Odisha State Board BSE Odisha 7th Class Hindi Solutions Chapter 12 जंगल रो रहा है Textbook Exercise Questions and Answers.
BSE Odisha Class 7 Hindi Solutions Chapter 12 जंगल रो रहा है
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
(i) शशांक बाबू को क्यों अचम्भा हुआ ?
उत्तर:
शशांक बाबू लंबे समय के बाद अपने गाँव पहुँचे। उन्हें अचंभा हुआ कि अब न तो सड़कों के किनारे आम के पेड़ रह गए हैं, न ही पहाड़ी की तलहटी से गाँव के छोर तक फैले हरे-भरे सुहावने जंगल ।
(ii) रेगिस्तान का क्या मतलब है ?
उत्तर:
जहाँ चारों ओर रेत ही रेत हो, जंगल और पेड़पौधे न हों, उसे रेगिस्तान कहते हैं।
(iii) रमेश ने जंगल की क्या दश बताई ?
उत्तर:
रमेश ने जंगल की दशा बुरी बताई। शाल, सागौन आदि के जंगल अब उजड़ गए हैं । लोगों ने दरवाजे, किवाड़, खिड़कियाँ, मेज, कुर्सी जैसी घरेलू जरूरत की चीजें बनाने के लिए जंगलों का सफाया कर दिया। जंगलों का न रहने से रेगिस्तान जैसी स्थिति हो गई है ।
(iv) जंगल कटने से क्या नतीजा हुआ ?
उत्तर:
जंगल कटने से धरती का तापमान बढ़ रहा है । गरमी के कारण शहरों में रहना कठिन होता जा रहा है। दूसरी ओर जंगली जानवरों का जीवन भी अब खतेर में पड़ गया है ।
(v) अखबारों में क्या-क्या खबरें छपती हैं ?
उत्तर:
अखबारों में जंगल के साफ होने और धरती के ताप के बढ़ने की खबरें छपती रहती हैं । गर्मी से बेहाल होकर शहरों के लोग फरवरी से ही कूलर और, ए.सी. चलाने लगे हैं।
(vi) पौधे लगाने पर भी जंगल नहीं पनपता क्यों ?
उत्तर:
पौधे लगा तो दिए जाते है परंतु उनकी देखभाल नहीं की जाती । नियमित सिंचाई के अभाव से पौधे सूख जात हैं । लोग बचे हुए पौधों के बनों को काटकर उन्हों भी नष्ट कर देते हैं ।
(vii) अब हमें क्या करना चाहिए ?
उत्तर:
हमें जंगलों को बचोन का प्रयास करना चाहिए । जंगलों के बचने से ही दुनिया बच पाएगी। यदि जंगलों में घुसकर उनसे छेड़काड़ न की जाय तो वे अपने आप हरे-भरे हो जाएँगे ।
2. सोचकर बताइए :
(i) हर विद्यार्थी को पेड़ काटने से कैसा लगता है, वह कक्षा में खड़ा होकर सबको बताए।
उत्तर:
प्रत्येक विद्यार्थी अपने मन की बात और अनुभव स्वयं बताए। संकेत-पेड़ कटना हमें बहुत दुखदायी लगता है । ऐसा लगता है जैसे प्राणीजगत के साथ बहुत बड़ा अन्याय हो रहा हो।
(ii) हाथियों का झुण्ड बस्ती में क्यों आता है ?
उत्तर:
जंगल के न रहने से हाथियों का झुण्ड बस्ती में घुस आता है । बेचारे जानवरों का पेट जंगल में नहीं भर पाता है, इसलिए वे मजबूरी में जंगल से निकलकर आस-पास के गाँवों में चल आते हैं ।
(iii) आजकल बाघ और हाथियों की सुरक्षा करने के क्या-क्या उपाय किये गये हैं ?
