BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 5 मेरा नया बचपन

Odisha State Board  BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions  Poem 5 मेरा नया बचपन Textbook Exercise Questions and Answers.

BSE Odisha Class 9 Hindi Solutions Poem 5 मेरा नया बचपन

प्रश्न और अभ्यास (ପ୍ରଶ୍ନ ଔର୍ ଅଭ୍ୟାସ)

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो-तीन वाक्यों में दीजिए:
(ନିମ୍ନଲିଖ୍‌ତ ପ୍ରଶ୍ନୋ କେ ଉତ୍ତର୍ ହୋ – ତାନ୍ ବାର୍କେ ମେଁ ଦୀଜିଏ) ।
(ନିମ୍ନଲିଖ ପ୍ରଶ୍ନଗୁଡ଼ିକର ଉତ୍ତର ଦୁଇ-ତିନୋଟି ବାକ୍ୟରେ ଦିଅ : )

(क) कवयित्री ने बचपन को ‘अतुलित आनंद देनेवाले’ क्यों कहा है?
(କରାଯିତ୍ରା ନେ ବବ୍ ପନ୍ ବ୍ କୋ ଅତୁଳିତ୍ ଆନନ୍ଦ ଦେନେବାଲେ’ କ୍ୟା କହା ହୈ ?)
(କବୟିତ୍ରୀ ପିଲାଦିନକୁ ‘ଅପାର ଆନନ୍ଦ ଦେଉଥ‌ିବା’ ବୋଲି କାହିଁକି କହିଛନ୍ତି ?)
उत्तर:
कवयित्री ने बचपन को अतुलित आनन्द देनेवाले इसलिए कहा है कि बचपन की सरल, मधुर स्मृतियाँ आनन्द का अतुलित भंड़ार होता है। बाल्यावस्था में अचिन्ता भोजन और खेलकूद के स्वाधीन विचरण अविस्मरणीय है।

(ख) बचपन के बारे में कवयित्री ने क्या वर्णन किया है?
उत्तर:
(ବଚ୍‌ପନ୍ କେ ବାରେ ମେଁ କବୟିତ୍ରୀ ନେ କ୍ୟା ୱର୍ଣ୍ଣନ କିୟା ହୈ ?)
(ପିଲାଦିନ ସମ୍ପର୍କରେ କବୟିତ୍ରୀ କ’ଣ ବର୍ଣ୍ଣନା କରିଛନ୍ତି ?

बचपन का अतुलनीय आनन्द कभी भूला नहीं जा सकता है। इस समय में सरल चिन्ताशून्य निष्पाप जीवन होता है। मातृस्नेह ममता के साथ धूलि खेल कभी नहीं मिला। कवयित्री इसमें उनका मातृहृदय सजग हो उठा है।

(ग) बच्ची के रोने पर माँ ने उसे कैसे चुप कराया?
(ବଢୀ କେ ରୋନେ ପର୍ ମାଁ ନେ ଉସେ କୈସେ ଚୁପ୍ କରାୟା ?)
(ଶିଶୁ (ପିଲା) କ୍ରନ୍ଦନରେ ମା’ ତାକୁ କିପରି ବୋଧ କଲେ ?)
उत्तर:
बच्ची रोते समय माँ जो काम कर रही थी उसको छोड़कर बच्ची को उठा लिया । झाड़ पोंछकर चुमा देकर लोरी गाकर गिले गालो को सुखा दिया ।

(घ) कवयित्री बचपन को क्यों बार-बार बुलाती हैं ?
(କବୟିତା। ଚଚ୍ ର୍ପନ୍ କ୍ଯୋ ବାର୍ – ବାର୍ ବୁଲାତୀ ହୈ ?)
(କବୟିତ୍ରୀ ପିଲାଦିନକୁ କାହିଁକି ବାରମ୍ବାର ମନେ ପକାଉଛନ୍ତି ?)
उत्तर:
कवयित्री निर्मल शान्ति पाने के लिए वचपन को बार-बार बुलाती है। इसमें उनके मन का बिषाद को मिटाने के साथ चिर सुख मिलेंगा। वस्तुत: नारी हृदय मातृत्व पाकर ही गौरवान्वित होता है।

(ङ) बचपन को बुलाते समय क्या हुआ?
(ବଚ୍‌ପନ୍‌ କୋ ବୁଲାତେ ସମୟ କ୍ୟା ହୁଆ ? )(
ପିଲାଦିନକୁ ଡାକିବାବେଳେ କ’ଣ ହେଲା ?)
उत्तर:
बचपन को बुलाते समय कवि खुद बच्ची बन जाती है। बचपन की अठखेलियाँ और शरारत की झलक देखी। उसके साथ खेलती, खाती और तुतलाती है।

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2. निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर एक या दो वाक्यों में दीजिए।
(ନିମ୍ନଲି ଖ୍ ତା ପ୍ରଶ୍ନୋ କା ଉତ୍ତର୍ ଏକସ୍ନ ଦୋ ବାର୍କେ ମେଁ ଦୀଜିଏ) ।
(ନିମ୍ନଲିଖ ପ୍ରଶ୍ନଗୁଡ଼ିକର ଉତ୍ତର ଗୋଟିଏ ବା ଦୁଇଟି ବାକ୍ୟରେ ଦିଅ ।)
(क) ‘मेरा नया बचपन’ कविता किसने लिखी है?
(‘ମେରା ନୟ ବଚପନ୍’ କବିତା କିସ୍‌ ଲିଖ୍ ହୈ ?)
(ମେରା ନୟା ବଚପନ୍) କବିତା କିଏ ଲେଖୁଛି ?)
उत्तर:
‘मेरा नया बचपन’ कविता सुभद्रा कुमारी चौहान ने लिखी है।

(ख) कवयित्री को बार-बार किसकी याद आती है?
(କବୟିତ୍ରୀ କୋ ବାର୍-ବାର୍ କିସ୍‌ ୟାଦ୍ ଆତିହୈ ?)
(କବୟିତ୍ରୀଙ୍କୁ ବାରମ୍ବାର କ’ଣ ମନେ ପଡୁଛି ?)
उत्तर:
कवयित्री को बार-बार बचपन की याद आती हैं।

(ग) किस समय का अतुलित आनन्द भूला नहीं जा सकता है?
(କିସ୍ ସମୟ କା ଅତୁଲିତ ଆନନ୍ଦ ଭୂଲା ନେହୀ ଜା ସକତା ହୈ ?)
(କେଉଁ ସମୟର ଅପାର ଆନନ୍ଦକୁ ଭୁଲି ପାରିବା ନାହିଁ ?)
उत्तर:
बचपन का अतुलित आनन्द भूला नहीं जा सकता है।

(घ) कबयित्री को बचपन में किस प्रकार की जयमाला पहनाते थे?
(କବ ୟତ୍ରା କେ। ବଚ୍ପନ୍ ମେଁ କିସ୍‌କାର କୀ ଜୟମାଲା ପହନାତେ ଥେ ?)
(କବୟିତ୍ରୀ ପିଲାଦିନରେ କେଉଁ ପ୍ରକାରର ବିଜୟରମାଳା ପିନ୍ଧିଥିଲେ ?)
उत्तर:
कवयित्री को बचपन में मोती से आँसू की जयमाला पहनाते थे ।

(ङ) माँ ने गीले गालों को कैसे सुखा दिया?
(ମାଁ ନେ ଗୀଲେ ଗାର୍ଲୋ କୋ କୈସେ ସୁଖା ଦିୟା ?)
(ମା’ ଓଦା ଗାଲା (ମୁହଁ) କୁ କିପରି ସୁଖାଇ ଦେଲା ?)
उत्तर:
माँ ने बच्चों को धूल से उठाकर, झाड़पोंछकर प्यार से चूमकर गीले गालों को सुखा दिया।

(च) कवयित्री किसलिए बचपन को फिर एक बार बुलाती है?
(କବୟିତ୍ରୀ କିସ୍‌ଲିଏ ବତ୍‌ପନ୍ କୋ ଫିର୍ ଏକବାର୍ ବୁଲାତି ହୈ ?)
(ଲେଖ୍କା କେଉଁଥ‌ିପାଇଁ ପିଲାଦିନକୁ ପୁନର୍ବାର ଡାକୁଛନ୍ତି ?)
उत्तर:
कवयित्री निर्मल शान्ति और मन के बिषाद को मिटाने के लिए बचपन को फिर एक बार बुलाती है।

(छ) कवयित्री किसलिए शंका प्रकट करती है?
(କବୟିତ୍ରୀ କିସ୍‌ଏ ଶଂକା ପ୍ରକଟ କରତି ହୈ ?)
(ଲେଖ୍କା କେଉଁଥିପାଇଁ ଆଶଙ୍କା ପ୍ରକାଶ କରିଛନ୍ତି ?)
उत्तर:
कवयित्री इसलिए शंका प्रकट करती है कि सरल, मधुर, निष्पाप बचपन फिर से आकर मेरे मन का संताप को दूर करने में सक्षम होंगे।

(ज) कवयित्री की छोटी-सी कुटिया कैसे नन्दन वन-सी फूल उठी?
1162161- ସୀ କୁଟିୟା କୈସେ ନନ୍ଦନ୍ ୱନ-ସୀ ଫୁଲ୍ ଉଠୀ ? (ଲେଖ୍କାଙ୍କ ଛୋଟ କୁଡ଼ିଆଘର କିପରି ନନ୍ଦନ ବନର ଫୁଲ ହୋଇ ଉଠିଛି ?)
उत्तर:
कवयित्री की छोटी-सी कुटिया अपनी वाल्यावस्था की नटखट से नन्दन वन-सी फूल उठी।

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(झ) कवयित्री की बिटिया क्यों माँ के पास आई थी?
(କବୟିତ୍ରୀ କୀ ଛୋଟୀ- ଆଇ ଥୀ ?)
(ଲେଖ୍କାର ଝିଅ କାହିଁକି ମା ପାଖକୁ ଆସିଥିଲା ?)
उत्तर: कवयित्री की बिटिया बचपन की अठखेलियों और शरारतों की झलक देखी और उसकी सुन्दर मूर्त्ति देखकर नया जीवन आया।

(ञ) कवयित्री ने अपना खोया बचपन किस प्रकार पाया?
(କବୟିତ୍ରୀ ନେ ଅପନା ଖୋୟା ବଚପନ କିସ୍ ପ୍ରକାର ପାୟା ?)
(ଲେଖ୍କାଙ୍କ ନିଜର ହଜି ଯାଇଥ‌ିବା ପିଲାବେଳ କିପରି ପାଇଲେ ?)
उत्तर:
कययित्री ने अपना खोया बचपन बेटी के रूप में पाया है। इसमें सुन्दर लुभानेवाले रूप देखकर नया जीवन फिर पाया।

(ट) कवयित्री किसे बरसों से खोजती थी?
(କବୟିତ୍ରୀ କିସ୍ ବରସୌ ସେ ଖୋଜତୀ ଥୀ ?)
(ଲେଖୁ କାହାକୁ ବର୍ଷ ବର୍ଷ ଧରି ଖୋଜୁଥିଲେ ?)
उत्तर:
अपने बचपन को कवयित्री बरसों से खोजती थी।

3. निम्नलिखित प्रश्नों के सही विकल्प चुनकर उत्तर दीजिए:
(क) कवयित्री को बार-बार किसकी याद आती है?
(i) बुढ़ापा
(ii) बचपन
(iii) शैशव
(iv) यौवन
उत्तर:
(ii) बचपन,

(ख) बचपन का कौन-सा आनंद भूला नहीं जा सकता?
(i) सुख
(ii) अप्रतिम
(iii) अतुलित
(iv) असीम
उत्तर:
(iii) अतुलित,

(ग) जब बच्ची रोती थी तब कौन काम छोड़कर आ जाती थी?
(i) माँ
(ii) बहन
(iii) नानी
(iv) आया
उत्तर:
(i) माँ,

(घ) बिटिया क्या खाकर आई थी?
(i) रोटी
(ii) पान
(iii) मिट्टी
(iv) मिठाई
उत्तर:
(iii) मिट्टी,

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(ङ) बचपन क्या बनकर कवयित्री को फिर से प्राप्त हुआ?
(i) बिल्ली
(ii) कुत्ता
(iii) बेटा
(iv) बेटी
उत्तर:
(iv) बेटी

1. इन विशेषण तथा संज्ञा शब्दों को जोड़िए।
(ଏହି ବିଶେଷଣ ତଥା ସଂଜ୍ଞା ଶବ୍ଦଗୁଡ଼ିକୁ ଯୋଡ଼ ।)

विशेषण संज्ञा
मधुर विश्रान्ति
व्याकुल आँसू
मोती-से हृदय
प्राकृत स्मृति
मस्त कुटिया
मंजुल खुशी
छोटी-सी आनन्द
अतुलित मूर्ति

