BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 5 मेरा नया बचपन

Odisha State Board  BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions  Poem 5 मेरा नया बचपन Textbook Exercise Questions and Answers.

BSE Odisha Class 9 Hindi Solutions Poem 5 मेरा नया बचपन

प्रश्न और अभ्यास (ପ୍ରଶ୍ନ ଔର୍ ଅଭ୍ୟାସ)

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो-तीन वाक्यों में दीजिए:
(ନିମ୍ନଲିଖ୍‌ତ ପ୍ରଶ୍ନୋ କେ ଉତ୍ତର୍ ହୋ – ତାନ୍ ବାର୍କେ ମେଁ ଦୀଜିଏ) ।
(ନିମ୍ନଲିଖ ପ୍ରଶ୍ନଗୁଡ଼ିକର ଉତ୍ତର ଦୁଇ-ତିନୋଟି ବାକ୍ୟରେ ଦିଅ : )

(क) कवयित्री ने बचपन को ‘अतुलित आनंद देनेवाले’ क्यों कहा है?
(କରାଯିତ୍ରା ନେ ବବ୍ ପନ୍ ବ୍ କୋ ଅତୁଳିତ୍ ଆନନ୍ଦ ଦେନେବାଲେ’ କ୍ୟା କହା ହୈ ?)
(କବୟିତ୍ରୀ ପିଲାଦିନକୁ ‘ଅପାର ଆନନ୍ଦ ଦେଉଥ‌ିବା’ ବୋଲି କାହିଁକି କହିଛନ୍ତି ?)
उत्तर:
कवयित्री ने बचपन को अतुलित आनन्द देनेवाले इसलिए कहा है कि बचपन की सरल, मधुर स्मृतियाँ आनन्द का अतुलित भंड़ार होता है। बाल्यावस्था में अचिन्ता भोजन और खेलकूद के स्वाधीन विचरण अविस्मरणीय है।

(ख) बचपन के बारे में कवयित्री ने क्या वर्णन किया है?
उत्तर:
(ବଚ୍‌ପନ୍ କେ ବାରେ ମେଁ କବୟିତ୍ରୀ ନେ କ୍ୟା ୱର୍ଣ୍ଣନ କିୟା ହୈ ?)
(ପିଲାଦିନ ସମ୍ପର୍କରେ କବୟିତ୍ରୀ କ’ଣ ବର୍ଣ୍ଣନା କରିଛନ୍ତି ?

बचपन का अतुलनीय आनन्द कभी भूला नहीं जा सकता है। इस समय में सरल चिन्ताशून्य निष्पाप जीवन होता है। मातृस्नेह ममता के साथ धूलि खेल कभी नहीं मिला। कवयित्री इसमें उनका मातृहृदय सजग हो उठा है।

(ग) बच्ची के रोने पर माँ ने उसे कैसे चुप कराया?
(ବଢୀ କେ ରୋନେ ପର୍ ମାଁ ନେ ଉସେ କୈସେ ଚୁପ୍ କରାୟା ?)
(ଶିଶୁ (ପିଲା) କ୍ରନ୍ଦନରେ ମା’ ତାକୁ କିପରି ବୋଧ କଲେ ?)
उत्तर:
बच्ची रोते समय माँ जो काम कर रही थी उसको छोड़कर बच्ची को उठा लिया । झाड़ पोंछकर चुमा देकर लोरी गाकर गिले गालो को सुखा दिया ।

(घ) कवयित्री बचपन को क्यों बार-बार बुलाती हैं ?
(କବୟିତା। ଚଚ୍ ର୍ପନ୍ କ୍ଯୋ ବାର୍ – ବାର୍ ବୁଲାତୀ ହୈ ?)
(କବୟିତ୍ରୀ ପିଲାଦିନକୁ କାହିଁକି ବାରମ୍ବାର ମନେ ପକାଉଛନ୍ତି ?)
उत्तर:
कवयित्री निर्मल शान्ति पाने के लिए वचपन को बार-बार बुलाती है। इसमें उनके मन का बिषाद को मिटाने के साथ चिर सुख मिलेंगा। वस्तुत: नारी हृदय मातृत्व पाकर ही गौरवान्वित होता है।

(ङ) बचपन को बुलाते समय क्या हुआ?
(ବଚ୍‌ପନ୍‌ କୋ ବୁଲାତେ ସମୟ କ୍ୟା ହୁଆ ? )(
ପିଲାଦିନକୁ ଡାକିବାବେଳେ କ’ଣ ହେଲା ?)
उत्तर:
बचपन को बुलाते समय कवि खुद बच्ची बन जाती है। बचपन की अठखेलियाँ और शरारत की झलक देखी। उसके साथ खेलती, खाती और तुतलाती है।

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2. निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर एक या दो वाक्यों में दीजिए।
(ନିମ୍ନଲି ଖ୍ ତା ପ୍ରଶ୍ନୋ କା ଉତ୍ତର୍ ଏକସ୍ନ ଦୋ ବାର୍କେ ମେଁ ଦୀଜିଏ) ।
(ନିମ୍ନଲିଖ ପ୍ରଶ୍ନଗୁଡ଼ିକର ଉତ୍ତର ଗୋଟିଏ ବା ଦୁଇଟି ବାକ୍ୟରେ ଦିଅ ।)
(क) ‘मेरा नया बचपन’ कविता किसने लिखी है?
(‘ମେରା ନୟ ବଚପନ୍’ କବିତା କିସ୍‌ ଲିଖ୍ ହୈ ?)
(ମେରା ନୟା ବଚପନ୍) କବିତା କିଏ ଲେଖୁଛି ?)
उत्तर:
‘मेरा नया बचपन’ कविता सुभद्रा कुमारी चौहान ने लिखी है।

