उत्तर:
बादल एक देश का भाप लेकर दूसरे देश में पानी के रूप में बरसता है। वह परोपकारी है, दूसरों की आवश्यकता पूरी करता हैं ।हम ऐसे कार्य करने के लिए पक्षी और बादल से सीख लेंगे 1

पंक्तियों के अर्थ एक-वो वाक्यों में समझाइए:

प्रश्न 1.
पक्षी और बादल
ये भगवान के डाकिए हैं,
जो एक महादेश से
दूसरे महादेश को जाते हैं ।
उत्तर:
कवि मानते हैं कि पक्षी और बादल भगवान के डाकिए हैं। वे भगवान से समाचार लेकर एक महादेश से दूसरे महादेश में जाते हैं।

प्रश्न 2.
हम तो समझ नहीं पाते हैं –
मगर उनकी लाई चिट्ठियाँ
पेड़, पौधे, पानी और पहाड़
बाँचते हैं ।
उत्तर:
भगवान के डाकिए फक्षी आर बादल भगवान से जो चिट्ठियाँ लाते हैं उसको हम जैसे स्वार्थी और देश की सीमा के बंधन में पड़े लोग समझ नहीं पाते। लेकिन उन चिट्ठियों में जो विश्वबंधुत्व और प्रेम का समाचार है, उसे पेड़-पौधे, पानी और पहाड़ आदि प्रकृति के तत्व समझ पाते हैं ।

प्रश्न 3.
हम तो केवल यह आँकते हैं
कि एक देश की धरती
दूसरे देश को सुगंध भेजती है ।
उत्तर:
हम केवल अनुमान लगाते हैं कि एक देश की मिट्टी दूसरे को शांति प्रेम और भाईचारे की सुगंध भेजती है ।

प्रश्न 4.
और वह सौरभ हवा में तैरते हुए
पक्षियों की पाँखों पर तिरता है ।
उत्तर:
एक देश की मिट्टी के द्वारादूसरे देश में भेजा गया सुख-शांति, प्रेम-सौहार्द का सौरभ पहले हवा में तैरते हुए पक्षियों की पाँख पर पहुँचकर वहीं तिरता है, फिर पक्षी उसे दूसरे देश में पहुँचा देते हैं ।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 8 भगवान के डाकिए (कविता)

प्रश्न 5. और एक देश का भाप
दूसरे देश में पानी
बनकर गिरता है ।
उत्तर:
एक देश का भाप जब ऊपर उठकर बादल बन जाता है, तब वह अपने देश की सीमा के संकीर्ण भाव से ग्रेंस्त न होकर उदार बन जाता है और दूसरे देश में जाकर पानी बनकर बरसता है। वह अपना-पराया भेद-भाव छोड़कर सभी का कल्याण करता है।

कवि परिचय

रामधारी सिंह ‘दिनकर’ जी का जन्म ३० सितम्बर १९०८ ई. को बिहार के सिमरिया ग्राम में हुआ था । आपने बी.ए. तक शिक्षा प्राप्त की । आप भागलपुर विश्चविद्यालय में उपकुलपति रहे, राज्यसभा के मनोनित सदस्य रहे, पद्मभूषण उपाधि से अंलकृत हुए। उनको अर्वशी पर ज्ञानपीठ पुरस्कार मिलाथा । २४ अप्रैल १९७४ को आपका देहावसान हो गया ।

  • आपकी रचनाएँ – काव्यग्रंथ – रेणुका, हुँकार, रसवंती, कुरक्षेत्र, उर्वशी, बापू, रशिमरथी
  • गद्यग्रंथ – संस्कृति के चार अध्याय, शुद्ध कविता की खोज

कविता का भावबोध

कवि रामधारी सिंह दिनकर पक्षी और बादल को भगवान के डाकिए मानते हैं । भगवान की सृष्टि में पक्षी और बादल कहीं भी पहुँच सकते हैं । वे लोगों को कुशल-मंगल की सूचना देते हैं । देश या महादेश का बंधन उनके लिए अर्थहीन है । पक्षी एक महादेश से दूसरे महादेश में जो संदेश पहुँचाते हैं, उसे सृष्टि के तत्त्व पढ़ पाते हैं, पर मनुष्य पढ़ नहीं पाता । मनुष्य केवल अंदाजा लगाता है कि एक देश का सौरभ पक्षी के माध्यम से दूसरे देश में पहुँचता है और एक देश का भाप दूसरे देश में बादल बनकर बरसता है ।

शब्दार्थ:

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 7 प्रकृति का संदेश (कविता) 3

सप्रसंग व्याख्या

पक्षी और बादल
ये भगवान के डाकिए हैं,
जो एक महादेश से
दूसरे महादेश को जाते हैं
हम तो समझ नहीं पाते हैं
मगर उनकी लाई चिट्रियाँ
पेड़, पौधे, पानी और पहाड़
बाँचते हैं ।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 8 भगवान के डाकिए (कविता)

प्रसंग
यहाँ कवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ प्रकृति के तत्त्वों के माध्यम से मनुष्य के मन में विभवंधुत्व का भाव जगाना चाहते हैं ।

व्याख्या
कवि पक्षी और बादल को भगवान के डाकिए मानते हैं। वे एक महादेश से कुशल-मंगल, सुख-दुःख, हर्ष-विषाद के समाचार लेकर, दूसरे महादेश में पहुँचा देते हैं। वे देश महादेश का बंधन और सीमा नहीं मानते । वे विधबंधुत्व के संदेश का प्रचार करते हैं । हम स्वार्थ और संकीर्णता से मुक्त नहीं हो पाते । इसलिए उनके संदेश को समझ नहीं पाते ।

पक्षियों की लाई गई चिट्ठियों के संदेश को सृष्टि के तत्त्व-पेड़-पौधे, पानी-पहाड़ सभी पढ़ पाते हैं समझ पाते हैं । सृष्टि को एक न मानकर देश-महादेशों में बाँटने वाले हम अपने दृष्टिकोण को उदार नहीं बना पाते । परिणाम-स्वरूप विशबंधुत्व उत्पन्न नहीं हो पाता ।

हम तो केवल यह आँकते हैं
कि एक देश की धरती
दूसरे देश को सुगंध भेजती है ।
और वह सौरभ हवा में तैरते हुए
पक्षियों की पाँखों पर तिरता हैं ।
और एक देश का भाप
दूसरे देश में पानी
बनकर गिरता है ।

प्रसंग

कवि प्रतिपादित करना चाहते हैं कि प्रकृति के तत्त्वों में अपना – पराया भाव नहीं है । लेकिन हम उनसे प्रेरणा न लेकर स्वार्थी और अहंकारी बन गए हैं ।

व्याख्या

हम अंदाजा लगाते हैं कि एक देश की जमीन दूसरे देश को सुगंध भेजती है । यह सुगंध हवा में तैरते हुए पक्षियों की पाँखों पर आ पहुँचती है और वहीं तिरती है । फिर वही सुगंध पक्षी दूसरे महादेश में पहुँचा देते हैं ।अर्थात् एक देश की जमीन दूसरे देश को सुख-शांति और प्रेम-मैत्री का संदेश पक्षी के द्वारा भेजती है । लेकिन हम अपने को देश के दायरे से मुक्त नहीं कर पाते, स्वार्थ और अहंकार से मुक्त नहीं हो पाते, मित्रता, उदारता और सहानुभूति का हाथ बढ़ा नहीं पाते ।

एक देश का भाप संकीर्ण भावना से ग्रस्त होकर अपने को उसी देश की सीमा में नहीं बाँधता । वह उदार होकर दूसरे देश में बादल हो कर बरसता है। जीवन-दान देता है। बादल उसे पराया देश नहीं मानता । सभी का कल्याण करना उसका धर्म है । हम में वही चेतना उत्पन्न होनी चाहिए ।

सारांश

कवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ ने ‘भगवान के डाकिए’ कविता में पक्षी और बादल को भगवान के डाकिए मानकर सिद्ध कर दिया कि भगवान की सुंदर सुष्टि में उनके लिए कोई पराया नहीं है । सब उनके प्रिय हैं । वे सभी का कुशल-मंगल चाहते हैं । वे यही संदेश अपने डाकियों – पक्षी और बादल के माध्यम से सृष्टि की हर जगह पहुँचा देना चाहते हैं ।

भगवान का एक डाकिया पक्षी एक महादेश से दूसरे देश में चिट्ठियाँ ले जाता है । उन चिट्ठियों में जो संदेश होता है उसे हम समझ नहीं पाते । लेकिन भगवान की सूष्टि के दूसरे तत्त्व पेड़पौधे, पानी-पहाड़ आदि उसे पढ़ पाते हैं और समझ जाते हैं ।

अर्थात् स्टिष्टि के ये तत्व खुद उदार, नि:स्वार्थपर, परोपकारी, सुख-शांति प्रदायक, कल्याणकारक और परदु :खकातर होने से भगवान की चिट्ठियों को पढ़ पाते हैं और समझ पाते हैं ।

लेकिन हम अनुदार, स्वार्थाध, वैरभावयुक्त, अहंकारी, अमंगलकारी, विवेकहीन और दूसरों की सुख-शांति छीननेवाले हैं । इसलिए हम भगवान के संदेश को समझ नहीं पाते ।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 8 भगवान के डाकिए (कविता)

हम केवल अनुमान लगाते हैं कि एक देश की जमीन दूसरे देश को पक्षी के द्वारा खुशहाली की सुगंध भेजती है । यह सुगंध हवा में तैरते हुए पक्षी की पाँखों पर आकर ठहर जाती है । पक्षी उसे दूसरे देश की जमीन पर पहुँचा देता है ।

लेकिन हम देश के नाम पर जमीन अपनी – पराई के रूप में बाँट द्रेते हैं, आपस में झगड़ते हैं और एक दूसरे का दुश्मन बन जाते हैं।

बादल भी भगवान का डाकिया है । वेह अपना पराया भाव मन से दूर करके, सभी को अपना मानता है । वह एक देश का भाप लेकर बादल बनता है । वह उसी देश में अपने को बाँधकर नहीं रखता । वह बादल दूसरे देश में पहुँच जाता है और वहीं पानी बनकर बरसता है। पराया देश मानकर उसे पानी न देने का विचार उसके मन में नहीं आता । वह समभाव रखता है । सभी का कल्याण चाहता है ।

लेकिन हम देश की सीमा से अपेने को मुक्त नहीं कर पाते; दूसरे का कल्याण करने की उदारता मन में नहीं ला पाते; भगवान के संदेश को समझ नहीं पाते । यदि हम पक्षी द्वारा लाई गई सुगंध की चिट्ठी और बादल द्वारा लाई गई भाप की चिट्ठी में लिखे भगवान के संदेश को समझ सकेंगे, तब समग्र सृष्टि में खुशहाली छा जाएगी ।

ସାରାଂଶ

କବି ରାମଧାରୀ ସିଂହ ‘ଦିନକର’ ‘ଭଗବାନ କେ ଡାକିଏ’ କବିତାର ପକ୍ଷୀ ଓ ବାଦଲକୁ ଭଗବାନଙ୍କ ଡାକ ପିଅନ (ବାଭାଁ ବାହାକ) ଭାବେ ଗ୍ରହଣ କରି ପ୍ରତିପାଦିତ କରିଛନ୍ତି ଯେ ଭଗବାନଙ୍କର ସୁନ୍ଦର ସୃଷ୍ଟିରେ ତାଙ୍କ ପାଇଁ କେହି ପର ନୁହନ୍ତି । ଏହି ସନ୍ଦେଶ ସେ ତାଙ୍କ ଡାକ ପିଅନ (ବାର୍ତ୍ତାବାହକ) ପକ୍ଷୀ ଓ ମେଘ ମାଧ୍ୟମରେ ସୃଷ୍ଟିର କୋଣ ଅନୁକୋଣରେ ପହଞ୍ଚାଇବାକୁ ଚାହିଁଛନ୍ତି ।

ଭଗବାନଙ୍କର ଜଣେ ବାର୍ତ୍ତାବାହକ ପକ୍ଷୀ ଗୋଟିଏ ମହାଦେଶରୁ ଆଉ ଗୋଟିଏ ମହାଦେଶକୁ ଚିଠି ନେଇଯାଏ । ସେ ଚିଠିଗୁଡ଼ିକରେ ଯେଉଁ ବାଆଁ ଥାଏ, ତାକୁ ଆମେ ବୁଝିପାରୁ ନାହୁଁ । କିନ୍ତୁ ଭଗବାନଙ୍କ ସୃଷ୍ଟିର ଅନ୍ୟ ତତ୍ତ୍ଵଗୁଡ଼ିକ (ଗଛ, ଲତା, ଜଳ, ପାହାଡ଼) ଆଦି ସେ ବାଆଁ ପଢ଼ି ପାରନ୍ତି, ବୁଝିପାରନ୍ତି ।

ଅର୍ଥାତ୍ ସୃଷ୍ଟିର ଏହି ତତ୍ତ୍ଵଗୁଡ଼ିକ ନିଜେ ଉଦାର, ନିଃସ୍ୱାର୍ଥପର, ପରୋପକାରୀ, ସୁଖ-ଶାନ୍ତି ପ୍ରଦାୟକ, କଲ୍ୟାଣକାରକ ଓ ‘ପରଦୁଃଖ କାତର ହୋଇଥିବା ଯୋଗୁଁ ସେମାନେ ଭଗବାନଙ୍କର ଚିଠିଗୁଡ଼ିକ ପଢ଼ି ପାରନ୍ତି ଓ ବୁଝି ପାରନ୍ତି । କିନ୍ତୁ ଆମେ ଅନୁଦାର, ସ୍ଵାର୍ଥପର, ବୈର ଭାବାପନ୍ନ, ଅହଂକାରୀ, ପ୍‌ରର ଅମଙ୍ଗଳକାରୀ, ବିବେକହୀନ ଓ ଅନ୍ୟର ସୁଖ . ଶାନ୍ତି ଅପହାରକ ହୋଇଥିବା ଯୋଗୁଁ ଭଗବାନଙ୍କର ଚିଠିଗୁଡ଼ିକର ବାଆଁ ଆମେ ବୁଝିବାକୁ ସମର୍ଥ ନୋହୁଁ ।

ଆମେ କେବଳ ଅନୁମାନ କରୁ ଯେ ଗୋଟିଏ ଦେଶର ଭୂମି ଅନ୍ୟ ଦେଶକୁ ଏହି ପକ୍ଷୀ ମାଧ୍ୟମରେ ସୁଖ-ଶାନ୍ତର ମୁଗନ୍ଧ ପ୍ରେରଣ କରୁଛି । ଏହି ସୁଗନ୍ଧ ପବନରେ ଭାସି ଭାସି ଆସି ପକ୍ଷୀର ପର ଉପରେ ଭାସମାନ ଅବସ୍ଥାରେ ଅଟକି ଯାଏ । ପକ୍ଷୀ ତାକୁ ଅନ୍ୟ ଦେଶର ଭୂମି ଉପରେ ପହଞ୍ଚାଇଦିଏ ।

କିନ୍ତୁ ଆମେ ଦେଶ ନାଁରେ ଭୂମିକୁ ନିଜ-ପର ଭାବରେ ବାଣ୍ଟି ଦେଉ । ନିଜ ନିଜ ଭିତରେ ଝଗଡ଼ା କରୁ । ପରସ୍ପରର ଶତ୍ରୁ ହୋଇଯାଉ । ମେଘ ମଧ୍ଯ ଭଗବାନଙ୍କର ଗୋଟିଏ ବାଆଁବାହକ । ସେ ମନରୁ ନିଜ ପର ଭାବ ଦୂର କରି ସମସ୍ତଙ୍କୁ ନିଜର ବୋଲି ମନେକରେ । ସେ ଗୋଟିଏ ଦେଶର ଜଳୀୟବାଷ୍ପ ନେଇ ମେଘ ହୋଇଯାଏ ଓ ସେ ନିଜକୁ କେବଳ ସେହି ଦେଶ ମଧ୍ୟରେ ବାନ୍ଧି ରଖେ ନାହିଁ । ସେ ମେଘ ରୂପରେ ଅନ୍ୟ ଦେଶକୁ ଭାସିଯାଏ ଓ ସେଠାରେ ଜଳ ରୂପରେ ବର୍ଷା କରିଦିଏ । ସେ ପର ଦେଶ ଭାବି ତାକୁ ଜଳଦାନ ନ କରିବା

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 8 भगवान के डाकिए (कविता)

ବିଚାର ମନରେ ଆଣେ ନାହିଁ । ସେ ସମ ଭାବ ପୋଷଣ କରେ । ସମସ୍ତଙ୍କର ମଙ୍ଗଳକାମନା କରେ । ଆମେ କିନ୍ତୁ ଦେଶର ସୀମା ମଧ୍ଯରୁ ମୁକ୍ତ ହୋଇପାରୁ ନାହୁଁ । ଅନ୍ୟର ମଙ୍ଗଳକାମନା କରିବା ଉଦାର ବିଚାର ଆମ ମନକୁ ଆସେ ନାହିଁ । ଆମେ ଭଗବାନଙ୍କ ବାର୍ତ୍ତା ବୁଝିବାକୁ ଅସମର୍ଥ । ଆମେ ଯଦି ପକ୍ଷୀ ଆଣୁଥୁବା ସୁଗନ୍ଧର ଚିଠି ଓ ମେଘ ଆଣୁଥୁବା ଜଳୀୟ ବାଷ୍ପର ଚିଠିରେ ଲେଖାଥିବା ଭଗବାନଙ୍କ ବାଆଁ ବୁଝି ପାରନ୍ତୁ, ତେବେ ସମଗ୍ର ସୃଷ୍ଟିରେ ସୁଖ-ଶାନ୍ତ ବିରାଜମାନ ହୁଅନ୍ତା ।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 7 प्रकृति का संदेश (कविता)

Odisha State Board BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 7 प्रकृति का संदेश (कविता) Textbook Exercise Questions and Answers.

BSE Odisha Class 8 Hindi Solutions Chapter 7 प्रकृति का संदेश (कविता)

1. नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर दीजिए ।

(क) पर्वत और सागर क्या-क्या कहते हैं ?
उत्तर:
पर्वत शीश उठाकर निर्भय से खड़े रहकर हमसे कहता है कि तुम भी ऊँचे बन जाओ ।अर्थात् यदि हम सिर ऊँचा रखेंगे, निर्भय से खड़े रहेंगे तो हम समाज में प्रतिष्ठित हो जाएँगे । सागर लहराकर हमसे कहता है कि तुम मन में गहराई लाओं । अर्थात् मन को उदार और विशाल कर दो ।

(ख) पृथ्वी और नभ का क्या कहना है ?
उत्तर:
पृथ्वी कहती है कि तुम्हारे सिर पर बहुत भार हो, पर तुम धैर्य ऩ छोड़ो । अर्थात् सिर पर अधिक उत्तरदायित्व आने पर भी न घबराकर हमें धैये रखना चाहिए। नभ कहता है कि तुम फैलकर सारा संसार ढक लो ।अर्थात् हमें हृदय को विस्तारित करके समग्र विश्च को प्रेम से वशीभूत कर लेना चाहिए ।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 7 प्रकृति का संदेश (कविता)

(ग) तरंग का संदेश क्या है ?
उत्तर:
तरंग हवा के हिंडोले में ऊपर -नीचे होकर हमें संदेश देती है कि हम अपने मन में अच्छे और सुखदायक मनोवेगों को भर लें । मन की भावनाएँ अच्छी और ऊँची होने पर हमारे कार्य भी अच्छे और ऊँचे होंगे । इन अच्छे कार्यों से हम महान बन जाएँगे ।

(घ) नभ क्या कहता है ?
उत्तर:
फैलकर सारे संसार को ढकने के लिए नभ कहता है।

(ङ) धैर्य न छोड़ने के लिए कौन कहती है ?
उत्तर:
धैर्य न छोड़ने के लिए पृथ्वी कहती है।

2. इन प्रश्नों के उत्तर एक-दो वाक्यों में दीजिए :

(क) पर्वत की ऊँचाई से हम क्या सीखें ?
उत्तर:
पर्वत की ऊँचाई से हम ऊँचा बनना सीखें ।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 7 प्रकृति का संदेश (कविता)

(ख) मन में गहराई लाने का क्या मतलब है ?
उत्तर:
मन में गहराई लाने का मतलब है – मन में उदारता की भावना लाना ।

(ग) हमारे सिर पर बोझ बढ़े तो हमें क्या करना चाहिए ?
उत्तर:
हमारे सिर पर बोझ बढ़े तो हमें धैर्य न छोड़ना चाहिए।

(घ) नभ का फैलाव बहुत है, उससे हम क्या सीखें ?
उत्तर:
नभ का फैलाव बहुत है, उससे हम सीखें कि हम फैलकर सारे संसार को ढक लें । अर्थात् हम प्रेम की भावना फैलाकर विश्चवासियों को अपना बना लें ।

(ङ) मीठी-मीठी मृदुल उमंग का क्या अर्थ है ?
उत्तर:
मन में मृदुल उमंग भरने का तात्पर्य है – हम मन में अच्छे, सुखद तथा कोमल मनोभाव्रों को भर लें ।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 7 प्रकृति का संदेश (कविता)

3. (क) पंक्तियों को पूरा कीजिए ।
(i) पर्वत कहता ………… उठाकर ।
(ii) तुम भी ………… बन जाओ ।
(iii) नभ कहता है ………… इतना।
(iv) भर लो, भर लो ………… मन में ।
उत्तर:
(i) पर्वत कहता शीश उठाकर ।
(ii) तुम भी ऊँचे बन जाओ ।
(iii) फैलो
(iv) अपने

4. इन पंक्तियों के अर्थ समझाइए ।

(i) नभ कहता है फैलो इतना बक लो तुम सारा संसार ।
उत्तर:
आकाश कहता है कि तुम इतना फैलो कि सारा संसार ढक जाए । अर्थात् हम अपने हृदय को प्रेम से इतना विशाल और विस्तारित कर दें कि सारे विश्चवासियों को अपना बना लें ।

(ii) भर लो, भर लो, अपने मन में मीठी – मीठी मृदुल उमंग ।
उत्तर:
हम अपने मेन में अच्छी, सुखप्रदायक कोमल भावनाएँ भर लें । इससे हमारे कार्य अच्छे होंगे, हमारे विचार ऊँचे होंगे । हम महान बन जाएँगे ।

5. ‘क’ स्तम्भ के शब्दों के साथ ‘ख’ स्तम्भ के शब्दों को जोड़िए ।
BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 7 प्रकृति का संदेश (कविता) 1

भाषाकार्य

1. पर्यायवाची शब्द लिखिए :
पर्वत, मृदुल, सागर, नभ, पृथ्वी, संसार, सिर
उत्तर:

  • पर्वत- नभ
  • मृदुल- कोमल
  • सागर- समुद्र
  • नभ- आकाश
  • पृथ्वी – धरित्री
  • संसार – जगत
  • सिर – मस्तक

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 7 प्रकृति का संदेश (कविता)

2. विपरीतार्थक शब्द लिखिए :
उठाना, धैर्य, मृदुल, ढकना, गहरा, समझ
उत्तर:

  • उठाना – गिराना
  • धैर्य – अधैर्य
  • मृदुल — कठोर
  • ढकना – खोलना
  • गहरा – उथला
  • समझ – नासमझी

3. इन शब्दों को लगाकर वाक्य बनाइए :
लहर, सारा, भार, तरंग, उमंग
उत्तर:

  • लहर – एक लहर तट की ओर आई ।
  • सारा – सारा संसार सुखी बनेगा ।
  • भार – सिर पर भार संभालो ।
  • तरंग – समुद्र में तरंगें उठती हैं ।
  • उमंग – मन में नई उमंग है ।

परीक्षोपयोगी अतिरिक्त प्रश्नोत्तर

एक-एक वाक्य में उत्तर दीजिए :

प्रश्न 1.
पर्वत क्या कहता है ?
उत्तर:
पर्वत कहता है कि तुम भी ऊँचे बन जाओ, अर्थात् महान बन जाओ।

प्रश्न 2.
शीश उठाकर कौन कहता है ?
उत्तर:
शीश उठाकर पर्वत कहता है ।

प्रश्न 3.
पर्वत की ऊँचाई से हम क्या सीखेंगे ?
उत्तर:
पर्वत की ऊँचाई से हम महान बनना सीखेंगे ।

प्रश्न 4.
शीश उठाने का अर्थ क्या है ?
उत्तर:
शीश उठाने का अर्थ है – साहसपूर्वक अविचालित खड़े रहना।

प्रश्न 5.
सागर लहराकर क्या कहता है ?
उत्तर:
सागर लहराकर कहता है कि हम मन में गहराई लाएँ।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 7 प्रकृति का संदेश (कविता)

प्रश्न 6.
मन में गहराई लाने का क्या मतलब है ?
उत्तर:
मन में गहराई लाने का मतलब है – संकीर्ण भावना को छोड़कर मन में विशालता और उदारता की भावना लाना।

प्रश्न 7.
लहराने में कौन-सा भाव निहित है ?
उत्तर:
लहराने में खुशी का भाव ऩिहित है । हम उदार होंगे तो हमारे मन में खुशियों की लहरें उमडेंगी।

प्रश्न 8.
हमार सिर पर बोझ बढ़े तो हमें क्या करना चाहिए ?
उत्तर:
हमार सिर पर बोझ बढ़े तो हमें धैर्य न छोड़ना चाहिए और काम में लगे रहना चाहिए ।

प्रश्न 9.
पृथ्वी हमसे क्या कहती है ?
उत्तर:
पृथ्वी हमसे कहती है कि सिर पर कितना ही भार क्यों न हो, कभी भी धैर्य नहीं छोड़ना चाहिए।

प्रश्न 10.
आकाश हमें क्या सीख देता है ?
उत्तर:
आकाश हमें सीख देता है कि हम इतना फैलें कि सारा संसार ढक लें।

प्रश्न 11.
नभ का फैलाव बहुत है, उससे हम क्या सीखें ?
उत्तर:
नभ का फैलाव बहुत है, उससे हम सीखें कि हम भी अपने हृदय को विशाल बना दें ।

प्रश्न 12.
संसार को ढक लेने का अर्थ क्या है ?
उत्तर:
संसार को ढक लेने का अर्थ है – अपने विशाल हुदय के प्रेम और उदारता से समग्र संसार में भाईचारे की प्रतिष्ठा करना।

प्रश्न 13.
हमारे लिए तरंग का संदेश क्या है ?
उत्तर:
हमारे लिए तरंग का संदेश यह है कि हम अपने मन में मीठी-मीठी मृदुल उमंगें भर लें ।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 7 प्रकृति का संदेश (कविता)

प्रश्न 14.
मन में मृदुल उमंग भरने का तात्पर्य क्या है ?
उत्तर:
मन में मृदुल उमंग भरने का तात्पर्य है – मन में कोमल भावनाएँ भरना। स्नेह, प्रेम, सद्भावना और भ्रातृत्व आदि भावों से हम सबको अपना बना लेंगे।

प्रश्न 15.
‘प्रकृति का संदेश’ कविता के कवि कौन हैं ?
उत्तर:
‘प्रकृति का संदेश’ कविता के कवि हैं – सोहनलाल द्विवेदी ।

एक या वो शब्द में उत्तर वीजिए :

1. शीश उठाकर हमें कौन प्रेरणा दे रहा है ?
उत्तर: पर्वत

2. पर्वत हमें क्या बन जाने की प्रेरणा देता है ?
उत्तर: ऊँचे

3. सागर लहराकर हमसे क्या लाने को कहता है ?
उत्तर: मन में गहराई

4. पृथ्वी हमसे क्या न छोड़ने को कहता है ?
उत्तर: धैर्य

5. नभ क्या ठक लेने को कहता है ?
उत्तर: सारा संसार

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 7 प्रकृति का संदेश (कविता)

6. संसार को ढकने के लिए हमें क्या करना चाहिए?
उत्तर: फैलना चाहिए

7. तरंग मन में क्या भरने को कहता है ?
उत्तर: मृदुल उमंग

8. हमें मृदुल-उमंग कहाँ भरना चाहिए ?
उत्तर: मन में

9. कौन कहता है कि सिर पर भार होने पर भी धैर्य नहीं छोड़ना चाहिए ?
उत्तर: पृथ्वी

10. मन में गहराई लाने को कौन कहता है ?
उत्तर: सागर

11. ‘प्रकृति का संदेश’ के कवि कौन हैं ?
उत्तर: सोहन लाल त्रिवेदी

पंक्तियों के अर्थ एक-दो वाक्यों में समझाइए:

प्रश्न 1.
पर्वत कहता शीश उठाकर तुम भी ऊँचे बन जाओ ।
उत्तर:
पर्वत शीश उठाकर हमसे कहता है कि हम भी साहसपूर्वक अडिंग रहें, और विपदाओं से लड़ें और महान बन जाएँ।

प्रश्न 2.
सागर कहता है लहराकर मन में गहराई लाओ ।
उत्तर:
सागर लहराकर कहता है कि हम मन में गह्नराई लाएँ, अर्थात् मन को उदार और विशाल कर दें ।

प्रश्न 3.
पृथ्वी कहती धैर्य न छोड़ो, कितना ही हो सिर पर भार।
उत्तर:
पृथ्वी हमसे कहती है कि हमोर सिर पर कितना ही भार क्यों न हो, हम धैर्य न छोड़े, अर्थात् हम धैर्य न छोड़कर काम करते रहें ।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 7 प्रकृति का संदेश (कविता)

प्रश्न 4.
नभ कहता है फैलो इतना उक लो तुम सारा संसार।
उत्तर:
आकाश हमसे कहता है कि हम संकीर्षता को छोड़कर अपने ह्दय को विशाल और उदार बना दें। प्रेम के द्वारा सारे संसार को अपना बना लेंगे ।

प्रश्न 5.
तरंग के उठने-गिरने और तरल होने का तात्पर्य क्या है?
उत्तर:
तरंग के उठने-गिरने और तरल होने का तात्पर्य है कि तरंग खुशी से नाचती है और चंचल रहती है ।

प्रश्न 6.
भर लो, भर लो अपने मन में मीठी-मीठी मृदुल उमंग।
उत्तर:
तरंग हमसे कहती है कि हम मन में मीठी और कोमल मनोभावों को भर लें ।

शून्यस्थान की पूर्ति कीजिए :

1. पर्वत कहता ………… उठाकर, तुम भी ………… बनजाओ।
2. ………… कहता लंहराकर मन में ………… लाओ ।
3. ………… कहती धैर्य न छोड़ो।
4. नभ कहता है ………… इतना, ढक लो तुम सारा ………… |
5. समझ रहे हो क्या कहती है, उठ-उड, गिर-गिर तरल ………… |
6. भर लो, भर लो, अपने ………… में, मीठी-मीठी ………… उमंग।
उत्तर:
1. शीश, ऊँचे
2. सागर, गहराई
3. पृथ्वी
4. फैलो, संसार
5. तरंग
6. मन, मृदुल

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 7 प्रकृति का संदेश (कविता)

उपयुक्त शब्द ले कर खाली जगह भरिए :

1. तुम मन ………… गहराई लाओ। (पर, में, से)
2. सिर ………… भार हो, लेकिन धैर्य न छोड़ो।(में, पर, से)
3. अपने मन ………… अंमग भर लो। (से, ने, में)
उत्तर:
1. में
2. पर
3. में

मे सही उत्तर चूनिए :

प्रश्न 1.
पर्वत हमसे कैसे कहता है ?
(A) लहराकर
(B) सीना तानकर
(C) शीश उठाकर
(D) चिल्ला-विल्लाकर
उत्तर:
(C) शीश उठाकर

प्रश्न 2.
ऊँचे बनने का अर्थ क्या है ?
(A) लम्बा हो जाना
(B) महान बनना
(C) बड़ा जो जाना
(D) अटल बनना
उत्तर:
(B) महान बनना

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 7 प्रकृति का संदेश (कविता)

प्रश्न 3.
हम कहाँ गहराई लाएँ ?
(A) मन में
(B) तन में
(C) समुद्र में
(D) लहर में
उत्तर:
(A) मन में

प्रश्न 4.
मन में गहराई लाने का अर्थ क्या है ?
(A) मन को गंभीर बनाना
(B) मन में संकीर्ण भावना रखना
(C) मन में उदारता और विशालता लाना
(D) मन को निर्मल बनाना
उत्तर:
(C) मन में उदारता और विशालता लाना

प्रश्न 5.
सागर में कौन-सा गुण पाया जाता है ?
(A) उच्च आकांक्षा
(B) मधुरता
(C) ऊँची कल्पना
(D) उदारता और महानता
उत्तर:
(D) उदारता और महानता

प्रश्न 6.
पृथ्वी क्या सीख देती है ?
(A) धैर्य रखने की
(B) विशाल होने की
(C) कष्ट सहने की
(D) हरा-भरा ह्रेने की
उत्तर:
(A) धैर्य रखने की

प्रश्न 7.
सिर पर भार होने का मतलब क्या है ?
(A) बोझ रहना
(B) काम का दायित्व रहना
(C) सिर में दर्द होना
(D) सिर झुक जाना
उत्तर:
(B) काम का दायित्व रहना

प्रश्न 8.
आसमान क्या करने को कहता है ?
(A) फैलने को
(B) नीला होने को
(C) अनंत होने को
(D) ऊपर रहने को
उत्तर:
(A) फैलने को

प्रश्न 9.
हम फैलकर क्या कर सकते हैं ?
(A) संसार को ढक सकते हैं
(B) बड़ा बन सकते हैं
(C) सर्वव्यापक बन सकते हैं
(D) गर्व कर सकते हैं
उत्तर:
(A) संसार को ढक सकते हैं

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 7 प्रकृति का संदेश (कविता)

प्रश्न 10.
संसार को न्ठक लेने का अर्थ क्या है ?
(A) किसी को ऊपर आने न देना
(B) धूप से बचाना
(C) सभी का दुख दूर करना
(D) सभी को आसरा देना
उत्तर:
(D) सभी को आसरा देना

प्रश्न 11.
तरेंगे कैसे आती हैं ?
(A) उठकर-गिरकर
(B) धीरे-धीरे
(C) घोर गर्जन करके
(D) मबल वेग से
उत्तर:
(A) उठकर-गिरकर

प्रश्न 12.
हमारी डंमगों कैसी होनी चाहिए ?
(A) महान और मुदुल
(B) मीठी और
(C) बहुत बड़ी
(D) मीठी और मृदुल
उत्तर:
(A) महान और मुदुल

प्रश्न 13.
‘प्रकृति का संदेश’ कविता के कवि कौन हैं ?
(A) सोहनलाल द्विवेदी
(B) हजारीप्रसाद द्विवेदी
(C) माखनलाल चतुर्वेदी
(D) मैथिलीशरण गुप्त
उत्तर:
(A) सोहनलाल द्विवेदी

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 7 प्रकृति का संदेश (कविता)

प्रश्न 14.
मन में मृदुल उमंग भरने का तात्पर्य है :
(A) उत्साह, उल्लास भरना
(B) प्रेम भाव रखना
(C) साहस रखना
(D) अभिलाषा भरना
उत्तर:
(A) उत्साह, उल्लास भरना

प्रश्न 15.
हमारे सिर पर बोझ बढ़े तो हमें क्या करना चाहिए ?
(A) बोझ कम कर दें
(B) बोझ उतार दें
(C) धैर्य रखें
(D) थोड़ी देर थकावट मिटाएँ
उत्तर:
(C) धैर्य रखें

प्रश्न 16.
नभ का फैलाव बहुत है उससे हम क्या सी कें ?
(A) सभी की मदद करें
(B) सभी को अपने वश में रखें
(C) सभी पर शासन करें
(D) अपना म्रभाव विस्तार करें
उत्तर:
(A) सभी की मदद करें

प्रश्न 17.
शीश उठाकर कौन कहता है ?
(A) लहर
(B) सागर
(C) आसमान
(D) पर्वत
उत्तर:
(D) पर्वत

प्रश्न 18.
महान बनने की प्रेरणा कौन देता है ?
(A) सागर
(B) पृथ्वी
(C) पर्वत
(D) तरंग
उत्तर:
(C) पर्वत

प्रश्न 19.
हम पर बहुत काम होने पर भी हम क्या न छोड़े ?
(A) धीरज
(B) बल
(C) अधिक काम
(D) संकट
उत्तर:
(A) धीरज

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 7 प्रकृति का संदेश (कविता)

प्रश्न 20.
कौन उठता गिरता रहता है ?
(A) हवा
(B) तरंग
(C) तरल सागर
(D) पृथ्वी
उत्तर:
(B) तरंग

प्रश्न 21.
मन में गहराई लाने की सीख किससे मिलती है ?
(A) सागर से
(B) आसमान से
(C) पर्वत से
(D) पृथ्वी से
उत्तर:
(A) सागर से

प्रश्न 22.
धैर्य रखने की शिक्षा कौन देता है ?
(A) सागर
(B) पृथ्वी
(C) उमंग
(D) नभ
उत्तर:
(B) पृथ्वी

प्रश्न 23.
मन में उमंग भरने की बात से क्या बोध होता है ?
(A) खुशियाँ प्राप्त करना
(B) नए-नए दुख छोड़ना
(C) नवीन विचार सोचना
(D) लहरें लाना
उत्तर:
(A) खुशियाँ प्राप्त करना

प्रश्न 24.
‘प्रकृति का संदेश’ कविता में किसका उल्लेख नहीं हुआ है ?
(A) पर्वत
(B) झरना
(C) पृथ्वी
(D) सागर
उत्तर:
(B) झरना

प्रश्न 25.
संसार को ढकने का अर्थ क्या है ?
(A) विशाल-हृदय होना
(B) संसार के छिपा देना
(C) संकीर्ण-हृदय होना
(D) संसार में छिप जाना
उत्तर:
(A) विशाल-हृदय होना

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 7 प्रकृति का संदेश (कविता)

प्रश्न 26.
सारे संसार को बकने को कौन कहता है ?
(A) नभ
(B) तरंग
(C) सागर
(D) नदी
उत्तर:
(A) नभ

‘क’ स्तम्भ के पदों के साथ ‘ख’ स्तम्भ के पदों का मिलान :

‘क’ स्तम्भ ‘ख’ स्तम्भ
1. पर्वत कहता शीश उठाकर मन में गहराई लाओ
2. सागर कहता है लहराकर मीठी-मीठी मृदुल उमंग
3. नभ कहता है फैलो इतना उठ-उठ गिर-गिर तरल तरंग
4. समझ रहे हो क्या कहती है ढक लो तुम सारा संसार
5. भर लो – भर लो अपने मन में तुम भी ऊँचे बन जाओ

उत्तर:

