Odisha State Board BSE Odisha 7th Class Hindi Solutions Chapter 10 चूहों की चौकड़ी Textbook Exercise Questions and Answers.
BSE Odisha Class 7 Hindi Solutions Chapter 10 चूहों की चौकड़ी
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
(i) सभी लड़के किस बात पर सहमत थे ?
उत्तर:
सभी लड़के इस बात पर सहमत थे कि चाहे कुछ भी हो जाए, वे नये अध्यापक से बिलकुल नहीं पढ़ेंगे ।
(ii) लड़कों ने बूढ़े सज्जन से क्या कहा ?
उत्तर:
लड़कों ने बूढ़े सज्जन को डिब्बे में जगह की कमी का कारण बताकर उन्हें दूसरे डिब्बे में चले जाने के लिए कहा।
(iii) चिकुन ने सज्जन को क्या सलाह दी ?
उत्तर:
चिकुन ने सज्जन को डिब्बे में से उतर जाने की सलाह दी। उसने उन्हें डिब्बे में चूहों के उत्पात के बारे में बताया।
(iv) चूहों के उत्पात से बूढ़े सज्जन की क्या प्रतिक्रिया हुई ?
उत्तर:
चूह्नों के उत्पात की बात सुनकर और उनके कारनामे जानकर बूढ़े सज्जन हँस पड़े। उहोंने कहा कि उन्हें पता होता कि डिब्ले में इतने सारे चूहे हैं तो वे उनके कुछ और इंतजाम करके रखते ।
(v) लड़कों ने क्या जिद की?
उत्तर:
लड़के बूढ़े सज्जन को उनके ही स्कूल में पढ़ाने के लिए जिद करन लगे। वे उन्हें साथ चलने के लिए कहने लगे। ऐसा न करने पर उन्होंने स्कूल ब्छेड़ देने की धमकी दी।
(vi) तुम्हें कौन-से अध्यापक अच्छे लगते हैं ।
उत्तर:
मुझे बच्चों से स्नेहरखनेवाले अध्यापक अच्छे लगते हैं। में ऐसे अध्यापक को पसंद करता हूँ जो डाँटडपट से काम न लेकर बच्चों को प्यार से पढ़ाँए और समझाँए ।
2. आप इस पाठ में से विशेषणों और उनके संज्ञाशब्दों को चुनकर लिखिए ।
जैसे – विशेषण — संज्ञ
आधी — छुट्टी
उत्तर-
- विशेषण — संज्ञा
- नए — सत्र
- नए — अध्यापक
- कुछ — लड़के
- सभी — लोग
- एक — लड़का
- गर्म-गर्म — समोसे
- छोटे-से — स्टेशन
- कई — सामान
- काले — कुम्हडे
- हरी — मिर्च
- रसीले — आम
- बूढ़े — सज्जन
3. मस्त + ई = मस्ती
हैरान + ई = हैरानी
ऐसे अन्य शब्द बनाइए :
उत्तर:
- नकल + ई = नकली
- कागज + ई = कागजी
- फसल + ई = फसली
- जंगल’ + ई = जंगली
- खुश + ई = खुशी इत्यादि
4. कोष्ठक में से सही शब्द चुनकर स्थान भरिए : ( पीछे, के बीच, कहीं, के, पास )
उत्तर:
उन लड़कों के बीच एक लड़का था चिकुन ।
उन के पास छोटे-मोटे कुछ सामान थे ।
बच्चे क्यों पीछे रहते ।
डिब्बे के पास एक ठेला आ गया ।
आपको कहीं जाने की जरूरत नहीं ।
5. युग्म शब्द छाँटिए और वाक्यों में प्रयोग कीजिए :
जैसे – मौज-मस्ती
उत्तर:
- मौज-मस्ती – आज का दिन मौज-मस्ती में ही बीत – गया ।
- छोटे-मोटे – उसने घर के सभी छोटे-मोटे काम निपट दिए ।
- गर्म-गर्म – गर्म-गर्म जलेबियें को देखकर उसके मुँह में पानी आ गया।
- खाते-खाते – मिठाइयाँ खाते-खाते सबका मन ऊब गया।
- ऐरे-गैरे – अधिकारी महोदय ऐरे-गैरे लोगों से बात तक नहीं करते ।
- अच्छे-अच्छे -पिताजी सबके लिए अच्छे-अच्छे कपड़े लाए हैं ।
6. कठिन शब्दों को लिखिए :
उत्तर:
छुट्टी, अध्यापक, स्कूल, हंडियाँ, ट्रंक, स्टेशन, संस्कृत, कुम्हड़ा, श्राद्ध, सेक्रेटरी
अन्य परीक्षोपयोगी प्रश्नोत्तर
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
(i) बच्चों को कौन-सी खबर मिल गई थी ?