उत्तर:
आजकल बाघ और हाथियों की सुरक्षा करने के लिए वन्यजीव अभयारण्य तथा राष्ट्रीय प्राणी उद्यान बनाए गए हैं । यहाँ वन्यप्राणी निडर होकर घूमफिर सकते हैं । इनके शिकार पर रोक लगा दी गई है । इनकी संख्या को बढ़ाने के लिए विशेष प्रयासं किए जा रह हैं ।
(iv) पहले शाम और भोर में सियार बोलते थे । आजकल उनकी आवाज क्यों नहीं सुनाई देती?
उत्तर:
पहले गाँवों के निकट छोटे या बड़े जंगल हुआ करते थे। सियार वहाँ से बोलते थे । इनकी बोली गाँव के लोग सुन सकते थे । अब चूँकि जंगल नष्ट हो गएहैं इसलिए सियारों की संख्या भी काफी घट गई है । यही कारण है कि आजकल उनकी आवाज सुनाई नहीं देती ।
(v) अखबारों में क्या खबरें छपती हैं ?
उत्तर:
अखारों में विश्व जलवायु परिवर्तन, पृथ्वी के तापमान में वृद्धि, जंगलों के नाश, जंगली जीवों का अवैध शिकार आदि खबरें छपती रहती हैं । इन सबके लिए आदमी ही जिम्मेदार है । अखबारों में प्रदूषण के खतरों के प्रतिं भी समय-समय पर आगाह कराया जाता है।
भाषा-कार्य :
3. नीचे लिखे शब्दों के विशेषण पाठ से छाँटिए :
………… पेड़, ………… जंगल, ………… आवाज
………… तने, ………… लोग, ………… द्रव्य
उत्तर:
सैकड़ों पेड़, सुहावने जंगल, अजीव सी आवाज, भाग्यशाली तने, वनवासी लोग, वनजात द्रव्य ।
4. इन शब्दों को देखिए, और ऐसे शब्द लिखिए : खुशी-खुशी, हरे-भरे, नामो-निशान, मेज-कुर्सी
उत्तर:
जल्दी-जल्दी, छाटे-बड़े, पेड़-पौधे, अजीबो-गरीब, सूखे-कच्च, दिया-बाती, खाना-पीना आदि
5. शब्द बनाइए :
जैसे – बे + गाने = बेगाने
उत्तर:
- बे + सुर = बेसुर
- बे + अक्ल = बेअक्ल
- बे + बजह = बेवजह
- बे + खबर = बेखबर
- ला + इलाज = लाइलाज
- ला + पता = लापता
- ला + परवाह = लापरवाह
- ला + वारिस = लावारिस
6. इनके पर्यायवाची शब्द लिखिए :
साथी, ताप, झुण्ड, कष्ट, संख्या, दुनिया, जंगल (ऐसे कुछ अन्य शब्दों को भी छाँटिए, और उनके समानार्थी शब्द जानिए)
उत्तर:
शब्द — पर्यायवाची शब्द
- साथी — मित्र, दोस्त, सखा
- ताप — गर्मी, उत्ताप, उष्णता
- झूण्ड — दल, समूह, टोली
- कष्ट — तकलीफ, दुःख, पीड़ा
- संख्या — गिनती, आवादी
- दुनिया — संसार, जग
- जंगल — वन, अरण्य, कानन
कुछ अन्य शब्द और उनके समानार्थी शब्द :
- शब्द — पर्यायवाची
- गाँव — ग्राम
- पेड़ — वृक्ष
- लकड़ी — काठ
- मायूसी — निराशा
- वारिश — वर्षा
- जानवर — पशु
- शहर — नगर
- कदम — पग
- रेगिस्तान — मरुभूमि
- आवाज — ध्वनि
- समुद्र — सागर
- मानव — मनुष्य
7. निम्नलिखित शब्द बहुवचन में आए हैं । इनके एक वचन के रूप लिखिए :