‘क’ स्तम्भ ‘ख’ स्तम्भ
1. पर्वत कहता शीश उठाकर तुम भी ऊँचे बन जाओ
2. सागर कहता है लहराकर मन में गहराई लाओ
3. नभ कहता है फैलो इतना ढक लो तुम सारा संसार
4. समझ रहे हो क्या कहती है उठ-उठ गिर-गिर तरल तरंग
5. भर लो – भर लो अपने मन में मीठी-मीठी मृदुल उमंग

३० शब्दों/दो-तीन वाक्यों में उत्तर दीजिए :

प्रश्न 1.
पर्वत से हम क्या सीखते हैं ?
उत्तर:
पर्वत अपनासिर ऊँचा उठाकर खड़ा है। वह हमको शिक्षा देता है कि हम किसी से न डरें। किसी विपत्ति के सामने झुक न जाएँ। हम साहस और वीरत्व के साथ सिर उठाकर रहें तो ऊँचे बन जाएँगे ।

प्रश्न 2.
सागर हमें क्या शिक्षा देता है ?
उत्तर:
सागर बहुत गहरा है, विशाल है । सागर हमें शिक्षा देता है कि हम भी उसकी तरह अपने हृदय में गहराई लाएँ, विशालता लाएँ। अपने मन को उदार बनाएँ। संकीर्ण भावना छोड़ दें।

प्रश्न 3.
पृथ्वी से हमें क्या सीख मिलती है ?
उत्तर:
हम मिट्टी को खोदकर, चीरकर फसल उगाते हैं, जीते हैं । इस पर पृथ्वी क्रोध नहीं करती, धैर्यपूर्वक सारी पीड़ा सहती है । पृथ्वी से हमें सीख मिलती है कि, हम पर काम का कितना भी बड़ा बोझ क्यों न हो, हम सभी का मुकावला करें, धैर्य न बोड़ें ।

प्रश्न 4.
नभ हमें क्या शिक्षा देता है ?
उत्तर:
नभने चारों ओर फैल कर सारे संसार को ढक लिया है । ऐसा करके वह हमें शिक्षा देता है कि हम अपने हृदय को सर्वव्यापी बना दें, विशाल बना दें मन में संकीर्णता का भावन लाएँ।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 7 प्रकृति का संदेश (कविता)

प्रश्न 5.
तरंगों से हमें क्या सीख मिलती है ?
उत्तर:
समुद्र में तरंगें उठती हैं, गिरती हैं ।इस कार्य से वे अपने मन की खुशियाँ व्यक्त करती हैं, उसके इस कार्य से हमें सीखं मिलती है कि हम अपने मन में अच्छी भावनाएँ लाएँ; नई उमंग से काम करें और मन में उल्लासा रखें । दूसरों को उल्लसित करें।

कवि परिचय

सोहनलाल द्विवेदी का जन्म २ २फ़रवरी १ ९० ६ को हुआ था । काशी हिन्दू विश्चिद्यालय में इनकी पढ़ाई हुई थी । ये एम.ए.,एल.एल.बी थे तथा इन्हें संस्कृत का अच्छा ज्ञान था । इनमें प्राचीन संस्कृति और राष्ट्रीयता के प्रति सम्मान था । इनकी रचनाएँ- भैरवी, वासवदत्ता, कृपाल, पूजागीत, विषपान, बाल भारती, बाँसुरी, नेहरू चाचा, बच्चों के बापू आदि ।

कविता का भावबोध

प्रकृति मनुष्ट की चिर सहचरी है । मनुष्य प्रकृति के भिन्नभिन्न तत्वों – पर्वत, सागर, धरती, आकाश, तरंगों को देखकर खुश हो जाता है । ये तत्त्व मनुष्य के मन में अनेक भावों को जगाते हैं । मनुष्य उनसे प्रेरणा लेकर महान बन सकता है ।

शब्दार्थ :

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 7 प्रकृति का संदेश (कविता) 2

सारांश:

पर्वत कहता शीश उठाकर
तुम भी ऊँचे बन जाओ ।
सागर कहता है लहराकर
मन में गहराई लाओ ।

प्रकृति के विभिन्न तत्व हमें कुछ न-कुछ संदेश देते हैं । हम उनसे प्रेरणा लेकर महान बन सकते हैं। पर्वत सिर ऊँचा करके निर्भय खड़ा रहता है । वह हमें संदेश देता है कि हम यदि साहस पूर्वक खड़े रहेंगे, तब हमें समाज में प्रतिष्ठा और उच्च स्थान जरूर मिलेगा ।

सागर बहुत गहरा है । इसलिए वह खुशी से लहराता है । उसका संदेश है कि यदि हम मन में संकीर्ण भावनाएँ न रखकर उदारता की गहराई लाएँगे तो हम भी सदा खुश रह सकेंगे।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 7 प्रकृति का संदेश (कविता)

पृथ्वी कहती धैर्य न छोड़ो
कितना ही हो सिर पर भार
नभ कहता है फैलो इतना
बक लो तुम सारा संसार।

धरती सवंसहा है । वह कभी धैर्य नहीं छोड़ती। वह संदेश देती है कि हमारे सिर पर बहुत से उत्तरदायित्व पड़ सकते हैं । पर हम विचलित नहीं होंगे। धैर्य नहीं छोड़ेंगे ।

आकाश का सीमाहीन विस्तार है । उसने संसार को ढंककर रखा है । उसका संदेश है कि हमारा हृदय संकीर्णता छोड़कर विस्तारित हो जाएगा तो हम सारे संसार को प्रेम से ढक लेंगे, अर्थात् विश-बंधुत्व की भौवना से हम सभी को अपना बना लेंगे ।

समझ रहे हो क्या कहती है
उठ-उठ, गिर-गिर तरल तरंग ?
भर लो, भर लो, अपने मन में
मीठी-मीठी मृदुल उमंग ।

समुद्र की चंचल तरंग हवा के झोंके में उठ-उठ गिर- गिर कर हमें यही संदेश देती है कि हम मन में अच्छे और सुखदायक कोमल मनोवेगों को भर लें । हमारी भावनाएँ अच्छी होंगी तो हमारे कार्य भी अच्छे होंगे ।अच्छे कार्य से हम महान बन जाएँगे ।

ଧୂ ସାରାଂଶ

ପ୍ରକୃତିର ବିଭିନ୍ନ ତତ୍ତ୍ଵ ଆମକୁ କୌଣସି ନା କୌଣସି ବାଆଁ ଦେଇଥାନ୍ତି । ଆମେ ସେମାନଙ୍କଠାରୁ ପ୍ରେରଣା ଲାଭ କରି ମହାନ ହୋଇପାରିବା ।
ପର୍ବତ ମସ୍ତକ ଉପରକୁ ଉଠେଇ ନିର୍ଭୟରେ ଠିଆ ହୋଇ ରହିଥାଏ । ପର୍ବତର ଆମ ପାଇଁ ସନ୍ଦେଶ ହେଉଛି ଯେ ଯଦି ଆମେ ସାହସପୂର୍ବକ ଠିଆ ହୋଇ ରହିବା, ତେବେ ଆମକୁ ସମାଜରେ ପ୍ରତିଷ୍ଠା ଓ ଉଚ୍ଚ ଆସନ ନିଶ୍ଚୟ ମିଳିବ ।

ସମୁଦ୍ର ବହୁତ ଗଭୀର । ସେଥ‌ିପାଇଁ ସେ ମହା ଆନନ୍ଦରେ ପବନରେ ତରଙ୍ଗାୟିତ ହେଉଥାଏ । ତା’ର ଆମ ପାଇଁ ବାର୍ତ୍ତା ହେଉଛି ଯେ ଯଦି ଆମେ ମନରେ ସଂକୀର୍ଷ ଭାବନା ନ ରଖି ଉଦାରତାର ଗଭୀରତା ନେଇ ଆସିବା, ତେବେ ଆମେ ମଧ୍ୟ ମହା ଆନନ୍ଦରେ ରହି ପାରିବା । ଧରିତ୍ରୀ ସର୍ବଂସହା । ସେ କେବେ ଧୈର୍ଯ୍ୟହରା ହୁଏ ନାହିଁ ତା’ର ବାଭାଁ ହେଉଛି ଆମ ମୁଣ୍ଡ ଉପରେ ଅନେକ ଦାୟିତ୍ଵ ଆସି ପଡ଼ିପାରେ । ଆମେ କିନ୍ତୁ ସେଥର ବିଚଳିତ ହେବା ନାହିଁ । କେବେ ମଧ୍ୟ ଧୈର୍ଯ୍ୟ ହରାଇବା ନାହିଁ ।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 7 प्रकृति का संदेश (कविता)

ଆକାଶର ବିସ୍ତାର ସୀମାହୀନ । ସେ ସାରା ସଂସାରକୁ ଆଚ୍ଛାଦିତ କରି ରଖିଛି । ତା’ର ସନ୍ଦେଶ ହେଉଛି – ଆମ ହୃଦୟ ଯଦି ସଂକୀର୍ଷତା ଛାଡ଼ି ବିସ୍ତାରିତ ହୋଇଯିବ, ତେବେ ଆମେ ସମଗ୍ର ସଂସାରକୁ ପ୍ରେମରେ ଢାଙ୍କିଦେବା ଅର୍ଥାତ୍ ବିଶ୍ଵ ବନ୍ଧୁତ୍ଵ ଭାବନା ଦ୍ଵାରା ଆମେ ସମସ୍ତଙ୍କୁ ଆପଣାର କରି ପାରିବା । ସମୁଦ୍ରର ଚଞ୍ଚଳ ତରଙ୍ଗ ପବନରେ ତଳ ଉପର ହୋଇ ଆମକୁ ବାହାଁ ଦେଉଛି ଯେ ଆମେ ମନରେ ଭଲ ଓ ସୁଖପ୍ରଦ କୋମଳ ମନୋଭାବଗୁଡ଼ିକ ଭରିଦେବା । ଆମ ମନୋଭାବ ଭଲ ହେଲେ ଆମର କାର୍ଯ୍ୟ ମଧ୍ୟ ଭଲ ହେବ । ଭଲ କାମ କଲେ ଆମେ ସମାଜରେ ମହାନ ହୋଇ ପାରିବା ।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 6 घोड़े ने जान बचाई (जीवनी)

Odisha State Board BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 6 घोड़े ने जान बचाई (जीवनी)Textbook Exercise Questions and Answers.

BSE Odisha Class 8 Hindi Solutions Chapter 6 घोड़े ने जान बचाई (जीवनी)

1. निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए ।

(क) राणा प्रताप सवेरा होते ही क्या करते थे ?
उत्तर:
राणा प्रताप सवेराहोते ही कवच पहनकर हाथ में तलवार लेकर निकल पड़ते थे । बादशाह अकबर की फौज से उनका मुकावला कहीं न-कहीं हो जाता था । अकबर राणा को कब्जे में लाना चाहता था । राणा प्रताप ने उससे मेवाड़ मुक्त करने की प्रतिज्ञा की थी ।

(ख) चेतक के रूप-गुणों का वर्णन कीजिए ?
उत्तर:
घोड़ा चेतक महाराणा प्रताप का लड़ाई के मैदान में प्राणप्यारा साथी था। उसका रंग चमचमाता काला था । शरीर गठा हुआ था। वह किसी वीर से कम नथा । वह जैसे युद्ध विद्या जानता था । दुश्मन की चाल पहचानता था, उछलकर दुश्मन का वार व्यर्थ करता था । कई बार राणा की जान बचाई थी ।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 6 घोड़े ने जान बचाई (जीवनी)

(ग) हल्दीयाटी में हुए युद्ध का वर्णन कीजिए ।
उत्तर:
हल्दीघाटी में महाराणा प्रताप के मुट्ठी भर सैनिक और शाहजादा सलीम के नेतृत्व में आई विशाल मुगल सेना के बीच घमासान लड़ाई हुई । युद्ध में सलीम का हाथी मारा गया, लेकिन वह बच गया ।महाराणा प्रताप ने अपनी तलवार से मुगल सैनिकों को मार गिराया । महाराणा के सिर पर मुकुट देखकर मुगल सौनिकों ने उन्हें घेर लिया, पर वे नहीं हटे ।

(घ) युद्ध में प्रताप ने क्या किया ?
उत्तर:
युद्ध में प्रताप ने अनंगिनत मुगल सौनिकों को मार गिराया । उनका मुकुट देखकर मुगल सैनिकों ने उनको घेर लिया । राणा अकेले पड़ गए। उनको कई चोटें आई, पर वे पीछे नहीं हटे । चेतक उन्हें युद्ध भूमि से ले जाते समय उन्होंने चेतक को रोकना चाहा । लोग उन्हें भगोड़ा न समझें इसलिए वे भागना नहीं चाहते थे ।

(ङ) चेतक प्रताप को लेकर कैसे भागा ?
उत्तर:
चेतक बहुत होशियार घोड़ा था । उसने भाँप लिया था राणा जख्मी हो गए हैं। वह मान्ना की बात सुन कर राणा को लेकर तेजी से भागा । राणा का हुक्म नहीं माना । उसे राणा को बचानाथा । दौड़ते – दौड़ते हाँफ़ने लगा। लड़खड़ाया, फिर उछला, नाला कूदकर पार किया पर धड़ाम् से गिरा और दम तोड़ दिए ।

(च) राणा चेतक की मौत से क्यों दु:खी हुए ?
उत्तर:
चेतक लड़ाई के मैदान में राणा का प्राण-प्यारा साथी था। वह दुश्मन की चाल समझता था। वह ऐन वक्त पर उछलकर दुश्मन का बार व्यर्थ कर देता था। कई बार राणा की जान बचाई थी । हल्दीघाटी से ले आकर उसने राणा को बचाया। राजपूती शान बचाई । उसकी छाती में तलवार भोंक दी गई थी। उसकी मौत हो गई तो राणा रोने लगे और शक्ति से कहा किमैं चेतक के बिना जी नहीं सकता ।

(छ) चेतक का नाम क्यों अमर हुआ ?
उत्तर:
चेतक एक विचक्षण घोड़ा था । लड़ाई के मैदान में वह राणा प्रताप का प्राण प्यारा साथी था; दुश्मन की चाल पहचानता था; उछलकर दुश्मन का वार व्यर्थ कर देता था । उसने कई बार राणा की जान बंचाई । हल्दीघाटी से राणा को ले आकर बचाया । राजपूती शान बचाई । अपनी वीरता, समझदारी और वफादारी के लिए उसका नाम अमर हो गया ।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 6 घोड़े ने जान बचाई (जीवनी)

(ज) आज चेतक की मूर्त्तियाँ कहाँ – कहाँ मिलती हैं ?
उत्तर:
आज राजस्थान के चौके-चौराहे, रास्ते, भवन- सब पर चेतक की मूर्त्तियाँ मिल जाती हैं ।

(क्ञ) शक्ति सिंह को किसे और क्या शिक्षा मिली ?
उत्तर:
महाराणा प्रताप का छोटा भाई शक्ति सिंह मुगलों के पक्ष में था । हल्दीघाटी युद्ध भूमि से चेतक राणा को लेकर भागा । शक्ति सिंह उनके पीछे-पीछे आकर उनके पास पहुँचा । उसने पहले मात्रा का मातृभूमि – प्रेम और वीरता देखी, अब चेतक का बलिदांन देखा । इन दोनों से उसे मातृभूमि – प्रेम की शिक्षा मिली ।

2. इन प्रश्नों का जवाब एक या दो वाक्यों में दीजिए ।

(क) राणा प्रताप का जीवन कैसा था ?
उत्तर:
राणा प्रताप का जीवन ही रणक्षेत्र था ।

(ख) लड़ाई में राणा का साथी कौन था ?
उत्तर:
लड़ाई में राणा का साथी चेतक था ।

(ग) चेतक युद्ध के मैदान में क्या करता था ?
उत्तर:
चेतक युद्ध के मैदान में उछल कर दुश्मन का वार व्यर्थ कर देता था। वह राणा की जान भी बचाता था ।

(घ) चेतक देखने में कैसा था ?
उत्तर:
चेतक का रंग चमचमाता काला था, शरीर गठा हुआ था।

(ङ) घोड़े का होशियार होना क्यों जरूरी है ?
उत्तर:
घुड़सवार के लिए उसके घोड़े का होशियार होना बहुत जरूरी है, क्योंकि वह अपने मालिक को ऐन वक्त पर बचा सकता है ।

(च) राणा ने चेतक की पीठ थपथपाई तो उसने क्या जवाब दिया ?
उत्तर:
राणा ने चेतक की पीठ थपथपाई तो चेतक ने कान फड़फड़ाए ।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 6 घोड़े ने जान बचाई (जीवनी)

(छ) झाला वीर ने मुकुट अपने सिर पर क्यों रखा ?
उत्तर:
मुकुट को देख मोगल फौजी राणा पर हमला करते थे । राणा को वे पहचान न सकें, इसलिए झाला वीर ने मुकुट अपने सिर पर रखा ।

(ज) प्रताप की तलवार फसल काट रही थी – इसका मतलब क्या है ?
उत्तर:
प्रताप बड़ी तेजी से अनगिनत मुगल सौनिकों को मार गिराते थे ।

(झ) मान्ना ने प्रताप से चले जाने को क्यों कहा ?
उत्तर:
मान्ना ने प्रताप के गहरे घाव देखकर उनसे चले जाने को कहा, क्योंकि वे जीवित रहेंगे तो लड़ाई चलती रहेगी ।

(ज) राणा चेतक को क्यों रोक रहे थे ?
उत्तर:
लोग राणा को भगोड़ा न समझें इसलिए राणा चेतक को रोक रहे थे ।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 6 घोड़े ने जान बचाई (जीवनी)

(ट) चेतक क्यों भागा ?
उत्तर:
चेतक महाराणा प्रताप की जान बचाने के लिए उनको लेकर भागा ।

(ठ) चेतक क्यों गिर पड़ा ?
उत्तर:
चेतक की छाती में तलवार भोंक दी गई थी। घाव से खून बह रहा था । वह हाँफ़ने लगा था । शक्तिहींन होकर वह गिर पड़ा ।

(ड) शक्ति सिंह प्रताप के पाँव क्यों पड़ा ?
उत्तर:
शक्ति सिंह ने अपनी आँखों से मात्रा का मातृभूमि प्रेम और वीरता तथा चेतक की प्रभु-भक्ति और बलिदान देखा तो उसने अपनी गलती समझी और माफी माँगकर प्रताप के पाँव पड़ा ।

3. सही विकल्प चुनकर लिखिए।

(क) महाराणा प्रताप का साथी कौन था?
(i) ज्ञान
(ii) संग्राम
(iii) पूजा
(iv) वार्तालाप
उत्तर:
(ii) संग्राम

(ख) प्रताप ने कहा – “प्राण दूँगा पर मुक्त करूँगा”, किससे ?
(i) चेतक
(ii) दुश्मन
(iii) मेवाड़
(iv) शक्ति सिंह
उत्तर:
(iii) मेवाड़

(ग) चेतक ने क्या फड़फड़ाए ?
(i) हाथ
(ii) पूँछ
(iii) कान
(iv) पीठ
उत्तर:
(iii) कान

(घ) सलीम का क्या मारा गया ?
(i) घोड़ा
(ii) कुत्ता
(iii) चेतक
(iv) हाथी
उत्तर:
(iv) हाथी

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 6 घोड़े ने जान बचाई (जीवनी)

(ङ) कौन प्रताप के पाँवों पर गिरा?
(i) सलीम
(ii) अकबर
(iii) शक्ति सिंह
(iv) चेतक
उत्तर:
(ii) शक्तिसिंह

भाषा ज्ञान

1. इन शब्दों के लिंग बताइए –

युद्ध, जंग, लड़ाई, संग्राम, जीवन, सैनिक, कवच, तलवार, मुकाबला, कब्जा, जान, फ़ौज, सेना, प्रतिज्ञा, देह, शरीर, हालत, पीठ, गर्दन, जीभं, पूँछ, जीत, हार,
गली, पहाड़ी, घाटी, फसले, आँधी, आवाज, जय, चोट, छाती, धारा, आँख, काम, मूर्ति, वीरता, वफादारी, समझ, समझदारी ।
उत्तर:
BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 6 घोड़े ने जान बचाई (जीवनी)9

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 6 घोड़े ने जान बचाई (जीवनी)

2. वचन बदलिए –
घोड़ा, आदमी, लड़ाई, आँख, कान, घाव, कवच
उत्तर:
BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 6 घोड़े ने जान बचाई (जीवनी)10.

3. समानार्थी शब्द लिखिए ।
युद्ध, प्रतिज्ञा, फौज, जान, छाती, वक्त, घाव
उत्तर:
BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 6 घोड़े ने जान बचाई (जीवनी)11

4. ‘क’ विभाग के विशेषण शब्दों को ‘ख़’ विभाग के संज्ञा शब्दों से जोड़िए।
‘क’ विभाग — ‘ख’ विभाग
खाली — चाल
गठा हुआ — वक्त
हरा — सैनिक
ऐन — शरीर
विशाल — वार
मेरी — फौज
अनगिनत — गर्दन
बादशाही — सेना
उत्तर:
‘क’ विभाग — ‘ख’ विभाग
खाली– वार
गठा हुआ — शरीर
हर — चाल
ऐन — वक्त
विशाल — सेना
मेरी — गर्दन
अनगिनत — सैनिक
बादशाही — फौज

5. इन वाक्यों में एक-एक सर्वनाम है, उनको छाँटकर लिखिए।
(क) उन पर कई चोटें आईं ।
उत्तर: उन

(ख) आप रहेंगे तो लड़ाई चलती रहेगी ।
उत्तर: आप

(ग) मैं काफी हूँ।
उत्तर: मैं

(घ) उन्होंने बड़ी फुर्ती से हमला किया ।
उत्तर: उन्होंने

(ङ) वह बेतहाशा भागा ।
उत्तर: वह

6. निम्नलिखित शब्दों में से संज्ञाओं को छाँटिए ।
लड़ाई, खाली, लोहा, दुश्मन, खुश, घोड़ा, मूर्ति, वीरता, बोला, के साथ, उनके, हुक्म, गठा, प्यारा, प्राण, भाई, गर्दन, मेरी ।
उत्तर:
दुश्मन, घोड़ा, मूर्ति, वीरता, प्राण, भाई, गर्दन

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 6 घोड़े ने जान बचाई (जीवनी)

7. कोष्ठक में से सही परसर्ग चुनकर शून्य स्थान भरिए। (ने, को, से, के लिए, में )
(क) प्रताप ………… प्रतिज्ञा की थी ।
उत्तर:  ने

(ख) वह किसी वीर ………… कम न था ।
उत्तर: से

(ग) रण ………… उसने राजा की जान बचाई थी।
उत्तर: में

(घ) वह राणा ………… लेकर बेतहाशा भागा।
उत्तर:  को

(ङ) में भी वतन ………… जान दूँगा ।
उत्तर: के लिए

जानिए :
इन वाक्यों को देखिए। कर्ता के साथ ‘ने’ विभक्ति लगी है तो वाक्य कैसे बदल जाते हैं। क्रिया कर्ता के अनुसार नहीं चलती । ‘ने’ विभक्ति भूतकाल में ही प्रयुक्त होती है ।
जैसे –
उत्तर:
राणा ने प्रतिज्ञा की थी ।
उन्होंने फुर्त्ती से हमला किया ।
उसने राणा की जान बचाई ।
चेतक ने दम तोड़ दिए।
राणा ने चेतक की पीठ थपथपाई।
चेतक ने मेरी आँखें खोल दीं ।
मान्ना ने प्रताप की बुरी हालत देखी ।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 6 घोड़े ने जान बचाई (जीवनी)

– इन विशेष कथनों को (मुहावरों को) शिक्षक समझा दें –
लोहा लेना, जान बचाना, पीठ थपथपाना, दम तोड़ देना
उत्तर:
लोहा लेना – लड़ाई करना ।
जान घचाना – प्राण रक्षा करना ।
पीठ थपथपाना – प्यार जताना ।
दम तोड़ देना – प्राण त्याग करना ।

परीक्षोपयोगी अतिरिक्त प्रश्नोत्तर

एक-एक वाक्य में उत्तर दीजिए :

प्रश्न 1.
संग्राम किसका साथी था ?
उत्तर:
संग्राम महाराणा प्रताप का साथी था।

प्रश्न 2.
राणा प्रताप का जीवन कैसा था ?
उत्तर:
राणा प्रताप का जीवन रणक्षेत्र था।

प्रश्न 3.
किसका जीवन रणक्षेत्र था ?
उत्तर:
महाराणा प्रताप का जीवन रणक्षेत्र था।

प्रश्न 4.
महाराणा के वीर सैनिक किससे नहीं छरते थे ?
उत्तर:
महाराणा के वीर सैनिक संग्राम से नहीं डरते थे ।

प्रश्न 5.
सवेरा होते ही महाराणा प्रताप क्या करते थे ?
उत्तर:
सवेरा होते ही महाराणा प्रताप कवच पहनकर, हाथ में तलवार लेकर निकल पड़ते थे ।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 6 घोड़े ने जान बचाई (जीवनी)

प्रश्न 6.
महाराणा प्रताप का किससे मुकावला हो जाता था ?
उत्तर:
महाराणा मताप का अकबर बादशाह की फैज से मुकाबला हो जाता था।

प्रश्न 7.
अकबर किसको अपने कब्दे में करना चाहते थे ?
उत्तर:
अकबर राणा को अपने कब्जे में करना चाहते थे।

प्रश्न 8.
प्रताप ने क्या प्रतिज्ञा की थी ?
उत्तर:
प्रताप ने प्रतिज्ञा की थी – प्राण दूँगा पर मेवाड़ को मुक्त करूँगा।

प्रश्न 9.
कौन लड़ाई के मैदान में राणा का प्रापा प्यारा साथी था?
उत्तर:
घोड़ा चेतक लड़ाई के मैदान में राणा का प्राणप्यारा साथी था।

प्रश्न 10.
चेतक का रंग कैसा था?
उत्तर:
चेतक का रंग चमचमाता श्याम था।

प्रश्न 11.
युद्ध के मैदान में चेतक क्या पहचान लेता था ?
उत्तर:
युद्ध के मैदान में चेतक दुश्मन की हर चाल को पहचान लेता था।

प्रश्न 12.
चेतक युद्ध के मैदान में क्या करता था ?
उत्तर:
चेतक युद्ध के मैदान में ऐन वक्त पर ऐसा उछलता कि दुश्मन का वार खाली जाता।

प्रश्न 13.
रण में चेतक ने राणा का क्या उपकार किया था?
उत्तर:
रण में चेतक ने कई बार राणा की जान बचाई थी ।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 6 घोड़े ने जान बचाई (जीवनी)

प्रश्न 14.
चेतक कब बहुत खुश हो जाता था ?
उत्तर:
चेतक तब बहुत खुश हो जाता था, जब राणा उस पर सवार हो जाते थे ।

प्रश्न 15.
घोड़े का होशियार होना किसके लिए जरूरी है ?
उत्तर:
घोड़े का होशियार होना घुड़सवार के लिए जरूरी है।

प्रश्न 16.
राणा लड़ाई के लिए कहाँ जा रहे थे ?
उत्तर:
राणा लड़ाई के लिए हल्दीघाटी की सैकरी गली में जा रहे थे।

प्रश्न 17.
राणा ने चेतक की पीठ थपथपाई तो उसने क्या जवाब दिया ?
उत्तर:
राणा ने चेतक की पीठ थपथपाई तो उसने अपने कान फड़फड़ाए।

प्रश्न 18.
राणा ने चेतक को पुचकारा तो चेतक क्या करने लगा?
उत्तर:
राणा ने चेतक को पुचकारा तो चेतक पूँछ हिलाने लगा।

प्रश्न 19.
चेतक जैसे हिनहिनाकर क्या बोल रहा था ?
उत्तर:
चेतक जैसे हिनहिनाकर बोल रहा था – राणा! मैं तो तुम्हें लेने को हर दम तैयार हूँ।

प्रश्न 20.
कितने सैनिक लेकर राणा हल्दीयाटी में उतरे ?
उत्तर:
अपनी मुट्ठी भर सैनिक लेकर राणा हल्दीघाटी में उतरे।

प्रश्न 21.
राणा ने हल्दीघाटी में माथे पर क्या लगाया ?
उत्तर:
राणा ने हल्दीघाटी में माथे पर चुटकी भर धूल लगाई।

प्रश्न 22.
राणा जब मातृभूमि को प्रणाम कर रहे थे, तब क्या हुआ ?
उत्तर:
राणा जब मातृभूमि को प्रणाम कर रहे थे, तब मुगलिया फौज टिड्डियों भी भाँति आ धमकी ।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 6 घोड़े ने जान बचाई (जीवनी)

प्रश्न 23.
कौन मुगलिया फौज लेकर जंग जीतने आया था ?
उत्तर:
शाहजादा सलीम मुगलिया फौज लेकर जंग जीतने आया था।

प्रश्न 24.
शाहजादा सलीम ने हल्दीघाटी में पहुँचकर क्या किया?
उत्तर:
शाहजादा सलीम ने हल्दीघाटी में पहुँचकर बड़ी फुर्ती से हमला किया।

प्रश्न 25.
युद्ध में किसका हाथी मारा गया ?
उत्तर:
युद्ध में सलीम का हाथी मारा गया।

प्रश्न 26.
मुगलिया फौज राणा पर कैसे टूट पड़ी ?
उत्तर:
मुगलिया फौज राणा पर आँधी-सी टूट पड़ी ।

प्रश्न 27.
क्या देखकर मुगलिया फौजी राणा पर हमला करते थे?
उत्तर:
राणा के सिर पर मुकुट देखकर मुगलियां फौजी राणा पर हमला करते थे ।

प्रश्न 28.
किसने राणा प्रताप की बुरी हालत देखी ?
उत्तर:
झाला वीर मान्ना ने दूर से राणा प्रताप की बुरी हालत देखी।

प्रश्न 29.
झाला वीर ने राणा की तरफ झपटकर क्या किया ?
उत्तर:
झाला वीर ने राणा’ की तरफ झपटकर पीछे से उनका मुकुट छीन कर अपने सिर पर रखा ।

प्रश्न 30.
झाला वीर ने राणा का मुकुट अपने सिर पर क्यों रखा?
उत्तर:
झाला वीर ने राणा का मुकुट अपने सिर पर रखा क्योंकि इससे मुगलिया सैनिक राणा को पहचान नहीं सकेंगे और राणा की जान बच जाएगी।

प्रश्न 31.
माना ने राणा से क्या अनुरोध किया ?
उत्तर:
मान्ना ने राणा से अनुरोध किया कि आप अपनी जान बचाइए, आप रहेंगे तो हमारी लड़ाई चलती रहेगी।

प्रश्न 32.
किसने कहा कि में मुगलिया फौज के लिए काफी हूँ?
उत्तर:
झाला वीर मात्रा ने कहा कि मैं मुगलिया फौज के लिए काफी हूँ।

प्रश्न 33.
चेतक पहले क्या भाँप चुका था ?
उत्तर:
चेतक पहले भाँप चुका था कि राणा जखी हो गए हैं।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 6 घोड़े ने जान बचाई (जीवनी)

प्रश्न 34.
चेतक ने राणा को बचाने के लिए क्या किया ?
उत्तर:
चेतक ने राणा को बचाने के लिए राणा को लेकर झाइ-झखाड़ों में बेतहाशा भागा ।

प्रश्न 35.
चेतक क्यों भागा ?
उत्तर:
चेतक राणा को बचाने के लिए भागा।

प्रश्न 36.
चेतक जब राणा को लेकर भाग रहा था, तब राणा क्या चिल्ला उठे ?
उत्तर:
चेतक जब राणा को लेकर भाग रहा था, तब राणा चिल्ला उठे – चेतक ! लोग मुझे भगोड़ा समझेंगे, रुक जा।

प्रश्न 37.
राणा चेतक को क्यों रोक रहे थे ?
उत्तर:
राणा लड़ाई का मैदान छोड़कर भागना नहीं चाहते थे, इसलिए वे चेतक को रोक रहे थे।

प्रश्न 38.
चेतक ने नाला कैसे पार किया ?
उत्तर:
चेतक ने कूदकर नाला पार किया।

प्रश्न 39.
चेतक कब गिर पड़ा ?
उत्तर:
कूदकर सामने का नाला पार करके चेतक गिर पड़ा।

प्रश्न 40.
चेतक क्यों गिर पढ़ा ?
उत्तर:
चेतक की छाती में तलवार भाँक दी गई थी और घाव से खून की धारा बह रही थी, इसलिए वह शक्तिहीन होकर गिर पड़ा।

प्रश्न 41.
राणा प्रताप क्यों रोने लगे ?
उत्तर:
राणा प्रताप ने जब देखा कि चेतक की छाती में तलवार भोंक की गई है, और उससे खून की धारा बह रही है, तब वे रोने लगे।

प्रश्न 42.
राणा के भाई का नाम क्या था ?
उत्तर:
राणा के भाई का नाम शक्ति सिंह था ।

प्रश्न 43.
शक्ति सिंह किसके साथ था?
उत्तर:
शक्ति सिंह मुगलों के साथ था ।

प्रश्न 44.
शक्ति सिंह ने राणा को भागते हुए देखकर क्या किया?
उत्तर:
शक्ति सिंह ने राणा को भागते हुए देखकर उनका पीछा करके फौरन वहाँ पहुँचा गया, जहाँ चेतक ने दम तोड़ दिए थे।

प्रश्न 45.
शक्ति सिंह को देखकर राणा ने क्या कहा ?
उत्तर:
शक्ति सिंह को देखकर राणा ने कहा, “आ जा शक्ति, मेरी गर्दन उड़ा दे, अपने चेतक के बिना में जी नहीं सकता।”

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 6 घोड़े ने जान बचाई (जीवनी)

प्रश्न 46.
शक्ति सिंह ने राणा प्रताप की बात सुनकर क्या किया?
उत्तर:
शक्ति सिंह ने राणा प्रताप की बात सुनकर उनके पाँव पर गिरा ।

प्रश्न 47.
शक्ति सिंह प्रताप के पाँव क्यों पड़ा ?
उत्तर:
झाला और चेतक ने शक्ति सिंह की आँखें खोल दीं, इसलिए वह प्रताप के पाँव पड़ा।

प्रश्न 48.
अपनी गलती समझने के बाद शक्ति सिंह ने क्या करने को कहा ?
उत्तर:
अपनी गलती समझे के बाद शक्ति सिंह ने वतन के लिए जान देना चाहा।

प्रश्न 49.
चेतक का नाम क्यों अमर हो गया ?
उत्तर:
अपनी वीरता, समझदारी और वफादारी के लिए चेतक का नाम अमर हो गया ।

प्रश्न 50.
चेतक ने क्या-क्या बचाया ?
उत्तर:
चेतक ने प्रताप की जान बचाई, राजपूती शान बचाई।

प्रश्न 51.
आज भी चेतक की मूर्तियाँ कहाँ-कहाँ खड़ी हैं ?
उत्तर:
आज भी चेतक की मूर्तियाँ राजस्थान के चौके-चौराहे, रास्ते, भवन सब पर खड़ी हैं ।

मे एक या दो शब्द में उत्तर दीजिए :

प्रश्न 1.
संग्राम किसका साथी था ?
उत्तर:
महाराणा प्रताप का

प्रश्न 2.
लड़ाई में जाने से पहले महाराणा प्रताप क्या पहन लेते थे ?
उत्तर:
कवच

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 6 घोड़े ने जान बचाई (जीवनी)

प्रश्न 3.
कौन राणा को अपने कब में करना चाहता था ?
उत्तर:
अकबर

प्रश्न 4.
राणा ने किसे मुक्त करने की प्रतिज्ञा की थी ?
उत्तर:
मेवाड़ को

प्रश्न 5.
लड़ाई के मैदान में राणा का प्राणप्यारा साथी कौन था ?
उत्तर:
घोड़ा चेतक।

प्रश्न 6.
चेत्रक का रंग कैसा था ?
उत्तर:
काला

प्रश्न 7.
चेतक का क्या करने से दुश्मन का वार खाली जाता था?
उत्तर:
ऐन वक्त पर उछलने से

प्रश्न 8.
राणा किस की संकरी पहाड़ी गली में लड़ने निकले ?
उत्तर:
हल्दीघाटी की

प्रश्न 9.
हल्दीघाटी की लंड़ाई में उतरते समय राणा ने माथे पर क्या लगाया ?
उत्तर:
चुटकी भर धूल ।

प्रश्न 10.
राणा से लड़कर जंग जीतने कौन आया था ?
उत्तर:
शाहजादा सलीम

प्रश्न 11.
युद्ध में किसका हाथी मारा गया।
उत्तर:
सलीम का

प्रश्न 12.
क्या देखकर मुगल फौजी राणा पर हमला करते थे ?
उत्तर:
उनके सिर पर मुकुट

प्रश्न 13.
किसने राणा के सिर से मुकुट छीन लिया ?
उत्तर:
मान्ना ने

प्रश्न 14.
क्या पार करके चेतक गिर पड़ा ?
उत्तर:
नाला

प्रश्न 15.
चेतक के शरीर के किस स्थल से खून बह रहा था ?
उत्तर:
छाती से

प्रश्न 16.
मुगलों के साथ रहनेवाले राणा के भाई का नाम क्या था?
उत्तर:
शक्ति सिंह

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 6 घोड़े ने जान बचाई (जीवनी)

प्रश्न 17.
शक्ति सिंह ने किससे कहा-मुझे माफ कर दो ।
उत्तर:
राणा प्रताप से

प्रश्न 18.
शक्ति सिंह की आँखें किन्होंने खोल दीं ?
उत्तर:
झाला और चेतक ने

प्रश्न 19.
किसने राणा की जान बचाई थी ?
उत्तर:
चेतक ने

प्रश्न 20.
आज कहाँ के चौके-चौराहों पर चेतक की मूर्तियाँ खड़ी हैं ?
उत्तर:
राजस्थान के

मातृभाषा में अनुवाद कीजिए :

प्रश्न 1.
संग्राम महाराणा प्रताप का साथी था ।
उत्तर:
ସଂଗ୍ରାମ ମହାରାଣା ପ୍ରତାପଙ୍କର ସାଥୀ ଥିଲା।

प्रश्न 2.
न तो वे कभी संग्राम से डरते थे, न उनके वीर सैनिक भी ।
उत्तर:
ନା ତ ସେ କେବେ ସଂଗ୍ରାମକୁ ଡରୁଥିଲେ, ନା ତାଙ୍କ ବୀର ସୈନିକ ମଧ୍ୟ ।