उत्तर:

विशेषण संज्ञा
मधुर स्मृति
व्याकुल हृदय
मोती-से आँसू
प्राकृत विश्रान्ति
मस्त खुशी
मंजुल मूर्त्ति
छोटी-सी कुटिया
अतुलित आनन्द

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2. निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखिए।
(ନିମ୍ନଲିଖ୍ ଶବ୍ଦଗୁଡ଼ିକର ବିପରୀତ ଶବ୍ଦ ଲେଖ ।)
खुशी, हँसना, मधुर, जीवन, निश्चित, निर्भय, बड़े, सूखा, भयभीत, कुटिया, नव, प्यारा, पाप, निष्पाप, सरलता, बचपन, निर्मल, अपना, पाया, हर्ष।
उत्तर:
खुशी – दु:खी

हँसना – रोना

मधुर – कटु

जीवन – मरण

निश्चित – अनिश्चित

निर्भय – भय

बड़े – छोटे

सूखा – गीला

भयभीत – निर्भीक

कुटिया – महल

नव – पुराना

प्यारा – घृणा

पाप – पुण्य

निष्पाप – कलंक

सरलता – जटिलता

बचपन – बुढ़ापा

निर्मल – मैल

अपना – पराया

पाया – खोया

हर्ष – विषाद/शोक

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3. निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए।
(ନିମ୍ନଲିଖିତ ଶବ୍ଦଗୁଡ଼ିକର ପ୍ରତିକର ପ୍ରତିଶବ୍ଦ ଲେଖା)
निर्भय, स्वच्छन्द, जय, माँ, व्यथा, फूल, कुटिया, वन
उत्तर:
निर्भय – निर्भिक/निडर

जय – विजय/सफला

व्यथा – दु:ख

कुटिया – कुटीर

स्वच्छन्द – स्वाधीन

माँ – माता

फूल – पुष्प, सुमन, कुसुम

वन – जंगल/कानन

4. निर्देशानुसार निम्नलिखित वाक्यों को बदलिए।
(ନିମ୍ନଲିଖିତ ବାକ୍ୟଗୁଡ଼ିକୁ ନିର୍ଘେଶାନୁ ସାରେ ବଦଳ। ଆ)

(क) तू गया, तू ले गया । ( भविष्यत काल में) उत्तर: तू जाएगा, तू ले जाएगा ।
उत्तर:
तू जाएगा, तू ले जाएगा।

(ख) मेरे मन का दुःख वह आकर मिटाएगा (भूतकाल में)
उत्तर:
मेरे मन का दुःख उसने आकर मिटाया।

(ग) माँ काम छोड़कर आई और मुझे गोद में उठा लिया। ( वर्त्तमान काल में)
उत्तर:
माँ काम छोड़कर आती है और मुझे गोद में उठा लेती है।

(घ) मैं बचपन को बुला रही थी। ( वर्तमान काल में)
उत्तर:
मैं बचपन को बुला रही हूँ।

(ङ) मुझे खिलाने आई थी। (भविष्यत काल में)
उत्तर:
मुझे खिलाने आएगी।

गृहकार्य: (ଗୃହ କାର୍ଯ୍ୟ)

अपने बचपन की किसी एक रोचक घटना अपने साथियों को सुनाइए।
उत्तर:
हाँ, मुझे एसी ही एक घटना याद आयी है। वह ईस प्रकार है। जब में छोटा था। स्कूल में पढ़ता था। हम तीनों भाई एक साथ स्कुल जाया करते थे। खाने की छुट्टी में दोनों भाई जल्दी-जल्दी खाकर आ जाया करते। लेकिन में इतने कम समय में जल्दी-जल्दी जाकर नहीं आ पाता था। इसलिए मुझे खाने की छुट्टी में जेशे की भूख लगा करती थी। चार बजे स्कुल की छुट्टी होते ही में जल्दी-जल्दी घर पहुँचता। वहाँ देखता माँ घर की दयोढ़ी पर खडी मेरे आने के इंतजार में रस्ता ताक रही होती थी।

माँ को देखकर और उसके आँचल से अपने पक्षीने पौछते ही मुझे एसा लगता मानो मेरे भूख कहीं उड गयी। उसे सारी दुनिया मिल गयी हो। पर आज जब में बड़ा हो गया हूँ तब न मेरे पास माँ है और नहीं इसकी ममता का आँचल। माँ आज भगवान के पास है। मैं इतना बडा होने के बाद भी आज में अपने पैरों पर खड़ा हूँ। अपने फैसले खुद लेता हूँ। पर मुझे पता नहीं क्यों आज भी माँ की कमी खलती है। शायद भगवान को अच्छे मनुष्यों की जरुरत है इसलिए वे मेरी माँ को अपने पास बुला ले गये।

अति संक्षिप्त उत्तरमूलक प्रश्नोत्तर

A. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में दीजिए।

प्रश्न 1.
‘मेरा नया बचपन’ कविता के कवि कौन हैं?
उत्तर:
सुभद्रा कुमारी चौहान ‘मेरा नया बचपन’ कविता के कवि हैं।

प्रश्न 2.
कवयित्री सुभद्रा कुमारी चौहान का जन्म कब और कहाँ हुआ था?
उत्तर:
कवयित्री सुभद्रा कुमारी चौहान का जन्म सन १९०३ ई. में प्रयाग निहलपुर महल में हुआ था।

प्रश्न 3.
ठाकुर रामनाथ सिंह कौन थे?
उत्तर:
ठाकुर रामनाथ सिंह सुभद्रा कुमारी चौहान के पिता थे।

प्रश्न 4.
‘मेरा नया बचपन’ कविता में कवयित्री ने अपने कौन से समय की याद की है?
उत्तर:
‘मेरा नया बचपन’ कविता में कवयित्री ने अपने बचपन के समय की याद की है।

प्रश्न 5.
नारी हृदय कब गौरवान्वित होता है?
उत्तर:
नारी हृदय मातृत्व पाकर गौरवान्वित होता है

प्रश्न 6.
बिटिया क्या खाकर आई थी?
उत्तर:
बिटिया मिट्टी खाकर आई थी।

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प्रश्न 7.
कवयित्री को बार-बार किसकी याद आती है?
उत्तर:
कवयित्री को बार-बार बचपन की याद आती है।

प्रश्न 8.
बचपन का कौन सा आनंद भुलाया नहीं जा सकता?
उत्तर:
बचपन का अतुलित आनंद भुलाया नहीं जा सकता।

प्रश्न 9.
बचपन क्या बनकर कवयित्री को फिर से प्राप्त हुआ ?
उत्तर:
बचपन बेटी बनकर कवयित्री को फिर से प्राप्त हुआ।

प्रश्न 10.
किस समय का अतुलित आनंद भुलाया नहीं जा सकता ?
उत्तर:
बचपन का अतुलित आंनद भुलाया नहीं जा सकता।

प्रश्न 11.
कवयित्री की छोटी-सी कुटिया कैसे नंदन वन-सी फूल उठी?
उत्तर:
अपनी बिटिया की किलकारी की गूँज से कवयित्री की छोटी से कुटिया नंदन वन सी फूल उठी थी।

प्रश्न 12.
बचपन में किस प्रकार की जयमाला कवयित्री को पहनाते थे?
उत्तर:
बचपन में बड़े-बड़े मोती से आँसू की जयमाला कवयित्री को पहनाते थे।

प्रश्न 13.
माँ ने गीले गालों को किस प्रकार सुखा दिया?
उत्तर:
माँ ने झाड़-पोंछकर और चूम-चूमकर गीले गालों को सुखा दिया।

प्रश्न 14.
कवयित्री किसे बरसों से खोजती थी?
उत्तर:
कवयित्री बचपन को बरसों से खोजती थी।

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प्रश्न 15.
किसकी मंजुल मूर्ति दिखकर कवयित्री में नव-जीवन आया?
उत्तर:
अपनी बेटी की मंजुल मूर्ति देखकर कवयित्री में नव-जीवन आया।

प्रश्न 16.
कवयित्री ने अपने बचपन की झलक किसमें देखी?
उत्तर:
कवयित्री ने अपने बचपन की झलक अपनी बेटी में देखी।

B. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक शब्द में दीजिए।

प्रश्न 1.
माँ ने गीले गालों को कैसे सुखा दिया?
उत्तर:
चूम-चूमकर

प्रश्न 2.
बार-बार कवयित्री को किसकी याद आती है?
उत्तर:
बचपन

प्रश्न 3.
बचपन क्या बनकर कवयित्री को फिर से प्राप्त हुआ?
उत्तर:
बेटी

प्रश्न 4.
अतुलित आनंद किस समय का भूला नहीं जा सकता है?
उत्तर:
बचपन

प्रश्न 5.
कवयित्री को बचपन में किस प्रकार की जयमाला पहनाते थे?
उत्तर:
आसूँओं से बने मोतियों

प्रश्न 6.
किसे बरसों से कवयित्री खोजती थी?
उत्तर:
बचपन

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प्रश्न 7.
कौन मिट्टी खाकर आई थी?
उत्तर:
बिटिया

प्रश्न 8.
बचपन को कौन-सा आनंद कहा गया है?
उत्तर:
अतुलित आनंद

प्रश्न 9.
‘मेरा नया बचपन’ कविता के कवि कौन है?
उत्तर:
सुभद्रा कुमारी चौहान

प्रश्न 10.
बिटिया क्या खाकर आई थी?
उत्तर:
मिट्टी

प्रश्न 11.
कवयित्री ने अपना खोया बचपन किस प्रकार पाया?
उत्तर:
बेटी के रूप में

प्रश्न 12.
जब बच्ची रोती थी तब कौन काम छोड़कर आ जाती थी?
उत्तर:
माँ

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प्रश्न 13.
बचपन का कौन-सा आनन्द भूला नहीं जा सकता?
उत्तर:
अतुलित

प्रश्न 14.
नारी हृदय कब गौरवान्वित होता है?
उत्तर:
मातृत्व

C. रिक्तस्थानों को भरिए।

प्रश्न 1.
……………. पूर्ण माता है।
उत्तर:
सुभद्राजी

प्रश्न 2.
……………… को बुलाते समय कवयित्री खुद बच्ची बन जाती है।
उत्तर:
बचपन

प्रश्न 3.
“मेरा नया बचपन” कविता ……………. ने लिखी है।
उत्तर:
सुभद्रा कुमरी चौहान

प्रश्न 4.
बालकपन का ……………… सा आनंद भूला नहीं जा सकता।
उत्तर:
अतुलित

प्रश्न 5.
जब बच्ची रोती थी तब ……………… काम छोड़कर आ जाती थी।
उत्तर:
माँ

प्रश्न 6.
……………………… खाकर बिटिया आई थी।
उत्तर:
मिट्टी

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प्रश्न 7.
गीलें गालों को माँ ने …………….. सुखा दिया।
उत्तर:
चुम-चुमकर

प्रश्न 8.
कवयित्री की बिटिया ……………….. माँ के पास आई थी।
उत्तर:
मिट्टी खिलाने

प्रश्न 9.
कवयित्री को ……………….. के रोने की आवाज सुनाई देती है।
उत्तर:
बिटिया

प्रश्न 10.
बच्ची की रोने की आवाज सुनते ही …………………. दौड़ी आती थी।
उत्तर:
माँ

प्रश्न 11.
कवयित्री को बार-बार ……………… की याद आती है।
उत्तर:
बचपन

प्रश्न 12.
बचपन में रोना और मचल जाना भी …………….. दिखाते थे।
उत्तर:
आनन्द

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प्रश्न 13.
बचपन का जीवन …………….. होता है।
उत्तर:
निष्पाप

प्रश्न 14.
कवयित्री बचपन से …………….. माँगती हैं।
उत्तर:
निर्मल शान्ति

प्रश्न 15.
बेटी की मंजुल मूर्त्ति देखकर कवयित्री को ……………….. मिला।
उत्तर:
नव जीवन

D. सही उत्तर चुनिए।

1. ‘मेरा नया बचपन’ कविता किसने लिखी है?
(A) कबीरदास ने
(B) गिरिधर कविराय ने
(C) सूरदास ने
(D) सुभद्रा कुमारी चौहान ने
उत्तर:
(D) सुभद्रा कुमारी चौहान ने

2. माँ ने गीले गालों को कैसे सुखा दिया?
(A) चुम-चुमकर
(B) चाट कर
(C) कपड़े से पोछकर
(D) हाथ से झाड़कर
उत्तर:
(A) चुम-चुमकर

3. ‘झाँसी की रानी’ किसने लिखा था?
(A) कबीर दास
(B) सूरदास
(C) गिरिधर कविराय
(D) सुभद्रा कुमारी चौहान
उत्तर:
(D) सुभद्रा कुमारी चौहान