बहुवचन — एकवचन
सुहावने — सुह्लवना
खिड़कियाँ — खिड़की
आवाजें — आवाज
कुर्सियाँ — कुर्सी
पत्ते — पत्ता
सूखे — सूखा
खबरें — खबर
किनारे — किनारा
खतरे — खतरा
पौधे — पौधा
8. कोष्ठक में दिए गए उपयुक्त विभक्ति चिह्नों से खाली जगह भरिए :
(से, में, के, ने, का )
उत्तर:
(i) शशांक बाबू चमेली गाँव के मूल निवासी हैं ।
(ii) मगर वे लगभग चालीस सालों से शहर में रहते हैं ।
(iii) आम के पेड़ों का अब नामोनिशान नहीं है ।
(iv) अखरबारों में बराबर खबरें छपती हैं ।
(v) दोनों ने सोचा ।
9. ‘क’ स्तंभ के शब्दों के साथ ‘ख’ स्तंभ के सही विपरीतार्थ या विलोम शब्दों का मिलान कीजिए :
‘क’ स्तंभ — ‘ख’ स्तंभ
नीचे — विदेश
रोना — दानव
देश — ऊपर
मानव — गीला
सूखा — हँसना
उत्तर:
‘क’ स्तंभ — ‘ख’ स्तंभ
नीचे — ऊपर
रोना — हैसना
देश — विदेश
मानव — दानव
सूखा — गीला
नीचे लिखी गई भाववाचक संज्ञाओं के प्रत्यरों को अलग कीजिए :
- भाववाचक — प्रत्यय
- स्वच्छता — ता
- अकेलापन — पन
- स्रीत्व — त्व
- लड़कपन — पन
- सनसनाहट — आहट
- बंधुत्व — त्व
- गरीबी — ई
- सुन्दरता — ता
- दिख़ावट — आवट
- लड़ाई — आई
10. इस प्रश्न का हल छात्र स्वयं करें ।
अन्य परीक्षोपयोगी प्रश्नोत्तर
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
(i) शशांक बाबू शहर में क्यों रहते थे ?
उत्तर:
शशांक बाबू सरकारी नौकरी करते थे, इसलिए वे शहर में रहते थे ।
(ii) शशांक बाबू किसके साथ गाँव गए ?
उत्तर:
शशांक बाबू अपने बचपन के साथी रमेश के साथ अपने पुश्तैनी गाँव गए।
(iii) “अब हम रेगिस्तान ही में रहते हैं।” इस कथन का क्या अर्थ है ?
उत्तर:
बाग-बगीचों और जंगलों के कटने से गाँव भी अब रेगिस्तान सा वीरान हो गया था। यही कारण है कि गाँव में रहना भी अब उन्हें रेगिस्तान में रहने जैसा लग रहा था।
(iv) सरकार पेड़ों को लगाने के लिए क्या करती है?
उत्तर:
सरकार पेड़ों को लगाने के लिए करोंड़ों रुपये – खर्च करती है।
(v) सही समय पर बारिश न होने का क्या कारण हैं?
उत्तर:
जंगलों की अंधाधुंध कटाई से पेड़-पौधों का सफाया हो गया है । जहाँ पेड़-पौधे नहीं होते वहाँ वारिश भी सही समय पर नहीं होती। पेड़-पौधे ही बादलों को आकर्षित कर वर्षा कराते हैं।
2. निम्नलिखित प्रश्नों के सही विकल्प उत्तर पर (✓) का निशान लगाइए :
(i) शशांक बाबू किस गाँव के मूल निवासी हैं ?
(क) चमेली गाँव के
(ख) धनुपाली गाँव के
(ग) धर्मपुर गाँव के
(घ) फुलवारी गाँव के
उत्तर:
(क) चमेली गाँव के
(ii) शहर में रहना मुश्किल क्यों हो गया है ?