प्रश्न 3.
सवेरा हुआ नहीं कि वे कवच पहनकर, हाथ में तलवार लेकर निकल पड़ते थे ।
उत्तर:
ସକାଳ ନ ହେଉଣୁ ସେ କବଚ ପିନ୍ଧି ହାତରେ ଖଣ୍ଡା ଧରି ବାହାରିପଡ଼ୁଥଲେ।

प्रश्न 4.
अकबर बादशाह की फौज से कहीं-न-कहीं मुकाबला हो जाता था ।
उत्तर:
ବାଦଶାହ ଆକବରଙ୍କ ସେନା ସହିତ କେଉଁଠି ନା କେଉଁଠି

प्रश्न 5.
अकबर राणा को अपने कब्जे में करना चाहता था ।
उत्तर:
ଆକବର ରାଣାଙ୍କୁ ତାଙ୍କ ଅଧୀନକୁ ନେଇ ନେବାକୁ ଚାହୁଁଥିଲେ।

प्रश्न 6.
प्रताप ने प्रतिज्ञा की थी- प्राण दूँगा; पर मेवाड़ को मुक्त करूँगा ।
उत्तर:
ପ୍ରତାପ ପ୍ରତିଜ୍ଞା କରିଥିଲେ – ପ୍ରାଣ ଦେବି; କିନ୍ତୁ ମେଣ୍ଢାରକୁ ମୁକ୍ତ କରିବି ।

प्रश्न 7.
लड़ाई के मैदान में राणा का प्राणप्यारा साथी था उनका घोड़ा चेतक ।
उत्तर:
ଯୁଦ୍ଧକ୍ଷେତ୍ରରେ ରାଣାଙ୍କର ପ୍ରାଣପ୍ରିୟ ସାଥୀ ଥୁଲା – ତାଙ୍କ ଘୋଡ଼ା ଚେତକ ।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 6 घोड़े ने जान बचाई (जीवनी)

प्रश्न 8.
चमचमाता श्याम रंग, गठा हुआ शरीर ।
उत्तर:
ହଳଦୀଘାଟୀର ସଂକୀର୍ଣ୍ଣ ପାହାଡ଼ିଆ ଗଳି (ରାସ୍ତା) ।

प्रश्न 9.
वह भी जैसे युद्धविद्या जानता था ।
उत्तर:
ସେ ମଧ୍ଯ ସତେଯେପରି ଯୁଦ୍ଧବିଦ୍ୟା ଜାଣିଥିଲା ।

प्रश्न 10.
ସ୍ତମ୍ଭ ହିଁ ଆମ ଗାଁ ଅଣୁ ଗ ମିଶା ଥ ।
उत्तर:
ଶତ୍ରୁର ପ୍ରତ୍ୟେକ ଚାଲ (କୌଶଳକୁ) ୟେ ଜାଣିପାରୁଥିଲା।

प्रश्न 11.
ऐन वक्त पर ऐसा उछलता कि दुश्मन का वार खाली
उत्तर:
(ସେ) ଠିକ୍ ସମୟରେ ଏପରି ଡେଇଁପଡ଼ୁଥିଲା ଯେ ଶତ୍ରୁର ଆକ୍ରମଣ ନିଷ୍ଫଳ ହୋଇଯାଉଥିଲା ।

प्रश्न 12.
रण में उसने कई बार राणा की जान बचाई थी ।
उत्तर:
ରଣକ୍ଷେତ୍ରରେ ସେ ଅନେକଥର ରାଣାଙ୍କ ପ୍ରାଣରକ୍ଷା କରିଥିଲା ।

प्रश्न 13.
घुड़सवार के लिए उसके घोड़े का हाशियार होना बहुत जरूरी है ।
उत्तर:
ଅଶ୍ଵାରୋହୀ ପାଇଁ ତା’ ଅଶ୍ଵ ବୁଦ୍ଧିମାନ୍ ହେବା ଅତ୍ୟନ୍ତ ଆବଶ୍ୟକ ।

प्रश्न 14.
हल्दीघाटी की सँकटी पहाड़ी गली ।
उत्तर:
ଦୀପ୍ତିମାନ କଳାରଙ୍ଗ, ସୁଗଠିତ ଶରୀର।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 6 घोड़े ने जान बचाई (जीवनी)

प्रश्न 15.
विशाल मुगल सेना का यहीं आसानी से सामना किया जा सकता जा सकता है ।
उत्तर:
ବିଶାଳ ମୋଗଲ ସୈନ୍ୟବାହିନୀକୁ ଏହିଠାରେ ହିଁ ସହଜରେ ସମ୍ମୁଖୀନ (ସାମନା) କରାଯାଇପାରିବ ।

प्रश्न 16.
वैसे तो वे पहले कई बार बादशाही फौज से लोहा ले चुके थे ।
उत्तर:
ସେପରି ତ ସେ ଆଗରୁ ଅନେକଥର ବାଦଶାହଙ୍କ ସୈନ୍ୟବାହିନୀ ସହିତ ଯୁଦ୍ଧ କରିସାରିଥିଲେ।

प्रश्न 17.
मगर आज की लड़ाई तो हर हालत में जीतनी होगी ।
उत्तर:
କିନ୍ତୁ ଆଜିର ଯୁଦ୍ଧକୁ ତ ଯେ କୌଣସି ଉପାୟରେ ଜିଣିବାକୁ ପଡ଼ିବ।

प्रश्न 18.
मुगल राजपूती शौर्य की शान देखें ।
उत्तर:
ମୋଗଲ ରାଜପୁତାମାନଙ୍କ ପରାକ୍ରମର ଶକ୍ତି ଦେଖନ୍ତୁ ।

प्रश्न 19.
राणा ने चेतक की पीठ थपथपाई ।
उत्तर:
ରାଣା ଚେତକର ପିଠିକୁ ଥାପୁଡ଼େଇଦେଲେ।

प्रश्न 20.
राणा ने पुचकारा तो वह पूँछ हिलाने लगा ।
उत्तर:
ରାଣା ସ୍ନେହରେ ଚୁ-ଚୁ କଲେ ତ ସେ ଲାଞ୍ଜ ହଲାଇବାକୁ ଲାଗିଲା ।

प्रश्न 21.
मैं तो तुम्हें लेने को हरदम तैयार हूँ.
उत्तर:
ମୁଁ ତ ତୁମକୁ ନେବାପାଇଁ ସଦାସର୍ବଦା ପ୍ରସ୍ତୁତ ଅଛି ।

प्रश्न 22.
अपनी मुट्ठी भर सैनिक लेकर राणा हल्दीघाटी में उतरे।
उत्तर:
ନିଜର ସୀମିତ ସୈନିକଙ୍କୁ ନେଇ ରାଣା ହଳଦୀଘାଟିରେ ପ୍ରବେଶ କଲେ।

प्रश्न 23.
(उन्होंने) माथे पर चुटकी भर धूल लगाई ।
उत्तर:
(ସେ) ଟିପେ ଧୂଳି ନେଇ ମସ୍ତକରେ ଲଗାଇଲେ ।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 6 घोड़े ने जान बचाई (जीवनी)

प्रश्न 24.
मुग़लिया फौज टिड्डियों की भॉति आ धमकी ।
उत्तर:
ମୋଗଲ ସୈନ୍ୟଦଳ ପଙ୍ଗପାଳ ଦଳ ଭଳି ଆସି ପହଞ୍ଚିଗଲେ।

प्रश्न 25.
राणा ने देखा-शाहजादा सलीम जंग जीतने आया है ।
उत्तर:
ରାଣା ଦେଖ‌ିଲେ ରାଜକୁମାର ସଲୀମ ଯୁଦ୍ଧରେ ଜିଣିବା ପାଇଁ ଆସିଛନ୍ତି ।

प्रश्न 26.
उन्होंने बड़ी फुर्ती से हमला किया ।
उत्तर:
ସେ ଖୁବ୍ ଶୀଘ୍ର ଆକ୍ରମଣ କରିଦେଲେ।

प्रश्न 27.
उसकी फौज राणा पर आँधी-सी टूट पड़ी ।
उत्तर:
ତାଙ୍କ ସୈନ୍ୟବାହିନୀ ରାଣାଙ୍କଉପରେ ଝଡ଼ ଭଳି ଆକ୍ରମଣ କରିଦେଲେ ।

प्रश्न 28.
प्रताप की तलवार मानों फसल काटने लगी।
उत्तर:
ପ୍ରତାପଙ୍କ ଖଣ୍ଡା ସତେଯେପରି ଫସଲ କାଟିଲା ଭଳି ଲାଗିଲା।

प्रश्न 29.
मुकुट को देख फौजी उन पर हमला करते थे ।
उत्तर:
ମୁକୁଟ ଦେଖୁ ସୈନ୍ୟମାନେ ତାଙ୍କ ଉପରେ ଆକ୍ରମଣ କରୁଥିଲେ ।

प्रश्न 30.
राणा अकेले पड़ गए।
उत्तर:
ରାଣା ଏକୁଟିଆ ପଡ଼ିଗଲେ (ହୋଇଗଲେ)।

प्रश्न 31.
उन पर कई चोटें आईं ।
उत्तर:
ତାଙ୍କ ଦେହରେ ଅନେକ ଆଘାତ ଲାଗିଲା।

प्रश्न 32.
दूर से झाला वीर मान्ना ने प्रताप की बुरी हालत देखी।
उत्तर:
ଦୂରରୁ ଝାଲା ବୀର ମାନ୍ନା ପ୍ରତାପଙ୍କର ଏହି ଖରାପ ଅବସ୍ଥା ଦେଖ‌ିଲେ ।

प्रश्न 33.
वह उनकी तरफ झपटा।
उत्तर:
ସେ ତାଙ୍କ ଆଡ଼କୁ ଜୋରରେ ମାଡ଼ିଆସିଲେ।

प्रश्न 34.
आवाज गूँज उठी।
उत्तर:
ଶବ୍ଦ ପ୍ରତିଧ୍ଵନିତ ହେଲା

प्रश्न 35.
मान्ना ने पीछे से मुकुट छीनकर अपने सिर पर रखा ।
उत्तर:
ମାନ୍ନା ପଛପଟୁ ମୁକୁଟ ଛଡ଼େଇ ନେଇ ନିଜ ମୁଣ୍ଡ ଉପରେ ରଖିଲେ ।

प्रश्न 36.
आपके घाव गहरे है ।
उत्तर:
ଆପଣଙ୍କ କ୍ଷତ ବହୁତ ଗଭୀର ହୋଇଛି।

प्रश्न 37.
आप रहेंगे तो हमारी लड़ाई चलती रहेगी।
उत्तर:
ଆପଣ ରହିଲେ ଆମ ଯୁଦ୍ଧ ଚାଲୁରହିବ।

प्रश्न 38.
अभी मैं इनके लिए काफी हैं।
उत्तर:
ଏବେ ମୁଁ ଏମାନଙ୍କ ପାଇଁ ଯଥେଷ୍ଟ ।

प्रश्न 39.
चेतक तो पहले भाँप चुका था कि राणा जख्मी हो गए हैं।
उत्तर:
ଚେତକ ତ ପ୍ରଥମରୁ ଅନୁମାନ କରିସାରିଥିଲା ଯେ ରାଣା ’ଆଘାତପ୍ରାପ୍ତ ହୋଇଯାଇଛନ୍ତି ।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 6 घोड़े ने जान बचाई (जीवनी)

प्रश्न 40.
अब वह राणा को लेकर बेतहाशा भागा ।
उत्तर:
ଏବେ ସେ ରାଣାକୁ ନେଇ ଖୁବ୍ ଜୋରରେ ଧାଇଁଲା ।

प्रश्न 41.
झाड़-इंखाड़ों में तेजी से भागना तो उसका खेल था ।
उत्तर:
କଣ୍ଟାବୁଦା ଭିତରେ ଜୋରରେ ଦୌଡ଼ିବା ତ ତା’ପାଇଁ ଖେଳ ଥିଲା ।

प्रश्न 42.
आज वह ऐसा कूद रहा था, जैसे कभी नहीं कूदा ।
उत्तर:
ଆଜି ସେ ଏପରି ଡେଉଁଥୁଲା, ଯେପରିକି କେବେହେଲେ ଡେଇଁନଥିଲା ।

प्रश्न 43.
लोग मुझे भगोड़ा समझेंगे।
उत्तर:
ଲୋକେ ମୋତେ ପଳାତକ ଭାବିବେ

प्रश्न 44.
इधर चेतक हाँफने लगा ।
उत्तर:
ଏପଟେ ଚେତକ ଧଇଁସଇଁ ହେବାକୁ ଲାଗିଲା ।

प्रश्न 45.
वह लड़खड़ाया ।
उत्तर:
ତା’ ପାଦ ଟଳମଳ ହେଲା।

प्रश्न 46.
सामने नाला था, उसे कूदकर पार किया, फिर धड़ाम से गिरा ।
उत्तर:
ଆଗରେ ନାଳ ଥୁଲା, ତାକୁ ଡେଇଁପଡ଼ି ପାର ହୋଇଗଲା ପୁଣି ହଠାତ୍ ତଳେ ପଡ଼ିଗଲା ।

प्रश्न  47.
राणा ने देखा, उसकी छाती में तलवार भोंक दी गई है।
उत्तर:
ରାଣା ଦେଖ‌ିଲେ, ତା’ ଛାତିରେ ଖଣ୍ଡା ଭୁସି ଦିଆଯାଇଛି।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 6 घोड़े ने जान बचाई (जीवनी)

प्रश्न  48.
खून की धारा बह रही है ।
उत्तर:
ରକ୍ତର ଧାରା ବହିଚାଲିଛି।

प्रश्न  49.
उनके सामने ही चेतक ने दम तोड़ दिए ।
उत्तर:
ତାଙ୍କ ଆଗରେ ହିଁ ଚେତକ ପ୍ରାଣତ୍ୟାଗ କଲା ।

प्रश्न  50.
उसने सारा माजरा देखा ।
उत्तर:
ସେ ସବୁ ଘଟଣା ଦେଖିଲା।

प्रश्न  51.
राणा का पीछा करके फौरन आ पहुँचा ।
उत्तर:
ରାଣାଙ୍କ ଅନୁଧାବନ କରି ଶୀଘ୍ର ଆସି ପହଞ୍ଚିଗଲା ।

प्रश्न  52.
(तू) मेरी गर्दन उड़ा दे ।
उत्तर:
ତୁ ମୋ ବେକ କାଟିଦେ ।

प्रश्न  53.
शक्ति प्रताप के पाँवों पर गिरा ।
उत्तर:
ଶକ୍ତି ପ୍ରତାପଙ୍କ ପାଦତଳେ ପଡ଼ିଗଲା ।

प्रश्न  54.
मुक्षे माफ कर दो ।
उत्तर:
ମୋତେ କ୍ଷମା କରିଦିଅ ।

प्रश्न 55.
झाला और चेतक ने मेरी आँखें खोल दीं ।
उत्तर:
ଝାଲା ଓ ଚେତକ ମୋ ଆଖୁ ଖୋଲିଦେଲେ

प्रश्न 56.
मैं भी वतन के लिए ही जान दूँगा ।
उत्तर:
ମୁଁ ମଧ୍ୟ ଦେଶ ପାଇଁ ହିଁ ଜୀବନ ଦେବି

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 6 घोड़े ने जान बचाई (जीवनी)

प्रश्न 57.
दोनों फूट-फूट कर रोने लगे ।
उत्तर:
ଦୁହେଁ କଇଁକଇଁ ହୋଇ କାନ୍ଦିବାକୁ ଲାଗିଲେ।

प्रश्न 58.
अपनी वीरता समझदारी और बफादारी के लिए चेतक नाम अमर हो गया ।
उत्तर:
ନିଜ ବୀରତ୍ଵ, ବୁଦ୍ଧିମତ୍ତା ଓ କୃତଜ୍ଞତା ପାଇଁ ଚେତକ ନାମ ଅମର ହୋଇଗଲା ।

प्रश्न 59.
उसने प्रताप की जान बचाई,राजपूती शान बचाई ।
उत्तर:
ସେ ପ୍ରତାପଙ୍କ ଜୀବନ ରକ୍ଷାକଲା, ରାଜପୁତ ଜାତିର ସମ୍ମାନ ରକ୍ଷାକଲା ।

प्रश्न 60.
(उसने)खुद प्राण दे दिए ।
उत्तर:
(ସେ) ନିଜେ ପ୍ରାଣବଳି ଦେଇଦେଲା ।

मे सही उत्तर चूनिए :

प्रश्न 1.
राणा का प्राण-प्यारा साथी कौन था ?
(A) संग्राम
(B) हल्दीघाटी
(C) मेवाड़
(D) घोड़ा चेतक
उत्तर:
(D) घोड़ा चेतक

प्रश्न 2.
महाराणा प्रताप का जीवन क्या था ?
(A) हल्दी घाटी
(B) रणक्षेत्र
(C) संकरी पहाड़ी
(D) अपने वीर सैनिक
उत्तर:
(B) रणक्षेत्र

प्रश्न 3.
अकबर किसे कबे में लाना चाहता था ?
(A) मेवाड़ को
(B) हल्दीघाटी को
(C) राणा को
(D) सलीम को
उत्तर:
(C) राणा को

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 6 घोड़े ने जान बचाई (जीवनी)

प्रश्न 4.
प्रताप की प्रतिज्ञा क्या थी ?
(A) मेवाड़ को मुक्त करना
(B) अकबर से लड़ना
(C) घोड़े चेतक को न छोड़ना
(D) सलीम को हराना
उत्तर:
(A) मेवाड़ को मुक्त करना

प्रश्न 5.
चेतक किस रंग का घोड़ा था ?
(A) श्याम
(B) श्वेत
(C) लाल
(D) चितकबरा
उत्तर:
(A) श्याम

प्रश्न 6.
वह भी जैसे युद्ध-विद्या जानता था – ‘वह’ किसके लिये आया है ?
(A) शाहजादा सलीम
(B) राणा के सैनिक
(C) मह्नराणा प्रताप
(D) घोड़ा चेतक
उत्तर:
(D) घोड़ा चेतक

प्रश्न 7.
चेतक क्या पहचान लेता था ?
(A) अपने मालिक का आदेश
(B) हल्दीघाटी का मार्ग
(C) ऐनवक्त पर उछलना
(D) दुशमन की चाल
उत्तर:
(D) दुशमन की चाल

प्रश्न 8.
चेतक ऐन वक्त पर उछल पढ़ने का परिणाम क्या होता था?
(A) दुशमन भाग जाते थे
(B) राणा प्रताप बच जाते थे
(C) दुश्मन का वार खाली हो जाता था
(D) मुगल-सेना हार जाती थी
उत्तर:
(C) दुश्मन का वार खाली हो जाता था

प्रश्न 9.
चेतक अपनी पूँछ क्यों हिलाने लगा ?
(A) राणा ने पुचकारा
(B) राणा ने चेतक की पीठ थप्थपाइ
(C) कान फड़फड़ाने से
(D) महाराणा प्रताप की आवाज सुनकर
उत्तर:
(A) राणा ने पुचकारा

प्रश्न 10.
चेतक हिनहुनिाकर क्या बता रहा था ?
(A) मैं तुम्हें लेने तैयार हूँ
(B) मैं बहुत थक गया हूँ
(C) मैं तुम्हें प्यार करता हूँ
(D) मैं तुम्हारे लिए प्राण दे दूँगा
उत्तर:
(A) मैं तुम्हें लेने तैयार हूँ

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 6 घोड़े ने जान बचाई (जीवनी)

प्रश्न 11.
युद्ध करने से पहले राणा ने माथे पर क्या लगाया ?
(A) कवच
(B) मेवाड़ की धूल
(C) मुकुट
(D) हल्दीघाटी की धूल
उत्तर:
(D) हल्दीघाटी की धूल

प्रश्न 12.
मुगलिया फौज के पहुँच जाने के समय राणा क्या करते थे?
(A) सैन्य-संचालन
(B) मातृभूमि को प्रणाम करते थे
(C) संकरी पहाड़ी गली पार होते थे
(D) मातृभूमि की धूल को देखते थे
उत्तर:
(B) मातृभूमि को प्रणाम करते थे

प्रश्न 13.
मुगलिया फौज किस की भाँति आ पहुँची ?
(A) ज्वाला की भाँति
(B) तूफान की भाँति
(C) उनचास पवन की भाँति
(D) टिड्डियों की भाँति
उत्तर:
(D) टिड्डियों की भाँति

प्रश्न 14.
जंग जीतने कौन’आया था ?
(A) शाहजादा सलीम
(B) महाराणा प्रताप
(C) सम्राट अकबर
(D) शक्ति सिंह
उत्तर:
(A) शाहजादा सलीम

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 6 घोड़े ने जान बचाई (जीवनी)

प्रश्न 15.
सलीम की फौज राणा पर कैसे टूट पड़ी ?
(A) तूफान-सी
(B) आँधी-सी
(C) कुत्तों-सी
(D) आग-सी
उत्तर:
(B) आँधी-सी

प्रश्न 16.
मुगल फौजी राणा पर हमला करने में कैसे समर्थ होते शे?
(A) युद्ध क्षेत्र में चेतक को देखकर
(B) राणा को सेनापति जानकर
(C) राणा के सिर पर मुकुट देखकर
(D) सैन्यों से पूछकर
उत्तर:
(C) राणा के सिर पर मुकुट देखकर

प्रश्न 17.
चोटें खाए राणा प्रताप की बुरी हालत किसने देखी?
(A) शाहजादा सलीम ने
(B) झाला वीर मान्रा ने
(C) मुगल सैनिकों ने
(D) शक्ति सिंह ने
उत्तर:
(B) झाला वीर मान्रा ने

प्रश्न 18.
महाराणा का मुकुट किसने छीन लिया ?
(A) झाला वीर मान्रा ने
(B) शाहजादा सलीम ने
(C) सैनिकों ने
(D) मुगलों ने
उत्तर:
(A) झाला वीर मान्रा ने

प्रश्न 19.
अभी मै इनके लिए काफी हैं। कौन किसके लिए काफी है ?
(A) झालावीर मान्ना मुगलों के लिए
(B) राणा प्रताप सलीम के लिए
(C) शक्ति सिंह राणा के लिए
(D) शक्ति सिंह मुगलों के लिए
उत्तर:
(A) झालावीर मान्ना मुगलों के लिए

प्रश्न 20.
लोग मुझे भगोड़ा समझेंगे । यह किसने कहा ?
(A) राषा मताप ने
(B) झाला वीर मान्ना ने
(C) शाहजादा सलीम
(D) शक्ति सिंह ने
उत्तर:
(A) राषा मताप ने

प्रश्न 21.
चेतक कहाँ गिर पड़ा ?
(A) नाले के पास
(B) झाड़-झंखाड़ों में,
(C) जहाँ उसे तलवार भोंक दी गई थी
(D) युद्ध के मैदान में
उत्तर:
(A) नाले के पास

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 6 घोड़े ने जान बचाई (जीवनी)

प्रश्न 22.
राणा प्रताप क्यों रोने लगे ?
(A) चेतक के मर जाने से
(B) चेतक की छाती से खून की धारा बहने से
(C) चेतक के गिर पड़ने से
(D) शक्ति सिंह के मुगलों के साथ रहने से
उत्तर:
(B) चेतक की छाती से खून की धारा बहने से

प्रश्न 23.
युद्ध-क्षेत्र से राणा का पीछा किसने किया ?
(A) झाला वीर मान्ना ने
(B) शाहजादा सलीम ने
(C) शक्ति सिंह ने
(D) मुगल सैनिक ने
उत्तर:
(C) शक्ति सिंह ने

प्रश्न 24.
झाला और चेतक ने किसकी आँखें खोल दीं ?
(A) सलीम की
(B) मान्ना ने
(C) शक्ति सिंह की
(D) राणा प्रताप की
उत्तर:
(C) शक्ति सिंह की

प्रश्न 25.
शक्तिसिंह के मन में अंत में कौन-सा भाव जगा?
(A) चेतक के प्रति प्रेम
(B) देशप्रेम
(C) वीरत्व
(D) देशद्रोह
उत्तर:
(B) देशप्रेम

प्रश्न 26.
इनमें से कौन-सा चेतक में नहीं था ?
(A) वफादारी
(B) समझदारी
(C) वीरता
(D) दौड़ने में शिथिलता
उत्तर:
(D) दौड़ने में शिथिलता

प्रश्न 27.
कहाँ के चौके-चौराहों पर चेतक की मूर्त्तियाँ खड़ी हैं?
(A) गुजरात
(B) महाराष्ट्र
(C) राजस्थान
(D) पंजाब
उत्तर:
(C) राजस्थान

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 6 घोड़े ने जान बचाई (जीवनी)

प्रश्न 28.
अकबर बादशाह की फौज से महाराजा प्रताप का मुकाबला हो जाता था, क्योंकि –
(A) राणा सवेरा होते ही कवच पहन और हाथ में तलवार लेकर निकल पड़ते थे
(B) युद्ध के मैदान में लड़ना महाराणा प्रताप की शौकथी
(C) अकबर राणा को अपने कब्जे में करना चाहता था
(D) अकबर वीर से लड़ना चाहता था
उत्तर:
(C) अकबर राणा को अपने कब्जे में करना चाहता था

प्रश्न 29.
चेतक घोड़ा किसी वीर से कम न था, क्योंकि –
(A) वह साहसी और स्वामी-भक्त था
(B) वह दुश्मन की हर चाल को पहचान लेता था
(C) लड़ाई के मैदान में वह राणा का प्राणप्यारा साथी था
(D) वह वीरों के साथ रहता था
उत्तर:
(B) वह दुश्मन की हर चाल को पहचान लेता था

प्रश्न 30.
झाला वीर मान्ना ने महाराणा प्रताप के पीछे से उनका मुकुट छीनकर अपने सिर पर रखा, क्योंकि –
(A) उनके मुकुट को देखकर मुगल फौजी उन पर हमला करते थे
(B) मुकुट मुगल लेना चाहते थे
(C) झाला-बीर मान्ना को मुकुट पहनने की इच्छा हुई
(D) मुकुट के कारण महाराणा प्रताप वार से बच जाते था
उत्तर:
(A) उनके मुकुट को देखकर मुगल फौजी उन पर हमला करते थे

प्रश्न 31.
चेतक राणा को युद्ध के मैदान से लेकर भागा, क्योंकि-
(A) झाला वीर मान्ना ने उससे ऐसा करने को कहा
(B) वह भाँप चुका था कि राणा जख्मी हो गए हैं और उनको बचाना है
(C) राणा ने उसे भागने का संकेत दिया
(D) राणा ने उसे रोकना नहीं चाहा
उत्तर:
(D) राणा ने उसे रोकना नहीं चाहा

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 6 घोड़े ने जान बचाई (जीवनी)

प्रश्न 32.
प्रताप रोने लगे, क्योंकि –
(A) चेतक की छाती में तलवार भोंक दी गई थी और उससे खून की धारा बह रही थी
(B) चेतक नाला पार न कर सका और गिर पड़ा
(C) उनको भय था कि पीब्छे से मुगल सैनिक आकर पहुँच जाएँगे
(D) वे युद्ध में हार गए थे
उत्तर:
(A) चेतक की छाती में तलवार भोंक दी गई थी और उससे खून की धारा बह रही थी

प्रश्न 33.
शक्ति सिंह ने कहा, “मैं भी वतन के लिए ही जान दूँगा’ , क्योंकि –
(A) वह मुगलों के साथ था
(B) झाला और चेतक ने उसकी आँखें खोल दी थीं
(C) राणा चेतक की मौत हो जाने से रो रहे थे
(D) वह प्रताप का भाई था
उत्तर:
(B) झाला और चेतक ने उसकी आँखें खोल दी थीं

प्रश्न 34.
आज भी राजस्थान के चौके-चौराहे, रास्ते, भवन सब पर चेतक की मूर्तियाँ खड़ी हैं, क्योंकि –
(A) चेतक ने राजपूती शान बचाई थी
(B) सरकार ने विभिन्न पशुओं की मूर्तियाँ चौराहों पर स्थापित करने का निर्णय लिया था
(C) मूर्तिकार घोड़े की मूर्ति बनाना जानते थे
(D) वह बहुत होशियार था
उत्तर:
(A) चेतक ने राजपूती शान बचाई थी

मे शून्यस्थानों की पूर्ति कीजिए

1. संग्राम महाराणा प्रताप का ………… था।
उत्तर: साथी

2. महाराणा प्रताप का जीवन ही ………… था।
उत्तर: रणक्षेत्र

3. ………… राणा को अपने कबे में करना चाहता था।
उत्तर: अकबर

4. प्रताप ने प्रतिक्षा की थी, प्राण दूँगा, पर ………… को मुक्त करूँगा।
उत्तर: मेवाड़

5. चेतक घोड़ा किसी ………… से कम नथा।
उत्तर: वीर

6. चेतक दुश्मन की हर ………… को पहचान लेता था।
उत्तर: चाल

7. उसने वक्त पर ऐसा उछलता कि दुश्मन का ………… खाली जाता।
उत्तर: वार

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 6 घोड़े ने जान बचाई (जीवनी)

8. घुड़सवार के लिए उसके घोड़े का ………… होना बहुत जरूरी है।
उत्तर: होशियार

9. वे पहले कई बार बादशाही फौज से ………… ले चुके थे।
उत्तर: लोहा

10. मुगल राजपुती ………… की शान देखें ।
उत्तर: शौर्य

11. राणा ने चेतक की पीठ ………… |
उत्तर: थपथपाई

12. चेतक ने कान ………… |
उत्तर: फड़फड़ाए

13. अपनी मुट्ठी भर सैनिक लेकर राणा ………… में उतरे ।
उत्तर: हलदीघाटी

14. मुगलिया फौज ………… की भाँति आ धमकी ।
उत्तर: टिड्डियों

15. शाहजादा ………… जंग जीतने आया है ।
उत्तर: सलीम

16. सठीम का ………… मारा गया ।
उत्तर: हाथी

17. सलीम की फ़ौज राणा पर ………… सी टूट पड़ी।
उत्तर: आँधी

18. झाला वीर ………… ने प्रताप की बुरी हालत देखी ।
उत्तर: मात्रा

19. ………… ने पीछे से मुकुट छीन कर अपने सिर प्र रखा ।
उत्तर: मात्रा

20. चेतक राणा को लेकर ………… भागा।
उत्तर: बेतहाशा

21. ………… में तेजी से भागना तो चेत्रक का खेल था।
उत्तर: झाड़-झंखाड़ों

22. राणा ने देखा ………… की छाती में तलवार भोंक दी गई है।
उत्तर: चेतक

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 6 घोड़े ने जान बचाई (जीवनी)

23. उनके सामने ही चेतक ने ………… तोड़ दिए ।
उत्तर: दम

24. राणा का भाई ………… मुगलों के साथ था।
उत्तर: शक्तिसिंह

25. शक्ति ………… के पाँवो पर गिरा ।
उत्तर: प्रताप

26. झाला और ………… ने मेरी आँखें खोलं दीं ।
उत्तर: चेतक

27. शक्ति बोला, मैं भी ………… के लिए ही जान दूँगा ।
उत्तर: वतन

28. अपनी वीरता, समझदारी और ………… के लिए चेतक का नाम अमर हो गया।
उत्तर: वफादारी

29. चेतक ने ………… शान बचाई ।
उत्तर: राजपूती

30. आज भी ………… के चौके-चौराहे, रास्ते भवन सब पर चेतक की मूर्त्तियाँ खड़ी है ।
उत्तर: राजस्थान

उपयुक्त शब्द ले कर खाली जगह भरिए :

1. संग्राम महाराणा प्रताप …………….. साथी था। (का, को, में)
उत्तर: का

2. न तो वे कभी संग्राम …………….. डरते थे। (को, से, में)
उत्तर: से

3. वे हाथ …………….. तलवार लेकर निकल पड़ते थे। (पर, में, से)
उत्तर: में

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 6 घोड़े ने जान बचाई (जीवनी)

4. प्रताप …………….. प्रतिज्ञा की थी। (को, से, ने)
उत्तर: ने

5. घोड़ा किसी वीर …………….. कम नहीं था। (को, से, ने)
उत्तर: से

6. वह ऐन वक्त …………….. उछलता था।.(पर, से, को)
उत्तर: पर

7. उसने कई बार राणा …………….. जान बचाई थी। (का, के, की)
उत्तर: की

8. घुड़सवार …………….. उसके घोड़े का होशियार होना जरूरी है। (को, केलिए, में)
उत्तर: केलिए

9. वे बादशाही फौज …………….. लोहा ले चुकेथे। (को,में,से)
उत्तर: से

10. हल्दीघाटी …………….. सँकरी पहाड़ी गली। (का, के, की)
उत्तर: की

11. मुगल राजपूती शौर्य …………….. शान देखें। (का, के, की)
उत्तर: की

12. मैं तुम्हें लेने …………….. तैयार हूँ। (का, को, ने)
उत्तर: को

13. चेतक …………….. कान फड़फड़ाए। (ने, से, में)
उत्तर: ने

14. राणा हल्दीघाटी …………….. उतरे। (पर, में, को)
उत्तर: में

15. उन्होंने बड़ी फूर्ती …………….. हमला किया। (ने, से, केलिए)
उत्तर: से

16. उन …………….. सिर पर मुकुट था। (का, के, को)
उत्तर: के

17. उन …………….. कई चोटें आई। (का, पर, से)
उत्तर: पर

18. जय, महाराणा …………….. जय। (का, की, को)
उत्तर: की

19. उस …………….. ये बातें सुनीं। (को, ने; से)
उत्तर: ने

20. आप …………….. घाव गहरे हैं। (के, में, से)
उत्तर: के

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 6 घोड़े ने जान बचाई (जीवनी)

21. उसकी छाती …………….. तलवार भोंक दी गई है।(पर, में, से)
उत्तर: में

22. चेतक …………….. दम तोड़ दिए। (ने, को, पर)
उत्तर: ने

23. वह राणा …………….. पीछा करके पहुँचा । (का, के, पर)
उत्तर: का

24. प्रताप …………….. उसे देखा। (को, ने; से)
उत्तर: ने

25. मैं भी वतन …………….. जान दूँगा । (केलिए, को, से)
उत्तर: केलिए

26. वफादारी …………….. ‘चेतक’ नाम अमर हो गया। (को, केलिए, ने)
उत्तर: केलिए

27. चौराहे …………….. चेतक की मूर्तियाँ खड़ी हैं । (को, पर, केलिए)
उत्तर: पर

28. उसने प्रताप …………….. जान बचाई। का, के, की)
उत्तर: की

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 6 घोड़े ने जान बचाई (जीवनी)

वर्तनी शुद्ध कीजिए :

1. लड़ाइ
2. तलबार
3. वादशाह
4. घोड़सवार
5. बिसाल
6. पुँछ
7. शलीम
8. बेतहासा
9. गरदन
10. आँखे
11. मुर्तियाँ
12. बफादारी
13. लड़ाई
उत्तर:
1. लड़ाई
2. तलवार
3. बादशाह
4. घुड़सवार
5. विशाल’
6. पूँछ
7. सलीम
8. बेतहांशा
9. गर्दन
10. आँखें
11. मूर्तियाँ
12. वफादारी

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 6 घोड़े ने जान बचाई (जीवनी)

वाक्यों को शुद्ध कीजिए :

1. उनका जीवन ही रणक्षेत्र थी।
2. प्रताप ने प्रतिज्ञा किया था।
3. दुश्मन के हर चाल को यह पहचान लेता था ।
4. राणा प्रताप बड़े लंड़ाई में जा रहे थे ।
5. आज की लड़ाई हर हालत में जीतना होगी।
6. मुगल राजपूती शौर्य का शान देखें।
7. मुगलिया फौज टिड्डियों की भाँति आ धमका ।
8. प्रताप की तलवार मानों फसल काटने लगा ।
9. मान्ना प्रताप की बुरी हालत देखा ।
10. आपके घाव गहरा है।
11. वह ये बातें सुनीं।
12. उसने ऐसा कूद रहा था।
13. खून का धारा बह रहा था।
14. राणा का भाई शक्ति सिंह मुगलों का साथ था ।
15. चेतक ने खुद प्राण दे दिया ।
उत्तर:
1. उनका जीवन ही रणक्षेत्र था।
2. प्रताप ने प्रतिज्ञा की थी।
3. दुश्मन की हर चाल को यह पहचान लेता था।
4. राणा प्रताप बड़ी लड़ाई में जा रहे थे ।
5. आज की लड़ाई हर हालत में जीतनी होगी।
6. मुगल राजपूती शौर्य की शान देखें।
7. मुगलिया फौज टिड्डियों की भाँति आ धमकी।
8. प्रताप की तलवार मानों फसल काटने लगी।
9. मान्ना ने प्रताप की बुरी हालत देखी।
10. आपके घाव गहरे हैं।
11. उसने ये बातें सुनीं।
12. वह ऐसा कूद रहा था।
13. खून की धारा बह रही थी।
14. राणा का भाई शक्ति सिंह मुगलों के साथ था।
15. चेतक ने खुद प्राण दे दिए।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 6 घोड़े ने जान बचाई (जीवनी)

लिंग बदलिए :

बादशह – बेगम
हाथी – हथिनी
घोड़ा – घोड़ी
शाहजादा – शाहजादी

वचन बदलिए :

लड़ाई – लड़ाइयाँ
सैनिक – सैनिक
सड़क – सड़के
घोड़ा – घोड़े
चाल – चालें
घाटी – घाटियाँ
सेना – सेनाएँ
पूँछ – पूँछें
माथा – माथे
टिड्डी – टिड्डियाँ
हाथी – हाथी
भगोड़ा – भगोड़े
चोट – चोटें
घाव – घाव
नाला – नाले
युद्ध – युद्ध
तलवार – तलवारें
मैदान – मैदान
विद्या – विद्याएँ
जान – जानें
पहाड़ी – पहाड़ियाँ
कान – कान
मुट्ठी – मुट्ठियाँ
धूल – धूलें
जंग – जंग
आँधी – आँधियाँ
फसल – फसलें
आवाज – आवाजें
हमला – हमले
खून – खून
धारा – धाराएँ
गर्दन – गर्दनें
वतन – वतन
मूर्त्ति – मूर्त्तियाँ
सेना – सेनाएँ
माथा – माथे
हाथी – हाथी
चोट – चोटें
तलवार – तलवारें
नाला – नाले
गर्दन – गर्दनें
हाथ – हाथ
रानी – रानियाँ
रात – रातें
माजरा – माजरे
आँख – आँखें
चौराहा – चौराहे
घाटी – घाटियाँ
पूँछ – पूँछें
टिड्डी – टिड्टियाँ
भगोड़ा – भगोड़े
युद्ध – युद्ध
फैज – फौजें
धारा – धाराएँ
मूर्ति – र्तियाँ
खान – खानें
लकीर – लकीरें
रास्ता – रास्ते

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 6 घोड़े ने जान बचाई (जीवनी)