(ख) कवयित्री को बार-बार किसकी याद आती है?
(କବୟିତ୍ରୀ କୋ ବାର୍-ବାର୍ କିସ୍‌ ୟାଦ୍ ଆତିହୈ ?)
(କବୟିତ୍ରୀଙ୍କୁ ବାରମ୍ବାର କ’ଣ ମନେ ପଡୁଛି ?)
उत्तर:
कवयित्री को बार-बार बचपन की याद आती हैं।

(ग) किस समय का अतुलित आनन्द भूला नहीं जा सकता है?
(କିସ୍ ସମୟ କା ଅତୁଲିତ ଆନନ୍ଦ ଭୂଲା ନେହୀ ଜା ସକତା ହୈ ?)
(କେଉଁ ସମୟର ଅପାର ଆନନ୍ଦକୁ ଭୁଲି ପାରିବା ନାହିଁ ?)
उत्तर:
बचपन का अतुलित आनन्द भूला नहीं जा सकता है।

(घ) कबयित्री को बचपन में किस प्रकार की जयमाला पहनाते थे?
(କବ ୟତ୍ରା କେ। ବଚ୍ପନ୍ ମେଁ କିସ୍‌କାର କୀ ଜୟମାଲା ପହନାତେ ଥେ ?)
(କବୟିତ୍ରୀ ପିଲାଦିନରେ କେଉଁ ପ୍ରକାରର ବିଜୟରମାଳା ପିନ୍ଧିଥିଲେ ?)
उत्तर:
कवयित्री को बचपन में मोती से आँसू की जयमाला पहनाते थे ।

(ङ) माँ ने गीले गालों को कैसे सुखा दिया?
(ମାଁ ନେ ଗୀଲେ ଗାର୍ଲୋ କୋ କୈସେ ସୁଖା ଦିୟା ?)
(ମା’ ଓଦା ଗାଲା (ମୁହଁ) କୁ କିପରି ସୁଖାଇ ଦେଲା ?)
उत्तर:
माँ ने बच्चों को धूल से उठाकर, झाड़पोंछकर प्यार से चूमकर गीले गालों को सुखा दिया।

(च) कवयित्री किसलिए बचपन को फिर एक बार बुलाती है?
(କବୟିତ୍ରୀ କିସ୍‌ଲିଏ ବତ୍‌ପନ୍ କୋ ଫିର୍ ଏକବାର୍ ବୁଲାତି ହୈ ?)
(ଲେଖ୍କା କେଉଁଥ‌ିପାଇଁ ପିଲାଦିନକୁ ପୁନର୍ବାର ଡାକୁଛନ୍ତି ?)
उत्तर:
कवयित्री निर्मल शान्ति और मन के बिषाद को मिटाने के लिए बचपन को फिर एक बार बुलाती है।

(छ) कवयित्री किसलिए शंका प्रकट करती है?
(କବୟିତ୍ରୀ କିସ୍‌ଏ ଶଂକା ପ୍ରକଟ କରତି ହୈ ?)
(ଲେଖ୍କା କେଉଁଥିପାଇଁ ଆଶଙ୍କା ପ୍ରକାଶ କରିଛନ୍ତି ?)
उत्तर:
कवयित्री इसलिए शंका प्रकट करती है कि सरल, मधुर, निष्पाप बचपन फिर से आकर मेरे मन का संताप को दूर करने में सक्षम होंगे।

(ज) कवयित्री की छोटी-सी कुटिया कैसे नन्दन वन-सी फूल उठी?
1162161- ସୀ କୁଟିୟା କୈସେ ନନ୍ଦନ୍ ୱନ-ସୀ ଫୁଲ୍ ଉଠୀ ? (ଲେଖ୍କାଙ୍କ ଛୋଟ କୁଡ଼ିଆଘର କିପରି ନନ୍ଦନ ବନର ଫୁଲ ହୋଇ ଉଠିଛି ?)
उत्तर:
कवयित्री की छोटी-सी कुटिया अपनी वाल्यावस्था की नटखट से नन्दन वन-सी फूल उठी।

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(झ) कवयित्री की बिटिया क्यों माँ के पास आई थी?
(କବୟିତ୍ରୀ କୀ ଛୋଟୀ- ଆଇ ଥୀ ?)
(ଲେଖ୍କାର ଝିଅ କାହିଁକି ମା ପାଖକୁ ଆସିଥିଲା ?)
उत्तर: कवयित्री की बिटिया बचपन की अठखेलियों और शरारतों की झलक देखी और उसकी सुन्दर मूर्त्ति देखकर नया जीवन आया।

(ञ) कवयित्री ने अपना खोया बचपन किस प्रकार पाया?
(କବୟିତ୍ରୀ ନେ ଅପନା ଖୋୟା ବଚପନ କିସ୍ ପ୍ରକାର ପାୟା ?)
(ଲେଖ୍କାଙ୍କ ନିଜର ହଜି ଯାଇଥ‌ିବା ପିଲାବେଳ କିପରି ପାଇଲେ ?)
उत्तर:
कययित्री ने अपना खोया बचपन बेटी के रूप में पाया है। इसमें सुन्दर लुभानेवाले रूप देखकर नया जीवन फिर पाया।