(क) ठंड बढ़ने से
(ख) गर्मी के बढ़ने से
(ग) धर्मपुर गाँव के उजड़ने से
(घ) फुलवारी गाँव के उजड़ने से
उत्तर:
(ख) गर्मी के बढ़ने से
(iii) कौन सिसकियाँ लेता है और हिचकियाँ लेता है?
(क) फूल
(ख) वन्य प्राणी
(ग) जंगल
(घ) पहाड़ी
उत्तर:
(ग) जंगल
(iv) किसके अभाव में खेती नहीं हो सकती ?
(क) खाद
(ख) सरकारी प्राणी
(ग) कोल्हू
(घ) बारिश
उत्तर:
(घ) बारिश
(v) जंगल अपना दुखड़ा किसके लिए रोता है ?
(क) शेर के लिए
(ख) मानव के लिए
(ग) हाथी के लिए
(घ) अपने लिए
उत्तर:
(ख) मानव के लिए
भाषा-कार्य :
4. दिए गए वाक्यों को पढ़िए :
तुम तो बेगाने हो गए।
किस रेगिस्तान में लाकर पटक दिया ।
ऊपर के वाक्यों में एक से अधिक क्रियाएँ साथ साथ आई है । उन्हें संयुक्त क्रिया कहते हैं । पाठ से संयुक्त क्रिया वाले तीन अन्य वाक्क्य छाँटकर लिखिए ।
उत्तर:
(i) चिड़ियाँ की कई नस्लें खत्म हो चुकी हैं ।
(ii) अपनी पुश्तैनी जगह तो देख लो।
(iii) दोनों साथी खुशी-खुशी गाँव के लिए चल पड़े।
5. पढ़िए, समझिए और लिखिए :
अचम्भा – अचंभा
सुन्दर – सुंदर
कण्ठ – ……….
डण्ठल – ……….
अन्त – ……….
बन्दर – ………
उत्तर:
कण्ठ – कंठ
डण्ठल – डंठल
अन्त – अंत
बन्दर – बंदर
6. दिए गए अनेक शब्दों के लिए एक शब्द पाठ से चुनकर लिखिए :
(i) वह स्थान जहाँ रेत ही रेत हो
(ii) जिसका भाग्य अच्छा हो
(iii) वन में रहने वाला
(iv) वन में उत्पन्न
(v) बिना मतलब का रोना
उत्तर:
(i) रेगिस्तान
(ii) भाग्यशाली
(iii) वनवासी
(iv) वनजात
(v) अरण्यरोदन
7. दिए गए शब्दों का वर्ण विच्छेद कीजिए :
जैसे – पहाड़ – प् + अ + ह् + आ + डू
पेड़, दरवाजा, सागौन, जंगल, योजना
उत्तर:
पेड़ – प्+ ए+ डूं
दरवाजा – द् + अ+ र+ अ+ व्+ आ+ ज् + आ
सागौन – स् + आ + ग् + औ + न्
जंगल – ज्+अ+ङ्+ ग्+अ+ल्
योजना – य् + ओ + ज् + अ+ न् + आ