अव्ययों से रिक्त स्थान भरिए :

1. ………… वे ………… संग्राम से डरते थे ।
उत्तर: न तो, कभी

2. बादशाह की फ़ौज से ………… मुकाबला हो जाता था।
उत्तर: कहीं न कहीं

3. प्राण दूँगा ………… मेवाड़ को मुक्त करूँगा।
उत्तर: पर

4. वह …………… युद्ध विद्या जानता था।
उत्तर: भी, जैसे

5. राणा उस पर सवार होते ………… वह बहुत खुश होता।
उत्तर: तो

6. सेना का कहीं ………… सामना किया जा सकता है।
उत्तर: आसानी से

7. ………… आज की लड़ाई जीतनी होगी।
उत्तर: मगर

8. ………… वह बच गया।
उत्तर: लेकिन

9. प्रताप की तलवार ………… फसल काटने लगी।
उत्तर: मानो

10. वह उन ………… झपटा।
उत्तर: की तरफ

11. ………… मैं इनके लिए काफी हूँ।
उत्तर: अभी

12. ………… वह राणा को लेकर भागा ।
उत्तर: अब

13. झाड़-झंखाड़ों में ………… भागना तो उसका खेल था।
उत्तर: तेजी से

14. आज वह ………… कूद रहा था, …………कूदा।
उत्तर: ऐसा, जैसे, कभी, नहीं

15. वह लड़खड़ाया, ………… उछला ।
उत्तर: फिर भी

16. ………… नाला था।
उत्तर: सामने

17. वह ………… गिरा ।
उत्तर: फिर, धड़ाम से

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 6 घोड़े ने जान बचाई (जीवनी)

18. उन ………… चेतक़ ने दम तोड़ दिए ।
उत्तर: के सामने

19. वह राणा का पीछा करके ………… आ पहुँचा ।
उत्तर: फौरन

20. अपने चैतक ………… मैं जी ………… सकता।
उत्तर: के बिना, नहीं

21. झाला ………… चेतक ने मेरी आँखें खोल दीं ।
उत्तर: और

22. मैं ………… वतन के लिए ………… जान दूँगा।
उत्तर: भी, ही

३० शब्दों/दो-तीन वाक्यों में उत्तर दीजिए :

प्रश्न 1.
राणा प्रताप सवेरा होते ही क्या करते थे ?
उत्तर:
राणा प्रताप मेवाड़ को मुक्त करना चाहते थे और अकबर राणा प्रताप को अपेने कबें में लाना चाहते थे। राणा प्रताप का जीवन ही रणक्षेत्र था, इसलिए वे सवेरा होते ही कवच पहनकर, हाथ में तलवार लेकर युद्ध करने निकल पड़ते थे ।

प्रश्न 2.
चेतक के रूप-गुणों का वर्णन कीजिए ।
उत्तर:
चेतक चमकीले रंग का घोड़ा था । वह मानो युद्धविद्या जानता था, वीर था, वह युद्धभूमि में युद्धविद्या – विशारद की तरह बड़ी होशियारी से काम करता था। वह दुश्मन की चाल पहचानकर सही वक्त पर उछलकर दुश्मन के वार से राणा को बचा लेता था ।

प्रश्न 3.
हल्दीघाटी में हुए युद्ध का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
राणा प्रताप और सलीम के बीच घमासान लड़ाई हुई । अनगिनत सैनिक मारे गए । सलीम का हाथी मारा गया । मुगल राणा को अकेला पाकर घेर गए। राणा पर कई चोटें आई ।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 6 घोड़े ने जान बचाई (जीवनी)

प्रश्न 4.
युद्ध में प्रताप ने क्या किया ?
उत्तर:
प्रताप ने सामने मुगल सेना देखकर तुरंत उन पर हमला कर दिया । उन्होंने युद्ध में अपनी तलवार से मुगल सैनिकों को मार गिराया । उनको अकेले पाकर मुगल सैनिकों ने उन पर कई चोटें कीं, पर प्रताप पीछे नहीं हटे ।

प्रश्न 5.
चेतक प्रताप को लेकर क्यों और कैसे भागा ?
उत्तर:
चेतक जान गया था कि राणा युद्द में जख्मी हो गए हैं । झाला वीर मात्रा ने राणा से युद्ध का मैदान छोड़कर चले जाने को कह्न । यह सुनते ही चेतक राणा को लेकर झाड़-झंखाडों में तेजी से कूदते हुए भागा ।

प्रश्न 6.
राणा चेतक की मौत से क्यों दुःखी हुए ?
उत्तर:
चेतक राणा को जख्मी की ह्हलत में लेकर युद्ध के मैदान से भागते समय एक गाला कूदकर पार करने के बाद गिर पड़ा । उसकी छाती में तलवार भोंक दी गई थी और उससे खून की धारा बह रही थी। राणा के सामने वहीं चेतक की मौत हो गई; इससे राणा दु:खी हुए ।

प्रश्न 7.
चेतक का नाम क्यों अमर हुआ ?
उत्तर:
चेतक ने राणा को युद्ध क्षेत्र से ले आकर उनको बचाया था । खुद प्राण दे दिए और उसकी वीरता, समझदारी और वफादारी के लिए राजपूती शान ब्रच गई ।इसी कारण उदका नाम अमर हो गया।

प्रश्न 8.
आज चेतक की मूर्तियाँ कहाँ-कहाँ मिलती है ?
उत्तर:
चेतक ने हल्दीघाटी के युद्ध क्षेत्र से राणा को दूर लेकर उनके प्राण बचाए थे । वह वीरता, समझदारी और वफादारी का प्रतीक बन गया । राजस्थान के चैके चौराहों, सड़कों, भवनों पर उसकी मूर्तियाँ मिलती हैं ।

प्रश्न 9.
शक्ति सिंह को किनसे और क्या शिक्षा मिली ?
उत्तर:
राणा प्रताप को युद्ध से भागते हुए देखकर शक्तिसिंह भाई के पीछे-पीछे नाले के पास पहुँचा, जहाँ चेतक की मौत हो गई थी। उसने झाला और चेतक का देशप्रेम देखा था। शक्तिसिंह को इन दोनों से देश-प्रेम की शिक्षा मिली ।

प्रश्न 10.
झाला वीर मान्ना प्रताप का मुकुट छीनकर क्या बोला ?
उत्तर:
राणा कां मुकुट छीनकर झाला बोला – राणा, आपके घाव नहरे हैं। मेरी बात मानकर अब आप अपनी जान बचाइए। आप रहेंगे तो हमारी लड़ाई चलती रहेगी ।अभी में इनके लिए काफी हूँ, ।

प्रश्न 11.
हल्दीघाटी के युद्धक्षेत्र में चेतक राणा की सहायता कैसे कर रहा था ?
उत्तर:
हल्दीघाटी के युदक्षेत्र में वेतक ने राणा का पूरा साथ दिया । अंत में उसने घायल राणा को युद्ध-क्षेत्र से दूर ले जाकर उनके प्राण बचाए। एक नाला कूटकर पार करने के बाद खुद घोड़े ने दम तोड़ दिए।

प्रश्न 12.
महाराणा प्रताप का संग्राम से कैसा संबंध था?
उत्तर:
संग्राम महाराणा प्रताप का साथी था। उनका जीवन ही रणक्षेत्र था। वे संग्राम से कभी नहीं डरते थे।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 6 घोड़े ने जान बचाई (जीवनी)

प्रश्न 13.
महाराणा प्रताप का अकबर बादशाह की फौज से क्यों मुकाबला हो जाता था?
उत्तर:
अकबर राणा को अपने कब्जे में करना चाहता था। प्रताप ने प्रतिज्ञा की थी – प्राण दूँगा, पर मेवाड़ को मुक्त करूँगा। इसलिए उनका अकबर बादशाह की फौज से मुकाबला हो जाता था।

प्रश्न 14.
चेतक क्यों खुश हो जाता था ?
उत्तर:
राणा चेतक पर सवार होते ही चेतक खुश हो जाता था। उसने रण में होशियारी से कई बार राणा की जान बचाई थी। वह किसी वीर से कम न था।

प्रश्न 15.
हल्दीयाटी की क्या विशेषता थी ?
उत्तर:
हल्दीघाटी की संकरी पहाड़ी गली में विशाल मुगल सेना से सामना किया जा सकता है। शाहुजादा सलीम के नेतृत्व में आई मुगल सेना से महाराणा म्रताप ने अपनी मुट्ठी भर सैनिक लेकर लड़े थे।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 6 घोड़े ने जान बचाई (जीवनी)

प्रश्न 16.
राणा चिल्लाकर चेतक से क्या बोले ?
उत्तर:
राणा चिल्लाकर चेतक से बोले, “चेतक ! चेतक ! यह क्या कर रहा है ? लोग मुझे भगोड़ा समझेंगे। रूक जा।”

प्रश्न 17.
शक्ति सिंह को देखकर राणा ने क्या कहा?
उत्तर:
शक्ति सिंहको देखकर रापा ने कहा, “आ जा शक्ति! मेरी गर्दन उड़ा दे। अपने चेतक के बिना में जी नहीं सकता।”

विचार बिन्दु :

यह घोड़े ेेतक की समझदारी, बफादारी और बलिदान की कहानी है । राजपूत वीर महाराणा प्रताप मुगल सम्राट अकबर की वशता स्वीकार न करके बराबर उनका मुकावला करते रहे । चेतक महाराणा प्रताप का हर लड़ाई में साथी रहा । वह तो जैसे दुश्मन की हर चाल को पहचान लेता था। वह अपने मालिक से बेहद प्यार करता था । एक बार जख्मी मालिक के प्राण बचाने के लिए चेतक दुश्मनों की भीड़ से तेज रफ्तार से भागा और एक नाला पार करते ही गिर पड़ा और अपने प्राण त्याग दिए। प्रभु-पशु-प्रेम की यह कहानी ऐतिहासिक अमर कहानी है ।

शब्दार्थ

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 6 घोड़े ने जान बचाई (जीवनी)4
BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 6 घोड़े ने जान बचाई (जीवनी)5
BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 6 घोड़े ने जान बचाई (जीवनी)6
BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 6 घोड़े ने जान बचाई (जीवनी)7
BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 6 घोड़े ने जान बचाई (जीवनी)8

सारांश

मेवाड़ के राणा महाराणा प्रताप मुगल सम्राट अकबर के कबे में नहीं आए। अकबर ने मेवाड़ का अधिकार कर लिया था। मेवाड़ को मुक्त करने के लिए महाराणा प्रताप को अकबर की फौज से बारबार मुकाबला करना पड़ता था । उनके वीर सौनिक और जान से प्यारा घोड़ा चेतक उनका साथ दे रहे थे ।

चेतक बहुत होशियारथा । लड़ाई के मैदान में अपने मालिक के साथ रहकर दुश्मन की चाल को पहचान लेने की शक्ति उसमें आ गई थी। कई बार युद्ध में उसने राणा की जान बचाई थी ।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 6 घोड़े ने जान बचाई (जीवनी)

एक बार मुगली फौज से लड़ने राणा हलदीघाटी में उतरे । एकाएक सलीम के नेतृत्व में मुगलिया फैज पहुँच गई। भीषण लड़ाई हुई । सलीम का हाथी मारा गया, पर वह बच गया । महाराणा प्रताप अपनी तलवार से शत्रु सैनिकों को मारने लगे ।उनको भी कई चोटें लगीं । राणा के सिर पर मुकुट देख कर मुगलों ने राणा को घेर लिया।

दूर से झाला वीर मात्रा ने यह हालत देखी । उसने झपटकर पीछे से राणा का मुकुट छीन लिया और मुगलों को भ्रम में डालने के लिए मुकुट अपने सिर पर धारण कर लिया । उसने राणा से लड़ाई छोड़कर चले जाने की विनती की और खुद लड़ाई जारी रखने का वचन दिया ।

चेतक ने भाँप लिया कि राणा को बचाना है । अंब उसने रांणा का हुक्म नहीं माना । वह राणा को लेकर झाड़-झंखाडों में तेजी से भागा। वह हाँफने लगा ।आगे एक नाला था। वह कूटकर तो नाला पार हो गया, पर वहीं धड़ाम् से गिर पड़ा । उसकी छाती में तलवार भोंक दी गई थी। खून की धारा बह रही थी। वहीं चेतक ने दम तोड़ दिये । राणा प्रताप रोने लगे ।

इतने में राणा का भाई शक्ति सिंह जो मुगलों के साथ था, उनका पीछा करता हुआ वहीं आ पहुँचा । उसको देखते ही राणा बोले – तू मेरी गर्दन उड़ा दे । मैं चेतक के बिना जी नहीं सकूँगा ।

झाला और चेतक ने शक्ति सिंह की आँखें खोल दी थीं । शक्ति सिंह ने भैया से माफी माँगी; मुगल-पक्ष छोड़कर मातृभूमि के लिए जान देने को वचन-बद्ध हुआ, फूट-फूटकर रोने लगा ।

चेतक ने तो खुद जान दे दी । पर उसने महाराणा प्रताप की जान बचाई । राजपूती शान बचाई । अपनी वफादारी के लिए चेतक अमर हो गया ।आज राजस्थान के चौराहों और भवनों पर चेतक की मूर्त्तियाँ उस शान की याद दिलाती हैं।

ସାରାଂଶ

ମେଣ୍ଢାର ରାଣା ମହାରାଣା ପ୍ରତାପ ମୋଗଲ ସମ୍ରାଟ ଆକବରଙ୍କ ବଶତା ସ୍ଵୀକାର କରିନଥୁଲେ । ଆକବର ମେୱାର ଅଧିକାର କରି ନେଇଥିଲେ । ମେୱାରକୁ ମୁକ୍ତ କରିବା ପାଇଁ ମହାରାଣା ପ୍ରତାପଙ୍କୁ ଆକବରଙ୍କ ସୈନ୍ୟବାହିନୀ ସହିତ ବାରମ୍ବାର ସମ୍ମୁଖୀନ ହେବାକୁ ପଡ଼ୁଥିଲା । ତାଙ୍କର ବୀର ସୈନିକଗଣ ଓ ପ୍ରାଣପ୍ରିୟ ଘୋଡ଼ା ଚେତକ ତାଙ୍କୁ ସହାୟତା କରୁଥିଲେ ।

ଚେତକ ବହୁତ ବୁଦ୍ଧିମାନ ଥଲା । ଯୁଦ୍ଧ କ୍ଷେତ୍ରରେ ନିଜ ପ୍ରଭୁଙ୍କ ସହିତ ରହି ଶତ୍ରୁର କୌଶଳକୁ ଜାଣିପାରିବାର ଶକ୍ତି ତା’ର ଆସିଯାଇଥିଲା । ଅନେକ ଥର ସେ ଯୁଦ୍ଧ କ୍ଷେତ୍ରରେ ମହାରାଣାଙ୍କ ଜୀବନ ମଧ୍ୟ ରକ୍ଷା କରିଥିଲା । ଏକଦା ମୋଗଲ ସୈନ୍ୟଙ୍କ ସହିତ ଯୁଦ୍ଧ କରିବାପାଇଁ ମହାରାଣା ପ୍ରତାପ ହଳଦୀଘାଟିରେ ପହଞ୍ଚିଲେ । ସେଠାରେ ଚାହୁଁଚାହୁଁ ସଲୀମଙ୍କ ନେତୃତ୍ବରେ ମୋଗଲ ବାହିନୀ ମଧ୍ୟ ପହଞ୍ଚିଗଲେ । ଭୀଷଣ ଯୁଦ୍ଧ ହେଲା । ଯୁଦ୍ଧରେ ସଲୀମଙ୍କ ହାତୀ ମରିଗଲା | କିନ୍ତୁ ସଲୀମ ରକ୍ଷା ପାଇଗଲେ । ରାଣା ପ୍ରତାପ ତାଙ୍କ ତରବାରୀରେ ଶତ୍ରୁ ସୈନ୍ୟଙ୍କୁ ହତ୍ୟା କରି ଚାଲିଲେ । ତାଙ୍କୁ ମଧ୍ଯ ଅନେକ ଆଘାତ ଲାଗିଲା । ରାଣା ପ୍ରତାପଙ୍କ ମସ୍ତକରେ ରାଜମୁକୁଟ ଦେଖି ମୋଗଲ ସୈନ୍ୟ ତାଙ୍କୁ ଘେରିଗଲେ ।

ଦୂରରୁ ଝାଲାବୀର ମାନ୍ନା ଏହି ଅବସ୍ଥା ଦେଖି ପକାଇଲେ । ସେ ଜୋର୍‌ରେ ଆସି ରାଣା ପ୍ରତାପଙ୍କ ପଛରୁ ମୁକୁଟ ଝି ନେଲେ ଓ ମୋଗଲ ସୈନ୍ୟଙ୍କୁ ସନ୍ଦେହରେ ପକାଇବା ପାଇଁ ମୁକୁଟ ନିଜେ ପିନ୍ଧି ପକାଇଲେ । ସେ ରାଣା ପ୍ରତାପଙ୍କୁ ଯୁଦ୍ଧକ୍ଷେତ୍ର ଛାଡ଼ି ଚାଲିଯିବା ପାଇଁ ବିନୀତ ପ୍ରାର୍ଥନା କଲେ । ସେ ନିଜେ ଯୁଦ୍ଧସଂଚାଳନ କରିବେ ବୋଲି ମଧ୍ୟ କଥାଦେଲେ ।

ଚେତକ ଠଉରେଇ ନେଲା ଯେ ରାଣା ପ୍ରତାପଙ୍କୁ ବଞ୍ଚାଇବାକୁ ହେବ । ସେ ଆଉ ରାଣା ପ୍ରତାପଙ୍କ ଆଦେଶ ମାନିଲା ନାହିଁ । ସେ ରାଣା ପ୍ରତାପଙ୍କୁ ନେଇ କଣ୍ଟା ବୁଦା, ଜଙ୍ଗଲ ଭିତରେ ଜୋର୍‌ରେ ଦୌଡ଼ିବାକୁ ଲାଗିଲା । ସେ ଧଇଁ ସଇଁ ହୋଇଗଲା । ତା’ ସମ୍ମୁଖରେ ନାଳଟିଏ ପଡ଼ିଲା । ଚେତକ ଡେଇଁ ନାଳ ପାରି ହୋଇଗଲା । କିନ୍ତୁ ସେ ସେହିଠାରେ ଟଳି ପଡ଼ିଲା । ତା’ ଛାତିରେ ମଧ୍ୟ ତରବାରୀ ବିଦ୍ଧ ହୋଇଥିଲା । ରକ୍ତର ସୁଅ ଛୁଟୁଥୁଲା ଚେତକର ସେହିଠାରେ ପ୍ରାଣବାୟୁ ଉଡ଼ିଗଲା । ରାଣା ପ୍ରତାପ ଜୋରରେ କାନ୍ଦିବାକୁ ଲାଗିଲେ । ଏହି ସମୟରେ ମୋଗଲ ପକ୍ଷରେ ଯୋଗ ଦେଇଥିବା ରାଣା

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 6 घोड़े ने जान बचाई (जीवनी)

ପ୍ରତାପଙ୍କ ସାନ ଭାଇ ଶକ୍ତି ସିଂହ ତାଙ୍କ ଅନୁଧାବନ କରି ସେଠାରେ ଆସି ପହଞ୍ଚିଲା । ତାଙ୍କୁ ଦେଖୁଦେଖୁ ରାଣା ପ୍ରତାପ କହିଲେ, ଶକ୍ତି, ତୁ ବର୍ତ୍ତମାନ ମୋର ଶିରଛେଦ କର । ମୁଁ ଚେତକ ବିନା ବଞ୍ଚି ପାରିବି ନାହିଁ । ଝାଲା ଏବଂ ଚେତକ ଦୁହେଁ ଶକ୍ତି ସିଂହଙ୍କ ଆଖି ଖୋଲିଦେଲେ । ଶକ୍ତି ସିଂହ ଭାଇଙ୍କୁ କ୍ଷମା ପ୍ରାର୍ଥନା କଲେ । ସେ ମୋଗଲ୍ ପକ୍ଷ ତ୍ୟାଗ କରି ନିଜ ମାତୃଭୂମି ପାଇଁ ଜୀବନ ଉତ୍ସର୍ଗ କରିବାପାଇଁ ପ୍ରତିଜ୍ଞା କଲେ ଓ ଖୁବ୍ ଜୋର୍‌ରେ କାନ୍ଦିବାକୁ ଲାଗିଲେ ।

ଚେତକ ନିଜେ ପ୍ରାଣବଳି ଦେଇଦେଲା । କିନ୍ତୁ ସେ ମହାରାଣା, ପ୍ରତାପଙ୍କ ଜୀବନ ରକ୍ଷା କଲା । ରାଜପୁତ ସମ୍ମାନ ରକ୍ଷା କଲା | ନିଜର କର୍ମବ୍ୟନିଷ୍ଠା ପାଇଁ ଚେତକ ଅମର ହୋଇଗଲା । ଏବେ ରାଜସ୍ଥାନର ଛକ ଓ ଭବନମାନଙ୍କ ଉପରେ ଚେତକର ମୂର୍ତ୍ତିଗୁଡ଼ିକ ସେହି ସମ୍ମାନକୁ ସ୍ମରଣ କରେଇ ଦିଅନ୍ତି ।

 

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 5 एक बूँद (कविता)

Odisha State Board BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 5 एक बूँद (कविता) Textbook Exercise Questions and Answers.

BSE Odisha Class 8 Hindi Solutions Chapter 5 एक बूँद (कविता)

अनुशीलनी

1. निम्न प्रश्नों के उत्तर पचास शब्दों में दीजिए –

(क) बादलों की गोद से निकलकर बूँद क्या सोचने लगी ?
उत्तर:
बादलों की गोद से निकलकर बूँद बार-बार यही सोचने लगी – आह! मैं क्यों घर छोड़कर बाहर निकली ! हे विधाता, मेरे भाग्य में क्या लिखा है ? मैं सुरक्षित रह पाऊँगी या नष्ट हो जाऊँगी ? मैं अँगारे पर गिरकर जल जाऊँगी या कमल के फूल में चू पड्ूँगी ?

(ख) बूँद हवा में बहकर किस ओर पहुँची ?
उत्तर:
एक बूँद बादलों से निकलकर जब बाहर आई, तब वह बड़ी सोच में पड़ गई । वह खेद प्रकट करती हुई कहती है कि मैं क्यों घर से निकली ? तरह-तरह की सोच में वह अनमनी हो गई । इस समय एक हवा बहने लगी और वह उसीके साथ सागर की ओर चली आई ।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 5 एक बूँद (कविता)

(ग) घर छोड़ते हुए लोगों के मन में झिझक क्यों होती है ?
उत्तर:
लोगों को घर छोड़ने अर्थात् कोई काम करने की झिझक होती है, क्योंकि उनको डर लगता है कि काम में बाधाएँ आ जाएँगी तो वे असफल हो जाएँगे । उनको भारी नुकसान उठाना पड़ेगा । साहस की कमी से वे मुकावला नहीं कर पाते ।

(घ) बूँद कैसे मोती बनी ?
उत्तर:
बूँद बादलों से निकलकर पछता रही थी । वह तरहतरह की आशंकाओं से घबरा गई थी । इतने में एक हवा बहकर आई । बूँदअनमनी होकर उसके साथ समुद्र की ओर चली गई । उस समय एक सुन्दर सीप का मुँह खुला था । बूँद उसी में जा पड़ी और मोती बन गई ।

(ङ) ‘बूँद की तरह कुछ और बन जाना’ – का अर्थ क्या है ?
उत्तर:
बूँद की तरह कुछ और बन जाना का अर्थ है जिस प्रकार घर छोड़ने से बूँद मोती बन जाती है, उसी प्रकार कर्म करने से ही मनुष्य अंत में शिखर पर पहुँचकर श्रेष्ठ बन जाता है।

2. नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में दीजिए।

(क) विधाता के बारे में बूँद क्या सोचती है ?
उत्तर:
विधाता के बारे में बूँद सोचती है – हे विधाता ! मेरे भाग्य में क्या लिखा हुआ है ?

(ख) सीप के मुँह में घुसने के बाद बूँद का क्या हुआ ?
उत्तर:
सीप के मुँह में घुसने के बाद बूँद मोती बन गई |

(ग) बूँद किस पर टपकने से डरती है ?
उत्तर:
बूँद अंगारे पर टपकने से डरती है ।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 5 एक बूँद (कविता)

(घ) बूँद अंगारे पर गिरकर क्या होने की आशंका करती है ?
उत्तर:
बूँद अंगारे पर गिरकर जल जाने की आशंका करती है।

(ङ) बादलों से निकलकर बूँद किस पर चू पड़ने से डरती है?
उत्तर:
बादलों से निकलकर बूँद कमल पर चू पड़ने से डरती है।

(च) घर छोड़ने पर लोगों की मनोदशा कैसी होती है ?
उत्तर:
घर छोड़ने पर लोग झिझकते हैं ।

3. सही विकल्प चुनकर उत्तर लिखिए ।

(क) बूँद कहाँ से निकलीं ?
(i) आसमान से
(ii) बादलों
(iii) सागर से
(iii) पानी
उत्तर:
(ii) बादलों

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 5 एक बूँद (कविता)

(ख) बूँद किस पर गिरकर जलने की बात कहती है ?
(i) कमल
(ii) अँगारे
(iii) धूल
(iv) पानी
उत्तर:
(ii) अँगारे

(ग) आगे बढ़ते हुए बूँद कैसा अनुभव कर रही थी?
(i) आनंद
(ii) दुःख
(iii) पच्छतावा
(iv) निराश
उत्तर:
(iii) पच्छतावा

(घ) बूँद किसमें चू पड़ना चाहती है ?
(i) कमल में
(ii) पानी में
(iii) पेड़ में
(iv) पत्तों में
उत्तर:
(i) कमल में

(ङ) घर छोड़नर पड़े तो क्या होगा?
(i) मरना होगा
(ii) कुछ और होगा
(iii) चलना होगा
(iv) डरना होगा
उत्तर:
(ii) कुछ और होगा

भाषा कार्य

1. शून्य स्थान’भरिए ।

(क) ……………….. निकलकर ……………….. की गोद से।
उत्तर: ज्यों, बादलों

(ख) ……………….. मेरे भाग्य में है क्या ………………..
उत्तर: दैव, बदा

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 5 एक बूँद (कविता)

(ग) मैं ……………….. या मिलूँगी ……………….. में
उत्तर: बचूँगी, धूल

(घ) ……………….. पडूँगी या ……………….. के फूल में ।
उत्तर: चू, कमल

(ङ) एक सुन्दर ……………….. का था मुँह ………………..
उत्तर: सीप, खुला

(च) लोग ……………….. ही हैं ……………….. सोचते ।
उत्तर: यों, झिझकते

(छ) बूँद ……………….. कुछ और ही ……………….. है कर ।
उत्तर: लौ, देता

2. ऐसे शब्दों को कविता से ढूँछकर लिखिए। जैसे –

  • बढ़ी – कढ़ी
  • ज्यों – क्यों
  • बचूँगी – जलूँगी
  • धूल – फूल
  • मोती बनी – अनमनी
  • घर – कर
  • जलूँगी – पडूँगी

3. इन शब्दों के अर्थ लिखिए।
कढ़ी, दैव, बदा, लौं, ज्यों, चू पड़ना ।
उत्तर:

  • कढ़ी – निकली
  • दैव – विधाता
  • बदा – लिखा
  • लौं – तरह
  • ज्यों – जब
  • चू पड़ना – टपकना

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 5 एक बूँद (कविता)

4. निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए । बादल, कमल, समुंदर, घर, भाग्य, दैव
उत्तर:

  • बादल – मेघ
  • कमल – पंकज
  • समुंदर – सागर
  • घर – मकान
  • भाग्य – नसीब
  • दैव – विधाता

आपके लिए काम :

(क) ‘एक बूँद’ कविता को कक्षा में पढ़कर सुनाइए ।
(ख) इस प्रकार की कोई अन्य कविता छाँटिए और उसे कक्षा में पढ़कर सुनाइए ।

परीक्षोपयोगी अतिरिक्त प्रश्नोत्तर

एक-एक वाक्य में उत्तर दीजिए :

प्रश्न 1.
बूँद कहाँ से निकली ?
उत्तर:
बूँद बादलों की गोद से निकली ।

प्रश्न 2.
बूँद ने बादलों की गोद से निकलकर क्या किया ?
उत्तर:
बूँद बादलों की गोद से निकलकर आगे बढ़ी ।

प्रश्न 3.
बूँद जी में क्या सोचने लगी ?
उत्तर:
बूँद जी में सोचने लगी कि मैं क्यों घर छोड़कर आई।

प्रश्न 4.
बूँद किसे याद करके डर जाती है ?
उत्तर:
बूँद अपने भाग्य की याद करके डर जाती है ।

प्रश्न 5.
अगर वह बच नहीं सकेगी, तो उसे किसमें मिल जाने का डर है ?
उत्तर:
अगर वह बच नहीं सकेगी, तो उसे धूल में मिल जाने का डर है ।

प्रश्न 6.
बूँद को किसमें गिर जाने का डर है ?
उत्तर:
बूँद को किसी अंगारे पर गिरकर जल जाने का डर है।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 5 एक बूँद (कविता)

प्रश्न 7.
बूँद को किसमें चू. पड़ने का डर है ?
उत्तर:
बूँद को कमल के फूल में चू पड़ने का डर है ।

प्रश्न 8.
बूँद जब सोच में पड़ गई थी, उस समय क्या हुआ ?
उत्तर:
बूँद जब सोच में पड़ गई थी, उस समय एक हवा बह गई ।

प्रश्न 9.
बूँद अनमनी कहाँ चली गई ?
उत्तर:
बूँद अंनमनी समुद्र की ओर चली गई।

प्रश्न 10.
बूँद समुद्र की ओर किसके साथ गई ?
उत्तर:
बूँद समुद्र की ओर हवा के साथ गई।

प्रश्न 11.
हवा के बहाव में बूँद किस ओर गई ?
उत्तर:
हवा के बहाव में बूँद समुद्र की ओर गई ।

प्रश्न 12.
बूँद कहाँ गिरी?
उत्तर:
समुद्र में एक सीप का मुँह खुला था और बूँद उसी में जा गिरी।

प्रश्न 13.
बूँद सीप में पड़ने से क्या हुआ ?
उत्तर:
बूँद सीप में पड़ने से मोती बन गई।

प्रश्न 14.
लोग क्यों झिझकते हैं ?
उत्तर:
जब उनको घर छोड़ना पड़ता है, तब लोग झिझकते हैं।

प्रश्न 15.
घर छोड़ते समय लोगों की मनोदशा कैसी होती है ?
उत्तर:
घर छोड़ते समय लोग झिझकते हैं ।

प्रश्न 16.
लोग बूँद की तरह कब बन जाते हैं ?
उत्तर:
लोग जब घर छोड़ते हैं, तब बूँद की तरह बन जाते हैं।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 5 एक बूँद (कविता)

प्रश्न 17.
बूँद की तरह बनने के लिए लोगों को क्या करना पड़ता है ?
उत्तर:
बूँद की तरह बनने के लिए लोगों को घर छोड़ना पड़ता है ।

प्रश्न 18.
लोग घर छोड़ने पर क्या बन जाते हैं ?
उत्तर:
लोग घर छोड़ने पर कुछ और ही बन जाते

प्रश्न 19.
इस कविता में घर छोंड़ने का अर्थ क्या है ?
उत्तर:
इस कविता में घर छोड़ने का अर्थ है – जोखिम उठाना।

प्रश्न 20.
बूँद की तरह कुछ और बन जाना – का अर्थ क्या है ?
उत्तर:
जिस प्रकार जोखिम उठाने से बूँद समुद्र की ओर आकर सीप के भीतर गिरी और मोती बन गई, उसी प्रकार मनुष्य जोखिम उठनो से महान बन सकता है ।

प्रश्न 21.
‘एक बूँद’ कविता के कवि कौन हैं ?
उत्तर:
‘एक बूँद’ कविता के कवि अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔौ’ हैं।

प्रश्न 22.
इस कविता से क्या शिक्षा मिलती है ?
उत्तर:
इस कविता से यह शिक्षा मिलती है कि मनुष्य को मन से डर छोड़कर जोखिम उठाने का साहस करना चाहिए, इससे वह उन्नति के शिखर पर पहुँच सकता है ।

एक या दो शब्द में उत्तर दीजिए

प्रश्न  1.
बूँद किसकी गोद से निकली ?
उत्तर:
बादलों की

प्रश्न 2.
किसको घर छोड़ने का दु: ख हुआ ?
उत्तर:
बूँद को

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 5 एक बूँद (कविता)

प्रश्न 3.
बूँद को कहाँ मिल जाने का डर है ?
उत्तर:
धूल में

प्रश्न 4.
बूँद को कहाँ जल जाने का डर है ?
उत्तर:
अँगारे पर

प्रश्न 5.
बूँद को कहाँ चू पड़ने का डर है ?
उत्तर:
कमल के फूल में

प्रश्न 6.
बूँद किसके साथ समुंदर में आई ?
उत्तर:
हवा के साथ

प्रश्न 7.
कौन मोती बन गई ?
उत्तर:
बूँद

प्रश्न 8.
घर छोड़ते समय लोग क्या करते हैं ?
उत्तर:
झिझकते हैं।

प्रश्न 9.
लोगों के घर छोड़ने का अर्थ क्या है ?
उत्तर:
कुछ काम करना

प्रश्न 10.
‘घर छोड़ना’ लोगों को कुछ और ही बना देता है। इसका अर्थ क्या है ?
उत्तर:
सफल बना देता है

पंक्तियों के अर्थ एक-दो वाक्यों में समझाइए:

प्रश्न 1.
ज्यों निकलकर बादलों की गोद से,
अभी एक बूँद कुछ आगे बढ़ी । थी
उत्तर:
अभी एक बूँद ज्यों ही बादलों की गोद से निकलकर कुछ आगे बढ़ी ।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 5 एक बूँद (कविता)

प्रश्न 2.
सोचने फिर-फिर यही जी में लगी,
आह ! क्यों घर छोड़कर मैं यों कढ़ी ।
उत्तर:
(बूँद) बार-बार यही मन में सोचने लगी आह ! मैं क्यों घर छोड़कर यों निकल पड़ी ।

प्रश्न 3.
दैव, मेरे भाग्य में है क्या बदा,
मैं बचूँगी या मिलूँगी धूल में
उत्तर:
बूँद चिंतित होकर सोचती है कि हाय विधाता ! मेरे भाग्य में क्या लिखा है । मैं बच जाऊँगी या धूल में मिल जाऊँगी ।

प्रश्न 4.
या जलूँगी गिर अंगारे पर किसी
चू पहूँगी या कमल के फूल में ।
उत्तर:
बूँद सोचती है कि मैं किसी जलते हुए कोयले पर गिरकर जल जाऊँगी या कमल के फूल में टपक पडूंगी ।

प्रश्न 5.
बह गई उस काल एक ऐसी हवा,
वह समुंदर ओर आई अनमनी ।
उत्तर:
उसी समय एक ऐसी हवा वह गई जो समुद्र की ओर बह रही थी । बूँद अनमनी होकर उसके साथ बहकर समुद्र में आ गई।

प्रश्न 6.
एक सुन्दर सीपका था मुँह खुला
वह उसी में जा पड़ी, मोती बनी ।
उत्तर:
उसी समय वह समुद्र में एक सुंदर सीप के भीतर गिरी और मोती बन गई ।

प्रश्न 7.
लोग यों ही हैं झिझकते सोचते,
जबकि उनको छोड़ना पड़ता है घर ।
उत्तर:
लोगों को जब घर छोड़ना पड़ता है अर्थात् जोखिम भरा काम करना पड़ता है। उस समय ऐसे ही वे क्या न करें, इस दुविधा में पड़ जाते हैं, सोचते हैं।

प्रश्न 8.
किन्तु घर का छोड़ना अकसर उन्हें,
बूँद कुछ और ही देता है कर ।
उत्तर:
किन्तु लोग जब घर छोड़ देते हैं, अर्थात् जोखिम भरा काम करते हैं, तब प्राय: वे बूँद की तरह कुछ साहस ही उन्हें अच्छा बना देता है, सफलता दिलाती है।

शून्यस्थान की पूर्ति कीजिए :

1. ज्यों निकलकर _______ की गोद से,
थी अभी एक _______ कूछ आगे बढ़ी ।
उत्तर: बादलों, बूँद

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 5 एक बूँद (कविता)

2. सोचने फिर-फिर यही ______ में लगी ।
उत्तर: जी

3. आह ! क्यों _____ छोड़कर मैं यों कढ़ी ।
उत्तर: घर

4. दैव मेरे भाग्य में क्या है_____|
मैं बचूँगी या मिलूँगी _____ में
उत्तर: बदा, धूल

5. या जलूँगी गिर _____ पर किसी
चूँ पहूँगी या _____ के फूल में ।
उत्तर: अंगारे, कमल

6._____गई उस काल एक ऐसी हवा
वह _______ओर आई अनमनी ।
उत्तर: बह, समुंदर

7. एक सुंदर _______ का था मुँह खुला ।
उत्तर: सीप

8. वह उसी में जा पड़ी, _____ बनी ।
उत्तर: मोती

9. लोग ही हैं _____ सोचते ।
उत्तर: झिझकते

10. जबकि उनको छोड़ना पड़ता है
उत्तर: घर

11. किन्तु _____ का छोड़ना अकसर उन्हें _____ कुछ और ही देता है कर
उत्तर: घर, बूँद

उपयुक्त शब्द ले कर खाली जगह भरिए :

1. बूँद बादलों ____ गोद से निकली। (का, के, की)
उत्तर: की

2. मेरे भाग्य ____ क्या बदा है ? (का, पर, में)
उत्तर: में

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 5 एक बूँद (कविता)

3. मैं बचूँगी या धूल ____ मिलूँगी। (ने, में, को)
उत्तर: में

4. मैं किसी अंगारे ____ गिर जाऊँगी। (में, पर, से)
उत्तर: पर

5. सीप ___ मुँह खुला था। (का, के, की)
उत्तर: का

6. वह उसी ____ जा पड़ी। (से, को, में)
उत्तर: में

7. उन ___ घर छोड़ना पड़ता है। (को, में, की)
उत्तर: को

8. घर ____ छोड़ना उन्हें बूँद लौं कर देता है। (का, के, की)
उत्तर: का

सही उत्तर चुनिए :

प्रश्न 1.
बूँद किसकी गोद से निकली ?
(A) बिजली की
(B) सागर की
(C) बादलों की
(D) सूरज की
उत्तर:
(C) बादलों की