(ट) कवयित्री किसे बरसों से खोजती थी?
(କବୟିତ୍ରୀ କିସ୍ ବରସୌ ସେ ଖୋଜତୀ ଥୀ ?)
(ଲେଖୁ କାହାକୁ ବର୍ଷ ବର୍ଷ ଧରି ଖୋଜୁଥିଲେ ?)
उत्तर:
अपने बचपन को कवयित्री बरसों से खोजती थी।

3. निम्नलिखित प्रश्नों के सही विकल्प चुनकर उत्तर दीजिए:
(क) कवयित्री को बार-बार किसकी याद आती है?
(i) बुढ़ापा
(ii) बचपन
(iii) शैशव
(iv) यौवन
उत्तर:
(ii) बचपन,

(ख) बचपन का कौन-सा आनंद भूला नहीं जा सकता?
(i) सुख
(ii) अप्रतिम
(iii) अतुलित
(iv) असीम
उत्तर:
(iii) अतुलित,

(ग) जब बच्ची रोती थी तब कौन काम छोड़कर आ जाती थी?
(i) माँ
(ii) बहन
(iii) नानी
(iv) आया
उत्तर:
(i) माँ,

(घ) बिटिया क्या खाकर आई थी?
(i) रोटी
(ii) पान
(iii) मिट्टी
(iv) मिठाई
उत्तर:
(iii) मिट्टी,

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(ङ) बचपन क्या बनकर कवयित्री को फिर से प्राप्त हुआ?
(i) बिल्ली
(ii) कुत्ता
(iii) बेटा
(iv) बेटी
उत्तर:
(iv) बेटी

1. इन विशेषण तथा संज्ञा शब्दों को जोड़िए।
(ଏହି ବିଶେଷଣ ତଥା ସଂଜ୍ଞା ଶବ୍ଦଗୁଡ଼ିକୁ ଯୋଡ଼ ।)

विशेषण संज्ञा
मधुर विश्रान्ति
व्याकुल आँसू
मोती-से हृदय
प्राकृत स्मृति
मस्त कुटिया
मंजुल खुशी
छोटी-सी आनन्द
अतुलित मूर्ति

उत्तर:

विशेषण संज्ञा
मधुर स्मृति
व्याकुल हृदय
मोती-से आँसू
प्राकृत विश्रान्ति
मस्त खुशी
मंजुल मूर्त्ति
छोटी-सी कुटिया
अतुलित आनन्द

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2. निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखिए।
(ନିମ୍ନଲିଖ୍ ଶବ୍ଦଗୁଡ଼ିକର ବିପରୀତ ଶବ୍ଦ ଲେଖ ।)
खुशी, हँसना, मधुर, जीवन, निश्चित, निर्भय, बड़े, सूखा, भयभीत, कुटिया, नव, प्यारा, पाप, निष्पाप, सरलता, बचपन, निर्मल, अपना, पाया, हर्ष।
उत्तर:
खुशी – दु:खी

हँसना – रोना

मधुर – कटु

जीवन – मरण

निश्चित – अनिश्चित

निर्भय – भय

बड़े – छोटे

सूखा – गीला

भयभीत – निर्भीक

कुटिया – महल

नव – पुराना

प्यारा – घृणा

पाप – पुण्य

निष्पाप – कलंक

सरलता – जटिलता

बचपन – बुढ़ापा

निर्मल – मैल

अपना – पराया

पाया – खोया

हर्ष – विषाद/शोक

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3. निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए।
(ନିମ୍ନଲିଖିତ ଶବ୍ଦଗୁଡ଼ିକର ପ୍ରତିକର ପ୍ରତିଶବ୍ଦ ଲେଖା)
निर्भय, स्वच्छन्द, जय, माँ, व्यथा, फूल, कुटिया, वन
उत्तर:
निर्भय – निर्भिक/निडर

जय – विजय/सफला

व्यथा – दु:ख

कुटिया – कुटीर

स्वच्छन्द – स्वाधीन

माँ – माता

फूल – पुष्प, सुमन, कुसुम

वन – जंगल/कानन

4. निर्देशानुसार निम्नलिखित वाक्यों को बदलिए।
(ନିମ୍ନଲିଖିତ ବାକ୍ୟଗୁଡ଼ିକୁ ନିର୍ଘେଶାନୁ ସାରେ ବଦଳ। ଆ)

(क) तू गया, तू ले गया । ( भविष्यत काल में) उत्तर: तू जाएगा, तू ले जाएगा ।
उत्तर:
तू जाएगा, तू ले जाएगा।

(ख) मेरे मन का दुःख वह आकर मिटाएगा (भूतकाल में)
उत्तर:
मेरे मन का दुःख उसने आकर मिटाया।

(ग) माँ काम छोड़कर आई और मुझे गोद में उठा लिया। ( वर्त्तमान काल में)
उत्तर:
माँ काम छोड़कर आती है और मुझे गोद में उठा लेती है।

(घ) मैं बचपन को बुला रही थी। ( वर्तमान काल में)
उत्तर:
मैं बचपन को बुला रही हूँ।

(ङ) मुझे खिलाने आई थी। (भविष्यत काल में)
उत्तर:
मुझे खिलाने आएगी।

गृहकार्य: (ଗୃହ କାର୍ଯ୍ୟ)