4. कवयित्री का विवाह कब हुआ?
(A) 1919
(B) 1918
(C) 1917
(D) 1920
उत्तर:
(A) 1919

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5. किस समय का अतुलित आनंद भूला नहीं जा सकता?
(A) बचपन का
(B) शैशव का
(C) बुढ़ापे का
(D) यौवन का
उत्तर:
(A) बचपन का

6. कवयित्री की विटिया माँ के पास क्यों आयी थी?
(A) मिट्टी खिलाने
(B) पान खिलाने
(C) रोटी खिलाने
(D) मिठाई खिलाने
उत्तर:
(A) मिट्टी खिलाने

7. कवयित्री की छोटी-सी कुटिया किसके आने से फूल उठी?
(A) बेटी
(B) बहन
(C) माँ
(D) पोता
उत्तर:
(A) बेटी

8. कवयित्री किसे बरसों से खोजती थी?
(A) बेटी को
(B) कुत्ता को
(C) बचपन को
(D) बिल्ली को
उत्तर:
(C) बचपन को

9. बचपन क्या बनकर कवयित्री को फिर से प्राप्त हुआ?
(A) बिल्ली
(B) कुत्ता
(C) बेटा
(D) बेटी
उत्तर:
(D) बेटी

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10. सुभद्रा कुमारी चौहान को किस कविता पुस्तक पर पुरस्कार मिला है?
(A) राम का खेल
(B) त्रिधाराएँ
(C) मुकुल
(D) मेरा नया बचपन
उत्तर:
(C) मुकुल

दोहे (ତେ।ହେ)

बार-बार आती है मुझको
मधुर याद बचपन तेरी,
गया, ले गया तु, जीवन की,
सबसे मस्त खुसी मेरी॥
ଚାର୍ – ବାର୍ ଆତ। ହୈ ମୁଝକୋ
ମଧୁର ୟାଦ୍ ବର୍‌ପନ୍ ତେରୀ,
ଗୟା, ଲେ ଗୟା ତୁ, ଜୀୱନ୍ କୀ,
ସବ୍‌ ମସ୍ତ ଖୁସୀ ମେରୀ ।
ଅନୁବାଦ:
ରେ ପିଲାଦିନ, ତୋ’ର ମଧୁର ସ୍ମୃତି ମୋର ମନେପଡ଼ୁଛି । ତୁ ତ ଗଲୁ, ତା’ ସହିତ ମୋ ଜୀବନର ସମସ୍ତ ଖୁସିକୁ ମଧ୍ୟ ସାଥ୍‌ରେ ନେଇଗଲୁ।

चिंता रहित खेलना खाना,
वह फिरना निर्भय स्वच्छन्द,
कैसे भूला जा सकता है,
बचपंन का अतुलित आनन्द।
ଚିନ୍ତା ରହିତ୍ ଖେନା ଖାନା,
ୱହ ଫିନା ନିର୍ଭୟ ସ୍ବଚ୍ଛନ୍ଦ,
କୈସେ ଭୂଲା ଜା ସକ୍ତା ହୈ,
ବଚ୍‌ପନ୍ କା ଅତୁଳିତ୍ ଆନନ୍ଦ୍ ।
ଅନୁବାଦ:
ଅଚିନ୍ତା ଭୋଜନ, ଖେଳ, ସ୍ୱଚ୍ଛନ୍ଦ ଭ୍ରମଣ, ନିର୍ଭୟମନ, କେମିତି ଭୂଲିହେବ ପିଲାବେଳର ସେହି ଅତୁଳନୀୟ

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 5 मेरा नया बचपन

रोना और मचल जाना भी,
क्या आनन्द दिखलाते थे,
बड़े-बड़े मोती-से आँसू,
जयमाला पहनाते थे।
ରୋନା ଔର୍ ମଚଲ୍ ଜାନା ଭୀ,
କ୍ୟା ଆନନ୍ଦ ଦିଖ୍ତେ ଥେ,
ବଡ଼େ-ବଡ଼େ ମୋତୀ-ସେ ଆସୁ,
ଜୟମାଲା ପହନାତେ ଥେ।
ଅନୁବାଦ:
କାନ୍ଦିବା ଓ ଜିଦ୍ ଧରିବାରେ କି କି ଆନନ୍ଦ ଦୃଶ୍ୟମାନ ହେଉଥିଲା । ବଡ଼ ବଡ଼ ମୋତିଭଳି ଲୋତକ ବିନ୍ଦୁରେ ବିଜୟର ମାଳା ପିନ୍ଧିବାଭଳି ଲାଗୁଥିଲା ।

मैं रोई, माँ काम छोड़कर आई,
मुझको उठा लिया,
झाड़-पोंछकर चूम-चूमकर,
गीले गालों को सुखा दिया।
ମୈ ରୋଈ, ନାଁ କାମ୍ ଛାଡ଼କର୍ ଆଈ,
ମୁଖ୍ୟ ଉଠା ଲିୟା,
ଝାଡ଼-ପୌବ୍ଲକର ଚୂମ୍-ଚୂମ୍ର,
ଗୀଲେ ଗାର୍ଲୋ କୋ ସୁଖା ଦିୟା
ଅନୁବାଦ:
କବି କାନ୍ଦିଲାବେଳେ ମାଆ କାମ ଛାଡ଼ି ତାଙ୍କୁ ଉଠାଇ ନିଅନ୍ତି । ଧୂଳି ଝାଡ଼ି, ଗେଲ କରି ଅଶ୍ରୁସିକ୍ତ ଗ। ଲକୁ ସୁଖାଇ ଦିଅନ୍ତି ।

आ जा बचपन ! एक बार फिर
दे दे अपनी निर्मल शान्ति,
ब्याकुल व्यथा मिटाने वाली
वह अपनी प्राकृत विश्रांति।
ଆ ଜା ବଚ୍‌ପିନ୍ ! ଏକ୍ ବାର୍ ଫିର୍
ଦେ ଦେ ଅପ୍‌ନୀ ନିର୍ମଲ୍ ଶାନ୍ତି,
ବ୍ୟାକୁଲ୍ ବ୍ୟଥା ମିଟାନେ ୱାଲୀ
ପ୍ରାକୃତ୍ ବିଶ୍ରାନ୍ତି । ୱହ ଅପ୍‌ନୀ
ଅନୁବାଦ:
କବି କହୁଛନ୍ତି, ଯେ ଥରେ ତାଙ୍କର ବାଲ୍ୟାବସ୍ଥା ଫେରିଆସିଲେ, ସେ ନିର୍ମଳ ଶାନ୍ତି ଲାଭ କରିବେ । ଏହା ହିଁ ତାଙ୍କ ଅସ୍ଥିର ବ୍ୟଆଯୁକ୍ତ ମନର ବିଷାଦକୁ ସ୍ବାଭାବିକ ଓ ଚିରସୁଖ ପ୍ରଦାନ କରିବ।

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 5 मेरा नया बचपन

वह भोली-सी मधुर सरलता
वह प्यारा जीवन निष्पाप
क्या फिर आकर मिटा सकेगा
तृ मेरे मन का सन्ताप ?
ୱହ ଭୋଲା ସାମଧୁର୍ ସଗଲ୍ ତା
ୱହ ପ୍ୟାରା ଜୀୱନ୍ ନିଷ୍ପାପ୍,
କ୍ୟା ଫିର୍ ଆକର୍ ମିଟା ସକେଗା
ତୂ ମେରେ ମନ କା ସନ୍ତାପ ?
ଅନୁବାଦ:
କବି ମନର ସନ୍ଦେହକୁ ପ୍ରକାଶ କରିବା ଛଳରେ କହୁଛନ୍ତି ଯେ ସେହି ସରଳ ମଧୁର ନିଷ୍କଳଙ୍କ ବାଲ୍ୟାବସ୍ଥା ମନକୁ ପୁନର୍ବାର ସନ୍ତାପମୁକ୍ତ କରିପାରିବ ।

मै बचपन को बुला रही थी,
बोल उठी बिटिया मेरी,
नन्दन – वन-सी फूल उठी
यह छोटी-सी कुटिया मेरी।
ମେଁ ବର୍‌ପନ୍‌ କୋ ବୁଲା ରହୀ ଥୀ,
ବୋଲ୍ ଉଠୀ ବିଟିୟା ମେରୀ,
ନନ୍ଦନ- ୱନ-ସୀ ଫୁଲ ଉଠୀ,
ୟହ ଛୋଟୀ-ସ୍ତ୍ରୀ କୁଟିୟା ମେରୀ ।
ଅନୁବାଦ:
ନିଜ ଶିଶୁକନ୍ୟାର ଚପଳାମିରେ ମୁଗ୍ଧ ହୋଇ କବୟିତ୍ରୀ ନିଜର ବାଲ୍ୟାବସ୍ଥାକୁ ଆହ୍ଵାନ କରୁଛନ୍ତି । ସେ ଏଠାରେ ନିଜର ଛୋଟ କୁଡ଼ିଆକୁ ନନ୍ଦନବନ ସହିତ ତୁଳନା କରିଛନ୍ତି ଅର୍ଥାତ୍ ନିଜ କନ୍ୟାର ଚପଳାମି ଛୋଟିଆ କୁଡ଼ିଆଟିକୁ ପରିପୂର୍ଣ୍ଣ କରିଛି ।

माँ ओ ! कहकर बुला रही थी,
मिट्टी खाकर आई थी,
कुछ मुँह में, कुछ लिए हाथ में,
मुझे खिलाने आई थी।
ମାଁ ଓ ! କହୁକର୍ ବୁଲା ରହୀ ଥୀ,
ମିଟୀ ଖାକର୍ ଆଈ ଥୀ,
କୁଛ୍ ମୁଁହ ମେଁ, କୁଛ୍ ଲିଏ ହାଥ ମେଁ,
ମୁଝେ ଖୁନେ ଆଈ ଥୀ।
ଅନୁବାଦ;
କବୟିତ୍ରୀ ତୁ କ’ଣ ଆଣିଛୁ ବୋଲି ପଚାରିବା ସମୟରେ ଶିଶୁ ପିଲାଟି ଉତ୍ତର ଦେଉଛି, ମାଆ ତୁମେ ଖାଅ । ତାହାର ଏହି ଦରୋଟି କଥାରେ କବି ପ୍ରସନ୍ନ ହୃଦୟରେ, ଖୁସି ମନରେ ସବୁକିଛି ଭୁଲି କହୁଛନ୍ତି ତୁ ଖାଇଦେ।

पाया मैंने बचपन फिर से
बचपन बेटी बन आया,
उसकी मञ्जुल मूर्त्ति देखकर
मुझमें नव-जीवन आया।
ପାୟା ମୈନେ ବଚ୍‌ପନ୍ ଫିର୍ ସେ
ବତ୍‌ପନ୍‌ ବେଟୀ ବନ୍‌ ଆୟା,
ଉସ୍‌କୀ ମଞ୍ଜୁଳ ମୂର୍ତ୍ତି ଦେଖକର୍,
ମୁଖ୍ୟର୍ମେ ନ-ଜୀୱନ୍ ଆୟା ।
ଅନୁବାଦ:
କବି ନିଜ ଶିଶୁକନ୍ୟାଠାରେ ନିଜର ବାଲ୍ୟାବସ୍ଥାକୁ ଫେରି ପାଇଛନ୍ତି । ତାହାର ସୁନ୍ଦର ଗୁଲୁଗୁଲିଆ ଚେହେରା ଦେଖୁ ସତେ ଯେପରି ନୂଆ ଜୀବନ ଫେରି ପାଇଛନ୍ତି ।

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 5 मेरा नया बचपन

मैं भी उसके साथ खेलती,
खाती हूँ, तुतलाती हूँ,
मिलकर उसके साथ स्वयं,
मैं भी बच्ची बन जाती हूँ।
ମେଁ ଭୀ ଉସ୍କେ ସାଥ୍ ଖେଲ୍ବତୀ, ଖାତୀ ହୂ, ତୁତ୍‌ତୀ ହୂ,
ମିଲ୍‌କର୍ ଉସ୍କେ ସାଥ୍ ସ୍ଵୟଂ,
ମେଁ ଭୀ ବଢୀ ବନ୍ ଜାତୀ ହୁଁ ।
ଅନୁବାଦ:
କବି ଶିଶୁକନ୍ୟାଟି ସହିତ ଖେଳୁଛନ୍ତି, ଖାଉଛନ୍ତି, ଦରୋଟି କଣ୍ଠରେ କଥା ହେଉଛନ୍ତି । ତାହା ସହିତ ମିଶି କବି ମଧ୍ୟ ନିଜେ ଶିଶୁ ହୋଇ ଯାଇଛନ୍ତି । ତାଙ୍କୁ ଚ୍ଛାଡିଯାଇଥ୍ ବା ପାଲ୍ୟାଣସ୍ଥା ପୁନର୍ବାର ଫେରି ଆସିଚ୍ଛା