प्रश्न 2.
बादलों की गोद से निकलते समय बूँद के मन में क्या था ?
(A) उत्साह’
(B) साहस
(C) आशा
(D) आशंका
उत्तर:
(D) आशंका

प्रश्न 3.
कौन – सा काम बूँद को पहले ठीक नहीं लगा ?
(A) घर छोड़ना
(B) बादलों में बैठना
(C) बादल में उड़ना
(D) डर छोड़ना
उत्तर:
(A) घर छोड़ना

प्रश्न 4.
घर छोड़कर बूँद किसे पुकारता है ?
(A) धरती को
(B) बादल को
(C) समुद्र को
(D) दैवको
उत्तर:
(D) दैवको

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 5 एक बूँद (कविता)

प्रश्न 5.
बूँद को किस बात का डर है ?
(A) धक्का खाने का
(B) बचने का
(C) न लौट सकने का
(D) उड़ जाने का
उत्तर:
(B) बचने का

प्रश्न 6.
बूँद को अँगारे से क्या डर था ?
(A) उस पर धूप पड़ने का
(B) उससे मिल जाने का
(C) उस पर गिरकर जल जाने का
(D) उसकी आँच का
उत्तर:
(C) उस पर गिरकर जल जाने का

प्रश्न 7.
मेरे भाग्य में क्या बदा है यह किसने कहा ?
(A) बादल
(B) बूँद
(C) सागर
(D) बिजली
उत्तर:
(B) बूँद

प्रश्न 8.
बूँद को कहाँ मिल जाने का डर था ?
(A) धूल में
(B) बादलों में
(C) अंगारे में
(D) कमल में
उत्तर:
(A) धूल में

प्रश्न 9.
बूँद क्या चाहती थी ?
(A) बचना
(B) धूल में मिलना
(D) अँगारे पर जलना
(C) कमल में चू पड़ना
उत्तर:
(A) बचना

प्रश्न 10.
कमल की बात सोचकर बूँद क्यों डरती थी ?
(A) उसमें धक्का खाने से
(B) उसमें बंद हो जाने से
(C) उसमें मिल जाने से
(D) उसमें चू पड़ने से
उत्तर:
(D) उसमें चू पड़ने से

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 5 एक बूँद (कविता)

प्रश्न 11.
बूँद जब बादलों से निकल गई, तब क्या हुआ ?
(A) हवा समुद्र से आई
(B) एक आँधी आई
(C) हवा ऊपर उठी
(D) एक हवा बही
उत्तर:
(D) एक हवा बही

प्रश्न 12.
बूँद हवा के साथ कहाँ आई ?
(A) समुद्र में
(B) खुशी से सागर की ओर
(C) बादल में
(D) अनमना होकर सीप में
उत्तर:
(A) समुद्र में

प्रश्न 13.
बूँद के समुद्र की ओर आने के समय उसके मन में क्या भाव था ?
(A) अनमनापन
(B) साहस
(C) हिचकिचाहट
(D) डर
उत्तर:
(A) अनमनापन

प्रश्न 14.
बूँद कहाँ गिर पड़ी ?
(A) समुद्र में
(B) पहाड़ पर
(C) कमल पर
(D) सीप में
उत्तर:
(D) सीप में

प्रश्न 15.
बूँद गिर पड़ते समय किसका मुँह खुला था ?
(A) सफेद सी पका
(B) बड़ी सी सीप का
(C) एक मछली का
(D) सुंदर सीप का
उत्तर:
(D) सुंदर सीप का

प्रश्न 16.
बूँद कहाँ मोती बनी ?
(A) सीप में
(B) समुद्र में
(C) कमल में
(D) बादल में
उत्तर:
(A) सीप में

प्रश्न 17.
घर छोड़ने के समय लोग प्राय: क्या करते हैं ?
(A) खुश होते हैं
(B) लक्ष्य की और दौड़ते हैं
(C) चल पड़ते हैं
(D) झिझकते हैं
उत्तर:
(D) झिझकते हैं

प्रश्न 18.
एक बूँद कविता में घर छोड़ने का अर्थ क्या हैं ?
(A) घर खाली करना
(B) घर में जी न लगना
(C) कोई काम शुरू करना
(D) काम पूरा करदेना
उत्तर:
(C) कोई काम शुरू करना

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 5 एक बूँद (कविता)

प्रश्न 19.
घर न छोड़ने बालों के मन में क्या रहता है ?
(A) काम करने से डर
(B) निश्चिंत भाव
(C) सफल होने का डर
(D) साहस
उत्तर:
(A) काम करने से डर

प्रश्न 20.
बूँद को अंत में क्या मिलता है ?
(A) एक बड़ी सफलता
(B) बड़ी आशंका
(C) विफलता
(D) थोड़ा-सा संतोष
उत्तर:
(A) एक बड़ी सफलता

प्रश्न 21.
बूँद कैसे मोती बन सकी ?
(A) जोखिम उठाकर काम करने से
(B) डरते हुए काम करने से
(C) हवा का साथ देने से
(D) सीप का मुँह बंद रहने से
उत्तर:
(A) जोखिम उठाकर काम करने से

प्रश्न 22.
एक बूँद पाठ से कौन-सी सीख मिलती है ?
(A) जोखिम उठाकर काम करो
(B) आलस छोड़ दो
(C) आसान काम पहले करो
(D) सोच-समझकर कठिन काम करो
उत्तर:
(A) जोखिम उठाकर काम करो

प्रश्न 23.
मोती कहाँ बनता है ?
(A) सीप में
(B) बूँद में
(C) बादल में
(D) समुद्र में
उत्तर:
(A) सीप में

प्रश्न 24.
सीप में मोती कैसे बनता है ?
(A) उसमें बूँद गिरने से
(B) अपना मुँह बंद रखने से
(C) मुँह खुला रखने से
(D) समुद्र में हवा बहने से
उत्तर:
(A) उसमें बूँद गिरने से

प्रश्न 25.
बूँद कहाँ से निकली ?
(A) आसमान से
(B) सागर से
(C) बादल से
(D) पानी से
उत्तर:
(C) बादल से

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 5 एक बूँद (कविता)

प्रश्न 26.
बूँद को दुख हुआ:
(A) गिर पड़ने से
(B) मोती बनने से
(C) घर छोड़ने से
(D) सूख जाने से
उत्तर:
(C) घर छोड़ने से

प्रश्न 27.
बूँद को कहाँ चू पड़ने का डर है ?
(A) धूल में
(C) अंगार पर
(B) आग में
(D) फूल में
उत्तर:
(D) फूल में

प्रश्न 28.
बूँद किसके साथ चल पड़ी ?
(A) हवा के
(B) समुंदर के
(C) सिप के साथ
(D) अकेली
उत्तर:
(A) हवा के

प्रश्न 29.
बूँद कहाँ गिर पड़ी ?
(A) समुंदर में.
(B) सीप में
(C) जमीन पर
(D) मोती में
उत्तर:
(B) सीप में

प्रश्न 30.
लोग कब झिझकते हैं ?
(A) सफलता पाने पर
(B) विफल होने पर
(C) घर छोड़ते समय
(D) कठिनाई होने पर
उत्तर:
(C) घर छोड़ते समय

प्रश्न 31.
कौन मोती बन गई ?
(A) बूँद
(B) पानी
(C) सीप का मुँह
(D) सीप
उत्तर:
(A) बूँद

प्रश्न 32.
बूँद को समुद्र को कौन ले गयी ?
(A) बिजली
(B) पानी
(C) हवा
(D) बादल
उत्तर:
(C) हवा

प्रश्न 33.
‘बूँद की तरह और कुछ बन जाना इसका अर्थ क्या है ?
(A) मिट जाना
(B) जोखिम उठाना
(C) सफल हो जाना
(D) अनमना होना
उत्तर:
(C) सफल हो जाना

क’ स्तम्भ के पदों के साथ ‘ख’ स्तम्भ के पदों का मिलान

‘क’ स्तम्भ
1. सोचने फिर-फिर यही जी में लगी
2.या जलूँगी गिर अंगारे पर किसी हवा
3. बह गई उसका एक ऐसी
4. एक सुंदर सीपका या मुँह खुला
5. किन्तु घर का छोड़ना अकसर उन्हें

‘ख’ स्तम्भ
वह उसी में जा पड़ी, मोती बनी
बूँद कुछ और ही देता है कर
चूँ पहूँगी या कमल के फूल में
वह समुंदर ओर आई अनमनी
आहा ! क्यों घर छोड़कर मैं यों कढ़ी
उत्तर:
‘क’ स्तम्भ

1. सोचने फिर-फिर यही जी में लगी
2.या लूँगी गिर अंगारे पर किसी हवा
3. बह गई उस काल एक ऐसी
4.एक सुंदर सीप का या मुँह खुला
5.किन्तु घर का छोड़ना अकसर उन्हें

‘ख’ स्तम्भ
आहा ! क्यों घर छोड़कर मैं यों कढ़ी
चूँगी या कमल के फूल में.
वह समुंदर ओर आई अनमनी
वह उसी में जा पड़ी, मोती बनी
बूँद लौं कुछ और ही देता है कर

३० शब्दों / दो-तीन वाक्यों में उत्तर दीजिए :

प्रश्न 1.
बादलों की गोद से निकलकर, बूँद क्या सोचने लगी ? or, बूँद क्यों पछता रही है ?
उत्तर:
वह बादलों की गोद छोड़कर बाहर निकली तो उसे – डर लगा । वह पछताई कि मैं क्यों घर छोड़कर बाहर चली आई । अब उसमें जीवन में कुछ काम करने या संघर्ष करने की चाह नहीं है ।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 5 एक बूँद (कविता)

प्रश्न 2.
बूँद को किस-किस बात का डर है ?
उत्तर:
बूँद बादलों की गोद से निकलकर डरती है कि. सोचती है कि मेरे भाग्य में क्या लिखा है ? मैं बच सकूँगी या नहीं ? क्या मैं धूल में मिल जाऊँगी या अंगारे पर जल जाऊँगी या किसी कमल के फूल में चू- पहूँगी ?

प्रश्न 3.
हवा के कारण बूँद किस ओर पहुँची ?
उत्तर:
बूँद जब घर से निकल पड़ती है, उस समय तरह- तरह की चिंताऐं उसे घेर जाती हैं । उसी समय एक हवा समुद्र की ओर बहने लगी । बूँद कुछ करने की चाह में उसी हवा के साथ समुद्र में जा पहुँची।

प्रश्न 4.
बूँद कैसे मोती बन गई ?
उत्तर:
बूँद हवा के साथ समुद्र की ओर चल पड़ी । उस समय समुद्र में एक सीप का मुँह खुला था । बूँद उसी में गिर पड़ी और अंत में मोती बन गई ।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 5 एक बूँद (कविता)

प्रश्न 5.
बूँद से लोगों को क्या सीखना चाहिए ? or लोगों को घर छोड़ने में झिझक क्यों होती है ?
उत्तर:
बूँद ने काम करने और संघर्ष करने का जोखिम उठाया, तो वह मोती बन गई। लोग भी पहले कुछ काम करने को झिझकते हैं सोच में पड़ जाते हैं । जब वे डर छोड़कर साहसपूर्वक कोई काम करते हैं तो अंत में उन्हें बूँद की तरह बड़ी सफलता मिलती है ।

कवि परिचय :

अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ का जन्म १५ अप्रैल १८६५ ई. को हुआ था । वे १९२४ से १९४१ तक काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में अध्यापना करते रहे । उन्होंने सर्वप्रथम खड़ीबोली में बाल-साहित्य की रचना की । उन्होंने मुहावरेदार भाषा में खड़ीबोली कविता लिखना शुरू किया था ।
७ र्माच १ ९ ४७ को उनका निधन हो गया । उनकी काव्य रचनाएँ – मिय प्रवास, वैदेही वनवास, रसकलश, चोखे चौपदे, पद्य प्रमोद आदि ।

कविता का भावबोध :

जीवन-पथ पर आगे बढ़ते रहना जरूरी है । भविष्य में क्या होगा, कहा नहीं जा सकता । मन में यह विश्वास रखना चाहिए कि जो होगा, अच्छा ही होगा । बूँद जब मेघ-घर से निकलती है, उसके मन में तरह-तरह की आशंकाएँ उत्पन्न होती हैं । पर वह हवा के झोंके में जाकर समुद्र के सीप के मुँह में पड़कर मोती बन जाती है । लोग डर के मारे घर-ब्बोड़ना या कोई काम करना नहीं चाहते । उन्हें जोखिम उठाना चाहिए, तब उनको सफलता मिलेगी ।

सप्रसंग व्याख्या

ज्यों निकलकर बादलों की गोद से,
थी अभी एक बूँद कुछ आगे बढ़ी,
सोचने फिर-फिर यही जी में लगी,
आह! क्यों घर छोड़कर में यों कठ़ी !

शब्दार्थ

  • गोद- क्रोड़ । जी – मन
  • कढ़ना – निकलना ।
  • बाहर आना

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 5 एक बूँद (कविता)

व्याख्या

एक बूँद बादलों की गोद में अब तक थी । अब बादलों की गोद से निकलकर कुछ आगे बढ़ी 1 वह मन में बार-बार यही सोचने लगी कि मैं क्यों घर छोड़कर बाहर निकली ?

दैव, मेरे भाग्य में है क्या बदा,
मैं बचूँगी या मिलूँगी धूल में,
या जलूँगी गिर अँगारे पर किसी
चू पडूँगी या कमल के फूल में ।

शब्दार्थ(हाळार्थ)

  • दैव-विधाता
  • बदा-लिखा
  • बचना-रक्षित रहना
  • धूल में मिलना-नष्ट होना
  • अंगारा-जलता हुआ कोयला
  • चू पड़ना-टपकना,बूँद-बूँद गिरना
  • कमल-पया

व्याख्या

हे विधाता !मेरे भाग्य में क्या लिखा है,मैं बच जाऊँगी या नष्ट हो जाऊँगी ?मैं किसी जलती लकड़ी पर गिरकर जलूँगी या किसी कमल के फूल में चू पडूँगी । इस प्रकार बूँद के मन में तरह-तरह की आशंकाएँ उत्पन्न होती हैं ।

बह गई उस काल एक ऐसी हवा,
वह समुंदर ओर आई अनमनी,
एक सुंदर सीप का था मुँह खुला,
वह उसी में जा पड़ी,मोती बनी ।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 5 एक बूँद (कविता)

शब्दार्थ (काथर्थ)

  • समुंदर- सागर
  • अनमनी – (अन्यमनस्क)
  • सीप-सीपी
  • मन कहीं और होना

व्याख्या

उस समय एक हवा बही । वह बूँद अनमनी होकर सागर की ओर चली आई । सागर में एक सुंदर सीप का मुँह खुला था । वह बूँद उसी में गिरी और मोती बन गई ।

लोग यों ही हैं झझकते सोचते,
जबकि उनको छोड़ना पड़ता है घर,
किंतु घर का छोड़ना अकसर उन्हें,
बूँद लौं कुछ और ही देता है कर ।

शब्दार्थ (कार्थर्)

  • योंही-ऐसे ही
  • झिझकना- दुबिधा में पड़ना ।
  • आगा-पीछा करना

व्याख्या

जब कुछ लोगों को घर ब्रोड़ना पड़ता है यों ही वे क्या करें, क्या न करें, इस दुबिधा में पड़ जाते हैं । लेकिन यह घर छोड़ना ही उन्हें बूँद की तरह और कुछ बना देता है । उनको बड़ी सफलता मिल जाती है ।

कविता का सारांश

‘अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ ने ‘एक बूँद कविता में मनुष्य को कर्म-प्रेरणा दी है । बहुत से लोग अपनी स्थिति में संतुष्ट होकर रहते हैं । वे कोई नया काम शुरू करना नहीं चाहते । उनको तरह-तरह की आशंकाएँ सताती हैं । जोखिम न उठानेवाले ऐसे लोग जीवन में सफलता के शिखर पर पहुँच नहीं पाते । कवि ने एक बूँद का उदाहरण देकर ऐसे लोगों को कर्म-तत्पर होने और परिस्थिति का सामना करने की प्रेरणा देते हैं ।

बादल बूँद का घर है । एक बूँद बादलों की गोद में बैठी थी। वह अपनी स्थिति में संतुष्ट थी। एक बार वह बादलों से बाहर निकलकर आगे बढ़ने लगी । उस समय वह बार-बार मन में सोचने लगो कि मैं क्यों घर छोड़कर बाहर आई ?

उसके मन में तरह-तरह की आशंकाएँ उत्पन्न हुईं । उसने सोचा कि मैं बच जाऊँगी या नष्ट हो जाऊँगी ? अँगारे पर गिरकर जल जाऊँगी या कमल के फूल में चू पडूँगी ? उसी समय हवा बहने लगी । वह अनमनी होकेर समुद्र की ओर चल पड़ी । समुद्र में एक सुंदर सीप का मुँह खुला था । वह बूँद जाकर उसमें गिरी और मोती बन गई ।(कवि कल्पना है कि स्वाती नक्षत्र में वर्षा की बूँद सीप में गिरने से मोती बन जाती है ।)

वैसे अनेक लोगहैं, जो घर ब्रोड़ने यानी नया काम करने कों झिझकते हैं । उनमें बाधाओं से जुझने का साहस नहीं होता । लेकिन काम शुरू कर देने का साहस अक्सर उनको सीप की तरह बना देता है, यानी उसको एक बड़ी सफलता मिल जाती है । कवि का कहना है कि अनिश्चित आशंका से दुबिधा में पड़ने की अपेक्षा साहस करके जोखिम भरे काम में लग जाना चाहिए, अंत में सफलता निश्चित रूप से मिलेगी ।

BSE Odisha 8th Class Hindi Solutions Chapter 5 एक बूँद (कविता)

ସାରାଂଶ

ଅଯୋଧ୍ୟା ସିଂହ ଉପାଧ୍ୟାୟ ‘ହରିଔଧ’ ‘ଏକ ବୃଦ’ କବିତାରେ ମନୁଷ୍ୟକୁ କର୍ମ-ପ୍ରେରଣା ଦେଇଛନ୍ତି । ଅନେକ ଲୋକ ନିଜ ସ୍ଥିତିରେ ସନ୍ତୁଷ୍ଟ ହୋଇ ରହିଯାଆନ୍ତି । ସେମାନେ କୌଣସି ନୂଆ କାମ ଆରମ୍ଭ କରିବାକୁ ଚାହାଁନ୍ତି ନାହିଁ । ତାଙ୍କ ମନରେ ବିଭିନ୍ନ ପ୍ରକାରର ଆଶଙ୍କା ସୃଷ୍ଟି ହୁଏ । ବିପଦର ଆଶଙ୍କାରେ କୌଣସି କାମ ଆରମ୍ଭ କରୁ ନ ଥିବା ଲୋକଙ୍କୁ ଜୀବନରେ ସଫଳତା ମିଳିପାରେ ନାହିଁ । କବି ଗୋଟିଏ ଜଳଟୋପାର ଉଦାହରଣ ଦେଇ ଏଭଳି ଲୋକଙ୍କୁ କର୍ମତତ୍ପର ହେବା ଓ ପରିସ୍ଥିତିର ସମ୍ମୁଖୀନ ହେବାକୁ ପ୍ରେରଣା ଦେଇଛନ୍ତି ।

ଜଳଟୋପାର ଘର ବଉଦରେ । ଗୋଟିଏ ଜଳଟୋପା ବଉଦ କୋଳରେ ବସିଥିଲା । ସେ ତା’ ସ୍ଥିତିରେ ସନ୍ତୁଷ୍ଟ ଥିଲା । ଥରେ ସେ ବଉଦ ଭିତରୁ ବାହାରକୁ ବାହାରି ଆଗକୁ ବଢ଼ିଲା । ସେତେବେଳେ ସେ ମନରେ ବାରମ୍ବାର ଭାବିବାକୁ ଲାଗିଲା ଯେ ମୁଁ କାହିଁକି ଘର ଛାଡ଼ି ବାହାରକୁ ଆସିଲି । ତା’ ମନରେ ବିଭିନ୍ନ ପ୍ରକାରର ଆଶଙ୍କା ଜନ୍ମ ହେଲା । ସେ ଭାବିଲା ମୁଁ ବଞ୍ଚିଯିବି କି ନଷ୍ଟ ହୋଇଯିବି । ଜଳନ୍ତା କାଠ ଉପରେ ପଡ଼ି ଜଳିଯିବି ନା ପଦ୍ମଫୁଲ ଭିତରେ ଖସି ପଡ଼ିବି ।

ସେତିକିବେଳେ ପବନ ବହିଲା । ସେ ଅନ୍ୟମନସ୍କ ଭାବରେ ସମୁଦ୍ର ଆଡ଼କୁ ଚାଲିଲା । ସମୁଦ୍ରରେ ଗୋଟିଏ ସୁନ୍ଦର ଶାମୁକାର୍ ମୁହଁ ଖୋଲା ଥିଲା । ଜଳଟୋପାଟି ଯାଇ ତା’ରି ଭିତରେ ପଡ଼ିଲା ଓ ମୋତିରେ ପରିଣତ ହୋଇଗଲା । (କବି-କଳ୍ପନା ଅନୁସାରେ ସ୍ଵାତୀ ନକ୍ଷତ୍ରରେ ବର୍ଷା ଜଳବିନ୍ଦୁ ଶାମୁକା ଗର୍ଭରେ ପଡ଼ିଲେ ତାହା ମୋତିରେ ପରିଣତ ହୋଇଯାଏ ।)ସେହିଭଳି ଅନେକ ଲୋକ ଅଛନ୍ତି, ଯେଉଁମାନେ ଘର ଛାଡ଼ିବାକୁ ଅର୍ଥାତ୍ ନୂଆ କାମଟିଏ କରିବାକୁ ବିଧା ପ୍ରକାଶ କରନ୍ତି । ସେମାନଙ୍କ ଭିତରେ ବାଧା ବିଘ୍ନ ସହିତ ସଂଘର୍ଷ କରିବା ପାଇଁ ସାହସ · ନଥାଏ । କିନ୍ତୁ ଅନେକ ସମୟରେ କାମ ଆରମ୍ଭ କରିଦେବାର ସାହସ ସେମାନଙ୍କୁ ଶାମୁକା ଭଳି କରିଦିଏ ଅର୍ଥାତ୍ ସେମାନଙ୍କୁ ଏକ ବଡ଼ ଧରଣର ସଫଳତା ମିଳିଯାଏ ।କବିଙ୍କର କହିବାର ଉଦ୍ଦେଶ୍ୟ ହେଉଛି – ଅନିଶ୍ଚିତ ଆଶଙ୍କାରେ ଦ୍ଵିଧାଗ୍ରସ୍ତ ହେବା ଅପେକ୍ଷା ସାହସ କରି ବିପଦପୂର୍ଣ୍ଣ କାର୍ଯ୍ୟରେ ଲାଗିଯିବା ଉଚିତ । ତେବେ ଶେଷରେ ନିଶ୍ଚିତ ଭାବରେ ସଫଳତା ମିଳିବ ।

 

BSE Odisha 8th Class Science Notes Chapter 17 ତାରକା ଓ ସୌରଜଗତ

Odisha State Board BSE Odisha 8th Class Science Notes Chapter 17 ତାରକା ଓ ସୌରଜଗତ will enable students to study smartly.

BSE Odisha Class 8 Science Notes Chapter 17 ତାରକା ଓ ସୌରଜଗତ

ଉପକ୍ରମ (Introduction) :
(i) ମହାଜାଗତିକ ବସ୍ତୁ (celestial objects) କୁହାଯାଏ ।
(ii) ଯେଉଁ ମହାକାଶୀୟ ବସ୍ତୁଗୁଡ଼ିକ ଦପ୍ଦପ୍ କରୁଥା’ନ୍ତି, ସେମାନଙ୍କୁ ତାରା, ତାରକା ବା ନକ୍ଷତ୍ର (stars) କୁହାଯାଏ । ଏମାନେ ନିଜେ ଗୋଟିଏ ଗୋଟିଏ ଆଲୋକର ଉତ୍ସ ।
(iii) ଯେଉଁ ମହାକାଶୀୟ ବସ୍ତୁଗୁଡ଼ିକ ସ୍ଥିର ଆଲୋକ ପ୍ରଦାନ କରିବାଭଳି ଦେଖାଯାଆନ୍ତି, ସେମାନେ ଗ୍ରହ (planets) ବା ଉପଗ୍ରହ (satellites) ଅଟନ୍ତି । ଏମାନଙ୍କର ନିଜର ଆଲୋକ ନାହିଁ । ନିକଟବର୍ତୀ ନକ୍ଷତ୍ରର ଆଲୋକରେ ଏମାନେ ଆଲୋକିତ ହୁଅନ୍ତି ।

ଚନ୍ଦ୍ର (The Moon) :
(i) ଚନ୍ଦ୍ର ହେଉଛି ରାତି ଆକାଶର ଉଜ୍ଜ୍ବଳତମ ମହାକାଶୀୟ ବସ୍ତୁ । ଚନ୍ଦ୍ରର ନିଜର ଆଲୋକ ନାହିଁ । ଏହା ସୂର୍ଯ୍ୟର ଆଲୋକରେ ଆଲୋକିତ ହୁଏ ।
(ii) ସୂର୍ଯ୍ୟାଲୋକ ଚନ୍ଦ୍ର ଉପରେ ଯେତିକି ଅଂଶରେ ପଡ଼ି ଆମ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ପ୍ରତିଫଳିତ ହୋଇ ଆସେ ଆମେ ତା’ର ସେତିକି ଅଂଶ ଦେଖୁ । ଚନ୍ଦ୍ର ପୃଥବୀ ଚାରିପଟେ ପରିକ୍ରମଣ କରେ ଏବଂ ପୃଥ‌ିବୀ ତା’ର ପରିକ୍ରମଣରତ ଚନ୍ଦ୍ର ସହିତ ସୂର୍ଯ୍ୟ ଚାରିପଟେ ପରିକ୍ରମଣ କରେ ।
(iii) ଘୂରୁଥ‌ିବା ଅବସ୍ଥାରେ ପ୍ରାୟ ଏକ ସରଳରେଖାରେ ଚନ୍ଦ୍ର ଓ ସୂର୍ଯ୍ୟର ଅବସ୍ଥାନ ମଝିରେ ପୃଥ‌ିବୀ ରାତି ହୋଇଥ‌ିବା ଅଂଶକୁ ଚନ୍ଦ୍ର ଗୋଲାକାର ଥାଳିପରି ଦେଖାଯାଏ । ଏହାକୁ ଆମେ ପୂର୍ଣ୍ଣମୀ (Full moon ରହିଲେ ଏହାର ରାତି ହୋଇଥିବା ଅଂଶକୁ ଚନ୍ଦ୍ର ଗୋଲାକାର ଥାଳିପରି ଦେଖାଯାଏ । ଏହାକୁ ଆମେ ପୂର୍ଣ୍ଣମୀ (Full moon day) କହୁ ।
(iv) ଅନ୍ୟ ପକ୍ଷରେ ପ୍ରାୟ ଏକ ସରଳରେଖାରେ ପୃଥ‌ିବୀ ଓ ସୂର୍ଯ୍ୟର ଅବସ୍ଥାନ ମଝିରେ ଚନ୍ଦ୍ର ରହିଲେ ପୃଥ‌ିବୀର ରାତି ଆକାଶରେ ଏହା ରହିଥାଏ । ସେ ଦିନଟିକୁ ଅମାବାସ୍ୟା (New moon day) କହନ୍ତି ।
(v) ପରିକ୍ରମଣରତ ଚନ୍ଦ୍ରର ଗୋଟିଏ ପୂର୍ଣମୀରୁ ଆଉ ଗୋଟିଏ ପୂର୍ଣ୍ଣମୀ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ବା ଗୋଟିଏ ଅମାବାସ୍ୟାରୁ ଆଉ ଦେଖାଯାଏ, ଆମେ ତାକୁ ସେହି ଆକାରରେ ଦେଖୁ ।
(vi) ପୃଥ‌ିବୀ ଚାରିପଟେ ଚନ୍ଦ୍ରର ପରିକ୍ରମଣ ସମୟ ଓ ନିଜ ଅକ୍ଷ ଚାରିପଟେ ଏହାର ଆବର୍ତ୍ତନ ସମୟ ପ୍ରାୟ ସମାନ ଥ‌ିବାହେତୁ ପୃଥ‌ିବୀର ଯେ କୌଣସି ସ୍ଥାନରୁ ଚନ୍ଦ୍ରର ଗୋଟିଏ ପାର୍ଶ୍ବ ହିଁ ସବୁବେଳେ ଦେଖାଯାଏ ।
(vii) ଗୋଟିଏ ଅମାବାସ୍ୟାରୁ ଅନ୍ୟ ଅମାବାସ୍ୟା ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ବା ଗୋଟିଏ ପୂର୍ଣ୍ଣମୀରୁ ଅନ୍ୟ ପୂର୍ଣ୍ଣମୀ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ସମୟ ପ୍ରାୟ 29 ଦିନ 12 ଘଣ୍ଟା 43 ମିନିଟ୍ 12 ସେକେଣ୍ଡ । ଏହି ସମୟକୁ ଏକ ଚାନ୍ଦ୍ରମାସ କୁହାଯାଏ । ସୂର୍ଯ୍ୟର ଆକର୍ଷଣ ଓ

BSE Odisha 8th Class Science Notes Chapter 17 ତାରକା ଓ ସୌରଜଗତ

ଚନ୍ଦ୍ରକଳାର ହ୍ରାସବୃଦ୍ଧି :
(i) ଅମାବାସ୍ୟାଠାରୁ ପୂର୍ଣ୍ଣମୀ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ଏହି ଆଲୋକିତ ଅଂଶ କ୍ରମଶଃ ବୃଦ୍ଧିପ୍ରାପ୍ତ ହୁଏ ଏବଂ ପୂର୍ଣ୍ଣମୀ ପରଠାରୁ ଅମାବାସ୍ୟା ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ଏହି ଆଲୋକିତ ଅଂଶ କ୍ରମଶଃ କ୍ଷୟପ୍ରାପ୍ତ ହୁଏ । ଚନ୍ଦ୍ରର ଆକୃତିରେ ଏପରି ପରିବର୍ତ୍ତନକୁ ଚନ୍ଦ୍ର ସୂର୍ଯ୍ୟର ଆଲୋକରେ ଆଲୋକିତ ହୁଏ । ସୂର୍ଯ୍ୟାଲୋକ ଚନ୍ଦ୍ର ଉପରେ ଯେତିକି ଅଂଶରେ ପଡ଼ି ପ୍ରତିଫଳିତ ହୋଇଥାଏ, ତା’ର ସେତିକି ଅଂଶ ଦେଖାଯାଏ ।
(ii) ଚନ୍ଦ୍ର ପୃଥବୀ ଚାରିପଟେ ପରିକ୍ରମଣ କରେ ଏବଂ ପୃଥ‌ିବୀ ତା’ର ପରିକ୍ରମଣରତ ଚନ୍ଦ୍ର ସହିତ ସୂର୍ଯ୍ୟ ଚାରିପଟେ ପରିକ୍ରମଣ କରେ ।

BSE Odisha 8th Class Science Notes Chapter 17 ତାରକା ଓ ସୌରଜଗତ 1

1. ଚନ୍ଦ୍ରର ପରିକ୍ରମଣ କାଳ 27.3 ଦିନ
2. ପୃଥ‌ିବୀଠାରୁ ଚନ୍ଦ୍ରର ଦୂରତା ପ୍ରାୟ 384,400 କି.ମି.
3. ଚନ୍ଦ୍ରର ବ୍ୟାସ, ପୃଥ‌ିବୀ ବ୍ୟାସର \(=\frac{10}{1000}\) ଅଂଶ
4. ଚନ୍ଦ୍ରର ମାଧ୍ୟାକର୍ଷଣ ପୃଥ‌ିବୀର \(=\frac{10}{1000}\) ଅଂଶ

ଚନ୍ଦ୍ରର ଗଠନ :
(i) ଚନ୍ଦ୍ରରେ ସମତଳ ସ୍ଥାନ ବ୍ୟତୀତ ସାଗର ଭଳି ବିରାଟ ଗର୍ଭ ଓ ପର୍ବତ ଭଳି ଉଚ୍ଚସ୍ଥାନ ରହିଛି ।
(ii) ଏହାର ପୃଷ୍ଠତଳ ଛୋଟବଡ଼ ଗର୍ଭରେ ପରିପୂର୍ଣ୍ଣ ହୋଇଥିବାରୁ ଏହା ଅସମତଳ ।
(iii) ଏହାର ବାୟୁମଣ୍ଡଳ ଅତି ପତଳା ଏବଂ ଏଠାରେ ଜଳର ଉପସ୍ଥିତି ସଂପର୍କରେ ସଠିକ୍ ତଥ୍ୟ ଆଜି ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ମିଳିପାରି ନାହିଁ । ତେଣୁ ଚନ୍ଦ୍ରରେ ଜୀବଜଗତ ନାହିଁ ।
(iv) ପୃଥ‌ିବୀ ଚାରିପଟେ ଚନ୍ଦ୍ରର ପରିକ୍ରମଣ ସମୟ ଓ ନିଜ ଅକ୍ଷ ଚାରିପଟେ ଏହାର ଆବର୍ତ୍ତନ ସମୟ ପ୍ରାୟ ସମାନ ଥ‌ିବାରୁ ପୃଥ‌ିବୀର ଯେ କୌଣସି ସ୍ଥାନରୁ ଚନ୍ଦ୍ରର ଗୋଟିଏ ପାର୍ଶ୍ୱ ହିଁ ସମ୍ପୂର୍ଣ ଦେଖାଯାଏ ।

1969 ମସିହା July-21 ରେ ଆପୋଲୋ – 11 ମହାକାଶଯାନରେ ଯୁକ୍ତରାଷ୍ଟ୍ର ଆମେରିକାର ତିନିଜଣ ମହାକାଶଚାରୀ ନିଲ୍ ଆର୍ମଷ୍ଟ୍ରଙ୍ଗ ଏଡ଼ୱିନ୍ ଆଲଡ୍ରିନ୍ ଓ ମାଇକେଲ୍ କଲିନ୍ସ ଚନ୍ଦ୍ରକୁ ଯାତ୍ରା କରିଥିଲେ । ସେମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରୁ ପ୍ରଥମେ ଜିଲ୍ ଆର୍ମଷ୍ଟ୍ରଙ୍ଗ ଚନ୍ଦ୍ରପୃଷ୍ଠରେ ଅବତରଣ କରିଥିଲେ ।

ନକ୍ଷତ୍ର ବା ତାରକା (The stars) :
(i) ନକ୍ଷତ୍ର ବା ତାରକାମାନଙ୍କର ନିଜସ୍ଵ ଆଲୋକ ରହିଛି । ସୂର୍ଯ୍ୟ ଏକ ତାରକା । ସୂର୍ଯ୍ୟ ଆମଠାରୁ ପ୍ରାୟ150,000,000 କି.ମି. ବା 150 ନିୟୁତ କି.ମି. ଦୂରରେ ରହିଛି ।
(ii) ସୌରଜଗତ ବାହାରେ ଆମର ନିକଟତମ ତାରକା ହେଉଛି ଆଲ୍‌ଫାସେଣ୍ଟାଉରୀ । ଏହା ଆମଠାରୁ ପ୍ରାୟ 4 × 1013 ନିୟୁତ କି.ମି. ଦୂରରେ ରହିଛି ।
(iii) ମହାକାଶୀୟ ବସ୍ତୁମାନଙ୍କର ଦୂରତା ‘ଆଲୋକ ବର୍ଷ’ ଏକକରେ ପ୍ରକାଶ କରାଯାଏ । ଆଲୋକ ଏକ ବର୍ଷରେ ଯେଉଁ ଦୂରତା ଅତିକ୍ରମ କରେ ତାହାକୁ ଏକ ଆଲୋକ ବର୍ଷ କହନ୍ତି ।
(iv) ଆଲୋକର ବେଗ ସେକେଣ୍ଡ ପ୍ରତି ପ୍ରାୟ ତିନି ଲକ୍ଷ କି.ମି. । ଏକ ବର୍ଷରେ ଆଲୋକ ଅତିକ୍ରମ କରୁଥିବା ଦୂରତା ପ୍ରାୟ 9.5 × 102 କି.ମି. । ଏହି ଏକକରେ ଆମଠାରୁ ସୂର୍ଯ୍ୟର ଦୂରତା ହେବ ପ୍ରାୟ 8 ଆଲୋକ ମିନିଟ୍ ।
(v) ଆଲ୍‌ଫାସେଣ୍ଟାଉରୀର ଦୂରତା ହେବ ପ୍ରାୟ 4.29 ଆଲୋକ ବର୍ଷ ।
(vi) ଦିନବେଳା ସୂର୍ଯ୍ୟାଲୋକର ପ୍ରଭାବରେ ତାରାମାନେ ଆକାଶରେ ଥିଲେ ବି ଦେଖାଯାଆନ୍ତି ନାହିଁ । ଉଚ୍ଚମାନର
(vii) ତାରାମାନଙ୍କୁ ଭଲ ଭାବରେ ଦେଖିବା ଏବଂ ଅଧିକା ଗବେଷଣା କରିବା ପାଇଁ ଅନେକ ମାନମନ୍ଦିର ପ୍ରତିଷ୍ଠା
(viii) ସମସ୍ତ ତାରା ଗତିଶୀଳ ଜଣାପଡୁଥିଲେ ମଧ୍ୟ ଏହା ସ୍ଥିର ଦେଖାଯାଏ । ତେଣୁ ଏହାକୁ ଧ୍ରୁବତାରା (Polestar) କହନ୍ତି । ଏହା ଆମକୁ ପୃଥ‌ିବୀର ଉତ୍ତର ଦିଗରେ ଥ‌ିବା ଆକାଶରେ ଦେଖାଯାଏ ।