पाठ का सारांश
चमेली गाँव के मूल निवासी शशांक बाबू चालीस सालों से शहर में रहते हुए सरकारी नौकरी करते हैं । उनके बचपन के साथी रमेश ने शशांक बाबू को उनके पुश्तैनी जगह को देखने के लिए प्रेरित किया ।
दोनों बस से गाँव की ओर चल पड़े । शशांक गाँव में जाकर अचंभे में पड़ गए। न तो वहाँ सड़कों के किनारे आम के पेड़थे, न ही पहाड़ी की ज्रलहटी से गाँव तक फैले जंगल ही दिखाई दे रहे थे । उन्हें लगा, वे किसी रेगिस्तान में पहुँच गए है। शाल, सागौन, आम, जामुन आदि अब लोगों की जरूरतों की भेंट चढ़ गए थे । जंगलों का सफाया होने से चारों ओर रेगिस्तान का जैसा दृश्य था।
शशांक अपने मित्र से धरती के तापमान के बढ़ने और गरमी की बजह से शहरों की बेहाल जिदगी की चर्चा करते हैं। उन्हें दूर से अजीब तरह की आवाजें सुनाई दे रही हैं । ये आवाजें सुखी डंठलों, सूखे-कच्चे पत्तों केआपस में टकराने से पैदा हो रही हैं । ऐसा लगता हैं जैसे जंगल सिसकियाँ ले रहा हो ।
इसी समयं शशांक पेड़ लगवाने की सरकारी योजनाओं की वात करते हैं । रमेश उन्हें समझाते हैं कि पौधे लगाए जरूर जाते हैं परंतु पानी के बिना वे सूख जाते हैं । बचे हुए पेड़ों को लोग काट डालते हैं। शशांक बताते हैं कि जगलों के साफ होने से मौसम में बदलाव होने की बात सही है । गरमी बढ़ने से हिमालय की बर्फ पिघल रही है और समुद्र का जलस्तर बढ़ रहा है ।
इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए दोनों मित्रों ने जंगल को बचाने की आवश्यकता महसूस की। यदि जंगलों के साथ छेड़ छाड़ न की जाय तो वे फिर से हरे-भरे हो जाएँगे ।
ସାରାଂଶ