शबनार: (ଶରାର୍ଥି)

याद – स्मरण (ସ୍ମରଣ/ସ୍ମୃତି/ମନେରଖ୍)।

मस्त – प्रसन्न, आनंदित (ଖୁସି ଆନନ୍ଦିତ) ।

निर्भय – बिना डर के (ଭୟଶୂନ୍ୟ) ।

चिन्ता रहित – चिन्ता शून्य (ଚିନ୍ତାମୁକ୍ତ)।

स्वच्छंद – आजाद, स्वाधीन, (स्वतंत्र) (ସ୍ଵାଧୀନ) ।

अतुलित – अतुलनीय, बेजोड़ ( ଅତୁଳନୀୟ ) ।

मचल जाना – आग्रह, हठ करना(ଆଗ୍ରହ)।

आँसू – अश्रु ଅଶୁ/ଲୋତକ/ଲୁହ) ।

गीला – भीगा हुआ (ଓଦା)।

व्याकुल – बेचैन (ଅସ୍ଥିର ) ।

प्राकृत विश्रांति – स्वाभाविक सुख चैन (ସ୍ଵାଭାବିକ ସୁଖ ଶାନ୍ତି) ।

निष्पाप – पापरहित, निष्कलंक (ପାପମୁକ୍ତ/କଳଙ୍କମୁକ୍ତ) ।

संताप – गहरी पीड़ा, दुःख (ଦୁଃଖ ) ।

नंदनवन – देवताओं का वन (ଦେବତାମାନଙ୍କ ଉପବନ) ।

कुटिया – कुटीर, झोपड़ी (ଘର, କୁଡ଼ିଆ) ।

मिट्टी – धूलि, भस्म (ଧୂଳି) ।

प्रफुल्लित – बहुत खुश, प्रसन्न (ବହୁତ ଖୁସି/ପ୍ରସନ୍ନ)

मंजुल – सुन्दर, मन को लुभानेवाली (ସୁନ୍ଦର|ମନକୁ ଆକର୍ଷିତ କରିବା) ।

नव जीवन – नया जीवन (ନୂଆ ଜୀବନ) ।

तुतलाना – तुतलाकर बोलना (ଖନେନ ଖନେଇ କହିବା/ଦରୋଟି ଭାଷାରେ କହିବା) ।

स्वंय – खुद (ନିଜେ)।

बरसों – सालों ( ବର୍ଷ ବର୍ଷ) ।

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 5 मेरा नया बचपन

कवि परिचय

सुभद्रा कुमारी चौहान का जन्म सन् 1903 ई. में नागपंचमी के दिन प्रयाग निहलपुर मुहल में हुआ। उनके पिता थे ठाकुर रामनाथ सिंह। उनकी देखरेख में सुभद्राकुमारी की प्रारंभिक शिक्षा प्रयाग में हुई। सन् 1919 ई. में खंडवा निवासी ठाकुर लक्ष्मण सिंह चौहान से उनका विवाह हुआ था। राष्ट्रीय आन्दोलन में उद्बोधित होकर सुभद्राकुमारी अपने पति के साथ सत्याग्रह में हिस्सा लेने लगीं। इसलिए कई बार उन्हें जेल जाना पड़ा। देश स्वतंत्र होने के बाद वे मध्यप्रदेश विधानसभा की सदस्या चुनी गईं।

साहित्यिक और राजनीतिक क्षेत्रों में उन्हें राष्ट्रकवि माखनलाल चतुर्वेदी से विशेष प्रोत्साहन मिला था। 12 फरवरी 1948 ई. को मोटर दुर्घटना से उनका देहांत हो गया। सुभद्राकुमारी कवयित्री और कहानीकार दोनों ही थीं। अपनी कविता में राष्ट्रप्रेम की ओजस्विता और मानवीय भावनाओं का सहज रूप बड़ी ही सुन्दरता के साथ व्यक्त होता है। ‘झँसी की रानी’ कविता किसी समय हिन्दी पाठकों की जवानों पर गुँजती रहती थी। इनकी रचनाएँ मुकुल, बिखरे, मोती, उन्मादिनी, त्रिधाराएँ, सभा का खेल और सीधे-साधे चित्र’ हैं। इनमें ‘मुकुल’ उनकी 39 कविताओं का संग्रह है। इसी कविता- पुस्तक पर उन्हें पुरस्कार मिला है।

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 3 राहुल जननी

Odisha State Board  BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 3 राहुल जननी Textbook Exercise Questions and Answers.

BSE Odisha Class 9 Hindi Solutions Poem 3 राहुल जननी

प्रश्न और अभ्यास (ପ୍ରଶ୍ନ ଔର୍ ଅଭ୍ୟାସ)

1. इन प्रश्नों के उत्तर दो-तीन वाक्यों में दीजिए :
(ଇନ୍ ପ୍ରକ୍ଷ୍ନୌ କେ ଉତ୍ତର୍ ଦୋ-ତୀନ୍ ବାକେଁ ମେଁ ଦୀଜିଏ) ।
(ଏହି ପ୍ରଶ୍ନଗୁଡ଼ିକର ଉତ୍ତର ଦୁଇ-ତିନୋଟି ବାକ୍ୟରେ ଦିଅ ।)

(क) राहुल को चुप कराने के लिए यशोधरा क्या कहती है?
(ରାହୁଲ୍ କୋ ଚୁପ୍ କରାନେ କେ ଲିଏ ୟଶୋଧରା କ୍ୟା କହତୀ ହି ? (ରାହୁଳକୁ ବୋଧ କରିବାପାଇଁ ଯଶେ।ଧରା କପ୍ କିଶ କହିଛନ୍ତି।)
उत्तर:
राहुल को चुप कराने के लिए यशोधरा यह कहती है कि मेरे भाग्य में रोना तो लिखा है। तेरे सारे कष्ट मिटाऊँगी। हमारे जीवन में जो कुछ आएगा, उसे सहना पड़ेगा। मैं तुझे अपना दूध पिलाकर और सारी स्नेह – ममता देकर पालूँगी।

(ख) अबला (दुर्बला नारी) जीवन की कहानी कैसी है?
(ଅୱଲା ଜୀବନ୍ କୀ କାହାନୀ କୈସୀ ହୈ ? (ଦୁର୍ବଳ ସ୍ତ୍ରୀର ଜୀବନର କାହାଣୀ କିପରି ଅଟେ ?)
उत्तर:
अबला जीवन की कहानी हृदय विदारक है। यशोधरा अपने आपको दासी से भी पराधीन मानती है। पतिदेव के बिना पत्नी का जीवन अधुरा होता है। उसे सास्वत प्रेम से बंचित होना पड़ता है।

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 3 राहुल जननी

2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में दीजिए।
(ନିମ୍ନଲିଖୂ ପ୍ରଶ୍ନ କେ ଉତ୍ତର୍ ଏକ୍ ୟା ଦୋ ବାର୍କେ ମେଁ ଦୀଜିଏ) ।
(ନିମ୍ନଲିଖ ପ୍ରଶ୍ନଗୁଡ଼ିକର ଉତ୍ତର ଗୋଟିଏ ବା ଦୁଇଟି ବାକ୍ୟରେ ଦିଅ ।)

(क) यशोधरा किसे अभागा कहती है?
ୟଶୋଧରା କିସେ ଅଭାଗା କହତୀ ହୈ ? (ଯଶୋଧରା କାହାକୁ ହତଭାଗ୍ୟ କହିଛନ୍ତି ?)
उत्तर:
यशोधरा अपनी पुत्र राहुल को अभागा कहती है।

(ख) ‘मैं तो हूँ रोने को’ यहाँ ‘मैं’ किसकेलिए प्रयुक्त हुआ है?
(ମେଁ ତୋ ହ୍ଁ ରୋଲେ କୋ ୟହାଁ ମେଁ କିସ୍କେ ଲିଏ ପ୍ରଯୁକ୍ତ ହୁଆ ହୈ ?)
(ମୁଁ ତେଣୁ କାନ୍ଦିବାକୁ’ ଏଠାରେ ମୁଁ କାହା ପାଇଁ ବ୍ୟବହୃତ ହୋଇଛି ।)
उत्तर:
यहाँ ‘मैं’ गौतम के पत्नी सहधर्मिणी यशोधरा के लिए प्रयुक्त हुआ है।

(ग) यशोधरा क्या धोने की बात करती है?
(ୟଶୋଧରା କ୍ୟା ଧୋନେ କୀ ବାତ୍ କରତୀ ହୈ ?)
(ୟଶୋଧରା କ୍ୟା ଧୋନେ କୀ ବାତ୍ କରତୀ ହୈ ?)
उत्तर:
यशोधरा अभागे पुत्र राहुल की सारी कष्ट मिटाऊँगी की बात करती है।

(घ) ‘नयन-नीर’ का अर्थ क्या है?
(‘ନୟନ୍-ନୀର୍’ କା ଅର୍ଥ କ୍ୟା ହୈ ? )
(ନୟନ-ନୀରର ଅର୍ଥ କ’ଣ ?)
उत्तर:
‘नयन-नीर’ का अर्थ दुःख की आँसू परन्तु यहाँ अर्थ है कि मातृस्नेह ममता देकर यशोधरा अपने पुत्र को पालूँगी।

(ङ) ‘दानी-प्रभु’ किसके लिए कहा गया है?
(‘ଦାନୀ-ପ୍ରଭୁ’ କିସ୍ କେ ଲିଏ କାହା ଗୟା ହୈ ?)
(ଦାନୀ ପ୍ରଭୁ’ କାହାପାଇଁ କୁହାଯାଇଛି ?)‘
उत्तर:
दानी प्रभु गौतम के लिए कहा गया है।

(च) यशोधरा को कौन छोड़कर चले जाते हैं?
(ଯଶୋଧାରା କୋ କୌନ୍ ଛେ।ଡ଼ି ଚଳେ କାତେ ହିଁ। ଯଶୋଧାରା କୁ କିଏ ଛ।ଡ଼ି ଚାଲି ଯଇଚ୍ଛନ୍ତି)
उत्तर:
यशोधरा को अपने पतिदेव गौतम बुद्ध छोड़कर चले जाते हैं।

(छ) ‘नयन – नीर’ ही उनको दूँगी” – यहाँ यशोधरा नयन-नीर किसे देने की बात करती है?’
(ଦୂଗୀ-ୟହାଁ ୟଶୋଧରା ନୟନ-ନୀର କିସେ ଦେନେ କୀ ବାତ କରତୀ ହୈ ?) (ଆଖୁର ନୀର’ ହୀ ଉନ୍‌ ଲୁହ ହିଁ ତାଙ୍କୁ ଦେବି ଏଠାରେ ଯଶୋଧରା ଆଖର ଲୁହ କାହାକୁ ଦେବାର କଥା କୁହନ୍ତି ?)
उत्तर:
‘नयन नीर’ ही उनको दूँगी’ यहाँ यशोधरा अपनी पुत्र राहुल को देने को बात करती है। उसका अर्थ है कि मातृस्नेह ममता देकर पालुँगी और स्नेह से कभी पक्षपातिनी न करूँगी।

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3. खाली स्थान भरिए।
(ଶୂଳ୍ୟୟନ ସ୍ପରଶ କରା)

(क) …………….., हाय ! तुम्हारी यही कहानी।
उत्तर:
अबला-जीवन

(ख) सोकर हम ………………. ही जागे।
उत्तर:
खोकर

(ग) ……………… भी वह आज कहाँ, कल थी जो
उत्तर:
चेरी, रानी

(घ) मेरा ……………… वह, दूध पिये, परिपुष्ट हो।
उत्तर:
शिशु-संसार

भाषा-ज्ञान (ଭାଷା-ଜ୍ଞାନ)

1. विपरीत शब्द लिखिए: (ବିପରୀତ ଶବ୍ଦ ଲେଖ : )
रोता, सोता, खोकर, अभागा, अबला, रुष्ट
उत्तर:
रोता – हँसता
अभागा – भाग्यवान
सोता – जागता
अबला – सबला
खोकर – पाकर
रुष्ट – तुष्ट

2. ‘दानी प्रभु’ में ‘प्रभु’ संज्ञा है और ‘दानी’ विशेषण। इस प्रकार निम्न वाक्यों में से संज्ञा और विशेषण छाँटिए:
(क) काली गाय का दूध मीठा होता है।
उत्तर:
संज्ञा – गाय, विशेषण – काली