BSE Odisha 8th Class Science Notes Chapter 17 ତାରକା ଓ ସୌରଜଗତ

ନକ୍ଷତ୍ର (Constellations) :
(i) ମହାକାଶରେ ତାରାଗୁଡ଼ିକ ବିଭିନ୍ନ ଆକାରରେ ସଜ୍ଜିତ ହୋଇ ରହିଥିବାପରି ଦେଖାଯାଆନ୍ତି । ଏହାକୁ ତାରକାପୁଞ୍ଜ ବା ନକ୍ଷତ୍ରମଣ୍ଡଳ କୁହାଯାଏ ।
(ii) ଆମ ରାଶିଚକ୍ରରେ ଥ‌ିବା ଚାରୋଟି ରାଶି ଏଭଳି ଗୋଟିଏ ଗୋଟିଏ ତାରକାପୁଞ୍ଜ ।
(iii) ଖରାଦିନେ ସନ୍ଧ୍ୟା ଆକାଶରେ ଦେଖାଯାଉଥିବା ନକ୍ଷତ୍ରମଣ୍ଡଳ ହେଉଛି ସପ୍ତର୍ଷିମଣ୍ଡଳ । ଏଥ‌ିରେ ସାତଟି ଉଜ୍ଜଳ ତାରକା ଦେଖାଯା’ନ୍ତି ଏବଂ ଏହା ଆକାଶରେ ଏକ ପ୍ରଶ୍ନବାଚକ ଚିହ୍ନ (?) ପରି ଦେଖାଯାଏ ।
(iv) ଆମ ଦେଶରେ ଏହାକୁ ସପ୍ତର୍ଷିମଣ୍ଡଳ କୁହାଯାଉଥ‌ିବାବେଳେ ପାଶ୍ଚାତ୍ୟ ଦେଶମାନଙ୍କରେ ଏହାକୁ ଗ୍ରେଟ୍ ବିୟର୍ ବା ବିଗ୍ ଡିପର କୁହାଯାଏ ।
(v) ଏହି ନକ୍ଷତ୍ରମଣ୍ଡଳ ଧ୍ରୁବତାରାକୁ କେନ୍ଦ୍ର କରି ଘୂରୁଥିବାର ଜଣାଯାଏ । ରାତିରେ ସପ୍ତର୍ଷିମଣ୍ଡଳକୁ ଆଧାର କରି ଧ୍ରୁବତାରା ଚିହ୍ନି ହୁଏ ।
(vi) ସମସ୍ତ ତାରା ଓ ତାରକାପୁଞ୍ଜ ଧ୍ରୁବତାରା ଚାରିପଟେ ଘୂରିବାପରି ଦେଖାଯା’ନ୍ତି । ପୃଥ‌ିବୀର ଦକ୍ଷିଣ ଗୋଲାର୍ଦ୍ଧରେ ଧ୍ରୁବତାରା ଚିହ୍ନି ହୁଏ ।
(vii) କାଳପୁରୁଷମଣ୍ଡଳ ଅନ୍ୟତମ ତାରକାପୁଞ୍ଜ । ଶୀତଦିନେ ଅଳ୍ପ ରାତିରେ ଏହା ସ୍ପଷ୍ଟ ଦେଖାଯାଏ । ଖାଲି ଆଖ ଏହି ରେଖାଟି ଶିକାରୀର ଅଣ୍ଟାବେଲ୍ଟ ପରି ଦିଶୁଥ‌ିବାରୁ ଏହାକୁ ଶିକାରୀ ତାରା କୁହାଯାଏ ।
(viii) ଏହି ତିନୋଟି ତାରାକୁ ଏକ କାଳ୍ପନିକ ରେଖାରେ ଯୋଡ଼ି ପୂର୍ବଦିଗ ଆଡ଼କୁ ଅଳ୍ପବାଟ ବଢ଼ାଇଦେଲେ ଆକାଶର ଉଜ୍ଜ୍ବଳତମ ତାରକା ‘ସିରିୟସ୍’’ କୁ ଦେଖୁହେବ ।
(ix) କ୍ୟାସିଓପିଆ ଉତ୍ତର ଆକାଶରେ ଦେଖାଯାଉଥିବା ଆଉ ଏକ ତାରକାପୁଞ୍ଜ । ଏହା ଇଂରାଜୀ ଅକ୍ଷର “W” କିମ୍ବା “M” ପରି ଦେଖାଯାଏ । ସପ୍ତର୍ଷିମଣ୍ଡଳ ଅନୁପସ୍ଥିତିରେ କ୍ୟାସିଓପିଆ ଧ୍ରୁବତାରା ଚିହ୍ନିବାରେ ସାହାଯ୍ୟ କରେ । 66

ସୌର ମଣ୍ଡଳ (The Solar system):
(i) ସୂର୍ଯ୍ୟ ଓ ତା’ର ଚାରିପଟେ ଘୂରୁଥ‌ିବା ୫ଟି ଗ୍ରହ, ସେମାନଙ୍କର ଉପଗ୍ରହ, ଗ୍ରହାଣୁପୁଞ୍ଜ, ଧୂମକେତୁ, ଉଲ୍‌କା ଇତ୍ୟାଦିଙ୍କୁ ନେଇ ସୌରଜଗତ ଗଠିତ ।
BSE Odisha 8th Class Science Notes Chapter 17 ତାରକା ଓ ସୌରଜଗତ 2
(ii) ସୂର୍ଯ୍ୟ ଚାରିପଟେ ଯେଉଁ ସମସ୍ତ ସ୍ଥାନରେ ଏହାର ମହାକର୍ଷଣ ବଳ କାର୍ଯ୍ୟକାରୀ ହୁଏ, ସେ ସମସ୍ତ ସ୍ଥାନ ସୌରଜଗତର ଅନ୍ତର୍ଗତ । ଏହି ମହାକର୍ଷଣ ବଳ ପ୍ରଭାବରେ ସୌରଜଗତରେ ଥ‌ିବା ମହାକାଶୀୟ ବସ୍ତୁଗୁଡ଼ିକ ସୂର୍ଯ୍ୟ ଚାରିପଟେ ପରିକ୍ରମଣ କରନ୍ତି ।

BSE Odisha 8th Class Science Notes Chapter 17 ତାରକା ଓ ସୌରଜଗତ

ସୂର୍ଯ୍ୟ (Sun) :
(i) ଆମ ନିକଟରେ ଥ‌ିବା ସୌରଜଗତର ଏକମାତ୍ର ତାରକା ହେଉଛି ସୂର୍ଯ୍ୟ । ବସ୍ତୁତ୍ଵ, ଉଜ୍ଜଳତା, ତାପମାତ୍ରା ତଥା ଆକାର ଦୃଷ୍ଟିରୁ ଏହା ଏକ ସାଧାରଣ ତାରକା ।
(ii) ସୂର୍ଯ୍ୟର ବ୍ୟାସ ପ୍ରାୟ 1.392 x 10 କି.ମି. । ଏହା ପୃଥ‌ିବୀ ବ୍ୟାସର ପ୍ରାୟ 109 ଗୁଣ । ଏହାର ବସ୍ତୁତ୍ଵ ପ୍ରାୟ 2 x 103 କି.ଗ୍ରା. । ଏହା ପୃଥ‌ିବୀର ବସ୍ତୁତ୍ଵର ପ୍ରାୟ ତିନିଲକ୍ଷ ଗୁଣ ।
(iii) ସୂର୍ଯ୍ୟ ତା’ର ପରିବାରକୁ ନେଇ ଆକାଶଗଙ୍ଗା (Milkyway) ଗ୍ୟାଲକ୍‌ସିର କେନ୍ଦ୍ର ଚାରିପଟେ ପରିକ୍ରମଣ କରୁଛି । ଏହା ସହିତ ସୂର୍ଯ୍ୟ ନିଜ ଅକ୍ଷ ଚତୁର୍ଦ୍ଦିଗରେ ପ୍ରାୟ 25 ଦିନରେ ଥରେ ଆବର୍ତ୍ତନ କରେ । ଏହାର ମୁଖ୍ୟ ଉପାଦାନ ହେଉଛି ହାଇଡ୍ରୋଜେନ୍ ଓ ହିଲିୟମ୍ ।
(iv) ଏତଦ୍‌ବ୍ୟତୀତ ଏଠାରେ ପ୍ରାୟ 60 ଟି ଅନ୍ୟାନ୍ୟ ମୌଳିକ ରହିଥ‌ିବା ଜଣାଯାଇଛି । ଏହାର ବାହ୍ୟସ୍ତରର ତାପମାତ୍ରା ପ୍ରାୟ 6000°C ହୋଇଥିବାବେଳେ କେନ୍ଦ୍ରସ୍ଥଳର ତାପମାତ୍ରା ପ୍ରାୟ 2 କୋଟି ଡିଗ୍ରୀ ସେଲ୍‌ସିୟସ୍‌ରୁ ବେଶୀ । ସୂର୍ଯ୍ୟ ହେଉଛି ସକଳ ଶକ୍ତିର ଆଧାର ।

ଗ୍ରହ (Planet) :
(i) ପରିକ୍ରମଣ କରୁଅଛନ୍ତି । ସୂର୍ଯ୍ୟଠାରୁ ଦୂରତା ଅନୁସାରେ ଏମାନଙ୍କ ନାମ ହେଲା- 1. ବୁଧ, 2. ଶୁକ୍ର, 3. ପୃଥ‌ିବୀ, 4. ମଙ୍ଗଳ, 5. ବୃହସ୍ପତି, 6. ଶନି, 7. ୟୁରେସ୍ ଓ 8. ନେପ୍‌ଚ୍ୟୁନ୍ ।
(ii) ଗ୍ରହଗୁଡ଼ିକ ଦେଖୁବାକୁ ପ୍ରାୟ ଗୋଲକାକୃତି । ଏମାନଙ୍କ କକ୍ଷଗୁଡ଼ିକ ଅଣ୍ଡାକୃତି ।
(iii) କକ୍ଷପଥରେ ଥରେ ପରିକ୍ରମଣ କରିବାପାଇଁ ଯେଉଁ ସମୟ ଲାଗେ ତାକୁ ଗ୍ରହର ପରିକ୍ରମଣକାଳ କୁହାଯାଏ । ପୃଥ‌ିବୀର ପରିକ୍ରମଣକାଳ ପ୍ରାୟ 365 ଦିନ 6 ଘଣ୍ଟା ବା ଏକ ବର୍ଷ I ପରିକ୍ରମଣ କରିବା ସହିତ ଗ୍ରହମାନେ ମଧ୍ୟ ନିଜ ଅକ୍ଷ ଚାରିପଟେ ନଟୁପରି ଘୂରନ୍ତି । ଏହି ଘୂର୍ଣ୍ଣନକୁ ଆବର୍ତ୍ତନ (Rotation) କୁହାଯାଏ ।
(iv) ଗ୍ରହର ଥରେ ଆବର୍ତ୍ତନ ପାଇଁ ଲାଗୁଥିବା ସମୟକୁ ତା’ର ଆବର୍ତ୍ତକାଳ ବା ଆବର୍ତ୍ତନକାଳ କହନ୍ତି । ପୃଥ‌ିବୀର ଆବର୍ତ୍ତନକାଳ ପ୍ରାୟ 23 ଘଣ୍ଟା 56 ମିନିଟ୍ 4 ସେକେଣ୍ଡ ବା ଏକଦିନ ।
(v) ଜ୍ୟୋତିର୍ବିଜ୍ଞାନୀମାନଙ୍କ ମତରେ ଶୁକ୍ର ଓ ୟୁରେନ୍ସ ପୂର୍ବରୁ ପଶ୍ଚିମକୁ ଆବର୍ତ୍ତନ କରୁଥିବାବେଳେ ଅନ୍ୟ ଗ୍ରହମାନେ ପଶ୍ଚିମରୁ ପୂର୍ବକୁ ଆବର୍ତ୍ତନ କରନ୍ତି ।
(vi) ଗ୍ରହମାନେ ଯେପରି ସୂର୍ଯ୍ୟ ଚାରିପଟେ ପରିକ୍ରମଣ କରନ୍ତି, ଉପଗ୍ରହମାନେ ସେହିପରି ଗ୍ରହ ଚାରିପଟେ ପରିକ୍ରମଣ କରନ୍ତି । ଆମ ଗ୍ରହ ପୃଥ‌ିବୀର ଏକମାତ୍ର ପ୍ରାକୃତିକ ଉପଗ୍ରହ ହେଉଛି ଚନ୍ଦ୍ର ।

ବୁଧ (Mercury):
(i) ଦୂରତା ଅନୁସାରେ ବୁଧ ସୂର୍ଯ୍ୟର ନିକଟତମ ଗ୍ରହ । ଆୟତନ ଅନୁସାରେ ଏହା ସୌରଜଗତର କ୍ଷୁଦ୍ରତମ ଗ୍ରହ । ଏହାର ପରିକ୍ରମଣକାଳ ପ୍ରାୟ 58 ଦିନ ଏବଂ ଆବର୍ତ୍ତନକାଳ ପ୍ରାୟ 59 ଦିନ ।
(ii) ବୁଧର ବାୟୁମଣ୍ଡଳ ପ୍ରାୟ ନାହିଁ । ଏହାର ପୃଷ୍ଠଦେଶ ବନ୍ଧୁର ଏବଂ ଖାଲଖମାରେ ପରିପୂର୍ଣ ।
(iii) ସୂର୍ଯ୍ୟୋଦୟର ଅଳ୍ପ ସମୟ ଆଗରୁ ଓ ସୂର୍ଯ୍ୟାସ୍ତର ଅଳ୍ପ ସମୟ ପାଇଁ ଆମେ ଏହାକୁ ଦେଖିପାରିବା ।

ଶୁକ୍ର (Venus) :
(i) ଶୁକ୍ର ପୃଥ‌ିବୀର ନିକଟତମ ଗ୍ରହ । ଏହାର ପୃଷ୍ଠ ପଥୁରିଆ । କିନ୍ତୁ ଏହାକୁ ଘେରିରହିଛି ଏକ ବହଳିଆ ଓ ଈଷତ୍ ହଳଦିଆ ବାୟୁମଣ୍ଡଳ ।
(ii) ଏହା ମୁଖ୍ୟତଃ କାର୍ବନ୍ ଡାଇଅକ୍‌ସାଇଡ୍, ସଫ୍ୟୁରିକ୍ ଏସିଡ୍ ଓ ହାଇଡ୍ରୋକ୍ଲୋରିକ୍ ଏସିଡ୍ ଇତ୍ୟାଦି ବିଷାକ୍ତ ଗ୍ୟାସ୍‌ରେ ଭର୍ତ୍ତି । ତେଣୁ ଶୁକ୍ରରେ ଜୀବନ ସମ୍ଭବ ହୋଇପାରି ନାହିଁ ।
(iii) ବହଳିଆ ବାୟୁମଣ୍ଡଳ ଯୋଗୁଁ ଏହାର ଦିବା ସମୟର ତାପମାତ୍ରା ପ୍ରାୟ 480° C ଓ ଏହା ଜଳଶୂନ୍ୟ । ଶୁକ୍ରରେ ପଡୁଥିବା ସୂର୍ଯ୍ୟାଲୋକର ପ୍ରାୟ 85% ଏହାର ବାୟୁମଣ୍ଡଳରୁ ପ୍ରତିଫଳିତ ହୁଏ । ତେଣୁ ପୃଥ‌ିବୀରୁ ଏହା ଖୁବ୍ ଉଜ୍ଜ୍ବଳ ଦେଖାଯାଏ । ଏହାକୁ ସନ୍ଧ୍ୟାତାରା କିମ୍ବା ପାହାନ୍ତି ତାରା ମଧ୍ୟ କହନ୍ତି ।
(iv) ସୂର୍ଯ୍ୟାସ୍ତ ପରେ ଅଥବା ସୂର୍ଯ୍ୟୋଦୟ ପୂର୍ବରୁ ଦୁଇତିନି ଘଣ୍ଟା ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ 47° ଦିଗବଳୟ ମଧ୍ୟରେ ଏହାକୁ ଦେଖୁହେବ ।

ପୃଥିବୀ (Earth):
(i) ପୃଥ‌ିବୀର ସ୍ଥଳଭାଗକୁ ଭୂମଣ୍ଡଳ, ଜଳଭାଗକୁ ବାରିମଣ୍ଡଳ ତଥା ସମସ୍ତ ପ୍ରାଣୀ ଓ ଉଦ୍ଭଦକୁ ଜୈବମଣ୍ଡଳ କୁହାଯାଏ । ଅନୁକୂଳ ବାୟୁ, ଜଳ, ଭୂଭାଗ ଓ ଉପଯୁକ୍ତ ପରିମାଣର ସୂର୍ଯ୍ୟାଲୋକ ହିଁ ଏହି ଜୈବମଣ୍ଡଳର ବୃଦ୍ଧି ଓ ବିକାଶରେ ସହାୟକ ହୋଇଛି ।
(ii) ଜୈବମଣ୍ଡଳର ସ୍ଥିତି ମଧ୍ୟ ଜୀବ, ଜୀବ ମଧ୍ୟରେ ଥିବା ପାରସ୍ପରିକ ସମ୍ପର୍କ ତଥା ଜୀବ ଓ ପରିବେଶ ମଧ୍ୟରେ ଥ‌ିବା ଭାରସାମ୍ୟ ଉପରେ ନିର୍ଭର କରେ । ମହାକାଶରୁ ପୃଥ‌ିବୀ ନୀଳ-ସବୁଜ ମିଶ୍ରିତ ଏକ ଗୋଲକ ପିଣ୍ଡ ପରି ଦେଖାଯାଏ । ଏଠାରେ ଥ‌ିବା ଜଳ ଓ ସ୍ଥଳଭାଗ ଉପରେ ସୂର୍ଯ୍ୟାଲୋକ ଆପତିତ ହୋଇ ବାୟୁମଣ୍ଡଳକୁ ପ୍ରତିଫଳିତ ହେବା ଯୋଗୁଁ ଏଭଳି ବର୍ଷ ଉତ୍ପନ୍ନ ହୁଏ ।
(iii) ପୃଥ‌ିବୀରେ ବର୍ଷକ ମଧ୍ୟରେ ଛଅଟି ଋତୁ ଅନୁଭୂତ ହୁଏ । ଏହାର ବିଷୁବତଳୀୟ ସମତଳ, କକ୍ଷତଳୀୟ ସମତଳ ସହ ପ୍ରାୟ 23.5° ଆନତ ହୋଇ ରହିଥ‌ିବାରୁ ଏପରି ଋତୁ ପରିବତ୍ତର୍ନ ସମ୍ଭବ ହୋଇଛି ।

BSE Odisha 8th Class Science Notes Chapter 17 ତାରକା ଓ ସୌରଜଗତ

ପୃଥିବୀ (Mars):
(i) ପୃଥ‌ିବୀ କକ୍ଷପଥ ବାହାରେ ଏହା ପ୍ରଥମ ସୌରଗ୍ରହ । ଏହାର ପୃଷ୍ଠଦେଶ ଲାଲ୍ ରଙ୍ଗର ପଥର ଓ ବାଲିରେ ଗଠିତ ।
(ii) ବାୟୁମଣ୍ଡଳ ପତଳା କାର୍ବନ ଡାଇଅକ୍‌ସାଇଡ୍ (CO2)ରେ ପରିପୂର୍ଣ୍ଣ ।
(iii) ରାତି ଆକାଶରେ ଆମକୁ ଏହାର ରଙ୍ଗ ଲାଲ୍ ଦେଖାଯାଏ । ପୃଥ‌ିବୀ ସହିତ ଏହାର ଅନେକ ସାମଞ୍ଜସ୍ୟ ଅଛି । ପୃଥ‌ିବୀ ଓ ମଙ୍ଗଳ ଗ୍ରହରେ ଗୋଟିଏ ଦିନର ଅବଧୂ ପ୍ରାୟ ସମାନ ।
(iv) ମଙ୍ଗଳର ଅକ୍ଷ ତା’ର କକ୍ଷତଳ ସହ ପ୍ରାୟ 23.98° ଢଳିରହିଛି । ମଙ୍ଗଳର ଦୁଇଟି ଉପଗ୍ରହ ଡିମସ୍ ଓ ଫୋବସ୍ 1877 ମସିହାରେ ଆବିଷ୍କୃତ ହୋଇଥିଲା ।

şa (Jupiter):
(i) ସୌରଜଗତର ବୃହତ୍ତମ ଗ୍ରହ ବୃହସ୍ପତିର ପୃଷ୍ଠଦେଶ ମୁଖ୍ୟତଃ ଗ୍ୟାସ୍ ଓ ତରଳ ପଦାର୍ଥରେ ଗଠିତ ।
(ii) ବୃହସ୍ପତିର 63ଟି ଉପଗ୍ରହ ମଧ୍ୟରୁ ସାଧାରଣ ଦୂରବୀକ୍ଷଣ ଯନ୍ତ୍ରରେ ବଡ଼ବଡ଼ 4ଟି ଉପଗ୍ରହ ଦେଖହୁଏ । ଗୋଟିଏ କ୍ଷୀଣ ବଳୟ ଏହି ଗ୍ରହକୁ ପରିକ୍ରମଣ କରୁଛି ବୋଲି 1979 ମସିହାରୁ ଜଣାପଡ଼ିଛି । ଏହାର ଆବର୍ତ୍ତନକାଳ ପ୍ରାୟ ୨ ଘଣ୍ଟା 55 ମିନିଟ୍ ।
(iii) ବୃହସ୍ପତିକୁ ଦୂରବୀକ୍ଷଣରେ ଦେଖ‌ିଲେ ଏହାର ଦକ୍ଷିଣ ଗୋଲାର୍ଦ୍ଧରେ ଏକ ବିରାଟ ଲାଲ୍ ଦାଗ ଦେଖୁହେବ । ବୃହସ୍ପତିର ମାଧ୍ୟାକର୍ଷଣ ପୃଥ‌ିବୀର ମାଧ୍ୟାକର୍ଷଣର ପ୍ରାୟ 2.64 ଗୁଣ । –

ଶନି (Saturn) :
(i) ଈଷତ୍ ପୀତରଙ୍ଗର ଗ୍ରହ ଶନି ଆୟତନରେ ସୌରଜଗତର ଦ୍ବିତୀୟ ବୃହତ୍ତମ ଗ୍ରହ । ସମଗ୍ର ଗ୍ରହଟି ହାଇଡ୍ରୋଜେନ୍ , ହିଲିୟମ୍, ଏମୋନିଆ, ମିଥେନ୍ ପରି ଗ୍ୟାସ୍‌ରେ ପୂର୍ଣ୍ଣ ।
(ii) ଅଦ୍ୟାବଧୂ ଆବିଷ୍କୃତ ଏହାର 60ଟି ଉପଗ୍ରହ ମଧ୍ୟରୁ ଟାଇଟନ୍ ବୃହତ୍ତମ ଅଟେ ।
(iii) ଶନିର ଅନେକ ବଳୟ ରହିଛି । ଏହି ବଳୟଗୁଡ଼ିକ ଅତିକ୍ଷୁଦ୍ର ପଥର, ବରଫକଣା ଓ ଧୂଳିକଣାକୁ ନେଇ ଗଠିତ । ଏମାନେ ଶନି ଚାରିପଟେ ପତଳା ଚକ୍ର ଆକାରରେ ଘୂରୁଛନ୍ତି । ଶନିର ସାନ୍ଦ୍ରତା ସୌରଜଗତର ଗ୍ରହମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରେ ସବୁଠାରୁ କମ୍ ।

2600 (Uranus):
(i) ୟୁରେସ୍ 1781 ମସିହାରେ ଉଇଲିୟମ୍ ହର୍‌ସ୍‌ଲ୍‌ଙ୍କ ଦ୍ବାରା ଆବିଷ୍କୃତ ହୋଇଥିଲା । ଏହା ସୌରଜଗତର ସବୁଜ ଗ୍ରହ । ଏହି ସବୁଜ ରଙ୍ଗ ଏଠାରେ ଥ‌ିବା ମିଥେନ୍ ଓ ଏମୋନିଆ ପାଇଁ ଦେଖାଯାଏ ।
(ii) ଏହାର ପ୍ରାୟ ଦଶଟି କ୍ଷୀଣବଳୟ 1977 ମସିହାରୁ ଆବିଷ୍କୃତ ହେଲାଣି ! ସମଗ୍ର ଗ୍ରହରେ କଠିନ ଅଂଶ କିଛି ନାହିଁ ।
(iii) ଶନି ଶୁକ୍ରଭଳି ପୂର୍ବରୁ ପଶ୍ଚିମକୁ ଘୂର୍ଣ୍ଣନ କରେ ଓ ଏହାର କକ୍ଷ, କକ୍ଷତଳୀୟ ସମତଳ ସହ ପ୍ରାୟ ୨୫° ଢଳେଇ ହୋଇ ରହିଥାଏ । ଏଣୁ ଏହା ଓଲଟି ପଡ଼ିଥିବା ନଟୁ ପରି ଗଡ଼ିଗଡ଼ି ଘୂରେ ।

ନେପ୍‌ଚ୍ୟୁନ୍ (Neptune) :
(i) 1846 ମସିହାରେ ଗଫ୍ରିଡ୍ ଗାଲେଙ୍କ ଦ୍ବାରା ଆବିଷ୍କୃତ ନେଚ୍ୟୁନ୍ ଅଧୁନା ସୌରଜଗତର ଦୂରତମ ଗ୍ରହ । ଏହାର ଛଅଗୋଟି ବଳୟ 1989 ମସିହାରେ ଆବିଷ୍କୃତ ହୋଇଥିଲା ।
(ii) ଏହାର ବାୟୁମଣ୍ଡଳ ମୁଖ୍ୟତଃ ମିଥେନ୍ ଗ୍ୟାସ୍‌ରେ ପୂର୍ଣ୍ଣ । ତେଣୁ ଏହା ନୀଳବର୍ଣ୍ଣ ଦେଖାଯାଏ ।
(iii) ସୂର୍ଯ୍ୟଠାରୁ ଅନେକ ଦୂରରେ ଥ‌ିବାରୁ ଏହା ଏକ ହିମ-ଗୋଲକ ରୂପେ ପ୍ରତୀୟମାନ ହୁଏ । ଏହାର ପୃଷ୍ଠର ତାପମାତ୍ରା
(iv) ଗ୍ରହମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରେ ଏହାର ପରିକ୍ରମଣ କାଳ ସର୍ବାଧ୍ଵ ଓ ଏହା ପ୍ରାୟ ଆମର 165 ବର୍ଷ ସହ ସମାନ ।

ର ପ୍ରଣାଳୀର ଅନ୍ୟ ସଦସ୍ୟମାନେ |(Other members of the Solar System):
ଆଷ୍ଟ୍ରୋଏଡସ୍ | (Asteroids) :
(i) ଗ୍ରହ ଉପଗ୍ରହମାନଙ୍କୁ ଛାଡ଼ି ଅନେକ ଗ୍ରହାଣୁ ମଙ୍ଗଳ ଓ ବୃହସ୍ପତିର କକ୍ଷପଥ ମଧ୍ଯରେ ରହି ସୂର୍ଯ୍ୟ ପରିକ୍ରମା କରୁଛନ୍ତି । ଏମାନଙ୍କୁ ଏକତ୍ର ଗ୍ରହାଣୁପୁଞ୍ଜ କୁହାଯାଏ ।
(ii) ଗ୍ରହାଣୁମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରେ କେତେକଙ୍କର କକ୍ଷପଥ ପୃଥ‌ିବୀର କକ୍ଷପଥକୁ ଛେଦକରୁଛି । ଏଣୁ କୌଣସି ଏକ ସମୟରେ ଏମାନେ ପୃଥ‌ିବୀର ମାଧ୍ୟାକର୍ଷଣ କ୍ଷେତ୍ର ମଧ୍ୟକୁ ପ୍ରବେଶ କରିବା ସମ୍ଭାବନା ଥାଏ ।
(iii) ଅନେକ ସମୟରେ କେତେକ କ୍ଷୁଦ୍ର ଗ୍ରହାଣୁ ପୃଥ‌ିବୀର ମାଧ୍ୟାକର୍ଷଣ କ୍ଷେତ୍ର ମଧ୍ୟରେ ଗତିକଲାବେଳେ ଟାଣିହୋଇ ଭୂପୃଷ୍ଠ ଆଡ଼କୁ ଚାଲିଆସନ୍ତି । ତଦ୍ୱାରା ବାୟୁମଣ୍ଡଳ ସହ ଏହି ଗ୍ରହାଣୁଗୁଡ଼ିକର ଘର୍ଷଣ ହୁଏ । ଗ୍ରହାଣୁଟି ଉତ୍ତପ୍ତ ହୋଇ ଜଳିଉଠେ ଓ ଏହାର ପଡ଼ିବା ବାଟଟି ଆଲୋକିତ ହୋଇଯାଏ ।

BSE Odisha 8th Class Science Notes Chapter 17 ତାରକା ଓ ସୌରଜଗତ

ଧୂମ (Comet) :
(i) ସମୟ ସମୟରେ ଲାଞ୍ଜଥିବା ଏକ ଉଜ୍ଜ୍ବଳ ବସ୍ତୁ ଆକାଶରେ ଦେଖାଯାଏ । ଏହାକୁ ଧୂମକେତୁ ବା ଲଞ୍ଜାତାରା କହନ୍ତ୍ର ।
(ii) ଏକ ଲମ୍ବାଳିଆ ଅଣ୍ଡାକୃତି କକ୍ଷରେ ଧୂମକେତୁ ସୂର୍ଯ୍ୟ ଚାରିପଟେ ପରିକ୍ରମଣ କରେ । ପ୍ରତି ଧୂମକେତୁର ଗୋଟିଏ ମୁଣ୍ଡ ଓ ଗୋଟିଏ ଲାଞ୍ଜ ଥାଏ । ଗୋଟିଏ ଧୂମକେତୁର ମୁଣ୍ଡ ବା ନିଉକ୍ଲିୟସ୍‌ର ବ୍ୟାସ ପ୍ରାୟ ଦଶ କି.ମି. ଥ‌ିବାବେଳେ ପୁଚ୍ଛ ହଜାର ହଜାର କିଲୋମିଟର ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ଲମ୍ବିପାରେ ।
(iii) ଧୂମକେତୁଗୁଡ଼ିକ ଛୋଟ ପଥର ଖଣ୍ଡ, ଧୂଳିକଣା ଏବଂ ଗ୍ୟାସ୍‌ରେ ଭର୍ତ୍ତି । ଲାଞ୍ଜ ଅଂଶଟି ମୁଖ୍ୟତଃ ଏମୋନିଆ, ମିଥେନ୍, ଜଳୀୟବାଷ୍ପ ଓ ବରଫକଣାରେ ପୂର୍ଣ୍ଣ ।
(iv) ସୂର୍ଯ୍ୟର ନିକଟତର ହେଲେ ଏଥିରେ ଥ‌ିବା ଛୋଟ ଛୋଟ କଣିକା ବାଷ୍ପୀଭୂତ ହୋଇ ଲକ୍ଷ ଲକ୍ଷ କି.ମି. ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ଲମ୍ବିଥାଏ ।
(v) ଧୂମକେତୁ ସୂର୍ଯ୍ୟର ନିକଟତର ହେବାବେଳେ ଲାଞ୍ଜଟି ସୂର୍ଯ୍ୟର ବିପରୀତ ଦିଗରେ ସର୍ବଦା ରହିଥାଏ ଏବଂ ସୂର୍ଯ୍ୟଠାରୁ ଅନେକ ଦୂରକୁ ଚାଲିଗଲେ ଲାଞ୍ଜଟି ପ୍ରାୟ ଦେଖାଯାଏ ନାହିଁ ।
(vi) ଏପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ଆବିଷ୍କୃତ ହୋଇଥିବା ଧୂମକେତୁଗୁଡ଼ିକ ମଧ୍ୟରେ ହାଲିଙ୍କ ଧୂମକେତୁ ଅନ୍ୟତମ । ସୂର୍ଯ୍ୟ ଚାରିପଟେ ପରିକ୍ରମଣ କରୁଥିବାବେଳେ ଏହା ପ୍ରାୟ 76 ବର୍ଷରେ ଥରେ ପୃଥ‌ିବୀ ନିକଟକୁ ଆସେ । 1682 ମସିହାରେ ହାଲିଙ୍କ ଦ୍ବାରା ଆବିଷ୍କୃତ ଏହି ଧୂମକେତୁଟି ଶେଷଥର ପାଇଁ 1986 ମସିହାରେ ଦେଖାଯାଇଥିଲା ।
(vii) ଧୂମକେତୁର ପୁଚ୍ଛ ପୃଥ‌ିବୀର ନିକଟତର ହେବାବେଳେ ସେଥୁରୁ ଧୂଳିକଣା, ଛୋଟ ପଥରଖଣ୍ଡ ଇତ୍ୟାଦି ପୃଥ‌ିବୀଦ୍ଵାରା

ଉଲ୍‌କା ଓ ଉଲ୍‌କାପିଣ୍ଡ (Meteors and Meteorites) :
(i) ଅନ୍ଧାର ରାତିରେ ଯେଉଁ ମହାକାଶୀୟ ବସ୍ତୁ ଆଲୋକର ଝଲକ ସୃଷ୍ଟି କରି ଭୂପୃଷ୍ଠ ଆଡ଼କୁ ପଡ଼ିବାର ଦେଖାଯାଏ, ସେଗୁଡ଼ିକୁ ଉଲ୍‌କା କହନ୍ତି । ଏହାକୁ ଖସୁଥ‌ିବା ତାରା କୁହାଯାଏ ।
(ii) ଗ୍ରହାଣୁ କିମ୍ବା ଧୂମକେତୁପରି ମହାକାଶୀୟ ବସ୍ତୁ ସେମାନଙ୍କର ପରିକ୍ରମଣବେଳେ ପୃଥ‌ିବୀର ନିକଟତର ହେଲେ ଉଲ୍‌କାପାତ ହୋଇପାରେ । ଉଲ୍‌କାଗୁଡ଼ିକ ଗ୍ରହାଣୁ କିମ୍ବା ଧୂମକେତୁର ଅଂଶବିଶେଷ । ବାୟୁମଣ୍ଡଳ ସହ ଘର୍ଷଣ – ଯୋଗୁଁ ସେସବୁ ଏତେ ଉତ୍ତପ୍ତ ହୁଅନ୍ତି ଯେ ସେଠାରେ ପୋଡ଼ି ପାଉଁଶ ହୋଇଯାଆନ୍ତି ।
(iii) ଯେଉଁ ଉଲ୍‌କାଗୁଡ଼ିକ ଆକାରରେ ବଡ଼, ସେଗୁଡ଼ିକ ସଂପୂର୍ଣ୍ଣ ପୋଡ଼ି ନଯାଇ ଭୂପୃଷ୍ଠରେ ଆସି ପଡ଼ନ୍ତି । ଏଗୁଡ଼ିକ ଥଣ୍ଡା ହୋଇ ପଥର ଆକାରରେ ପଡ଼ିରହନ୍ତି । ସେଗୁଡ଼ିକୁ ଉଲ୍‌କାପିଣ୍ଡ କୁହାଯାଏ ।
(iv) ପ୍ରାୟ 30 ଟନ୍ ଓଜନର ଉଲ୍‌କାପିଣ୍ଡ ପୃଥ‌ିବୀପୃଷ୍ଠରେ ପଡ଼ିଥିବାର ଉଦାହରଣ ରହିଛି । ଉଲ୍‌କାପିଣ୍ଡଗୁଡ଼ିକରେ ଲୁହା, ନିକେଲ ଇତ୍ୟାଦି ଚୁମ୍ବକୀୟ ପଦାର୍ଥ ବେଶୀ ପରିମାଣରେ ଥାଏ ।
2003 ମସିହା ସେପ୍ଟେମ୍ବର 27 ତାରିଖ ସନ୍ଧ୍ୟାବେଳେ ଏମିତି କିଛି ଉଲ୍‌କାପିଣ୍ଡ ଓଡ଼ିଶାର ବାଲେଶ୍ୱର, ମୟୂରଭଞ୍ଜ ଓ କେନ୍ଦ୍ରାପଡ଼ା ଆଦି ଜିଲ୍ଲାରେ ପଡ଼ିଥିଲା ଓ ମଧ୍ୟଦେଇ ଗତି କଲାବେଳେ ଅନେକ ଉଲ୍‌କା

କୃତ୍ରିମ ଉପଗ୍ରହ (Artificial Satellites) :
(i) କୃତ୍ରିମ ଉପଗ୍ରହ ମନୁଷ୍ୟକୃତ ଓ ଏଗୁଡ଼ିକ ବୈଜ୍ଞାନିକ ପଦ୍ଧତିରେ ପୃଥ‌ିବୀ ଚାରିପଟେ ନିର୍ଦ୍ଦିଷ୍ଟ କକ୍ଷରେ ଘୂରାଯାଇଥାଏ । ପୃଥ‌ିବୀ ଚାରିପଟେ ଏମାନେ ଘୂରୁଥିବା କକ୍ଷର ଆକାର ପ୍ରାକୃତିକ ଉପଗ୍ରହମାନଙ୍କ କକ୍ଷର ଆକାରଠାରୁ ଢେର କମ୍ ।
ସେଗୁଡ଼ିକ ସଂଗ୍ରହ କରାଯାଇଅଛି । ପୃଥ‌ିବୀ ଧୂମକେତୁର ଲାଞ୍ଜ ଦେଖିବାକୁ ମିଳେ । ବର୍ଷକ ମଧ୍ୟରେ ଉଲ୍‌କା ବର୍ଷା ଅନେକ ହୁଏ
(ii) କୃତ୍ରିମ ଉପଗ୍ରହର ପରିକ୍ରମଣ ସମୟ ପୃଥ‌ିବୀର ଆବର୍ତ୍ତନ ସମୟ ସହିତ ସମାନ ନୁହେଁ; ଫଳରେ ଏହା ବିଭିନ୍ନ ସମୟରେ ବିଭିନ୍ନ ସ୍ଥାନ ଉପରେ ରହିଥାଏ ।
(iii) କିନ୍ତୁ କିଛି କୃତ୍ରିମ ଉପଗ୍ରହ ଏବେ ତିଆରି ହେଲାଣି ଯେଉଁମାନଙ୍କର ପରିକ୍ରମଣ ସମୟ ପୃଥ‌ିବୀର ଆବର୍ତ୍ତନ ସମୟ ସହିତ ସମାନ । ଏମାନେ ପୃଥ‌ିବୀର ଏକ ନିର୍ଦ୍ଦିଷ୍ଟ ସ୍ଥାନ ଉପରେ ସ୍ଥିର ଥିବାପରି ଜଣାପଡ଼ନ୍ତି । ତେଣୁ ଏମାନଙ୍କୁ ଭୂ-ସ୍ଥିର ଉପଗ୍ରହ (Geo-stationary Satellite) କୁହାଯାଏ ।
(iv) ଆଉ କେତେକ କୃତ୍ରିମ ଉପଗ୍ରହ ସାହାଯ୍ୟରେ ମହାକାଶରୁ ଭୂପୃଷ୍ଠ ଓ ଭୂ-ଅଭ୍ୟନ୍ତରରେ ଥିବା ଜଙ୍ଗଲ, ଖଣି, ପ୍ରାକୃତିକ ଗ୍ୟାସ୍ ଓ ପେଟ୍ରୋଲିୟମ୍ ସ୍ତର ଇତ୍ୟାଦି ବିଷୟ ସନ୍ଧାନ କରାଯାଏ । ଏମାନଙ୍କୁ ସୁଦୂର- ସନ୍ଧାନୀ ଉପଗ୍ରହ (Remote sensing Satellite) କହନ୍ତି ।

ଅନେକ ଉପକାର ହୋଇପାରୁଛି; ଯଥା –
(i) ଇତ୍ୟାଦି ବିଷୟରେ ସୂଚନା ପ୍ରଦାନ କରି ପାରୁଛି ।
(ii) ସୁଦୂର -ସନ୍ଧାନୀ ଉପଗ୍ରହ ଦ୍ଵାରା ଖଣିଜ ପଦାର୍ଥ ତଥା ଭୂଗର୍ଭରେ ଗଚ୍ଛିତ ତୈଳ ଇତ୍ୟାଦିର ପରିମାଣ କରାଯାଇପାରୁଛି ।
(iii) ଭୂ ସ୍ଥି ର ଉପଗ୍ର ହ ଟେଲି ଯୋଗାଯୋଗ ବା ଦୂର ସିଧା ପ୍ରସାରଣ, ଉପଗ୍ରହ ମାଧ୍ୟମରେ ଶିକ୍ଷାଦାନ ଇତ୍ୟାଦି ସମ୍ପାଦନ କରାଯାଇପାରୁଛି ।
(iv) ଜଙ୍ଗଲ ଓ ପରିବେଶ ସନ୍ତୁଳନ ନିମନ୍ତେ ନୂତନ ଜଙ୍ଗଲ ସୃଷ୍ଟିପାଇଁ ସ୍ଥାନ ନିରୂପଣ ଇତ୍ୟାଦି କ୍ଷେତ୍ରରେ ଉପଗ୍ରହ ଗୁରୁତ୍ଵପୂର୍ଣ୍ଣ ଭୂମିକା ଗ୍ରହଣକରିଛି ।

BSE Odisha 8th Class Science Notes Chapter 17 ତାରକା ଓ ସୌରଜଗତ 3

BSE Odisha 8th Class Science Notes Chapter 17 ତାରକା ଓ ସୌରଜଗତ

1957 ମସିହା ଅକ୍ଟୋବର 4 ତାରିଖ ଦିନ ସ୍ଫୁଟନିକ୍-। କୃତ୍ରିମ ଉପଗ୍ରହକୁ ମହାକାଶକୁ ପଠାଇ ରୁଷିଆ କୃତ୍ରିମ ଉପଗ୍ରହ ଯୁଗର ଆୟମାରମ୍ଭ କରିଥିଲା । ଭାରତର ପ୍ରଥମ କୃତ୍ରିମ ଉପଗ୍ରହର ନାମ ହେଉଛି ଆର୍ଯ୍ୟଭଟ୍ଟ । ଅନ୍ୟ କେତେକ ଭାରତୀୟ କୃତ୍ରିମ ଉପଗ୍ରହ ହେଲା – ଇନ୍‌ସାଟ୍, ଆଇ.ଆର.ଏସ୍., କଳ୍ପନା-1, ଏଡୁସାଟ ଇତ୍ୟାଦି ।

BSE Odisha 8th Class Science Notes Chapter 17 ତାରକା ଓ ସୌରଜଗତ 4

BSE Odisha 8th Class Science Notes Chapter 16 ଆଲୋକ

Odisha State Board BSE Odisha 8th Class Science Notes Chapter 16 ଆଲୋକ will enable students to study smartly.