उत्तर:
बच्चों को यह खबर मिल गई थी कि इस बार गर्मी की छुट्टियाँ जल्दी होंगी ।
(ii) एक सज्जन गाड़ी में अपने किन-किन सामानों के साथ चढ़े ?
उत्तर:
सज्जन गाड़ी में एक बिछौना, एक टीन का ट्रंक, एक पोटली और कपड़ों से मुँह बंद किए हुए दो हंडियों के साथ चढ़े ।
(iii) सज्जन गाड़ी के डिब्बे से क्या कहकर तथा कहाँ बैठ गए ?
उत्तर:
सज्जन गाड़ी के डिब्बे में यह कहकर बैठ गए कि भीड़ के कारण कहीं जगह नहीं है, इसलिए मैं एक कोने में बैठ जाऊँगा । यह बात कहकर वे फर्श पर दरी बिछाकर बैठ गए।
(iv) वृद्ध सज्जन कौन-सा काम जानते थे ?
उत्तर:
वृद्ध सज्जन शिक्षक थे, वे पढ़ाना जानते थे। वे हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत जैसी बहुत-सी भाषाओं के जानकार थे।
2. सही कथनों के सामने (✓) का तथा गलत कथनों का सामने (✗) का निशान लगाइए :
(i) बच्चों को पता नहीं था कि नए सत्र में नए अध्यापक आएँगे । (✗)
(ii) चिकुन ने कविता पढ़ी तो बच्चे ताली बजाकर हँसने लगे। (✓)
(iii) संबलपुर स्टेशन पर सज्जन नीचे उतरे और दो नए सज्जनों से बातचीत करने लगे । (✓)
(iv) सज्जन ने देखा कि रसगुल्लों से भरी हंडियाँ खाली नहीं हुई हैं । (✗)
(v) बाबा ने ठेलेवाले को बुलाकर हर बच्चे को दो-दो समोसे देने के लिए कहा । (✓)
(vi) सेक्रेटरी बाबू ने तर्कालंकार महाशय के रहने का इंतजाम नहीं किया था। (✗)
3. दिए गए प्रश्नों के सही उत्तर पर (✓) का निशान लगाइए :
(i) नये अध्यापक का क्या नाम था ?
(क) कालीचरण महापात्रा
(ख) विनोद तर्कलंकार
(ग) कालीकुमार तर्कालंकार
(घ) रंजन कुमार विद्यालंकार
उत्तर:
(ग) कालीकुमार तर्कालंकार
(ii) “चूहे तो बिना भूख के सब चट कर जाते हैं।” – यह किसने कहा ?
(क) चिकुन ने
(ख) माधबन ने
(ग) वृद्ध सज्जन ने
(घ) ठेलेवाले ने
उत्तर:
(ग) वृद्ध सज्जन ने
(iii) सज्जन ने किस स्टशन पर आकर कहा कि अब मैं इस डिब्से से निकलकर दूसरे में चला जाता हूँ।
(क) संबलपुर
(ख) अनगुल
(ग) भुवनेश्वर
(घ) रेढ़ाखोल
उत्तर:
(ख) अनगुल
(iv) वृद्य सज्जन ने किस स्टेशन पर उतरने की बात़ कही ?