अपने बचपन की किसी एक रोचक घटना अपने साथियों को सुनाइए।
उत्तर:
हाँ, मुझे एसी ही एक घटना याद आयी है। वह ईस प्रकार है। जब में छोटा था। स्कूल में पढ़ता था। हम तीनों भाई एक साथ स्कुल जाया करते थे। खाने की छुट्टी में दोनों भाई जल्दी-जल्दी खाकर आ जाया करते। लेकिन में इतने कम समय में जल्दी-जल्दी जाकर नहीं आ पाता था। इसलिए मुझे खाने की छुट्टी में जेशे की भूख लगा करती थी। चार बजे स्कुल की छुट्टी होते ही में जल्दी-जल्दी घर पहुँचता। वहाँ देखता माँ घर की दयोढ़ी पर खडी मेरे आने के इंतजार में रस्ता ताक रही होती थी।

माँ को देखकर और उसके आँचल से अपने पक्षीने पौछते ही मुझे एसा लगता मानो मेरे भूख कहीं उड गयी। उसे सारी दुनिया मिल गयी हो। पर आज जब में बड़ा हो गया हूँ तब न मेरे पास माँ है और नहीं इसकी ममता का आँचल। माँ आज भगवान के पास है। मैं इतना बडा होने के बाद भी आज में अपने पैरों पर खड़ा हूँ। अपने फैसले खुद लेता हूँ। पर मुझे पता नहीं क्यों आज भी माँ की कमी खलती है। शायद भगवान को अच्छे मनुष्यों की जरुरत है इसलिए वे मेरी माँ को अपने पास बुला ले गये।

अति संक्षिप्त उत्तरमूलक प्रश्नोत्तर

A. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में दीजिए।

प्रश्न 1.
‘मेरा नया बचपन’ कविता के कवि कौन हैं?
उत्तर:
सुभद्रा कुमारी चौहान ‘मेरा नया बचपन’ कविता के कवि हैं।

प्रश्न 2.
कवयित्री सुभद्रा कुमारी चौहान का जन्म कब और कहाँ हुआ था?
उत्तर:
कवयित्री सुभद्रा कुमारी चौहान का जन्म सन १९०३ ई. में प्रयाग निहलपुर महल में हुआ था।

प्रश्न 3.
ठाकुर रामनाथ सिंह कौन थे?
उत्तर:
ठाकुर रामनाथ सिंह सुभद्रा कुमारी चौहान के पिता थे।

प्रश्न 4.
‘मेरा नया बचपन’ कविता में कवयित्री ने अपने कौन से समय की याद की है?
उत्तर:
‘मेरा नया बचपन’ कविता में कवयित्री ने अपने बचपन के समय की याद की है।

प्रश्न 5.
नारी हृदय कब गौरवान्वित होता है?
उत्तर:
नारी हृदय मातृत्व पाकर गौरवान्वित होता है

प्रश्न 6.
बिटिया क्या खाकर आई थी?
उत्तर:
बिटिया मिट्टी खाकर आई थी।

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प्रश्न 7.
कवयित्री को बार-बार किसकी याद आती है?
उत्तर:
कवयित्री को बार-बार बचपन की याद आती है।

प्रश्न 8.
बचपन का कौन सा आनंद भुलाया नहीं जा सकता?
उत्तर:
बचपन का अतुलित आनंद भुलाया नहीं जा सकता।

प्रश्न 9.
बचपन क्या बनकर कवयित्री को फिर से प्राप्त हुआ ?
उत्तर:
बचपन बेटी बनकर कवयित्री को फिर से प्राप्त हुआ।

प्रश्न 10.
किस समय का अतुलित आनंद भुलाया नहीं जा सकता ?
उत्तर:
बचपन का अतुलित आंनद भुलाया नहीं जा सकता।

प्रश्न 11.
कवयित्री की छोटी-सी कुटिया कैसे नंदन वन-सी फूल उठी?
उत्तर:
अपनी बिटिया की किलकारी की गूँज से कवयित्री की छोटी से कुटिया नंदन वन सी फूल उठी थी।

प्रश्न 12.
बचपन में किस प्रकार की जयमाला कवयित्री को पहनाते थे?
उत्तर:
बचपन में बड़े-बड़े मोती से आँसू की जयमाला कवयित्री को पहनाते थे।

प्रश्न 13.
माँ ने गीले गालों को किस प्रकार सुखा दिया?
उत्तर:
माँ ने झाड़-पोंछकर और चूम-चूमकर गीले गालों को सुखा दिया।

प्रश्न 14.
कवयित्री किसे बरसों से खोजती थी?
उत्तर:
कवयित्री बचपन को बरसों से खोजती थी।

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प्रश्न 15.
किसकी मंजुल मूर्ति दिखकर कवयित्री में नव-जीवन आया?
उत्तर:
अपनी बेटी की मंजुल मूर्ति देखकर कवयित्री में नव-जीवन आया।

प्रश्न 16.
कवयित्री ने अपने बचपन की झलक किसमें देखी?
उत्तर:
कवयित्री ने अपने बचपन की झलक अपनी बेटी में देखी।

B. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक शब्द में दीजिए।

प्रश्न 1.
माँ ने गीले गालों को कैसे सुखा दिया?
उत्तर:
चूम-चूमकर

प्रश्न 2.
बार-बार कवयित्री को किसकी याद आती है?
उत्तर:
बचपन

प्रश्न 3.
बचपन क्या बनकर कवयित्री को फिर से प्राप्त हुआ?
उत्तर:
बेटी

प्रश्न 4.
अतुलित आनंद किस समय का भूला नहीं जा सकता है?
उत्तर:
बचपन

प्रश्न 5.
कवयित्री को बचपन में किस प्रकार की जयमाला पहनाते थे?
उत्तर:
आसूँओं से बने मोतियों