BSE Odisha Class 8 Science Notes Chapter 16 ଆଲୋକ

ଆଲୋକ ଏକ ପ୍ରକାର ଶକ୍ତି । ଆଲୋକ ଦ୍ବାରା ବସ୍ତୁଗୁଡ଼ିକୁ ଦେଖ୍ ହୁଏ । ଦେଖିବା ପାଇଁ ଆମର ଦର୍ଶନେନ୍ଦ୍ରିୟ ଚକ୍ଷୁ ରହିଛି । କେତେକ ବସ୍ତୁ ଅଛନ୍ତି ଯେଉଁଗୁଡ଼ିକ ଆଲୋକର ଉତ୍ସ; ଅର୍ଥାତ୍ ସେଗୁଡ଼ିକ ଆଲୋକ ପ୍ରଦାନ କରିଥା’ନ୍ତି । ସେଗୁଡ଼ିକୁ ଦୀପ୍ତିମାନ ବସ୍ତୁ କହୁ । ଉଦାହରଣସ୍ୱରୂପ ସୂର୍ଯ୍ୟ, ମହମବତି, ଟେବୁଲ ଲାଇଟ୍ ଇତ୍ୟାଦି କେତେକ ବସ୍ତୁ ଅଛନ୍ତି, ଯେଉଁମାନଙ୍କର ଆଲୋକ ପ୍ରଦାନ କରିବାର କ୍ଷମତା ନାହିଁ; କିନ୍ତୁ ଆଲୋକର ପ୍ରତିଫଳନ ଯୋଗୁଁ ଏମାନେ ଆଲୋକ ଦେଇଥା’ନ୍ତି; ଯଥା ଚନ୍ଦ୍ର (ପୃଥ‌ିବୀର ଉପଗ୍ରହ) ।

ଚନ୍ଦ୍ର, ସୂର୍ଯ୍ୟରୁ ଆସୁଥିବା ପ୍ରତିଫଳିତ ରଶ୍ମି ମାଧ୍ୟମରେ ଆଲୋକିତ ହୋଇଥାଏ । ସେଗୁଡ଼ିକୁ ଅଦୀପ୍ତମାନ ବସ୍ତୁ କୁହାଯାଏ । ଆଲୋକ ଉତ୍ସରୁ ବିଭିନ୍ନ ମାଧ୍ୟମଦେଇ ଆଲୋକ ଆସି ଚକ୍ଷୁରେ ପଡ଼େ; ଯାହାଦ୍ୱାରା ଆମେ ବସ୍ତୁଗୁଡ଼ିକୁ ହୋଇଥାଏ । ସେଗୁଡ଼ିକୁ ଅଦୀପ୍ତମାନ ବସ୍ତୁ କୁହାଯାଏ । ଆଲୋକ ଉତ୍ସରୁ ବିଭିନ୍ନ ମାଧ୍ଯମଦେଇ ଆଲୋକ ଆସି ଚକ୍ଷୁରେ ପଡ଼େ; ଯାହାଦ୍ୱାରା ଆମେ ବସ୍ତୁଗୁଡ଼ିକୁ ଦେଖିବାପାଇ ସକ୍ଷମ ହୋଇଥାଉ । ଉକ୍ତ ଅଧ୍ୟାୟରେ ଆଲୋକ ଏବଂ ଆଲୋକର ପ୍ରତିଫଳନ ସମେତ ଚକ୍ଷୁର ଗଠନ ସଂପର୍କରେ ଆଲୋଚନା କରାଯାଇଛି ।

BSE Odisha 8th Class Science Notes Chapter 16 ଆଲୋକ

→ ବସ୍ତୁ ଦେଖିବାରେ କିଏ ସହାୟକ ହୁଏ ? (What makes Things Visible) :
(i) ଆମେ ସାଧାରଣତଃ ଚକ୍ଷୁ ସାହାଯ୍ୟରେ ଦେଖୁ; ମାତ୍ର ଆଲୋକବିନା ଚକ୍ଷୁ ସାହାଯ୍ୟରେ ଦେଖ୍ ହେବ ନାହିଁ ।
(ii) କୌଣସି ଏକ ବସ୍ତୁରୁ ଆଲୋକ ଆମ ଚକ୍ଷୁକୁ ଆସିଲେ ହିଁ ବସ୍ତୁଟି ଦେଖ୍ହୁଏ । ଏହି ଆଲୋକ ବସ୍ତୁର ନିଜର ଆଲୋକ ହୋଇପାରେ କିମ୍ବା ବସ୍ତୁଟିରୁ ପ୍ରତିଫଳିତ ହୋଇ ଆସୁଥିବା ଆଲୋକ ହୋଇପାରେ ।

କେତେକ ବସ୍ତୁ ଅଛି, ଯାହା ମଧ୍ୟଦେଇ:
(i) ଆଲୋକ ଗତି କରିପାରେ – ସ୍ବଚ୍ଛ (Transparent)
(ii) ଲୋକ ଆଂଶିକ ଗତି କରିପାରେ – ଅର୍ଦ୍ଧସ୍ୱଚ୍ଛ (Translucent)
(iii) ଆଲୋକ ଗତି କରିପାରେ ନାହିଁ – ଅସ୍ବଚ୍ଛ (Opaque)

→ ପ୍ରତିଫଳନର ନିୟମ (Laws of Reflection):
ଆଲୋକ ଗୋଟିଏ ମାଧ୍ୟମରୁ ଅନ୍ୟ ଏକ ମାଧ୍ୟମକୁ ଗତି ଗଲାବେଳେ ବ୍ୟବଧାନ ପୃଷ୍ଠରେ ଆଲୋକରଶ୍ମି ବାଧା ପାଇ, ଯେଉଁ ମାଧ୍ୟମରୁ ଯାଥାଏ, ସେହି ମାଧ୍ୟମକୁ ଫେରିଆସେ । ଏହାକୁ ଆଲୋକର ପ୍ରତିଫଳନ କୁହାଯାଏ ।
(i) ଏକ ସମତଳ ଦର୍ପଣ ଉପରେ ଆଲୋକ ରଶ୍ମିଟି ବାଧାପାଇ ଅନ୍ୟ ଏକ ଦିଗରେ ପ୍ରତିଫଳିତ ହୋଇଥାଏ । ଯେଉଁ ଆଲୋକ ରଶ୍ମିଟି କୌଣସି ଏକ ପୃଷ୍ଠ ଉପରେ ପଡ଼େ, ତାହାକୁ ଆପତିତ ରଶ୍ମି (Incident ray) କହନ୍ତି ।
BSE Odisha 8th Class Science Notes Chapter 16 ଆଲୋକ - 2
(ii) ପ୍ରତିଫଳନ ପରେ ଯେଉଁ ରଶ୍ମିଟି ସେହି ପୃଷ୍ଠରୁ ତାହାର ଦିଗ ପରିବର୍ତ୍ତନ କରି ଫେରିଆସେ ତାହାକୁ ପ୍ରତିଫଳିତ ରଶ୍ମି (Reflected ray) କୁହାଯାଏ ।
(iii) ଆଲୋକର ସରଳରେଖକ ପଥକୁ ଏକ ରଶ୍ମି ସାହାଯ୍ୟରେ ପ୍ରକାଶ କରାଯାଏ; ମାତ୍ର ପ୍ରକୃତରେ ଅନେକ ସମାନ୍ତରାଳ ଆଲୋକ ରଶ୍ମି ଏକତ୍ର ଏକ ସରୁ ରଶ୍ମିଗ୍ରନ୍ଥ ଭାବରେ ଗତି କରିଥା’ନ୍ତି । ଏହି ରଶ୍ମିଗୁଚ୍ଛରେ ଅନେକଗୁଡ଼ିଏ ଆଲୋକ ରଶ୍ମି ଥାଏ ।
(iv) ଆପତିତ ରଶ୍ମି ଓ ଅଭିଲମ୍ବ ମଧ୍ୟବର୍ତ୍ତୀ କୋଣକୁ ଆପତନ କୋଣ (Angle of Incidence) ଏବଂ ପ୍ରତିଫଳିତ ରଶ୍ମି ଓ ଅଭିଲମ୍ବ ମଧ୍ୟବର୍ତ୍ତୀ କୋଣକୁ ପ୍ରତିଫଳନ କୋଣ (Angle of reflection) କୁହାଯାଏ ।

ପ୍ରତିଫଳନର ନିୟମ :
ପ୍ରଥମ ନିୟମ – ଆପତନ କୋଣର ପରିମାଣ ପ୍ରତିଫଳନ କୋଣର ପରିମାଣ ସହ ସମାନ ହେବ ।
ଦ୍ବିତୀୟ ନିୟମ – ଆପତିତ ରଶ୍ମି, ଆପତନ ବିନ୍ଦୁରେ ଅଙ୍କିତ ଅଭିଲମ୍ବ ଓ ପ୍ରତିଫଳିତ ରଶ୍ମି ଏକ ସମତଳରେ ଅବସ୍ଥାନ କରନ୍ତି ।

(v) କୌଣସି ବ୍ୟକ୍ତି ସମତଳ ଦର୍ପଣ ସମ୍ମୁଖରେ ଠିଆହେଲେ ତାହାର ପ୍ରତିବିମ୍ବରେ ବାମ ହାତ ଡାହାଣ ହାତପରି ଏବଂ ଡାହାଣ ହାତ ବାମ ହାତପରି ଦେଖାଯାଏ । ଏହାକୁ ପାର୍ଶ୍ୱ ପରିବର୍ତ୍ତନ (Lateral inversion) କହନ୍ତି ।

→ ସମତଳ ଦର୍ପଣରେ ପ୍ରତିବିମ୍ବ ଗଠନ (Image formation in a Plane Mirror) :
(i) ବସ୍ତୁଠାରୁ ଦର୍ପଣର ଦୂରତା = ଦର୍ପଣଠାରୁ ପ୍ରତିବିମ୍ବର ଦୂରତା (Distance of the object from the mirror = Distance of the image from the mirror)
(ii) ଆଭାସୀ ପ୍ରତିବିମ୍ବ ପରଦାରେ ଧରିରଖ୍ ହୁଏ ନାହିଁ । (Virtual image which can not be obtained by screen)
BSE Odisha 8th Class Science Notes Chapter 16 ଆଲୋକ - 3

  • ଆଲୋକ ଉତ୍ସ ‘O’ ରୁ \(\overrightarrow{\mathrm{OA}}\) ଓ \(\overrightarrow{\mathrm{OC}}\) ଦୁଇଟି ଆପତିତ ରଶ୍ମି PQ ସମତଳ ଦର୍ପଣର A ଓ C ବିନ୍ଦୁରେ ଆପତିତ ହେଉଛନ୍ତି । \(\overrightarrow{\mathrm{OA}}\) ଓ \(\overrightarrow{\mathrm{OC}}\) ରଶ୍ମିପାଇଁ ଆପତନ କୋଣ \(\angle \mathrm{i}\) ସହିତ ସମାନ କରି ପ୍ରତିଫଳନ କୋଣ \(\angle \mathrm{r}\) ଅଙ୍କନ କଲେ ଯଥାକ୍ରମେ \(\overrightarrow{\mathrm{AB}}\) ଓ \(\overrightarrow{\mathrm{CD}}\) ପ୍ରତିଫଳିତ ରଶ୍ମିମାନ ମିଳି ? ।
  • ବର୍ତ୍ତମାନ ଦର୍ପଣକୁ କାଢ଼ିନେଇ AB ଓ CD ପ୍ରତିଫଳିତ ରଶ୍ମିଦ୍ଵୟକୁ ଦର୍ପଣର ପଛପଟେ ବର୍ଦ୍ଧିତକଲେ ସେମାନେ ପରସ୍ପରକୁ ଯେଉଁ ବିନ୍ଦୁରେ ଛେଦକରିବେ ତାହାର ନାମ ‘I’ ହେଉ ।
  • E ସ୍ଥାନରେ ଦେଖୁଥ‌ିବା ଚକ୍ଷୁକୁ I ବିନ୍ଦୁରୁ ପ୍ରତିଫଳିତ ରଶ୍ମିଦ୍ଵୟ ଆସିଲାଭଳି ଜଣାଯିବ ।
  • ‘I’ ବିନ୍ଦୁଟି ‘O’ ବିନ୍ଦୁର ସମତଳ ଦର୍ପଣରେ ଗଠିତ ପ୍ରତିବିମ୍ବ ଅଟେ ।
  • ପ୍ରତିଫଳିତ ରଶ୍ମିଦ୍ଵୟ ପ୍ରକୃତରେ ପରସ୍ପରକୁ ଛେଦକରୁ ନଥିବାରୁ ସେମାନେ ‘I’ ବିନ୍ଦୁରୁ ଆସୁଥିବା ପରି ଜଣାପଡ଼ନ୍ତି । ତେଣୁ ‘O’ ବିନ୍ଦୁର ଏକ ଆଭାସୀ ପ୍ରତିବିମ୍ବ ‘I’ ବିନ୍ଦୁରେ ସୃଷ୍ଟି ହୁଏ । ଏହି ପ୍ରତିବିମ୍ବକୁ ପରଦାରେ ଧରି ରଖୁହୁଏ ନାହିଁ ।

BSE Odisha 8th Class Science Notes Chapter 16 ଆଲୋକ

→ ସମ ଓ ଅସମ ପ୍ରତିଫଳନ (Regular and Irregular Reflection):
ଅସମ ପ୍ରତିଫଳନ:
(i) ଯଦି ଆପତିତ ହେଉଥିବା ଏକ ସମାନ୍ତରାଳ ରଶ୍ମିଗୁଚ୍ଛ କୌଣସି ପୃଷ୍ଠଦ୍ୱାରା ପ୍ରତିଫଳିତ ହେବାପରେ ପ୍ରତିଫଳିତ ରଶ୍ମିଗୁଡ଼ିକ ପରସ୍ପର ସହ ସମାନ୍ତର ହୁଅନ୍ତି ନାହିଁ, ତାହାକୁ ଅସମ ପ୍ରତିଫଳନ (Irregular Reflection) କୁହାଯାଏ।
(ii) ପ୍ରତିଫଳିତ ପୃଷ୍ଠଟି ଅସମତଳ ହୋଇଥିବା ଯୋଗୁଁ ପ୍ରତିବିନ୍ଦୁରେ ଅଭିଲମ୍ବଗୁଡ଼ିକ ଭିନ୍ନ ଭିନ୍ନ ଦିଗରେ ଗତି କରିଥାଆନ୍ତି ।
BSE Odisha 8th Class Science Notes Chapter 16 ଆଲୋକ - 4

ସମ ପ୍ରତିଫଳନ :
(i) ସମତଳ ଦର୍ପଣ ପରି ମସୃଣ ସମତଳ ପୃଷ୍ଠର ବିଭିନ୍ନ ବିନ୍ଦୁରେ ଥ‌ିବା ଅଭିଲମ୍ବଗୁଡ଼ିକ ସମାନ୍ତର ଥିବା ହେତୁ ପ୍ରତିଫଳିତ ରଶ୍ମିଗୁଡ଼ିକ ମଧ୍ୟ ସମାନ୍ତର ହୋଇଥାଆନ୍ତି । ଏପରି ପ୍ରତିଫଳନକୁ ସମ ପ୍ରତିଫଳନ (Regular Reflection)
(ii) କୁହାଯାଏ । ପ୍ରତିଫଳିତ ପୃଷ୍ଠଟି ସମତଳ ହୋଇଥ‌ିବା ଯୋଗୁଁ ପ୍ରତିବିନ୍ଦୁରେ ଅଭିଲମ୍ବଗୁଡ଼ିକ ପରସ୍ପର ସହିତ ସମାନ୍ତର ଥ‌ିବା ହେତୁ ପ୍ରତିଫଳିତ ରଶ୍ମିଗୁଡ଼ିକ ମଧ୍ୟ ସମାନ୍ତର ହୋଇଥା’ନ୍ତି ।
BSE Odisha 8th Class Science Notes Chapter 16 ଆଲୋକ - 5

→ ଆଲୋକିତ ବସ୍ତୁଗୁଡ଼ିକା (Illuminated Objects):
(i) ଯେଉଁସବୁ ବସ୍ତୁ ଅନ୍ୟ ବସ୍ତୁର ଆଲୋକରେ ଆଲୋକିତ ହୁଏ, ତାହାକୁ ଆଲୋକିତ ବସ୍ତୁ କହନ୍ତି ।
(ii) ଆମ ଚାରିପାଖରେ ଥିବା ପ୍ରତ୍ୟେକ ବସ୍ତୁକୁ ଆମେ ପ୍ରତିଫଳନ ଯୋଗୁଁ ଦେଖୁ । ଚନ୍ଦ୍ରର ନିଜର ଆଲୋକ ନାହିଁ । ଏହା ସୂର୍ଯ୍ୟରୁ ଆସୁଥ‌ିବା ଆଲୋକକୁ ପ୍ରତିଫଳନ କରେ । ସେହି ପ୍ରତିଫଳିତ ରଶ୍ମିଗୁଚ୍ଛ ଆମ ଆଖ‌ିରେ ପ୍ରବେଶକଲେ ଆମେ ଚନ୍ଦ୍ରକୁ ଦେଖିପାରୁ ।

BSE Odisha 8th Class Science Notes Chapter 16 ଆଲୋକ

→ ଉଜ୍ଜ୍ୱଳ ବସ୍ତୁଗୁଡ଼ିକା (Luminous Objects):
ଯେଉଁସବୁ ବସ୍ତୁର ନିଜର ଆଲୋକ ଅଛି, ସେଗୁଡ଼ିକୁ ଦୀପ୍ତିମାନ ବସ୍ତୁ କୁହାଯାଏ । ଉଦାହରଣସ୍ୱରୂପ – ସୂର୍ଯ୍ୟ, ଜ୍ଵଳନ୍ତ ମହମବତିର ଶିଖାର ଆଲୋକ ଆମ ଚକ୍ଷୁରେ ପଡ଼ିଲେ ଆମେ ସେଗୁଡ଼ିକୁ ଦେଖୁରୁ ।

→ ପ୍ରତିଫଳିତ ଆଲୋକ ପୁନଶ୍ଚ ପ୍ରତିଫଳିତ ହୋଇପାରେ (Reflected Light can be Reflected Again):
(i) ପେରିସ୍କୋପ୍‌ରେ ଦୁଇଟି ସମତଳ ଦର୍ପଣ ବ୍ୟବହୃତ ହୁଏ ।
(ii) ବୁଡ଼ାଜାହାଜ (Submarine) ଟ୍ୟାଙ୍କ୍ ଏବଂ ବଙ୍କର (Bunker) ରେ ସେନାବାହିନୀ ଦ୍ୱାରା ବାହାରେ ଥ‌ିବା ବସ୍ତୁ ଦେଖୁବାରେ ଏହି ପେରିସ୍କୋପ୍ ତତ୍ତ୍ଵ ସହାୟକ ହୋଇଥାଏ ।

→ ଏକାଧିକ ପ୍ରତିଛବି (Multiple Image):
ଦୁଇଟି ଆନତ ଦର୍ପଣରେ ପ୍ରତିବିମ୍ବ ସଂଖ୍ୟା = \(\frac {360}{θ}\) – 1
ଯେଉଁଠି, θ = ଆନତ ଦର୍ପଣଦ୍ୱୟର ଅନ୍ତର୍ଗତ କୋଣ ।
ଉଦାହରଣ : ଯଦି θ = ୨୦° ହୁଏ, ପ୍ରତିବିମ୍ବ ସଂଖ୍ୟା = \(\frac {360}{θ}\) – 1 = 4 – 1 = 3
ବହୁ ପ୍ରତିଫଳନ ଯୋଗୁଁ କାଲିଡୋସ୍କୋପ୍‌ରେ ସୁନ୍ଦର ଡିଜାଇନ୍ ସୃଷ୍ଟି ହୁଏ ।

→ କାଲିଡୋସ୍କୋପ୍ (Kaleidoscope):
ତୁମ ପାଇଁ କାମ:
(i) 15 ସେ.ମି. ଦୈର୍ଘ୍ୟ ଓ 4 ସେ.ମି. ପ୍ରସ୍ଥ ବିଶିଷ୍ଟ ତିନୋଟି ଆୟତାକାର ଦର୍ପଣ ନିଆଯାଉ ।
(ii) ଦର୍ପଣଗୁଡ଼ିକର ମସୃଣ ପାଖଗୁଡ଼ିକ ଭିତର ଆଡ଼କୁ ରଖ୍ ସେଗୁଡ଼ିକୁ ପରସ୍ପରସହ ଯୋଡ଼ି ଗୋଟିଏ ପ୍ରିଜିମ୍ ଆକୃତି କରାଯାଉ ।
(iii) ଏହାକୁ ଗୋଟିଏ ବୃତ୍ତାକାର କାର୍ଡ଼ବୋର୍ଡ଼ ନଳୀରେ ଖଞ୍ଜି ରଖାଯାଉ ।
(iv) କାର୍ଡ଼ବୋର୍ଡ଼ ନଳୀର ଗୋଟିଏ ପ୍ରାନ୍ତକୁ ଗୋଟିଏ କାର୍ଡ଼ବୋର୍ଡ଼ ଖୋଳ ଦ୍ଵାରା ଆବୃତ୍ତ କରାଯାଉ ଏବଂ ଅନ୍ୟ ପ୍ରାନ୍ତରେ ଗୋଟିଏ ବୃତ୍ତାକାର ସମତଳ କାଚ ପ୍ଲେଟ୍ ଲଗାଯାଉ ।
(v) ଆବୃତ୍ତ କରାଯାଇଥିବା କାର୍ଡ଼ବୋର୍ଡ଼ର ଖୋଳର ମଝିରେ ଛୁଞ୍ଚିଦ୍ୱାରା ରନ୍ଧ୍ର କରାଯାଉ, ଯେପରି ରନ୍ଧ୍ରଦ୍ବାରା ନଳୀ ଭିତରକୁ ଦେଖୁହେବ ।
(vi) ବୃତ୍ତାକାର କାଚପ୍ଲେଟ୍ ଉପରେ କିଛି ରଙ୍ଗିନ୍‌ ଭଙ୍ଗା କାଚଚୁଡ଼ି ରଖାଯାଉ । କାର୍ଡ଼ବୋର୍ଡ଼ ନଳୀର ଏହି ମୁହଁଟିକୁ ଘଷା କାଚଦ୍ଵାରା ଆବୃତ କରାଯାଉ ।
(vii) ବର୍ତ୍ତମାନ କାଲିଡୋସ୍କୋପ୍ ବ୍ୟବହାର ପାଇଁ ପ୍ରସ୍ତୁତ । ଏହାର ରନ୍ଧ୍ରଦେଇ ଦେଖ‌ିଲେ ଏଥିରେ ବିଭିନ୍ନ ପ୍ରକାର ରଙ୍ଗିନ୍ ଡିଜାଇନ୍ ଦେଖାଯିବ ।
BSE Odisha 8th Class Science Notes Chapter 16 ଆଲୋକ - 6

ବ୍ୟବହାର :
ଚିତ୍ରକର ଓ ଡିଜାଇନର୍‌ମାନେ କାଲିଡ଼ୋସ୍କୋପ୍ ସାହାଯ୍ୟରେ ନୂତନ ଡିଜାଇନ୍ ବା ନକ୍‌ସା ପ୍ରସ୍ତୁତ କରନ୍ତି ।

BSE Odisha 8th Class Science Notes Chapter 16 ଆଲୋକ

→ ସୂର୍ଯ୍ୟାଲୋକ (Sunlight) : ଧଳା କି ରଙ୍ଗିନ୍ ?
(i) ସୂର୍ଯ୍ୟାଲୋକ ଧଳା ଏବଂ ଏହା ସାତୋଟି ବର୍ଷର ସମାହାର ଅଟେ ।
(ii) ଗୋଟିଏ ପ୍ରିଜିମ୍ ସଂଗ୍ରହ କରି ଏହାକୁ ଏପରି ଭାବେ ରଖାଯାଉ, ଯେପରିକି ଝରକା ଫାଙ୍କଦେଇ ଆସୁଥ‌ିବା ସୂର୍ଯ୍ୟକିରଣ ଏହାର ଗୋଟିଏ ପାର୍ଶ୍ବରେ ଆପତିତ ହେବ ।
(iii) ପ୍ରିଜିମ୍ ମଧ୍ୟରୁ ନିର୍ଗତ ରଶ୍ମିକୁ ଗୋଟିଏ ଧଳା କାନ୍ଥରେ ବା ଧଳା ପରଦା ଉପରେ ପକାଇଲେ ଆମେ ବିଭିନ୍ନ ରଙ୍ଗ ଦେଖୁରିବା ।
(iv) ବାସ୍ତବରେ ଏହି ରଙ୍ଗସବୁ ପରସ୍ପର ଉପରେ ପଡ଼ିଥିବା ସାତୋଟି ଅଲଗା ରଙ୍ଗ ଯୋଗୁଁ ଦେଖାଯାଏ । ଏହି ପ୍ରକ୍ରିୟାକୁ ପ୍ରକୀର୍ତ୍ତନ (Dispersion) କହନ୍ତି । ଧଳା କାନ୍ଥରେ କିମ୍ବା ପରଦାରେ ସୃଷ୍ଟି ବିଭିନ୍ନ ରଙ୍ଗର ସମାହାରକୁ ବର୍ଣ୍ଣାଳୀ (Spectrum) କୁହାଯାଏ ।
(v) ଆକାଶରେ ଦେଖାଯାଉଥ‌ିବା ଇନ୍ଦ୍ରଧନୁ ଏହିପରି ଏକ ବର୍ଣ୍ଣାଳୀ, ସେ କ୍ଷେତ୍ରରେ ଜଳକଣାଗୁଡ଼ିକ ପ୍ରିଜିମୂପରି କାର୍ଯ୍ୟ କରିଥା’ନ୍ତି ଓ ତଦ୍ୱାରା ସୂର୍ଯ୍ୟାଲୋକର ବର୍ଣ୍ଣାଳୀ ସୃଷ୍ଟି ହୁଏ ।
ଗୋଟିଏ ପ୍ରିଜିମ୍‌ର ଏକ ପାର୍ଶ୍ବରେ ଝରକା ଫାଙ୍କ ଦେଇ ଆସୁଥ‌ିବା ସୂର୍ଯ୍ୟାଲୋକକୁ ଆପତିତ କରାଯାଉ ।
ପ୍ରିଜିମ୍ ମଧ୍ଯରୁ ନିର୍ଗତ ରଶ୍ମିକୁ ଗୋଟିଏ ଧଳା ପରଦାରେ ପକାଇଲେ ଭିନ୍ନ ଭିନ୍ନ ରଙ୍ଗ ଦେଖାଯିବ ।
ଏହି ରଙ୍ଗସବୁ ପରସ୍ପର ଉପରେ ପଡ଼ିଥ‌ିବା ସାତୋଟି ଅଲଗା ରଙ୍ଗ ଯୋଗୁଁ ଦେଖାଯାଏ । ଏହି ପ୍ରକ୍ରିୟାକୁ ପ୍ରକୀର୍ଣ୍ଣନ କହନ୍ତି ।

→ ଆମ ଚକ୍ଷୁ ମଧ୍ୟରେ କ’ଣ ଅଛି ? (What is inside our eyes):
(i) ଆଲୋକ ଗୋଟିଏ ବସ୍ତୁରୁ ଆମ ଚକ୍ଷୁରେ ପ୍ରବେଶ କଲାପରେ ଆମେ ସେହି ବସ୍ତୁକୁ ଦେଖୁଥାଉ ।
(ii) ଚକ୍ଷୁ ଆକାର ପ୍ରାୟ ବର୍ତ୍ତୁଳାକାର । ଚକ୍ଷୁର ବାହ୍ୟସ୍ତର ଧଳା ଏବଂ ଶକ୍ତ । ଏହା ଚକ୍ଷୁର ଭିତର ଅଂଶକୁ ଆକସ୍ମିକ
(iii) ଏହାର ସମ୍ମୁଖଭାଗର ଏକ ସ୍ଵଚ୍ଛ ଅଂଶ ସାମାନ୍ୟ ବାହାରକୁ ବାହାରିଥାଏ, ଏହାକୁ ସ୍ୱଚ୍ଛପଟଳ (Cornea) କହନ୍ତି । ଏହି ସ୍ୱଚ୍ଛପଟଳର ପଛକୁ ଥିବା ଧୂସର ରଙ୍ଗର ମାଂସଳ କନୀନିକା (Iris) ରହିଥାଏ ।
(iv) କନୀନିକାର କେନ୍ଦ୍ରରେ ଗୋଟିଏ ରନ୍ଧ୍ର ଥାଏ, ତାହାକୁ ନେତ୍ରପିତୁଳା (Pupil) କହନ୍ତି । ବସ୍ତୁର ଉଜ୍ଜଳତା ଅନୁସାରେ ନେତ୍ରପିତୁଳା ପ୍ରସାରିତ ବା ସଙ୍କୁଚିତ ହୋଇ ଚକ୍ଷୁମଧ୍ୟକୁ ଆବଶ୍ୟକ ପରିମାଣର ଆଲୋକ ନିୟନ୍ତ୍ରଣ କରି ପଠାଇଥାଏ ।
(v) କନୀନିକା ଓ ସ୍ୱଚ୍ଛପଟଳ ମଧ୍ୟରେ ଏକ ସ୍ଵଚ୍ଛ ତରଳ ପଦାର୍ଥ ଥାଏ, ତାହାକୁ ଜଳାଭରସ (Aqueous humour) କହନ୍ତି ।
(vi) ନେତ୍ରପିତୁଳା ପଛଭାଗରେ ଗୋଟିଏ ଚକ୍ଷୁ ଲେନସ୍ ଥାଏ । ଏହାର ମଧ୍ୟଭାଗ ମୋଟା । ଚକ୍ଷୁ ଲେନ୍ସ ବସ୍ତୁରୁ ଆସୁଥ‌ିବା ଆଲୋକକୁ ଫୋକସ୍ କରି ଚକ୍ଷୁ ଭିତରେ ଥିବା ମୁକୁରିକା (Retina) ଉପରେ ପକାଏ ।
BSE Odisha 8th Class Science Notes Chapter 16 ଆଲୋକ - 7
(vii) ଏହି ମୁକୁରିକାରେ ଅନେକ ସ୍ନାୟୁ କୋଷ (Nerve cell) ଥାଏ । ସ୍ନାୟୁ କୋଷରେ ସୃଷ୍ଟି ହେଉଥ‌ିବା ଅନୁଭୂତି ନେତ୍ରସ୍ନାୟୁ ଦ୍ବାରା ମସ୍ତିଷ୍କକୁ ଯାଏ । ମସ୍ତିଷ୍କ ଏହାକୁ ବିଶ୍ଳେଷଣ କରିବାପରେ ବସ୍ତୁଟି ଦେଖୁହୁଏ । ଏହି ସମସ୍ତ କାର୍ଯ୍ୟ ଏତେଶୀଘ୍ର ହୁଏ ଯେ ଚକ୍ଷୁରେ ପ୍ରାୟ ଆଲୋକ ପଡ଼ିବାମାତ୍ରେ ଆମେ ବସ୍ତୁଟି ଦେଖିପାରୁ ।
(viii) ମୁକୁରିକାରେ ଦୁଇ ପ୍ରକାରର କୋଷ ଅଛି । ସେଗୁଡ଼ିକ ହେଲା –
କୋସ – ଏଗୁଡ଼ିକ ଉଜ୍ଜ୍ୱଳ ଆଲୋକପ୍ରତି ସଂବେଦନଶୀଳ । କୋଗୁଡ଼ିକ ରଙ୍ଗ ଚିହ୍ନିବାରେ ସହାୟକ ହୁଅନ୍ତି ।
ରଡ୍‌ସ – ଏଗୁଡ଼ିକ କ୍ଷୀଣ ଆଲୋକପ୍ରତି ସଂବେଦନଶୀଳ ।
(ix) ନେତ୍ରସ୍ନାୟୁ ଏବଂ ମୁକୁରିକାର ମିଳନସ୍ଥଳରେ କୌଣସି ସ୍ନାୟୁ କୋଷ ନଥାଏ । ତେଣୁ ଏହି ସ୍ଥାନରେ ଆଲୋକ ପଡ଼ିଲେ କୌଣସି ବସ୍ତୁ ଦେଖ୍ହୁଏ ନାହିଁ । ଏହି ବିନ୍ଦୁକୁ ଅନ୍ଧବିନ୍ଦୁ (Blind spot) କୁହାଯାଏ ।
(x) ଚକ୍ଷୁର ମୁକୁରିକାରୁ କୌଣସି ବସ୍ତୁର ପ୍ରତିବିମ୍ବର ଧାରଣା ତତ୍‌କ୍ଷଣାତ୍ ଚାଲିଯାଏ ନାହିଁ । ଏହାର ଧାରଣା ମୁକୁରିକାରେ ପ୍ରାୟ \(\frac {1}{16}\) ସେକେଣ୍ଡ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ରହେ । ଗୋଟିଏ ଗତିଶୀଳ ବସ୍ତୁର ପ୍ରତି ଅବସ୍ଥାର ସ୍ଥିର ପ୍ରତିବିମ୍ବ ସଂଖ୍ୟା ସେକେଣ୍ଡ ପ୍ରତି 16 ରୁ ଅଧ‌ିକ ହେଲେ ଚକ୍ଷୁକୁ ବସ୍ତୁଟି ଗତିଶୀଳ ଜଣାଯାଏ ।
(xi) ସିନେମା ହଲ୍‌ରେ କିମ୍ବା ଟେଲିଭିଜନ୍‌ରେ ଯେଉଁସବୁ ଚିତ୍ର ଦେଖାଯାଏ ସେଗୁଡ଼ିକ ଅନେକଗୁଡ଼ିଏ ସ୍ଥିର ଚିତ୍ରର ସମାହାର । ଯଦି ଚକ୍ଷୁରେ ସେକେଣ୍ଡ ପ୍ରତି ପ୍ରାୟ 24ଟି ସ୍ଥିର ଚିତ୍ର ପଡ଼େ; ତେବେ ସେଗୁଡ଼ିକ ଗତିଶୀଳ ହେଲାପରି
ଜଣାଯାଏ ।
(xii) ଚକ୍ଷୁରେ ଚକ୍ଷୁଡୋଳା ଥାଏ । ଏହି ଚକ୍ଷୁଡୋଳା ବାହ୍ୟ ବସ୍ତୁକୁ ଚକ୍ଷୁ ମଧ୍ୟକୁ ପ୍ରବେଶ କରିବାକୁ ଦିଏ ନାହିଁ । ଆଲୋକର ଆବଶ୍ୟକତା ନଥିଲେ ଚକ୍ଷୁଡୋଳା ଆପେ ଆପେ ବନ୍ଦ ହୋଇଯାଏ ।
(xiii) ସାଧାରଣ ଚକ୍ଷୁ ସାହାଯ୍ୟରେ ଆମେ ଉଭୟ ଦୂର ବସ୍ତୁ ଏବଂ ନିକଟ ବସ୍ତୁକୁ ଦେଖାରୁ । କୌଣସି ଚକ୍ଷୁ ପାଇଁ ଏକ ସୁସ୍ଥ ଚକ୍ଷୁର ସ୍ପଷ୍ଟ ଦର୍ଶନର ସର୍ବନିମ୍ନ ଦୂରତା ପ୍ରାୟ 25 ସେ.ମି. ।
(xiv) କେତେକ ବ୍ୟକ୍ତି ଦୂର ବସ୍ତୁକୁ ସ୍ପଷ୍ଟ ଦେଖପାରନ୍ତି ନାହିଁ; ମାତ୍ର ନିକଟ ବସ୍ତୁକୁ ସ୍ପଷ୍ଟ ଦେଖପାରନ୍ତି । ଏହାକୁ ସମୀପ ଦୃଷ୍ଟି କହନ୍ତି ।
(xv) ଅନ୍ୟ ପକ୍ଷରେ କେତେକ ବ୍ୟକ୍ତି ଦୂରବସ୍ତୁକୁ ସ୍ପଷ୍ଟ ଦେଖିପାରନ୍ତି; ମାତ୍ର ନିକଟ ବସ୍ତୁକୁ ସ୍ପଷ୍ଟ ଦେଖିପାରନ୍ତି ନାହିଁ । ଏହାକୁ ଦୂର ଦୃଷ୍ଟି କହନ୍ତି ।
(xvi) ବୁଢ଼ା ବୟସରେ ଦୃଷ୍ଟି ଶକ୍ତି ଅସ୍ପଷ୍ଟ ହୁଏ ଓ ବସ୍ତୁଗୁଡ଼ିକ କୁହୁଡ଼ିଆ ଦେଖାଯାଏ । ଏହା ଚକ୍ଷୁ ଲେନ୍ସର ଆବିଳତା (turbidity) ଯୋଗୁଁ ହୋଇଥାଏ । ଏହିପରି ବ୍ୟକ୍ତି ମୋତିଆ ବିନ୍ଦୁ (cataract) ଗ୍ରସ୍ତ ବୋଲି କୁହାଯାଏ । ଏହାଫଳରେ ଦୃଷ୍ଟିଶକ୍ତି କମିଯାଏ । ଏହି ମୋତିଆ ବିନ୍ଦୁ ବହୁଦିନର ହେଲେ ଚକ୍ଷୁ ଲେନ୍ସକୁ କାଢ଼ି ତା’ ସ୍ଥାନରେ କୃତ୍ରିମ ଲେନ୍ସ ଖଞ୍ଜି ଦିଆଯାଏ । ଆଧୁନିକ ଚିକିତ୍ସା ବିଜ୍ଞାନ ଏହାକୁ ଅଧିକ ସହଜ ଓ ସରଳ କରିଦେଇଛି ।