(क) जहाँ काम मिलेगा वहीं
(ख) किसी छोटे स्टेशन पर
(ग) किसी बड़े स्टेशन पर
(घ) संबलपुर स्टेशन पर
उत्तर:
(क) जहाँ काम मिलेगा वहीं
(v) लड़कों के स्कूल में किनकी बहुत जरूरत थी?
(क) गणित के शिक्षक की
(ख) विज्ञान शिक्षक की
(ग) एक सेक्रेटरी की
(घ) भाषा सिखाने वाले की
उत्तर:
(घ) भाषा सिखाने वाले की
भाषा-ज्ञान:
4. दिए गए शब्दों के लिंग बदलकर लिखिए ।
(शिक्षक, लड़का, अध्यापिका, चूहा, आदमी, वृदथा)
उत्तर:
- शिक्षक – शिक्षिका
- लड़का – लड़की
- अध्यापिका – अध्यापक
- चूहा – चुहिया
- आदमी – औरत
- वृद्धा – वृद्ध
5. निम्नलिखित समूहवाचक शब्दों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए :
घ्रुरमुट, भीड़, दल, झुंड, टोली
उत्तर:
झुरमुट – शिकारी कुत्तों को देखकर हिरन दुरुरमुट में छिपा गया।
भीड़ – रेलवे स्टशन पर बहुत भीड़ थी।
दल – डाकुओं के दल ने गाँववालों पर हमला कर दिया ।
झुंड – हाथी अकसर अपने झुंड में रहते हैं।
टोली – बच्चों की टोली सड़कों पर निकल आई थी।
6. पाठ से पाँच संज्ञा शब्द और पाँच क्रिया शब्द छाँटकर लिखिए ।
उत्तर:
- संज्ञा – अध्यापक, पेड, रेलगाड़ी, चिकुल, कविता
- क्रिया – पढ़ना, बैठना, आना, हैंसना, लौटना
पाठ का सारांशः
बच्चें की गर्मी की छुटियाँ जल्दी हो गई। नए सत्र में नए अध्यापक के आने की सूचना बच्चें को मिली। नए अध्यापक का नाम था कालीकुमार तर्कालंकार। आधी छुट्टी होने पर कुछ लड़कों ने नए अध्यापक से न पढ़ने से का मशविरा किया ।
छुट्टियाँ हुईं । वक्त कट गया। स्कूल खुलने पर लड़के रेलगाड़ी में बैठकर लौटने लगे। चिकुन नाम का एक लड़का कविता पढ़ने लगा और बाकी बच्चे तालियाँ बजाकर हँसने लगे। एक छोटे-से स्टेशन पर एक सज्जन गाड़ी में चढ़े। उनके पास कई छोटे-भोटे सामान थे ।