(ख) बड़े बाजार में भीड़ लगी रहती है।
उत्तर:
संज्ञा – बाजार, विशेषण – बड़े

(ग) पिताजी ने मुझे दो उपहार दिये।
उत्तर:
संज्ञा – उपहार, विशेषण – दो

(घ) ऊँचे पेड़ पर दो बंदर बैठे हैं।
उत्तर:
संज्ञा – पेड़, विशेषण – ऊँचे

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3. प्रस्तुत पाठ में से तुकान्त शब्दों को छाँटकर लिखिए:
जैसे : अभागे – आगे।
उत्तर:
रोता – सोता
जागे – अभागे
रोने को धोने को
लूँगी – दूँगी
त्यागे – अभागे
रानी – मानी
कहानी – पानी

4. इन शब्दों से वाक्य बनाइए :
भाग्य, नयन, पानी, प्रभु, संसार
उत्तर:
भाग्य – भाग्य में जो लिखा है, उसको भोगना पड़ेगा।
नयन – शरीर में नयन एक अमूल्य रत्न है।
पानी- बिशुद्ध पानी पीना चाहिए।
प्रभु – हे प्रभु! मेरी रक्षा करो।
संसार – संसार में कोई कार्य असम्भव नहीं है।

गृह कार्य :

1. आप की माँ रोते बच्चे को कैसे चुप कराती हैं? लिखिए।
उत्तर:
बच्चो घर की अनुभूति देखकर लिखिए।

2. गुप्त जी की दूसरी कविताओं को पढ़िए।
उत्तर:
बच्चो इस कविताओं को पढ़िए और याद रखना चाहिए।
जयभारत, भारत-भारती, यशोधरा, पंचवटी, साकेत आदि।

अति संक्षिप्त उत्तरमूलक प्रश्नोत्तर

A. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में दीजिए।

प्रश्न 1.
‘राहुल – जननी’ कविता के कवि का नाम क्या है?
उत्तर:
‘राहुल- जननी’ कविता के कवि का नाम मैथिली शरण गुप्त है।

प्रश्न 2.
कवि गुप्तजी को पैतृक देन के रूप में क्या मिला था?
उत्तर:
राम – भक्ति कवि गुप्तजी को पैतृक देन के रूप में मिला था।

प्रश्न 3.
गुप्तजी कौन से युग के कवि माने जाते हैं?
उत्तर:
गुप्तजी द्विवेदी युग के कवि माने जाते हैं।

प्रश्न 4.
कवि मैथिली शरण गुप्त की रचनाओं में क्या देखने को मिलती है?
उत्तर:
कवि मौथिली शरण गुप्त की रचनाओं में राष्ट्रीय भावनाओं की अभिव्यक्ति देखने को मिलती है।

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 3 राहुल जननी

प्रश्न 5.
गुप्तजी ने अपनी रचनाओं के जरिए क्या संदेश दिया?
उत्तर:
गुप्तजी ने अपनी रचनाओं के जरिए जनता को अंहिसा, सत्याग्रह, राष्ट्रप्रेम तथा मानवतावाद का संदेश दिया।

प्रश्न 6.
‘राहुल – जननी’ कविता में कवि ने यशोधरा के कौन-कौन से रूप का उद्घाटन किया है?
उत्तर:
‘राहुल- जननी’ कविता में कवि ने यशोधरा के माता और पत्नी रूप का उद्घाटन किया है।

प्रश्न 7.
यशोधरा किसे अभागा कहती है?
उत्तर:
यशोधरा अपने पुत्र राहुल को अभागा कहती है।

प्रश्न 8.
यशोधरा को कौन छोड़कर चले जाते हैं?
उत्तर:
यशोधरा को उनके पति छोड़ कर चले जाते हैं।

प्रश्न 9.
‘नयन – नीर ही उनको दूंगी’ – यह उक्ति किसने किसके लिए कहा है?
उत्तर:
‘नयन-नीर ही उनको दूँगी यह उक्ति यशोधरा ने अपने पति के लिए कहा है।

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 3 राहुल जननी

प्रश्न 10.
‘राहुल जननी’ कविता कवि के किस खण्ड-काव्य से लिया गया है?
उत्तर:
‘राहुल जननी’ कविता कवि के ‘यशोधरा’ खण्ड-काव्य से लिया गया है।

प्रश्न 11.
राहुल सुबह जागने के बाद क्या करता है?
उत्तर:
राहुल सुबह जागने के बाद अपने पिता को न देख तथा माता के दुःख देखकर रोने लगता है।

प्रश्न 12.
कौन अपने आपको दासी से भी पराधीन मानती है?
उत्तर:
यशोधरा अपने आपको दासी से भी पराधीन मानती है।

प्रश्न 13.
यशोधरा क्या धोने की बात करती है?
उत्तर:
यशोधरा अपने पुत्र राहुल का मल धोने की बात करती है।

प्रश्न 14.
नारी जीवन की वास्तविकता क्या है?
उत्तर:
आँख में आँसू भरकर भी दूसरों के लिए कर्त्तव्य का संपादन करते रहना नारी जीवन की वास्तविकता है।

प्रश्न 15.
अबला जीवन की क्या कहानी है?
उत्तर:
‘आँचल में दूध और आँखों में पानी’ यही अबला जीवन की कहानी है।

B. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक शब्द में दीजिए।

प्रश्न 1.
‘दानी – प्रभु’ किसके लिए कहा गया है?
उत्तर:
गोतम

प्रश्न 2.
यह कविता ‘राहुल – जननी’ किसने लिखी है?
उत्तर:
मैथिलीशरण गुप्त

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 3 राहुल जननी

प्रश्न 3.
यशोधरा क्या धोने की बात कहती है?
उत्तर:
सारे मल

प्रश्न 4.
यशोधरा को कौन छोड़कर चला गया है?
उत्तर:
गौतम

प्रश्न 5.
किसकी दुःख भरी कहानी यहाँ वर्णित है?
उत्तर:
अबला

प्रश्न 6.
यशोधरा किसे खोने की बात कहती हैं?
उत्तर:
गौतम

प्रश्न 7.
यशोधरा का क्या लौट आएगा?
उत्तर:
भाग्य

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 3 राहुल जननी

प्रश्न 8.
गौतम किसे छोड़कर चले जाते हैं?
उत्तर:
पत्नी-पुत्र

प्रश्न 9.
कौन सुबह जागने के बाद सोने लगता है?
उत्तर:
राहुल

प्रश्न 10.
‘नयन – नीर’ का अर्थ क्या है?
उत्तर:
आँसू (दु:ख)

प्रश्न 11.
नेपाल राजकुमार कौन है?
उत्तर:
गौतम

प्रश्न 12.
यशोधरा किसे अभागा कहती है?
उत्तर:
राहुल

C. रिक्तस्थानों को भरिए।

प्रश्न 1.
मेरा ……………. वह, दूध पिये, परिपुष्ट हो।
उत्तर:
शिशु-संसार

प्रश्न 2.
राहुल सुबह जागने के वाद ………………… करता है।
उत्तर:
रोने लगता

प्रश्न 3.
सोकर हम ……………….. ही जागे।
उत्तर:
खोकर

प्रश्न 4.
नारी जीवन की वास्तविकता है ………………..
उत्तर:
दूसरों के लिए कर्त्तव्य का संपादन करना

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प्रश्न 5.
‘मैं तो हूँ रोने को।’ यहाँ ‘मैं’ ……………… के लिए प्रयुक्त हुआ है।
उत्तर:
यशोधरा के लिए

प्रश्न 6.

‘”नयन-नीर ही उनकी दूँगी’ – यहाँ नयन-नीर ………………… देने की बात कि गयि है।
उत्तर:
गौतम को

प्रश्न 7.
जो आज अपने आप को नौकरानी मानती है वह पहले ……………….. थी।
उत्तर:
रानी

प्रश्न 8.
यशोधरा राहुल की …………….. लगती है।
उत्तर:
माता

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प्रश्न 9.
यशोधरा के अनुसार राहुल ………………..।
उत्तर:
अभागा

प्रश्न 10.
‘नयन-नीर ही उनकी दूँगी’ – यहाँ ‘नयन-नीर’ का अर्थ ………………… है।
उत्तर:
आँसू

प्रश्न 11.
पहले …………….. रानी थी जो अब दासी बन गई।
उत्तर:
यशोधरा

प्रश्न 12.
यशोधरा ने दानी प्रभु ……………… से संबोधित किया है।
उत्तर:
गौतम

प्रश्न 13.
“राहुल-जननी”‘ कविता के कवि ………………….. है।
उत्तर:
मैथिलीशरण गुप्त

प्रश्न 14.
‘राहुल-जननी’ कविता में यशोधरा के ……………………. से रूप को वर्णन किया गया है।
उत्तर:
माता और पत्नी

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 3 राहुल जननी

प्रश्न 15.
यशोधरा ………………… से अभागा कहती है।
उत्तर:
राहुल

प्रश्न 16.
गुप्तजी ………………….. से युग के कवि है।
उत्तर:
द्विवेदी-युग

प्रश्न 17.
‘राहुल जननी’ कविता …………………… खण्ड-काव्य का अंश है।
उत्तर:
यशोधरा

प्रश्न 18.
‘आँचल में दूध और आँखो में पानी’-यह …………………. की जीवन की कहानी है।
उत्तर:
दुर्वला नारी

D. सही उत्तर चुनिए।

1. ‘नयन-नीर’ ही उनको दूँगी – यहाँ यशोधरा नयननीर किसे देने की बात करती है?
(A) अपने पति गौतम को
(B) अपने पड़ोसी को
(C) राहुल को
(D) राजा को
उत्तर:
(A) अपने पति गौतम को

2. ‘नयन-नीर’ का अर्थ क्या है ?
(A) खुशी के आसू
(B) दु:ख के आँसू
(C) गम के आँसू
(D) आंखों का पानी
उत्तर:
(B) दु:ख के आँसू

3. ‘दानी प्रभु’ किसके लिए प्रयोग किया गया है?
(A) गौतम
(B) राहुल
(C) बेटी
(D) राम
उत्तर:
(A) गौतम

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4. यशोधरा को कौन छोड़कर चले जाते हैं?
(A) अपने बेटा
(B) अपनी बेटी
(C) अपने पति गौतम बुद्ध
(D) इनमें से कोई भी नहीं
उत्तर:
(C) अपने पति गौतम बुद्ध

5. मै तो हूँ रोने को-यहाँ में किसके लिए प्रयुक्त हुआ है?
(A) जननी
(B) यशोधरा
(C) माता
(D) राहुल
उत्तर:
(B) यशोधरा

6. यशेधरा किसे अभागा कहती है?
(A) अपनी बेटी को
(B) अपने पुत्र राहुल को
(C) अपने पड़ोसी को
(D) अपने दोस्त को
उत्तर:
(B) अपने पुत्र राहुल को

7. मैथिली शरण गुप्त किस युग के प्रतिनिधि कवि माने जाते हैं?
(A) रीति युग के
(B) द्विवेदी-युग के
(C) बैदिक युग के
(D) पुराने युग के
उत्तर:
(B) द्विवेदी-युग के

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8. मैथिली शरण गुप्त ने कौन-सी उम्र में काव्य-रचना शुरु की थी?
(A) 9 वर्ष में
(B) बचपन में
(C) 10 वर्ष में
(D) 8 वर्ष में
उत्तर:
(B) बचपन में

9. मैथिली शरण गुप्त जी को किस सम्मान से सम्मानित किया गया?
(A) राष्ट्रकवि
(B) गीतगोविन्द
(C) सारलादास
(D) राष्ट्रपिता
उत्तर:
(A) राष्ट्रकवि

10. आगरा विश्वविद्यालय तथा काशी हिन्दु विश्वविद्यालय में उन्हें कौन-सी उपाधि दी?
(A) डँक्टर
(B) डी. लिट
(C) अध्यापक
(D) इनमें से कोई भी नहीं
उत्तर:
(B) डी. लिट

11. वे भारत के राष्ट्रपति के द्वारा मनोनीत होकर कहाँ रहे?
(A) लोकसभा सासद
(B) राज्यसभा सांसद
(C) विधानसभा सांसद
(D) भारत के सांसद
उत्तर:
(B) राज्यसभा सांसद

12. उनका निधन कब हुआ था?
(A) 1964 ई
(B) 1965 ई
(C) 1966 ई
(D) 1967 ई
उत्तर:
(A) 1964 ई

दोहे (ତେ।ହେ)