BSE Odisha 8th Class Science Notes Chapter 16 ଆଲୋକ

→ ଚକ୍ଷୁର ଯତ୍ନ (Care of the Eyes):
(i) ଚକ୍ଷୁ ବିଶେଷଜ୍ଞ ଚଷମା ପିନ୍ଧିବାକୁ କହିଲେ, ଉପଯୁକ୍ତ ମାପର ଚଷମା ବ୍ୟବହାର କରିବା ଉଚିତ ।
(ii) ଅତି ଉଜ୍ଜ୍ଵଳ କିମ୍ବା ଅତି କ୍ଷୀଣ ଆଲୋକ ଚକ୍ଷୁପାଇଁ କ୍ଷତିକାରକ । ଅତି କ୍ଷୀଣ ଆଲୋକ ଚକ୍ଷୁ ଉପରେ ଚାପ ପକାଏ ଏବଂ ମୁଣ୍ଡ ବିନ୍ଧେ । ଅତ୍ୟଧିକ ଆଲୋକ; ଯଥା – ଅତ୍ୟଧିକ ସୂର୍ଯ୍ୟାଲୋକ କିମ୍ବା ଲେଜର ରଶ୍ମିପରି ଶକ୍ତିଶାଳୀ ଆଲୋକ ମୁକୁରିକାକୁ ନଷ୍ଟ କରିଦିଏ ।
(iii) ସୂର୍ଯ୍ୟଙ୍କୁ କିମ୍ବା କୌଣସି ଶକ୍ତିଶାଳୀ ଆଲୋକ ଉତ୍ସକୁ ଖାଲି ଆସ୍‌ରେ ସିଧାସଳଖ ଦେଖିବା ଉଚିତ ନୁହେଁ ।
(iv) କୌଣସି ଧୂଳିକଣା ଚକ୍ଷୁ ମଧ୍ୟରେ ପ୍ରବେଶକଲେ, ସଙ୍ଗେ ସଙ୍ଗେ ପରିଷ୍କାର ପାଣିରେ ଚକ୍ଷୁକୁ ଧୋଇ ଦିଅ । ଯଦି ତଦ୍ୱାରା କୌଣସି ଉପଶମ ନ ହୁଏ; ତାହାହେଲେ ଚକ୍ଷୁ ଡାକ୍ତରଙ୍କ ପରାମର୍ଶ ନିଅ ।
(v) ସ୍ପଷ୍ଟ ଦର୍ଶନର ନିମ୍ନତମ ଦୂରତାରେ ଚକ୍ଷୁଠାରୁ ବହିଟି ରଖ୍ ପଢ଼ାପଢ଼ି କରିବା ଆବଶ୍ୟକ ।
(vi) ଖାଦ୍ୟରେ ଭିଟାମିନ୍ – A ର ଅଭାବ ହେଲେ ଚକ୍ଷୁର ଅନେକ ରୋଗ ଦେଖାଯାଏ । ଅନ୍ଧାରକଣା ସେମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରୁ ଅନ୍ୟତମ । ଆମର ପ୍ରତିଦିନ ଖାଦ୍ୟରେ ଭିଟାମିନ୍ – A ଯୁକ୍ତ ଖାଦ୍ୟ ରହିବା ଉଚିତ ।
ଖାଦ୍ୟରେ ଭିଟାମିନ୍- Aର ଅଭାବ ହେଲେ ଅନ୍ଧାରକଣା ରୋଗ ହୁଏ ।
କଞ୍ଚାମୂଳା, ସବୁଜ ପନିପରିବା ଓ କଡ଼ଲିଭର ତେଲ ଇତ୍ୟାଦିରେ ଅଧିକ ପରିମାଣର ଭିଟାମିନ୍ -A ଥାଏ । ଅଣ୍ଡା, ଦୁଗ୍‌ଧ, ଦହି, ଛେନା, ଲହୁଣି ଏବଂ ପ୍ରାୟ ସମସ୍ତ ଫଳରେ ମଧ୍ଯ ଭିଟାମିନ୍ – A ଥାଏ । ପାଚିଲା ଅମୃତଭଣ୍ଡା ଏବଂ ଆମ୍ବରେ ଭିଟାମିନ୍ – A ଭରପୂର ରହିଛି ।

→ ବ୍ରେଲି ସିଷ୍ଟମ୍ (Braille System):
1821 ମସିହାରେ ଲୁଇସ୍ ବ୍ରେଲ୍ ଦୃଷ୍ଟିରହିତ ବ୍ୟକ୍ତିଙ୍କ ପାଇଁ ବ୍ରେଲ୍ ପଦ୍ଧତି ଉଦ୍ଭାବନ କରିଥିଲେ ।
ବ୍ରେଲ୍ ପଦ୍ଧତିରେ 3ଟି ଡଟ୍ ପ୍ୟାଟର୍ୟ ବା ବିନ୍ୟାସ ଥାଏ ।
1932 ମସିହାରୁ ବ୍ରେଲ୍ ପଦ୍ଧତିକୁ ଗ୍ରହଣ କରାଯାଇଛି ।
(i) ଲୁଇସ୍ ବ୍ରେଲ୍ ଜଣେ ଦୃଷ୍ଟିରହିତ ବ୍ୟକ୍ତି ଥିଲେ । ସେ ଦୃଷ୍ଟିରହିତ ବ୍ୟକ୍ତିଙ୍କ ପାଇଁ ଏକ ପଦ୍ଧତି ଉଦ୍ଭାବନ କରିଥିଲେ ଓ ଏହା 1821 ମସିହାରେ ପ୍ରକାଶିତ ହୋଇଥିଲା ।
BSE Odisha 8th Class Science Notes Chapter 16 ଆଲୋକ - 8
(ii) ଏହି ପଦ୍ଧତିରେ 3ଟି ଡଟ୍ ପ୍ୟାଟର୍ଶ ବା ବିନ୍ୟାସ ଥାଏ । ପ୍ରତ୍ୟେକ ବିନ୍ୟାସ ଗୋଟିଏ ଗୋଟିଏ ଅକ୍ଷର, ଯୁକ୍ତାକ୍ଷର, ସାଧାରଣ ଶବ୍ଦ କିମ୍ବା ବ୍ୟାକରଣ ସମ୍ପର୍କିତ ଚିହ୍ନକୁ ସୂଚାଏ ।
(iii) ଦୃଷ୍ଟିରହିତ ବ୍ୟକ୍ତିମାନଙ୍କ ପାଇଁ ବ୍ରେଲ୍ ଏକ ଜଣାଶୁଣା ସମ୍ବଳ । 1932 ମସିହାରୁ ଏହାକୁ ଗ୍ରହଣ କରାଯାଇଛି।
(iv) ସାଧାରଣ ଭାଷା, ଗଣିତ ଓ ବିଜ୍ଞାନ ପାଇଁ ସ୍ଵତନ୍ତ୍ର ବ୍ରେଲ୍ କୋଡ୍ ବ୍ୟବହୃତ ହୁଏ । ଦୃଷ୍ଟିରହିତ ବ୍ୟକ୍ତି ପ୍ରଥମେ ବ୍ରେଲ୍ ପଦ୍ଧତିରେ ଅକ୍ଷରଗୁଡ଼ିକ ଶିଖନ୍ତି । ତାହାପରେ ସେମାନେ ଏହି ଅକ୍ଷରଗୁଡ଼ିକର ସଂଯୋଗ ଓ ଲକ୍ଷଣ ଜାଣନ୍ତି । ବସ୍ତୁକୁ ସ୍ପର୍ଶ କରି ସେମାନେ ଏସବୁକୁ ଶିଖୁଥାଆନ୍ତି ।
(v) ବ୍ରେଲ୍ ପାଠ୍ୟ ସମୂହ ହାତ କିମ୍ବା ମେସିନ୍ ଦ୍ବାରା ଉତ୍ପନ୍ନ କରାଯାଇଥାଏ । ବର୍ତ୍ତମାନ ଏହି ପଦ୍ଧତି ଅନୁସରଣ କରି ଟାଇପ୍ ମେସିନ୍ ଓ ମୁଦ୍ରଣ ଯନ୍ତ୍ର ପ୍ରସ୍ତୁତ ହେଲାଣି ।

BSE Odisha 8th Class Science Notes Chapter 16 ଆଲୋକ

→ ବିଷୟଭିତ୍ତିକ ଶବ୍ଦୀବ୍ଦଳ:
BSE Odisha 8th Class Science Notes Chapter 16 ଆଲୋକ - 9

BSE Odisha 8th Class Science Notes Chapter 18 ବାୟୁ ଓ ଜଳ ପ୍ରଦୂଷଣ

Odisha State Board BSE Odisha 8th Class Science Notes Chapter 18 ବାୟୁ ଓ ଜଳ ପ୍ରଦୂଷଣ will enable students to study smartly.

BSE Odisha Class 8 Science Notes Chapter 18 ବାୟୁ ଓ ଜଳ ପ୍ରଦୂଷଣ

→ଉପକ୍ରମ :
ବାୟୁ ଓ ଜଳ ଉଭୟ ଜୀବଜଗତ ପାଇଁ ମୁଖ୍ୟ ସମ୍ବଳ । ପୂର୍ବରୁ ଆକାଶ ଅତି ନୀଳ ଦେଖାଯାଉଥ‌ିବାରୁ ନିର୍ମଳ ଜଳ ଓ ମୁକ୍ତ ବାୟୁ ଉପଲବ୍‌ଧ ହେଉଥିଲା; କିନ୍ତୁ ବର୍ତ୍ତମାନ ବାୟୁ ଓ ଜଳର ମାନ କ୍ରମଶଃ ଅବକ୍ଷୟ ହେବାରେ ଲାଗିଛି । ଜଳ ଓ ବାୟୁର ପ୍ରଦୂଷଣର କାରଣ ଓ ଏହାର ନିରାକରଣ କରିବାପାଇଁ ଆମକୁ ପଦକ୍ଷେପ ନେବା ଆବଶ୍ୟକ ।

→ବାୟୁ ପ୍ରଦୂଷଣ (Air Pollution):
(i) ବାୟୁ ବିଭିନ୍ନ ଗ୍ୟାସର ଏକ ମିଶ୍ରଣ । ଏଥରେ ପ୍ରାୟ 78% ଯବକ୍ଷାରଜାନ ଓ 21% ଅମ୍ଳଜାନ ସହ ଅତି କମ୍ ମାତ୍ରାରେ ଅଙ୍ଗାରକାମ୍ଳ, ମିଥେନ୍, ଓଜୋନ୍ ଓ ଆରଗନ୍ ଭଳି ଗ୍ୟାସ ଏବଂ ଜଳୀୟବାଷ୍ପ ଥାଏ ।
(ii) ମାରଣାସ୍ତ୍ର ବିସ୍ଫୋରଣ, ପଥର କ୍ଵାରୀର କ୍ରସରଯନ୍ତ୍ର ପଥରଗୁଣ୍ଡ କଲାବେଳେ, ସିମେଣ୍ଟ କାରଖାନା, ତାଳଚେର ଅଞ୍ଚଳରେ ଉଡ଼ନ୍ତା ପାଉଁଶଦ୍ୱାରା ବେଳେବେଳେ ଧୂଆଁ ଓ ଧୂଳିକଣା ବାୟୁମଣ୍ଡଳରେ ଅଧିକ ହୋଇଥାଏ ।
(iii) ବାୟୁରେ ଅଦରକାରୀ ପଦାର୍ଥ ମିଶିଲେ ତା’ର କ୍ଷତିକାରକ ପ୍ରଭାବ ସଜୀବ ଓ ନିର୍ଜୀବ ଉପରେ ପଡ଼ିଥାଏ । ଏହି ପ୍ରଭାବକୁ ବାୟୁ ପ୍ରଦୂଷଣ କୁହାଯାଏ ।
(iv) ବାୟୁକୁ ପ୍ରଦୂଷଣ କରୁଥିବା ଉପାଦାନଗୁଡ଼ିକ ପ୍ରଦୂଷକ କୁହାଯାଏ ।

BSE Odisha 8th Class Science Notes Chapter 18 ବାୟୁ ଓ ଜଳ ପ୍ରଦୂଷଣ

→ବାୟୁ ପ୍ରଦୂଷଣର ହୁଏ କିପରି ?
(i) ଘରେ କାଠ, ଶୁଖୁଲା ଗୋବର, କୋଇଲା, କିରୋସିନି ଆଦି ଇନ୍ଧନ ଜାଳିବା ଦ୍ଵାରା କାର୍ବନ୍ ମନୋକ୍‌ସାଇଡ଼, ଅଙ୍ଗାରକାମ୍ଳ, ସଲଫର୍‌ ଡାଇଅକ୍‌ସାଇଡ଼ ଭଳି ପ୍ରଦୂଷକ ଉତ୍ପନ୍ନ ହୋଇ ବାୟୁକୁ ପ୍ରଦୂଷଣ କରେ ।
(ii) କାର୍, ବସ୍, ଟ୍ରକ, ମଟରସାଇକେଲ୍ ଆଦି ଯାନବାହାନ ଚଳାଚଳରୁ କାର୍ବନ୍ ମନୋକ୍‌ସାଇଡ୍ (CO), ସଲ୍‌ଫର୍‌ ଡାଇଅକ୍‌ସାଇଡ୍ (SO2), ନାଇଟ୍ରୋଜେନ୍ ଡାଇଅକ୍‌ସାଇଡ୍ (NO2 ) ଭଳି କ୍ଷତିକାରକ ବାୟୁ ପ୍ରଦୂଷକ ସୃଷ୍ଟି ହୁଏ ।
(iii) କଳକାରଖାନା ଓ ତାପଜ ବିଦ୍ୟୁତ୍ କେନ୍ଦ୍ରରୁ ସଲ୍‌ଫର୍‌ ଡାଇଅକ୍‌ସାଇଡ୍ (SO2), ନାଇଟ୍ରୋଜେନ ଅକ୍‌ସାଇଡ୍(NO2), କ୍ଲୋରିନ୍, କୋଇଲାଗୁଣ୍ଡ, ସିମେଣ୍ଟ ଗୁଣ୍ଟ, ଆଳବିଷୟ ଗୁଣ୍ଡ ଆଦି ବିଭିନ୍ନ ପ୍ରକାର ପ୍ରଦୂଷଣ ଉତ୍ପନ୍ନ ହେ।ଇଥାଏ ।
(iv) କୃଷି କାର୍ଯ୍ୟରେ ରାସାୟନିକ ସାର ଓ କୀଟନାଶକର ବ୍ୟବହାର ଯୋଗୁଁ ବାୟୁ ପ୍ରଦୂଷିତ ହୋଇଥାଏ ।
(v) ଜଙ୍ଗଲକ୍ଷୟ ଯୋଗୁଁ ବାୟୁରେ ଅଙ୍ଗାରକାମ୍ଳର ପରିମାଣ ବୃଦ୍ଧି ପାଇଥାଏ ।
(vi) ଧୂଳିଝଡ଼ ଯୋଗୁଁ ବାୟୁରେ ଧୂଳିକଣା ବୃଦ୍ଧିପାଇ ବାୟୁକୁ ପ୍ରଦୂଷିତ କରାଏ ।
(vii) ଜଙ୍ଗଲରେ ନିଆଁ ଲାଗିବା ଦ୍ବାରା ଅଙ୍ଗାରକଣିକା ଓ ପାଇଁ ସୃଷ୍ଟି ହୋଇ ବାୟୁ ଦୂଷିତ ହୋଇଥାଏ ।
(viii ) ଆଗ୍ନେୟଗିରି ଉଦ୍‌ଗିରଣରୁ ବିଭିନ୍ନ ଗ୍ୟାସ୍ ଓ ପାଉଁଶ ଉତ୍ପନ୍ନ ହୋଇ ବାୟୁକୁ ପ୍ରଦୂଷିତ କରିଥାଏ ।
(ix) ଜୈବ ଓ ଅଜୈବ ପଦାର୍ଥ ପଟିଲଢ଼ି ଆମୋନିଆ (NH2 ) ବାଶ ନିର୍ଗତ ହୁଏ ଯାହା ବାୟୁକୁ ପ୍ରଦୂଷିତ କରିଥାଏ ।

→ବାୟୁ ପ୍ରଦୂଷଣର ପ୍ରଭାବ (Effects of Air Pollution)
(i) ବାୟୁ ପ୍ରଦୂଷଣ ଶ୍ଵାସ ପାଇଁ କ୍ଷତିକାରକ । ଯାନବାହାନଗୁଡ଼ିକରେ ଇନ୍ଧନର ଅସଂପୂର୍ଣ; ଫଳରେ କାର୍ଟୁନ୍ ମନୋକ୍‌ସାଇଡ୍ ସୃଷ୍ଟି ହୁଏ । ଏହା ରକ୍ତର ହିମୋଗ୍ଲୋବିସହ ମିଶି ମନୁଷ୍ୟର ଶ୍ଵାସକ୍ରିୟାରେ କୁପ୍ରଭାବ ପକାଏ ।
(ii) ଶୀତଦିନେ ବାୟୁମଣ୍ଡଳରେ ଥବା କୁହୁଡ଼ି ସହ ଧୂଆଁ ମିଶି ସ୍ଥଗ୍ ସୃଷ୍ଟି ହୋଇଥାଏ । ଏହାର ପ୍ରଭାବରେ ଅଧିକାଂଶ ଶିଶୁ କାଶ, ଜିଙ୍କ ଓ ଆଜ୍‌ମାରେ ପୀଡ଼ିତ ହୋଇଥା’ନ୍ତି ।
(iii) ପେଟ୍ରୋଲିୟମ୍ ବିଶୋଧନାଗାର ଅଞ୍ଚଳରେ ସଲ୍‌ଫର୍‌ ଡାଇଅକ୍‌ସାଇଡ୍ (SO2), ନାଇଟ୍ରୋଜେନ୍ ଡାଇଅକ୍‌ସାଇଡ୍ (NO2) ପରି ଗ୍ୟାସୀୟ ପ୍ରଦୂଷଣର ପରିମାଣ ବେଶୀ ହୋଇଥାଏ । ଏହି ଗ୍ୟାସ୍ ଶ୍ବାସ ସମସ୍ୟା ସୃଷ୍ଟି କରିବା ସହ ଫୁସ୍‌ଫୁସ୍‌କୁ ମଧ୍ୟ ନଷ୍ଟ କରିଦିଏ ।
(iv) ଓଜୋନ୍‌ ଢାଲ ସୂର୍ଯ୍ୟରୁ ଆସୁଥିବା କ୍ଷତିକାରକ ଅତିବାଇଗଣୀ ରଶ୍ମି ପ୍ରଭାବରୁ ଜୀବଜଗତକୁ ରକ୍ଷାକରିଥାଏ । କ୍ଲୋରୋଫ୍ଲୋରୋକାର୍ବନ ଗ୍ୟାସ୍ ଦ୍ବାରା ଓଜୋନ୍‌ ସ୍ତରର ରନ୍ଧ୍ର ସୃଷ୍ଟି ହୋଇଥାଏ । ଏହାଦ୍ବାରା ଅତିବାଇଗଣି ରଶ୍ମି ଫୁସ୍‌ଫୁସ୍‌କୁ ମଧ୍ୟ ନଷ୍ଟ କରିଦିଏ ।
(v) ପେଟ୍ରୋଲ ଓ ଡିଜେଲର ଦହନରୁ ଜାତ କଣିକା ବାୟୁରେ ଅଧ୍ଵ ସମୟ ଭାସିଥାଏ । ଇସ୍ପାତ କାରଖାନା ଓ ମାଇନିଂ ଶିଳ୍ପଗୁଡ଼ିକରେ ମଧ୍ୟ ଏଭଳି କଣିକା ସୃଷ୍ଟି ହୁଏ । ଏହା ଶ୍ଵାସକ୍ରିୟା ଦ୍ବାରା ଶରୀରରେ ପ୍ରବେଶ କରି ରୋଗ ସୃଷ୍ଟି କରେ ।

ପ୍ର, ପ୍ରବୃଷକ କେଉଁଠି ସୃଷ୍ଟି ହୁଏ ଓ କି ପ୍ରଭାବ ପକାଇଥାଏ, ଏହା ଉପରେ ଏକ ସାରଣୀ ପ୍ରସ୍ତୁତ କରି ।
BSE Odisha 8th Class Science Notes Chapter 18 ବାୟୁ ଓ ଜଳ ପ୍ରଦୂଷଣ 1

→ପର୍ଯ୍ୟବେକ୍ଷଣ (Observation):
(i) ବାୟୁ ପ୍ରଦୂଷଣ ପ୍ରଭାବରେ ତାଜମହଲର ଧଳା ମାର୍ବଲ ଫିକା ପଡ଼ିଗଲାଣି । ଏଥିରୁ ସ୍ପଷ୍ଟ ହେଉଛି ଯେ କେବଳ ସଜୀବ ନୁହେଁ, ବାସଗୃହ, ପକ୍‌କାଘର, ଐତିହାସିକ ସୌଧ ଆଦି ଉପରେ ମଧ୍ୟ ବାୟୁ ପ୍ରଦୂଷଣର ପ୍ରଭାବ ପଢୁଛି ।
(ii) ଆଗ୍ରା ସହରରେ ଓ ଚତୁଃପାର୍ଶ୍ଵରେ ଥ‌ିବା ରବର ଶିଳ୍ପ, ରସାୟନ ଶିଳ୍ପ, ଅଟୋମୋବାଇଲ ଶିଳ୍ପ, ତୈଳ ରିଫାଇନେରୀ ଯୋଗୁଁ ସଲ୍‌ଫର୍ ଡାଇଅକସାଇଡ୍ ଓ ନାଇଟ୍ରୋଜେନ୍ ଡାଇଅକ୍‌ସାଇଡ୍ ସୃଷ୍ଟି ହେଉଛି ।
(iii) ଏହି ଗ୍ୟାସ ବର୍ଷାଜଳ ସହ ମିଶି ଗନ୍ଧକାମ୍ଳ ଓ ଯବକ୍ଷାରାମ୍ଳ ସୃଷ୍ଟି କରେ । ଏହି ଅମ୍ଳ ବର୍ଷାଜଳ ସହିତ ମିଶି ଅମ୍ଳବର୍ଷା ବା ଏସିଡ୍ ରେଡ୍ କରିଥାଏ । ଏହା ମାର୍ବଲ ପଥରକୁ କ୍ଷତିଗ୍ରସ୍ତ କରାଏ । ଏଭଳି ପରିବର୍ତ୍ତନକୁ ‘ମାର୍ବଲ କ୍ୟାନସର’’ ମଧ୍ୟ କୁହାଯାଏ ।

BSE Odisha 8th Class Science Notes Chapter 18 ବାୟୁ ଓ ଜଳ ପ୍ରଦୂଷଣ

ତାଜମହଲର ସୁରକ୍ଷା ଉଦ୍ଦେଶ୍ୟରେ ମାନ୍ୟବର ସୁପ୍ରିମକୋର୍ଟ ମଧ୍ୟ ପଦକ୍ଷେପ ନେଲେଣି । ସେ ଅଞ୍ଚଳରେ କମ୍ରେସଡ୍ ନେଚ୍ୟୁରାଲ ଗ୍ୟାସ (CNG) ଓ ଲିକ୍ୟୁଫାଇଡ୍ ପେଟ୍ରୋଲିୟମ୍ ଗ୍ୟାସ୍ (LPG) ଇନ୍ଧନ ଭାବେ ବ୍ୟବହାର କରିବା

→ସବୁଜ କୋଠରି ପ୍ରଭାବ ଏବଂ ବିଶ୍ଵତାପନ (Green house effect & Global Warming) :
(i) ଅଙ୍ଗାରକାମ୍ଳ ଓ ମିଥେନ୍ ପରି କେତେକ ଗ୍ୟାସର ତାପଶୋଷଣ ସାମର୍ଥ୍ୟ ରହିଛି । ଏହିସବୁ ଗ୍ୟାସର ପରିମାଣ ବୃଦ୍ଧି ପୃଥ‌ିବୀକୁ ଏକ ‘ସବୁଜ କୋଠରି’’ରେ ପରିଣତ କରି ଦେଇଛି ।
(ii) ଅଙ୍ଗାରକାମ୍ଳ ବାୟୁର ଏକ ଉପାଦାନ । ମନୁଷ୍ୟର ବିକାଶମୂଳକ କାର୍ଯ୍ୟକ୍ରମ ଯୋଗୁଁ ଅଙ୍ଗାରକାମ୍ଳର ପରିମାଣ ନିରନ୍ତର ବଢ଼ିଚାଲିଛି । ଜଙ୍ଗଲ କ୍ଷୟଯୋଗୁଁ CO2 ପରିମାଣ ବଢୁଛି । ଅଙ୍ଗାରକାମ୍ଳ ଗ୍ୟାସ୍ ତାପକୁ ଧରି ରଖୂପାରୁଛି, ତେଣୁ ପୃଥ‌ିବୀର ହାରାହାରି ତାପମାତ୍ରା ବଢ଼ିଚାଲୁଛି । ଏହାକୁ ବିଶ୍ୱ ତାପନ ବା ଗ୍ଲୋବାଲ ୱାମିଂ (Global Warming) କୁହାଯାଏ ।
(iii) ମିଥେନ୍, ନାଇଟ୍ରସ ଅକ୍‌ସାଇଡ୍ ଓ ଜଳୀୟବାଷ୍ପ ମଧ୍ୟ ଏହି ପ୍ରଭାବ ପକାଉଥ‌ିବାରୁ ଏଗୁଡ଼ିକୁ ‘ଗ୍ରୀନ୍ ହାଉସ ଗ୍ୟାସ୍’’ ରୂପେ ଗଣନା କରାଯାଏ ।

→ବିଶ୍ବ ତାପନ – ଏକ ଭୟଙ୍କର ବିପଦ :
(i) ବିଶ୍ୱ ତାପନ ଯୋଗୁଁ ସମୁଦ୍ର ପତ୍ତନ ବଢ଼ିବା, ବୃଷ୍ଟିପାତ ଓ ଜଳବାୟୁ ପ୍ରଭାବିତ ହେବା ସହ ଜଙ୍ଗଲ, କୃଷି, ଉଭିଦ ତଥା ପ୍ରାଣୀମାନେ କ୍ଷତିଗ୍ରସ୍ତ ହେବେ । ସବୁଜ କୋଠରି ଗ୍ୟାସ ପରିମାଣକୁ ନିୟନ୍ତ୍ରଣ କରିବା ପାଇଁ ଆମ ହାତରେ ବେଶୀ ସମୟ ନାହିଁ । ଏହା କରି ନ ପାରିଲେ ତାପମାତ୍ରା ବୃଦ୍ଧି ଚଳିତ ଶତାବ୍ଦୀ ଶେଷ ଆଡ଼କୁ 2 ରୁ ଅଧିକ ହୋଇଯିବ । ଏହା ଭୟଙ୍କର ବିପଦର କାରଣ ହୋଇଯିବ ।
(ii) ପୃଥ‌ିବୀର ତାପମାତ୍ରା ମାତ୍ର 0.5°C ବଢ଼ିଥ‌ିବାରୁ ଅନେକ ସମସ୍ୟା ଦେଖାଦେଇଛି । ଏବେ ବିଶ୍ୱ ତାପନ ଯୋଗୁଁ ହିମାଳୟର ଗଙ୍ଗୋତ୍ରୀ ହିମସ୍ରୋତ ବା ଗ୍ଲାସିୟର ତରଳୁଅଛି । ବରଫ ତରଳିବା ଗ୍ଲୋବାଲ ୱାର୍ମିଙ୍ଗ୍‌ର ଏକ
ସଂକେତ ଅଟେ ।

→ଆମେ କ’ଣ କରି ପାରିବା ?
(i) ସୀସାବିହୀନ ପେଟ୍ରୋଲ ଓ CNG ପରି ପରିଷ୍କାର ଇନ୍ଧନଦ୍ୱାରା ଗାଡ଼ିମୋଟର ଚାଲିବା ଫଳରେ ନଗରର ବାୟୁ
(ii) କୋଇଲା, ପେଟ୍ରୋଲ ଆଦି ଜୀବାଶ୍ମ ଇନ୍ଧନ ବଦଳରେ ଧୀରେ ଧୀରେ ସୌରଶକ୍ତି, ଜଳବିଦ୍ୟୁତ୍ ଶକ୍ତି ଓ ପବନ
(iii) ଗାଡ଼ି ମଟରର ବ୍ୟବହାର ଯଥାସମ୍ଭବ ହ୍ରାସ କରି କୌଣସି ସ୍ଥାନକୁ ସାଇକେଲ କିମ୍ବା ପାଦରେ ଚାଲି ଚାଲି ଯିବା ଉଚିତ ।
(iv) ଖାଲି ଜାଗାମାନଙ୍କରେ ଅଧିକ ବୃକ୍ଷରୋପଣ କରିବା ଆବଶ୍ୟକ ।

ଜଳ ପ୍ରଦୂଷଣ (Water Pollution):
(i) ଜଳ, ଆମ ବଞ୍ଚିବା ଓ ବଢ଼ିବାପାଇଁ ଏକ ମୂଲ୍ୟବାନ ସଂପଦ ।
(ii) ଜନସଂଖ୍ୟା ବୃଦ୍ଧି ହେତୁ ଜଳର ଅଭାବ ଦେଖାଦେଲାଣି । ଗାଧୋଇବାବେଳେ, ଲୁଗା ସଫାକଲେ, ଗାଡ଼ିମଟର ଧୋଇବା ବେଳେ ଜଳରେ ଅନ୍ୟ ପଦାର୍ଥ ମିଶିଥାଏ; ଫଳରେ ଜଳର ରଙ୍ଗ, ଗନ୍ଧ ଓ ଗୁଣ ପରିବର୍ତ୍ତନ ହୋଇଥାଏ । ଜଳକୁ ପ୍ରଦୂଷିତ କରୁଥିବା ପଦାର୍ଥକୁ ଜଳ ପ୍ରଦୂଷକ କୁହାଯାଏ ।

→ଜଳ କିପରି ପ୍ରଦୂଷିତ ହୁଏ ?
(ii) ଏହାର ପୁନରୁଦ୍ଧାର ଆଶାନେଇ 1985 ମସିହାରେ ‘‘ଗଙ୍ଗା ଆକ୍‌ସନ ପ୍ଲାନ୍’’ (Ganga Action Plan) ନାମରେ ଏକ ଯୋଜନା ଆରମ୍ଭ କରାଯାଇଛି । ଏହାର ଉଦ୍ଦେଶ୍ୟ ଓ ଲକ୍ଷ୍ୟ ଗଙ୍ଗା ନଦୀର ପ୍ରଦୂଷଣ ମାତ୍ରା କମ୍
(iii) ଅନେକ ଶିଳ୍ପର ଦୂଷିତ ଆବର୍ଜନା, ବିଷାକ୍ତ ରାସାୟନିକ ପଦାର୍ଥ ନଦୀ ଓ ଝରଣାମାନଙ୍କର ଜଳକୁ ପ୍ରଦୂଷିତ କରିଥାଏ । ତୈଳ ରିଫାଇନାରୀ, କାଗଜ ଶିଳ୍ପ, ଲୁଗା ଶିଳ୍ପ, ଚିନି କାରଖାନା ଓ ରାସାୟନିକ କାରଖାନା ଆଦି ଜଳ ପ୍ରଦୂଷଣର ମୁଖ୍ୟ ଉତ୍ସ ।
(iv) ପ୍ରଦୂଷିତ ଜଳ ବ୍ୟବହାର କରୁଥିବା ଲୋକେ ହଇଜା, ଟାଇଫଏଡ୍ ଓ ଜଣ୍ଡିସ୍ ଆଦି ରୋଗରେ ଆକ୍ରାନ୍ତ ହୁଅନ୍ତି ।
(v) ଉତ୍ତପ୍ତ ଜଳ ଏକ ପ୍ରକୃଷକ ହୋଇପାରେ, କାରଣ ତାପଜ ବିଦ୍ୟୁତ୍ ଶକ୍ତି କେନ୍ଦ୍ର ଓ ଅନ୍ୟ ଶିଳ୍ପରୁ ଏହି ଜଳ ନଦୀରେ ପ୍ରବେଶକରେ ନଦୀନଳ ପ୍ରଦୂଷିତ ହୋଇଥାଏ । ତାହାର ପ୍ରଭାବ ଜୀବମାନଙ୍କ ଉପରେ ପଡ଼େ ।

BSE Odisha 8th Class Science Notes Chapter 18 ବାୟୁ ଓ ଜଳ ପ୍ରଦୂଷଣ

→ପାନୀୟ ଜଳ କ’ଣ ? ଜଳ ବିଶେଧନ ଉପାୟ :
(i) ପିଇବାଯୋଗ୍ୟ ପାଣିକୁ ପାନୀୟଜଳ କୁହାଯାଏ । ଜଳଛଣା ଯନ୍ତ୍ର ବା ଫିଲ୍ଟରରେ ପରିସ୍ରବଣ ପ୍ରଣାଳୀ (filtration) ଦ୍ୱାରା କିଛି ପରିମାଣରେ ଜଳ ବିଶୋଧନ କରାଯାଏ ।
(ii) ଆମ ଘରମାନଙ୍କରେ ଜ୍ୟାଣ୍ଡଲଯୁକ୍ତ ଫିଲ୍‌ଟର୍ ବ୍ୟବହାର କରି ଜନ ଛଣାଯାଏ । ଏହା ପରିସ୍ରବଣ ପ୍ରଣାଳୀ ଅଟେ । ଏହା ଏକ ଭୌତିକ ପଦ୍ଧତି ।
(iii) ଜଳ ବିଶୋଧନ ପାଇଁ ରାସାୟନିକ ପଦ୍ଧତିର ଏକ ଉଦାହାରଣ କ୍ଲୋରିନ୍‌ ବଟିକା ଦ୍ବାରା କ୍ଲୋରିନେସନ (chlorination) ବା ବ୍ଲିଚିଂ ପାଉଡ଼ର ବ୍ୟବହାର । ସାବଧାନତାର ସହିତ ଉଚିତ ପରିମାଣର କ୍ଲୋରିନ୍‌ ବଟିକା

→ଆଉ କ’ଣ କରିପାରିବା ?
(i) ପ୍ରତ୍ୟେକ ଶିଳ୍ପାଞ୍ଚଳରେ ଜଳ ବିଶୋଧନ ପ୍ରକଳ୍ପ ପ୍ରତିଷ୍ଠା କରାଯିବା ଉଚିତ । ନଦୀ ଓ ହ୍ରଦମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟକୁ ପ୍ରଦୂଷିତ ଜଳ ପ୍ରବେଶ ନିରୋଧ ପାଇଁ ଶିଳ୍ପାନୁଷ୍ଠାନମାନଙ୍କ ଦ୍ଵାରା ଆଇନ କଡ଼ାକଡ଼ି ପ୍ରୟୋଗ ହେବା ବିଧେୟ ।
(ii) ଆମେମାନେ ନିଜେ ନିଜର ସାଧ୍ଯମତେ ଜଳ ସଂରକ୍ଷଣ ସହ ଜଳ ଅପଚୟ ନ କରିବାପାଇଁ ଚେଷ୍ଟିତ ରହିବା ଆବଶ୍ୟକ । ଆମ ମୂଳମନ୍ତ୍ର ହେଉଛି (3R) : Reduce ( କମ୍ ବ୍ୟବହାର), Reuse ( ପୁନର୍ଜ୍ୟବହାର), Recycle (ପୁନଶ୍ଚକ୍ରଣ)
(iii) ଆମ ଦୈନନ୍ଦିନ କାର୍ଯ୍ୟରେ ଜଳ ପ୍ରଦୂଷିତ ହୁଏ । ଏହାଦ୍ୱାରା ଆମେ ଓ ଅନ୍ୟମାନେ ମଧ୍ୟ ପ୍ରଭାବିତ ହୁଅନ୍ତି । କିନ୍ତୁ ଜଳର ଶୁଦ୍ଧତା ରକ୍ଷାକରିବା ଆମର ଦାୟିତ୍ଵ ଅଟେ ।

BSE Odisha 8th Class Science Notes Chapter 18 ବାୟୁ ଓ ଜଳ ପ୍ରଦୂଷଣ

→ ବିଷୟଭିତ୍ତିକ ଶବ୍ଦୀବ୍ଦଳ:
BSE Odisha 8th Class Science Notes Chapter 18 ବାୟୁ ଓ ଜଳ ପ୍ରଦୂଷଣ 2