उस सज्जन से एक लड़के ने दूसरे डिब्बे में चले जाने के लिए कहा । सज्जन ने दूसरे डिब्ले में जगह न होने की बात कही और दरी बिछाकर वहीं बैठ गये । लड़के उनसे हँसी-मजाक करने लगे। इसी बीच संबलपुर स्टेशन आया। सज्जन नीचे उतरे । दो नए व्यक्ति उनसे मिलने आए थे। उनसे बात करके जब सज्जन डिब्बे में आए तो एक लड़के ने उन्हें डिब्बे से उतर जाने की सलाह दी। डिब्बे में चूहों के होने की बात कही। असल में बच्चे ही वे चूहे थे जिह्नोंने उनकी हंडियों से रसगुल्ले खा लिए थे और उनकी पोटली में से रसीले आम भी सफाचट कर दिए थे ।
सज्जन यंह सुनकर नाराज नहीं हुए। इसके बाद अनगुल स्टेशन आया । सज्जन ने दूसरे डिब्बे में जाने की बात कही तो बच्चों ने मना कर दिया । फिर उन्होंने ठेलेवाले से खरीदकर बच्चों को दो-दो समोसे खिलाए।
बच्चे बहुत खुश थे । उन्होंने सज्जन से पूछा – “बाबा आप कहाँ जा रह हैं ?’ उन्होंने बताया कि वे शिक्षक हैं और काम की तलाश में जा रहे हैं । लड़कों ने खुश होकर कहा कि आप हमारे स्कूल में आकर पढ़ाइए । सज्जन के आनाकानी करने पर बच्चों ने उन्हें हर तरह से समझाया कि आप हमारे साथ ही चलें ।
गाड़ी स्टेशन पर रुकी । वहाँ स्कूल के सेक्रेटरी खड़े थे। उन्होंने बू ढ़े सज्जन को प्रणाम किया और उनके आने पर खुशी प्रकट की। लड़के एक-दूसरे का मुँह ताकने लगे ।
ପିଲାମାନଙ୍କର ଖରା ଛୁଟି ଶୀଘ୍ର ହୋଇଗଲା। ନୂଆ ଶିକ୍ଷାବର୍ଷରେ ନୂଆ ଶିକ୍ଷକ ଆସିବେ ବୋଲି ପିଲାଙ୍କୁ ଖବର ମିଳିଗଲା । ନୂଆ ଶିକ୍ଷକଙ୍କ ନାଁ ଥୁଲା କାଳୀକୁମାର ତତ୍କାଳଂକାର। ଅଧା ଛୁଟି ପରେ ପିଲାମାନେ ସ୍ଥିର କଲେ ଯେ ସେମାନେ ନୂଆ ଅଧ୍ୟାପକଙ୍କ ପାଖରେ ପଢ଼ିବେ ନାହିଁ ।