प्रश्न 6.
किसे बरसों से कवयित्री खोजती थी?
उत्तर:
बचपन

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प्रश्न 7.
कौन मिट्टी खाकर आई थी?
उत्तर:
बिटिया

प्रश्न 8.
बचपन को कौन-सा आनंद कहा गया है?
उत्तर:
अतुलित आनंद

प्रश्न 9.
‘मेरा नया बचपन’ कविता के कवि कौन है?
उत्तर:
सुभद्रा कुमारी चौहान

प्रश्न 10.
बिटिया क्या खाकर आई थी?
उत्तर:
मिट्टी

प्रश्न 11.
कवयित्री ने अपना खोया बचपन किस प्रकार पाया?
उत्तर:
बेटी के रूप में

प्रश्न 12.
जब बच्ची रोती थी तब कौन काम छोड़कर आ जाती थी?
उत्तर:
माँ

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प्रश्न 13.
बचपन का कौन-सा आनन्द भूला नहीं जा सकता?
उत्तर:
अतुलित

प्रश्न 14.
नारी हृदय कब गौरवान्वित होता है?
उत्तर:
मातृत्व

C. रिक्तस्थानों को भरिए।

प्रश्न 1.
……………. पूर्ण माता है।
उत्तर:
सुभद्राजी

प्रश्न 2.
……………… को बुलाते समय कवयित्री खुद बच्ची बन जाती है।
उत्तर:
बचपन

प्रश्न 3.
“मेरा नया बचपन” कविता ……………. ने लिखी है।
उत्तर:
सुभद्रा कुमरी चौहान

प्रश्न 4.
बालकपन का ……………… सा आनंद भूला नहीं जा सकता।
उत्तर:
अतुलित

प्रश्न 5.
जब बच्ची रोती थी तब ……………… काम छोड़कर आ जाती थी।
उत्तर:
माँ

प्रश्न 6.
……………………… खाकर बिटिया आई थी।
उत्तर:
मिट्टी

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प्रश्न 7.
गीलें गालों को माँ ने …………….. सुखा दिया।
उत्तर:
चुम-चुमकर

प्रश्न 8.
कवयित्री की बिटिया ……………….. माँ के पास आई थी।
उत्तर:
मिट्टी खिलाने

प्रश्न 9.
कवयित्री को ……………….. के रोने की आवाज सुनाई देती है।
उत्तर:
बिटिया

प्रश्न 10.
बच्ची की रोने की आवाज सुनते ही …………………. दौड़ी आती थी।
उत्तर:
माँ

प्रश्न 11.
कवयित्री को बार-बार ……………… की याद आती है।
उत्तर:
बचपन

प्रश्न 12.
बचपन में रोना और मचल जाना भी …………….. दिखाते थे।
उत्तर:
आनन्द

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प्रश्न 13.
बचपन का जीवन …………….. होता है।
उत्तर:
निष्पाप

प्रश्न 14.
कवयित्री बचपन से …………….. माँगती हैं।
उत्तर:
निर्मल शान्ति

प्रश्न 15.
बेटी की मंजुल मूर्त्ति देखकर कवयित्री को ……………….. मिला।
उत्तर:
नव जीवन

D. सही उत्तर चुनिए।

1. ‘मेरा नया बचपन’ कविता किसने लिखी है?
(A) कबीरदास ने
(B) गिरिधर कविराय ने
(C) सूरदास ने
(D) सुभद्रा कुमारी चौहान ने
उत्तर:
(D) सुभद्रा कुमारी चौहान ने

2. माँ ने गीले गालों को कैसे सुखा दिया?
(A) चुम-चुमकर
(B) चाट कर
(C) कपड़े से पोछकर
(D) हाथ से झाड़कर
उत्तर:
(A) चुम-चुमकर

3. ‘झाँसी की रानी’ किसने लिखा था?
(A) कबीर दास
(B) सूरदास
(C) गिरिधर कविराय
(D) सुभद्रा कुमारी चौहान
उत्तर:
(D) सुभद्रा कुमारी चौहान

4. कवयित्री का विवाह कब हुआ?
(A) 1919
(B) 1918
(C) 1917
(D) 1920
उत्तर:
(A) 1919

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5. किस समय का अतुलित आनंद भूला नहीं जा सकता?
(A) बचपन का
(B) शैशव का
(C) बुढ़ापे का
(D) यौवन का
उत्तर:
(A) बचपन का

6. कवयित्री की विटिया माँ के पास क्यों आयी थी?
(A) मिट्टी खिलाने
(B) पान खिलाने
(C) रोटी खिलाने
(D) मिठाई खिलाने
उत्तर:
(A) मिट्टी खिलाने

7. कवयित्री की छोटी-सी कुटिया किसके आने से फूल उठी?
(A) बेटी
(B) बहन
(C) माँ
(D) पोता
उत्तर:
(A) बेटी

8. कवयित्री किसे बरसों से खोजती थी?
(A) बेटी को
(B) कुत्ता को
(C) बचपन को
(D) बिल्ली को
उत्तर:
(C) बचपन को