ଚମେଲୀ ଗାଁର ମୂଳ ବାସିନ୍ଦା ଶଶାଙ୍କ ବାବୁ ସ୍ଖଳିଶି ବର୍ଷ ହେଲା ସହରରେ ରହି ସରକାରୀ ଋକିରି କରୁଥିଲେ। ତାଙ୍କର ପିଲାଦିନର ସାଥୀ ରମେଶ ଶଶାଙ୍କ ବାବୁଙ୍କୁ ତାଙ୍କ ପୂର୍ବପୁରୁଷଙ୍କ ସ୍ଥାନକୁ ଦେଖୁଆସିବାରୁ ପ୍ରେରଣା ଦେଲେ । ଦୁହେଁ ବସ୍ରେ ଗାଁକୁ ଋଲିଲେ । ଶଶାଙ୍କ ଗାଁକୁ ଯାଇ ଆଶ୍ଚର୍ଯ୍ୟ ହୋଇଗଲେ । ସଡ଼କ କଡ଼ରେ ଆଉ ଆମ୍ବଗଛ ନଥିଲା କି ପାହାଡ଼ର । କି ପାଦେଦେଶଠାରୁ ଗାଁ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ବ୍ୟାପିଥିବା ଜଙ୍ଗଲ ଆଖରେ ପଡୁ ନଥିଲା। ତାଙ୍କୁ ଜଣାଗଲା ଯେ ସେ କୌଣସି ମରୁଭୂମିରେ ପହଞ୍ଚିଯାଇଛନ୍ତି । ଶାଳ, ସାଗୁଆନ, ଆମ୍ବ, ଜାମୁ ଗଛ ସବୁ ଲୋକଙ୍କ ଆବଶ୍ୟକ୍ତା ପୂରଣ କରିବା ପାଇଁ ସ୍ଵାହା ହୋଇଯାଇଥିଲେ। ଜଙ୍ଗଲ ନଷ୍ଟ ହୋଇଯାଇଥିବାରୁ ଋରିଆଡ଼ ମରୁଭୂମି ଭଳି ଦୃଶ୍ୟ ସୃଷ୍ଟି ହୋଇଥିଲା ।
ଶଶାଙ୍କ ତାଙ୍କ ବନ୍ଧୁଙ୍କ ସହିତ ପୃଥୁବୀର ତାପମାତ୍ରା ବଢ଼ିବା ଓ ଗରମ ଯୋଗୁଁ ସହରର ଅତିଷ୍ଠ ଜୀବନ ବିଷୟରେ ଆଲୋଚନା କଲେ । ତାଙ୍କୁ ଦୂରରୁ ଗୋଟିଏ ବିଚିତ୍ର ପ୍ରକାରର ଶବ୍ଦ ଆସୁଥୁବାର ଶୁଣାଗଲା। ସେ ଶବ୍ଦ ଶୁଖୁଲା ଡାଳ, ଶୁଖୁଲାପତ୍ର ଓ କଞ୍ଚାପତ୍ରର ପରସ୍ପର ସହିତ ବାଡ଼େଇ ହେବା ଯୋଗୁଁ ସୃଷ୍ଟି ହେଉଥିଲା। ଜଣାଯାଉଥିଲା ଯେ ସତେ ଯେପରି ଜଙ୍ଗଲ କାନ୍ଦୁଛି।
ଏତିକିବେଳେ ଶଶଙ୍କ ବୃକ୍ଷରୋପଣ ପାଇଁ ସରକାରୀ ଯୋଜନାଗୁଡ଼ିକ ବିଷୟରେ କହିଛନ୍ତି। ରମେଶ ତାଙ୍କୁ ବୁଝାଇ ଦେଇଛନ୍ତି ଯେ ଗଛ ତ ନିଶ୍ଚିତ ରୂପରେ ଲଗାଯାଉଛି । କିନ୍ତୁ ପାଣି ବିନା ସେଗୁଡ଼ିକ ଶୁଖୁଯାଉଛି । ବାକିଥିବା ଗଛ ସବୁ ଲୋକେ କାଟି ନେଉଛନ୍ତି। ଶଶାଙ୍କ କହିଛନ୍ତି ଯେ ଜଙ୍ଗଲ ନଷ୍ଟହେବା ଯୋଗୁଁ ପାଣିପାଗରେ ପରିବର୍ତ୍ତନ ଦେଖାଯିବା କଥା ପ୍ରକୃତରେ ସତ । ଉତ୍ତାପ ବଢ଼ିବା ଯୋଗୁଁ ହିମାଳୟର ବରଫ ତରଳୁଛି ଓ ସମୁଦ୍ରର ଜଳପତ୍ତନର ସ୍ତର ବଢ଼ୁଛି।
ସେତେବେଳେ ସେମାନେ ଜାଣିବାକୁ ପାଇଲେ ଯେ ଗାଁ ଭିତରକୁ ହାତୀ ପଲ ମାଡ଼ି ଆସୁଛନ୍ତି । ଲୋକେ ହାତୀପଲ ଘଉଡ଼େଇବା ପାଇଁ ଚେଷ୍ଟା କରୁଛନ୍ତି । ଏହାର କାରଣ ହେଉଛି ଜଙ୍ଗଲ କ୍ଷୟ । ସେଥିଯୋଗୁଁ ବଣରେ ରହୁଥିବା ବନବାସୀ ଲୋକ ଓ ଜଙ୍ଗଲର ପଶୁ ସମସ୍ତେ କଷ୍ଟ ପାଉଛନ୍ତି । ଜଙ୍ଗଲ ପଶୁ-ପକ୍ଷୀଙ୍କ ସଂଖ୍ୟା ମଧ୍ୟ ଦୃତଗତିରେ ହ୍ରାସ ପାଇଛି। ଏହିସବୁ କଥାକୁ ଧ୍ୟାନ ଦେଇ ଉଭୟ ବଂଧୁ ଜଙ୍ଗଲ ସୁରକ୍ଷାର ଆବଶ୍ୟକତା ଅନୁଭବ କରିଛନ୍ତି । ଯଦି ଜଙ୍ଗଲ ପ୍ରତି ଏଭଳି ଅତ୍ୟାଗର କରା ନଯିବ, ତେବେ ପୁଣି ଥରେ ଜଙ୍ଗଲ ସୃଷ୍ଟି ହୋଇଯିବ।
शब्दार्थ :