चुप रह, चुप रह, हाय, अभागे!
रोता है अब, किसके आगे?
तुझे देख पाता वे रोता,
मुझे छोड़ जाते क्यों सोता?
अब क्या होगा?
तव कुछ होता,
सोकर हम खोकर ही जागे!
चुप रह, चुप रह, हाय अभागे!
ଚୁପ୍ ରହ, ଚୁପ୍ ରହ, ହାୟ, ଅଭାଗେ !
ରୋତା ହୈ ଅବ୍, କିସ୍‌ ଆଗେ ?
ତୁଝେ ଦେଖ୍ ପାତା ୱେ ରୋତା,
ମୁଝେ ଛୋଡ଼୍ ଜାତେ କୈ ସୋତା ?
ଅବ୍ କ୍ୟା ହୋଗା ? ତବ୍ କୁଛ୍ ହୋତା,
ସୋକର୍ ହମ୍ ଖୋକର୍ ହୀ ଜାଗେ !
ଚୁପ୍ ରହ, ଚୁପ୍ ରହ, ହାୟ ଅଭାଗେ !
ଅନୁବାଦ:
ଯଶୋଧରା ରାହୁଳକୁ ଚୁପ୍ ରହିବାକୁ କହୁଛନ୍ତି, ହେ ଅଭାଗା, ବର୍ତ୍ତମାନ କାହା ଆଗରେ କାନ୍ଦୁଛୁ । ତୋ ପିତା ଘର ଛାଡ଼ିଯିବା ସମୟରେ ଶୟନରେ ଥିଲୁ । ସେ ମୋତେ ଛାଡ଼ି ସଂସାର ତ୍ୟାଗ କାହିଁକି କରିଛନ୍ତି ? ବର୍ତ୍ତମାନ କ’ଣ ହେବ ? ହେ ହତଭାଗା, ସେତେବେଳେ ଆମ୍ଭେ.ଶୋଇଥିବାରୁ ସବୁ ହରାଇଛୁ ।

बेटा, मैं तो हूँ रोने को;
तेरे सारे मल धोने को;
हँस तु, है सब कुछ होने को,
भाग्य आयेड़े फिर भी भागे,
चुप रह, चुप रह, हाय अभागे !
तुझको क्षीर पिलाकर लूँगी,
नयन-नीर ही उनको दूँगी,
पर क्या पक्षपातिनी हूँगी?
मैंने अपने सब रस त्यागे।
चुप रह, चुप रह, हाय अभागे।
ବେଟା, ମେଁ ତୋ ହୂ ରୋନେ କୋ;
ତେରେ ସାରେ ମଲ୍ ଧୋନେ କୋ;
ହଁସ୍ ତୁ, ହୈ ସବ୍ କୁଛ୍ ହୋନେ କୋ,
ଭାଗ୍ୟ ଆୟେଙ୍ଗେ ଫିର୍ ଭୀ ଭାଗେ,
ଚୁପ୍ ରହ, ଚୁପ୍ ରହ, ହାୟ ଅଭାଗେ !
ତୁଝେ କ୍ଷୀର ପିଲାକର୍ ଗୀ, ନୟନ୍ “
ନୀର ହୀ ଉନକୋ ଦୂଗୀ, ପର୍ କ୍ୟା ପକ୍ଷପାତିନୀ ହୂଗୀ ?
ମୈନେ ଅପନେ ସବ୍ ରସ୍ ତ୍ୟାଗେ ।
ଚୁପ୍ ରହ, ଚୁପ୍ ରହ, ହାୟ୍ ଅଭାଗେ ।
ଅନୁବାଦ:
ଯଶୋଧରା ପୁତ୍ର ରାହୁଳକୁ କହୁଛନ୍ତି, ମୋ ଭାଗ୍ୟରେ କାନ୍ଦିବା ଲେଖାଅଛି । ମୁଁ କାନ୍ଦିବି, ତୋର ସମସ୍ତ କଷ୍ଟକୁ ଲାଘବ କରିବି । ଭାଗ୍ୟ ଆସିବ ପୁଣି ମଧ୍ଯ ଫେରିଯିବ । ହେ ନିଧନ ସଙ୍ଖାଳି ମୁଁ ତତେ ସମସ୍ତ ସ୍ନେହ ମମତା ଦେଇ ପାଳିବି । ସ୍ନେହ ମମତାରେ କେବେହେଲେ ପକ୍ଷପାତୀ ହେବ ନାହିଁ । ଯଶୋଧରା କହୁଛନ୍ତି, ସମସ୍ତ ସୁଖ ତ୍ୟାଗ କରି ପତିବ୍ରତା ନାରୀର କର୍ତ୍ତବ୍ୟ ପାଳନ କରିବି ।

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चेरी भी वह आज कहाँ, कल भी जो रानी,
दानी प्रभु ने दिया उसे क्यों मन यह मानी?
अबला-जीवन, हाय ! तुम्हारी यही कहानी
आअल में है दूध और आखों में पानी!
ଚେରୀ ଭୀ ୱହ ଆଜ୍ କର୍ହା, କଲ୍ ଭୀ ଜୋ ରାନୀ,
ଦାନୀ ପ୍ରଭୁ ନେ ଦିୟା ଉସେ ଜ୍ୟୋ ମନ୍ ୟହ ମାନୀ ?
ଅବଲା-ଜୀବନ, ହାୟ ! ତୁମ୍‌ହାରୀ ୟହୀ କହାନୀ
ଆଞ୍ଚଲ୍ ମେଁ ହୈ ଦୁଧ ଔର୍ ଆଖେଁ ମେଁ ପାନୀ !
ଅନୁବାଦ:
ଯିଏ କାଲି ରାଜମହଲର ରାଣୀ ଥିଲା, ସେ ଆଜି ଦାସୀଠାରୁ ପରାଧୀନ ହୋଇଛି । ନାରୀ ଜୀବନର ବାସ୍ତବିକତା ହେଉଛି ନିଜେ ଦୁଃଖ କଷ୍ଟ ସହି ଅନ୍ୟ ପାଇଁ କର୍ତ୍ତବ୍ୟ ସମ୍ପାଦନ କରିବା।

मेरा शिशु-संसार वह
दूध पिये, परिपुष्ट हो।
पानी के ही पात्र तुम प्रभो,
रुष्ट या तुष्ट हो।
ମେରା ଶିଶୁ-ସଂସାର ୱହ୍
ଦୂଧ ପିୟେ, ପରିପୁଷ୍ଟ ହୋ।
ପାନୀ କେ ହୀ ପାତ୍ର ତୁମ୍
ପ୍ରଭୋ ରୁଷ୍ଟ ୟା ତୁଷ୍ଟ ହୋ।
ଅନୁବାଦ:
ଯଶୋଧରା କହୁଛନ୍ତି, ହେ ଶିଶୁ ସଂସାର ରାହୁଳ, କ୍ଷୀର ପାନ କରି ସୁସ୍ଥସବଳ ହୁଅ । ହେ ପ୍ରଭୁ (ପତିଦେବ) ତୁମେ ଅଶ୍ରୁର ପାତ୍ର, ତୁମେ ସନ୍ତୁଷ୍ଟ ହୁଅ ବା ଅସନ୍ତୁଷ୍ଟ ହୁଅ ।

शबनार: (ଶରାର୍ଥି)

अभागे – भाग्यहीन (ଭ।ଗମହାନ / ହତଭାଗା)।

मल धोने – दुध (ଦୁଃଖ ଲ।ଘବ କରିବା ପାଇଁ)।

क्षीर – आँसू (ଦୁଟ୍ଧ)।

नयन – नीर (ଅଶ୍ଵା / ଲୋତକ )।

पक्षपातिनी – किसी एक का समर्थन करनेवाली (କୌଶସି ଜଣକୁ ସମର୍ଥିନ କରୁଥ୍ବା ବୀ।କ୍ତି)।

रस-सुख – आराम (ଆରାମ)।

चेरी – नौकरानी, दासी (ଚାକରାଣୀ ଦ।ସ।)।

अबला – कमजोर या दुर्बल स्री (ଦୁର୍ବଳି ସ୍ତ୍ରୀ)।

परिपुष्ट – हृष्टपुष्ट(ସ୍ମସ୍ଥିସବଳ)।

रुष्ट – नाराज (ରାଜିନ ହେବା)।

तुष्ट – खुश, सन्तुष्ट (ଖୁସି/ସ ନ୍ତୁଷ୍ଟ)।

कवि परिचय (କବି ପରିଚୟ)।

मैथिली शरण गुप्त का जन्म सन् 1886 ई. में झाँसी के चिरगाँव में हुआ था। उनके पिता सेठ रामचरणजी वैष्णव भक्त एवं अच्छे कवि थे। इसलिए राम – भक्ति गुप्तजी को पैतृक देन के रूप में मिली। बचपन से ही वे काव्य-रचना करने लगे। वे द्विवेदी युग के प्रतिनिधि कवि माने जाते हैं। वे गांधीवादी और भक्त कवि हैं। उनकी रचनाओं में राष्ट्रीय भावनाओं की अभिव्यक्ति मिलती है। अपनी रचनाओं के जरिये उन्होंने जनता को अहिंसा, सत्याग्रह, राष्ट्र-प्रेम तथा मानवतावाद का संदेश दिया।

इसलिए उन्हें ‘राष्ट्रकवि’ सम्मान से सम्मानित किया गया। आगरा विश्वविद्यालय तथा काशी हिन्दू विश्वविद्यालय ने उन्हें डी. लिट. की मानद उपाधि प्रदान की। वे भारत के राष्ट्रपति के द्वारा मनोनीत राज्यसभा सांसद भी रहे। उनका निधन सन् 1964 ई. में हुआ। उनकी प्रमुख काव्य-रचनाएँ ये है : जयद्रथ वध, भारत-भारती, पंचवटी, साकेत, यशोधरा, द्वापर, जयभारत, विष्णुप्रिया आदि।

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 4 फिर महान बन

Odisha State Board  BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 4 फिर महान बन Textbook Exercise Questions and Answers.

BSE Odisha Class 9 Hindi Solutions Poem 4 फिर महान बन

प्रश्न और अभ्यास (ପ୍ରଶ୍ନ ଔର୍ ଅଭ୍ୟାସ)

1. निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर एक या दो बाक्यों में दीजिए :
(ନିମ୍ନଲିଖତ ପ୍ରଶ୍ନ କା ଉତ୍ତର୍ ଏକ୍ ୟା ଦୋ ବାର୍କୋ ର୍ମେ ଦିଜିଏ )।
(ନିମ୍ନଲିଖୂ ପ୍ରଶ୍ନଗୁଡ଼ିକର ଉତ୍ତର ଗୋଟିଏ ବା ଦୁଇଟି ବାକ୍ୟରେ ଦିଅ )

(क) कवि ने मनुष्य से क्या बनने को कहा?
ମନୁଷ୍ୟ କୋ କିସ୍ ପ୍ରକାର କା ମନ ମିଲା ହୈ ? ଉସେ ୱହ କ୍ୟା କର ସକତା ହୈ ? (ମନୁଷ୍ୟକୁ କେଉଁ ପ୍ରକାରର ମନ ମିଳଛି ? ସେଥ‌ିରେ ସେ କ’ଣ କରିପାରିବ ?)
उत्तर:
कवि ने मनुष्य से महान / श्रेष्ठ बनने को कहा।

(ख) मनुष्य को किस प्रकार मन मिला है?
(ମହାନ୍ ମନୁଷ୍ କି ସ୍ସେ କହତେ ହେଁ? କେଉଁ ପ୍ରକାର ମନ ମିଳିଛି ?)
उत्तर:
मनुष्य को अपार प्रेम से भरा मन मिला है।

(ग) मनुष्य को महान बनने के लिए क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए?
(ମନୁଷ୍ୟ କୋ ମହାନ୍ ବନେ କେ ଲିଏ କ୍ୟା କନା କନା ଚାହିଏ ଔର୍ କ୍ୟା ନେହୀ କର୍‌ନା ଚାହିଏ ? ମନୁଷ୍ୟ କୋ ମହାନ୍ ବନେ କେ ଲିଏ କ୍ୟା)
(ମାନବକୁ ଶ୍ରେଷ୍ଠ ହେବା ପାଇଁ କ’ଣ କରିବା ଉଚିତ୍ ଓ କ’ଣ ନକରିବା ଉଚିତ ?)
उत्तर:
विश्व आज तृषित है।

(घ) कवि मनुष्य से क्या न बनने को कहा है?
(ମନୁଷ୍ୟ କୋ ମହାନ୍ ବନ୍‌ନେ କେ ଲିଏ କବି ନେ କ୍ୟା ପ୍ରେରଣା ଦୀ ହୈ ?)
(ମନୁଷ୍ୟକୁ ଶ୍ରେଷ୍ଠ ହେବାପାଇଁ କବି କ’ଣ ପ୍ରେରଣା ଦେଇଛନ୍ତି ?)
उत्तर:
कवि मनुष्य से कृपण / कंजूस / लोभी न बनने को कहा है?