9. बचपन क्या बनकर कवयित्री को फिर से प्राप्त हुआ?
(A) बिल्ली
(B) कुत्ता
(C) बेटा
(D) बेटी
उत्तर:
(D) बेटी

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10. सुभद्रा कुमारी चौहान को किस कविता पुस्तक पर पुरस्कार मिला है?
(A) राम का खेल
(B) त्रिधाराएँ
(C) मुकुल
(D) मेरा नया बचपन
उत्तर:
(C) मुकुल

दोहे (ତେ।ହେ)

बार-बार आती है मुझको
मधुर याद बचपन तेरी,
गया, ले गया तु, जीवन की,
सबसे मस्त खुसी मेरी॥
ଚାର୍ – ବାର୍ ଆତ। ହୈ ମୁଝକୋ
ମଧୁର ୟାଦ୍ ବର୍‌ପନ୍ ତେରୀ,
ଗୟା, ଲେ ଗୟା ତୁ, ଜୀୱନ୍ କୀ,
ସବ୍‌ ମସ୍ତ ଖୁସୀ ମେରୀ ।
ଅନୁବାଦ:
ରେ ପିଲାଦିନ, ତୋ’ର ମଧୁର ସ୍ମୃତି ମୋର ମନେପଡ଼ୁଛି । ତୁ ତ ଗଲୁ, ତା’ ସହିତ ମୋ ଜୀବନର ସମସ୍ତ ଖୁସିକୁ ମଧ୍ୟ ସାଥ୍‌ରେ ନେଇଗଲୁ।

चिंता रहित खेलना खाना,
वह फिरना निर्भय स्वच्छन्द,
कैसे भूला जा सकता है,
बचपंन का अतुलित आनन्द।
ଚିନ୍ତା ରହିତ୍ ଖେନା ଖାନା,
ୱହ ଫିନା ନିର୍ଭୟ ସ୍ବଚ୍ଛନ୍ଦ,
କୈସେ ଭୂଲା ଜା ସକ୍ତା ହୈ,
ବଚ୍‌ପନ୍ କା ଅତୁଳିତ୍ ଆନନ୍ଦ୍ ।
ଅନୁବାଦ:
ଅଚିନ୍ତା ଭୋଜନ, ଖେଳ, ସ୍ୱଚ୍ଛନ୍ଦ ଭ୍ରମଣ, ନିର୍ଭୟମନ, କେମିତି ଭୂଲିହେବ ପିଲାବେଳର ସେହି ଅତୁଳନୀୟ

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 5 मेरा नया बचपन

रोना और मचल जाना भी,
क्या आनन्द दिखलाते थे,
बड़े-बड़े मोती-से आँसू,
जयमाला पहनाते थे।
ରୋନା ଔର୍ ମଚଲ୍ ଜାନା ଭୀ,
କ୍ୟା ଆନନ୍ଦ ଦିଖ୍ତେ ଥେ,
ବଡ଼େ-ବଡ଼େ ମୋତୀ-ସେ ଆସୁ,
ଜୟମାଲା ପହନାତେ ଥେ।
ଅନୁବାଦ:
କାନ୍ଦିବା ଓ ଜିଦ୍ ଧରିବାରେ କି କି ଆନନ୍ଦ ଦୃଶ୍ୟମାନ ହେଉଥିଲା । ବଡ଼ ବଡ଼ ମୋତିଭଳି ଲୋତକ ବିନ୍ଦୁରେ ବିଜୟର ମାଳା ପିନ୍ଧିବାଭଳି ଲାଗୁଥିଲା ।

मैं रोई, माँ काम छोड़कर आई,
मुझको उठा लिया,
झाड़-पोंछकर चूम-चूमकर,
गीले गालों को सुखा दिया।
ମୈ ରୋଈ, ନାଁ କାମ୍ ଛାଡ଼କର୍ ଆଈ,
ମୁଖ୍ୟ ଉଠା ଲିୟା,
ଝାଡ଼-ପୌବ୍ଲକର ଚୂମ୍-ଚୂମ୍ର,
ଗୀଲେ ଗାର୍ଲୋ କୋ ସୁଖା ଦିୟା
ଅନୁବାଦ:
କବି କାନ୍ଦିଲାବେଳେ ମାଆ କାମ ଛାଡ଼ି ତାଙ୍କୁ ଉଠାଇ ନିଅନ୍ତି । ଧୂଳି ଝାଡ଼ି, ଗେଲ କରି ଅଶ୍ରୁସିକ୍ତ ଗ। ଲକୁ ସୁଖାଇ ଦିଅନ୍ତି ।

आ जा बचपन ! एक बार फिर
दे दे अपनी निर्मल शान्ति,
ब्याकुल व्यथा मिटाने वाली
वह अपनी प्राकृत विश्रांति।
ଆ ଜା ବଚ୍‌ପିନ୍ ! ଏକ୍ ବାର୍ ଫିର୍
ଦେ ଦେ ଅପ୍‌ନୀ ନିର୍ମଲ୍ ଶାନ୍ତି,
ବ୍ୟାକୁଲ୍ ବ୍ୟଥା ମିଟାନେ ୱାଲୀ
ପ୍ରାକୃତ୍ ବିଶ୍ରାନ୍ତି । ୱହ ଅପ୍‌ନୀ
ଅନୁବାଦ:
କବି କହୁଛନ୍ତି, ଯେ ଥରେ ତାଙ୍କର ବାଲ୍ୟାବସ୍ଥା ଫେରିଆସିଲେ, ସେ ନିର୍ମଳ ଶାନ୍ତି ଲାଭ କରିବେ । ଏହା ହିଁ ତାଙ୍କ ଅସ୍ଥିର ବ୍ୟଆଯୁକ୍ତ ମନର ବିଷାଦକୁ ସ୍ବାଭାବିକ ଓ ଚିରସୁଖ ପ୍ରଦାନ କରିବ।