ଛୁଟି ହୋଇଗଲା । ସମୟ ବିତିଗଲା । ସ୍କୁଲ ଖୋଲିବା ସମୟ ହେବାରୁ ରେଳଗାଡ଼ିରେ ବସି ପିଲାମାନେ ଫେରିବାକୁ ଲାଗିଲେ। ଚିକୁନ କବିତା ପଢ଼ିବାକୁ ଲାଗିଲା। ଅନ୍ୟ ପିଲାମାନେ ତାଳି ମାରି ହସିବାକୁ ଲାଗିଲେ । ଗୋଟିଏ ଛୋଟ ଷ୍ଟେସନରେ ଜଣେ ଭଦ୍ରବ୍ୟକ୍ତି ଗାଡ଼ିରେ ଚଢ଼ିଲେ। ତାଙ୍କ ପାଖରେ ବହୁତ ଗୁଡ଼ିଏ ଛୋଟମୋଟ ଜିନିଷ ଥିଲା ।
ଗୋଟିଏ ପିଲା ସେହି ଭଦ୍ରବ୍ୟକ୍ତିଙ୍କୁ ଅନ୍ୟ ଡବାକୁ ଗଲିଯିବାକୁ କହିଲା। ଭଦ୍ରବ୍ୟକ୍ତି ଜଣକ କହିଲେ ଯେ ଅନ୍ୟ ଡବାମାନଙ୍କରେ ଜାଗା ନାହିଁ । ସେ ଦରି ବିଛେଇ ସେହିଠାରେ ବସିପଡ଼ିଲେ। ପିଲାମାନେ ତାଙ୍କ ସହିତ ଥଟ୍ଟାମଜା କଲେ, ଏଥିମଧ୍ୟରେ ସମ୍ବଲପୁର ଷ୍ଟେସନ ଆସିଗଲା। ଭଦ୍ରବ୍ୟକ୍ତି ଜଣକ ତଳକୁ ଓହ୍ଲେଇଲେ। ଦୁଇଜଣ ବ୍ୟକ୍ତି ତାଙ୍କୁ ଭେଟିବାକୁ ଆସିଥିଲେ । ତାଙ୍କ ସହିତ କଥାବାର୍ଭା ସାରି ଭଦ୍ରବ୍ୟକ୍ତି ଜଣକ ଡବା ଭିତରକୁ ଆସିବାମାତ୍ରେ ଗୋଟିଏ ପିଲା ତାଙ୍କୁ ଡବାରୁ ଓହ୍ଲେଇ ଯିବାକୁ କହିଲା, ସେ କହିଲା ଯେ ସେ ଡବାରେ ବହୁତ ମୂଷା ଅଛନ୍ତି। ପ୍ରକୃତରେ ସେହି ପିଲାମାନେ ହିଁ ମୂଷା ଥିଲେ, ଯେଉଁମାନେ ତାଙ୍କ ହାଣ୍ଡିରୁ ରସଗୋଲା ଖାଇଦେଇଥିଲେ । ତାଙ୍କ ପୁଟୁଳି ଭିତରେ ଥିବା ରସୁଳିଆ ଆମ୍ବତକ ମଧ୍ୟ ଖାଇଦେଇଥିଲେ।
ଏହା ଶୁଣି ଭଦ୍ର ବ୍ୟକ୍ତି ଜଣକ ଆଦୌ ରାଗିଲେ ନାହିଁ । ଏହାପରେ ଅନଗୁଳ ଷ୍ଟେସନ ଆସିଲା। ଭଦ୍ରବ୍ୟକ୍ତି ଜଣକ ଅନ୍ୟ ଡବାକୁ ଯିବାକୁ କହିବାରୁ ପିଲାମାନେ ତାଙ୍କୁ ମନାକଲେ। ଭଦ୍ରବ୍ୟକ୍ତି ଜଣକ ଠେଲାଗାଡ଼ିରେ ସିଙ୍ଗଡ଼ା ବିକୁଥୁବା ଲୋକଙ୍କୁ ଡାକି ପ୍ରତି ପିଲାକୁ ଦୁଇ-ଦୁଇଟି ସିଙ୍ଗଡ଼ା ଖାଇବାକୁ ଦେଲେ। ପିଲାମାନେ ବହୁତ ଖୁସି ହୋଇଗଲେ। ସେମାନେ ଭଦ୍ରବ୍ୟକ୍ତିଙ୍କୁ ପଚାରିଲେ, ‘ ‘ବାବା ଆପଣ କେଉଁଠାକୁ ଯାଉଛନ୍ତି ? ” ’ ସେ କହିଲେ ଯେ ସେ ଜଣେ ଶିକ୍ଷକ। କାମ ଖୋଜିବାକୁ ସେ ଯାଉଛନ୍ତି।
ପିଲାମାନେ ଖୁସି ହୋଇଯାଇ କହିଲେ ଯେ ଆପଣ ଆମ ସ୍କୁଲକୁ ଆସି ଆମକୁ ପଢ଼ାନ୍ତୁ । ଭଦ୍ରବ୍ୟକ୍ତି ଜଣକ ଟାଳଟୁଳ କରିବାରୁ ପିଲାମାନେ ତାଙ୍କୁ ବୁଝାଇଲେ ଯେ ଆପଣ ଆମ ସହିତ ଆସନ୍ତୁ। ଗାଡ଼ି ଷ୍ଟେସନରେ ଅଟକିଲା। ସେଠାରେ ସ୍କୁଲର ସେକ୍ରେଟେରୀ ଠିଆ ହୋଇଥିଲେ। ସେ ବୃଦ୍ଧ ଭଦ୍ରବ୍ୟକ୍ତି ଜଣଙ୍କୁ ନମସ୍କାର କଲେ ଓ ସେ ଆସିଥିବାରୁ ଆନନ୍ଦ ପ୍ରକାଶ କଲେ। ପିଲାମାନେ ଏସବୁ ଦେଖୁ ଆଶ୍ଚର୍ଯ୍ୟ ହୋଇ ପରସ୍ପରର ମୁହଁକୁ ଚାହିଁ ରହିଲେ।
शब्दार्थ :