(ङ) जो शत्रु को क्षमा प्रदान नहीं करता, उसकी जीत किसके समान है?
କିସୀ କୀ ଜୀତ ହାର କେ ସମାନ ଜ୍ୟୋ ହୋନୀ ଚାହିଏ ? (କାହାର ବିଜୟ ପରାଜୟ ସହ ସମାନ ହେବା ଉଚିତ୍)
उत्तर:
उत्तर:
जो मनुष्य शत्रु को क्षमा प्रदान नहीं करते उसकी जीत पराजय के समान है। वे अपने हृदय में विजय का स्वाद जानता है मगर पराजय की पीड़ा जानता नहीं है।

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 4 फिर महान बन

2. निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर एक या दो बाक्यों में दीजिए:
(ନିମ୍ନଲିଖତ ପ୍ରଶ୍ନୋ କା ଉତ୍ତର୍ ଏକ୍ ୟା ଦୋ ବାର୍କୋ ର୍ମେ ଦିଜିଏ)।
(ନିମ୍ନଲିଖ ପ୍ରଶ୍ନଗୁଡ଼ିକର ଉତ୍ତର ଗୋଟିଏ ବା ଦୁଇଟି ବାକ୍ୟରେ ଦିଅ )

(क) कवि ने मनुष्य से क्या बनने को कहा?
(ନିମ୍ନଲିଖତ ପ୍ରଶ୍ନୋ କା ଉତ୍ତର୍ ଏକ୍ ୟା ଦୋ ବାର୍କୋ ର୍ମେ ଦିଜିଏ) ।
(ନିମ୍ନଲିଖ ପ୍ରଶ୍ନଗୁଡ଼ିକର ଉତ୍ତର ଗୋଟିଏ ବା ଦୁଇଟି ବାକ୍ୟରେ ଦିଅ )
उत्तर:
विजय का सुमन शूल बनता है।

(ख) मनुष्य को किस प्रकार मन मिला है?
(ମନୁଷ୍ୟ କୋ କିସ୍ ପ୍ରକାର ମନ୍ ମିଲା ହୈ ?)
(ମନୁଷ୍ୟକୁ କେଉଁ ପ୍ରକାର ମନ ମିଳିଛି ?)
उत्तर:
पाप से घृणा महान है।

(ज) किस पर सदैव गर्व न करना चाहिए?
(କିସ୍‌ର୍ ସଦୈବ୍ ଗର୍ବ ନ କର୍‌ନା ଚାହିଏ ?)
(କାହାଉପରେ ସର୍ବଦା ଅହଙ୍କାର ନ କରିବା ଉଚିତ୍ ?)
उत्तर:
दर्पशक्ति पर सदैव गर्व न करना चाहिए।

(झ) ‘फिर महान बन’ कविता के कवि का नाम क्या है?
(‘ଫିର୍ ମହାନ ବନ୍’ କବିତା କେ କବି କା ନାମ୍ କ୍ୟା ହୈ ?)
(ଫିର୍ ମହାନ୍ ବନ୍’ କବିତାର କବିଙ୍କର ନାମ କ’ଣ ?)
उत्तर:
‘फिर महान बन’ कविता के कवि नरेन्द्र शर्मा है।

(अ) ‘फिर महान बन’ कविता का मूल भाब क्या है?
(‘ଫିର୍ ମହାନ୍ ବନ୍’ କବିତା କା ମୂଲ୍ ଭାୱ କ୍ୟା ହୈ ?)
(‘ଫିର୍ ମହାନ ବନ୍’ କବିତାର ମୂଳ ଭାବ କ’ଣ ?)
उत्तर:
‘फिर महान बन’ कविता का मूल भाव यह है कि अपने कर्त्तब्य पर सचेतन होना चाहिए।

3. पाठ के आधार पर निम्नलिखित रिक्त स्थानो को भरिये
फिर महान ……………. ।
शत्रु को न ………………… सके ………………. प्रदान जो,
जीत क्यों उसे न ………………. के समान हो?
दुष्ट ………….. मानते न दुष्ट ……………… से,
……………… घृणा महान ………………….. न …………….. से।
………….. पर संदैव गर्व करना न, ………………।
उत्तर:
फिर महान बन
शत्रु को न कर सके क्षमा प्रदान जो,
जीत क्यों उसे न हार के समान हो?
दुष्ट हार मानते न दुष्ट नेम से,
पाप से घृणा महान है न प्रेम से।
दर्प-शक्ति पर सदैव गर्व करना न, मन।

1. उदाहरण के अनसार निम्नलिखित शब्दो के समानार्थक शब्द लिखिए:
(ଉଦାହରଣ ଅନୁସାରେ ନିମ୍ନଲିଖ୍ ଶବ୍ଦଗୁଡ଼ିକର ପ୍ରତିଶବ୍ଦ ବା ସମାନାର୍ଥକ ଶବ୍ଦ ଲେଖ : )
महान, सुमन, मनुष्य, अपार, प्रेम, प्यास, जीव, वक्ष, नेम, विश्व
उदाहरण:
महान – विशिष्ट, सुमन – पुष्प
उत्तर:
मनुष्य – इनसान, मानव

अपार – असीम

प्रेम – प्यार

प्यास – तृषा

जीव – प्राणी

वक्ष – छाती

नेम – नियम

विश्व – संसार

कृपण – कंजूस

क्षमा – माफी

शत्रु – दुश्मन

हार – पराजय

भूल – तुटि, गलत

दर्प – गर्व

दुष्ट – नटखट

गर्व – घमंड, अहंकार

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2. उदाहरण के अनुसार निम्नलिखित शब्दों के विलोम/विपरीत शब्द लिखिए:
(ଉଦାହରଣ ଅନୁସାରେ ନିମ୍ନଲିଖ୍ ଶବ୍ଦଗୁଡ଼ିକର ବିପରୀତ ଶବ୍ଦ ଲେଖ : )
उदाहरण: प्रेम – घृणा, शत्रु – मित्र
उत्तर:
महान – तुच्छा
कृपण – दानी

मनुष्य – राक्षस

दुष्ट – शांत

क्षमा – दंड़

प्रदान – आदान

जीत – हार

समान – असमान

विजय – पराजय

पाप – पुण्य

3. निम्नलिखित शब्दों के वचन बदलिए:
(ନିମ୍ନଲିଖ୍ ଶବ୍ଦଗୁଡ଼ିକର ବଚନ ବଦଳାଅ : )
उदाहरण: मनुष्य – मनुष्य,
तुझे, जीव, शत्रु, कवि
उत्तर:
तुझे – तुम्हें
शत्रु – शत्रु
जीव – जीव
कवि – कवि

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4. आप भी एक कविता लिखने की कोशिश करें:
उत्तर:
छात्र-छात्रा खुद लिखिए।

अति संक्षिप्त उत्तरमूलक प्रश्नोत्तर

A. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में दीजिए।

प्रश्न 1.
‘फिर महान बन’ कविता के कवि का नाम क्या है?
उत्तर:
‘फिर महान बन’ कविता के कवि का नाम नरेंद्र शर्मा है।

प्रश्न 2.
कवि नरेंद्र शर्मा की कविता में क्या देखने को मिलते हैं?
उत्तर:
कवि नरेंद्र शर्मा की कविता में मानव प्रेम, प्रकृति-सौंदर्य के सरल और सजीव चित्र देखने को मिलते हैं।

प्रश्न 3.
मनुष्य किसकी संतान है?
उत्तर:
मनुष्य अमृत की संतान है।

प्रश्न 4.
मनुष्य श्रेष्ठ प्राणी के रूप में क्यों परिचित है?
उत्तर:
मनुष्य अपनी महानता के कारण श्रेष्ठ प्राणी के रूप में परिचित है।

प्रश्न 5.
मनुष्य आज अपना क्या भूल गया है?
उत्तर:
मनुष्य आज अपना कर्त्तव्य भूल गया है।

प्रश्न 6.
कवि ने इस कविता में क्या सलाह दी हे?
उत्तर:
कवि ने इस कविता में मनुष्य को अपने कर्त्तव्य पर सचेतन होने के लिए सलाह दी है।

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प्रश्न 7.
कवि की चेतावनी क्या है?
उत्तर:
मनुष्य की मनुष्यता का पाठ पढ़ाने के लिए, संसार को स्वर्ग बनाने के लिए यह कवि की चेतावनी है।

प्रश्न 8.
कवि ने ‘मनुष्य ‘को क्या प्रेरणा दी है?
उत्तर:
कवि ने मनुष्य को फिर महान बनने की प्रेरणा दी है।

प्रश्न 9.
मनुष्य को किस प्रकार का मन मिला है?
उत्तर:
मनुष्य को अपार प्रेम से भरा मन मिला है।

प्रश्न 10.
विश्व आज क्या है?
उत्तर:
विश्व आज तृषित है।

प्रश्न 11.
किससे घृणा महान है?
उत्तर:
पाप से घृणा महान है।

प्रश्न 12.
किस पर सदैव गर्व नहीं करना चाहिए?
उत्तर:
दर्प शक्ति पर सदैव गर्व नहीं करना चाहिए।

B. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक शब्द में दीजिए।

प्रश्न 1.
विजय का सुमन क्या बनता है?
उत्तर:

प्रश्न 2.
मनुष्य श्रेष्ठ प्राणी के रूप में क्यों परिचित है?
उत्तर:

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प्रश्न 3.
कवि ने मनुष्य को क्या बनने को कहा है?
उत्तर:

प्रश्न 4.
कवि मनुष्य से क्या न बनने को कहा है?
उत्तर:

प्रश्न 5.
घृणा किससे महान है?
उत्तर:

प्रश्न 6.
सदैव किस पर गर्व न करना चाहिए?
उत्तर:

प्रश्न 7.
आज कौन तृषित है?
उत्तर:

प्रश्न 8.
आज मनुष्य क्या भूल गया है?
उत्तर:

प्रश्न 9.
किसकी जीत हार के समान मानी जाती है?
उत्तर:

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प्रश्न 10.
मानब को किस प्रकार का मन मिला है?
उत्तर:

प्रश्न 11.
‘फिर महान बन’ कविता का मूल भाव क्या है?
उत्तर:

C. रिक्तस्थानों को भरिए।

प्रश्न 1.
……………… अपना कर्त्तव्य भूल गया है।
उत्तर:
मनुष्य

प्रश्न 2.
संसार को ……………. बनाने के लिए शर्मा जी की चेतावनी है।
उत्तर:
स्वर्ग

प्रश्न 3.
विश्व है तृषित, मनुष्य, अब न बन …………….. ।
उत्तर:
कृपण

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प्रश्न 4.
‘फिर महान बन’ कविता …………………. कवि ने लिखी है।
उत्तर:
नरेंद्र शर्मा

प्रश्न 5.
मनुष्य को ……………… प्रकार का मन मिला है।
उत्तर:
अपार प्रेम से भरा

प्रश्न 6.
विश्व आज …………… है।
उत्तर:
प्यासा

प्रश्न 7.
जो शत्रु को क्षमा प्रदान नहीं करता, उसकी जीत के समान है।
उत्तर:
पराजय

प्रश्न 8.
जीत का सुमन बनता है।
उत्तर:
काँटा

प्रश्न 9.
“दर्प शक्ति पर सदैव गर्व कर न, मन” – यह पंक्ति कवि की है।
उत्तर:
नरेंद्र शर्मा

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प्रश्न 10.
पाप से घृणा
उत्तर:
महान

प्रश्न 11.
दर्प-शक्ति पर सदैव करना न मन।
उत्तर:
गर्व

प्रश्न 12.
अपार प्रेम से भरा मन से मिला।
उत्तर:
मनुष्य

प्रश्न 13.
कवि ने मनुष्य को बनने को कहा।
उत्तर:
श्रेष्ठ

प्रश्न 14.
मनुष्य की संतान है।
उत्तर:
अमृत की

D. सही उत्तर चुनिए।

1. ‘फिर महान बन’ कविता के कवि कौन है?
(A) कबिर दास
(B) सूरदास
(C) नरेन्द्र शर्मा
(D) गिरिधर कविराज
उत्तर:
(C) नरेन्द्र शर्मा

2. ‘फिर महान बन’ के कवि का जन्म कब हुआ ?
(A) सन् 1910
(B) सन् 1912
(C) सन् 1911
(D) सन् 1913
उत्तर:
(D) सन् 1913

3. कवि का जन्म कौन से राज्य में हुआ था?
(A) बिहार
(B) उत्तर प्रदेश
(C) मध्यप्रदेश
(D) झारखंड़
उत्तर:
(B) उत्तर प्रदेश

4. कवि ने किसको फिर महान बनने की प्रेरणा दी है?
(A) पशु को
(B) मनुष्य को
(C) पक्षी को
(D) अपने आपको
उत्तर:
(B) मनुष्य को

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 4 फिर महान बन

5. किसके कारण मनुष्य श्रेष्ठ प्राणी कहलाता है?
(A) दया
(B) महानता
(C) घृणा
(D) बुद्धि
उत्तर:
(B) महानता