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वह भोली-सी मधुर सरलता
वह प्यारा जीवन निष्पाप
क्या फिर आकर मिटा सकेगा
तृ मेरे मन का सन्ताप ?
ୱହ ଭୋଲା ସାମଧୁର୍ ସଗଲ୍ ତା
ୱହ ପ୍ୟାରା ଜୀୱନ୍ ନିଷ୍ପାପ୍,
କ୍ୟା ଫିର୍ ଆକର୍ ମିଟା ସକେଗା
ତୂ ମେରେ ମନ କା ସନ୍ତାପ ?
ଅନୁବାଦ:
କବି ମନର ସନ୍ଦେହକୁ ପ୍ରକାଶ କରିବା ଛଳରେ କହୁଛନ୍ତି ଯେ ସେହି ସରଳ ମଧୁର ନିଷ୍କଳଙ୍କ ବାଲ୍ୟାବସ୍ଥା ମନକୁ ପୁନର୍ବାର ସନ୍ତାପମୁକ୍ତ କରିପାରିବ ।

मै बचपन को बुला रही थी,
बोल उठी बिटिया मेरी,
नन्दन – वन-सी फूल उठी
यह छोटी-सी कुटिया मेरी।
ମେଁ ବର୍‌ପନ୍‌ କୋ ବୁଲା ରହୀ ଥୀ,
ବୋଲ୍ ଉଠୀ ବିଟିୟା ମେରୀ,
ନନ୍ଦନ- ୱନ-ସୀ ଫୁଲ ଉଠୀ,
ୟହ ଛୋଟୀ-ସ୍ତ୍ରୀ କୁଟିୟା ମେରୀ ।
ଅନୁବାଦ:
ନିଜ ଶିଶୁକନ୍ୟାର ଚପଳାମିରେ ମୁଗ୍ଧ ହୋଇ କବୟିତ୍ରୀ ନିଜର ବାଲ୍ୟାବସ୍ଥାକୁ ଆହ୍ଵାନ କରୁଛନ୍ତି । ସେ ଏଠାରେ ନିଜର ଛୋଟ କୁଡ଼ିଆକୁ ନନ୍ଦନବନ ସହିତ ତୁଳନା କରିଛନ୍ତି ଅର୍ଥାତ୍ ନିଜ କନ୍ୟାର ଚପଳାମି ଛୋଟିଆ କୁଡ଼ିଆଟିକୁ ପରିପୂର୍ଣ୍ଣ କରିଛି ।

माँ ओ ! कहकर बुला रही थी,
मिट्टी खाकर आई थी,
कुछ मुँह में, कुछ लिए हाथ में,
मुझे खिलाने आई थी।
ମାଁ ଓ ! କହୁକର୍ ବୁଲା ରହୀ ଥୀ,
ମିଟୀ ଖାକର୍ ଆଈ ଥୀ,
କୁଛ୍ ମୁଁହ ମେଁ, କୁଛ୍ ଲିଏ ହାଥ ମେଁ,
ମୁଝେ ଖୁନେ ଆଈ ଥୀ।
ଅନୁବାଦ;
କବୟିତ୍ରୀ ତୁ କ’ଣ ଆଣିଛୁ ବୋଲି ପଚାରିବା ସମୟରେ ଶିଶୁ ପିଲାଟି ଉତ୍ତର ଦେଉଛି, ମାଆ ତୁମେ ଖାଅ । ତାହାର ଏହି ଦରୋଟି କଥାରେ କବି ପ୍ରସନ୍ନ ହୃଦୟରେ, ଖୁସି ମନରେ ସବୁକିଛି ଭୁଲି କହୁଛନ୍ତି ତୁ ଖାଇଦେ।

पाया मैंने बचपन फिर से
बचपन बेटी बन आया,
उसकी मञ्जुल मूर्त्ति देखकर
मुझमें नव-जीवन आया।
ପାୟା ମୈନେ ବଚ୍‌ପନ୍ ଫିର୍ ସେ
ବତ୍‌ପନ୍‌ ବେଟୀ ବନ୍‌ ଆୟା,
ଉସ୍‌କୀ ମଞ୍ଜୁଳ ମୂର୍ତ୍ତି ଦେଖକର୍,
ମୁଖ୍ୟର୍ମେ ନ-ଜୀୱନ୍ ଆୟା ।
ଅନୁବାଦ:
କବି ନିଜ ଶିଶୁକନ୍ୟାଠାରେ ନିଜର ବାଲ୍ୟାବସ୍ଥାକୁ ଫେରି ପାଇଛନ୍ତି । ତାହାର ସୁନ୍ଦର ଗୁଲୁଗୁଲିଆ ଚେହେରା ଦେଖୁ ସତେ ଯେପରି ନୂଆ ଜୀବନ ଫେରି ପାଇଛନ୍ତି ।