6. किस पर सदैव गर्व न करना चाहिए?
(A) घमंड़
(B) दर्पशक्ति
(C) घृणा
(D) इनमें से कोई भी नहीं
उत्तर:
(B) दर्पशक्ति

7. संसार को क्या बनाने की कवि की चेष्टा है?
(A) नर्क
(B) धरित्री
(C) स्वर्ग
(D) पवित्र
उत्तर:
(C) स्वर्ग

8. मनुष्य को किस पर सचेतन होना चाहिए?
(A) श्रम
(B) कर्त्तव्य
(C) काम
(D) आलस्य
उत्तर:
(B) कर्त्तव्य

9. मनुष्य किसकी संतान है?
(A) अमृत की
(B) धरणी की
(C) माता की
(D) अंबर की
उत्तर:
(A) अमृत की

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10. किस से घृणा महान है?
(A) हत्या
(B) घृणा
(C) पाप
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(C) पाप

दोहे (ତେ।ହେ)

फिर महान बन, मनुष्य!
फिर महान बन।
मन मिला अपार प्रेम से भरा तुझे,
इसलिए कि प्यास जीब- मात्र कि बुझे,
बिश्व है तृषित, मनुष्य,
अब न बन कृपण।
फिर महान बन !
ଫିର୍ ମହାନ୍ ବନ୍, ମନୁଷ୍ୟ !
ଫିର୍ ମହାନ୍ ବନ୍ ।
ମନ୍ ମିଲା ଅପାର୍ ପ୍ରେମ୍ ସେ ଭରା ତୁଝେ,
ଇସ୍‌ଏ କି ପ୍ୟାସ୍ ଜୀବ୍-ମାତ୍ର କି ବୁଝେ,
ବିଶ୍ଵ ହୈ ତୃଷିତ୍, ମନୁଷ୍ୟ, ଅଚ୍ ନ ବନ୍ କୃପଣ୍।
ଫିର୍ ମହାନ୍ ବନ୍।
ଅନୁବାଦ:
ପୁନଶ୍ଚ ଶ୍ରେଷ୍ଠ ହୁଅ ମାନବ । ତୋତେ ଅସୀମ ପ୍ରେମର ମନ ମିଳିଛି ତେଣୁ ଶୋଷିଲା ପ୍ରାଣୀର ତୃଷା ମେଣ୍ଟାଅ । ବର୍ତ୍ତମାନ କୃପଣ ନ ହୋଇ ସଂସାରରେ ଥିବା ତୃଷିତ ମନୁଷ୍ୟର ତୃଷାକୁ ମେଣ୍ଟାଅ ଏବଂ ଶ୍ରେଷ୍ଠ ମନୁଷ୍ୟ ରୂପେ ସମାଜରେ ପରିଚିତ ହୁଅ।

शत्रु को न कर सके क्षमा प्रदान जो,
जित क्यों उसे न हार के समान हो?
शूल क्यों न बक्ष पर बने विजय-सुमन!
फिर महान बन।
ଶତ୍ରୁ କୋ ନ କର ସକେ କ୍ଷମା
ଜିତ୍ ଜ୍ୟୋ ଉସେ ନ ହାର୍ କେ ସମାନ୍ ହୋ
ଶୁଲ୍ କେଁ ନ ବକ୍ଷ ପର୍ ବନେ ବିଜୟ-ସୁମନ୍!
ଫିର ମହାନ୍ ବନ୍।
ଅନୁବାଦ;
ଯେଉଁ ବ୍ୟକ୍ତି ଶତ୍ରୁକୁ କ୍ଷମା ପ୍ରଦାନ କରିପାରେନା, ତାହାର ଜୟ ପରାଜୟ ସହ ସମାନ। ଯେପରିକି ଶୂଳ-ବିଦ୍ଧ ହୃଦୟ ବିଜୟକୁ ଫୁଲ ପରି ଗ୍ରହଣ କରିଥାଏ, ତୁ ସେହିପରି ମହାନ୍ ହେବାକୁ ଚେଷ୍ଟାକର।

BSE Odisha 9th Class Hindi Solutions Poem 4 फिर महान बन

दुष्ट हार मानते न दुष्ट नेम से,
पाप से घृणा महान है, न प्रेम से
दर्प-शक्ति पर सदैब गर्व कर न, मन।
फिर महान बन।
ଦୁଷ୍ଟ ହାର୍ ମା ନ ଦୁଷ୍ଟ ନେମ୍ ସେ,
ପାପ୍ ସେ ଘୃଣା ମହାନ୍ ହୈ, ନ ପ୍ରେମ୍ ସେ
ଦୁର୍ପ-ଶକ୍ତି ପର୍ ସଦୈବ ଗର୍ବ କର୍ ନ, ମନ୍ ।
ଫିର୍ ମହାନ୍ ବନ୍।
ଅନୁବାଦ:
ଦୁଷ୍ଟ ନିୟମରେ ହାର ମାନିବ, ପାପଠାରୁ ଘୃଣା ମହାନ୍ ଅଟେ ନା ପ୍ରେମରୁ । ନିଜର ଶକ୍ତି ବା କ୍ଷମତା ଉପରେ ସର୍ବଦା ଗର୍ବ କର ନାହିଁ । ପୁନଶ୍ଚ ଶ୍ରେଷ୍ଠ ମନୁଷ୍ୟରେ ପରିଚିତ ହୁଅ ।

शबनार: (ଶରାର୍ଥି)

महान – श्रेष्ठ (ଶ୍ରଷ୍ଠ) ।

अपार – असीम ( ଅସୀମ ବା ସୀମାହୀନ) ।

प्यास – तृषा (ତୃଷା, ଶୋଷ) ।

तृषित – प्यासा (ଶୋଷିଲା) ।

कृपण – कंजूस (କୃପଣ ) ।

विजय सुमन – जीत के फूल (ବିଜୟର ଫୁଲ) ।

शूल – काँटा, पीड़ा (କଣ୍ଟା, ଯନ୍ତ୍ରଣା ବା କଷ୍ଟ) ।

सुमन – पुष्प, फूल, प्रसून, कुसुम (ଫୁଲ, ପୁଷ୍ପ, କୁସୁମ) ।

घृणा – नफरत ( ଘୃଣା) ।

सदैव – सदा, सर्वदा ( ସବୁବେଳେ ) ।

गर्व – घमंड, अभिमान (ଅହଙ୍କାର, ଅଭିମାନ) ।

वक्ष – हृदय (ହୃଦୟ, ଛାତି) ।

नेम – नियम, फायदा, दस्तूर, रीति (ନିୟମ) ।

दर्पशक्ति – घमण्ड (ଗର୍ବ, ଅହଙ୍କାର) ।

कवि परिचय (କବି ପରିଚୟ)।

नरेन्द्र शर्मा का जन्म सन् 1913 ईस्वी को उत्तर प्रदेश के बुलंदर शहर जनपद के जहाँगीरपुर नामक गाँव में हुआ। सन् 1936 ईस्वी में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एम. ए. पास किया। साहित्य-सृजन के प्रति उनकी पहले सी ही रुचि रही। छात्र – जीवन में ही ‘भूलझूल’ तथा ‘कर्णफूल’ प्रकाशित हुए। फिर उन्होंने स्वतंत्रता- संग्राम में भाग लिया। जेल गए। कुछ दिनों तक अध्यापक हुए। फिर सिनेमा के लिए गीत लिखे। बाद में मुम्बाई आकाशवाणी केन्द्र में नियुक्त हुए। 1988 में आपका देहान्त हो गया। प्रमुख कविता संकलन हैं : प्रभात फेरी, प्रवासी के गीत, प्रीति कथा, कामिनी, अग्नि शस्य, कदली वन, प्यासा निर्झर, उत्तरजय, बहुत रात गए आदि।

नरेन्द्र शर्मा की कविता में मानव – प्रेम, प्रकृति – सौन्दर्य के सरल और सजीव चित्र मिलते हैं। जड़ वस्तुओं में मानवीय चेतना, करुणा की भावधारा बहती है। बाद में वे समाज के दुःख-दर्द के प्रति आकृष्ट हुए और असुविधाओं को दूर करने की आवाज उठाई ।विद्रोह किया। शर्माजी की भाषा सरल, शुद्ध और भावगर्भक होती है।

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BSE Odisha 9th Class History Book Solutions ଇତିହାସ

ପ୍ରଥମ ଅଧ୍ୟାୟ : ବିଶ୍ଵର କେତେକ ଗୁରୁତ୍ଵପୂର୍ଣ୍ଣ ଅଗ୍ରଗତି

ଦ୍ଵିତୀୟ ଅଧ୍ୟାୟ : ଏକ ନୂତନ ବିଶ୍ଵ ଅଭିମୁଖେ

ତୃତୀୟ ଅଧ୍ୟାୟ : ୧୯୪୫ ପରବର୍ତୀ ପୃଥ‌ିବୀ : କେତେକ ପ୍ରମୁଖ ଘଟଣା ପ୍ରବାହ

ଚତୁର୍ଥ ଅଧ୍ୟାୟ : ଭାରତର ଐତିହ୍ୟ

BSE Odisha 9th Class Political Science Book Solutions ରାଜନୀତି ବିଜ୍ଞାନ

ପ୍ରଥମ ଅଧ୍ୟାୟ: ମୌଳିକ ଅଧୂକାର, ମୌଳିକ କର୍ତ୍ତବ୍ୟ ଓ ରାଷ୍ଟ୍ରନୀତି ନିୟାମକ ନିର୍ଦ୍ଦେଶାବଳୀ

ଦ୍ଵିତୀୟ ଅଧ୍ୟାୟ: ମାନବାଧ୍ୟାକାର, ସୂଚନା ଅଧିକାର, ଭାରତର ସୂଚନା ଅଧିକାର ଆଇନ

ତୃତୀୟ ଅଧ୍ୟାୟ : ଭାରତୀୟ ଜାତୀୟତାବାଦ, ଜାତୀୟ ସଂହତି, ଗଣତାନ୍ତ୍ରିକ ମୂଲ୍ୟବୋଧ

ଚତୁର୍ଥ ଅଧ୍ୟାୟ : ସଂଯୁକ୍ତ ରାଷ୍ଟ୍ରସଂଘ : ଗଠନ ଓ କାର୍ଯ୍ୟାବଳୀ

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BSE Odisha 9th Class Maths Solutions Algebra

Chapter 1 ସେଟ୍ ପ୍ରକ୍ରିୟା ଏବଂ ସେଟ୍‌ର ପ୍ରୟୋଗ

Chapter 2 ବାସ୍ତବ ସଂଖ୍ୟା

Chapter 3 ବୀଜଗାଣିତିକ ପରିପ୍ରକାଶ ଓ ଅଭେଦ

Chapter 4 ବୀଜଗାଣିତିକ ସମୀକରଣ

Chapter 5 ସ୍ଥାନାଙ୍କ ଜ୍ୟାମିତି

Chapter 6 ଅନୁପାତ ଓ ସମାନୁପାତ

Chapter 7 ପରିସଂଖ୍ୟାନ

Chapter 8 ସମ୍ଭାବ୍ୟତା

BSE Odisha 9th Class Maths Solutions Geometry

Chapter 1 ରେଖା ଓ କୋଣ

Chapter 2 ତ୍ରିଭୁଜମାନଙ୍କ ସର୍ବସମତା

Chapter 3 ଚତୁର୍ଭୁଜ

Chapter 4 କ୍ଷେତ୍ରଫଳ

Chapter 5 ପରିମିତି

Chapter 6 ଅଙ୍କନ

Chapter 7 ତ୍ରିକୋଣମିତି

BSE Odisha 9th Class Maths Question Paper Design (Both Algebra & Geometry)

Objective Section

Marks No. of Questions Total Marks
Solutions of the questions (5 Questions) 1 5 5
Only answer of the questions (5 Questions) 1 5 5
Fill in the Blanks (5 Questions) 1 5 5
Find True or False (5 Questions) 1 5 5
Matching the Column (5 Questions) 1 5 5
Total 25 25

Algebra = 25 Marks
Geometry = 25 Marks
Total = 50 Marks

Subjective Section

Algebra Marks
Q.1. Two-bit questions with alternative choice carrying 5 (five marks) each 5 + 5 = 10
Q.2. Three-bit questions with alternative choice carrying 4 (four marks) each 4 + 4 + 4 = 12
Total 22
Geometry
Q.3. One theorem and one construction with alternative choice carrying 5 (five marks) each 5 + 5 = 10
Q.4. Rider and Trigonometry with alternative choice carrying 5 (five marks) each 5 + 5 = 10
Q.5. Two-bit questions of mensuration carrying 4 (Four marks) each 4 + 4 = 8
Total 28

Algebra = 22
Geometry = 28
Total = 50 Marks

Grand Total = = 100 Marks (Part I (50) + Part II (50))

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