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मैं भी उसके साथ खेलती,
खाती हूँ, तुतलाती हूँ,
मिलकर उसके साथ स्वयं,
मैं भी बच्ची बन जाती हूँ।
ମେଁ ଭୀ ଉସ୍କେ ସାଥ୍ ଖେଲ୍ବତୀ, ଖାତୀ ହୂ, ତୁତ୍‌ତୀ ହୂ,
ମିଲ୍‌କର୍ ଉସ୍କେ ସାଥ୍ ସ୍ଵୟଂ,
ମେଁ ଭୀ ବଢୀ ବନ୍ ଜାତୀ ହୁଁ ।
ଅନୁବାଦ:
କବି ଶିଶୁକନ୍ୟାଟି ସହିତ ଖେଳୁଛନ୍ତି, ଖାଉଛନ୍ତି, ଦରୋଟି କଣ୍ଠରେ କଥା ହେଉଛନ୍ତି । ତାହା ସହିତ ମିଶି କବି ମଧ୍ୟ ନିଜେ ଶିଶୁ ହୋଇ ଯାଇଛନ୍ତି । ତାଙ୍କୁ ଚ୍ଛାଡିଯାଇଥ୍ ବା ପାଲ୍ୟାଣସ୍ଥା ପୁନର୍ବାର ଫେରି ଆସିଚ୍ଛା

शबनार: (ଶରାର୍ଥି)

याद – स्मरण (ସ୍ମରଣ/ସ୍ମୃତି/ମନେରଖ୍)।

मस्त – प्रसन्न, आनंदित (ଖୁସି ଆନନ୍ଦିତ) ।

निर्भय – बिना डर के (ଭୟଶୂନ୍ୟ) ।

चिन्ता रहित – चिन्ता शून्य (ଚିନ୍ତାମୁକ୍ତ)।

स्वच्छंद – आजाद, स्वाधीन, (स्वतंत्र) (ସ୍ଵାଧୀନ) ।

अतुलित – अतुलनीय, बेजोड़ ( ଅତୁଳନୀୟ ) ।

मचल जाना – आग्रह, हठ करना(ଆଗ୍ରହ)।

आँसू – अश्रु ଅଶୁ/ଲୋତକ/ଲୁହ) ।

गीला – भीगा हुआ (ଓଦା)।

व्याकुल – बेचैन (ଅସ୍ଥିର ) ।

प्राकृत विश्रांति – स्वाभाविक सुख चैन (ସ୍ଵାଭାବିକ ସୁଖ ଶାନ୍ତି) ।

निष्पाप – पापरहित, निष्कलंक (ପାପମୁକ୍ତ/କଳଙ୍କମୁକ୍ତ) ।

संताप – गहरी पीड़ा, दुःख (ଦୁଃଖ ) ।

नंदनवन – देवताओं का वन (ଦେବତାମାନଙ୍କ ଉପବନ) ।

कुटिया – कुटीर, झोपड़ी (ଘର, କୁଡ଼ିଆ) ।

मिट्टी – धूलि, भस्म (ଧୂଳି) ।

प्रफुल्लित – बहुत खुश, प्रसन्न (ବହୁତ ଖୁସି/ପ୍ରସନ୍ନ)

मंजुल – सुन्दर, मन को लुभानेवाली (ସୁନ୍ଦର|ମନକୁ ଆକର୍ଷିତ କରିବା) ।

नव जीवन – नया जीवन (ନୂଆ ଜୀବନ) ।

तुतलाना – तुतलाकर बोलना (ଖନେନ ଖନେଇ କହିବା/ଦରୋଟି ଭାଷାରେ କହିବା) ।

स्वंय – खुद (ନିଜେ)।

बरसों – सालों ( ବର୍ଷ ବର୍ଷ) ।

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कवि परिचय

सुभद्रा कुमारी चौहान का जन्म सन् 1903 ई. में नागपंचमी के दिन प्रयाग निहलपुर मुहल में हुआ। उनके पिता थे ठाकुर रामनाथ सिंह। उनकी देखरेख में सुभद्राकुमारी की प्रारंभिक शिक्षा प्रयाग में हुई। सन् 1919 ई. में खंडवा निवासी ठाकुर लक्ष्मण सिंह चौहान से उनका विवाह हुआ था। राष्ट्रीय आन्दोलन में उद्बोधित होकर सुभद्राकुमारी अपने पति के साथ सत्याग्रह में हिस्सा लेने लगीं। इसलिए कई बार उन्हें जेल जाना पड़ा। देश स्वतंत्र होने के बाद वे मध्यप्रदेश विधानसभा की सदस्या चुनी गईं।

साहित्यिक और राजनीतिक क्षेत्रों में उन्हें राष्ट्रकवि माखनलाल चतुर्वेदी से विशेष प्रोत्साहन मिला था। 12 फरवरी 1948 ई. को मोटर दुर्घटना से उनका देहांत हो गया। सुभद्राकुमारी कवयित्री और कहानीकार दोनों ही थीं। अपनी कविता में राष्ट्रप्रेम की ओजस्विता और मानवीय भावनाओं का सहज रूप बड़ी ही सुन्दरता के साथ व्यक्त होता है। ‘झँसी की रानी’ कविता किसी समय हिन्दी पाठकों की जवानों पर गुँजती रहती थी। इनकी रचनाएँ मुकुल, बिखरे, मोती, उन्मादिनी, त्रिधाराएँ, सभा का खेल और सीधे-साधे चित्र’ हैं। इनमें ‘मुकुल’ उनकी 39 कविताओं का संग्रह है। इसी कविता- पुस्तक पर उन्हें पुरस्कार मिला है।

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